< تَثنِيَة 25 >

إِذَا نَشَبَتْ خُصُومَةٌ بَيْنَ قَوْمٍ وَرَفَعُوا دَعْوَاهُمْ إِلَى الْقَضَاءِ لِيَحْكُمَ الْقُضَاةُ بَيْنَهُمْ، فَلْيُبَرِّئُوا الْبَرِيءَ وَيَحْكُمُوا عَلَى الْمُذْنِبِ. ١ 1
यदि दो व्यक्ति अपना विवाद लेकर न्यायालय को जाते हैं, और न्यायाध्यक्ष उनके विवाद पर अपना निर्णय दे देते हैं, निर्दोष को न्याय प्राप्‍त हो जाता है और दुष्ट को दंड.
فَإِنْ كَانَ الْمُذْنِبُ يَسْتَحِقُّ عِقَابَ الْجَلْدِ، يَطْرَحُهُ الْقَاضِي، وَيَجْلِدُونَهُ أَمَامَهُ بِعَدَدِ الْجَلْدَاتِ الَّتِي يَسْتَحِقُّهَا ذَنْبُهُ، ٢ 2
तब यदि न्याय के अंतर्गत दुष्ट को पीटा जाना तय किया गया है, तब न्यायाध्यक्ष उसे भूमि पर लेट जाने का आदेश देगा और उसी न्यायाध्यक्ष की उपस्थिति में उतने ही वार किए जाएं जितने निर्णय के अनुसार उसके कुकर्म के लिए घोषित किए गए थे.
عَلَى أَلّا يَزِيدَ عَدَدُ الْجَلْدَاتِ عَنْ أَرْبَعِينَ جَلْدَةً، لِئَلّا يُصْبِحَ الْمُعَاقَبُ مُحْتَقَراً. ٣ 3
संभवतः उस पर चालीस प्रहार किए जाएं, मगर इससे अधिक नहीं, उसे यदि इनसे अधिक प्रहार किए जाएं तो वह तुम सब की नजर में अपमानित हो जाएगा.
لَا تَكُمُّوا فَمَ الثَّوْرِ الدَّارِسِ لِلْغِلالِ. ٤ 4
तुम दांवनी करते बैल के मुख को मुखबन्धनी न बांधना.
إِذَا سَكَنَ إِخْوَةٌ مَعاً وَمَاتَ أَحَدُهُمْ مِنْ غَيْرِ أَنْ يُنْجِبَ ابْناً، فَلا يَجِبُ أَنْ تَتَزَوَّجَ امْرَأَتُهُ رَجُلاً مِنْ غَيْرِ أَفْرَادِ عَائِلَةِ زَوْجِهَا. بَلْ لِيَتَزَوَّجْهَا أَخُو زَوْجِهَا وَيُعَاشِرْهَا، وَلْيَقُمْ نَحْوَهَا بِوَاجِبِ أَخِي الزَّوْجِ، ٥ 5
जब सब भाई एक ही परिवार में निवास कर रहे हैं और उनमें से एक की मृत्यु हो जाती है, जबकि उसके कोई संतान नहीं है, तब उसकी पत्नी का विवाह परिवार के बाहर किसी अपरिचित व्यक्ति से न किया जाए. उस स्त्री के पति का भाई उससे विवाह कर मृत पति के भाई की जवाबदारी पूरी करेगा.
وَيَحْمِلُ الْبِكْرُ الَّذِي تُنْجِبُهُ اسْمَ الأَخِ الْمَيْتِ، فَلا يَنْقَرِضُ اسْمُهُ مِنْ أَرْضِ إِسْرَائِيلَ. ٦ 6
इस संयोग से पैदा पहलौठा उस मृत भाई का नाम धारण करेगा, जिससे कि मृत भाई का नाम इस्राएल से खत्म न हो जाए.
وَإِنْ أَبَى الرَّجُلُ أَنْ يَتَزَوَّجَ امْرَأَةَ أَخِيهِ، تَمْضِي الْمَرْأَةُ إِلَى بَوَّابَةِ شُيُوخِ الْمَدِينَةِ وَتَقُولُ: قَدْ رَفَضَ أَخُو زَوْجِي أَنْ يُخَلِّدَ اسْماً لأَخِيهِ فِي إِسْرَائِيلَ، وَلَمْ يَشَأْ أَنْ يَقُومَ نَحْوِي بِوَاجِبِ أَخِي الزَّوْجِ. ٧ 7
मगर यदि वह व्यक्ति अपने भाई की पत्नी को स्वीकार करना न चाहे, तो उसके भाई की पत्नी नगर प्रवेश द्वार पर नगर पुरनियों के सामने जाएगी और उन्हें यह सूचित करेगी, “मेरे पति का भाई अपने मरे हुए भाई का नाम इस्राएल में स्थायी रखने के विषय में सहमत नहीं है. वह मेरे साथ पति के भाई की जवाबदारी निभाने के लिए तैयार नहीं है.”
فَيَدْعُوهُ شُيُوخُ الْمَدِينَةِ وَيَتَدَاوَلُونَ مَعَهُ فِي الأَمْرِ. فَإِنْ أَصَرَّ عَلَى الرَّفْضِ وَقَالَ: لَا أَرْضَى أَنْ أَتَزَوَّجَهَا. ٨ 8
तब नगर पुरनिए उसे वहां उपस्थित होने का आदेश देंगे, उसे समझाने का प्रयास करेंगे. यदि वह हठ करते हुए कहे, “मैं उस स्त्री से विवाह नहीं करना चाहता,”
تَتَقَدَّمُ امْرَأَةُ أَخِيهِ إِلَيْهِ عَلَى مَرْأَى مِنَ الشُّيُوخِ، وَتَخْلَعُ حِذَاءَهُ مِنْ رِجْلَيْهِ وَتَتْفُلُ فِي وَجْهِهِ قَائِلَةً: هَذَا مَا يَحْدُثُ لِمَنْ يَأْبَى أَنْ يَبْنِيَ بَيْتَ أَخِيهِ. ٩ 9
तब उसके भाई की पत्नी पुरनियों की उपस्थिति में ही उसके पांवों से उसकी चप्पल उतारेगी और उसके मुख पर थूक कर कहेगी, “ऐसे व्यक्ति के साथ यही किया जाता है, जो अपने भाई के वंश को बनाए रखना नहीं चाहता.”
فَيُدْعَى فِي إِسْرَائِيلَ بَيْتَ مَخْلُوعِ النَّعْلِ. ١٠ 10
इस्राएल में उसका नाम प्रचलित हो जाएगा, “बैथ हलूज़ हन्‍नाएल, अर्थात् उसका घर जिसकी चप्पल उतारी गई है.”
إِذَا تَعَارَكَ رَجُلانِ فَتَدَخَّلَتْ زَوْجَةُ أَحَدِهِمَا لِتُنْقِذَ زَوْجَهَا مِنْ قَبْضَةِ يَدِ ضَارِبِهِ وَمَدَّتْ يَدَهَا وَأَمْسَكَتْ بِخِصْيَتِهِ، ١١ 11
यदि दो इस्राएली व्यक्तियों में हाथापाई हो रही है और उनमें से एक की पत्नी अपने पति की रक्षा के उपक्रम में निकट आकर अन्य व्यक्ति के अंडकोश को दबोच लेती है,
فَاقْطَعُوا يَدَهَا وَلا تُشْفِقُوا عَلَيْهَا. ١٢ 12
तब तुम उस स्त्री पर बिना कृपा दिखाए उसका हाथ काट डालोगे.
لَا تَحْتَفِظْ فِي كِيسِكَ بِمِعْيَارَيْنِ مُخْتَلِفَيْنِ كَبِيرٍ وَصَغِيرٍ، ١٣ 13
तुम अपनी झोली में एक ही माप, भिन्‍न-भिन्‍न माप नहीं रखोगे; एक गुरुतर और अन्य लघुतर.
وَلا يَكُنْ لَكَ فِي بَيْتِكَ مِكْيَالانِ مُخْتَلِفَانِ كَبِيرٌ وَصَغِيرٌ، ١٤ 14
तुम अपने घर में एक ही माप के भिन्‍न-भिन्‍न माप नहीं रखोगे; एक गुरुतर और एक लघुतर.
بَلْ لِتَكُنْ أَوْزَانُكَ وَمَكَايِيلُكَ صَحِيحَةً لَا غِشَّ فِيهَا، لِتَطُولَ أَيَّامُكَ عَلَى الأَرْضِ الَّتِي يَهَبُهَا لَكَ الرَّبُّ إِلَهُكَ، ١٥ 15
तुम्हारे माप पूरा और सही-सही ही हों, कि उसे देश में, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहे हैं, तुम लंबी आयु पाओ.
لأَنَّ كُلَّ مَنْ غَشَّ فِي الْمَكَايِيلِ أَوِ الأَوْزَانِ يُصْبِحُ مَكْرُوهاً لَدَى الرَّبِّ إِلَهِكُمْ. ١٦ 16
क्योंकि जो कोई ये सारे काम करता है, जिसका पालन करना गलत है, याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के लिए घृणित है.
تَذَكَّرُوا مَا صَنَعَهُ بِكُمْ شَعْبُ عَمَالِيقَ لَدَى خُرُوجِكُمْ مِنْ مِصْرَ، ١٧ 17
यह याद रखना कि मिस्र से निकलकर मार्ग में अमालेक ने तुम्हारे साथ क्या किया था.
كَيْفَ تَعَرَّضُوا لَكُمْ فِي الطَّرِيقِ وَقَضَوْا عَلَى الْمُسْتَضْعِفِينَ الْمُرْتَحِلِينَ فِي مُؤَخَّرَةِ الشَّعْبِ وَأَنْتُمْ مُرْهَقُونَ تَعَابَى، وَلَمْ يَخَافُوا اللهَ. ١٨ 18
कैसे उस स्थिति में, जब तुम शांत और शिथिल हो चुके थे उन्होंने उन लोगों पर हमला किया था; जो समूह में सबसे पीछे थे उन्हें परमेश्वर का ज़रा भी भय न था.
فَمَتَى أَرَاحَكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ مِنْ جَمِيعِ أَعْدَائِكُمُ الْمُحِيطِينَ بِكُمْ فِي الأَرْضِ الَّتِي يَهَبُهَا لَكُمْ مِيرَاثاً، امْحُوا ذِكْرَ شَعْبِ عَمَالِيقَ مِنْ تَحْتِ السَّمَاءِ. لَا تَنْسَوْا هَذَا. ١٩ 19
फिर अब तो होगा यह कि याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें उस देश में, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें मीरास के रूप प्रदान कर रहे हैं, कि तुम उस पर अधिकार करो, तुम्हारे पास वाले सारे शत्रुओं से विश्रान्ति प्रदान कर चुके होंगे, तुम पृथ्वी पर से अमालेक की याद ही मिटा दोगे; यह तुम भुला न देना!

< تَثنِيَة 25 >