< تَثنِيَة 10 >
وَقَالَ لِيَ الرَّبُّ: انْحَتْ لَكَ لَوْحَيْنِ مِنْ حَجَرٍ مِثْلَ اللَّوْحَيْنِ الأَوَّلَيْنِ، وَاصْعَدْ إِلَى الْجَبَلِ، وَاصْنَعْ لَكَ تَابُوتاً مِنْ خَشَبٍ، | ١ 1 |
१“उस समय यहोवा ने मुझसे कहा, ‘पहली पटियाओं के समान पत्थर की दो और पटियाएँ गढ़ ले, और उन्हें लेकर मेरे पास पर्वत के ऊपर आ जा, और लकड़ी का एक सन्दूक भी बनवा ले।
فَأَخُطَّ عَلَى اللَّوْحَيْنِ الْوَصَايَا الَّتِي كَانَتْ مَكْتُوبَةً عَلَى اللَّوْحَيْنِ الأَوَّلَيْنِ اللَّذَيْنِ حَطَّمْتَهُمَا، فَتَضَعَهُمَا فِي التَّابُوتِ. | ٢ 2 |
२और मैं उन पटियाओं पर वे ही वचन लिखूँगा, जो उन पहली पटियाओं पर थे, जिन्हें तूने तोड़ डाला, और तू उन्हें उस सन्दूक में रखना।’
فَصَنَعْتُ تَابُوتاً مِنْ خَشَبِ السَّنْطِ، وَنَحَتُّ لَوْحَيْنِ مِنْ حَجَرٍ مِثْلَ اللَّوْحَيْنِ الأَوَّلَيْنِ، وَصَعِدْتُ إِلَى الْجَبَلِ وَاللَّوْحَانِ فِي يَدَيَّ. | ٣ 3 |
३तब मैंने बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनवाया, और पहली पटियाओं के समान पत्थर की दो और पटियाएँ गढ़ीं, तब उन्हें हाथों में लिये हुए पर्वत पर चढ़ गया।
فَخَطَّ الرَّبُّ عَلَى اللَّوْحَيْنِ مَا كَانَ قَدْ خَطَّهُ سَابِقاً، الْوَصَايَا الْعَشَرَ الَّتِي كَلَّمَكُمْ بِها الرَّبُّ فِي الْجَبَلِ مِنْ وَسَطِ النَّارِ فِي يَوْمِ الاجْتِمَاعِ، وَسَلَّمَنِي إِيَّاهَا. | ٤ 4 |
४और जो दस वचन यहोवा ने सभा के दिन पर्वत पर अग्नि के मध्य में से तुम से कहे थे, वे ही उसने पहले के समान उन पटियाओं पर लिखे; और उनको मुझे सौंप दिया।
ثُمَّ انْصَرَفْتُ، وَانْحَدَرْتُ مِنَ الْجَبَلِ، وَوَضَعْتُ اللَّوْحَيْنِ فِي التَّابُوتِ الَّذِي صَنَعْتُهُ. وَهَا هُمَا هُنَاكَ، كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ. | ٥ 5 |
५तब मैं पर्वत से नीचे उतर आया, और पटियाओं को अपने बनवाए हुए सन्दूक में धर दिया; और यहोवा की आज्ञा के अनुसार वे वहीं रखीं हुई हैं।
ثُمَّ ارْتَحَلَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ مِنْ جِوَارِ آبَارِ بَنِي يَعْقَانَ إِلَى مُوسِيرَ، حَيْثُ مَاتَ هرُونُ وَدُفِنَ هُنَاكَ. فَتَوَلَّى أَلِعَازَارُ ابْنُهُ رَئَاسَةَ الْكَهَنُوتِ عِوَضاً عَنْهُ. | ٦ 6 |
६“(तब इस्राएली याकानियों के कुओं से कूच करके मोसेरा तक आए। वहाँ हारून मर गया, और उसको वहीं मिट्टी दी गई; और उसका पुत्र एलीआजर उसके स्थान पर याजक का काम करने लगा।
وَمِنْ هُنَاكَ انْتَقَلَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ إِلَى الْجِدْجُودِ، وَمِنْهَا إِلَى يُطْبَاتَ، وَهِيَ أَرْضٌ عَامِرَةٌ بِالأَنْهَارِ. | ٧ 7 |
७वे वहाँ से कूच करके गुदगोदा को, और गुदगोदा से योतबाता को चले, इस देश में जल की नदियाँ हैं।
فِي ذَلِكَ الْوَقْتِ خَصَّصَ الرَّبُّ سِبْطَ لاوِي لِحَمْلِ تَابُوتِ عَهْدِ الرَّبِّ وَالْمُثُولِ أَمَامَ الرَّبِّ لِيَخْدِمُوهُ وَيُبَارِكُوا اسْمَهُ إِلَى هَذَا الْيَوْمِ. | ٨ 8 |
८उस समय यहोवा ने लेवी गोत्र को इसलिए अलग किया कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाया करें, और यहोवा के सम्मुख खड़े होकर उसकी सेवा टहल किया करें, और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें, जिस प्रकार कि आज के दिन तक होता आ रहा है।
لِهَذَا لَمْ يَرِثِ اللّاوِيُّونَ مَعَ بَقِيَّةِ إِخْوَتِهِمْ لأَنَّ الرَّبَّ هُوَ نَصِيبُهُمْ كَمَا وَعَدَهُمْ. | ٩ 9 |
९इस कारण लेवियों को अपने भाइयों के साथ कोई निज अंश या भाग नहीं मिला; यहोवा ही उनका निज भाग है, जैसे कि तेरे परमेश्वर यहोवा ने उनसे कहा था।)
أَمَّا أَنَا فَقَدْ مَكَثْتُ فِي الْجَبَلِ أَرْبَعِينَ نَهَاراً وَأَرْبَعِينَ لَيْلَةً، كَمَا حَدَثَ فِي الْمَرَّةِ الأُولَى وَاسْتَجَابَ لِيَ الرَّبُّ أَيْضاً فَلَمْ يُهْلِكْكُمْ | ١٠ 10 |
१०“मैं तो पहले के समान उस पर्वत पर चालीस दिन और चालीस रात ठहरा रहा, और उस बार भी यहोवा ने मेरी सुनी, और तुझे नाश करने की मनसा छोड़ दी।
ثُمَّ قَالَ لِيَ الرَّبُّ: قُمْ وَامْضِ لِلارْتِحَالِ أَمَامَ الشَّعْبِ، لِلدُّخُولِ وَامْتِلاكِ الأَرْضِ الَّتِي حَلَفْتُ لِآبَائِهِمْ أَنْ أَهَبَهَا لَهُمْ. | ١١ 11 |
११फिर यहोवा ने मुझसे कहा, ‘उठ, और तू इन लोगों की अगुआई कर, ताकि जिस देश के देने को मैंने उनके पूर्वजों से शपथ खाकर कहा था उसमें वे जाकर उसको अपने अधिकार में कर लें।’
فَالآنَ أَيُّهَا الإِسْرَائِيلِيُّونَ مَاذَا يَطْلُبُ مِنْكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ سِوَى أَنْ تَتَّقُوهُ وَتَسْلُكُوا فِي كُلِّ طُرُقِهِ، وَتُحِبُّوهُ وَتَعْبُدُوهُ مِنْ كُلِّ قُلُوبِكُمْ وَمِنْ كُلِّ نُفُوسِكُمْ، | ١٢ 12 |
१२“अब, हे इस्राएल, तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ से इसके सिवाय और क्या चाहता है, कि तू अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और उसके सारे मार्गों पर चले, उससे प्रेम रखे, और अपने पूरे मन और अपने सारे प्राण से उसकी सेवा करे,
وَتُطِيعُوا وَصَايَاهُ وَفَرَائِضَهُ، الَّتِي أَنَا أُوصِيكُمْ بِها الْيَوْمَ لِخَيْرِكُمْ؟ | ١٣ 13 |
१३और यहोवा की जो-जो आज्ञा और विधि मैं आज तुझे सुनाता हूँ उनको ग्रहण करे, जिससे तेरा भला हो?
فَالرَّبُّ إِلَهُكُمْ هُوَ مَالِكُ السَّمَاوَاتِ وَسَمَاءِ السَّمَاوَاتِ وَكُلِّ مَا فِيهَا. | ١٤ 14 |
१४सुन, स्वर्ग और सबसे ऊँचा स्वर्ग भी, और पृथ्वी और उसमें जो कुछ है, वह सब तेरे परमेश्वर यहोवा ही का है;
غَيْرَ أَنَّ الرَّبَّ فَضَّلَ آبَاءَكُمْ وَاصْطَفَى ذُرِّيَّتَهُمْ مِنْ بَعْدِهِمْ، الَّتِي هِيَ أَنْتُمْ، لِتَكُونُوا فَوْقَ جَمِيعِ أُمَمِ الأَرْضِ، كَمَا هُوَ حَادِثٌ الْيَوْمَ. | ١٥ 15 |
१५तो भी यहोवा ने तेरे पूर्वजों से स्नेह और प्रेम रखा, और उनके बाद तुम लोगों को जो उनकी सन्तान हो सब देशों के लोगों के मध्य में से चुन लिया, जैसा कि आज के दिन प्रगट है।
فَطَهِّرُوا قُلُوبَكُمُ الأَثِيمَةَ، وَأَقْلِعُوا عَنْ عِنَادِكُمْ، | ١٦ 16 |
१६इसलिए अपने-अपने हृदय का खतना करो, और आगे को हठीले न रहो।
لأَنَّ الرَّبَّ إِلَهَكُمْ هُوَ إِلَهُ الآلِهَةِ وَرَبُّ الأَرْبَابِ، الإِلَهُ الْعَظِيمُ الْجَبَّارُ الْمَهِيبُ، الَّذِي لَا يُحَابِي وَجْهَ أَحَدٍ، وَلا يَرْتَشِي. | ١٧ 17 |
१७क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा वही ईश्वरों का परमेश्वर और प्रभुओं का प्रभु है, वह महान पराक्रमी और भययोग्य परमेश्वर है, जो किसी का पक्ष नहीं करता और न घूस लेता है।
إِنَّهُ يَقْضِي حَقَّ الْيَتِيمِ وَالأَرْمَلَةِ، وَيُحِبُّ الْغَرِيبَ فَيُوَفِّرُ لَهُ طَعَاماً وَكِسَاءً | ١٨ 18 |
१८वह अनाथों और विधवा का न्याय चुकाता, और परदेशियों से ऐसा प्रेम करता है कि उन्हें भोजन और वस्त्र देता है।
فَأَحِبُّوا الْغَرِيبَ لأَنَّكُمْ كُنْتُمْ غُرَبَاءَ فِي دِيَارِ مِصْرَ. | ١٩ 19 |
१९इसलिए तुम भी परदेशियों से प्रेम भाव रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे।
اتَّقُوا الرَّبَّ إِلَهَكُمْ وَإِيَّاهُ اعْبُدُوا وَبِهِ اعْتَصِمُوا وَبِاسْمِهِ احْلِفُوا، | ٢٠ 20 |
२०अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानना; उसी की सेवा करना और उसी से लिपटे रहना, और उसी के नाम की शपथ खाना।
فَهُوَ فَخْرُكُمْ وَإِلَهُكُمُ الَّذِي أَجْرَى مَعَكُمْ تِلْكَ الْمُعْجِزَاتِ الْعَظِيمَةَ الَّتِي شَهِدَتْهَا أَعْيُنُكُمْ. | ٢١ 21 |
२१वही तुम्हारी स्तुति के योग्य है; और वही तुम्हारा परमेश्वर है, जिसने तेरे साथ वे बड़े महत्त्व के और भयानक काम किए हैं, जिन्हें तूने अपनी आँखों से देखा है।
فَعِنْدَمَا انْحَدَرَ آبَاؤُكُمْ إِلَى مِصْرَ كَانُوا سَبْعِينَ نَفْساً، وَالآنَ قَدْ جَعَلَكُمُ الرَّبُّ إِلَهُكُمْ فِي كَثْرَةِ النُّجُومِ. | ٢٢ 22 |
२२तेरे पुरखा जब मिस्र में गए तब सत्तर ही मनुष्य थे; परन्तु अब तेरे परमेश्वर यहोवा ने तेरी गिनती आकाश के तारों के समान बहुत कर दी है।