< خرُوج 11 >

ثُمَّ قَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: «بَقِيَتْ بَلِيَّةٌ وَاحِدَةٌ أُصِيبُ بِها فِرْعَوْنَ وَالْمِصْرِيِّينَ، وَبَعْدَ ذَلِكَ يُطْلِقُكُمْ مِنْ هُنَا. وَعِنْدَمَا يَفْعَلُ ذَلِكَ فَإِنَّهُ يَطْرُدُكُمْ جَمِيعاً طَرْداً. ١ 1
फिर यहोवा ने मूसा से कहा, “एक और विपत्ति मैं फ़िरौन और मिस्र देश पर डालता हूँ, उसके पश्चात् वह तुम लोगों को वहाँ से जाने देगा; और जब वह जाने देगा तब तुम सभी को निश्चय निकाल देगा।
فَقُلِ الآنَ لِلشَّعْبِ: لِيَطْلُبْ كُلُّ رَجُلٍ مِنْ جَارِهِ، وَكُلُّ امْرَأَةٍ مِنْ جَارَتِهَا، آنِيَةَ فِضَّةٍ وَذَهَبٍ». ٢ 2
मेरी प्रजा को मेरी यह आज्ञा सुना कि एक-एक पुरुष अपने-अपने पड़ोसी, और एक-एक स्त्री अपनी-अपनी पड़ोसिन से सोने-चाँदी के गहने माँग ले।”
ذَلِكَ لأَنَّ الرَّبَّ جَعَلَ الشَّعْبَ يَحْظَى بِرِضَى الْمِصْرِيِّينَ، كَمَا أَنَّ الرَّجُلَ مُوسَى كَانَ عَظِيماً فِي مِصْرَ فِي عُيُونِ حَاشِيَةِ فِرْعَوْنَ وَالشَّعْبِ. ٣ 3
तब यहोवा ने मिस्रियों को अपनी प्रजा पर दयालु किया। और इससे अधिक वह पुरुष मूसा मिस्र देश में फ़िरौन के कर्मचारियों और साधारण लोगों की दृष्टि में अति महान था।
وَقَالَ مُوسَى هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ: «سَأَجْتَازُ حَوَالَي نِصْفِ اللَّيْلِ فِي وَسَطِ مِصْرَ، ٤ 4
फिर मूसा ने कहा, “यहोवा इस प्रकार कहता है, कि आधी रात के लगभग मैं मिस्र देश के बीच में होकर चलूँगा।
فَيَمُوتُ كُلُّ بِكْرٍ فِيهَا: مِنْ بِكْرِ فِرْعَوْنَ الْمُتَرَبِّعِ عَلَى الْعَرْشِ إِلَى بِكْرِ الأَمَةِ الَّتِي وَرَاءَ الرَّحَى، وَكَذَلِكَ بِكْرِ كُلِّ بَهِيمَةٍ، ٥ 5
तब मिस्र में सिंहासन पर विराजनेवाले फ़िरौन से लेकर चक्की पीसनेवाली दासी तक के पहलौठे; वरन् पशुओं तक के सब पहलौठे मर जाएँगे।
فَيَعْلُو صُرَاخٌ عَظِيمٌ فِي كُلِّ أَرْضِ مِصْرَ، لَمْ يُشْهَدْ مِثْلُهُ مِنْ قَبْلُ وَلا يَكُونُ مِثْلُهُ أَيْضاً. ٦ 6
और सारे मिस्र देश में बड़ा हाहाकार मचेगा, यहाँ तक कि उसके समान न तो कभी हुआ और न होगा।
أَمَّا بَيْنَ الإِسْرَائِيلِيِّينَ فَلَنْ يَنْبَحَ كَلْبٌ عَلَى أَيِّ إِنْسَانٍ أَوْ حَيَوَانٍ. وَعِنْدَئِذٍ تَعْلَمُونَ أَنَّ الرَّبَّ يُمَيِّزُ بَيْنَ الْمِصْرِيِّينَ وَإِسْرَائِيلَ. ٧ 7
पर इस्राएलियों के विरुद्ध, क्या मनुष्य क्या पशु, किसी पर कोई कुत्ता भी न भौंकेगा; जिससे तुम जान लो कि मिस्रियों और इस्राएलियों में मैं यहोवा अन्तर करता हूँ।
فَيَأْتِي إِلَيَّ، مِنْ ثَمَّ، جَمِيعُ عَبِيدِكَ هَؤُلاءِ وَيَنْحَنُونَ أَمَامِي قَائِلِينَ: انْطَلِقْ أَنْتَ وَكُلُّ مَنْ يَتْبَعُكَ مِنَ الشَّعْبِ. وَآنَئِذٍ فَقَطْ أَمْضِي». ثُمَّ انْصَرَفَ مِنْ لَدُنْ فِرْعَوْنَ بِغَضَبٍ مُحْتَدِمٍ. ٨ 8
तब तेरे ये सब कर्मचारी मेरे पास आ मुझे दण्डवत् करके यह कहेंगे, ‘अपने सब अनुचरों समेत निकल जा।’ और उसके पश्चात् मैं निकल जाऊँगा।” यह कहकर मूसा बड़े क्रोध में फ़िरौन के पास से निकल गया।
وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى: «إِنَّ فِرْعَوْنَ يَأْبَى الاسْتِمَاعَ لَكُمَا لِكَيْ تَتَكَاثَرَ آيَاتِي فِي أَرْضِ مِصْرَ». ٩ 9
यहोवा ने मूसा से कह दिया था, “फ़िरौन तुम्हारी न सुनेगा; क्योंकि मेरी इच्छा है कि मिस्र देश में बहुत से चमत्कार करूँ।”
وَلَقَدْ أَجْرَى مُوسَى وَهَرُونُ كُلَّ هَذِهِ الآيَاتِ أَمَامَ فِرْعَوْنَ، وَلَكِنَّ الرَّبَّ قَسَّى قَلْبَ فِرْعَوْنَ فَلَمْ يُطْلِقْ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ دِيَارِهِ. ١٠ 10
१०मूसा और हारून ने फ़िरौन के सामने ये सब चमत्कार किए; पर यहोवा ने फ़िरौन का मन और कठोर कर दिया, इसलिए उसने इस्राएलियों को अपने देश से जाने न दिया।

< خرُوج 11 >