< 1 مُلُوك 2 >
وَعِنْدَمَا أَحَسَّ دَاوُدُ بِدُنُوِّ أَجَلِهِ، أَوْصَى سُلَيْمَانَ ابْنَهُ قَائِلاً: | ١ 1 |
जब दावीद की मृत्यु का समय निकट आया, उन्होंने अपने पुत्र शलोमोन को ये आदेश दिए:
«أَنَا مَاضٍ إِلَى مَصِيرِ كُلِّ أَهْلِ الأَرْضِ، فَتَشَجَّعْ وَكُنْ رَجُلاً. | ٢ 2 |
“संसार की रीति के अनुसार मैं जा रहा हूं, तुम्हें मजबूत होना होगा और तुम्हें पुरुषार्थ दिखाना होगा.
احْفَظْ شَرَائِعَ إِلَهِكَ. سِرْ فِي سُبُلِهِ وَأَطِعْ فَرَائِضَهُ وَوَصَايَاهُ وَأَحْكَامَهُ وَشَهَادَاتِهِ، كَمَا هِيَ مُدَوَّنَةٌ فِي شَرِيعَةِ مُوسَى، لِيُحَالِفَكَ النَّجَاحُ فِي كُلِّ مَا تَفْعَلُ وَحَيْثُمَا تَتَوَجَّهُ، | ٣ 3 |
परमेश्वर के नियमों के पालन की जो जवाबदारी याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हें सौंपी है—उनके नियमों का पालन करने का, उनकी विधियों का पालन करने का, उनकी आज्ञा, चितौनियों और गवाहियों का पालन करने का, जैसा कि मोशेह की व्यवस्था में लिखा है; कि तुम्हारा हर एक काम जिसमें तुम लगे होते हो, चाहे वह कैसा भी काम हो; करते हो, समृद्ध हो जाओ;
فَيُحَقِّقَ الرَّبُّ وُعُودَهُ الَّتِي وَعَدَنِي بِها قَائِلاً: إِذَا حَفِظَ بَنُوكَ طَرِيقَهُمْ وَسَلَكُوا أَمَامِي بِإِخْلاصٍ مِنْ كُلِّ قُلُوبِهِمْ وَأَنْفُسِهِمْ، فَإِنَّهُ لَنْ يَنْقَطِعَ لَكَ رَجُلٌ عَنِ اعْتِلاءِ عَرْشِ إِسْرَائِيلَ. | ٤ 4 |
जिससे याहवेह मेरे बारे में ली गई अपनी इस शपथ को पूरा कर सकें: ‘यदि तुम्हारे पुत्रों का व्यवहार मेरे सामने उनके पूरे हृदय और प्राण से सच्चा रहेगा, इस्राएल के सिंहासन पर बैठने के लिए तुम्हें कभी कमी न होगी.’
أَنْتَ تَعْلَمُ مَا جَنَاهُ عَلَيَّ يُوآبُ ابْنُ صُرُوِيَّةَ حِينَ قَتَلَ قَائِدَيْ جُيُوشِ إِسْرَائِيلَ: أَبْنَيْرَ بْنَ نَيْرٍ وَعَمَاسَا بْنَ يَثْرٍ، فَسَفَكَ دَماً فِي وَقْتِ السِّلْمِ، وَكَأَنَّهُ فِي خِضَمِّ حَرْبٍ، فَلَطَّخَ بِذَلِكَ الدَّمِ حِزَامَ حَقَوَيْهِ وَنَعْلَيْ رِجْلَيْهِ. | ٥ 5 |
“इसके अलावा तुम्हें यह भी मालूम है कि ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब ने मेरे साथ कैसा गलत व्यवहार किया था—उसने इस्राएल की सेना के दो सेनापतियों—नेर के पुत्र अबनेर और येथेर के पुत्र अमासा की किस प्रकार हत्या की थी. उसने मेल के समय में भी युद्ध के समान लहू बहाया था. ऐसा करके उसने अपने कमरबंध को और अपने जूतों को लहू से भिगो दिया.
فَاقْضِ بِمَا تُمْلِيهِ عَلَيْكَ حِكْمَتُكَ، وَلا تَدَعْ رَأْسَهُ الأَشْيَبَ يَمُوتُ فِي سَلامٍ. (Sheol ) | ٦ 6 |
अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल करो और ध्यान रहे कि उसके लिए वह इस बुढ़ापे में पहुंचकर शांति से अधोलोक में प्रवेश न कर सके. (Sheol )
وَاصْنَعْ مَعْرُوفاً لِبَنِي بَرْزِلَّايِ الْجِلْعَادِيِّ، فَيَكُونُوا بَيْنَ الآكِلِينَ الدَّائِمِينَ عَلَى مَائِدَتِكَ، لأَنَّهُمْ وَقَفُوا إِلَى جَانِبِي عِنْدَ هُرُوبِي مِنْ وَجْهِ أَبْشَالُومَ أَخِيكَ. | ٧ 7 |
“मगर गिलआदवासी बारज़िल्लई की संतान पर विशेष दया दिखाते रहना. ऐसा करना कि वे भोजन के लिए तुम्हारे साथ बैठा करें; क्योंकि जब मैं तुम्हारे भाई अबशालोम से छिपता हुआ भाग रहा था, उन्होंने मेरी बड़ी सहायता की थी.
وَهُنَاكَ أَيْضاً شِمْعِي بْنُ جِيرَا الْبِنْيَامِينِيُّ مِنْ بَحُورِيمَ، فَقَدْ صَبَّ عَلَيَّ أَشَدَّ اللَّعْنَاتِ يَوْمَ انْطَلَقْتُ إِلَى مَحَنَايِمَ، وَلَكِنَّهُ انْحَدَرَ لِلِقَائِي عِنْدَ نَهْرِ الأُرْدُنِّ مُسْتَغْفِراً، فَحَلَفْتُ لَهُ بِالرَّبِّ أَنَّنِي لَنْ أُمِيتَهُ بِالسَّيْفِ، | ٨ 8 |
“यह न भूलना कि इस समय तुम्हें बहुरीम के रहनेवाले बिन्यामिन वंशज गेरा के पुत्र शिमेई के बारे में भी निर्णय लेना है. जब मैं माहानाईम की ओर बढ़ रहा था, उसने मुझे कड़े शाप दिए थे. मगर जब मैं लौट रहा था, वह मुझसे मिलने यरदन नदी के किनारे तक आया था. मैंने जीवित याहवेह की शपथ लेकर उसे आश्वासन दिया, ‘मेरी तलवार उस पर कभी न उठेगी.’
أَمَّا أَنْتَ فَلا تُبَرِّرْهُ مِنْ ذَنْبِهِ، وَأَنْتَ رَجُلٌ حَكِيمٌ، فَانْظُرْ مَا تُعَاقِبُهُ بِهِ. أَحْدِرْ شَيْبَتَهُ إِلَى الْقَبْرِ مُلَطَّخَةً بِالدَّمِ». (Sheol ) | ٩ 9 |
अब उसे दंड देने में ढिलाई न करना. तुम बुद्धिमान व्यक्ति हो, तुम्हें पता है कि सही क्या होगा. उसके बूढ़े शरीर को बिना लहू बहाए अधोलोक में उतरने न देना.” (Sheol )
ثُمَّ مَاتَ دَاوُدُ وَدُفِنَ فِي أُورُشَلِيمَ. | ١٠ 10 |
इसके बाद दावीद अपने पूर्वजों में जा मिले. उन्हें उन्हीं के नगर की कब्र में रख दिया गया.
وَكَانَتْ فَتْرَةُ حُكْمِ دَاوُدَ أَرْبَعِينَ سَنَةً، مَلَكَ سَبْعَ سِنِينَ فِي حَبْرُونَ وَثَلاثاً وَثَلاثِينَ سَنَةً فِي أُورُشَلِيمَ. | ١١ 11 |
इस्राएल पर दावीद के शासन की अवधि चालीस साल थी. उन्होंने हेब्रोन में सात साल और येरूशलेम में तैंतीस साल शासन किया.
وَأَصْبَحَ سُلَيْمَانُ مَلِكاً عَلَى إِسْرَائِيلَ خَلَفاً لِوَالِدِهِ دَاوُدَ، وَتَثَبَّتَتْ دَعَائِمُ مَمْلَكَتِهِ. | ١٢ 12 |
शलोमोन अपने पिता दावीद के राज सिंहासन पर बैठे. उनका शासन इस समय बहुत बढ़िया तरीके से दृढ़ हो चुका था.
وَجَاءَ أَدُونِيَّا بْنُ حَجِّيثَ إِلَى بَثْشَبَعَ أُمِّ سُلَيْمَانَ فَسَأَلَتْهُ: «أَجِئْتَ مُسَالِماً؟» فَأَجَابَهَا: «مُسَالِماً»، | ١٣ 13 |
एक दिन हेग्गीथ का पुत्र अदोनियाह शलोमोन की माता बैथशेबा से मिलने आया. बथशेबा ने उससे पूछा, “सब कुशल तो है न?” “जी हां, जी हां, सब कुशल है.” उसने उत्तर दिया.
وَأَضَافَ: «وَلَدَيَّ مَا أَطْلُبُهُ مِنْكِ». فَقَالَتْ: «تَكَلَّمْ» فَقَالَ: | ١٤ 14 |
उसने आगे कहना शुरू किया, “मुझे आपसे एक विनती करनी है.” बैथशेबा ने उत्तर दिया, “हां, कहो.”
«أَنْتِ تَعْلَمِينَ أَنَّ الْمُلْكَ كَانَ مِنْ حَقِّي، وَأَنَّ جَمِيعَ الإِسْرَائِيلِيِّينَ قَدِ الْتَفُّوا حَوْلِي لأَكُونَ مَلِكاً عَلَيْهِمْ، وَلَكِنْ تَحَوَّلَتِ الأُمُورُ، وَصَارَ الْمُلْكُ لأَخِي بِمُقْتَضَى أَمْرِ الرَّبِّ. | ١٥ 15 |
तब उसने कहा, “आपको तो इस बात का पता है ही कि वास्तव में यह राज्य मेरा था—पूरे इस्राएल की उम्मीद मुझसे ही थी. फिर पासा पलट गया और राज्य मेरे भाई का हो गया; क्योंकि यह याहवेह द्वारा उसी के लिए पहले से तय किया गया था.
وَلِيَ الآنَ مَطْلَبٌ وَاحِدٌ، فَلا تُخَيِّبِي أَمَلِي فِيهِ، | ١٦ 16 |
अब मैं आपसे सिर्फ एक विनती कर रहा हूं: कृपया मना न कीजिएगा.” बैथशेबा ने उससे कहा, “हां, कहो.”
اطْلُبِي مِنْ سُلَيْمَانَ الْمَلِكِ أَنْ يُزَوِّجَنِي مِنْ أَبِيشَجَ الشُّونَمِيَّةِ فَهُوَ لَا يَرُدُّ لَكِ سُؤْلاً». | ١٧ 17 |
अदोनियाह ने कहना शुरू किया, “आप कृपया राजा शलोमोन से विनती करें कि वह मुझे शूनामी अबीशाग से विवाह करने की अनुमति दे दें; वह आपका कहना नहीं टालेंगे.”
فَأَجَابَتْهُ بَثْشَبَعُ: «أَنَا أُخَاطِبُ الْمَلِكَ فِي الأَمْرِ نِيَابَةً عَنْكَ». | ١٨ 18 |
“ठीक है!” बैथशेबा ने उत्तर दिया, “तुम्हारी यह विनती मैं महाराज तक ज़रूर पहुंचा दूंगी.”
وَدَخَلَتْ بَثْشَبَعُ إِلَى سُلَيْمَانَ لِتَرْفَعَ إِلَيْهِ مَطْلَبَ أَدُونِيَّا، فَهَبَّ الْمَلِكُ لاِسْتِقْبَالِهَا وَسَجَدَ لَهَا، ثُمَّ جَلَسَ عَلَى الْعَرْشِ، وَأَعَدَّ لَهَا مَقْعَداً مَلَكِيًّا آخَرَ فَجَلَسَتْ عَنْ يَمِينِهِ، | ١٩ 19 |
तब बैथशेबा अदोनियाह के इस विषय को लेकर राजा शलोमोन के सामने गई. उन्हें देखकर राजा उठ खड़े हुए, और उनसे मिलने के पहले झुककर उन्हें नमस्कार किया. फिर वह अपने सिंहासन पर बैठ गए, उन्होंने आदेश दिया कि एक आसन उनकी माता के लिए लाया जाए. बैथशेबा उनके दाईं ओर उस आसन पर बैठ गईं.
وَقَالَتْ: «جِئْتُ أَطْلُبُ مِنْكَ أَمْراً وَاحِداً بَسِيطاً، فَلا تَرُدَّنِي خَائِبَةً». فَأَجَابَهَا: «اسْأَلِي يَا أُمِّي، لأَنِّي لَنْ أُخَيِّبَ لَكِ رَجَاءً». | ٢٠ 20 |
बैथशेबा ने अपनी बात कहनी शुरू की, “मैं तुमसे एक छोटी सी विनती कर रही हूं; कृपया मना न करना.” “मेरी माता, आप कहिए तो! मैं मना नहीं करूंगा.” राजा ने उन्हें आश्वासन दिया.
فَقَالَتْ: «زَوِّجْ أَدُونِيَّا أَخَاكَ مِنْ أَبِيشَجَ الشُّونَمِيَّةِ». | ٢١ 21 |
तब बैथशेबा ने आगे कहा, “अपने भाई अदोनियाह को शूनामी अबीशाग से विवाह करने की अनुमति दे दो.”
فَأَجَابَهَا الْمَلِكُ: «لِمَاذَا تَطْلُبِينَ أَبِيشَجَ الشُّونَمِيَّةَ فَقَطْ لأَدُونِيَّا؟ اُطْلُبِي لَهُ الْمُلْكَ أَيْضاً، فَهُوَ أَخِي الأَكْبَرُ، فَيُصْبِحَ الْمُلْكُ لَهُ وَلأَبِيَاثَارَ الْكَاهِنِ وَيُوآبَ ابْنِ صُرُوِيَّةَ». | ٢٢ 22 |
राजा शलोमोन ने अपनी माता को उत्तर दिया, “मां, आप अदोनियाह के लिए सिर्फ शूनामी अबीशाग की ही विनती क्यों कर रही हैं? आप तो उसके लिए पूरा राज्य ही मांग सकती थी; वह तो मेरा बड़ा भाई है. ऐसी ही विनती आप पुरोहित अबीयाथर और ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब के लिए भी कर सकती हैं!”
وَحَلَفَ سُلَيْمَانُ الْمَلِكُ بِالرَّبِّ قَائِلاً: «لِيُعَاقِبْنِي الرَّبُّ أَشَدَّ عِقَابٍ وَيَزِدْ إِنْ لَمْ يَدْفَعْ أَدُونِيَّا حَيَاتَهُ ثَمَناً لِهَذَا الْمَطْلَبِ. | ٢٣ 23 |
तब राजा शलोमोन ने याहवेह की शपथ लेते हुए कहा, “परमेश्वर मेरे साथ ऐसा ही, बल्कि इससे भी कहीं अधिक करें, यदि अदोनियाह अपनी इस बात का मूल्य अपने प्राणों से न चुकाए.
حَيٌّ هُوَ الرَّبُّ الَّذِي ثَبَّتَنِي وَأَجْلَسَنِي عَلَى عَرْشِ دَاوُدَ أَبِي وَأَعْطَانِي مُلْكاً كَمَا وَعَدَ. الْيَوْمَ يَمُوتُ أَدُونِيَّا». | ٢٤ 24 |
क्योंकि जीवित याहवेह ने ही मुझे मेरे पिता दावीद के सिंहासन पर बैठाया है, उन्हीं ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार मुझे राजवंश दिया है. यह तय है कि आज ही अदोनियाह को प्राण-दंड दिया जाएगा.”
وَأَرْسَلَ الْمَلِكُ سُلَيْمَانُ بَنَايَاهُو بْنَ يَهُويَادَاعَ فَقَتَلَ أَدُونِيَّا. | ٢٥ 25 |
राजा शलोमोन ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को यह जवाबदारी सौंपी, और उसके वार से अदोनियाह की मृत्यु हो गई.
وَقَالَ الْمَلِكُ لأَبِيَاثَارَ الْكَاهِنِ: «انْطَلِقْ إِلَى حُقُولِكَ فِي عَنَاثُوثَ وَامْكُثْ هُنَاكَ، فَأَنْتَ الْيَوْمَ مُسْتَوْجِبٌ المَوْتَ، وَلَكِنَّنِي لَنْ أَقْتُلَكَ، لأَنَّكَ حَمَلْتَ تَابُوتَ سَيِّدِي الرَّبِّ أَمَامَ دَاوُدَ أَبِي وَلأَنَّكَ قَاسَيْتَ مِنْ كُلِّ مَا قَاسَى مِنْهُ أَيْضاً». | ٢٦ 26 |
इसके बाद राजा ने पुरोहित अबीयाथर से कहा, “आप अनाथोथ चले जाइए, जहां आपकी पैतृक संपत्ति है. सही तो यह था कि आपको मृत्यु दंड दिया जाता, मगर इस समय मैं आपकी हत्या नहीं करूंगा, क्योंकि आपने मेरे पिता दावीद के सामने प्रभु याहवेह की वाचा के संदूक को उठाया था, साथ ही आप मेरे पिता के बुरे समय में उनके साथ बने रहे.”
وطَرَدَ سُلَيْمَانُ أَبِيَاثَارَ مِنْ وَظِيفَةِ الْكَهَنُوتِ، لِيَتِمَّ كَلامُ الرَّبِّ الَّذِي حَكَمَ بِهِ عَلَى نَسْلِ عَالِي فِي شِيلُوهَ. | ٢٧ 27 |
यह कहते हुए शलोमोन ने अबीयाथर को याहवेह के पुरोहित के पद से हटा दिया, कि याहवेह का वह कहा हुआ वचन पूरा हो जाए, जो उन्होंने शीलो में एली के वंश के संबंध में कहा था.
فَبَلَغَ الْخَبَرُ يُوآبَ الَّذِي كَانَ قَدْ تَآمَرَ مَعَ أَدُونِيَّا وَلَيْسَ مَعَ أَبْشَالُومَ، فَهَرَبَ إِلَى خَيْمَةِ الرَّبِّ وَتَشَبَّثَ بِقُرُونِ الْمَذْبَحِ، | ٢٨ 28 |
जब योआब को इसकी ख़बर मिली, वह दौड़कर याहवेह के मिलनवाले तंबू में जा पहुंचा, और उसने जाकर वेदी के सींग पकड़ लिए. ज़ाहिर है कि योआब अदोनियाह के पक्ष में था; हालांकि अबशालोम के पक्ष में नहीं.
فَقِيلَ لِلْمَلِكِ سُلَيْمَانَ إِنَّ يُوآبَ قَدْ لَجَأَ إِلَى خَيْمَةِ الرَّبِّ، وَهَا هُوَ مُقِيمٌ إِلَى جُوَارِ الْمَذْبَحِ، فَأَمَرَ سُلَيْمَانُ بَنَايَاهُو بْنَ يَهُويَادَاعَ أَنْ يَذْهَبَ وَيَقْتُلَهُ. | ٢٩ 29 |
जब राजा शलोमोन को यह बताया गया, योआब याहवेह के मिलनवाले तंबू को भाग गया है, और वह इस समय वेदी पर है, तो शलोमोन ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को आदेश दिया, “जाओ, उसे वहीं खत्म कर दो!”
فَدَخَلَ بَنَايَاهُو إِلَى خَيْمَةِ الرَّبِّ وَقَالَ لِيُوآبَ: «الْمَلِكُ يَأْمُرُكَ بِالْخُرُوجِ» فَأَجَابَ: «لا. لَنْ أَخْرُجَ بَلْ أَمُوتَ هُنَا» فَأَبْلَغَ بَنَايَاهُو الْمَلِكَ جَوَابَ يُوآبَ | ٣٠ 30 |
बेनाइयाह ने याहवेह के मिलनवाले तंबू के पास जाकर योआब से कहा, “यह महाराज का आदेश है, ‘आप मिलनवाले तंबू से बाहर आइए!’” किंतु योआब ने उत्तर दिया, “नहीं, मैं यहीं अपने प्राण दे दूंगा.” बेनायाह ने इसकी सूचना राजा को दे दी, “योआब ऐसा कर रहे हैं, और उन्होंने मुझे यह उत्तर दिया है.”
فَقَالَ لَهُ الْمَلِكُ: «افْعَلْ مِثْلَمَا قَالَ، وَاقْتُلْهُ وَادْفِنْهُ وَأَزِلْ عَنِّي وَعَنْ بَيْتِ أَبِي ذَنْبَ الدِّمَاءِ الزَّكِيَّةِ الَّتِي سَفَكَهَا يُوآبُ، | ٣١ 31 |
राजा ने बेनायाह को उत्तर दिया, “वही करो, जैसा वह चाह रहा है. उसे खत्म करो, और उसका अंतिम संस्कार भी कर देना. यह करने के द्वारा तुम मेरे पिता के वंश और मुझ पर उस सारे बहाए गए लहू का दोष दूर कर दोगे, जो योआब द्वारा बेकार ही बहाया गया था.
فَيُحَمِّلَهُ الرَّبُّ وَحْدَهُ وِزْرَ إِثْمِهِ، لأَنَّهُ اغْتَالَ بِالسَّيْفِ رَجُلَيْنِ بَرِيئَيْنِ، هُمَا أَفْضَلُ مِنْهُ، مِنْ غَيْرِ عِلْمِ دَاوُدَ أَبِي، وَهُمَا أَبْنَيْرُ بْنُ نَيْرٍ رَئِيسُ جَيْشِ إِسْرَائِيلَ، وَعَمَاسَا بْنُ يَثْرٍ رَئِيسُ جَيْشِ يَهُوذَا، | ٣٢ 32 |
याहवेह ही उन सभी कुकर्मों को उसके सिर पर ला छोड़ेंगे; क्योंकि उसने बिना मेरे पिता के जाने, अपने से कहीं अधिक भले और सुयोग्य व्यक्तियों की तलवार से हत्या की, नेर के पुत्र अबनेर की, जो इस्राएल की सेना के सेनापति थे, और येथेर के पुत्र अमासा की, जो यहूदिया की सेना के सेनापति थे.
فَيَرْتَدُّ دَمُهُمَا عَلَى رَأْسِ يُوآبَ وَرَأْسِ نَسْلِهِ إِلَى الأَبَدِ، وَيَمْلأُ سَلامُ الرَّبِّ دَاوُدَ وَنَسْلَهُ وَبَيْتَهُ وَعَرْشَهُ إِلَى مَدَى الدَّهْرِ». | ٣٣ 33 |
तब उन दोनों की हत्या का दोष लौटकर योआब और उनके वंशजों पर हमेशा के लिए आता रहेगा; मगर दावीद, उनके वंशजों, उनके परिवार और सिंहासन पर याहवेह के द्वारा दी गई शांति हमेशा बनी रहे.”
فَانْطَلَقَ بَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَقَتَلَ يُوآبَ. وَدُفِنَ فِي جُوَارِ بَيْتِهِ فِي الصَّحْرَاءِ. | ٣٤ 34 |
तब यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह भीतर गया, और योआब पर वार कर उसका वध कर दिया, और उसे बंजर भूमि के पास उसके घर पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
وَعَيَّنَ الْمَلِكُ بَنَايَاهُو بْنَ يَهُويَادَاعَ مَكَانَهُ قَائِداً لِلْجَيْشِ، وَأَقَامَ صَادُوقَ الْكَاهِنَ مَكَانَ أَبِيَاثَارَ. | ٣٥ 35 |
राजा ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को योआब की जगह पर सेनापति और अबीयाथर के स्थान पर सादोक को पुरोहित बना दिया.
ثُمَّ اسْتَدْعَى الْمَلِكُ شِمْعِي بْنَ جِيرَا وَقَالَ لَهُ: «ابْنِ لَكَ بَيْتاً فِي أُورُشَلِيمَ وَأَقِمْ هُنَاكَ، وَإِيَّاكَ أَنْ تُغَادِرَ الْمَدِينَةَ. | ٣٦ 36 |
इसके बाद राजा ने शिमेई को बुलवाया और उसे आदेश दिया, “येरूशलेम में अपने लिए घर बनाइए और उसी में रहिए. ध्यान रहे कि आप यहां से और कहीं न जाएं,
وَاعْلَمْ أَنَّكَ يَوْمَ تَتَخَطَّى وَادِي قَدْرُونَ فَإِنَّكَ حَتْماً تَمُوتُ وَيَكُونُ دَمُكَ عَلَى رَأْسِكَ». | ٣٧ 37 |
क्योंकि जिस दिन आप बाहर निकलेंगे, और किद्रोन घाटी पार करेंगे यह समझ लीजिए कि उस दिन आपकी मृत्यु तय होगी, और इसका दोष आपके ही सिर पर होगा.”
فَأَجَابَ شِمْعِي الْمَلِكَ: «حَسَناً، فَإِنَّ عَبْدَكَ يُنَفِّذُ كُلَّ مَا يَأْمُرُ بِهِ سَيِّدِي الْمَلِكُ». فَأَقَامَ شِمْعِي فِي أُورُشَلِيمَ أَيَّاماً كَثِيرَةً. | ٣٨ 38 |
शिमेई ने राजा को उत्तर दिया, “महाराज, मेरे स्वामी द्वारा दिए गए निर्देश सही ही हैं. जो कुछ महाराज, मेरे स्वामी ने कहा है, आपका सेवक उसका पालन ज़रूर करेगा.” तब शिमेई येरूशलेम में लंबे समय तक रहता रहा.
وَفِي خِتَامِ ثَلاثِ سَنَوَاتٍ هَرَبَ عَبْدَانِ لِشِمْعِي إِلَى أَخِيشَ بْنِ مَعْكَةَ مَلِكِ جَتَّ، فَقِيلَ لِشِمْعِي هُوَذَا عَبْدَاكَ فِي جَتَّ. | ٣٩ 39 |
तीन साल खत्म होते-होते शिमेई के दो सेवक भागकर गाथ के राजा माकाह के पुत्र आकीश के पास चले गए. शिमेई को यह सूचना दी गई: “सुनिए, आपके सेवक इस समय गाथ में हैं.”
فَقَامَ وَأَسْرَجَ حِمَارَهُ وَارْتَحَلَ إِلَى جَتَّ إِلَى أَخِيشَ لِيَبْحَثَ عَنْ عَبْدَيْهِ. وَلَمَّا وَجَدَهُمَا عَادَ بِهِمَا مِنْ جَتَّ. | ٤٠ 40 |
यह सुन शिमेई ने अपने गधे पर काठी कसी और गाथ के लिए निकल गया, कि आकीश के यहां जाकर अपने सेवकों को खोज सके. शिमेई वहां से अपने सेवकों को लेकर येरूशलेम लौट आया.
فَبَلَغَ سُلَيْمَانَ أَنَّ شِمْعِي قَدْ غَادَرَ أُورُشَلِيمَ إِلَى جَتَّ ثُمَّ عَادَ إِلَيْهَا، | ٤١ 41 |
शलोमोन को इस बात की सूचना दे दी गई कि शिमेई येरूशलेम से गाथ गया था और अब वह लौट चुका है.
فَاسْتَدْعَاهُ وَقَالَ لَهُ: «أَمَا اسْتَحْلَفْتُكَ بِالرَّبِّ وَأَشْهَدْتُ عَلَيْكَ أَنَّكَ يَوْمَ تُغَادِرُ الْمَدِينَةَ إِلَى أَيِّ مَكَانٍ آخَرَ حَتْماً تَمُوتُ. فَأَجَبْتَنِي: حَسَناً، وَسَمْعاً وَطَاعَةً. | ٤٢ 42 |
यह सुनकर राजा शिमेई को बुलाने का आदेश दिया. राजा ने शिमेई से प्रश्न किया, “क्या मैंने बड़ी गंभीरता से आपसे याहवेह की शपथ लेकर यह चेतावनी न दी थी, ‘जिस दिन आप येरूशलेम से बाहर निकलें, यह समझ लीजिए कि आपकी मृत्यु तय होगी’? जिसके उत्तर में आपने ही कहा था, ‘महाराज, मेरे स्वामी द्वारा दिए गए निर्देश सही ही हैं.’
فَلِمَاذَا نَقَضْتَ يَمِينَ الرَّبِّ وَنَكَثْتَ مَا أَوْصَيْتُكَ بِهِ؟» | ٤٣ 43 |
इतना होने पर भी आपने याहवेह के सामने ली गई शपथ का सम्मान और मेरे आदेश का पालन क्यों नहीं किया?”
ثُمَّ قَالَ الْمَلِكُ لَهُ: «أَنْتَ تُدْرِكُ فِي قَرَارَةِ نَفْسِكَ كُلَّ الشَّرِّ الَّذِي ارْتَكَبْتَهُ فِي حَقِّ أَبِي، فَلْيُعَاقِبْكَ الرَّبُّ بِمَا جَنَتْهُ يَدَاكَ. | ٤٤ 44 |
राजा ने शिमेई से यह भी कहा, “आपको उन सारे बुरे व्यवहारों और गलतियों का अहसास है, जो आपने मेरे पिता दावीद के साथ की थी; इसलिये याहवेह आपके द्वारा किए गए इन दुरव्यवहारों को आपके ही ऊपर लौटा ले आएंगे.
أَمَّا الْمَلِكُ فَلْيُنْعِمْ عَلَيْهِ الرَّبُّ بِبَرَكَاتِهِ، وَلْيَكُنْ عَرْشُ دَاوُدَ رَاسِخاً أَمَامَ الرَّبِّ إِلَى الأَبَدِ». | ٤٥ 45 |
मगर राजा शलोमोन धन्य रहेंगे और दावीद का सिंहासन याहवेह के सामने हमेशा के लिए बना रहेगा.”
وَأَمَرَ الْمَلِكُ بَنَايَاهُو بْنَ يَهُويَادَاعَ أَنْ يَخْرُجَ بِشِمْعِي وَيَقْتُلَهُ، وَهَكَذَا ثَبَتَ الْمُلْكُ لِسُلَيْمَانَ. | ٤٦ 46 |
राजा ने यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह को आदेश दिया, और उसने बाहर जाकर शिमाई पर ऐसा वार किया कि उसके प्राणपखेरु उड़ गए. इस प्रकार शलोमोन के हाथों में आया राज्य दृढ़ हो गया.