< أعمال 10 >

وَكَانَ يَسْكُنُ فِي قَيْصَرِيَّةَ قَائِدُ مِئَةٍ اسْمُهُ كَرْنِيلِيُوسُ، يَنْتَمِي إِلَى الْكَتِيبَةِ الإِيطَالِيَّةِ، ١ 1
कैसरिया में कुरनेलियुस नामक एक मनुष्य था, जो इतालियानी नाम सैन्य-दल का सूबेदार था।
وَكَانَ تَقِيًّا يَخَافُ اللهَ، هُوَ وَأَهْلُ بَيْتِهِ جَمِيعاً، يَتَصَدَّقُ عَلَى الشَّعْبِ كَثِيراً، وَيُصَلِّي إِلَى اللهِ دَائِماً. ٢ 2
वह भक्त था, और अपने सारे घराने समेत परमेश्वर से डरता था, और यहूदी लोगों को बहुत दान देता, और बराबर परमेश्वर से प्रार्थना करता था।
وَذَاتَ نَهَارٍ نَحْوَ السَّاعَةِ الثَّالِثَةِ بَعْدَ الظُّهْرِ، رَأَى كَرْنِيلِيُوسُ فِي رُؤْيَا وَاضِحَةٍ مَلاكاً مِنْ عِنْدِ اللهِ يَدْخُلُ إِلَيْهِ وَيَقُولُ: «يَا كَرْنِيلِيُوسُ!» ٣ 3
उसने दिन के तीसरे पहर के निकट दर्शन में स्पष्ट रूप से देखा कि परमेश्वर के एक स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, “हे कुरनेलियुस।”
فَنَظَرَ إِلَى الْمَلاكِ وَقَدِ اسْتَوْلَى عَلَيْهِ الْخَوْفُ، وَسَأَلَ: «مَاذَا يَا سَيِّدُ؟» فَأَجَابَهُ: «صَلَوَاتُكَ وَصَدَقَاتُكَ صَعِدَتْ أَمَامَ اللهِ تَذْكَاراً. ٤ 4
उसने उसे ध्यान से देखा और डरकर कहा, “हे स्वामी क्या है?” उसने उससे कहा, “तेरी प्रार्थनाएँ और तेरे दान स्मरण के लिये परमेश्वर के सामने पहुँचे हैं।
وَالآنَ أَرْسِلْ بَعْضَ الرِّجَالِ إِلَى يَافَا وَاسْتَدْعِ سِمْعَانَ الْمُلَقَّبَ بُطْرُسَ. ٥ 5
और अब याफा में मनुष्य भेजकर शमौन को, जो पतरस कहलाता है, बुलवा ले।
إِنَّهُ يُقِيمُ فِي بَيْتِ سِمْعَانَ الدَّبَّاغِ عِنْدَ الْبَحْرِ». ٦ 6
वह शमौन, चमड़े का धन्धा करनेवाले के यहाँ अतिथि है, जिसका घर समुद्र के किनारे है।”
فَمَا إِنْ ذَهَبَ الْمَلاكُ الَّذِي كَانَ يُكَلِّمُ كَرْنِيلِيُوسَ، حَتَّى دَعَا اثْنَيْنِ مِنْ خَدَمِهِ، وَجُنْدِيًّا تَقِيًّا مِنْ مُرَافِقِيهِ الدَّائِمِينَ، ٧ 7
जब वह स्वर्गदूत जिसने उससे बातें की थी चला गया, तो उसने दो सेवक, और जो उसके पास उपस्थित रहा करते थे उनमें से एक भक्त सिपाही को बुलाया,
وَرَوَى لَهُمُ الْخَبَرَ كُلَّهُ، وَأَرْسَلَهُمْ إِلَى يَافَا. ٨ 8
और उन्हें सब बातें बताकर याफा को भेजा।
وَفِي الْيَوْمِ التَّالِي، بَيْنَمَا كَانَ الرِّجَالُ الثَّلاثَةُ يَقْتَرِبُونَ مِنْ مَدِينَةِ يَافَا، صَعِدَ بُطْرُسُ نَحْوَ الظُّهْرِ إِلَى السَّطْحِ لِيُصَلِّيَ. ٩ 9
दूसरे दिन जब वे चलते-चलते नगर के पास पहुँचे, तो दोपहर के निकट पतरस छत पर प्रार्थना करने चढ़ा।
وَأَحَسَّ جُوعاً شَدِيداً، فَاشْتَهَى أَنْ يَأْكُلَ. وَبَيْنَمَا الطَّعَامُ يُعَدُّ لَهُ، وَقَعَتْ عَلَيْهِ غَيْبُوبَةٌ، ١٠ 10
१०उसे भूख लगी और कुछ खाना चाहता था, परन्तु जब वे तैयार कर रहे थे तो वह बेसुध हो गया।
فَرَأَى رُؤْيَا: السَّمَاءَ مَفْتُوحَةً، وَوِعَاءً يُشْبِهُ قِطْعَةً كَبِيرَةً مِنَ الْقُمَاشِ مَرْبُوطَةً بِأَطْرَافِهَا الأَرْبَعَةِ يَتَدَلَّى إِلَى الأَرْضِ، ١١ 11
११और उसने देखा, कि आकाश खुल गया; और एक बड़ी चादर, पात्र के समान चारों कोनों से लटकाया हुआ, पृथ्वी की ओर उतर रहा है।
وَهُوَ مَلِيءٌ بِأَنْوَاعِ الْحَيَوَانَاتِ الدَّابَّةِ عَلَى الأَرْضِ وَالْوُحُوشِ وَالزَّوَاحِفِ وَطُيُورِ السَّمَاءِ جَمِيعاً. ١٢ 12
१२जिसमें पृथ्वी के सब प्रकार के चौपाए और रेंगनेवाले जन्तु और आकाश के पक्षी थे।
وَنَادَاهُ صَوْتٌ: «يَا بُطْرُسُ، قُمِ اذْبَحْ وَكُلْ!» ١٣ 13
१३और उसे एक ऐसी वाणी सुनाई दी, “हे पतरस उठ, मार और खा।”
وَلَكِنَّ بُطْرُسَ أَجَابَ: «كَلَّا يَا رَبُّ، فَأَنَا لَمْ آكُلْ قَطُّ شَيْئاً مُحَرَّماً أَوْ نَجِساً». ١٤ 14
१४परन्तु पतरस ने कहा, “नहीं प्रभु, कदापि नहीं; क्योंकि मैंने कभी कोई अपवित्र या अशुद्ध वस्तु नहीं खाई है।”
فَقَالَ لَهُ الصَّوْتُ أَيْضاً: «مَا طَهَّرَهُ اللهُ لَا تَحْسَبْهُ أَنْتَ نَجِساً!» ١٥ 15
१५फिर दूसरी बार उसे वाणी सुनाई दी, “जो कुछ परमेश्वर ने शुद्ध ठहराया है, उसे तू अशुद्ध मत कह।”
وَتَكَرَّرَ هَذَا ثَلاثَ مَرَّاتٍ، ثُمَّ ارْتَفَعَ الْوِعَاءُ إِلَى السَّمَاءِ. ١٦ 16
१६तीन बार ऐसा ही हुआ; तब तुरन्त वह चादर आकाश पर उठा लिया गया।
تَحَيَّرَ بُطْرُسُ وَأَخَذَ يُسَائِلُ نَفْسَهُ عَنْ مَعْنَى الرُّؤْيَا الَّتِي رَآهَا. وَإذَا الرِّجَالُ الَّذِينَ أَرْسَلَهُمْ كَرْنِيلِيُوسُ قَدْ سَأَلُوا عَنْ بَيْتِ سِمْعَانَ الدَّبَّاغِ وَوَقَفُوا بِالْبَابِ ١٧ 17
१७जब पतरस अपने मन में दुविधा में था, कि यह दर्शन जो मैंने देखा क्या है, तब वे मनुष्य जिन्हें कुरनेलियुस ने भेजा था, शमौन के घर का पता लगाकर द्वार पर आ खड़े हुए।
يَسْتَخْبِرُونَ: «هَلْ سِمْعَانُ الْمُلَقَّبُ بُطْرُسَ مُقِيمٌ هُنَا؟» ١٨ 18
१८और पुकारकर पूछने लगे, “क्या शमौन जो पतरस कहलाता है, यहाँ पर अतिथि है?”
فِي هَذِهِ الأَثْنَاءِ كَانَ بُطْرُسُ يُوَاصِلُ التَّفْكِيرَ فِي مَعْنَى الرُّؤْيَا، فَقَالَ لَهُ الرُّوحُ: «بِالْبَابِ ثَلاثَةُ رِجَالٍ يَطْلُبُونَكَ ١٩ 19
१९पतरस जो उस दर्शन पर सोच ही रहा था, कि आत्मा ने उससे कहा, “देख, तीन मनुष्य तुझे खोज रहे हैं।
فَانْزِلْ إِلَيْهِمْ وَرَافِقْهُمْ بِلا تَرَدُّدٍ، فَإِنِّي أَنَا أَرْسَلْتُهُمْ». ٢٠ 20
२०अतः उठकर नीचे जा, और निःसंकोच उनके साथ हो ले; क्योंकि मैंने ही उन्हें भेजा है।”
فَنَزَلَ إِلَيْهِمْ وَقَالَ: «أَنَا الَّذِي تَطْلُبُونَ. فَمَا سَبَبُ حُضُورِكُمْ؟» ٢١ 21
२१तब पतरस ने नीचे उतरकर उन मनुष्यों से कहा, “देखो, जिसको तुम खोज रहे हो, वह मैं ही हूँ; तुम्हारे आने का क्या कारण है?”
فَأَجَابُوهُ: «قَائِدُ الْمِئَةِ كَرْنِيلِيُوسُ رَجُلٌ صَالِحٌ يَتَّقِي اللهَ، وَيَشْهَدُ لَهُ بِذَلِكَ شَعْبُ الْيَهُودِ جَمِيعاً. وَقَدْ أَوْحَى اللهُ إِلَيْهِ بِوَاسِطَةِ مَلاكٍ طَاهِرٍ أَنْ يَسْتَدْعِيَكَ إِلَى بَيْتِهِ لِيَسْمَعَ مَا عِنْدَكَ مِنْ كَلامٍ». ٢٢ 22
२२उन्होंने कहा, “कुरनेलियुस सूबेदार जो धर्मी और परमेश्वर से डरनेवाला और सारी यहूदी जाति में सुनाम मनुष्य है, उसने एक पवित्र स्वर्गदूत से यह निर्देश पाया है, कि तुझे अपने घर बुलाकर तुझ से उपदेश सुने।”
فَدَعَاهُمْ بُطْرُسُ لِيُمْضُوا اللَّيْلَةَ ضُيُوفاً بِذَلِكَ الْبَيْتِ. وَفِي الصَّبَاحِ ذَهَبَ مَعَهُمْ، يُرَافِقُهُ بَعْضُ الإِخْوَةِ مِنْ يَافَا، ٢٣ 23
२३तब उसने उन्हें भीतर बुलाकर उनको रहने की जगह दी। और दूसरे दिन, वह उनके साथ गया; और याफा के भाइयों में से कुछ उसके साथ हो लिए।
فَوَصَلُوا قَيْصَرِيَّةَ فِي الْيَوْمِ الثَّانِي. وَكَانَ كَرْنِيلِيُوسُ يَنْتَظِرُ وُصُولَهُمْ، وَقَدْ دَعَا أَقَارِبَهُ وَأَصْدِقَاءَهُ الْمُقَرَّبِينَ. ٢٤ 24
२४दूसरे दिन वे कैसरिया में पहुँचे, और कुरनेलियुस अपने कुटुम्बियों और प्रिय मित्रों को इकट्ठे करके उनकी प्रतीक्षा कर रहा था।
فَمَا إِنْ دَخَلَ بُطْرُسُ حَتَّى اسْتَقْبَلَهُ كَرْنِيلِيُوسُ سَاجِداً لَهُ، ٢٥ 25
२५जब पतरस भीतर आ रहा था, तो कुरनेलियुस ने उससे भेंट की, और उसके पाँवों पर गिरकर उसे प्रणाम किया।
فَأَنْهَضَهُ بُطْرُسُ وَقَالَ: «قُمْ! مَا أَنَا إِلّا إِنْسَانٌ مِثْلُكَ!» ٢٦ 26
२६परन्तु पतरस ने उसे उठाकर कहा, “खड़ा हो, मैं भी तो मनुष्य ही हूँ।”
وَدَخَلَ بُطْرُسُ وَهُوَ يُحَادِثُهُ، فَرَأَى جَمْعاً كَبِيراً مِنَ النَّاسِ، ٢٧ 27
२७और उसके साथ बातचीत करता हुआ भीतर गया, और बहुत से लोगों को इकट्ठे देखकर
فَقَالَ لَهُمْ: «أَنْتُمْ تَعْلَمُونَ أَنَّهُ مُحَرَّمٌ عَلَى الْيَهُودِيِّ أَنْ يَتَعَامَلَ مَعَ الأَجْنَبِيِّ أَوْ يَزُورَهُ فِي بَيْتِهِ. غَيْرَ أَنَّ اللهَ أَرَانِي أَلّا أَقُولَ عَنْ إِنْسَانٍ مَا إِنَّهُ دَنِسٌ أَوْ نَجِسٌ. ٢٨ 28
२८उनसे कहा, “तुम जानते हो, कि अन्यजाति की संगति करना या उसके यहाँ जाना यहूदी के लिये अधर्म है, परन्तु परमेश्वर ने मुझे बताया है कि किसी मनुष्य को अपवित्र या अशुद्ध न कहूँ।
فَلِذَلِكَ جِئْتُ مِنْ غَيْرِ اعْتِرَاضٍ، تَلْبِيَةً لِدَعْوَتِكُمْ. فَمَا هُوَ سَبَبُ دَعْوَتِكُمْ لِي؟» ٢٩ 29
२९इसलिए मैं जब बुलाया गया तो बिना कुछ कहे चला आया। अब मैं पूछता हूँ कि मुझे किस काम के लिये बुलाया गया है?”
فَأَجَابَ كَرْنِيلِيُوسُ: «مُنْذُ أَرْبَعَةِ أَيَّامٍ، فِي مِثْلِ هَذِهِ السَّاعَةِ كُنْتُ أُصَلِّي فِي بَيْتِي صَلاةَ السَّاعَةِ الثَّالِثَةِ بَعْدَ الظُّهْرِ فَظَهَرَ أَمَامِي فَجْأَةً رَجُلٌ يَلْبَسُ ثَوْباً بَرَّاقاً ٣٠ 30
३०कुरनेलियुस ने कहा, “चार दिन पहले, इसी समय, मैं अपने घर में तीसरे पहर को प्रार्थना कर रहा था; कि एक पुरुष चमकीला वस्त्र पहने हुए, मेरे सामने आ खड़ा हुआ।
وَقَالَ لِي: يَا كَرْنِيلِيُوسُ، سَمِعَ اللهُ صَلاتَكَ وَذَكَرَ صَدَقَاتِكَ. ٣١ 31
३१और कहने लगा, ‘हे कुरनेलियुस, तेरी प्रार्थना सुन ली गई है और तेरे दान परमेश्वर के सामने स्मरण किए गए हैं।
وَالآنَ أَرْسِلْ رِجَالاً إِلَى يَافَا، وَاسْتَدْعِ سِمْعَانَ الْمُلَقَّبَ بُطْرُسَ. إِنَّهُ يُقِيمُ فِي بَيْتِ سِمْعَانَ الدَّبَّاغِ عِنْدَ الْبَحْرِ. ٣٢ 32
३२इसलिए किसी को याफा भेजकर शमौन को जो पतरस कहलाता है, बुला। वह समुद्र के किनारे शमौन जो, चमड़े का धन्धा करनेवाले के घर में अतिथि है।’
فَأَرْسَلْتُ حَالاً أَدْعُوكَ، وَقَدْ أَحْسَنْتَ بِمَجِيئِكَ. وَنَحْنُ الآنَ جَمِيعاً حَاضِرُونَ أَمَامَ اللهِ لِنَسْمَعَ كُلَّ مَا أَمَرَكَ بِهِ الرَّبُّ». ٣٣ 33
३३तब मैंने तुरन्त तेरे पास लोग भेजे, और तूने भला किया जो आ गया। अब हम सब यहाँ परमेश्वर के सामने हैं, ताकि जो कुछ परमेश्वर ने तुझ से कहा है उसे सुनें।”
فَبَدَأَ بُطْرُسُ كَلامَهُ قَائِلاً: «تَبَيَّنَ لِي فِعْلاً أَنَّ اللهَ لَا يُفَضِّلُ أَحَداً عَلَى أَحَدٍ، ٣٤ 34
३४तब पतरस ने मुँह खोलकर कहा, अब मुझे निश्चय हुआ, कि परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता,
بَلْ يَقْبَلُ مَنْ يَتَّقِيهِ وَيَعْمَلُ الصَّلاحَ مَهْمَا كَانَتْ جِنْسِيَّتُهُ. ٣٥ 35
३५वरन् हर जाति में जो उससे डरता और धार्मिक काम करता है, वह उसे भाता है।
وَقَدْ أَرْسَلَ كَلِمَتَهُ إِلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَبَشَّرَهُمْ بِالسَّلامِ بِوَاسِطَةِ يَسُوعَ الْمَسِيحِ، رَبِّ الْجَمِيعِ. ٣٦ 36
३६जो वचन उसने इस्राएलियों के पास भेजा, जबकि उसने यीशु मसीह के द्वारा जो सब का प्रभु है, शान्ति का सुसमाचार सुनाया।
وَلابُدَّ أَنَّكُمْ عَرَفْتُمْ بِكُلِّ مَا جَرَى فِي بِلادِ الْيَهُودِ، وَكَانَ بَدْءُ الأَمْرِ فِي الْجَلِيلِ بَعْدَ الْمَعْمُودِيَّةِ الَّتِي نَادَى بِها يُوحَنَّا. ٣٧ 37
३७वह वचन तुम जानते हो, जो यूहन्ना के बपतिस्मा के प्रचार के बाद गलील से आरम्भ होकर सारे यहूदिया में फैल गया:
فَقَدْ مَسَحَ اللهُ يَسُوعَ النَّاصِرِيَّ بِالرُّوحِ الْقُدُسِ وَبِالْقُدْرَةِ، فَكَانَ يَنْتَقِلُ مِنْ مَكَانٍ إِلَى مَكَانٍ يَعْمَلُ الْخَيْرَ، وَيَشْفِي جَمِيعَ الَّذِينَ تَسَلَّطَ عَلَيْهِمْ إِبْلِيسُ، لأَنَّ اللهَ كَانَ مَعَهُ. ٣٨ 38
३८परमेश्वर ने किस रीति से यीशु नासरी को पवित्र आत्मा और सामर्थ्य से अभिषेक किया; वह भलाई करता, और सब को जो शैतान के सताए हुए थे, अच्छा करता फिरा, क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।
وَنَحْنُ شُهُودٌ عَلَى كُلِّ مَا قَامَ بِهِ فِي بِلادِ الْيَهُودِ وَفِي أُورُشَلِيمَ، وَقَدْ قَتَلُوهُ حَقّاً، مُعَلَّقاً عَلَى خَشَبَةٍ. ٣٩ 39
३९और हम उन सब कामों के गवाह हैं; जो उसने यहूदिया के देश और यरूशलेम में भी किए, और उन्होंने उसे काठ पर लटकाकर मार डाला।
وَلَكِنَّ اللهَ أَقَامَهُ مِنَ الْمَوْتِ فِي الْيَوْمِ الثَّالِثِ، وَجَعَلَهُ يَظْهَرُ، ٤٠ 40
४०उसको परमेश्वर ने तीसरे दिन जिलाया, और प्रगट भी कर दिया है।
لَا لِلشَّعْبِ كُلِّهِ، بَلْ لِلشُّهُودِ الَّذِينَ اخْتَارَهُمُ اللهُ مِنْ قَبْلُ، لَنَا نَحْنُ الَّذِينَ أَكَلْنَا وَشَرِبْنَا مَعَهُ بَعْدَ قِيَامَتِهِ مِنْ بَيْنِ الأَمْوَاتِ. ٤١ 41
४१सब लोगों को नहीं वरन् उन गवाहों को जिन्हें परमेश्वर ने पहले से चुन लिया था, अर्थात् हमको जिन्होंने उसके मरे हुओं में से जी उठने के बाद उसके साथ खाया पीया;
ثُمَّ أَمَرَنَا أَنْ نُبَشِّرَ شَعْبَنَا بِهِ، وَنَشْهَدَ أَنَّهُ هُوَ الَّذِي عَيَّنَهُ اللهُ دَيَّاناً لِلأَحْيَاءِ وَلِلأَمْوَاتِ. ٤٢ 42
४२और उसने हमें आज्ञा दी कि लोगों में प्रचार करो और गवाही दो, कि यह वही है जिसे परमेश्वर ने जीवितों और मरे हुओं का न्यायी ठहराया है।
لَهُ يَشْهَدُ جَمِيعُ الأَنْبِيَاءِ أَنَّ كُلَّ مَنْ يُؤْمِنْ بِهِ يَنَلْ بِاسْمِهِ غُفْرَانَ الْخَطَايَا». ٤٣ 43
४३उसकी सब भविष्यद्वक्ता गवाही देते है कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, उसको उसके नाम के द्वारा पापों की क्षमा मिलेगी।
وَبَيْنَمَا كَانَ بُطْرُسُ يَتَكَلَّمُ بِهَذَا الْكَلامِ، حَلَّ الرُّوحُ الْقُدُسُ عَلَى جَمِيعِ الَّذِينَ كَانُوا يَسْمَعُونَ. ٤٤ 44
४४पतरस ये बातें कह ही रहा था कि पवित्र आत्मा वचन के सब सुननेवालों पर उतर आया।
فَدُهِشَ الْمُؤْمِنُونَ الْيَهُودُ الَّذِينَ جَاءُوا بِرِفْقَةِ بُطْرُسَ، لأَنَّ هِبَةَ الرُّوحِ الْقُدُسِ فَاضَتْ أَيْضاً عَلَى غَيْرِ الْيَهُودِ، ٤٥ 45
४५और जितने खतना किए हुए विश्वासी पतरस के साथ आए थे, वे सब चकित हुए कि अन्यजातियों पर भी पवित्र आत्मा का दान उण्डेला गया है।
إِذْ سَمِعُوهُمْ يَتَكَلَّمُونَ بِلُغَاتٍ، وَيُسَبِّحُونَ اللهَ. فَقَالَ بُطْرُسُ: ٤٦ 46
४६क्योंकि उन्होंने उन्हें भाँति-भाँति की भाषा बोलते और परमेश्वर की बड़ाई करते सुना। इस पर पतरस ने कहा,
«أَيَسْتَطِيعُ أَحَدٌ أَنْ يَمْنَعَ الْمَاءَ فَلا يَتَعَمَّدَ أَيْضاً هَؤُلاءِ الَّذِينَ نَالُوا الرُّوحَ الْقُدُسَ مِثْلَنَا؟» ٤٧ 47
४७“क्या अब कोई इन्हें जल से रोक सकता है कि ये बपतिस्मा न पाएँ, जिन्होंने हमारे समान पवित्र आत्मा पाया है?”
وَأَمَرَ أَنْ يَتَعَمَّدُوا بِاسْمِ يَسُوعَ الْمَسِيحِ. ثُمَّ دَعَوْهُ أَنْ يُقِيمَ عِنْدَهُمْ بِضْعَةَ أَيَّامٍ. ٤٨ 48
४८और उसने आज्ञा दी कि उन्हें यीशु मसीह के नाम में बपतिस्मा दिया जाए। तब उन्होंने उससे विनती की, कि कुछ दिन और हमारे साथ रह।

< أعمال 10 >