< 2 أخبار 36 >

وَوَلَّى شَعْبُ الأَرْضِ يَهُوآحَازَ بْنَ يُوشِيَّا مَلِكاً عَلَيْهِمْ خَلَفاً لأَبِيهِ فِي أُورُشَلِيمَ، ١ 1
यहोआहाज़, येहोआकिम और येहोआकिन का शासन: तब देश की प्रजा ने येरूशलेम में योशियाह के पुत्र यहोआहाज़ को उसके पिता योशियाह की जगह पर राजा होने के लिए चुना.
وَكَانَ يَهُوأَحَازُ فِي الثَّالِثَةِ وَالْعِشْرِينَ مِنْ عُمْرِهِ حِينَ مَلَكَ، وَدَامَ حُكْمُهُ ثَلاثَةَ أَشْهُرٍ فِي أُورُشَلِيمَ. ٢ 2
शासन शुरू करते समय यहोआहाज़ की उम्र तेईस साल थी. येरूशलेम में उसने तीन महीने शासन किया.
ثُمَّ عَزَلَهُ مَلِكُ مِصْرَ وَفَرَضَ جِزْيَةً عَلَى الْبِلادِ: مِئَةَ وَزْنَةٍ مِنَ الْفِضَّةِ (نَحْوَ ثَلاثَةِ آلافٍ وَسِتِّ مِئَةِ كِيلُو جِرَامٍ) وَوَزْنَةً مِنَ الذَّهَبِ (نَحْوَ سِتَّةٍ وَثَلاثِينَ كِيلُو جِرَاماً). ٣ 3
तब मिस्र के राजा ने उसे येरूशलेम में गद्दी से हटा दिया और देश पर साढ़े तीन हज़ार किलो चांदी और पैंतीस किलो सोने का कर लगा दिया.
وَنَصَّبَ مَلِكُ مِصْرَ أَلِيَاقِيمَ أَخَاهُ مَلِكاً عَلَى يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ، وَغَيَّرَ اسْمَهُ إِلَى يَهُويَاقِيمَ. أَمَّا يُوأَحَازُ أَخُوهُ فَاعْتَقَلَهُ وَسَاقَهُ أَسِيراً إِلَى مِصْرَ. ٤ 4
तब मिस्र के राजा ने उसके भाई एलियाकिम को यहूदिया और येरूशलेम का राजा बना दिया और उसका नाम बदलकर यहोइयाकिम रख दिया. मगर उसके भाई यहोआहाज़ को वह अपने साथ मिस्र ले गया.
وَكَانَ يَهُويَاقِيمُ فِي الْخَامِسَةِ وَالْعِشْرِينَ مِنْ عُمْرِهِ حِينَ مَلَكَ، وَدَامَ حُكْمُهُ إِحْدَى عَشْرَةَ سَنَةً فِي أُورُشَلِيمَ، وَارْتَكَبَ الشَّرَّ فِي عَيْنَيِ الرَّبِّ. ٥ 5
यहोइयाकिम की उम्र पच्चीस साल की थी, जब वह राजा बनाया गया. उसने येरूशलेम में ग्यारह साल शासन किया. उसने याहवेह अपने परमेश्वर की दृष्टि में बुरा किया.
ثُمَّ هَاجَمَهُ نَبُوخَذْنَصَّرُ مَلِكُ بَابِلَ وَأَخَذَهُ أَسِيراً مُقَيَّداً إِلَى بَابِلَ. ٦ 6
बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने हमला कर दिया और उसे कांसे की बेड़ियों से बांधकर बाबेल ले गया.
وَاسْتَوْلَى نَبُوخَذْنَصَّرُ عَلَى بَعْضِ آنِيَةِ هَيْكَلِ الرَّبِّ، وَأَخَذَهَا مَعَهُ إِلَى بَابِلَ، حَيْثُ وَضَعَهَا فِي هَيْكَلِهِ هُنَاكَ. ٧ 7
इसके अलावा नबूकदनेज्ज़र ने याहवेह के भवन की कुछ वस्तुएं लेकर बाबेल में अपने मंदिर में रख दीं.
أَمَّا بَقِيَّةُ أَخْبَارِ يَهُويَاقِيمَ وَشُرُورُهُ الَّتِي اقْتَرَفَهَا فَهِيَ مُدَوَّنَةٌ فِي كِتَابِ تَارِيخِ مُلُوكِ إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا. ثُمَّ خَلَفَهُ ابْنُهُ يَهُويَاكِينُ عَلَى الْمُلْكِ. ٨ 8
यहोइयाकिम द्वारा किए गए बाकी काम, उसके द्वारा किए गए घृणित काम और उसके सारे दोषों का वर्णन इस्राएल और यहूदिया के राजा नामक पुस्तक में किया गया है. उसके स्थान पर उसका पुत्र यहोइयाखिन राजा बन गया.
وَكَانَ يَهُويَاكِينُ فِي الثَّامِنَةِ عَشْرَةَ مِنْ عُمْرِهِ حِينَ مَلَكَ، وَدَامَ حُكْمُهُ ثَلاثَةَ أَشْهُرٍ وَعَشَرَةَ أَيَّامٍ فِي أُورُشَلِيمَ، وَارْتَكَبَ الشَّرَّ فِي عَيْنَيِ الرَّبِّ. ٩ 9
राजा बनने के समय यहोइयाखिन की उम्र आठ साल की थी. येरूशलेम में उसने तीन महीने और दस दिन शासन किया. उसने वही किया, जो याहवेह की दृष्टि में बुरा है.
وَفِي مَطْلَعِ السَّنَةِ الْجَدِيدَةِ، أَرْسَلَ الْمَلِكُ نَبُوخَذْنَصَّرُ فَقَبَضَ عَلَيْهِ وَنَقَلَهُ إِلَى بَابِلَ مَعَ آنِيَةِ بَيْتِ الرَّبِّ الثَّمِينَةِ، وَوَلَّى أَخَاهُ صِدْقِيَّا خَلَفاً لَهُ عَلَى يَهُوذَا وَأُورُشَلِيمَ. ١٠ 10
साल खत्म होते-होते वसन्त ऋतु में राजा नबूकदनेज्ज़र ने उसे याहवेह के भवन की कीमती वस्तुओं के साथ बाबेल बुलवा लिया और उसके संबंधी सीदकियाहू को यहूदिया और येरूशलेम पर राजा ठहरा दिया.
وَكَانَ صِدْقِيَّا فِي الْحَادِيَةِ وَالْعِشْرِينَ مِنْ عُمْرِهِ حِينَ مَلَكَ، وَدَامَ حُكْمُهُ إِحْدَى عَشْرَةَ سَنَةً فِي أُورُشَلِيمَ. ١١ 11
जब सीदकियाहू ने शासन शुरू किया उसकी उम्र इक्कीस साल थी. येरूशलेम में उसने ग्यारह साल शासन किया.
وَارْتَكَبَ الشَّرَّ فِي عَيْنَيِ الرَّبِّ إِلَهِهِ، وَلَمْ يَتَوَاضَعْ أَمَامَ إِرْمِيَا النَّبِيِّ الَّذِي نَطَقَ بِكَلامِ الرَّبِّ. ١٢ 12
उसने वह किया, जो याहवेह उसके परमेश्वर की दृष्टि में बुरा है. उसने याहवेह के अभिवक्ता भविष्यद्वक्ता येरेमियाह के सामने अपने आपको नम्र नहीं किया.
وَثَارَ أَيْضاً عَلَى الْمَلِكِ نَبُوخَذْنَصَّرَ، الَّذِي جَعَلَهُ يَحْلِفُ لَهُ يَمِينَ الْوَلاءِ، وَأَصَرَّ عَلَى عِنَادِهِ، وَأَغْلَظَ قَلْبَهُ فَلَمْ يَرْجِعْ إِلَى الرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ. ١٣ 13
उसने राजा नबूकदनेज्ज़र के विरुद्ध विद्रोह कर दिया, जिसने उसे सच्चा रहने के लिए परमेश्वर की शपथ दिलाई थी. वह हठी हो गया और उसका हृदय कठोर हो गया फलस्वरूप वह याहवेह इस्राएल के परमेश्वर की ओर न हुआ.
وَأَغْوَى مَعَهُ رُؤَسَاءَ الْكَهَنَةِ وَالشَّعْبِ الَّذِينَ ازْدَادُوا تَوَرُّطاً فِي خِيَانَةِ الرَّبِّ، مُرْتَكِبِينَ كُلَّ رَجَاسَاتِ الأُمَمِ، حَتَّى إِنَّهُمْ نَجَّسُوا بَيْتَ الرَّبِّ الَّذِي قَدَّسَهُ فِي أُورُشَلِيمَ. ١٤ 14
इसके अलावा पुरोहितों के अधिकारी और प्रजा और दूसरे जनताओं की घृणित प्रथाओं का पालन करते हुए याहवेह से विश्वासघात किया. येरूशलेम में पवित्र याहवेह के भवन को उन्होंने अशुद्ध कर दिया था.
وَأَرْسَلَ الرَّبُّ إِلَهُ آبَائِهِمْ إِلَيْهِمْ رُسُلاً بِصُورَةٍ مُتَوَالِيَةٍ مُحَذِّراً إِيَّاهُمْ لأَنَّهُ أَشْفَقَ عَلَى شَعْبِهِ وَعَلَى مَسْكَنِهِ. ١٥ 15
अपनी प्रजा के प्रति और अपने घर के प्रति अपनी दया के कारण याहवेह उनके पूर्वजों के परमेश्वर ने कई बार अपने दूतों के द्वारा उनके लिए अपना संदेश भेजा;
فَكَانُوا يَهْزَأُونَ بِرُسُلِ اللهِ، وَرَفَضُوا كَلامَهُ، وَاسْتَهَانُوا بِأَنْبِيَائِهِ، حَتَّى ثَارَ غَضَبُ الرَّبِّ عَلَى شَعْبِهِ وَامْتَنَعَ كُلُّ شِفَاءٍ! ١٦ 16
मगर वे हमेशा अपने ही परमेश्वर के संदेशवाहकों का मज़ाक उड़ाते रहे, उनके संदेश का तिरस्कार करते रहे और परमेश्वर के भविष्यवक्ताओं को मज़ाक का पात्र बना दिया. यह तब तक होता रहा जब तक याहवेह का क्रोध उनकी प्रजा पर टूट न पड़ा, जब तक परिस्थिति काबू से बाहर न हो गई.
فَأَرْسَلَ إِلَيْهِمْ مَلِكَ الْكِلْدَانِيِّينَ، فَقَتَلَ نُخْبَتَهُمْ بِالسَّيْفِ فِي الْهَيْكَلِ الْمُقَدَّسِ. وَلَمْ يَرْحَمِ الرَّبُّ فَتىً أَوْ عَذْرَاءَ أَوْ شَيْخاً أَوْ أَشْيَبَ، بَلْ أَسْلَمَهُمْ جَمِيعاً لِيَدِ الْكِلْدَانِيِّينَ، ١٧ 17
तब परमेश्वर उनके विरुद्ध कलदियों के राजा को ले आए. उसने उनके युवाओं का उन्हीं के पवित्र स्थान में वध कर दिया. उसने न तो युवाओं पर कृपा दिखाई और न कुंवारी कन्याओं पर, न बूढ़ों पर न कमज़ोरों पर. परमेश्वर ने सभी को नबूकदनेज्ज़र के अधीन कर दिया.
الَّذِينَ اسْتَوْلَوْا عَلَى آنِيَةِ بَيْتِ اللهِ، كَبِيرِهَا وَصَغِيرِهَا، وَخَزَائِنِ الْهَيْكَلِ وَقَصْرِ الْمَلِكِ، وَخَزَائِنِ قَادَتِهِ، وَنَقَلُوهَا كُلَّهَا إِلَى بَابِلَ. ١٨ 18
वह परमेश्वर के भवन की छोटी-बड़ी सभी वस्तुएं, याहवेह के भवन के खजाने और राजा और उसके साथी शासकों के भी खजाने, सभी कुछ अपने साथ बाबेल ले गया.
وَأَحْرَقُوا الْهَيْكَلَ وَهَدَمُوا سُورَ أُورُشَلِيمَ، وَأَشْعَلُوا النَّارَ فِي جَمِيعِ قُصُورِهَا، وَدَمَّرُوا تُحَفَهَا الثَّمِينَةَ. ١٩ 19
तब उन्होंने परमेश्वर के भवन को भस्म कर दिया. उन्होंने येरूशलेम की शहरपनाह तोड़ डाली, उसके सारे मजबूत भवनों को आग लगाकर नाश कर दिया, सभी कीमती वस्तुओं को ध्वस्त कर दिया.
وَسَبَى نَبُوخَذْنَصَّرُ الَّذِينَ نَجَوْا مِنَ السَّيْفِ إِلَى بَابِلَ، فَأَصْبَحُوا عَبِيداً لَهُ وَلأَبْنَائِهِ إِلَى أَنْ قَامَتْ مَمْلَكَةُ فَارِسَ. ٢٠ 20
उन सभी को, जो तलवार के वार से बच निकले थे, उन्हें वह अपने साथ बाबेल ले गया. ये सभी उस समय तक उसके और उसकी संतान के सेवक तब तक बने रहे जब तक फारस का शासन चलता रहा.
وَذَلِكَ لِكَيْ يَتِمَّ كَلامُ الرَّبِّ الَّذِي نَطَقَ بِهِ عَلَى لِسَانِ إِرْمِيَا، حَتَّى تَسْتَوْفِيَ الأَرْضُ سُبُوتَهَا، إِذْ أَنَّهَا بَقِيَتْ مِنْ غَيْرِ إِنْتَاجٍ كُلَّ أَيَّامِ خَرَابِهَا حَتَّى انْقِضَاءِ سَبْعِينَ سَنَةً. ٢١ 21
यह भविष्यद्वक्ता येरेमियाह द्वारा की गई याहवेह की भविष्यवाणी पूरी हुई थी, कि भूमि उन सत्तर सालों का शब्बाथ प्राप्‍त कर सके, जिनसे इसे दूर रखा गया था.
وَفِي السَّنَةِ الأُولَى لِحُكْمِ كُورَشَ مَلِكِ فَارِسَ، وَتَتْمِيماً لِكَلامِ الرَّبِّ بِفَمِ إِرْمِيَا، حَرَّكَ الرَّبُّ قَلْبَ كُورَشَ مَلِكِ فَارِسَ، فَأَطْلَقَ نِدَاءً فِي كُلِّ أَنْحَاءِ مَمْلَكَتِهِ قَائِلاً: ٢٢ 22
फारस के राजा कोरेश के शासन के पहले साल में येरेमियाह द्वारा कही गई याहवेह की भविष्यवाणी पूरी करने के उद्देश्य से याहवेह ने फारस के राजा की आत्मा को उभारा. फलस्वरूप उसने सभी राज्य में यह लिखित घोषणा करवा दी:
«هَذَا مَا يَقُولُهُ كُورَشُ مَلِكُ فَارِسَ: الرَّبُّ إِلَهُ السَّمَاءِ وَهَبَنِي جَمِيعَ مَمَالِكِ الأَرْضِ، وَأَمَرَنِي أَنْ أَبْنِيَ لَهُ هَيْكَلاً فِي أُورُشَلِيمَ الَّتِي فِي يَهُوذَا. وَعَلَى كُلِّ وَاحِدٍ مِنْ شَعْبِ الرَّبِّ أَنْ يَرْجِعَ إِلَى هُنَاكَ، وَلْيَكُنِ الرَّبُّ مَعَكُمْ». ٢٣ 23
फारस के राजा कोरेश की ओर से यह घोषणा की जा रही है: “‘स्वर्ग के परमेश्वर याहवेह ने मुझे पृथ्वी के सारे राज्यों का अधिकार सौंपा है. उन्हीं ने मुझे उनके लिए यहूदिया के येरूशलेम में एक भवन बनाने के लिए चुना है. तुम सब में से जो कोई उनकी प्रजा में से है, याहवेह उसका परमेश्वर उसके साथ रहे, उसे वहां जाने दिया जाए.’”

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