< 1 صَمُوئيل 19 >

وَحَضَّ شَاوُلُ ابْنَهُ يُونَاثَانَ وَسَائِرَ حَاشِيَتِهِ عَلَى قَتْلِ دَاوُدَ، ١ 1
शाऊल ने अपने पुत्र योनातान और अपने सब कर्मचारियों से दाऊद को मार डालने की चर्चा की। परन्तु शाऊल का पुत्र योनातान दाऊद से बहुत प्रसन्न था।
وَلَكِنَّ يُونَاثَانَ بْنَ شَاوُلَ، الَّذِي كَانَ مُعْجَباً جِدّاً بِدَاوُدَ، أَسَرَّ إِلَيْهِ قَائِلاً: «أَبِي يَلْتَمِسُ قَتْلَكَ، فَاحْتَرِسْ لِنَفْسِكَ فِي الْغَدِ وَاخْتَبِئْ، ٢ 2
योनातान ने दाऊद को बताया, “मेरा पिता तुझे मरवा डालना चाहता है; इसलिए तू सवेरे सावधान रहना, और किसी गुप्त स्थान में बैठा हुआ छिपा रहना;
وَأَنَا أَخْرُجُ مَعَ أَبِي إِلَى الْحَقْلِ الَّذِي تَخْتَبِئُ فِيهِ، وَأُحَدِّثُهُ عَنْكَ ثُمَّ أُخْبِرُكَ بِمَا يَكُونُ». ٣ 3
और मैं मैदान में जहाँ तू होगा वहाँ जाकर अपने पिता के पास खड़ा होकर उससे तेरी चर्चा करूँगा; और यदि मुझे कुछ मालूम हो तो तुझे बताऊँगा।”
وَرَاحَ يُونَاثَانُ يُثْنِي عَلَى دَاوُدَ أَمَامَ أَبِيهِ وَتَسَاءَلَ: «لِمَاذَا يُسِيءُ الْمَلِكُ إِلَى عَبْدِهِ دَاوُدَ، فَإِنَّهُ لَمْ يُخْطِئْ إِلَيْكَ، وَمَآثِرُهُ عَظِيمَةٌ جِدّاً؟ ٤ 4
योनातान ने अपने पिता शाऊल से दाऊद की प्रशंसा करके उससे कहा, “हे राजा, अपने दास दाऊद का अपराधी न हो; क्योंकि उसने तेरे विरुद्ध कोई अपराध नहीं किया, वरन् उसके सब काम तेरे बहुत हित के हैं;
لَقَدْ عَرَّضَ حَيَاتَهُ لِلْخَطَرِ عِنْدَمَا قَتَلَ الْفِلِسْطِينِيَّ، فَأَجْرَى الرَّبُّ خَلاصاً عَظِيماً لِجَمِيعِ إِسْرَائِيلَ. وَقَدْ شَهِدْتَ ذَلِكَ وَابْتَهَجْتَ بِهِ. فَلِمَاذَا تَقْتُلُ دَاوُدَ مِنْ غَيْرِ دَاعٍ وَتُسِيءُ إِلَى دَمٍ بَرِيءٍ؟» ٥ 5
उसने अपने प्राण पर खेलकर उस पलिश्ती को मार डाला, और यहोवा ने समस्त इस्राएलियों की बड़ी जय कराई। इसे देखकर तू आनन्दित हुआ था; और तू दाऊद को अकारण मारकर निर्दोष के खून का पापी क्यों बने?”
فَاقْتَنَعَ شَاوُلُ بِكَلامِ يُونَاثَانَ، وَقَالَ: «أُقْسِمُ بِاللهِ الْحَيِّ، لَنْ يُقْتَلَ دَاوُدُ». ٦ 6
तब शाऊल ने योनातान की बात मानकर यह शपथ खाई, “यहोवा के जीवन की शपथ, दाऊद मार डाला न जाएगा।”
فَاسْتَدْعَى يُونَاثَانُ دَاوُدَ وَأَطْلَعَهُ عَلَى مَا دَارَ مِنْ حَدِيثٍ، ثُمَّ جَاءَ بِهِ إِلَى شَاوُلَ، فَمَثُلَ فِي حَضْرَتِهِ كَمَا كَانَ يَفْعَلُ مِنْ قَبْلُ. ٧ 7
तब योनातान ने दाऊद को बुलाकर ये समस्त बातें उसको बताईं। फिर योनातान दाऊद को शाऊल के पास ले गया, और वह पहले की समान उसके सामने रहने लगा।
وَعَادَتِ الْحَرْبُ تَنْشَبُ مِنْ جَدِيدٍ، فَخَرَجَ دَاوُدُ لِمُحَارَبَةِ الْفِلِسْطِينِيِّينَ وَهَزَمَهُمْ هَزِيمَةً مُنْكَرَةً، فَلاذُوا بِالْفِرَارِ مِنْ أَمَامِهِ. ٨ 8
तब लड़ाई फिर होने लगी; और दाऊद जाकर पलिश्तियों से लड़ा, और उन्हें बड़ी मार से मारा, और वे उसके सामने से भाग गए।
وَذَاتَ يَوْمٍ كَانَ دَاوُدُ يَعْزِفُ لِشَاوُلَ، فَهَاجَمَ الرُّوحُ الرَّدِيءُ شَاوُلَ مِنْ لَدَى الرَّبِّ وَهُوَ جَالِسٌ فِي بَيْتِهِ، وَرُمْحُهُ بِيَدِهِ. ٩ 9
जब शाऊल हाथ में भाला लिए हुए घर में बैठा था; और दाऊद हाथ से वीणा बजा रहा था, तब यहोवा की ओर से एक दुष्ट आत्मा शाऊल पर चढ़ा।
فَصَوَّبَ الرُّمْحَ نَحْوَ دَاوُدَ وَرَمَاهُ بِهِ لِيَطْعَنَهُ وَيُسَمِّرَهُ إِلَى الْحَائِطِ، فَتَفَادَى دَاوُدُ الضَّرْبَةَ، وَهَرَبَ مِنْ أَمَامِ شَاوُلَ نَاجِياً بِحَيَاتِهِ تِلْكَ اللَّيْلَةَ، أَمَّا الرُّمْحُ فَغَاصَ فِي الْحَائِطِ. ١٠ 10
१०शाऊल ने चाहा, कि दाऊद को ऐसा मारे कि भाला उसे बेधते हुए दीवार में धँस जाए; परन्तु दाऊद शाऊल के सामने से ऐसा हट गया कि भाला जाकर दीवार ही में धँस गया। और दाऊद भागा, और उस रात को बच गया।
فَأَرْسَلَ شَاوُلُ مُرَاقِبِينَ إِلَى بَيْتِ دَاوُدَ يَتَرَصَّدُونَهُ لِيَقْتُلُوهُ فِي الصَّبَاحِ. فَأَخْبَرَتْهُ امْرَأَتُهُ مِيكَالُ قَائِلَةً: «إِذَا لَمْ تَنْجُ بِنَفْسِكَ هَذِهِ اللَّيْلَةَ فَإِنَّكَ لَا مَحَالَةَ تُقْتَلُ غَداً». ١١ 11
११तब शाऊल ने दाऊद के घर पर दूत इसलिए भेजे कि वे उसकी घात में रहें, और सवेरे उसे मार डालें, तब दाऊद की स्त्री मीकल ने उसे यह कहकर जताया, “यदि तू इस रात को अपना प्राण न बचाए, तो सवेरे मारा जाएगा।”
وَدَلَّتْهُ مِيكَالُ مِنَ النَّافِذَةِ، فَانْطَلَقَ هَارِباً وَنَجَا. ١٢ 12
१२तब मीकल ने दाऊद को खिड़की से उतार दिया; और वह भागकर बच निकला।
ثُمَّ أَخَذَتْ مِيكَالُ تِمْثَالاً وَوَضَعَتْهُ فِي فِرَاشِهِ، وَوَضَعَتْ تَحْتَ رَأْسِهِ لُبْدَةً مِنْ شَعْرِ الْمِعْزَى وَغَطَّتْهُ بِثَوْبٍ. ١٣ 13
१३तब मीकल ने गृहदेवताओं को ले चारपाई पर लिटाया, और बकरियों के रोए की तकिया उसके सिरहाने पर रखकर उनको वस्त्र ओढ़ा दिए।
وَعِنْدَمَا أَرْسَلَ شَاوُلُ جُنُودَهُ لِلْقَبْضِ عَلَى دَاوُدَ قَالَتْ لَهُمْ مِيكَالُ: «إِنَّهُ مَرِيضٌ». ١٤ 14
१४जब शाऊल ने दाऊद को पकड़ लाने के लिये दूत भेजे, तब वह बोली, “वह तो बीमार है।”
فَبَعَثَ شَاوُلُ الْجُنُودَ ثَانِيَةً لِيَرَوْا دَاوُدَ قَائِلاً: «ائْتُونِي بِهِ وَهُوَ فِي السَّرِيرِ لأَقْتُلَهُ». ١٥ 15
१५तब शाऊल ने दूतों को दाऊद के देखने के लिये भेजा, और कहा, “उसे चारपाई समेत मेरे पास लाओ कि मैं उसे मार डालूँ।”
فَأَقْبَلَ الْجُنُودُ، وَإذَا فِي الْفِرَاشِ تِمْثَالٌ وَلُبْدَةٌ مِنْ شَعْرِ الْمِعْزَى تَحْتَ رَأْسِهِ. ١٦ 16
१६जब दूत भीतर गए, तब क्या देखते हैं कि चारपाई पर गृहदेवता पड़े हैं, और सिरहाने पर बकरियों के रोए की तकिया है।
فَقَالَ شَاوُلُ لاِبْنَتِهِ مِيكَالَ: «لِمَاذَا خَدَعْتِنِي فَأَطْلَقْتِ عَدُوِّي حَتَّى نَجَا؟» فَأَجَابَتْ: «لَقَدْ تَوَعَّدَنِي قَائِلاً: أَطْلِقِينِي لِئَلّا أَقْتُلَكِ». ١٧ 17
१७अतः शाऊल ने मीकल से कहा, “तूने मुझे ऐसा धोखा क्यों दिया? तूने मेरे शत्रु को ऐसे क्यों जाने दिया कि वह बच निकला है?” मीकल ने शाऊल से कहा, “उसने मुझसे कहा, ‘मुझे जाने दे; मैं तुझे क्यों मार डालूँ’।”
وَعِنْدَمَا هَرَبَ دَاوُدُ وَنَجَا بِحَيَاتِهِ جَاءَ إِلَى صَمُوئِيلَ فِي الرَّامَةِ وَأَطْلَعَهُ عَمَّا فَعَلَهُ بِهِ شَاوُلُ، وَصَحَبَهُ صَمُوئِيلُ وَمَضَيَا وَأَقَامَا مَعاً فِي نَايُوتَ. ١٨ 18
१८दाऊद भागकर बच निकला, और रामाह में शमूएल के पास पहुँचकर जो कुछ शाऊल ने उससे किया था सब उसे कह सुनाया। तब वह और शमूएल जाकर नबायोत में रहने लगे।
فَقِيلَ لِشَاوُلَ: «هُوَذَا دَاوُدُ فِي نَايُوتَ فِي الرَّامَةِ». ١٩ 19
१९जब शाऊल को इसका समाचार मिला कि दाऊद रामाह में के नबायोत में है,
فَبَعَثَ بِجُنُودٍ لِلْقَبْضِ عَلَيْهِ. وَلَكِنْ عِنْدَمَا شَاهَدُوا جَمَاعَةَ الرَّبِّ يَتَنَبَّأُونَ بِرِئَاسَةِ صَمُوئِيلَ، حَلَّ رُوحُ الرَّبِّ عَلَى الْجُنُودِ فَتَنَبَّأُوا هُمْ أَيْضاً. ٢٠ 20
२०तब शाऊल ने दाऊद को पकड़ लाने के लिये दूत भेजे; और जब शाऊल के दूतों ने नबियों के दल को नबूवत करते हुए, और शमूएल को उनकी प्रधानता करते हुए देखा, तब परमेश्वर का आत्मा उन पर चढ़ा, और वे भी नबूवत करने लगे।
فَأَخْبَرُوا شَاوُلَ بِالأَمْرِ، فَبَعَثَ بِجُنُودٍ آخَرِينَ فَتَنَبَّأُوا هُمْ أَيْضاً. ثُمَّ عَادَ شَاوُلُ فَأَرْسَلَ فِرْقَةً ثَالِثَةً فَتَنَبَّأُوا هُمْ أَيْضاً. ٢١ 21
२१इसका समाचार पाकर शाऊल ने और दूत भेजे, और वे भी नबूवत करने लगे। फिर शाऊल ने तीसरी बार दूत भेजे, और वे भी नबूवत करने लगे।
وَأَخِيراً ذَهَبَ بِنَفْسِهِ إِلَى الرَّامَةِ، حَتَّى وَصَلَ إِلَى الْبِئْرِ الْعَظِيمَةِ الَّتِي عِنْدَ سِيخُو وَسَأَلَ: «أَيْنَ صَمُوئِيلُ وَدَاوُدُ؟» فَقِيلَ لَهُ: «هُمَا فِي نَايُوتَ فِي الرَّامَةِ». ٢٢ 22
२२तब वह आप ही रामाह को चला, और उस बड़े गड्ढे पर जो सेकू में है पहुँचकर पूछने लगा, “शमूएल और दाऊद कहाँ है?” किसी ने कहा, “वे तो रामाह के नबायोत में हैं।”
فَمَضَى إِلَى هُنَاكَ وَلَكِنْ فِي أَثْنَاءِ الطَّرِيقِ حَلَّ عَلَيْهِ رُوحُ الرَّبِّ، فَشَرَعَ يَتَنَبَّأُ حَتَّى بَلَغَ نَايُوتَ فِي الرَّامَةِ. ٢٣ 23
२३तब वह उधर, अर्थात् रामाह के नबायोत को चला; और परमेश्वर का आत्मा उस पर भी चढ़ा, और वह रामाह के नबायोत को पहुँचने तक नबूवत करता हुआ चला गया।
فَخَلَعَ هُوَ أَيْضاً ثِيَابَهُ وَرَاحَ يَتَنَبَّأُ أَمَامَ صَمُوئِيلَ، ثُمَّ انْطَرَحَ عَارِياً طُولَ ذَلِكَ النَّهَارِ وَاللَّيْلِ، لِذَلِكَ قِيلَ: «أَشَاوُلُ أَيْضاً بَيْنَ الأَنْبِيَاءِ؟». ٢٤ 24
२४और उसने भी अपने वस्त्र उतारे, और शमूएल के सामने नबूवत करने लगा, और भूमि पर गिरकर दिन और रात नंगा पड़ा रहा। इस कारण से यह कहावत चली, “क्या शाऊल भी नबियों में से है?”

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