< خرُوج 3 >
وَأَمَّا مُوسَى فَكَانَ يَرْعَى غَنَمَ حَمِيهِ يَثْرُونَ كَاهِنِ مِدْيَانَ، فَقَادَ الْغَنَمَ إِلَى مَا وَرَاءِ الطَّرَفِ الأَقْصَى مِنَ الصَّحْرَاءِ حَتَّى جَاءَ إلى حُورِيبَ جَبَلِ اللهِ. | ١ 1 |
मोशेह अपने ससुर, मिदियान के पुरोहित येथ्रो की भेड़-बकरियां चराते हुए निर्जन क्षेत्र के पश्चिम में परमेश्वर के पर्वत होरेब पर पहुंच गए.
وَهُنَاكَ تَجَلَّى لَهُ مَلاكُ الرَّبِّ بِلَهِيبِ نَارٍ وَسَطَ عُلَّيْقَةٍ. فَنَظَرَ مُوسَى وَإذَا بِالْعُلَّيْقَةِ تَتَّقِدُ دُونَ أَنْ تَحْتَرِقَ. | ٢ 2 |
वहां उन झाड़ियों के बीच में से आग की लौ में याहवेह के दूत ने उनको दर्शन दिया, उन्होंने देखा कि झाड़ी जल रही थी, पर भस्म नहीं होती.
فَقَالَ مُوسَى: «أَمِيلُ الآنَ لأَسْتَطْلِعَ هَذَا الأَمْرَ الْعَظِيمَ. لِمَاذَا لَا تَحْتَرِقُ الْعُلَّيْقَةُ؟» | ٣ 3 |
इसलिये मोशेह ने सोचा, “मैं जाकर जलती हुई झाड़ी को देखूं कि झाड़ी जलकर भस्म क्यों नहीं होती.”
وَعِنْدَمَا رَأَى الرَّبُّ أَنَّ مُوسَى قَدْ دَنَا لِيَسْتَطْلِعَ الأَمْرَ، نَادَاهُ مِنْ وَسَطِ الْعُلَّيْقَةِ قَائِلاً: «مُوسَى». فَقَالَ: «هَا أَنَا». | ٤ 4 |
जब याहवेह ने यह देखा कि मोशेह यह देखने आगे बढ़ रहे हैं, परमेश्वर ने उस झाड़ी से उन्हें बुलाया, “मोशेह, मोशेह!” उन्होंने उत्तर दिया, “कहिए प्रभु.”
فَقَالَ: «لا تَقْتَرِبْ إِلَى هُنَا: اخْلَعْ حِذَاءَكَ مِنْ رِجْلَيْكَ، لأَنَّ الْمَكَانَ الَّذِي أَنْتَ وَاقِفٌ عَلَيْهِ أَرْضٌ مُقَدَّسَةٌ». | ٥ 5 |
याहवेह ने कहा, “पास न आओ, अपनी पैरों से जूते उतार दो, क्योंकि यह स्थान, जिस पर तुम खड़े हो, पवित्र है.”
ثُمَّ قَالَ: «أَنَا هُوَ إِلَهُ أَبِيكَ، إِلَهُ إِبْرَاهِيمَ، وَإِلَهُ إسْحاقَ، وَإِلَهُ يَعْقُوبَ». عِنْدَئِذٍ غَطَّى مُوسَى وَجْهَهُ خَوْفاً مِنْ أَنْ يَرَى اللهَ (فَيَمُوتَ). | ٦ 6 |
याहवेह ने यह कहा, “मैं ही तुम्हारे पूर्वजों के पिता अर्थात् अब्राहाम का, यित्सहाक तथा याकोब का परमेश्वर हूं.” यह सुन मोशेह ने अपना मुंह छिपा लिया, क्योंकि वह परमेश्वर की ओर देखने से डरता था.
فَقَالَ الرَّبُّ: «قَدْ شَهِدْتُ مَذَلَّةَ شَعْبِي الَّذِي فِي مِصْرَ وَسَمِعْتُ صُرَاخَهُمْ مِنْ جَرَّاءِ عُتُوِّ مُسَخِّرِيهِمْ وأَدْرَكْتُ مُعَانَاتَهُمْ، | ٧ 7 |
याहवेह परमेश्वर ने मोशेह से कहा, “मिस्र देश में मेरे लोगों की हालत मैंने देखी है; उनके कष्टकर मेहनत कराने वालों के कारण उनका रोना मैंने सुना है और उनके कष्ट को जानता हूं,
فَنَزَلْتُ لأُنْقِذَهُمْ مِنْ يَدِ الْمِصْرِيِّينَ وَأُخْرِجَهُمْ مِنْ تِلْكَ الأَرْضِ إِلَى أَرْضٍ طَيِّبَةٍ رَحِيبَةٍ تَفِيضُ لَبَناً وَعَسَلاً، أَرْضِ الْكَنْعَانِيِّينَ وَالْحِثِّيِّينَ وَالأَمُورِيِّينَ وَالْفَرِزِّيِّينَ وَالْحِوِّيِّينَ وَالْيَبُوسِيِّينَ. | ٨ 8 |
इसलिये अब मैं उन्हें मिस्रियों के अधिकार से छुड़ाने उतर आया हूं, ताकि उन्हें उस देश से निकालकर एक उत्तम देश में ले जाऊं, जहां दूध एवं मधु बहता है, जो कनानियों, हित्तियों, अमोरियों, परिज्ज़ियों, हिव्वियों तथा यबूसियों का देश है.
وَهَا هُوَ الآنَ قَدْ وَصَلَ إِلَيَّ صُرَاخُ بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَرَأَيْتُ كَيْفَ يُضَايِقُهُمُ الْمِصْرِيُّونَ. | ٩ 9 |
अब सुन लो: इस्राएलियों की प्रार्थना मुझ तक पहुंची है; इसके अलावा मिस्रियों द्वारा उन पर किए जा रहे अत्याचार भी मैंने देख लिए हैं.
فَهَلُمَّ الآنَ لأُرْسِلَكَ إِلَى فِرْعَوْنَ، فَتُخْرِجَ شَعْبِي بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ مِصْرَ». | ١٠ 10 |
इसलिये अब मैं तुम्हें फ़रोह के पास भेजूंगा कि तुम मेरी प्रजा इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल लाए.”
فَقَالَ مُوسَى لِلهِ: «مَنْ أَنَا حَتَّى أَمْضِيَ إِلَى فِرْعَوْنَ وَأُخْرِجَ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ مِصْرَ؟» | ١١ 11 |
किंतु मोशेह ने परमेश्वर से कहा, “मैं कौन हूं जो फ़रोह के पास जाऊं और इस्राएलियों को मिस्र देश से निकालूं?”
فَأَجَابَ: «أَنَا أَكُونُ مَعَكَ. وَمَتَى أَخْرَجْتَ الشَّعْبَ مِنْ مِصْرَ تَعْبُدُونَ اللهَ عَلَى هَذَا الْجَبَلِ، فَتَكُونُ هَذِهِ لَكَ الْعَلامَةَ أَنَّنِي أَنَا أَرْسَلْتُكَ». | ١٢ 12 |
किंतु परमेश्वर ने मोशेह से कहा, “मैं तुम्हारे साथ साथ रहूंगा, तथा इस बात का सबूत स्वयं मैं हूं, जब तुम मेरी प्रजा को मिस्र देश से निकाल चुके होंगे, तब तुम इसी पर्वत पर परमेश्वर की आराधना करोगे.”
فَقَالَ مُوسَى لِلهِ: «حِينَمَا أُقْبِلُ عَلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ وَأَقُولُ لَهُمْ: إِنَّ إِلَهَ آبَائِكُمْ قَدْ بَعَثَنِي إِلَيْكُمْ وَسَأَلُونِي: مَا اسْمُهُ؟ فَمَاذَا أَقُولُ لَهُمْ؟» | ١٣ 13 |
यह सुन मोशेह ने परमेश्वर को उत्तर दिया, “यदि मैं इस्राएलियों के पास जाकर उनसे कहूं, ‘तुम्हारे ही पूर्वजों के परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है.’ और वे मुझसे पूछें, ‘क्या है उस परमेश्वर का नाम?’ तो मैं उन्हें क्या नाम बताऊं?”
فَأَجَابَهُ اللهُ: «أَهْيَه الَّذِي أَهْيَه» (وَمَعْنَاهُ أَنَا الْكَائِنُ الدَّائِمُ). وَأَضَافَ: «هَكَذَا تَقُولُ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ: أَهْيَه (أَنَا الْكَائِنُ)، هُوَ الَّذِي أَرْسَلَنِي إِلَيْكُمْ.» | ١٤ 14 |
परमेश्वर ने मोशेह को उत्तर दिया, “मैं वही हूं, जो मैं हूं.” परमेश्वर ने आगे यह कहा, “तुम्हें इस्राएलियों से यह कहना होगा: जिसका नाम ‘मैं हूं है, उन्हीं ने मुझे भेजा है.’”
وَقَالَ أَيْضاً لِمُوسَى: «هَكَذَا تَقُولُ لِشَعْبِ إِسْرَائِيلَ: إِنَّ الرَّبَّ’الكَائِنَ‘إِلهَ آبَائِكُمْ، إِلَهَ إبْرَاهِيمَ وَإِسْحاقَ وَيَعْقُوبَ قَدْ أَرْسَلَنِي إِلَيْكُمْ. هَذَا هُوَ اسْمِي إِلَى الْأَبَدِ، وَهُوَ الاسْمُ الَّذِي أُدْعَى بِهِ مِنْ جِيلٍ إِلَى جِيلٍ. | ١٥ 15 |
फिर परमेश्वर ने मोशेह से कहा, “तुम इस्राएलियों से यह कहना ‘याहवेह, तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर, अब्राहाम, यित्सहाक तथा याकोब के परमेश्वर ही ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है.’ “यही मेरा स्थिर नाम है, सब पीढ़ी से पीढ़ी तक स्मरण रखने का मेरा नाम यही है.
اذْهَبْ وَاجْمَعْ شُيُوخَ إِسْرَائِيلَ وَقُلْ لَهُمْ: إِنَّ الرَّبَّ إِلَهَ آبَائِكُمْ، إِلَهَ إبْرَاهِيمَ وَإِسْحَاقَ وَيَعْقُوبَ قَدْ تَجَلَّى لِي قَائِلاً: إنَّنِي حَقّاً قَدْ تَفَقَّدْتُكُمْ، وَشَهِدْتُ مَا أَصَابَكُمْ فِي مِصْرَ، | ١٦ 16 |
“अब तुम जाओ और इस्राएलियों से कहो: ‘याहवेह परमेश्वर जो तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर अब्राहाम, यित्सहाक तथा याकोब के परमेश्वर जो मुझ पर प्रकट हुए और मुझसे कहा कि मैंने तुम पर नजर रखी है, और मिस्र देश में तुम्हारे साथ जो कुछ किया गया है उसको मैंने देखा है.
وَهَا أَنَا قَدْ وَعَدْتُ أَنْ أُخْرِجَكُمْ مِنْ ضِيقَةِ مِصْرَ إِلَى أَرْضِ الْكَنْعَانِيِّينَ وَالْحِثِّيِّينَ وَالأَمُورِيِّينَ وَالْفَرِزِّيِّينَ وَالْحِوِّيِّينَ وَالْيَبُوسِيِّينَ، هَذِهِ الأَرْضِ الَّتِي تَفِيضُ لَبَناً وَعَسَلاً، | ١٧ 17 |
इसलिये मैंने यह वायदा किया कि मैं तुम्हें मिस्र देश में हो रहे कष्ट से बाहर निकालूंगा और कनानियों, हित्तियों, अमोरियों, परिज्ज़ीर, हिव्वियों तथा यबूसियों के देश में ले आऊंगा, जहां दूध एवं मधु की धारा बहती है.’
فَيَسْتَمِعُ الشُّيُوخُ لِكَلامِكَ فَتَمْثُلُ أَنْتَ وَشُيُوخُ إِسْرَائِيلَ أَمَامَ مَلِكِ مِصْرَ وَتَقُولُ لَهُ: إِنَّ الرَّبَّ إِلَهَ الْعِبْرَانِيِّينَ قَدْ تَفَقَّدَنَا، فَدَعْنَا نَمْضِي مَسِيرَةَ ثَلاثَةِ أَيَّامٍ فِي الْبَرِّيَّةِ وَنُقَدِّمُ ذَبَائِحَ لِلرَّبِّ إِلَهِنَا. | ١٨ 18 |
“इस्राएल के प्रधान तुम्हारी बातों को सुनेंगे. तब तुम इस्राएल के प्रधानों के साथ मिस्र देश के राजा के सामने जाना और उससे कहना कि याहवेह, जो इब्रियों के परमेश्वर हैं, हम पर प्रकट हुए हैं. अब हमें तीन दिन की यात्रा की दूरी तक निर्जन प्रदेश में जाने दे, ताकि हम याहवेह को, जो हमारे परमेश्वर हैं, बलि अर्पित कर सकें;
وَلَكِنَّنِي عَالِمٌ أَنَّ مَلِكَ مِصْرَ لَنْ يُطْلِقَكُمْ مَا لَمْ تُرْغِمْهُ يَدٌ قَوِيَّةٌ. | ١٩ 19 |
लेकिन मुझे मालूम है कि मिस्र देश का राजा तुम्हें तब तक जाने नहीं देगा, जब तक उसे एक शक्तिशाली हाथ मजबूर न करे.
فَأَمُدُّ يَدِي وأَضْرِبُ مِصْرَ بِجَمِيعِ وَيْلاتِي الَّتِي أَصْنَعُهَا فِيهَا، وَبَعْدَ ذَلِكَ يُطْلِقُكُمْ. | ٢٠ 20 |
इसलिये मैं अब अपना हाथ बढ़ाकर मिस्र देश में अलग-अलग तरीक़ों के चमत्कारी कार्य करके उन पर वार करूंगा, तब ही वे तुम्हें जाने देंगे.
وَأَجْعَلُ هَذَا الشَّعْبَ يَحْظَى بِرِضَى الْمِصْرِيِّينَ، فَلا تَخْرُجُونَ فَارِغِينَ حِينَ تَمْضُونَ، | ٢١ 21 |
“मैं अपनी इस प्रजा को मिस्रियों से अनुग्रहित करवाऊंगा; जब तुम वहां से निकलोगे, तुम खाली हाथ न निकलोगे.
بَلْ تَطْلُبُ كُلُّ امْرَأَةٍ مِنْ جَارَتِهَا أَوْ نَزِيلَةِ بَيْتِهَا جَوَاهِرَ فِضَّةٍ وَذَهَبٍ وَثِيَاباً تُلْبِسُونَهَا بَنِيكُمْ وَبَنَاتِكُمْ فَتَغْنَمُونَ ذَلِكَ مِنَ الْمِصْرِيِّينَ». | ٢٢ 22 |
हर एक इब्री स्त्री अपने पास रह रहे मिस्री पड़ोसी स्त्री से सोने, चांदी के जेवर तथा वस्त्र मांगकर अपने पुत्र-पुत्रियों को पहना दे. इस प्रकार तुम मिस्रियों को लूट लेना.”