< تَثنِيَة 30 >

وَعِنْدَمَا تَحِلُّ بِكُمْ هَذِهِ الْبَرَكَاتُ وَاللَّعْنَاتُ كُلُّهَا الَّتِي وَضَعْتُهَا أَمَامَكُمْ، وَرَدَّدْتُمُوهَا فِي قُلُوبِكُمْ بَيْنَ الأُمَمِ حَيْثُ شَتَّتَكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ، ١ 1
तब भविष्य में, जब तुम इन आशीषों और शापों का अनुभव कर चुको, जिनका उल्लेख यहां मैंने इस समय तुम्हारे सामने किया है, और तुम्हें इन सबका स्मरण उन देशों में हो, जहां याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने निकाल दिया है,
وَرَجَعْتُمْ إِلَى الرَّبِّ إِلَهِكُمْ أَنْتُمْ وَبَنُوكُمْ، وَسَمِعْتُمْ لِصَوْتِهِ مِنْ كُلِّ قُلُوبِكُمْ وَنُفُوسِكُمْ بِحَسَبِ كُلِّ مَا أَنَا أُوصِيكُمْ بِهِ الْيَوْمَ، ٢ 2
और वहां तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर की ओर उन्मुख होते हो, तुम और तुम्हारे वंशज अपने पूरे हृदय और प्राणों से आज मेरे द्वारा प्रस्तुत सारे आदेशों के प्रति आज्ञाकारी हो जाते हो,
فَإِنَّ الرَّبَّ إِلَهَكُمْ يَرُدُّ سَبْيَكُمْ وَيَرْحَمُكُمْ، وَيَلُّمُ شَتَاتَكُمْ مِنْ بَيْنِ جَمِيعِ الشُّعُوبِ الَّذِينَ نَفَاكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ إِلَيْهِمْ. ٣ 3
तब याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें बंधुआई से मुक्त करेंगे. वह तुम पर सहानुभूति प्रकट करेंगे और तुम्हें उन सभी राष्ट्रों में से लेकर इकट्ठा करेंगे, जहां-जहां याहवेह तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें बिखरा दिया था.
فَإِنْ كَانَ قَدْ بَدَّدَكُمْ إِلَى أَقْصَى السَّمَاوَاتِ فَمِنْ هُنَاكَ يَجْمَعُكُمْ وَيَرْجِعُ بِكُمْ، ٤ 4
यदि तुम्हारे लोग पृथ्वी के छोर पर भी जा पड़े होंगे, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर उन्हें वहां से भी लौटा ले आएंगे.
وَيُعِيدُكُمْ إِلَى الأَرْضِ الَّتِي وَرِثَهَا آبَاؤُكُمْ فَتَمْتَلِكُونَهَا، وَيُحْسِنُ إِلَيْكُمْ وَيُكَثِّرُكُمْ أَكْثَرَ مِنْ آبَائِكُمْ. ٥ 5
याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें उसी देश में ले आएंगे, जो तुम्हारे पूर्वजों के अधिकार में था. तब उस देश पर तुम्हारा अधिकार हो जाएगा. याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें समृद्धि प्रदान करेंगे और तुम्हारी गिनती तुम्हारे पूर्वजों से भी अधिक हो जाएगी.
وَيُطَهِّرُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ قُلُوبَكُمْ وَقُلُوبَ نَسْلِكُمْ لِتُحِبُّوا الرَّبَّ إِلَهَكُمْ مِنْ كُلِّ قُلُوبِكُمْ وَمِنْ كُلِّ نُفُوسِكُمْ لِتَحْيَوْا مُطْمَئِنِّينَ ٦ 6
इसके अलावा, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे और तुम्हारे वंशजों के हृदय का ख़तना करेंगे कि तुम याहवेह अपने परमेश्वर से अपने पूरा हृदय और अपने पूरा प्राण से प्रेम करने लगो, और इससे तुम जीवित रह सको.
وَيُحَوِّلُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ كُلَّ هَذِهِ اللَّعْنَاتِ لِتَنْصَبَّ عَلَى أَعْدَائِكُمْ وَعَلَى مُبْغِضِيكُمُ الَّذِينَ طَرَدُوكُمْ، ٧ 7
याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे शत्रुओं पर ये शाप प्रभावी कर देंगे; उन पर, जिन्हें तुमसे घृणा है, जिन्होंने तुम पर अत्याचार किए हैं.
وَأَمَّا أَنْتُمْ فَتُطِيعُونَ صَوْتَ الرَّبِّ مِنْ جَدِيدٍ وَتَعْمَلُونَ بِجَمِيعِ وَصَايَاهُ الَّتِي أَنَا أُوصِيكُمْ بِها الآنَ. ٨ 8
तुम याहवेह के आदेशों का पालन दोबारा करने लगोगे और मेरे द्वारा आज प्रस्तुत किए जा रहे सारे आदेशों का पालन करोगे.
فَيُفِيضُ الرَّبُّ عَلَيْكُمْ خَيْراً فِي كُلِّ مَا تُنْتِجُهُ أَيْدِيكُمْ وَيُكَثِّرُ ثَمَرَةَ أَحْشَائِكُمْ وَنِتَاجَ بَهَائِمِكُمْ، وَغَلّاتِ أَرْضِكُمْ، لأَنَّ الرَّبَّ يَعُودُ فَيَبْتَهِجُ بِكُمْ وَيَجْعَلُكُمْ مُزْدَهِرِينَ، كَمَا ابْتَهَجَ بِآبَائِكُمْ. ٩ 9
तब याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारे सारे उपक्रमों में, तुम्हारी संतान उत्पत्ति में, तुम्हारे पशुओं में और तुम्हारी भूमि की उपज में बहुल समृद्धि प्रदान करेंगे, क्योंकि तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के निमित्त स्थायी रूप से उनकी तुष्टि का विषय हो जाओगे; ठीक जैसी उनकी तुष्टि तुम्हारे पूर्वजों में हो गई थी,
هَذَا إِنْ سَمِعْتُمْ لِصَوْتِ الرَّبِّ إِلَهِكُمْ وَحَفِظْتُمْ وَصَايَاهُ وَفَرَائِضَهُ الْمُدَوَّنَةَ فِي كِتَابِ الشَّرِيعَةِ هَذَا، وَإِنْ رَجَعْتُمْ إِلَى الرَّبِّ إِلَهِكُمْ مِنْ كُلِّ قُلُوبِكُمْ وَمِنْ كُلِّ نُفُوسِكُمْ. ١٠ 10
यदि तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों और अध्यादेशों के पालन के विषय में आज्ञाकारी बनोगे, जो इस व्यवस्था के अभिलेख में लिखे हैं, यदि तुम याहवेह अपने परमेश्वर की ओर अपने पूरे हृदय और प्राणों से लग जाओगे.
إِنَّ مَا أُوصِيكُمْ بِهِ الْيَوْمَ مِنْ وَصَايَا لَيْسَتْ مُتَعَذِّرَةً عَلَيْكُمْ وَلا بَعِيدَةَ الْمَنَالِ، ١١ 11
बात यह है कि आज तुम्हें मेरे द्वारा प्रदान किया जा रहा आदेश तुम्हारे लिए न तो अनोखा है, न ही दूर.
فَهِيَ لَيْسَتْ فِي السَّمَاءِ حَتَّى تَقُولُوا: مَنْ يَصْعَدُ لأَجْلِنَا إِلَى السَّمَاءِ لِيَأْتِيَ لَنَا بِها وَيَتْلُوَهَا عَلَيْنَا فَنَعْمَلَ بِها؟ ١٢ 12
यह आदेश आकाशमंडल में नहीं है कि तुम कहो, “कौन वहां जाकर हमारे लिए उसे लेकर आएगा, कि वह हमें सुनाया जाए, कि हम उसका पालन कर सकें?”
وَلا هِيَ فِي مَا وَرَاءَ الْبَحْرِ حَتَّى تَتَسَاءَلُوا: مَنْ يَعْبُرُ الْبَحْرَ لأَجْلِنَا وَيَأْتِينَا بِها وَيَتْلُوهَا عَلَيْنَا فَنَعْمَلَ بِها؟ ١٣ 13
वैसे ही, यह सागर पार भी नहीं है, कि तुम यह कहो, “कौन जाएगा सागर पार कि उसे हमारे लिए लेकर आए, कि हम उसे सुन सकें और उसका पालन कर सकें?”
بَلِ الْكَلِمَةُ قَرِيبَةٌ مِنْكُمْ جِدّاً، فِي أَفْوَاهِكُمْ وَقُلُوبِكُمْ لِتَعْمَلُوا بِها. ١٤ 14
वस्तुतः परमेश्वर का वचन तुम्हारे बहुत करीब है; तुम्हारे मुख में तथा तुम्हारे हृदय में, कि तुम इसका पालन कर सको.
انْظُرُوا: هَا أَنَا قَدْ وَضَعْتُ أَمَامَكُمُ الْيَوْمَ الْحَيَاةَ وَالْخَيْرَ، وَالْمَوْتَ وَالشَّرَّ، ١٥ 15
आज यह समझ लो, कि मैंने जीवन और समृद्धि और मृत्यु और आपदा का प्रस्ताव रखा है.
إِذْ إِنَّنِي قَدْ أَوْصَيْتُكُمُ الْيَوْمَ أَنْ تُحِبُّوا الرَّبَّ إِلَهَكُمْ وَأَنْ تَسْلُكُوا فِي طُرُقِهِ وَتُطِيعُوا وَصَايَاهُ وَفَرَائِضَهُ وَأَحْكَامَهُ لِتَحْيَوْا وَتَنْمُوا، فَيُبَارِكَكُمُ الرَّبُّ فِي الأَرْضِ الَّتِي أَنْتُمْ مَاضُونَ إِلَيْهَا لاِمْتِلاكِهَا. ١٦ 16
तुम्हारे लिए आज जो मेरा आदेश है: याहवेह, अपने परमेश्वर से प्रेम करते रहो, उन्हीं की नीतियों का पालन करो, और उनके आदेशों, अध्यादेशों और नियमों का पालन करो, कि तुम जीवित रह सको, तुम्हारी गिनती में वृद्धि होती जाए, और याहवेह तुम्हारे परमेश्वर जिस देश में, तुम्हें प्रवेश कर रहे हैं, उस पर तुम अधिकार कर लोगे, और याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें आशीष और समृद्धि प्रदान करें.
وَلَكِنْ إِنْ تَحَوَّلَتْ قُلُوبُكُمْ وَلَمْ تُطِيعُوا، بَلْ غَوَيْتُمْ وَسَجَدْتُمْ لآلِهَةٍ أُخْرَى وَعَبَدْتُمُوهَا ١٧ 17
मगर यदि तुम्हारा हृदय फिर जाए, तुम अनाज्ञाकारी हो जाओ, पराए देवताओं की ओर मुड़कर उनकी उपासना और सेवा करने लगो,
فَإِنِّي أُنْذِرُكُمُ الْيَوْمَ أَنَّكُمْ لَا مَحَالَةَ هَالِكُونَ. لَا تُطِيلُ الأَيَّامَ عَلَى الأَرْضِ الَّتِي أَنْتَ عَابِرٌ الأُرْدُنَّ لِتَدْخُلَهَا وَتَمْتَلِكَهَا. ١٨ 18
मैं आज तुम्हारे सामने यह घोषणा कर रहा हूं, तुम निःसंदेह नाश हो जाओगे. तुम यरदन पार कर जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से प्रवेश कर रहे हो, उस देश में अपनी आयु के दिनों में कोई वृद्धि न कर सकोगे.
هَا أَنَا أُشْهِدُ عَلَيْكُمُ الْيَوْمَ السَّمَاءَ وَالأَرْضَ. قَدْ وَضَعْتُ أَمَامَكُمُ الْحَيَاةَ وَالْمَوْتَ، الْبَرَكَةَ وَاللَّعْنَةَ. فَاخْتَارُوا الْحَيَاةَ لِتَحْيَوْا أَنْتُمْ وَنَسْلُكُمْ، ١٩ 19
आज मैं आकाश और पृथ्वी को तुम्हारे विरुद्ध गवाह बना रहा हूं, कि मैंने तुम्हारे सामने जीवन और मृत्यु, आशीष और शाप प्रस्तुत किए हैं, कि तुम याहवेह अपने परमेश्वर से प्रेम करने और उनके आदेशों का पालन करने,
إِذْ تُحِبُّونَ الرَّبَّ إِلَهَكُمْ وَتُطِيعُونَ صَوْتَهُ وَتَتَمَسَّكُونَ بِهِ، لأَنَّهُ هُوَ حَيَاتُكُمْ، وَهُوَ الَّذِي يُطِيلُ أَيَّامَكُمْ لِتَسْتَوْطِنُوا الأَرْضَ الَّتِي حَلَفَ الرَّبُّ أَنْ يُعْطِيَهَا لِآبَائِكُمْ إِبْرَاهِيمَ وَإِسْحاقَ وَيَعْقُوبَ. ٢٠ 20
उनसे दृढतापूर्वक लगे रहने के द्वारा तुम और तुम्हारे वंशज जीवन को चुन लो, क्योंकि वही तुम्हारे जीवन और दीर्घायु हैं. इससे तुम अपने पूर्वजों अब्राहाम, यित्सहाक और याकोब से याहवेह तुम्हारे परमेश्वर द्वारा की गई शपथ के कारण उस देश में निवास करते रह सको.

< تَثنِيَة 30 >