< عامُوس 3 >
اسْمَعُوا يَا بَنِي إِسْرَائِيلَ هَذِهِ الْكَلِمَةَ الَّتِي قَضَى بِها الرَّبُّ عَلَيْكُمْ، بَلْ عَلَى كُلِّ الْقَبِيلَةِ الَّتِي أَخْرَجْتُهَا مِنْ دِيَارِ مِصْرَ: | ١ 1 |
हे इस्राएलियो, सुनो यह वह संदेश है, जिसे याहवेह ने तुम्हारे विरुद्ध कहा है—पूरे वंश के विरुद्ध जिसे मैंने मिस्र देश से बाहर निकाल लाया है:
إِيَّاكُمْ وَحْدَكُمُ اخْتَرْتُ مِنْ بَيْنِ جَمِيعِ قَبَائِلِ الأَرْضِ، لِهَذَا أُعَاقِبُكُمْ عَلَى جَمِيعِ آثَامِكُمْ. | ٢ 2 |
“केवल तुम हो जिसे मैंने पृथ्वी के सब कुलों में से चुना है; तब मैं तुम्हारे सब पापों के लिये तुम्हें दंड दूंगा.”
هَلْ يَتَرَافَقُ اثْنَانِ مَعاً مَا لَمْ يَكُونَا عَلَى مَوْعِدٍ؟ | ٣ 3 |
क्या यह संभव है कि बिना सहमति के दो व्यक्ति एक साथ चलें?
أَيَزْأَرُ أَسَدٌ فِي الْغَابَةِ مِنْ غَيْرِ أَنْ يَقَعَ عَلَى فَرِيسَةٍ؟ أَيُزَمْجِرُ الشِّبْلُ بِصَوْتِهِ مِنْ عَرِينِهِ مَا لَمْ يَكُنْ قَدِ اقْتَنَصَ شَيْئاً؟ | ٤ 4 |
क्या सिंह वन में शिकार के दिखे बिना दहाड़ता है? क्या वह अपनी मांद में से कुछ पकड़े बिना गुर्राता है?
أَيَسْقُطُ الْعُصْفُورُ فِي فَخٍّ عَلَى الأَرْضِ إِذَا لَمْ يَكُنْ هُنَاكَ فَخٌّ مَنْصُوبٌ؟ أَيَنْطَبِقُ فَخٌّ عَلَى الأَرْضِ مِنْ غَيْرِ أَنْ يَكُونَ قَدْ أَمْسَكَ شَيْئاً؟ | ٥ 5 |
क्या कोई पक्षी भूमि पर बिना चारा डाले बिछाए गये जाल की ओर झपटेगा? क्या भूमि पर से फंदा अपने आप उछलता है जब उसमें कुछ न फंसा हो?
أَيُدَوِّي بُوقٌ فِي الْمَدِينَةِ وَلا يَعْتَرِي الشَّعْبَ الْخَوْفُ؟ أَيَقَعُ بَلاءٌ فِي الْمَدِينَةِ مَا لَمْ يَكُنِ الرَّبُّ قَدْ أَرْسَلَهُ؟ | ٦ 6 |
जब तुरही की आवाज से नगर में चेतावनी दी जाती है, तो क्या लोग डर से नहीं कांपते हैं? जब किसी नगर पर विपत्ति आती है, तो क्या यह याहवेह की ओर से नहीं होता?
إِنَّ السَّيِّدَ الرَّبَّ لَا يُجْرِي أَمْراً مِنْ غَيْرِ أَنْ يُعْلِنَ سِرَّهُ لِعَبِيدِهِ الأَنْبِيَاءِ. | ٧ 7 |
निश्चित रूप से प्रभु याहवेह अपने सेवक भविष्यवक्ताओं पर अपनी योजना प्रकट किए बिना कुछ भी नहीं करते.
قَدْ زَأَرَ الأَسَدُ فَمَنْ لَا يَخَافُ، وَتَكَلَّمَ الرَّبُّ فَمَنْ لَا يَتَنَبَّأُ؟ | ٨ 8 |
जब सिंह की गर्जना सुनाई देती है— तो कौन है, जो भयभीत न होगा? प्रभु याहवेह ने कहा है— तो कौन है, जो भविष्यवाणी न करेगा?
أَذِيعُوا فِي حُصُونِ أَشْدُودَ وَفِي حُصُونِ دِيَارِ مِصْرَ وَقُولُوا: احْتَشِدُوا عَلَى جِبَالِ السَّامِرَةِ، وَاشْهَدُوا مَا فِي وَسَطِهَا مِنْ جَلَبَةٍ، وَانْظُرُوا إِلَى الْمَظْلُومِينَ فِي دَاخِلِهَا. | ٩ 9 |
अशदोद के राजमहलों में और मिस्र देश के राजमहलों में यह घोषणा की जाए: “शमरिया के पर्वतों पर इकट्ठे हो जाओ; और उसके बीच हो रहे शोरगुल और उसके लोगों पर हो रहे अत्याचार पर ध्यान दो.”
فَهَؤُلاءِ الَّذِينَ يَكْنِزُونَ الْجَوْرَ وَالنَّهْبَ فِي قُصُورِهِمْ لَا يَعْرِفُونَ التَّصَرُّفَ بِاسْتِقَامَةٍ، يَقُولُ الرَّبُّ. | ١٠ 10 |
“वे सही काम करना जानते ही नहीं,” यह याहवेह का कहना है, “उनके लूटे और छीने गये माल को उनके राजमहलों में किसने इकट्ठा किया है.”
لِذَلِكَ يُعْلِنُ الرَّبُّ الإِلَهُ: سَيَجْتَاحُ الْعَدُوُّ الْبِلادَ، وَيُحِيلُ حُصُونَكُمْ حُطَاماً وَيَنْهَبُ قُصُورَكُمْ. | ١١ 11 |
तब प्रभु याहवेह का यह संदेश है: “एक शत्रु तुम्हारे देश को घेर लेगा, वह तुम्हारे भवनों को गिरा देगा और तुम्हारे राजमहलों को लूटेगा.”
هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: كَمَا يَعْجَزُ الرَّاعِي أَنْ يَنْتَزِعَ مِنْ فَمِ الأَسَدِ سِوَى رِجْلَيْ حَمَلٍ، أَوْ قِطْعَةً مِنْ أُذُنٍ، هَكَذَا لَنْ يَنْجُوَ سِوَى الْقَلِيلِ مِنْ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ الْمُقِيمِينَ فِي السَّامِرَةِ، الْمُتَّكِئِينَ عَلَى الأَرَائِكِ الْوَثِيرَةِ وَالأَسِرَّةِ النَّاعِمَةِ. | ١٢ 12 |
याहवेह का यह कहना है: “जिस प्रकार चरवाहा छुड़ाने के प्रयास में सिंह के मुंह से सिर्फ पैर की दो हड्डी या कान का एक टुकड़ा ही बचा पाता है, उसी प्रकार से वे इस्राएली, जो शमरिया में निवास करते हैं, ऐसे बचाए जायेंगे, जैसे पलंग का सिरहाना और बिस्तर से कपड़े का एक टुकड़ा.”
اسْمَعُوا وَاشْهَدُوا عَلَى بَيْتِ يَعْقُوبَ، يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ الإِلَهُ الْقَدِيرُ. | ١٣ 13 |
“यह बात सुनो और याकोब के घराने विरुद्ध में कहो,” प्रभु याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की यह घोषणा है.
فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ الَّذِي أُعَاقِبُ فِيهِ إِسْرَائِيلَ عَلَى تَعَدِّيَاتِهِ، أَهْدِمُ أَيْضاً مَذَابِحَ بَيْتِ إِيلَ، وَتُقْطَعُ قُرُونُ الْمَذْبَحِ وَتَتَهَاوَى عَلَى الأَرْضِ. | ١٤ 14 |
“जिस दिन मैं इस्राएल को उसके पापों के लिए दंड दूंगा, मैं बेथेल की वेदियों को नष्ट कर दूंगा; वेदी के सींग जो वेदी की संरचना का अंग हैं, काट दिए जाएंगे और वे भूमि पर गिर पड़ेंगे.
وَأُدَمِّرُ الْبُيُوتَ الَّتِي يَأْوُونَ إِلَيْهَا فِي الشِّتَاءِ، وَبُيُوتَ الْمُنْتَجَعَاتِ الصَّيْفِيَّةِ، وَتَنْدَكُّ بُيُوتُ الْعَاجِ وَتَزُولُ مِنَ الْوُجُودِ قُصُورٌ كَثِيرَةٌ، يَقُولُ الرَّبُّ. | ١٥ 15 |
मैं शीतकालीन भवन और साथ में ग्रीष्मकालीन भवन को गिरा दूंगा; वे भवन, जो हाथी-दांत से सजाए गये हैं, नाश किए जायेंगे और हवेलियों को नष्ट कर दिया जाएगा,” यह याहवेह का कहना है.