< 2 صَمُوئيل 2 >

ثُمَّ اسْتَشَارَ دَاوُدُ الرَّبَّ: «هَلْ أَتَوَجَّهُ إِلَى إِحْدَى مُدُنِ يَهُوذَا؟» فَأَجَابَهُ الرَّبُّ: «اذْهَبْ». فَسَأَلَ: «إِلَى أَيَّةِ مَدِينَةٍ؟» فَأَجَابَهُ: «إِلَى حَبْرُونَ». ١ 1
इसके बाद दाऊद ने यहोवा से पूछा, “क्या मैं यहूदा के किसी नगर में जाऊँ?” यहोवा ने उससे कहा, “हाँ, जा।” दाऊद ने फिर पूछा, “किस नगर में जाऊँ?” उसने कहा, “हेब्रोन में।”
فَانْطَلَقَ دَاوُدُ إِلَى هُنَاكَ بصُحْبَةِ زَوْجَتَيْهِ أَخِينُوعَمَ الْيَزْرَعِيلِيَّةِ وَأَبِيجَايِلَ أَرْمَلَةِ نَابَالَ الْكَرْمَلِيِّ. ٢ 2
तब दाऊद यिज्रेली अहीनोअम, और कर्मेली नाबाल की स्त्री अबीगैल नामक, अपनी दोनों पत्नियों समेत वहाँ गया।
وَاصْطَحَبَ مَعَهُ رِجَالَهُ وَأَهْلَ بُيُوتِهِمْ، فَأَقَامُوا فِي مُدُنِ حَبْرُونَ. ٣ 3
दाऊद अपने साथियों को भी एक-एक के घराने समेत वहाँ ले गया; और वे हेब्रोन के गाँवों में रहने लगे।
وَجَاءَ رِجَالُ يَهُوذَا فَنَصَّبُوا دَاوُدَ مَلِكاً عَلَيْهِمْ. وَعِنْدَمَا عَلِمَ دَاوُدُ أَنَّ رِجَالَ يَابِيشَ جِلْعَادَ هُمُ الَّذِينَ دَفَنُوا شَاوُلَ، ٤ 4
और यहूदी लोग गए, और वहाँ दाऊद का अभिषेक किया कि वह यहूदा के घराने का राजा हो। जब दाऊद को यह समाचार मिला, कि जिन्होंने शाऊल को मिट्टी दी वे गिलाद के याबेश नगर के लोग हैं।
بَعَثَ إِلَيْهِمْ بِرُسُلٍ قَائِلاً: «لِتَكُونُوا مُبَارَكِينَ مِنَ الرَّبِّ لأَنَّكُمْ صَنَعْتُمْ هَذَا الْمَعْرُوفَ بِسَيِّدِكُمْ شَاوُلَ فَدَفَنْتُمُوهُ. ٥ 5
तब दाऊद ने दूतों से गिलाद के याबेश के लोगों के पास यह कहला भेजा, “यहोवा की आशीष तुम पर हो, क्योंकि तुम ने अपने प्रभु शाऊल पर यह कृपा करके उसको मिट्टी दी।
فَلْيُكَافِئْكُمُ الرَّبُّ إِحْسَاناً وَخَيْراً، وَأَنَا أَيْضاً أُجَازِيكُمْ خَيْراً لِقَاءَ حُسْنِ عَمَلِكُمْ. ٦ 6
इसलिए अब यहोवा तुम से कृपा और सच्चाई का बर्ताव करे; और मैं भी तुम्हारी इस भलाई का बदला तुम को दूँगा, क्योंकि तुम ने यह काम किया है।
وَالآنَ تَشَجَّعُوا وَكُونُوا أَبْطَالاً لأَنَّ سَيِّدَكُمْ مَاتَ، وَقَدْ نَصَّبَنِي بَيْتُ يَهُوذَا مَلِكاً عَلَيْكُمْ». ٧ 7
अब हियाव बाँधो, और पुरुषार्थ करो; क्योंकि तुम्हारा प्रभु शाऊल मर गया, और यहूदा के घराने ने अपने ऊपर राजा होने को मेरा अभिषेक किया है।”
وَأَمَّا أَبْنَيْرُ بْنُ نَيْرٍ قَائِدُ جَيْشِ شَاوُلَ فَأَخَذَ إِيشْبُوشَثَ بْنَ شَاوُلَ وَاجْتَازَ بِهِ الأُرْدُنَّ إِلَى مَحَنَايِمَ، ٨ 8
परन्तु नेर का पुत्र अब्नेर जो शाऊल का प्रधान सेनापति था, उसने शाऊल के पुत्र ईशबोशेत को संग ले पार जाकर महनैम में पहुँचाया;
وَأَقَامَهُ مَلِكاً عَلَى الْجِلْعَادِيِّينَ وَالأَشِيرِيِّينَ وَالْيَزْرَعِيلِيِّينَ وَعَلَى بَنِي أَفْرَايِمَ وَبَنِي بِنْيَامِينَ وَسَائِرِ إِسْرَائِيلَ. ٩ 9
और उसे गिलाद अशूरियों के देश, यिज्रेल, एप्रैम, बिन्यामीन, वरन् समस्त इस्राएल प्रदेश पर राजा नियुक्त किया।
وَكَانَ إِيشْبُوشَثُ بْنُ شَاوُلَ فِي الأَرْبَعِينَ مِنْ عُمْرِهِ حِينَ مَلَكَ عَلَى إِسْرَائِيلَ، وَظَلَّ فِي الْحُكْمِ سَنَتَيْنِ، أَمَّا سِبْطُ يَهُوذَا فَقَدِ الْتَفَّ حَوْلَ دَاوُدَ. ١٠ 10
१०शाऊल का पुत्र ईशबोशेत चालीस वर्ष का था जब वह इस्राएल पर राज्य करने लगा, और दो वर्ष तक राज्य करता रहा। परन्तु यहूदा का घराना दाऊद के पक्ष में रहा।
وَمَلَكَ دَاوُدُ فِي حَبْرُونَ عَلَى سِبْطِ يَهُوذَا سَبْعَ سَنَوَاتٍ وَسِتَّةَ أَشْهُرٍ. ١١ 11
११और दाऊद का हेब्रोन में यहूदा के घराने पर राज्य करने का समय साढ़े सात वर्ष था।
وَتوَجَّهَ أَبْنَيْرُ بْنُ نَيْرٍ مَعَ بَعْضِ قُوَّاتِ إِيشْبُوشَثَ مِنْ مَحَنَايِمَ إِلَى جِبْعُونَ، ١٢ 12
१२नेर का पुत्र अब्नेर, और शाऊल के पुत्र ईशबोशेत के जन, महनैम से गिबोन को आए।
وَكَذَلِكَ خَرَجَ يُوآبُ بْنُ صُرُوِيَّةَ مَعَ بَعْضِ قُوَّاتِ دَاوُدَ فَالْتَقَوْا جَمِيعاً عِنْدَ بِرْكَةِ جِبْعُونَ، فَجَلَسَ كُلُّ فَرِيقٍ مُقَابِلَ الآخَرِ عَلَى جَانِبَيِ الْبِرْكَةِ. ١٣ 13
१३तब सरूयाह का पुत्र योआब, और दाऊद के जन, हेब्रोन से निकलकर उनसे गिबोन के जलकुण्ड के पास मिले; और दोनों दल उस जलकुण्ड के एक-एक ओर बैठ गए।
فَقَالَ أَبْنَيْرُ لِيُوآبَ: «لِيَقُمْ جُنُودُنَا لِلْمُبَارَزَةِ أَمَامَنَا». فَأَجَابَ يُوآبُ: لِيَقُومُوا. ١٤ 14
१४तब अब्नेर ने योआब से कहा, “जवान लोग उठकर हमारे सामने खेलें।” योआब ने कहा, “वे उठें।”
فَهَبَّ اثْنَا عَشَرَ رَجُلاً مِنْ بَنِي بِنْيَامِينَ مِنْ أَتْبَاعِ إِيشْبُوشَثَ وَاثْنَا عَشَرَ مِنْ قُوَّاتِ دَاوُدَ. ١٥ 15
१५तब वे उठे, और बिन्यामीन, अर्थात् शाऊल के पुत्र ईशबोशेत के पक्ष के लिये बारह जन गिनकर निकले, और दाऊद के जनों में से भी बारह निकले।
وَاشْتَبَكَ كُلُّ وَاحِدٍ مَعَ نَدِّهِ وَأَغْمَدَ سَيْفَهُ فِيهِ، فَمَاتُوا جَمِيعاً. وَدُعِيَ ذَلِكَ الْمَوْضِعُ «حِلْقَثَ هَصُّورِيمَ» (وَمَعْنَاهُ حَقْلُ السُّيُوفِ). الَّتِي هِيَ فِي جِبْعُونَ. ١٦ 16
१६और उन्होंने एक दूसरे का सिर पकड़कर अपनी-अपनी तलवार एक दूसरे के पाँजर में भोंक दी; और वे एक ही संग मरे। इससे उस स्थान का नाम हेल्कथस्सूरीम पड़ा, वह गिबोन में है।
وَاشْتَدَّ الْقِتَالُ فِي ذَلِكَ الْيَوْمِ، فَانْكَسَرَ أَبْنَيْرُ وَرِجَالُهُ أَمَامَ قُوَّاتِ دَاوُدَ. ١٧ 17
१७उस दिन बड़ा घोर युद्ध हुआ; और अब्नेर और इस्राएल के पुरुष दाऊद के जनों से हार गए।
وَكَانَ مِنْ جُمْلَةِ رِجَالِ دَاوُدَ هُنَاكَ أَبْنَاءُ صُرُوِيَّةَ: يُوآبُ وَأَبِيشَايُ وَعَسَائِيلُ. وَكَانَ عَسَائِيلُ سَرِيعَ الْعَدْوِ كَالْغَزَالِ الْبَرِّيِّ. ١٨ 18
१८वहाँ योआब, अबीशै, और असाहेल नामक सरूयाह के तीनों पुत्र थे। असाहेल जंगली हिरन के समान वेग से दौड़नेवाला था।
فَتَعَقَّبَ عَسَائِيلُ أَبْنَيْرَ وَلَمْ يَمِلْ عَنْهُ يَمْنَةً أَوْ يَسْرَةً. ١٩ 19
१९तब असाहेल अब्नेर का पीछा करने लगा, और उसका पीछा करते हुए न तो दाहिनी ओर मुड़ा न बाईं ओर।
فَالْتَفَتَ أَبْنَيْرُ وَرَاءَهُ وَتَسَاءَلَ: «هَلْ أَنْتَ عَسَائِيلُ؟» فَأَجَابَ: «أَنَا هُوَ». ٢٠ 20
२०अब्नेर ने पीछे फिरके पूछा, “क्या तू असाहेल है?” उसने कहा, “हाँ मैं वही हूँ।”
فَقَالَ لَهُ: «تَنَحَّ عَنِّي وَاقْبِضْ عَلَى أَحَدِ الرِّجَالِ الآخَرِينَ وَاسْلُبْهُ سِلاحَهُ». غَيْرَ أَنَّ عَسَائِيلَ ظَلَّ يَسْعَى فِي أَثَرِهِ. ٢١ 21
२१अब्नेर ने उससे कहा, “चाहे दाहिनी, चाहे बाईं ओर मुड़, किसी जवान को पकड़कर उसका कवच ले ले।” परन्तु असाहेल ने उसका पीछा न छोड़ा।
ثُمَّ عَادَ أَبْنَيْرُ يُلِحُّ عَلَى عَسَائِيلَ أَنْ يَكُفَّ عَنْهُ قَائِلاً: «لِمَاذَا تَدْفَعُنِي إِلَى قَتْلِكَ؟ وَكَيْفَ يُمْكِنُنِي أَنْ أُوَاجِهَ أَخَاكَ يُوآبَ إذَا قَتَلْتُكَ؟» ٢٢ 22
२२अब्नेर ने असाहेल से फिर कहा, “मेरा पीछा छोड़ दे; मुझ को क्यों तुझे मारकर मिट्टी में मिला देना पड़े? ऐसा करके मैं तेरे भाई योआब को अपना मुख कैसे दिखाऊँगा?”
لَكِنَّ عَسَائِيلَ أَبَى أَنْ يَتَنَحَّى عَنْهُ، فَطَعَنَهُ أَبْنَيْرُ بِعَقِبِ الرُّمْحِ، فَغَاصَ الرُّمْحُ فِي بَطْنِهِ وَخَرَجَ مِنْ ظَهْرِهِ، فَوَقَعَ صَرِيعاً وَمَاتَ فِي مَكَانِهِ. فَكَانَ كُلُّ مَنْ يَمُرُّ بِالْمَوْضِعِ الَّذِي صُرِعَ فِيهِ عَسَائِيلُ يَتَوَقَّفُ عِنْدَهُ. ٢٣ 23
२३तो भी उसने हट जाने को मना किया; तब अब्नेर ने अपने भाले की पिछाड़ी उसके पेट में ऐसे मारी, कि भाला आर-पार होकर पीछे निकला; और वह वहीं गिरकर मर गया। जितने लोग उस स्थान पर आए जहाँ असाहेल गिरकर मर गया, वहाँ वे सब खड़े रहे।
وَطَارَدَ يُوآبُ وَأَبِيشَايُ أَبْنَيْرَ حَتَّى مَغِيبِ الشَّمْسِ حَيْثُ أَتَيَا إِلَى تَلِّ أَمَّةَ مُقَابِلَ جِيحَ الوَاقِعَةِ عَلَى طَرِيقِ صَحْرَاءِ جِبْعُونَ. ٢٤ 24
२४परन्तु योआब और अबीशै अब्नेर का पीछा करते रहे; और सूर्य डूबते-डूबते वे अम्माह नामक उस पहाड़ी तक पहुँचे, जो गिबोन के जंगल के मार्ग में गीह के सामने है।
فَاجْتَمَعَ أَبْنَاءُ بِنْيَامِينَ وَرَاءَ أَبْنَيْرَ فِي قُوَّةٍ وَاحِدَةٍ وَاصْطَفُّوا عَلى رَأْسِ تَلٍّ وَاحِدٍ. ٢٥ 25
२५और बिन्यामीनी अब्नेर के पीछे होकर एक दल हो गए, और एक पहाड़ी की चोटी पर खड़े हुए।
فَنَادَى أَبْنَيْرُ يُوآبَ قَائِلاً: «أَيَنْبَغِي لِلسَّيْفِ أَنْ يَظَلَّ يَنْهَشُ إِلَى الأَبَدِ؟ أَلَمْ تَعْلَمْ أَنَّ عَاقِبَةَ الْقِتَالِ هِي مَرَارَةٌ؟ فَإِلَى مَتَى لَا تَأْمُرُ جَيْشَكَ بِالارْتِدَادِ عَنْ إِخْوَتِهِمْ؟» ٢٦ 26
२६तब अब्नेर योआब को पुकारके कहने लगा, “क्या तलवार सदा मारती रहे? क्या तू नहीं जानता कि इसका फल दुःखदाई होगा? तू कब तक अपने लोगों को आज्ञा न देगा, कि अपने भाइयों का पीछा छोड़कर लौटो?”
فَقَالَ يُوآبُ: «حَيٌّ هُوَ اللهُ فَإِنَّهُ لَوْ لَمْ تَتَكَلَّمْ لَتَعَقَّبَ رِجَالِي فِي الصَّبَاحِ إِخْوَتَهُمْ». ٢٧ 27
२७योआब ने कहा, “परमेश्वर के जीवन की शपथ, कि यदि तू न बोला होता, तो निःसन्देह लोग सवेरे ही चले जाते, और अपने-अपने भाई का पीछा न करते।”
وَنَفَخَ يُوآبُ بِالْبُوقِ فَكَفَّ جَمِيعُ جَيْشِهِ عَنْ مُطَارَدَةِ الإِسْرَائِيلِيِّينَ وَامْتَنَعُوا عَنِ الْمُحَارَبَةِ. ٢٨ 28
२८तब योआब ने नरसिंगा फूँका; और सब लोग ठहर गए, और फिर इस्राएलियों का पीछा न किया, और लड़ाई फिर न की।
فَانْطَلَقَ أَبْنَيْرُ وَرِجَالُهُ طَوَالِ اللَّيْلِ عَبْرَ وَادِي الأُرْدُنِّ وَظَلُّوا يَجِدُّونَ فِي السَّيْرِ إِلَى أَنْ بَلَغُوا مَحَنَايِمَ. ٢٩ 29
२९अब्नेर अपने जनों समेत उसी दिन रातों-रात अराबा से होकर गया; और यरदन के पार हो समस्त बित्रोन देश में होकर महनैम में पहुँचा।
وَرَجَعَ يُوآبُ عَنْ أَبْنَيْرَ، وَجَمَّعَ جَيْشَهُ، فَوَجَدَ أَنَّ الْمَفْقُودِينَ مِنْ قُوَّاتِ دَاوُدَ تِسْعَةَ عَشَرَ رَجُلاً بِالإِضَافَةِ إِلى عَسَائِيلَ. ٣٠ 30
३०योआब अब्नेर का पीछा छोड़कर लौटा; और जब उसने सब लोगों को इकट्ठा किया, तब क्या देखा, कि दाऊद के जनों में से उन्नीस पुरुष और असाहेल भी नहीं हैं।
أَمَّا الَّذِينَ مَاتُوا مِنَ الْبَنْيَامِينِيِّينَ وَمِنْ رِجَالِ أَبْنَيْرَ عَلَى أَيْدِي قُوَّاتِ دَاوُدَ فَكَانُوا ثَلاثَ مِئَةً وَسِتِّينَ رَجُلاً. ٣١ 31
३१परन्तु दाऊद के जनों ने बिन्यामीनियों और अब्नेर के जनों को ऐसा मारा कि उनमें से तीन सौ साठ जन मर गए।
وَنَقَلُوا عَسَائِيلَ وَدَفَنُوهُ فِي قَبْرِ أَبِيهِ فِي بَيْتِ لَحْمٍ. وَسَارَ يُوآبُ وَرِجَالُهُ اللَّيْلَ كُلَّهُ حَتَّى وَصَلُوا حَبْرُونَ عِنْدَ الْفَجْرِ. ٣٢ 32
३२और उन्होंने असाहेल को उठाकर उसके पिता के कब्रिस्तान में, जो बैतलहम में था, मिट्टी दी। तब योआब अपने जनों समेत रात भर चलकर पौ फटते-फटते हेब्रोन में पहुँचा।

< 2 صَمُوئيل 2 >