< عامُوس 7 >

وَهَذَا مَا أَرَانِي السَّيِّدُ الرَّبُّ: هَا هُوَ يُعِدُّ أَسْرَابَ جَرَادٍ فِي بَدْءِ نُمُوِّ الأَعْشَابِ الْمُتَأَخِّرَةِ بَعْدَ أَنْ تَمَّ جَزُّ نَصِيبِ الْمَلِكِ مِنْهَا. ١ 1
परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह दिखाया: और मैं क्या देखता हूँ कि उसने पिछली घास के उगने के आरम्भ में टिड्डियाँ उत्पन्न कीं; और वह राजा की कटनी के बाद की पिछली घास थी।
وَبَعْدَ أَنْ فَرَغَ الْجَرَادُ مِنِ الْتِهَامِ عُشْبِ الأَرْضِ، قُلْتُ: «أَيُّهَا السَّيِّدُ الرَّبُّ، اصْفَحْ عَنْ شَعْبِكَ. إِذْ كَيْفَ يُمْكِنُ لِيَعْقُوبَ أَنْ يَنْهَضَ، فَإِنَّهُ صَغِيرٌ؟» ٢ 2
जब वे घास खा चुकीं, तब मैंने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, क्षमा कर! नहीं तो याकूब कैसे स्थिर रह सकेगा? वह कितना निर्बल है!”
فَعَفَا الرَّبُّ عَنْ هَذَا وَقَالَ: «لَنْ يَحْدُثَ مَا رَأَيْتَهُ». ٣ 3
इसके विषय में यहोवा पछताया, और उससे कहा, “ऐसी बात अब न होगी।”
ثُمَّ هَذَا مَا أَرَانِي السَّيِّدُ الرَّبُّ: شَاهَدْتُ السَّيِّدَ الرَّبَّ يَدْعُو لِلْمُحَاكَمَةِ بِالنَّارِ الَّتِي لَعَقَتِ الْبَحْرَ الْعَظِيمَ فَجَفَّ، وَأَكَلَتِ الْحُقُولَ. ٤ 4
परमेश्वर यहोवा ने मुझे यह दिखाया: और क्या देखता हूँ कि परमेश्वर यहोवा ने आग के द्वारा मुकद्दमा लड़ने को पुकारा, और उस आग से महासागर सूख गया, और देश भी भस्म होने लगा था।
عِنْدَئِذٍ قُلْتُ: «أَيُّهَا السَّيِّدُ الرَّبُّ، كُفَّ عَنْ هَذَا، إِذْ كَيْفَ يُمْكِنُ لِيَعْقُوبَ أَنْ يَنْهَضَ، فَإِنَّهُ صَغِيرٌ؟» ٥ 5
तब मैंने कहा, “हे परमेश्वर यहोवा, रुक जा! नहीं तो याकूब कैसे स्थिर रह सकेगा? वह कैसा निर्बल है।”
فَعَفَا الرَّبُّ عَنْ هَذَا، وَقَالَ: «لَنْ يَحْدُثَ مَا رَأَيْتَهُ». ٦ 6
इसके विषय में भी यहोवा पछताया; और परमेश्वर यहोवा ने कहा, “ऐसी बात फिर न होगी।”
ثُمَّ رَأَيْتُ، وَإذَا الرَّبُّ وَاقِفٌ بِجِوَارِ حَائِطٍ مَبْنِيٍّ، وَفِي يَدِهِ مِيزَانُ الْبِنَاءِ. ٧ 7
उसने मुझे यह भी दिखाया: मैंने देखा कि प्रभु साहुल लगाकर बनाई हुई किसी दीवार पर खड़ा है, और उसके हाथ में साहुल है।
فَقَالَ لِي الرَّبُّ: «يَا عَامُوسُ، مَاذَا تَرَى؟» فَأَجَبْتُ: «مِيزَانَ الْبِنَاءِ». فَقَالَ الرَّبُّ: «هَا أَنَا أَمُدُّ مِيزَانَ الْبِنَاءِ فِي وَسَطِ شَعْبِي إِسْرَائِيلَ، وَلَنْ أَعْفُوَ عَنْهُمْ. ٨ 8
और यहोवा ने मुझसे कहा, “हे आमोस, तुझे क्या देख पड़ता है?” मैंने कहा, “एक साहुल।” तब परमेश्वर ने कहा, “देख, मैं अपनी प्रजा इस्राएल के बीच में साहुल लगाऊँगा।
فَتُقْفِرُ مُرْتَفَعَاتُ إِسْحَاقَ وَيَعْتَرِي الْخَرَابُ مَقَادِسَ إِسْرَائِيلَ، وَأَثُورُ عَلَى بَيْتِ يَرُبْعَامَ بِالسَّيْفِ». ٩ 9
मैं अब उनको न छोड़ूँगा। इसहाक के ऊँचे स्थान उजाड़, और इस्राएल के पवित्रस्थान सुनसान हो जाएँगे, और मैं यारोबाम के घराने पर तलवार खींचे हुए चढ़ाई करूँगा।”
فَأَرْسَلَ أَمَصْيَا كَاهِنُ بَيْتِ إِيلَ إِلَى يَرُبْعَامَ مَلِكِ إِسْرَائِيلَ قَائِلاً: «قَدْ تَآمَرَ عَلَيْكَ عَامُوسُ فِي وَسَطِ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ، وَلا تُطِيقُ الأَرْضُ تَحَمُّلَ كُلِّ تَنَبُّؤَاتِهِ ١٠ 10
१०तब बेतेल के याजक अमस्याह ने इस्राएल के राजा यारोबाम के पास कहला भेजा, “आमोस ने इस्राएल के घराने के बीच में तुझ से राजद्रोह की गोष्ठी की है; उसके सारे वचनों को देश नहीं सह सकता।
لأَنَّ هَذَا مَا يَقُولُهُ عَامُوسُ: إِنَّ يَرُبْعَامَ يَمُوتُ بِحَدِّ السَّيْفِ، وَيُسْبَى إِسْرَائِيلُ بَعِيداً عَنْ دِيَارِهِ». ١١ 11
११क्योंकि आमोस यह कहता है, ‘यारोबाम तलवार से मारा जाएगा, और इस्राएल अपनी भूमि पर से निश्चय बँधुआई में जाएगा।’”
ثُمَّ قَالَ أَمَصْيَا لِعَامُوسَ: «اهْرُبْ أَيُّهَا الرَّائِي إِلَى أَرْضِ يَهُوذَا، وَكُلْ خُبْزاً هُنَاكَ وَتَنَبَّأْ فِيهَا. ١٢ 12
१२तब अमस्याह ने आमोस से कहा, “हे दर्शी, यहाँ से निकलकर यहूदा देश में भाग जा, और वहीं रोटी खाया कर, और वहीं भविष्यद्वाणी किया कर;
أَمَّا بَيْتُ إِيلَ فَلا تَعُدْ لِلتَّنَبُّؤِ فِيهَا، لأَنَّهَا مَقْدِسُ الْمَلِكِ وَمَقَرُّ الْمَمْلَكَةِ». ١٣ 13
१३परन्तु बेतेल में फिर कभी भविष्यद्वाणी न करना, क्योंकि यह राजा का पवित्रस्थान और राज-नगर है।”
فَأَجَابَ عَامُوسُ: «أَنَا لَمْ أَكُنْ نَبِيًّا وَلا ابْنَ نَبِيٍّ، إِنَّمَا أَنَا رَاعِي غَنَمٍ وَجَانِي جُمَّيْزٍ، ١٤ 14
१४आमोस ने उत्तर देकर अमस्याह से कहा, “मैं न तो भविष्यद्वक्ता था, और न भविष्यद्वक्ता का बेटा; मैं तो गाय-बैल का चरवाहा, और गूलर के वृक्षों का छाँटनेवाला था,
فَاصْطَفَانِي الرَّبُّ مِنْ وَرَاءِ الْغَنَمِ وَأَمَرَنِي قَائِلاً: اذْهَبْ تَنَبَّأْ لِشَعْبِي إِسْرَائِيلَ. ١٥ 15
१५और यहोवा ने मुझे भेड़-बकरियों के पीछे-पीछे फिरने से बुलाकर कहा, ‘जा, मेरी प्रजा इस्राएल से भविष्यद्वाणी कर।’
لِذَلِكَ اسْمَعِ الآنَ كَلِمَةَ الرَّبِّ: أَنْتَ تَقُولُ لَا تَتَنَبَّأْ ضِدَّ إِسْرَائِيلَ وَلا تُهَاجِمْ بَيْتَ إِسْحَاقَ. ١٦ 16
१६इसलिए अब तू यहोवा का वचन सुन, तू कहता है, ‘इस्राएल के विरुद्ध भविष्यद्वाणी मत कर; और इसहाक के घराने के विरुद्ध बार बार वचन मत सुना।’
لِهَذَا يَقُولُ الرَّبُّ: سَتُصْبِحُ امْرَأَتُكَ عَاهِرَةً فِي الْمَدِينَةِ، وَيُقْتَلُ أَبْنَاؤُكَ وَبَنَاتُكَ بِالسَّيْفِ، وَتُقْسَمُ أَرْضُكَ بِالْحَبْلِ. أَمَّا أَنْتَ فَتَمُوتُ فِي أَرْضِ الأُمَمِ الْوَثَنِيَّةِ، وَيُسْبَى إِسْرَائِيلُ إِلَى أَرْضٍ بَعِيدَةٍ عَنْ دِيَارِهِ». ١٧ 17
१७इस कारण यहोवा यह कहता है: ‘तेरी स्त्री नगर में वेश्या हो जाएगी, और तेरे बेटे-बेटियाँ तलवार से मारे जाएँगे, और तेरी भूमि डोरी डालकर बाँट ली जाएँगी; और तू आप अशुद्ध देश में मरेगा, और इस्राएल अपनी भूमि पर से निश्चय बँधुआई में जाएगा।’”

< عامُوس 7 >