< عامُوس 2 >
هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ مَعَاصِي مُوآبَ الثَّلاثِ وَالأَرْبَعِ لَنْ أَرُدَّ عَنْهُمْ سَخَطِي، لأَنَّ مُوآبَ أَحْرَقَ عِظَامَ مَلِكِ أَدُومَ حَتَّى صَارَتْ كِلْساً. | ١ 1 |
ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: “मोआब के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोडूँगा, क्यूँकि उसने शाह — ए — अदोम की हड्डियों को जलाकर चूना बना दिया है।
لِهَذَا أُرْسِلُ نَاراً عَلَى مُوآبَ فَتَلْتَهِمُ حُصُونَ قَرْيُوتَ، فَيَمُوتُ مُوآبُ فِي وَسَطِ الضَّجِيجِ وَصَيْحَاتِ الْمُحَارِبِينَ وَدَوِيِّ الأَبْوَاقِ. | ٢ 2 |
इसलिए मैं मोआब पर आग भेजूँगा, और वह करयूत के क़स्रों को खा जाएगी; और मोआब ललकार और नरसिंगे की आवाज़, और शोर — ओ — ग़ौग़ा के बीच मरेगा।
وَأَسْتَأْصِلُ الْحَاكِمَ مِنْ بَيْنِ الْمُوآبِيِّينَ، وَأَقْضِي عَلَى كُلِّ رُؤَسَائِهِمْ، يَقُولُ الرَّبُّ. | ٣ 3 |
और मैं क़ाज़ी को उसके बीच से काट डालूँगा और उसके तमाम हाकिमों को उसके साथ क़त्ल करूँगा,” ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ مَعَاصِي يَهُوذَا الثَّلاثِ وَالأَرْبَعِ لَنْ أَرُدَّ عَنْهُمْ سَخَطِي، لأَنَّهُمْ رَفَضُوا شَرِيعَةَ الرَّبِّ وَلَمْ يُطِيعُوا فَرَائِضَهُ، فَأَضَلَّتْهُمْ أَكَاذِيبُهُمُ الَّتِي غَوَى وَرَاءَهَا آبَاؤُهُمْ. | ٤ 4 |
ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि “यहूदाह के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोडूँगा क्यूँकि उन्होंने ख़ुदावन्द की शरी'अत को रद्द किया, और उसके अहकाम की पैरवी न की और उनके झूटे मा'बूदों ने जिनकी पैरवी उनके बाप — दादा ने की, उनको गुमराह किया है।
لِهَذَا أُرْسِلُ نَاراً عَلَى يَهُوذَا فَتَلْتَهِمُ حُصُونَ أُورُشَلِيمَ. | ٥ 5 |
इसलिए मैं यहूदाह पर आग भेजूँगा, जो येरूशलेम के क़स्रों को खा जाएगी।”
هَذَا مَا يَقُولُهُ الرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ مَعَاصِي إِسْرَائِيلَ الثَّلاثِ وَالأَرْبَعِ لَنْ أَرُدَّ عَنْهُمْ سَخَطِي، لأَنَّهُمْ بَاعُوا الصِّدِّيقَ لِقَاءَ الْفِضَّةِ، وَالْبَائِسَ مُقَابِلَ نَعْلَيْنِ. | ٦ 6 |
ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: इस्राईल के तीन बल्कि चार गुनाहों की वजह से मैं उसको बेसज़ा न छोड़ूँगा, क्यूँकि उन्होंने सादिक़ को रुपये की ख़ातिर, और ग़रीब को जूतियों के जोड़े की ख़ातिर बेच डाला।
الَّذِينَ يَسْحَقُونَ رَأْسَ الْمِسْكِينِ فِي التُّرَابِ، وَيَجُورُونَ عَلَى الْبَائِسِينَ، وَيُعَاشِرُ الرَّجُلُ وَابْنُهُ امْرَأَةً وَاحِدَةً، فَيَتَدَنَّسُ بِذَلِكَ اسْمِي الْمُقَدَّسُ. | ٧ 7 |
वह ग़रीबों के सिर पर की गर्द का भी लालच रखते हैं, और हलीमों को उनकी राह से गुमराह करते हैं और बाप बेटा एक ही 'औरत के पास जाने से मेरे पाक नाम की तकफ़ीर करते हैं।
يَرْقُدُونَ إِلَى جُوَارِ الْمَذْبَحِ فَوْقَ ثِيَابٍ مَرْهُونَةٍ، وَيَشْرَبُونَ فِي هَيْكَلِ إِلَهِهِمْ خَمْرَ الْمُغَرَّمِينَ. | ٨ 8 |
और वह हर मज़बह के पास गिरवी लिए हुए कपड़ों पर लेटते हैं, और अपने ख़ुदा के घर में जुर्माने से ख़रीदी हुई मय पीते हैं।
مَعَ أَنِّي أَهْلَكْتُ مِنْ أَمَامِهِمِ الأَمُورِيِّينَ ذَوِي الْقَامَاتِ الطَّوِيلَةِ كَأَشْجَارِ الأَرْزِ، الأَقْوِيَاءَ كَأَشْجَارِ الْبَلُّوطِ، أَتْلَفْتُ أَثْمَارَهُمْ عَلَى أَغْصَانِهَا، وَجُذُورَ أَشْجَارِهِمْ مِنْ تَحْتِ الأَرْضِ. | ٩ 9 |
हालाँकि मैं ही ने उनके सामने से अमोरियों को हलाक किया, जो देवदारों की तरह बलंद और बलूतों की तरह मज़बूत थे; हाँ, मैं ही ने ऊपर से उनका फल बर्बाद किया, और नीचे से उनकी जड़ें काटीं।
كَمَا أَخْرَجْتُكُمْ مِنْ دِيَارِ مِصْرَ وَقُدْتُ طَرِيقَكُمْ عَبْرَ الصَّحْرَاءِ طَوَالَ أَرْبَعِينَ سَنَةً لِتَرِثُوا أَرْضَ الأَمُورِيِّينَ. | ١٠ 10 |
और मैं ही तुमको मुल्क — ए — मिस्र से निकाल लाया, और चालीस बरस तक वीराने में तुम्हारी रहबरी की, ताकि तुम अमोरियों के मुल्क पर क़ाबिज़ हो जाओ।
وَأَقَمْتُ مِنْ بَيْنِ أَبْنَائِكُمْ أَنْبِيَاءَ وَمِنْ فِتْيَانِكُمْ نَذِيرِينَ. أَلَيْسَ هَذَا صَحِيحاً يَا أَبْنَاءَ إِسْرَائِيلَ، يَقُولُ الرَّبُّ؟ | ١١ 11 |
और मैंने तुम्हारे बेटों में से नबी, और तुम्हारे जवानों में से नज़ीर खड़े किए, ख़ुदावन्द फ़रमाता है, ऐ बनी इस्राईल, क्या ये सच नहीं?
وَلَكِنَّكُمْ سَقَيْتُمُ النَّذِيرِينَ خَمْراً، وَأَمَرْتُمُ الأَنْبِيَاءَ قَائِلِينَ: لَا تَتَنَبَّأُوا. | ١٢ 12 |
लेकिन तुम ने नज़ीरों को मय पिलाई, और नबियों को हुक्म दिया के नबुव्वत न करें।
هَأَنَذَا أَسْحَقُكُمْ فِي مَوَاضِعِكُمْ فَتَئِنُّونَ كَمَا تَئِنُّ عَرَبَةٌ تَحْتَ وَطْأَةِ ثِقْلِ أَكْدَاسِهَا. | ١٣ 13 |
देखो, मैं तुम को ऐसा दबाऊँगा, जैसे पूलों से लदी हुई गाड़ी दबाती है।
فَلا يُتَاحُ الْهَرَبُ لِلسَّرِيعِ، وَتَتَلاشَى قُوَّةُ الْجَبَّارِ، وَيَعْجِزُ الْقَوِيُّ عَنْ إِنْقَاذِ نَفْسِهِ. | ١٤ 14 |
तब तेज़ रफ़्तार से भागने की ताक़त जाती रहेगी, और ताक़तवर का ज़ोर बेकार होगा, और बहादुर अपनी जान न बचा सकेगा।
وَلا يَصْمُدُ رَامِي الْقَوْسِ وَلا يُصِيبُ الْهَدَفَ، وَلا يَسْلَمُ سَرِيعُ الْعَدْوِ، وَلا يَنْجُو رَاكِبُ الْفَرَسِ بِحَيَاتِهِ. | ١٥ 15 |
और कमान खींचने वाला खड़ा न रहेगा, और तेज़ क़दम और सवार अपनी जान न बचा सकेंगे;
وَالثَّابِتُ الْجَنَانِ بَيْنَ أَقْرَانِهِ الأَبْطَالِ يَفِرُّ عُرْيَاناً فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ، يَقُولُ الرَّبُّ. | ١٦ 16 |
और पहलवानों में से जो कोई दिलावर है, नंगा निकल भागेगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।