< اَلْمَزَامِيرُ 124 >
تَرْنِيمَةُ ٱلْمَصَاعِدِ. لِدَاوُدَ «لَوْلَا ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي كَانَ لَنَا». لِيَقُلْ إِسْرَائِيلُ: | ١ 1 |
अब इस्राईल यूँ कहे, अगर ख़ुदावन्द हमारी तरफ़ न होता,
«لَوْلَا ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي كَانَ لَنَا عِنْدَ مَا قَامَ ٱلنَّاسُ عَلَيْنَا، | ٢ 2 |
अगर ख़ुदावन्द उस वक़्त हमारी तरफ़ न होता, जब लोग हमारे ख़िलाफ़ उठे,
إِذًا لَٱبْتَلَعُونَا أَحْيَاءً عِنْدَ ٱحْتِمَاءِ غَضَبِهِمْ عَلَيْنَا، | ٣ 3 |
तो जब उनका क़हर हम पर भड़का था, वह हम को ज़िन्दा ही निगल जाते।
إِذًا لَجَرَفَتْنَا ٱلْمِيَاهُ، لَعَبَرَ ٱلسَّيْلُ عَلَى أَنْفُسِنَا. | ٤ 4 |
उस वक़्त पानी हम को डुबो देता, और सैलाब हमारी जान पर से गुज़र जाता।
إِذًا لَعَبَرَتْ عَلَى أَنْفُسِنَا ٱلْمِيَاهُ ٱلطَّامِيَةُ». | ٥ 5 |
उस वक़्त मौजज़न, पानी हमारी जान पर से गुज़र जाता।
مُبَارَكٌ ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي لَمْ يُسْلِمْنَا فَرِيسَةً لِأَسْنَانِهِمْ. | ٦ 6 |
ख़ुदावन्द मुबारक हो, जिसने हमें उनके दाँतों का शिकार न होने दिया।
ٱنْفَلَتَتْ أَنْفُسُنَا مِثْلَ ٱلْعُصْفُورِ مِنْ فَخِّ ٱلصَّيَّادِينَ. ٱلْفَخُّ ٱنْكَسَرَ، وَنَحْنُ ٱنْفَلَتْنَا. | ٧ 7 |
हमारी जान चिड़िया की तरह चिड़ीमारों के जाल से बच निकली, जाल तो टूट गया और हम बच निकले।
عَوْنُنَا بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ، ٱلصَّانِعِ ٱلسَّمَاوَاتِ وَٱلْأَرْضَ. | ٨ 8 |
हमारी मदद ख़ुदावन्द के नाम से है, जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया।