< رُوما 3 >

إِذًا مَا هُوَ فَضْلُ ٱلْيَهُودِيِّ، أَوْ مَا هُوَ نَفْعُ ٱلْخِتَانِ؟ ١ 1
येकोलायी गैरयहूदी को आगु तुम्हरो यहूदी होन को का फायदा यां खतना को का फायदा?
كَثِيرٌ عَلَى كُلِّ وَجْهٍ! أَمَّا أَوَّلًا فَلِأَنَّهُمُ ٱسْتُؤْمِنُوا عَلَى أَقْوَالِ ٱللهِ. ٢ 2
हर तरह सी बहुत फायदा हय। पहिले त यो कि परमेश्वर को वचन यहूदियों ख सौंप्यो गयो।
فَمَاذَا إِنْ كَانَ قَوْمٌ لَمْ يَكُونُوا أُمَنَاءَ؟ أَفَلَعَلَّ عَدَمَ أَمَانَتِهِمْ يُبْطِلُ أَمَانَةَ ٱللهِ؟ ٣ 3
यदि कुछ अविश्वासी निकले भी त का भयो? का उन्को विश्वासघाती होनो सी परमेश्वर की सच्चायी ख बेकार कर देयेंन?
حَاشَا! بَلْ لِيَكُنِ ٱللهُ صَادِقًا وَكُلُّ إِنْسَانٍ كَاذِبًا. كَمَا هُوَ مَكْتُوبٌ: «لِكَيْ تَتَبَرَّرَ فِي كَلَامِكَ، وَتَغْلِبَ مَتَى حُوكِمْتَ». ٤ 4
बिल्कुल नहीं! बल्की परमेश्वर सच्चो हय अऊर हर एक आदमी झूठो ठहर सकय हय, जसो शास्त्र म लिख्यो हय, “जब तय खुद को बचाव म बोलेंन तब तय सही ठहरेंन अऊर न्याय करतो समय तय जीत पायेंन।”
وَلَكِنْ إِنْ كَانَ إِثْمُنَا يُبَيِّنُ بِرَّ ٱللهِ، فَمَاذَا نَقُولُ؟ أَلَعَلَّ ٱللهَ ٱلَّذِي يَجْلِبُ ٱلْغَضَبَ ظَالِمٌ؟ أَتَكَلَّمُ بِحَسَبِ ٱلْإِنْسَانِ. ٥ 5
येकोलायी यदि हमरो बुरो काम परमेश्वर को आगु सही ठहराय देवय हय, का हम कह्य सकजे हय जब परमेश्वर हम्ख सजा देवय हय त का ऊ गलत करय हय? यो त मय आदमी की रीति पर कहू हय।
حَاشَا! فَكَيْفَ يَدِينُ ٱللهُ ٱلْعَالَمَ إِذْ ذَاكَ؟ ٦ 6
बिल्कुल नहीं! नहीं त परमेश्वर कसो जगत को न्याय करेंन?
فَإِنَّهُ إِنْ كَانَ صِدْقُ ٱللهِ قَدِ ٱزْدَادَ بِكَذِبِي لِمَجْدِهِ، فَلِمَاذَا أُدَانُ أَنَا بَعْدُ كَخَاطِئٍ؟ ٧ 7
यदि मोरो झूठ को वजह परमेश्वर की सच्चायी ओकी महिमा लायी, ज्यादा कर क् प्रगट भयी त तब का पापी को जसो मय सजा को लायक ठहरायो जाऊ हय?
أَمَا كَمَا يُفْتَرَى عَلَيْنَا، وَكَمَا يَزْعُمُ قَوْمٌ أَنَّنَا نَقُولُ: «لِنَفْعَلِ ٱلسَّيِّآتِ لِكَيْ تَأْتِيَ ٱلْخَيْرَاتُ»؟ ٱلَّذِينَ دَيْنُونَتُهُمْ عَادِلَةٌ. ٨ 8
“हम कहाली बुरायी करबो कि भलायी निकले?” जसो हम पर योच दोष लगायो भी जावय हय, अऊर कुछ कहजे हंय कि येको योच कहनो हय। पर असो ख दोषी ठहरानो ठीक हय।
فَمَاذَا إِذًا؟ أَنَحْنُ أَفْضَلُ؟ كَلَّا ٱلْبَتَّةَ! لِأَنَّنَا قَدْ شَكَوْنَا أَنَّ ٱلْيَهُودَ وَٱلْيُونَانِيِّينَ أَجْمَعِينَ تَحْتَ ٱلْخَطِيَّةِ، ٩ 9
त फिर का भयो? का हम यहूदी गैरयहूदियों सी अच्छो हंय? कभी नहीं; कहालीकि हम यहूदियों अऊर गैरयहूदियों दोयी पर यो दोष लगाय चुक्यो हंय कि हि सब को सब पाप को अधिन म हंय।
كَمَا هُوَ مَكْتُوبٌ: «أَنَّهُ لَيْسَ بَارٌّ وَلَا وَاحِدٌ. ١٠ 10
जसो लिख्यो हंय: कोयी सच्चो नहाय, एक भी नहीं।
لَيْسَ مَنْ يَفْهَمُ. لَيْسَ مَنْ يَطْلُبُ ٱللهَ. ١١ 11
कोयी समझदार नहाय; कोयी परमेश्वर ख ढूंढन वालो नहाय।
ٱلْجَمِيعُ زَاغُوا وَفَسَدُوا مَعًا. لَيْسَ مَنْ يَعْمَلُ صَلَاحًا لَيْسَ وَلَا وَاحِدٌ. ١٢ 12
सब परमेश्वर सी भटक गयो हंय, सब को सब निकम्मो बन गयो हंय; कोयी भलायी करन वालो नहाय, एक भी नहाय।
حَنْجَرَتُهُمْ قَبْرٌ مَفْتُوحٌ. بِأَلْسِنَتِهِمْ قَدْ مَكَرُوا. سِمُّ ٱلْأَصْلَالِ تَحْتَ شِفَاهِهِمْ. ١٣ 13
उन्को शब्द दु: ख दायक खुल्यो हुयो कब्र जसो हय, उन्न अपनी जीबली सी छल करयो हय, उन्को होठों सांपो को जहेर जसो हय।
وَفَمُهُمْ مَمْلُوءٌ لَعْنَةً وَمَرَارَةً. ١٤ 14
उन्को मुंह श्राप अऊर कड़वाहट सी भरयो हय।
أَرْجُلُهُمْ سَرِيعَةٌ إِلَى سَفْكِ ٱلدَّمِ. ١٥ 15
ओको पाय खून बहावन ख फुर्तीलो हंय,
فِي طُرُقِهِمِ ٱغْتِصَابٌ وَسُحْقٌ. ١٦ 16
ओको रस्ता म नाश अऊर कठिनायी हय।
وَطَرِيقُ ٱلسَّلَامِ لَمْ يَعْرِفُوهُ. ١٧ 17
उन्न शान्ति को रस्ता नहीं जान्यो।
لَيْسَ خَوْفُ ٱللهِ قُدَّامَ عُيُونِهِمْ». ١٨ 18
उन्की आंखी को आगु परमेश्वर को आदर नहाय।
وَنَحْنُ نَعْلَمُ أَنَّ كُلَّ مَا يَقُولُهُ ٱلنَّامُوسُ فَهُوَ يُكَلِّمُ بِهِ ٱلَّذِينَ فِي ٱلنَّامُوسِ، لِكَيْ يَسْتَدَّ كُلُّ فَمٍ، وَيَصِيرَ كُلُّ ٱلْعَالَمِ تَحْتَ قِصَاصٍ مِنَ ٱللهِ. ١٩ 19
हम जानजे हय कि व्यवस्था जो कुछ कह्य हय उन्को सीच कह्य हय, जो व्यवस्था को अधीन हंय; येकोलायी कि हर एक मुंह बन्द करयो जाये अऊर पूरो जगत परमेश्वर को न्याय को लायक हंय;
لِأَنَّهُ بِأَعْمَالِ ٱلنَّامُوسِ كُلُّ ذِي جَسَدٍ لَا يَتَبَرَّرُ أَمَامَهُ. لِأَنَّ بِٱلنَّامُوسِ مَعْرِفَةَ ٱلْخَطِيَّةِ. ٢٠ 20
कहालीकि व्यवस्था को कामों सी कोयी आदमी परमेश्वर को आगु सच्चो नहीं ठहरे, येकोलायी कि व्यवस्था को द्वारा पाप की पहिचान होवय हय।
وَأَمَّا ٱلْآنَ فَقَدْ ظَهَرَ بِرُّ ٱللهِ بِدُونِ ٱلنَّامُوسِ، مَشْهُودًا لَهُ مِنَ ٱلنَّامُوسِ وَٱلْأَنْبِيَاءِ، ٢١ 21
पर अब व्यवस्था सी अलग परमेश्वर की ऊ सच्चायी प्रगट भयी हय, जेकी गवाही मूसा की व्यवस्था अऊर भविष्यवक्ता देवय हंय,
بِرُّ ٱللهِ بِٱلْإِيمَانِ بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، إِلَى كُلِّ وَعَلَى كُلِّ ٱلَّذِينَ يُؤْمِنُونَ. لِأَنَّهُ لَا فَرْقَ. ٢٢ 22
मतलब परमेश्वर की ऊ सच्चायी जो यीशु मसीह पर विश्वास करन सी मिलय हय ऊ सब लोगों लायी हय। कहालीकि येको म कुछ भेद भाव नहाय;
إِذِ ٱلْجَمِيعُ أَخْطَأُوا وَأَعْوَزَهُمْ مَجْدُ ٱللهِ، ٢٣ 23
येकोलायी कि सब न पाप करयो हय अऊर परमेश्वर की महिमा सी दूर होय गयो हंय,
مُتَبَرِّرِينَ مَجَّانًا بِنِعْمَتِهِ بِٱلْفِدَاءِ ٱلَّذِي بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، ٢٤ 24
पर ओको अनुग्रह सी ऊ छुटकारा को द्वारा जो मसीह यीशु म हय, सब को सब सच्चो ठहरायो जावय हंय।
ٱلَّذِي قَدَّمَهُ ٱللهُ كَفَّارَةً بِٱلْإِيمَانِ بِدَمِهِ، لِإِظْهَارِ بِرِّهِ، مِنْ أَجْلِ ٱلصَّفْحِ عَنِ ٱلْخَطَايَا ٱلسَّالِفَةِ بِإِمْهَالِ ٱللهِ، ٢٥ 25
यीशु ख परमेश्वर न ओको खून म विश्वास को द्वारा असो जेको द्वारा लोगों की पापों की माफी होवय हय ऊ बली ठहरायो, जो विश्वास करन सी कार्यकारी होवय हय, कि जो पाप पहिले करयो गयो अऊर जिन पर परमेश्वर न अपनी सहनशीलता को वजह ध्यान नहीं दियो। उन्को बारे म ऊ अपनी सच्चायी प्रगट करे।
لِإِظْهَارِ بِرِّهِ فِي ٱلزَّمَانِ ٱلْحَاضِرِ، لِيَكُونَ بَارًّا وَيُبَرِّرَ مَنْ هُوَ مِنَ ٱلْإِيمَانِ بِيَسُوعَ. ٢٦ 26
बल्की योच समय ओकी सच्चायी प्रगट हो कि जेकोसी ऊ खुदच सच्चो ठहरे, अऊर जो यीशु पर विश्वास करे ओको भी सच्चो ठहरान वालो हो।
فَأَيْنَ ٱلٱفْتِخَارُ؟ قَدِ ٱنْتَفَى. بِأَيِّ نَامُوسٍ؟ أَبِنَامُوسِ ٱلْأَعْمَالِ؟ كَلَّا. بَلْ بِنَامُوسِ ٱلْإِيمَانِ. ٢٧ 27
त घमण्ड कित हय? घमण्ड करन को वजह का हय? ओको पालन करनो का ऊ यो आय? नहीं, पर ओको पर विश्वास करनो।
إِذًا نَحْسِبُ أَنَّ ٱلْإِنْسَانَ يَتَبَرَّرُ بِٱلْإِيمَانِ بِدُونِ أَعْمَالِ ٱلنَّامُوسِ. ٢٨ 28
येकोलायी हम यो परिनाम पर पहुंचजे हंय कि आदमी व्यवस्था को कामों सी अलगच, विश्वास को द्वारा सच्चो ठहरय हय।
أَمِ ٱللهُ لِلْيَهُودِ فَقَطْ؟ أَلَيْسَ لِلْأُمَمِ أَيْضًا؟ بَلَى، لِلْأُمَمِ أَيْضًا. ٢٩ 29
या परमेश्वर केवल यहूदियों कोच आय? का गैरयहूदियों को नहीं? हव, निश्चितच गैरयहूदियों को भी आय।
لِأَنَّ ٱللهَ وَاحِدٌ، هُوَ ٱلَّذِي سَيُبَرِّرُ ٱلْخِتَانَ بِٱلْإِيمَانِ وَٱلْغُرْلَةَ بِٱلْإِيمَانِ. ٣٠ 30
कहालीकि एकच परमेश्वर हय, यहूदियों ख विश्वास सी अऊर गैरयहूदियों ख भी विश्वास को द्वारा सच्चो ठहरायेंन।
أَفَنُبْطِلُ ٱلنَّامُوسَ بِٱلْإِيمَانِ؟ حَاشَا! بَلْ نُثَبِّتُ ٱلنَّامُوسَ. ٣١ 31
त का हम व्यवस्था ख विश्वास को द्वारा बेकार ठहराजे हंय? बिल्कुल नहीं! बल्की व्यवस्था ख बनायो रहजे हंय।

< رُوما 3 >