< عامُوس 1 >
هَذِهِ كَلِمَاتُ عَامُوسَ الَّذِي كَانَ رَاعِياً مِنْ رُعَاةِ تَقُوعَ، يُنْبِئُ فِيهَا بِمَا رَآهُ بِشَأْنِ إِسْرَائِيلَ فِي أَيَّامِ عُزِّيَّا مَلِكِ يَهُوذَا، وَفِي أَيَّامِ يَرُبْعَامَ بْنِ يُوآشَ مَلِكِ إِسْرَائِيلَ، قَبْلَ وُقُوعِ الزَّلْزَلَةِ بِسَنَتَيْنِ. | ١ 1 |
ये आमोस द्वारा कहे गये वचन हैं, जो उसने भूकंप के दो वर्ष पहले इस्राएल के संबंध में एक दर्शन देखकर उस समय में कहे थे, जब यहूदिया पर राजा उज्जियाह का तथा इस्राएल पर यहोआश के पुत्र यरोबोअम का शासन था. आमोस तकोआ नगर के चरवाहों में से एक था.
قَالَ: «يَزْأَرُ الرَّبُّ مِنْ صِهْيَوْنَ وَيُدَوِّي بِصَوْتِهِ مِنْ أُورُشَلِيمَ، فَتَنْتَحِبُ مَرَاعِي الرُّعَاةِ، وَتَذْوِي قِمَّةُ الْكَرْمَلِ. | ٢ 2 |
आमोस ने कहा: “ज़ियोन से याहवेह का स्वर गर्जन करता है और येरूशलेम से उनका शब्द गूंजता है; चरवाहों के चरागाह मुरझा गए हैं, तथा कर्मेल पर्वत का शिखर झुलस गया है.”
هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ مَعَاصِي دِمَشْقَ الثَّلاثِ وَالأَرْبَعِ لَنْ أَرُدَّ عَنْهَا سَخَطِي، لأَنَّ أَهْلَهَا قَدْ دَاسُوا شَعْبِي فِي جِلْعَادَ بِنَوَارِجَ مِنْ حَدِيدٍ. | ٣ 3 |
यह याहवेह का कहना है: “दमेशेक नगर के तीन, नहीं वरन चार अपराधों के कारण, मैं उसे दंड देने से पीछे नहीं हटूंगा. क्योंकि उसने गिलआद पर लोहे के तीक्ष्ण शस्त्रों से प्रहार किया है,
لِذَلِكَ أُرْسِلُ نَاراً عَلَى بَيْتِ حَزَائِيلَ فَتَلْتَهِمُ حُصُونَ بَنْهَدَدَ. | ٤ 4 |
तब मैं हाज़ाएल के परिवार पर आग बरसाऊंगा और वह बेन-हदद के गढ़ को नष्ट कर देगी.
وَأُحَطِّمُ مِزْلاجَ دِمَشْقَ وَأَسْتَأْصِلُ أَهْلَ وَادِي آوَنَ، وَأُهْلِكُ حَامِلَ صَوْلَجَانِ مُلْكِ بَيْتِ عَدْنٍ، وَيُسَاقُ شَعْبُ أَرَامَ إِلَى السَّبْيِ إِلَى أَرْضِ قِيرَ. | ٥ 5 |
दमेशेक नगर के प्रवेश द्वार को मैं तोड़ डालूंगा; और आवेन घाटी के राजा को, और बेथ-एदेन में राजदंड धरनेवाले को, मैं नाश कर दूंगा. अरामवासी कीर में बंधुआई में चले जाएंगे,” यह याहवेह का कहना है.
هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ مَعَاصِي غَزَّةَ الثَّلاثِ وَالأَرْبَعِ لَنْ أَرُدَّ عَنْهَا سَخَطِي، لأَنَّ أَهْلَهَا نَفَوْا شَعْباً عَنْ آخِرِهِ لِيُسَلِّمُوهُ إِلَى أَدُومَ. | ٦ 6 |
याहवेह का यह कहना है: “अज्जाह नगर के तीन, नहीं वरन चार अपराधों के कारण, मैं दंड देने से पीछे नहीं हटूंगा. क्योंकि उसने पूरे प्रजा को बंधुआई में ले गया और उन्हें एदोम को बेच दिया है,
لِذَلِكَ سَأُرْسِلُ نَاراً عَلَى أَسْوَارِ غَزَّةَ تَلْتَهِمُ حُصُونَهَا. | ٧ 7 |
तब मैं अज्जाह नगर की दीवारों पर आग बरसाऊंगा जो उसके राजमहलों को जलाकर नष्ट कर देगी.
وَأَسْتَأْصِلُ أَهْلَ أَشْدُودَ، وَأُهْلِكُ حَامِلَ صَوْلَجَانِ مُلْكِ أَشْقَلُونَ، وَأُوَجِّهُ ضَرَبَاتِي ضِدَّ عَقْرُونَ فَيَفْنَى مَنْ بَقِيَ مِنَ الْفِلِسْطِينِيِّينَ. | ٨ 8 |
मैं अशदोद के राजा को, और अश्कलोन में राजदंड धरनेवाले को नाश कर दूंगा. एक्रोन पर मैं अपने हाथों से तब तक वार करूंगा, जब तक कि आखिरी फिलिस्तीनी भी मार न डाला जाए,” यह प्रभु याहवेह का कहना है.
هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ مَعَاصِي صُورَ الثَّلاثِ وَالأَرْبَعِ لَنْ أَرُدَّ عَنْهَا سَخَطِي، لأَنَّ أَهْلَهَا سَلَّمُوا شَعْباً بِكَامِلِهِ إِلَى أَدُومَ، وَنَقَضُوا عَهْدَ الإِخْوَةِ. | ٩ 9 |
याहवेह का यह कहना है: “सोर नगर के तीन, नहीं वरन चार अपराधों के कारण, मैं दंड देने से पीछे नहीं हटूंगा. क्योंकि उसने संपूर्ण बंधुआई के समूह को एदोम को बेच दिया है, और भाईचारे की वाचा का अनादर किया है,
لِهَذَا أُرْسِلُ نَاراً عَلَى أَسْوَارِ صُورَ فَتَلْتَهِمُ حُصُونَهَا. | ١٠ 10 |
तब मैं सोर की दीवारों पर आग बरसाऊंगा जो उसके राजमहलों को जलाकर नष्ट कर देगी.”
وَهَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ مَعَاصِي أَدُومَ الثَّلاثِ وَالأَرْبَعِ لَنْ أَرُدَّ عَنْهُمْ سَخَطِي، لأَنَّهُمْ تَعَقَّبُوا إِخْوَتَهُمْ بِالسَّيْفِ، وَتَغَاضَوْا عَنْ كُلِّ رَحْمَةٍ، وَجَعَلُوا غَضَبَهُمْ يَتَأَجَّجُ مُلْتَهِماً بِاسْتِمْرَارٍ، وَظَلُّوا حَاقِدِينَ عَلَى الدَّوَامِ. | ١١ 11 |
याहवेह का यह कहना है: “एदोम के तीन पापों के कारण, तीन नहीं वरन चार पापों के कारण, मैं दंड देने से पीछे नहीं हटूंगा. क्योंकि उसने तलवार लेकर अपने भाई को खदेड़ा और देश की महिलाओं को घात किया, क्रोध में वह निरंतर उनका संहार करता गया उसका रोष सदा बना रहा,
فَأُرْسِلُ نَاراً عَلَى تَيْمَانَ، فَتَلْتَهِمُ حُصُونَ بُصْرَةَ. | ١٢ 12 |
मैं तेमान पर आग बरसाऊंगा जो बोज़राह के राजमहलों को जलाकर भस्म कर देगी.”
هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ مَعَاصِي الْعَمُّونِيِّينَ الثَّلاثِ وَالأَرْبَعِ لَنْ أَرُدَّ عَنْهُمْ سَخَطِي، لأَنَّهُمْ شَقُّوا بُطُونَ الْحَوَامِلِ فِي جِلْعَادَ لِيُوَسِّعُوا تُخُمَهُمْ. | ١٣ 13 |
याहवेह का यह कहना है: “अम्मोनवासियों के तीन, नहीं वरन चार अपराधों के कारण, मैं उसे दंड देने से पीछे न हटूंगा. क्योंकि उसने गिलआद की गर्भवती स्त्रियों के पेट इसलिये चीर दिए ताकि वह अपनी सीमा का विस्तार कर सके,
لِهَذَا أُضْرِمُ نَاراً فِي سُورِ رَبَّةَ فَتَلْتَهِمُ حُصُونَهَا فِي مُعْتَرَكِ جَلَبَةِ يَوْمِ الْحَرْبِ، وَفِي وَسَطِ عَاصِفَةٍ فِي يَوْمِ الزَّوْبَعَةِ. | ١٤ 14 |
तब युद्ध के उस दिन जब शोरगुल हो रहा होगा, जब उग्र आंधी और उपद्रव हो रहा होगा तब मैं रब्बाह नगर की दीवारों पर आग लगा दूंगा, जो उसके राजमहलों को जलाकर नष्ट कर देगी.
وَيُسَاقُ مَلِكُهُمْ إِلَى السَّبْيِ مَعَ سَائِرِ رُؤَسَائِهِ يَقُولُ الرَّبُّ. | ١٥ 15 |
अम्मोन के राजा और उसके कर्मचारी एक साथ बंधुआई में चले जाएंगे,” यह याहवेह का कहना है.