< تَثنِيَة 18 >

لَا يَرِثُ الْكَهَنَةُ اللّاوِيُّونَ وَلا أَحَدٌ مِنْ سِبْطِ لاوِي مِلْكاً أَو نَصِيباً مَعَ بَنِي إِسْرَائِيلَ. إِنَّمَا يَأْكُلُونَ مِنْ مُحْرَقَاتِ الرَّبِّ وَنَصِيبِهِ. ١ 1
“लेवीय याजकों का, वरन् सारे लेवीय गोत्रियों का, इस्राएलियों के संग कोई भाग या अंश न हो; उनका भोजन हव्य और यहोवा का दिया हुआ भाग हो।
لَا يَرِثُونَ مَعَ إِخْوَتِهِمْ، لأَنَّ الرَّبَّ هُوَ نَصِيبُهُمْ كَمَا وَعَدَهُمْ. ٢ 2
उनका अपने भाइयों के बीच कोई भाग न हो; क्योंकि अपने वचन के अनुसार यहोवा उनका निज भाग ठहरा है।
وَهَذَا هُوَ حَقُّ الْكَهَنَةِ مِنَ الذَّبَائِحِ الَّتِي يُقَرِّبُهَا الشَّعْبُ بَقَراً كَانَتْ أَمْ غَنَماً: يُقَدِّمُ الشَّعْبُ لِلْكَاهِنِ السَّاعِدَ وَالْفَكَّيْنِ وَالْكِرْشَ، ٣ 3
और चाहे गाय-बैल चाहे भेड़-बकरी का मेलबलि हो, उसके करनेवाले लोगों की ओर से याजकों का हक़ यह हो, कि वे उसका कंधा और दोनों गाल और पेट याजक को दें।
كَمَا تُعْطُونَهُ أَوَّلَ حَصَادِ قَمْحِكُمْ وَخَمْرِكُمْ وَزَيْتِكُمْ، وَأَوَّلَ جَزَازِ غَنَمِكُمْ، ٤ 4
तू उसको अपनी पहली उपज का अन्न, नया दाखमधु, और टटका तेल, और अपनी भेड़ों का वह ऊन देना जो पहली बार कतरा गया हो।
لأَنَّ الرَّبَّ إِلَهَكُمُ اخْتَارَهُ مِنْ بَيْنِ جَمِيعِ أَسْبَاطِكُمْ لِيَقُومَ بِالْخِدْمَةِ بِاسْمِ الرَّبِّ، هُوَ وَأَبْنَاؤُهُ كُلَّ الأَيَّامِ. ٥ 5
क्योंकि तेरे परमेश्वर यहोवा ने तेरे सब गोत्रों में से उसी को चुन लिया है, कि वह और उसके वंश सदा उसके नाम से सेवा टहल करने को उपस्थित हुआ करें।
وَإذَا أَقْبَلَ لاوِيٌّ مِنْ إِحْدَى مُدُنِكُمْ مِنْ أَيِّ مَكَانٍ فِي إِسْرَائِيلَ، حَيْثُ هُوَ مُتَغَرِّبٌ، لِيَمْكُثَ بِرَغْبَةٍ قَلْبِيَّةٍ صَادِقَةٍ فِي الْمَوْضِعِ الَّذِي يَخْتَارُهُ الرَّبُّ، ٦ 6
“फिर यदि कोई लेवीय इस्राएल की बस्तियों में से किसी से, जहाँ वह परदेशी के समान रहता हो, अपने मन की बड़ी अभिलाषा से उस स्थान पर जाए जिसे यहोवा चुन लेगा,
فَإِنَّ مِنْ حَقِّهِ أَنْ يَخْدُمَ بِاسْمِ الرَّبِّ إِلَهِكُمْ كَبَقِيَّةِ إِخْوَتِهِ اللّاوِيِّينَ الْمَاثِلِينَ هُنَاكَ أَمَامَ الرَّبِّ. ٧ 7
तो अपने सब लेवीय भाइयों के समान, जो वहाँ अपने परमेश्वर यहोवा के सामने उपस्थित होंगे, वह भी उसके नाम से सेवा टहल करे।
وَمِنْ حَقِّهِ أَيْضاً أَنْ يَنَالَ نَصِيباً مُتَسَاوِياً مِنَ التَّقْدِمَاتِ، عَلاوَةً عَلَى مَا يَكُونُ قَدْ حَصَلَ عَلَيْهِ مِنْ بَيْعِ مَا وَرِثَهُ عَنْ آبَائِهِ. ٨ 8
और अपने पूर्वजों के भाग के मोल को छोड़ उसको भोजन का भाग भी उनके समान मिला करे।
وَمَتَى دَخَلْتُمْ إِلَى الأَرْضِ الَّتِي يُوَرِّثُكُمْ إِيَّاهَا الرَّبُّ إِلَهُكُمْ، فَلا تَتَعَلَّمُوا مُمَارَسَةَ رَجَاسَاتِ تِلْكَ الأُمَمِ الْمُقِيمَةِ هُنَاكَ. ٩ 9
“जब तू उस देश में पहुँचे जो तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, तब वहाँ की जातियों के अनुसार घिनौना काम करना न सीखना।
وَلا يَكُنْ بَيْنَكُمْ مَنْ يُجِيزُ ابْنَهُ أَو ابْنَتَهُ فِي النَّارِ، وَلا يَتَعَاطَى الْعِرَافَةَ وَلا الْعِيَافَةَ وَلا مُمَارَسَةَ الْفَأْلِ أَوِ السِّحْرِ، ١٠ 10
१०तुझ में कोई ऐसा न हो जो अपने बेटे या बेटी को आग में होम करके चढ़ानेवाला, या भावी कहनेवाला, या शुभ-अशुभ मुहूर्त्तों का माननेवाला, या टोन्हा, या तांत्रिक,
وَلا مَنْ يَرْقِي رُقْيَةً أَوْ يُشَاوِرُ جَانّاً أَوْ وَسِيطاً، أَوْ يَسْتَحْضِرُ أَرْوَاحَ الْمَوْتَى لِيُسَائِلَهُمْ، ١١ 11
११या बाजीगर, या ओझों से पूछनेवाला, या भूत साधनेवाला, या भूतों का जगानेवाला हो।
لأَنَّ كُلَّ مَنْ يَتَعَاطَى ذَلِكَ مَكْرُوهٌ لَدَى الرَّبِّ. فَبِسَبَبِ هَذِهِ الأَرْجَاسِ عَزَمَ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ عَلَى طَرْدِ هَذِهِ الأُمَمِ مِنْ أَمَامِكُمْ، ١٢ 12
१२क्योंकि जितने ऐसे-ऐसे काम करते हैं वे सब यहोवा के सम्मुख घृणित हैं; और इन्हीं घृणित कामों के कारण तेरा परमेश्वर यहोवा उनको तेरे सामने से निकालने पर है।
فَكُونُوا كَامِلِينَ لَدَى الرَّبِّ إِلَهِكُمْ. ١٣ 13
१३तू अपने परमेश्वर यहोवा के सम्मुख सिद्ध बना रहना।
إِنَّ تِلْكَ الأُمَمَ الَّتِي أَنْتُمْ تَسْتَأْصِلُونَهَا تُصَدِّقُ مُمَارَسَةَ الْمُشَعْوِذِينَ وَالْعَرَّافِينَ، وَأَمَّا أَنْتُمْ فَإِنَّ الرَّبَّ إِلَهَكُمْ يَحْظُرُ عَلَيْكُمْ ذَلِكَ. ١٤ 14
१४“वे जातियाँ जिनका अधिकारी तू होने पर है शुभ-अशुभ मुहूर्त्तों के माननेवालों और भावी कहनेवालों की सुना करती है; परन्तु तुझको तेरे परमेश्वर यहोवा ने ऐसा करने नहीं दिया।
سَيُقِيمُ الرَّبُّ فِيكُمْ نَبِيًّا مِثْلِي مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ، لَهُ تَسْمَعُونَ، ١٥ 15
१५तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे मध्य से, अर्थात् तेरे भाइयों में से मेरे समान एक नबी को उत्पन्न करेगा; तू उसी की सुनना;
فَقَدِ اسْتَجَابَ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ مَا طَلَبْتُمْ مِنْهُ فِي حُورِيبَ فِي يَوْمِ الاجْتِمَاعِ عِنْدَمَا قُلْتُمْ: لَا نَعُودُ نَسْمَعُ صَوْتَ الرَّبِّ إِلَهِنَا، وَلا نَرَى النَّارَ الْعَظِيمَةَ أَيْضاً لِئَلّا نَمُوتَ ١٦ 16
१६यह तेरी उस विनती के अनुसार होगा, जो तूने होरेब पहाड़ के पास सभा के दिन अपने परमेश्वर यहोवा से की थी, ‘मुझे न तो अपने परमेश्वर यहोवा का शब्द फिर सुनना, और न वह बड़ी आग फिर देखनी पड़े, कहीं ऐसा न हो कि मर जाऊँ।’
فَقَالَ لِيَ الرَّبُّ: لَقَدْ أَصَابُوا فِي مَا تَكَلَّمُوا. ١٧ 17
१७तब यहोवा ने मुझसे कहा, ‘वे जो कुछ कहते हैं ठीक कहते हैं।
لِهَذَا أُقِيمُ لَهُمْ نَبِيًّا مِنْ بَيْنِ إِخْوَتِهِمْ مِثْلَكَ، وَأَضَعُ كَلامِي فِي فَمِهِ، فَيُخَاطِبُهُمْ بِكُلِّ مَا آمُرُهُ بِهِ. ١٨ 18
१८इसलिए मैं उनके लिये उनके भाइयों के बीच में से तेरे समान एक नबी को उत्पन्न करूँगा; और अपना वचन उसके मुँह में डालूँगा; और जिस-जिस बात की मैं उसे आज्ञा दूँगा वही वह उनको कह सुनाएगा।
فَيَكُونُ أَنَّ كُلَّ مَنْ يَعْصَى كَلامِي الَّذِي يَتَكَلَّمُ بِهِ بِاسْمِي، فَأَنَا أُحَاسِبُهُ. ١٩ 19
१९और जो मनुष्य मेरे वह वचन जो वह मेरे नाम से कहेगा ग्रहण न करेगा, तो मैं उसका हिसाब उससे लूँगा।
وَأَمَّا النَّبِيُّ الَّذِي يَتَجَبَّرُ فَيَنْطِقُ بِاسْمِي بِمَا لَمْ آمُرْهُ أَنْ يَتَكَلَّمَ بِهِ، أَوْ يَتَنَبَّأُ بِاسمِ آلِهَةٍ أُخْرَى، فَإِنَّهُ حَتْماً يَمُوتُ. ٢٠ 20
२०परन्तु जो नबी अभिमान करके मेरे नाम से कोई ऐसा वचन कहे जिसकी आज्ञा मैंने उसे न दी हो, या पराए देवताओं के नाम से कुछ कहे, वह नबी मार डाला जाए।’
وَإِنْ سَأَلْتُمْ فِي أَنْفُسِكُمْ: كَيْفَ نُمَيِّزُ الْكَلامَ الَّذِي لَمْ يَصْدُرْ عَنِ الرَّبِّ؟ ٢١ 21
२१और यदि तू अपने मन में कहे, ‘जो वचन यहोवा ने नहीं कहा उसको हम किस रीति से पहचानें?’
فَإِنَّ كُلَّ مَا يَتَنَبَّأُ بِهِ النَّبِيُّ بِاسْمِ الرَّبِّ وَلا يَتَحَقَّقُ يَكُونُ ادِّعَاءً مِنْهُ لَمْ يَنْطِقْ بِهِ الرَّبُّ، بَلْ بِطُغْيَانٍ تَكَلَّمَ بِهِ النَّبِيُّ فَلا تَخَفْ مِنْهُ. ٢٢ 22
२२तो पहचान यह है कि जब कोई नबी यहोवा के नाम से कुछ कहे; तब यदि वह वचन न घटे और पूरा न हो जाए, तो वह वचन यहोवा का कहा हुआ नहीं; परन्तु उस नबी ने वह बात अभिमान करके कही है, तू उससे भय न खाना।

< تَثنِيَة 18 >