< 1 مُلُوك 1 >

وَشَاخَ الْمَلِكُ دَاوُدُ وَطَعَنَ فِي السِّنِّ، فَكَانُوا يُدَثِّرُونَهُ بِالأَغْطِيَةِ فَلا يَشْعُرُ بِالدِّفْءِ. ١ 1
और दाऊद बादशाह बुड्ढा और उम्र दराज़ हुआ; और वह उसे कपड़े उढ़ाते, लेकिन वह गर्म न होता था।
فَقَالَ لَهُ عَبِيدُهُ: «لِيَلْتَمِسْ سَيِّدُنَا الْمَلِكُ فَتَاةً عذْرَاءَ تَخْدُمُكَ، وَتَعْتَنِي بِكَ وَتَضْطَجِعُ فِي حِضْنِكَ، فَتَبْعَثُ فِيكَ الدِّفْءَ». ٢ 2
तब उसके ख़ादिमों ने उससे कहा, कि हमारे मालिक बादशाह के लिए एक जवान कुँवारी ढूँडी जाए, जो बादशाह के सामने खड़ी रहे और उसकी देख भाल किया करे, और तेरे पहलू में लेट रहा करे ताकि हमारे मालिक बादशाह को गर्मी पहुँचे।
فَبَحَثُوا لَهُ عَنْ فَتَاةٍ جَمِيلَةٍ فِي أَرْجَاءِ إِسْرَائِيلَ، فَعَثَرُوا عَلَى أَبِيشَجَ الشُّونَمِيَّةِ فَأَحْضَرُوهَا إِلَى الْمَلِكِ. ٣ 3
चुनाँचे उन्होंने इस्राईल की सारी हुकूमत में एक ख़ूबसूरत लड़की तलाश करते करते शून्मीत अबीशाग को पाया, और उसे बादशाह के पास लाए।
وَكَانَتِ الْفَتَاةُ بَارِعَةَ الْجَمَالِ، فَصَارَتْ لَهُ حَاضِنَةً، تَقُومُ عَلَى خِدْمَتِهِ، وَلَكِنَّ الْمَلِكَ لَمْ يُعَاشِرْهَا. ٤ 4
और वह लड़की बहुत हसीन थी, तब वह बादशाह की देख भाल और उसकी ख़िदमत करने लगी; लेकिन बादशाह उससे वाक़िफ़ न हुआ।
وَعَظَّمَ أَدُونِيَّا ابْنُ حَجِّيثَ نَفْسَهُ قَائِلاً: «أَنَا أَمْلِكُ»، وَجَهَّزَ لِنَفْسِهِ مَرْكَبَاتٍ وَفُرْسَاناً وَاسْتَأْجَرَ خَمْسِينَ رَجُلاً يَجْرُونَ أَمَامَ مَوْكِبِهِ. ٥ 5
तब हज्जीत के बेटे अदूनियाह ने सर उठाया और कहने लगा, “मैं बादशाह हूँगा।” और अपने लिए रथ और सवार और पचास आदमी, जो उसके आगे — आगे दौड़ें, तैयार किए।
وَلَمْ يُغْضِبْهُ أَبُوهُ قَطُّ بِسُؤَالِهِ: «لِمَاذَا فَعَلْتَ هَكَذَا؟» وَكَانَ أَدُونِيَّا وَسِيمَ الطَّلْعَةِ، وَقَدْ أَنْجَبَتْهُ أُمُّهُ بَعْدَ أَبْشَالُومَ. ٦ 6
उसके बाप ने उसको कभी इतना भी कहकर ग़मगीन नहीं किया, कि तू ने यह क्यूँ किया है? और वह बहुत ख़ूबसूरत भी था, और अबीसलोम के बाद पैदा हुआ था।
وَتَدَاوَلَ الأَمْرَ مَعَ يُوآبَ بْنِ صُرُوِيَّةَ وَأَبِيَاثَارَ الْكَاهِنِ فَأَعَانَاهُ، ٧ 7
और उसने ज़रोयाह के बेटे योआब और अबीयातर काहिन से बात की; और यह दोनों अदूनियाह के पैरोकार होकर उसकी मदद करने लगे।
وَأَمَّا صَادُوقُ الْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَنَاثَانُ النَّبِيُّ وَشِمْعِي وَرِيعِي وَسِوَاهُمْ مِنَ الأَبْطَالِ مِنْ رِجَالِ دَاوُدَ فَلَمْ يَنْسَاقُوا مَعَهُ. ٨ 8
लेकिन सदूक़ काहिन, और यहूयदा' के बेटे बिनायाह, और नातन नबी, और सिम'ई और रे'ई और दाऊद के बहादुर लोगों ने अदूनियाह का साथ न दिया।
وَتَوَجَّهَ أَدُونِيَّا إِلَى عَيْنِ رُوجَلَ حَيْثُ ذَبَحَ غَنَماً وَبَقَراً وَمُسَمَّنَاتٍ عِنْدَ حَجَرِ الزَّاحِفَةِ، وَدَعَا جَمِيعَ إِخْوَتِهِ أَبْنَاءِ الْمَلِكِ، وَجَمِيعَ رِجَالِ يَهُوذَا مِنْ حَاشِيَةِ دَاوُدَ، ٩ 9
और अदूनियाह ने भेड़ें और बैल और मोटे — मोटे जानवर ज़ुहलत के पत्थर के पास, जो 'ऐन राजिल के बराबर है, ज़बह किए, और अपने सब भाइयों या'नी बादशाह के बेटों की, और सब यहूदाह के लोगों की, जो बादशाह के मुलाज़िम थे, दा'वत की;
وَلَكِنَّهُ لَمْ يَدْعُ نَاثَانَ النَّبِيَّ وَلا بَنَايَاهُو، وَلا الرِّجَالَ الأَبْطَالَ وَلا سُلَيْمَانَ أَخَاهُ. ١٠ 10
लेकिन नातन नबी और बिनायाह और बहादुर लोगों और अपने भाई सुलेमान को न बुलाया।
فَأَقْبَلَ نَاثَانُ النَّبِيُّ إِلَى بَثْشَبَعَ أُمِّ سُلَيْمَانَ قَائِلاً: «أَلَمْ تَعْلَمِي أَنَّ أَدُونِيَّا ابْنَ حَجِّيثَ قَدْ مَلَكَ، وَسَيِّدُنَا دَاوُدُ لَمْ يَعْرِفْ بِالأَمْرِ بَعْدُ؟ ١١ 11
तब नातन ने सुलेमान की माँ बतसबा' से कहा, क्या तू ने नहीं सुना कि हज्जीत का बेटा अदूनियाह बादशाह बन बैठा है, और हमारे मालिक दाऊद को यह मालूम नहीं?
فَالآنَ تَعَالَيْ أُشِيرُ عَلَيْكِ بِمَا يُنْقِذُكِ وَيُنْقِذُ ابْنَكِ سُلَيْمَانَ. ١٢ 12
अब तू आ कि मैं तुझे सलाह दूँ, ताकि तू अपनी और अपने बेटे सुलेमान की जान बचा सके।
امْضِي وَادْخُلِي إِلَى الْمَلِكِ دَاوُدَ وَقُولِي لَهُ: أَلَمْ تَحْلِفْ يَا سَيِّدِي الْمَلِكُ لِجَارِيَتِكَ أَنَّ ابْنِي سُلَيْمَانَ يَكُونُ الْمَلِكَ مِنْ بَعْدِي وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى عَرْشِي؟ فَلِمَاذَا مَلَكَ أَدُونِيَّا إِذاً؟» ١٣ 13
तू दाऊद बादशाह के सामने जाकर उससे कह, “ऐ मेरे मालिक, ऐ बादशाह, क्या तू ने अपनी लौंडी से क़सम खाकर नहीं कहा कि यक़ीनन तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद हुकूमत करेगा, और वही मेरे तख़्त पर बैठेगा? पस अदूनियाह क्यूँ बादशाही करता है?
وَفِيمَا أَنْتِ تُخَاطِبِينَ الْمَلِكَ أَدْخُلُ وَرَاءَكِ، وأُؤَيِّدُ كَلامَكِ. ١٤ 14
और देख, तू बादशाह से बात करती ही होगी कि मैं भी तेरे बाद आ पहुँचूँगा, और तेरी बातों की तस्दीक़ करूँगा।”
فَمَثَلَتْ بَثْشَبَعُ أَمَامَ الْمَلِكِ الشَّيْخِ فِي مُخْدَعِهِ، وَكَانَتْ أَبِيشَجُ الشُّونَمِيَّةُ قَائِمَةً عَلَى خِدْمَتِهِ. ١٥ 15
तब बतसबा' अन्दर कोठरी में बादशाह के पास गई; और बादशाह बहुत बुड्ढा था, और शून्मीत अबीशाग बादशाह की ख़िदमत करती थी।
فَأَكَبَّتْ بَثْشَبَعُ عَلَى وَجْهِهَا وَسَجَدَتْ لِلْمَلِكِ، فَسَأَلَهَا الْمَلِكُ: «مَالَكِ؟» ١٦ 16
और बतसबा' ने झुककर बादशाह को सिज्दा किया। बादशाह ने कहा, “तू क्या चाहती है?”
فَأَجَابَتْهُ: «لَقَدْ حَلَفْتَ لِي بِالرَّبِّ إِلَهِكَ يَا سَيِّدِي قَائِلاً:’إِنَّ سُلَيْمَانَ ابْنِي يُصْبِحُ مَلِكاً مِنْ بَعْدِي وَيَجْلِسُ عَلَى عَرْشِي‘ ١٧ 17
उसने उससे कहा, “ऐ मेरे मालिक, तू ने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की क़सम खाकर अपनी लौंडी से कहा था, यक़ीनन तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद हुकूमत करेगा, और वही मेरे तख़्त पर बैठेगा।
وَلَكِنْ هَا هُوَ أَدُونِيَّا قَدْ مَلَكَ مِنْ غَيْرِ عِلْمٍ مِنْكَ يَا سَيِّدِي الْمَلِكُ، ١٨ 18
पर देख, अब तो अदूनियाह बादशाह बन बैठा है, और ऐ मेरे मालिक बादशाह, तुझ को इसकी ख़बर नहीं।
وَقَدْ ذَبَحَ ثِيرَاناً وَمُسَمَّنَاتٍ وَغَنَماً بِوَفْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ أَبْنَاءِ الْمَلِكِ، وَأَبِيَاثَارَ الْكَاهِنَ، ويُوآبَ رَئِيسَ الْجَيْشِ، وَلَكِنْ لَمْ يَدْعُ سُلَيْمَانَ عَبْدَكَ. ١٩ 19
और उसने बहुत से बैल और मोटे मोटे जानवर और भेड़ें ज़बह की हैं; और बादशाह के सब बेटों और अबीयातर काहिन, और लश्कर के सरदार योआब की दा'वत की है, लेकिन तेरे बन्दे सुलेमान को उसने नहीं बुलाया।
إِنَّ جَمِيعَ أَعْيُنِ شَعْبِ إِسْرَائِيلَ، يَا سَيِّدِي الْمَلِكُ، تَتَّجِهُ نَحْوَكَ فِي انْتِظَارِ إِعْلانِكَ مَنْ يَخْلُفُ سَيِّدِي الْمَلِكَ عَلَى عَرْشِهِ. ٢٠ 20
लेकिन ऐ मेरे मालिक, सारे इस्राईल की निगाह तुझ पर है, ताकि तू उनको बताए कि मेरे मालिक बादशाह के तख़्त पर कौन उसके बाद बैठेगा।
وَإلَّا حَالَمَا يَنْضَمُّ سَيِّدِي الْمَلِكُ إِلَى آبَائِهِ نُعَامَلُ أَنَا وَابْنِي سُلَيْمَانُ مُعَامَلَةَ الْمُذْنِبِينَ». ٢١ 21
वरना यह होगा कि जब मेरा मालिक बादशाह अपने बाप — दादा के साथ सो जाएगा, तो मैं और मेरा बेटा सुलेमान दोनों क़ुसूरवार ठहरेंगे।”
وَفِيمَا هِيَ تُخَاطِبُ الْمَلِكَ جَاءَ نَاثَانُ النَّبِيُّ، ٢٢ 22
वह अभी बादशाह से बात ही कर रही थी कि नातन नबी आ गया।
فَقِيلَ لِلْمَلِكِ: «قَدْ جَاءَ نَاثَانُ النَّبِيُّ». فَمَثَلَ فِي حَضْرَةِ الْمَلِكِ وَسَجَدَ لَهُ، ٢٣ 23
और उन्होंने बादशाह को ख़बर दी, “देख, नातन नबी हाज़िर है।” और जब वह बादशाह के सामने आया, तो उसने मुँह के बल गिर कर बादशाह को सिज्दा किया।
وَتَسَاءَلَ نَاثَانُ: «هَلْ قُلْتَ يَا سَيِّدِي الْمَلِكُ: إِنَّ أَدُونِيَّا يَمْلِكُ مِنْ بَعْدِي وَيَخْلُفُنِي عَلَى عَرْشِي؟ ٢٤ 24
और नातन कहने लगा, ऐ मेरे मालिक बादशाह! क्या तू ने फ़रमाया है, कि मेरे बाद अदूनियाह बादशाह हो, और वही मेरे तख़्त पर बैठे'?
لأَنَّهُ قَدْ مَضَى الْيَوْمَ وَذَبَحَ ثِيرَاناً وَمُسَمَّنَاتٍ وَغَنَماً بِوَفْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ أَبْنَاءِ الْمَلِكِ وَرُؤَسَاءَ الْجَيْشِ وَأَبِيَاثَارَ الْكَاهِنَ، وَهَا هُمْ يَحْتَفِلُونَ آكِلِينَ شَارِبِينَ أَمَامَهُ هَاتِفِينَ: لِيَحْيَ الْمَلِكُ أَدُونِيَّا! ٢٥ 25
क्यूँकि उसने आज जाकर बैल और मोटे — मोटे जानवर और भेड़ें कसरत से ज़बह की हैं, और बादशाह के सब बेटों और लश्कर के सरदारों और अबीयातर काहिन की दा'वत की है; और देख, वह उसके सामने खा पी रहे हैं और कहते हैं, 'अदूनियाह बादशाह ज़िन्दा रहे!“
وَأَمَّا أَنَا وَصَادُوقُ الْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بنُ يَهُويَادَاعَ وَسُلَيْمَانُ فَلَمْ يَدْعُنَا. ٢٦ 26
लेकिन मुझ तेरे ख़ादिम को, और सदूक़ काहिन और यहूयदा' के बेटे बिनायाह और तेरे ख़ादिम सुलेमान को उसने नहीं बुलाया।
فَهَلْ صَدَرَ هَذَا الأَمْرُ عَنْ سَيِّدِي الْمَلِكِ مِنْ غَيْرِ أَنْ تُطْلِعَ عَبْدَكَ عَمَّنْ يَخْلُفُكَ عَلَى عَرْشِكَ؟» ٢٧ 27
क्या यह बात मेरे मालिक बादशाह की तरफ़ से है? और तू ने अपने ख़ादिमों को बताया भी नहीं कि मेरे मालिक बादशाह के बा'द, उसके तख़्त पर कौन बैठेगा?”
فَأَجَابَ الْمَلِكُ: «اسْتَدْعِ لِي بَثْشَبَعَ». فَمَثَلَتْ أَمَامَ الْمَلِكِ، ٢٨ 28
तब दाऊद बादशाह ने जवाब दिया और फ़रमाया, “बतसबा' को मेरे पास बुलाओ।” तब वह बादशाह के सामने आई और बादशाह के सामने खड़ी हुई।
فَحَلَفَ الْمَلِكُ: «حَيٌّ هُوَ الرَّبُّ الَّذِي أَنْقَذَ نَفْسِي مِنْ كُلِّ ضِيقٍ، ٢٩ 29
बादशाह ने क़सम खाकर कहा कि, ख़ुदावन्द की हयात की क़सम जिसने मेरी जान को हर तरह की आफ़त से रिहाई दी,
كَمَا أَقْسَمْتُ لَكِ بِالرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ أَنَّ ابْنَكِ سُلَيْمَانَ يَمْلِكُ بَعْدِي وَيَخْلُفُنِي عَلَى عَرْشِي، هَكَذَا أَفْعَلُ هَذَا الْيَوْمَ». ٣٠ 30
कि सचमुच जैसी मैंने ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की क़सम तुझ से खाई और कहा, कि यक़ीनन तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद बादशाह होगा, और वही मेरी जगह मेरे तख़्त पर बैठेगा, तो सचमुच मैं आज के दिन वैसा ही करूँगा।
فَخَرَّتْ بَثْشَبَعُ عَلَى وَجْهِهَا إِلَى الأَرْضِ سَاجِدَةً لِلْمَلِكِ وَقَالَتْ: «لِيَحْيَ سَيِّدِي الْمَلِكُ دَاوُدُ إِلَى الأَبَدِ!» ٣١ 31
तब बतसबा' ज़मीन पर मुँह के बल गिरी और बादशाह को सिज्दा करके कहा कि “मेरा मालिक दाऊद बादशाह, हमेशा ज़िन्दा रहे।”
وَقَالَ الْمَلِكُ دَاوُدُ: «اسْتَدْعِ لِي صَادُوقَ الْكَاهِنَ وَنَاثَانَ النَّبِيَّ وَبَنَايَاهُو بْنَ يَهُويَادَاعَ». فَدَخَلُوا إِلَى حَضْرَةِ الْمَلِكِ ٣٢ 32
और दाऊद बादशाह ने फ़रमाया, “कि सदूक़ काहिन आयर नातन नबी और यहूयदा' के बेटे बिनायाह को मेरे पास बुलाओ।” तब वह बादशाह के सामने आए।
فَقَالَ الْمَلِكُ لَهُمْ: «خُذُوا مَعَكُمْ رِجَالَ حَاشِيَةِ سَيِّدِكُمْ، وَأَرْكِبُوا سُلَيْمَانَ ابْنِي عَلَى بَغْلَتِي الْخَاصَّةِ، وَانْطَلِقُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ. ٣٣ 33
बादशाह ने उनको फ़रमाया कि तुम अपने मालिक के मुलाज़िमों को अपने साथ लो, और मेरे बेटे सुलेमान को मेरे ही खच्चर पर सवार कराओ; और उसे जैहून को ले जाओ;
وَلْيَمْسَحْهُ هُنَاكَ صَادُوقُ الْكَاهِنُ وَنَاثَانُ النَّبِيُّ مَلِكاً عَلَى إِسْرَائِيلَ، وَانْفُخُوا بِالْبُوقِ هَاتِفِينَ:’لِيَحْيَ الْمَلِكُ سُلَيْمَانُ‘. ٣٤ 34
और वहाँ सदूक़ काहिन और नातन नबी उसे मसह करें, कि वह इस्राईल का बादशाह हो; और तुम नरसिंगा फूँकना और कहना कि सुलेमान बादशाह ज़िन्दा रहे!“
ثُمَّ اصْعَدُوا وَرَاءَهُ حَتَّى يَأْتِيَ فَيَجْلِسَ عَلَى عَرْشِي، فَهُوَ الَّذِي اخْتَرْتُهُ لِيَخْلُفَنِي عَلَى عَرْشِ إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا». ٣٥ 35
फिर तुम उसके पीछे — पीछे चले आना, और वह आकर मेरे तख़्त पर बैठे; क्यूँकि वही मेरी जगह बादशाह होगा, और मैंने उसे मुक़र्रर किया है कि वह इस्राईल और यहूदाह का हाकिम हो।”
فَقَالَ بَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ لِلْمَلِكِ: «آمِين! لِيَكُنْ هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ إِلَهُ سَيِّدِي الْمَلِكِ! ٣٦ 36
तब यहूयदा' के बेटे बिनायाह ने बादशाह के जवाब में कहा, “आमीन! ख़ुदावन्द मेरे मालिक बादशाह का ख़ुदा भी ऐसा ही कहे।
وَكَمَا كَانَ الرَّبُّ مَعَ سَيِّدِي الْمَلِكِ لِيَكُنْ مَعَ سُلَيْمَانَ، وَيَجْعَلْ عَرْشَهُ أَعْظَمَ مِنْ عَرْشِ سَيِّدِي الْمَلِكِ دَاوُدَ». ٣٧ 37
जैसे ख़ुदावन्द मेरे मालिक बादशाह के साथ रहा, वैसे ही वह सुलेमान के साथ रहे; और उसके तख़्त को मेरे मालिक दाऊद बादशाह के तख़्त से बड़ा बनाए।”
وَمَضَى صَادُوقُ الْكَاهِنُ وَنَاثَانُ النَّبِيُّ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَضُبَّاطُ حَرَسِ الْمَلِكِ، وَأَرْكَبُوا سُلَيْمَانَ عَلَى بَغْلَةِ الْمَلِكِ دَاوُدَ، وَانْطَلَقُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ. ٣٨ 38
इसलिए सदूक़ काहिन और नातन नबी और यहूयदा' का बेटा बिनायाह और करेती और फ़लेती गए, और सुलेमान को दाऊद बादशाह के खच्चर पर सवार कराया और उसे जैहून पर लाए।
فَأَخَذَ صَادُوقُ الْكَاهِنُ قَرْنَ الدُّهْنِ مِنَ الْخَيْمَةِ وَمَسَحَ سُلَيْمَانَ، وَنَفَخُوا بِالْبُوقِ وَهَتَفَ جَمِيعُ الشَّعْبِ: «لِيَحْيَ الْمَلِكُ سُلَيْمَانُ». ٣٩ 39
और सदूक़ काहिन ने ख़ेमे से तेल का सींग लिया और सुलेमान को मसह किया। और उन्होंने नरसिंगा फूंका और सब लोगों ने कहा, सुलेमान बादशाह ज़िन्दा रहे!“
وَصَعِدَ جَمِيعُ الشَّعْبِ وَرَاءَ سُلَيْمَانَ وَهُمْ يَعْزِفُونَ عَلَى النَّايِ هَاتِفِينَ فَرَحاً، حَتَّى ارْتَجَّتِ الأَرْضُ مِنْ أَصْوَاتِهِمْ. ٤٠ 40
और सब लोग उसके पीछे आए और उन्होंने बाँसुलियाँ बजाईं और बड़ी ख़ुशी मनाई, ऐसा कि ज़मीन उनके शोरओ — गु़ल से गूँज उठी।
وَسَمِعَ أَدُونِيَّا وَمَدْعُوُّوهُ جَمِيعاً أَصْوَاتَ الْهُتَافِ بَعْدَ أَنْ فَرَغُوا مِنَ الأَكْلِ، وَبَلَغَ نَفِيرُ الْبُوقِ مَسَامِعَ يُوآبَ فَتَساءَلَ: «مَا مَعْنَى هَذَا الضَّجِيجِ فِي الْمَدِينَةِ؟» ٤١ 41
और अदूनियाह और उसके सब मेहमान जो उसके साथ थे, खा ही चुके थे कि उन्होंने यह सुना। और जब योआब को नरसिंगे की आवाज़ सुनाई दी तो उसने कहा, शहर में यह हंगामा और शोर क्यूँ मच रहा है?”
وَفِيمَا هُوَ يَتَسَاءَلُ جَاءَ يُونَاثَانُ بْنُ أَبِيَاثَارَ الْكَاهِنِ، فَقَالَ أَدُونِيَّا: «تَعَالَ، فَأَنْتَ رَجُلٌ كَرِيمٌ تَحْمِلُ بَشَائِرَ خَيْرٍ». ٤٢ 42
वह यह कह ही रहा था कि देखो, अबीयातर काहिन का बेटा यूनतन आया; और अदूनियाह ने उससे कहा, “भीतर आ; क्यूँकि तू लायक़ शख़्स है, और अच्छी ख़बर लाया होगा।”
فَأَجَابَ يُونَاثَانُ أَدُونِيَّا: «لا إِنَّ سَيِّدَنَا الْمَلِكَ دَاوُدَ قَدْ نَصَّبَ سُلَيْمَانَ مَلِكاً، ٤٣ 43
यूनतन ने अदूनियाह को जवाब दिया, वाक़ई हमारे मालिक दाऊद बादशाह ने सुलेमान को बादशाह बना दिया है।
وَبَعَثَ مَعَهُ صَادُوقَ الْكَاهِنَ وَنَاثَانَ النَّبِيَّ وَبَنَايَاهُو بْنَ يَهُويَادَاعَ وضُبَّاطَ حَرَسِهِ، فَأَرْكَبُوهُ عَلَى بَغْلَةِ الْمَلِكِ، ٤٤ 44
और बादशाह ने सदूक़ काहिन और नातन नबी और यहूयदा' के बेटे बिनायाह और करेतियों और फ़लेतियों को उसके साथ भेजा। तब उन्होंने बादशाह के खच्चर पर उसे सवार कराया।
وَمَسَحَهُ صَادُوقُ الْكَاهِنُ وَنَاثَانُ النَّبِيُّ مَلِكاً فِي جِيحُونَ، ثُمَّ صَعِدُوا مِنْ هُنَاكَ فَرِحِينَ هَاتِفِينَ، حَتَّى مَلأَ ضَجِيجُهُمُ الْمَدِينَةَ. وَهَذَا هُوَ مَصْدَرُ الصَّوْتِ الَّذِي سَمِعْتُمُوهُ. ٤٥ 45
और सदूक़ काहिन और नातन नबी ने जैहून पर उसको मसह करके बादशाह बनाया है; तब वह वहीं से ख़ुशी करते आए हैं, ऐसा कि शहर गूँज गया। वह शोर जो तुम ने सुना यही है।
وَقَدْ جَلَسَ سُلَيْمَانُ عَلَى كُرْسِيِّ الْمَمْلَكَةِ». ٤٦ 46
और सुलेमान तख़्त — ए — हुकूमत पर बैठ भी गया है।
وَتَوَافَدَ رِجَالُ الْمَلِكِ دَاوُدَ لِتَهْنِئَتِهِ قَائِلِينَ: «لِيَجْعَلْ إِلَهُكَ اسْمَ سُلَيْمَانَ أَكْثَرَ شُهْرَةً مِنِ اسْمِكَ، وَعَرْشَهُ أَعْظَمَ مِنْ عَرْشِكَ». فَسَجَدَ الْمَلِكُ عَلَى سَرِيرِهِ ٤٧ 47
इसके 'अलावा बादशाह के मुलाज़िम हमारे मालिक दाऊद बादशाह को मुबारकबाद देने आए और कहने लगे कि तेरा ख़ुदा, सुलेमान के नाम को तेरे नाम से ज़्यादा मुम्ताज़ करे, और उसके तख़्त को तेरे तख़्त से बड़ा बनाए; और बादशाह अपने बिस्तर पर सिजदे में हो गया।
قَائِلاً: «تَبَارَكَ الرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ الَّذِي أَنْعَمَ عَلَيَّ بِمَنْ يَخْلُفُنِي عَلَى عَرْشِي وَأَنَا مَازِلْتُ عَلَى قَيْدِ الْحَيَاةِ». ٤٨ 48
और बादशाह ने भी ऐसा फ़रमाया कि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा मुबारक हो, जिसने एक वारिस बख़्शा कि वह मेरी ही आँखों के देखते हुए आज मेरे तख़्त पर बैठे।
فَاعْتَرَتِ الرِّعْدَةُ جَمِيعَ مَدْعُوِّي أَدُونِيَّا، فَقَامُوا وَتَفَرَّقُوا كُلٌّ فِي سَبِيلِهِ. ٤٩ 49
फिर तो अदूनियाह के सब मेहमान डर गए, और उठ खड़े हुए और हर एक ने अपना रास्ता लिया।
وَمَلأَ الْخَوْفُ أَدُونِيَّا مِنْ سُلَيْمَانَ، فَانْطَلَقَ مُسْرِعاً وَتَمَسَّكَ بِقُرُونِ الْمَذْبَحِ. ٥٠ 50
और अदूनियाह सुलेमान की वजह से डर के मारे उठा, और जाकर मज़बह के सींग पकड़ लिए।
فَقِيلَ لِسُلَيْمَانَ: «هَا هُوَ أَدُونِيَّا قَدْ مَلأَهُ الْخَوْفُ مِنْكَ، وَقَدْ لَجَأَ إِلَى الْمَذْبَحِ يَتَمَسَّكُ بِقُرُونِهِ وَيَقُولُ: لِيَحْلِفْ لِي الْيَوْمَ سُلَيْمَانُ أَنَّهُ لَا يَقْتُلُ عَبْدَهُ بِالسَّيْفِ». ٥١ 51
और सुलेमान को यह बताया गया कि “देख, अदूनियाह सुलेमान बादशाह से डरता है, क्यूँकि उसने मज़बह के सींग पकड़ रख्खे हैं; और कहता है कि सुलेमान बादशाह आज के दिन मुझ से क़सम खाए, कि वह अपने ख़ादिम को तलवार से क़त्ल नहीं करेगा।”
فَقَالَ سُلَيْمَانُ: «إِنْ أَثْبَتَ صِدْقَ وَلائِهِ فَإِنَّ شَعْرَةً وَاحِدَةً مِنْ رَأْسِهِ لَنْ تَسْقُطَ إِلَى الأَرْضِ، وَلَكِنْ إِنْ أَضْمَرَ الْخِيَانَةَ وَالشَّرَّ فَإِنَّهُ حَتْماً يَمُوتُ». ٥٢ 52
सुलेमान ने कहा, “अगर वह अपने को लायक़ साबित करे, तो उसका एक बाल भी ज़मीन पर नहीं गिरेगा; लेकिन अगर उसमें शरारत पाई जाएगी तो वह मारा जाएगा।”
فَأَرْسَلَ الْمَلِكُ سُلَيْمَانُ مَنْ أَحْضَرَهُ مِنْ عِنْدِ الْمَذْبَحِ، فَأَتَى وَسَجَدَ لِلْمَلِكِ سُلَيْمَانَ، فَقَالَ لَهُ سُلَيْمَانُ: «اذْهَبْ إِلَى بَيْتِكَ». ٥٣ 53
तब सुलेमान बादशाह ने लोग भेजे, और वह उसे मज़बह पर से उतार लाए। उसने आकर सुलेमान बादशाह को सिज्दा किया; और सुलेमान ने उससे कहा, “अपने घर जा।”

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