< خرُوج 12 >

وَخَاطَبَ الرَّبُّ مُوسَى وَهَرُونَ فِي أَرْضِ مِصْرَ قَائِلاً: ١ 1
याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन से कहा,
«مُنْذُ الآنَ يَكُونُ لَكُمْ هَذَا الشَّهْرُ رَأْسَ الشُّهُورِ وَأَوَّلَ شُهُورِ السَّنَةِ. ٢ 2
“तुम्हारे लिए यह महीना साल का पहला महीना होगा.
خَاطِبَا كُلَّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ قَائِلَيْنِ: عَلَى كُلِّ وَاحِدٍ أَنْ يَأْخُذَ فِي الْعَاشِرِ مِنْ هَذَا الشَّهْرِ حَمَلاً لِعَائِلَتِهِ، وَفْقاً لِبُيُوتِ الْآبَاءِ، حَمَلاً لِكُلِّ عَائِلَةٍ. ٣ 3
सब इस्राएलियों को बता दो कि इस महीने की दस तारीख को अपने-अपने परिवार के लिए एक-एक मेमना चुनकर अलग कर ले.
وَإِنْ كَانَ الْبَيْتُ صَغِيراً لَا يَسْتَهْلِكُ حَمَلاً كَامِلاً، يَتَقَاسَمُهُ هُوَ وَجَارُهُ الْقَرِيبُ مِنْهُ بِحَسَبِ عَدَدِ الأَشْخَاصِ الْمَوْجُودِينَ هُنَاكَ، بِمِقْدَارِ مَا يَسْتَطِيعُ كُلُّ وَاحِدٍ أَنْ يَأْكُلَهُ مِنَ الْحَمَلِ. ٤ 4
यदि एक परिवार एक पूरे जानवर को खाने के लिए बहुत छोटा है, तो उसे पड़ोस में दूसरे परिवार के साथ विभाग करना. प्रत्येक परिवार के आकार के अनुसार जानवर को विभाजित करें जितना वे खा सकते हैं.
وَيَجِبُ أَنْ يَكُونَ الْحَمَلُ ذَكَراً ابْنَ سَنَةٍ، خَالِياً مِنْ كُلِّ عَيْبٍ، تَنْتَقُونَهُ مِنَ الْخِرْفَانِ أَوِ الْمَعِيزِ. ٥ 5
मेमना एक साल का नर हो, मेमने में कोई दोष न हो और यह भेड़ में से या बकरियों में से लिया जा सकता है.
وَيَكُونُ عِنْدَكُمْ مَحْفُوظاً حَتَّى الْيَوْمِ الرَّابِعَ عَشَرَ مِنْ هَذَا الشَّهْرِ. ثُمَّ يَقُومُ كُلُّ جُمْهُورِ إِسْرَائِيلَ بِذَبْحِ الْحُمْلانِ عِنْدَ الْمَسَاءِ. ٦ 6
लेकिन इसी महीने के चौदहवें दिन तक मेमने का खास ध्यान रखना. फिर पूरे इस्राएली लोग मिलकर सूरज ढलने पर इसे बलि चढ़ाना.
وَيَأْخُذُونَ الدَّمَ وَيَضَعُونَهُ عَلَى الْقَائِمَتَيْنِ وَالْعَتَبَةِ الْعُلْيَا فِي الْبُيُوتِ الَّتِي يَأْكُلُونَهُ فِيهَا. ٧ 7
वे जिस घर में मेमने को खाएंगे, उस घर के दरवाजे के दोनों तरफ और दरवाजे के माथे पर मेमने का खून लगाएं.
ثُمَّ فِي نَفْسِ تِلْكَ اللَّيْلَةِ يَتَنَاوَلُونَ اللَّحْمَ مَشْوِيًّا بِالنَّارِ مَعَ فَطِيرٍ، يَأْكُلُونَهُ مَعَ أَعْشَابٍ مُرَّةٍ. ٨ 8
ज़रूरी है कि इस मेमने का मांस उसी रात को आग में भूनकर, बिना खमीर की रोटी और कड़वी सब्जी के साथ खाएं.
لَا تَأْكُلُوا مِنْهُ نِيئاً أَوْ مَسْلُوقاً، بَلْ مَشْوِيًّا بِنَارٍ، رَأْسَهُ مَعَ أَكَارِعِهِ وَجَوْفِهِ. ٩ 9
यह मांस न तो कच्चा खाएं और न उबाल कर, इसको आग में भूनकर इसके सिर, पांव तथा अंतड़ियां खानी है.
وَلا تُبْقُوا مِنْهُ إِلَى الصَّبَاحِ، بَلْ تُحْرِقُونَ كُلَّ مَا تَبَقَّى مِنْهُ إِلَى الصَّبَاحِ بِالنَّارِ. ١٠ 10
इसमें से दूसरे दिन के लिए कुछ भी नहीं बचाना और अगर बच जाता है तो उसे पूरा आग में जलाकर राख कर देना.
تَأْكُلُونَهُ بِعَجَلَةٍ وَأَحْقَاؤُكُمْ مَشْدُودَةٌ، وَأَحْذِيَتُكُمْ فِي أَرْجُلِكُمْ، وَعِصِيُّكُمْ فِي أَيْدِيكُمْ. فَيَكُونُ هَذَا فِصْحاً لِلرَّبِّ. ١١ 11
इसको खाते समय कमर पर कमरबंध बांधे, पांवों में जूते पहनकर हाथ में अपनी लाठी लेकर जल्दी से खाना; यही याहवेह का फ़सह पर्व होगा.
فَفِي هَذِهِ اللَّيْلَةِ أَجْتَازُ فِي بِلادِ مِصْرَ وَأَقْتُلُ كُلَّ بِكْرٍ فِيهَا مِنَ النَّاسِ وَالْبَهَائِمِ وَأُجْرِي قَضَاءً عَلَى كُلِّ آلِهَةِ الْمِصْرِيِّينَ. أَنَا هُوَ الرَّبُّ. ١٢ 12
“क्योंकि उस रात मैं मिस्र देश में से होकर निकलूंगा और मिस्र देश की सभी पहली संतान—चाहे मनुष्य का हो या पशु का, सबको मार दूंगा; मैं ही याहवेह हूं और मैं मिस्र देश के सब देवताओं का भी न्याय करूंगा.
أَمَّا أَنْتُمْ فَإِنَّ الدَّمَ الَّذِي عَلَى بُيُوتِكُمُ الْمُقِيمِينَ فِيهَا يَكُونُ الْعَلامَةَ الَّتِي تُمَيِّزُكُمْ، فَأَرَى الدَّمَ وَأَعْبُرُ عَنْكُمْ، فَلا تَنْزِلُ بِكُمْ بَلِيَّةُ الْهَلاكِ حِينَ أَبْتَلِي بِها أَرْضَ مِصْرَ. ١٣ 13
जिस घर के दरवाजे पर मेमने के रक्त का निशान होगा उस घर को मैं छोड़ दूंगा किंतु मिस्र का नाश होगा.
وَيَكُونُ لَكُمْ هَذَا الْيَوْمُ تَذْكَاراً تَحْتَفِلُونَ بِهِ عِيداً لِلرَّبِّ، فَرِيضَةً أَبَدِيَّةً تَحْتَفِلُونَ بِهِ فِي أَجْيَالِكُمْ. ١٤ 14
“याद रहे कि यह दिन तुम्हारे लिए एक यादगार दिन हो. यह दिन याहवेह के उत्सव के रूप में मनाया करना और—यह तुम्हारी पीढ़ी से पीढ़ियों के लिए हमेशा मनाए जाते रहने के लिए एक नियम बनाया जाए.
سَبْعَةَ أَيَّامٍ تَحْتَفِلُونَ، تَأْكُلُونَ فِيهَا فَطِيراً، تُخْلُونَ بُيُوتَكُمْ مِنَ الْخَمِيرِ فِي الْيَوْمِ الأَوَّلِ، فَإِنَّ كُلَّ مَنْ أَكَلَ خَمِيراً فِي الْيَوْمِ الأَوَّلِ إِلَى الْيَوْمِ السَّابِعِ، تُبَادُ تِلْكَ النَّفْسُ مِنْ إِسْرَائِيلَ. ١٥ 15
पहले दिन सब अपने-अपने घर से खमीर निकालकर फेंक देना और सात दिन तक बिना खमीर की रोटी खाना. अगर कोई इन सात दिनों में खमीर वाली रोटी खाएगा तो उसे इस्राएलियों के बीच से काट दिया जाएगा.
وَتُقِيمُونَ فِي الْيَوْمِ الأَوَّلِ حَفْلاً مُقَدَّساً، وَكَذَلِكَ فِي الْيَوْمِ السَّابِعِ. لَا يُجْرَى فِيهِمَا عَمَلٌ مَا إلّا تَجْهِيزُ طَعَامِ الأَكْلِ. هَذَا كُلُّ مَا تَعْمَلُونَهُ. ١٦ 16
पहले और सातवें दिन पवित्र सभा होगी. इन दोनों दिनों में कोई भी काम न करना; केवल वे ही व्यक्ति काम करें जिन्हें खाना बनाना हो.
وَتَحْتَفِلُونَ بِعِيدِ الْفَطِيرِ، لأَنَّنِي فِي هَذَا الْيَوْمِ عَيْنِهِ أَخْرَجْتُ أَجْنَادَكُمْ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ، فَاحْتَفِلُوا بِهَذَا الْيَوْمِ فَرِيضَةً أَبَدِيَّةً فِي أَجْيَالِكُمُ الْمُقْبِلَةِ. ١٧ 17
“तुम्हारा अखमीरी रोटी का पर्व मनाना ज़रूरी है; क्योंकि यही वह दिन है, जिस दिन मैंने तुम्हें मिस्र देश से बाहर निकाला. यह एक यादगार दिन बनकर इन सब बातों को याद करते हुए यह उत्सव पीढ़ी से पीढ़ी तक मनाया जाए.
وَمُنْذُ مَسَاءِ الْيَوْمِ الرَّابِعَ عَشَرَ مِنَ الشَّهْرِ الأَوَّلِ وَحَتَّى مَسَاءِ الْيَوْمِ الْحَادِي وَالعِشْرِينَ مِنْهُ تَأْكُلُونَ فَطِيراً. ١٨ 18
पहले महीने की चौदहवी तारीख को शाम को बिना खमीर रोटी खाना होगा और यही खाना इक्कीसवीं तारीख की शाम तक खाना.
سَبْعَةَ أَيَّامٍ تَخْلُو بُيُوتُكُمْ مِنَ الْخَمِيرِ فَإِنَّ كُلَّ مَنْ أَكَلَ خُبْزاً مُخْتَمِراً يُبَادُ مِنْ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ، الْغَرِيبُ وَالمُوَاطِنُ عَلَى حَدٍّ سَوَاءَ. ١٩ 19
इन सात दिनों में तुम्हारे घर में खमीर न रखना. और यदि कोई व्यक्ति खमीर वाला भोजन करता हुआ पाया गया, तो उसे इस्राएली प्रजा में से मिटा दिया जाएगा—चाहे वह विदेशी हो या स्वदेशी.
لَا تَأْكُلُوا شَيْئاً مُخْتَمِراً، بَلْ فِي كُلِّ مَسَاكِنِكُمْ تَأْكُلُونَ فَطِيراً». ٢٠ 20
किसी भी प्रकार का खमीर वाला भोजन करना मना है. अपने घरों में बिना खमीर की रोटी ही खाना.”
ثُمَّ اسْتَدْعَى مُوسَى كُلَّ شُيُوخِ إِسْرَائِيلَ وَقَالَ لَهُمْ: «اذْهَبُوا وَانْتَقُوا حُمْلاناً بِحَسَبِ عَائِلاتِكُمْ وَاذْبَحُوا حَمَلَ الْفِصْحِ. ٢١ 21
तब मोशेह ने इस्राएलियों के सब प्रधानों को बुलाया और उनसे कहा, “जाकर अपने-अपने परिवारों के अनुसार एक-एक मेमना अलग कर लो, और फ़सह के मेमने की बलि करना.
ثُمَّ خُذُوا بَاقَةَ زُوفَا وَاغْمِسُوهَا فِي الدَّمِ الَّذِي تَصَفَّى فِي الإِنَاءِ وَاطْلُوا بِهِ عَتَبَةَ الْبَابِ الْعُلْيَا وَالْقَائِمَتَيْنِ، وَلا يَخْرُجُ أَحَدٌ مِنْكُمْ مِنْ بَيْتِهِ حَتَّى الصَّبَاحِ. ٢٢ 22
जूफ़ा नामक झाड़ी का गुच्छा लेकर उसे मेमने के रक्त में डुबोना, और दरवाजे के दोनों तरफ तथा ऊपर लगाना. तुममें से कोई भी सुबह तक इस दरवाजे से बाहर नहीं निकले,
لأَنَّ الرَّبَّ سَيَجْتَازُ لَيْلاً لِيُهْلِكَ الْمِصْرِيِّينَ. فَحِينَ يَرَى الدَّمَ عَلَى الْعَتَبَةِ الْعُلْيَا وَالْقَائِمَتَيْنِ يَعْبُرُ عَنِ الْبَابِ وَلا يَدَعُ الْمُهْلِكَ يَدْخُلُ بُيُوتَكُمْ لِيَضْرِبَكُمْ. ٢٣ 23
क्योंकि याहवेह उस समय मिस्रियों को मारते हुए निकल रहे होंगे. जिस घर के दरवाजे के दोनों तरफ और माथे पर मेमने का खून दिखेगा, उसे छोड़ते हुए आगे निकल जाएंगे और अंदर आकर किसी को नहीं मारेंगे.
فَتُمَارِسُونَ هَذَا الأَمْرَ فَرِيضَةً لَكُمْ وَلأَوْلادِكُمْ إِلَى الأَبَدِ. ٢٤ 24
“हमेशा तुम तथा तुम्हारी संतान इसे एक यादगार दिन के रूप में मनाया करना.
وَعِنْدَمَا تَدْخُلُونَ الأَرْضَ الَّتِي وَعَدَ الرَّبُّ أَنْ يَهَبَهَا لَكُمْ، فَإِنَّكُمْ تُمَارِسُونَ هَذِهِ الْفَرِيضَةَ. ٢٥ 25
जब तुम उस देश में जाओगे, जिसे याहवेह तुम्हें देंगे, वहां भी तुम इन बातों को मानना.
وَيَكُونُ حِينَ يَسْأَلُكُمْ أَبْنَاؤُكُمْ: مَاذَا تَعْنِي هَذِهِ الْفَرِيضَةُ لَكُمْ؟ ٢٦ 26
जब तुम्हारे बालक तुमसे यह पूछें, ‘क्या मतलब है इस पर्व का जो मनाया जाता है?’
تُجِيبُونَهُمْ آنَئِذٍ: إِنَّهَا ذَبِيحَةُ فِصْحٍ لِلرَّبِّ الَّذِي عَبَرَ عَنْ بُيُوتِ بَنِي إِسْرَائِيلَ فِي مِصْرَ عِنْدَمَا أَهْلَكَ الْمِصْرِيِّينَ، وَأَنْقَذَ بُيُوتَنَا». فَحَنَى الشَّعْبُ رُؤُوسَهُمْ سَاجِدِينَ. ٢٧ 27
तब तुम उन्हें उत्तर देना, ‘यह याहवेह के लिए फ़सह का बलिदान है, जिन्होंने मिस्रियों को मारते हुए हम इस्राएलियों को सुरक्षित रखा, अतः इसी कारण यह पर्व मनाया जाता है.’” फिर लोगों ने झुककर प्रणाम किया और परमेश्वर की आराधना की!
فَمَضَى بَنُو إِسْرَائِيلَ وَفَعَلُوا تَمَاماً كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ مُوسَى وَهَرُونَ. ٢٨ 28
इस्राएलियों ने वैसा ही किया; जैसा याहवेह ने मोशेह एवं अहरोन से कहा था.
وَفِي مُنْتَصَفِ اللَّيْلِ أَهْلَكَ الرَّبُّ كُلَّ بِكْرٍ فِي بِلادِ مِصْرَ، مِنْ بِكْرِ فِرْعَوْنَ الْمُتَرَبِّعِ عَلَى الْعَرْشِ إِلَى بِكْرِ الْحَبِيسِ فِي السِّجْنِ، وَأَبْكَارَ الْبَهَائِمِ جَمِيعاً أَيْضاً. ٢٩ 29
लगभग आधी रात को याहवेह ने मिस्र देश में सभी पहिलौंठों को मार दिया, फ़रोह से लेकर तथा जो बंदीगृह में थे और पशुओं के भी पहलौठे को मार दिया.
فَاسْتَيْقَظَ فِرْعَوْنُ وَحَاشِيَتُهُ وَجَمِيعُ الْمِصْرِيِّينَ وَإذَا عَوِيلٌ عَظِيمٌ فِي أَرْضِ مِصْرَ، لأَنَّهُ لَمْ يُوْجَدْ بَيْتٌ لَيْسَ فِيهِ مَيْتٌ. ٣٠ 30
रात में फ़रोह, उसके सेवक तथा सब मिस्रवासी जाग उठे क्योंकि पूरे मिस्र देश में रोने का शब्द सुनाई दे रहा था, कोई भी ऐसा परिवार न था, जहां किसी की मृत्यु न हुई हो.
فَاسْتَدْعَى مُوسَى وَهَرُونَ لَيْلاً قَائِلاً: «قُومُوا وَاخْرُجُوا مِنْ بَيْنِ الشَّعْبِ أَنْتُمَا وَبَنُو إِسْرَائِيلَ، وَانْطَلِقُوا اعْبُدُوا الرَّبَّ كَمَا طَلَبْتُمْ، ٣١ 31
अतः फ़रोह ने रात में ही मोशेह तथा अहरोन को बुलवाया और उनसे कहा, “यहां से निकल जाओ और जैसा तुम चाहते हो, तुम इस्राएलियों समेत जाकर याहवेह की वंदना करो.
وَخُذُوا مَعَكُمْ غَنَمَكُمْ وَبَقَرَكُمْ كَمَا سَأَلْتُمْ وَامْضُوا وَبَارِكُونِي أَيْضاً». ٣٢ 32
अपने पशु एवं भेड़-बकरी भी अपने साथ ले जाओ, और मुझे आशीर्वाद देते जाना.”
وَأَلَحَّ الْمِصْرِيُّونَ عَلَى الشَّعْبِ لِيُسْرِعُوا فِي الارْتِحَالِ عَنِ الْبِلادِ قَائِلِينَ: «لِئَلّا نَمُوتَ جَمِيعاً». ٣٣ 33
मिस्रवासी इस्राएलियों को जल्दी अपने बीच से भेज देना चाहते थे, क्योंकि उनको डर था कि कहीं उनकी भी मृत्यु न हो जाये.
فَصَرَّ الشَّعْبُ فِي ثِيَابِهِمْ مَعَاجِنَهُمْ وَعَجِينَهُمْ قَبْلَ أَنْ يَخْتَمِرَ، وَحَمَلُوهَا عَلَى أَكْتَافِهِمْ، ٣٤ 34
इससे पहले कि इस्राएलियों का गूंधा हुआ आटा खमीर हो जाये, उन्होंने उसे कटोरे में रखकर और कपड़ों में बांधकर अपने कंधों पर उठा लिया.
وَطَلَبُوا مِنَ الْمِصْرِيِّينَ آنِيَةَ فِضَّةٍ وَذَهَباً وَثِيَاباً بِحَسَبِ قَوْلِ مُوسَى. ٣٥ 35
इस्राएल वंश ने बिलकुल वही किया, जैसा उनसे मोशेह ने कहा था. उन्होंने मिस्र के लोगों से सोने-चांदी के गहने और वस्त्र मांग लिए थे.
وَجَعَلَ الرَّبُّ الشَّعْبَ يَحْظَى بِرِضَى الْمِصْرِيِّينَ، فَأَعْطَوْهُمْ كُلَّ مَا طَلَبُوهُ، فَغَنِمُوا مِنَ الْمِصْرِيِّينَ. ٣٦ 36
याहवेह ने इस्राएलियों को मिस्र के लोगों के मन में उनके प्रति ऐसी मनोवृत्ति दी कि मिस्रवासी इस्राएलियों की इच्छा पूरी करते गए. इस प्रकार इस्राएलियों ने पूरे मिस्रवासियों को लूट लिया.
وَارْتَحَلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ مِنْ رَعَمْسِيسَ إِلَى سُكُّوتَ فَكَانُوا نَحْوَ سِتِّ مِئَةِ أَلْفٍ مِنَ الرِّجَالِ المُشَاةِ مَاعَدَا النِّسَاءَ وَالأَوْلادَ. ٣٧ 37
इस्राएली रामेसेस नामक स्थान से पैदल चलकर सुक्कोथ तक पहुंचे. इनमें स्त्रियों और बच्चों के अलावा छः लाख पुरुष थे.
وَكَذَلِكَ انْضَمَّ إِلَيْهِمْ حَشْدٌ كَبِيرٌ مِنَ النَّاسِ، مَعَ غَنَمٍ وَمَوَاشٍ وَقُطْعَانٍ كَثِيرَةٍ. ٣٨ 38
इन इस्राएलियों के साथ बहुत से मिश्रित वर्ग के लोग भी निकले और भेड़-बकरी, गाय-बैल और बहुत से पशु थे.
ثُمَّ خَبَزُوا الْعَجِينَ الَّذِي أَخْرَجُوهُ مَعَهُمْ مِنْ مِصْرَ خُبْزَ مَلَّةٍ، لأَنَّهُ لَمْ يَكُنْ مُخْتَمِراً، إذْ أَنَّهُمْ طُرِدُوا مِنْ مِصْرَ وَلَمْ يَقْدِرُوا أَنْ يَتَأَخَّرُوا فَمَا أَعَدُّوا لأَنْفُسِهِمْ زَاداً. ٣٩ 39
उन्होंने गूंधे हुए आटे से, जो वे मिस्र देश से अपने साथ लाए थे, अपने लिए अखमीरी रोटियां बनाईं. क्योंकि वे मिस्र देश से बहुत जल्दी में निकाले गए थे, उनको वहां रुकने की और हिम्मत नहीं थी. वे तुरंत वहां से निकले और उन्हें अपने लिए खाना बनाने का भी समय नहीं मिला.
وَكَانَتْ مُدَّةُ غُرْبَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ الَّتِي أَقَامُوهَا فِي مِصْرَ أَرْبَعَ مِئَةٍ وَثَلاثِينَ سَنَةً. ٤٠ 40
मिस्र देश में इस्राएली चार सौ तीस वर्ष तक रहे.
وَفِي الْيَوْمِ الأَخِيرِ بِالذَّاتِ، فِي خِتَامِ أَرْبَعِ مِئَةٍ وَثَلاثِينَ سَنَةً خَرَجَ جَمِيعُ أَجْنَادِ الرَّبِّ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ. ٤١ 41
जिस दिन चार सौ तीस वर्ष पूरे हुए, उसी दिन याहवेह की सारी सेना मिस्र देश से निकल गई.
هِيَ لَيْلَةٌ تُكَرَّسُ لِلرَّبِّ إذْ أَخْرَجَهُمْ فِيهَا مِنْ أَرْضِ مِصْرَ. هَذِهِ اللَّيْلَةُ هِيَ لِلرَّبِّ، يُكَرِّسُهَا بَنُو إِسْرَائِيلَ فِي جَمِيعِ أَجْيَالِهِمْ. ٤٢ 42
जिस रात वे सब मिस्र से निकले वह रात उनके लिए विशेष रात कहलाई, यह याहवेह की महिमा की रात थी. जिसे, इस्राएल के सभी लोगों को तथा उनकी पूरी पीढ़ियों को, उस दिन को महत्व देना ज़रूरी था.
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى وَهَرُونَ: «هَذِهِ هِيَ مَرَاسِيمُ الْفِصْحِ: لَا يَأْكُلُ غَرِيبٌ مِنْهُ. ٤٣ 43
याहवेह ने मोशेह एवं अहरोन को फ़सह का नियम समझाया: “इस्राएलियों के अलावा कोई भी परदेशी इस भोजन को न खाए.
كُلُّ عَبْدٍ مُشْتَرَى بِفِضَّةٍ يَأْكُلُ مِنْهُ بَعْدَ أَنْ تَخْتِنَهُ. ٤٤ 44
लेकिन जिस व्यक्ति को दाम देकर दास के रूप में खरीदा हो और उसका ख़तना कर लिया हो, वह व्यक्ति इस भोजन को खा सकता है.
النَّزِيلُ وَالأَجِيرُ لَا يَأْكُلانِ مِنْهُ. ٤٥ 45
कोई भी परदेशी और मज़दूर इसमें शामिल न किया जाए.
يُؤْكَلُ فِي بَيْتٍ وَاحِدٍ فَلا تَحْمِلْ لَحْماً إِلَى خَارِجِ الْمَنْزِلِ، وَلا تَكْسِرْ مِنْهُ عَظْماً. ٤٦ 46
“खाना एक ही घर में रहकर खाया जाए, और मांस का कोई भी टुकड़ा घर के बाहर न ले जाया जाए और मेमने की हड्डी भी न तोड़ी जाए.
وَعَلَى كُلِّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ أَنْ تَحْتَفِلَ بِهِ. ٤٧ 47
सभी इस्राएली इस उत्सव में शामिल हों.
وَإذَا عَزَمَ غَرِيبٌ مُقِيمٌ بَيْنَكُمْ أَنْ يَحْتَفِلَ بِفِصْحِ الرَّبِّ فَلْيُخْتَنْ كُلُّ ذَكَرٍ مِنْ أَهْلِ بَيْتِهِ، ثُمَّ يَحْتَفِلُ بِهِ، فَيَكُونُ آنَئِذٍ كَمَوْلُودِ الأَرْضِ. لَا يَأْكُلُ مِنْهُ أَيُّ ذَكَرٍ أَغْلَفَ. ٤٨ 48
“यदि कोई परदेशी मेहमान इस फ़सह में शामिल होना चाहता है तो, पहले सारे पुरुषों का ख़तना करके याहवेह के उस पर्व में उसे साथ लिया जा सकता है; तब वह उस देश के ही लोग समान हो जाएगा; लेकिन कोई भी बिना ख़तना किए इसमें शामिल न हो.
فَتَسُودُ هَذِهِ الشَّرِيعَةُ عَلَى الْمُوَاطِنِ وَالدَّخِيلِ الْمُقِيمِ بَيْنَكُمْ». ٤٩ 49
नियम स्वदेशी और विदेशी सबके लिए एक जैसा ही हो.”
فَفَعَلَ جَمِيعُ بَنِي إِسْرَائِيلَ تَمَاماً كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ مُوسَى وَهَرُونَ. ٥٠ 50
सभी इस्राएलियों ने जैसा मोशेह तथा अहरोन को याहवेह ने आदेश दिया वैसा ही किया.
فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ عَيْنِهِ أَخْرَجَ الرَّبُّ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ بِحَسَبِ فِرَقِ عَشَائِرِهِمْ. ٥١ 51
यह वही दिन था, जब याहवेह ने इस्राएलियों को मिस्र देश से बाहर निकाला था.

< خرُوج 12 >