< اَلْمَزَامِيرُ 124 >
تَرْنِيمَةُ ٱلْمَصَاعِدِ. لِدَاوُدَ «لَوْلَا ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي كَانَ لَنَا». لِيَقُلْ إِسْرَائِيلُ: | ١ 1 |
१दाऊद की यात्रा का गीत इस्राएल यह कहे, कि यदि हमारी ओर यहोवा न होता,
«لَوْلَا ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي كَانَ لَنَا عِنْدَ مَا قَامَ ٱلنَّاسُ عَلَيْنَا، | ٢ 2 |
२यदि यहोवा उस समय हमारी ओर न होता जब मनुष्यों ने हम पर चढ़ाई की,
إِذًا لَٱبْتَلَعُونَا أَحْيَاءً عِنْدَ ٱحْتِمَاءِ غَضَبِهِمْ عَلَيْنَا، | ٣ 3 |
३तो वे हमको उसी समय जीवित निगल जाते, जब उनका क्रोध हम पर भड़का था,
إِذًا لَجَرَفَتْنَا ٱلْمِيَاهُ، لَعَبَرَ ٱلسَّيْلُ عَلَى أَنْفُسِنَا. | ٤ 4 |
४हम उसी समय जल में डूब जाते और धारा में बह जाते;
إِذًا لَعَبَرَتْ عَلَى أَنْفُسِنَا ٱلْمِيَاهُ ٱلطَّامِيَةُ». | ٥ 5 |
५उमड़ते जल में हम उसी समय ही बह जाते।
مُبَارَكٌ ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي لَمْ يُسْلِمْنَا فَرِيسَةً لِأَسْنَانِهِمْ. | ٦ 6 |
६धन्य है यहोवा, जिसने हमको उनके दाँतों तले जाने न दिया!
ٱنْفَلَتَتْ أَنْفُسُنَا مِثْلَ ٱلْعُصْفُورِ مِنْ فَخِّ ٱلصَّيَّادِينَ. ٱلْفَخُّ ٱنْكَسَرَ، وَنَحْنُ ٱنْفَلَتْنَا. | ٧ 7 |
७हमारा जीव पक्षी के समान चिड़ीमार के जाल से छूट गया; जाल फट गया और हम बच निकले!
عَوْنُنَا بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ، ٱلصَّانِعِ ٱلسَّمَاوَاتِ وَٱلْأَرْضَ. | ٨ 8 |
८यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, हमारी सहायता उसी के नाम से होती है।