< خرُوج 6 >

فَأَجَابَ الرَّبُّ مُوسَى: «سَتَرَى الآنَ مَا أَنَا فَاعِلُهُ بِفِرْعَوْنَ، لأَنَّنِي بِيَدٍ قَدِيرَةٍ سَأَجْعَلُهُ يُطْلِقُهُمْ، بَلْ يَطْرُدُهُمْ طَرْداً أَيْضاً». ١ 1
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “अब तू देखेगा कि मैं फ़िरौन से क्या करूँगा; जिससे वह उनको बरबस निकालेगा, वह तो उन्हें अपने देश से बरबस निकाल देगा।”
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: «أَنَا هُوَ الرَّبُّ. ٢ 2
परमेश्वर ने मूसा से कहा, “मैं यहोवा हूँ;
قَدْ ظَهَرْتُ لإِبْرَاهِيمَ وَإِسْحاقَ وَيَعْقُوبَ إِلَهاً قَدِيراً عَلَى كُلِّ شَيْءٍ. أَمَّا اسْمِي يَهْوَهْ (أَيِ الرَّبُّ) فَلَمْ أُعْلِنْهُ لَهُمْ. ٣ 3
मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर के नाम से अब्राहम, इसहाक, और याकूब को दर्शन देता था, परन्तु यहोवा के नाम से मैं उन पर प्रगट न हुआ।
وَقَدْ قَطَعْتُ مَعَهُمْ أَيْضاً عَهْدِي بِأَنْ أَهَبَهُمْ أَرْضَ كَنْعَانَ حَيْثُ أَقَامُوا فِيهَا كَغُرَبَاءَ. ٤ 4
और मैंने उनके साथ अपनी वाचा दृढ़ की है, अर्थात् कनान देश जिसमें वे परदेशी होकर रहते थे, उसे उन्हें दे दूँ।
كَذَلِكَ أَصْغَيْتُ إِلَى أَنِينِ بَنِي إِسْرَائِيلَ الْمُسْتَعْبَدِينَ الْمِصْرِيِّينَ، وَتَذَكَّرْتُ عَهْدِي ٥ 5
इस्राएली जिन्हें मिस्री लोग दासत्व में रखते हैं उनका कराहना भी सुनकर मैंने अपनी वाचा को स्मरण किया है।
لِهَذَا قُلْ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ إِنَّنِي أَنَا الرَّبُّ وَأَنَا أُحَرِّرُكُمْ مِنْ أَثْقَالِ الْمِصْرِيِّينَ وَأُنْقِذُكُمْ مِنْ عُبُودِيَّتِهِمْ، وَأُخَلِّصُكُمْ بِذِرَاعٍ مَمْدُودَةٍ وَأَحْكَامٍ قَوِيَّةٍ. ٦ 6
इस कारण तू इस्राएलियों से कह, ‘मैं यहोवा हूँ, और तुम को मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकालूँगा, और उनके दासत्व से तुम को छुड़ाऊँगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर और भारी दण्ड देकर तुम्हें छुड़ा लूँगा,
وَأَتَّخِذُكُمْ لِي شَعْباً وَأَكُونُ لَكُمْ إِلَهاً، فَتَعْرِفُونَ أَنِّي أَنَا الرَّبُّ إِلَهُكُمْ مُحَرِّرُكُمْ مِنْ أَثْقَالِ الْمِصْرِيِّينَ. ٧ 7
और मैं तुम को अपनी प्रजा बनाने के लिये अपना लूँगा, और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूँगा; और तुम जान लोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ जो तुम्हें मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकाल ले आया।
وَأَقُودُكُمْ إِلَى الأَرْضِ الَّتِي أَقْسَمْتُ أَنْ أَهَبَهَا لإِبْرَاهِيمَ وإِسْحَاقَ وَيَعْقُوبَ لأُعْطِيَهَا لَكُمْ مِلْكاً. أَنَا هُوَ الرَّبُّ». ٨ 8
और जिस देश के देने की शपथ मैंने अब्राहम, इसहाक, और याकूब से खाई थी उसी में मैं तुम्हें पहुँचाकर उसे तुम्हारा भाग कर दूँगा। मैं तो यहोवा हूँ।’”
فَخَاطَبَ مُوسَى بَنِي إِسْرَائِيلَ، لَكِنَّهُمْ لَمْ يُصْغُوا إِلَيْهِ لِتَوَجُّعِ نُفُوسِهِمْ وَعُبُودِيَّتِهِمِ الْقَاسِيَةِ. ٩ 9
ये बातें मूसा ने इस्राएलियों को सुनाईं; परन्तु उन्होंने मन की बेचैनी और दासत्व की क्रूरता के कारण उसकी न सुनी।
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: ١٠ 10
१०तब यहोवा ने मूसा से कहा,
«امْثُلْ أَمَامَ فِرْعَوْنَ مَلِكِ مِصْرَ وَاطْلُبْ إِلَيْهِ أَنْ يُطْلِقَ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنَ الأَرْضِ». ١١ 11
११“तू जाकर मिस्र के राजा फ़िरौन से कह कि इस्राएलियों को अपने देश में से निकल जाने दे।”
فَأَجَابَ مُوسَى: «هُوَذَا بَنُو إِسْرَائِيلَ لَمْ يُصْغُوا إِلَيَّ، فَكَيْفَ يَسْتَمِعُ إِلَيَّ فِرْعَوْنُ وَأَنَا ثَقِيلُ اللِّسَانِ؟» ١٢ 12
१२और मूसा ने यहोवा से कहा, “देख, इस्राएलियों ने मेरी नहीं सुनी; फिर फ़िरौन मुझ भद्दे बोलनेवाले की कैसे सुनेगा?”
فَخَاطَبَ الرَّبُّ مُوسَى وَهَرُونَ وَأَمَرَهُمَا أَنْ يَرْجِعَا إِلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَفِرْعَوْنَ مَلِكِ مِصْرَ، لِكَيْ يُطْلِقَ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ. ١٣ 13
१३तब यहोवा ने मूसा और हारून को इस्राएलियों और मिस्र के राजा फ़िरौन के लिये आज्ञा इस अभिप्राय से दी कि वे इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल ले जाएँ।
وَهَؤُلاءِ هُمْ رُؤَسَاءُ الْعَشَائِرِ الْمُتَفَرِّعَةِ عَنْ أَبْنَاءِ إِسْرَائِيلَ: أَبْنَاءُ رَأُوبَيْنَ بِكْرِ إِسْرَائِيلَ حَنُوكُ وَفَلُّو وَحَصْرُونُ وَكَرْمِي: هَذِهِ عَشَائِرُ رَأُوبَيْنَ. ١٤ 14
१४उनके पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष ये हैं: इस्राएल का पहलौठा रूबेन के पुत्र: हनोक, पल्लू, हेस्रोन और कर्मी थे; इन्हीं से रूबेन के कुल निकले।
أَبْنَاءُ شِمْعُونَ يَمُوئِيلُ وَيَامِينُ وَأُوهَدُ وَيَاكِينُ وَصُوحَرُ وَشَأُولُ وأُمُّهُ كَنْعَانِيَّةٌ: هَذِهِ هِي عَشَائِرُ شِمْعُونَ. ١٥ 15
१५और शिमोन के पुत्र: यमूएल, यामीन, ओहद, याकीन, और सोहर थे, और एक कनानी स्त्री का बेटा शाऊल भी था; इन्हीं से शिमोन के कुल निकले।
وَهَذِهِ أَسْمَاءُ أَبْنَاءِ لاوِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ: جِرْشُونُ وَقَهَاتُ وَمَرَارِي. وَقَدْ عَاشَ لاوِي مِئَةً وَسَبْعاً وَثَلاثِينَ سَنَةً. ١٦ 16
१६लेवी के पुत्र जिनसे उनकी वंशावली चली है, उनके नाम ये हैं: अर्थात् गेर्शोन, कहात और मरारी, और लेवी की पूरी अवस्था एक सौ सैंतीस वर्ष की हुई।
أَمَّا ابْنَا جِرْشُونَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمَا فَهُمَا: لِبْنِي وَشِمْعِي. ١٧ 17
१७गेर्शोन के पुत्र जिनसे उनका कुल चला: लिब्नी और शिमी थे।
وَأَبْنَاءُ قَهَاتَ هُمْ: عَمْرَامُ وَيِصْهَارُ وَحَبْرُونُ وَعُزِّيئِيلُ. وَقَدْ عَاشَ قَهَاتُ مِئَةً وَثَلاثاً وَثَلاثِينَ سَنَةً. ١٨ 18
१८कहात के पुत्र: अम्राम, यिसहार, हेब्रोन और उज्जीएल थे, और कहात की पूरी अवस्था एक सौ सैंतीस वर्ष की हुई।
وَابْنَا مَرَارِي هُمَا مَحْلِي وَمُوشِي. هَذِهِ هِيَ عَشَائِرُ اللّاوِيِّينَ بِحَسَبِ سِجِلِّ مَوَالِيدِهِمْ. ١٩ 19
१९मरारी के पुत्र: महली और मूशी थे। लेवियों के कुल जिनसे उनकी वंशावली चली ये ही हैं।
وَتَزَوَّجَ عَمْرَامُ عَمَّتَهُ يُوكَابَدَ فَأَنْجَبَتْ لَهُ هَرُونَ وَمُوسَى. وَقَدْ عَاشَ عَمْرَامُ مِئَةً وَسَبْعاً وَثَلاثِينَ سَنَةً. ٢٠ 20
२०अम्राम ने अपनी फूफी योकेबेद को ब्याह लिया और उससे हारून और मूसा उत्पन्न हुए, और अम्राम की पूरी अवस्था एक सौ सैंतीस वर्ष की हुई।
وَأَبْنَاءُ يِصْهَارَ هُمْ: قُورَحُ وَنَافَجُ وَذِكْرِي. ٢١ 21
२१यिसहार के पुत्र: कोरह, नेपेग और जिक्री थे।
أَبْنَاءُ عُزِّيئِيلَ هُمْ: مِيشَائِيلُ وأَلْصَافَانُ وَسِتْرِي ٢٢ 22
२२उज्जीएल के पुत्र: मीशाएल, एलसाफान और सित्री थे।
وَتَزَوَّجَ هَرُونُ مِنْ أَلِيشَابَعَ ابْنَةِ عَمِّينَادَابَ أُخْتِ نَحْشُونَ فَأَنْجَبَتْ لَهُ نَادَابَ وَأَبِيهُوَ وَأَلِعَازَارَ وإِيثَامَارَ. ٢٣ 23
२३हारून ने अम्मीनादाब की बेटी, और नहशोन की बहन एलीशेबा को ब्याह लिया; और उससे नादाब, अबीहू, और ईतामार उत्पन्न हुए।
وَأَبْنَاءُ قُورَحَ هُمْ: أَسِّيرُ وَأَلْقَانَةُ وَأَبِيَأَسَافُ: هَذِهِ هِيَ عَشَائِرُ الْقُورَحِيِّينَ. ٢٤ 24
२४कोरह के पुत्र: अस्सीर, एलकाना और अबीआसाप थे; और इन्हीं से कोरहियों के कुल निकले।
وَتَزَوَّجَ أَلِعَازَارُ بنُ هَرُونَ مِنْ إِحْدَى بَنَاتِ فُوطِيئِيلَ فَأَنْجَبَتْ لَهُ فِيْنحَاسَ. هَؤُلاءِ رُؤَسَاءُ آبَاءِ اللّاوِيِّينَ بِحَسَبِ تَرْتِيبِ عَشَائِرِهِمْ. ٢٥ 25
२५हारून के पुत्र एलीआजर ने पूतीएल की एक बेटी को ब्याह लिया; और उससे पीनहास उत्पन्न हुआ। जिनसे उनका कुल चला। लेवियों के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष ये ही हैं।
هَذَانِ هُمَا هَروُنُ وَمُوسَى اللَّذَانِ قَالَ لَهُمَا الرَّبُّ: أَخْرِجَا بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ بِحَسَبِ فِرَقِهِمْ. ٢٦ 26
२६हारून और मूसा वे ही हैं जिनको यहोवा ने यह आज्ञा दी: “इस्राएलियों को दल-दल करके उनके जत्थों के अनुसार मिस्र देश से निकाल ले आओ।”
وَهُمَا نَفْسُ مُوسَى وَهَرُونَ اللَّذَيْنِ خَاطَبَا فِرْعَوْنَ مَلِكَ مِصْرَ لِيُطْلِقَ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ مِصْرَ. ٢٧ 27
२७ये वही मूसा और हारून हैं जिन्होंने मिस्र के राजा फ़िरौन से कहा कि हम इस्राएलियों को मिस्र से निकाल ले जाएँगे।
وَحَدَثَ فِي الْيَوْمِ الَّذي كَلَّمَ فِيهِ الرَّبُّ مُوسَى فِي أَرْضِ مِصْرَ ٢٨ 28
२८जब यहोवा ने मिस्र देश में मूसा से यह बात कहीं,
أَنَّ الرَّبَّ قَالَ لَهُ: «أَنَا الرَّبُّ بَلِّغْ فِرْعَوْنَ كُلَّ مَا أَقُولُهُ لَكَ». ٢٩ 29
२९“मैं तो यहोवा हूँ; इसलिए जो कुछ मैं तुम से कहूँगा वह सब मिस्र के राजा फ़िरौन से कहना।”
فَأَجَابَهُ مُوسَى: «أَنَا ثَقِيلُ اللِّسَانِ فَكَيْفَ يَسْتَمِعُ لِي فِرْعَوْنُ؟» ٣٠ 30
३०परन्तु मूसा ने यहोवा को उत्तर दिया, “मैं तो बोलने में भद्दा हूँ; और फ़िरौन कैसे मेरी सुनेगा?”

< خرُوج 6 >