< اَلْمَزَامِيرُ 12 >
لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ عَلَى «ٱلْقَرَارِ». مَزْمُورٌ لِدَاوُدَ خَلِّصْ يَارَبُّ، لِأَنَّهُ قَدِ ٱنْقَرَضَ ٱلتَّقِيُّ، لِأَنَّهُ قَدِ ٱنْقَطَعَ ٱلْأُمَنَاءُ مِنْ بَنِي ٱلْبَشَرِ. | ١ 1 |
१प्रधान बजानेवाले के लिये खर्ज की राग में दाऊद का भजन हे यहोवा बचा ले, क्योंकि एक भी भक्त नहीं रहा; मनुष्यों में से विश्वासयोग्य लोग लुप्त हो गए हैं।
يَتَكَلَّمُونَ بِٱلْكَذِبِ كُلُّ وَاحِدٍ مَعَ صَاحِبِهِ، بِشِفَاهٍ مَلِقَةٍ، بِقَلْبٍ فَقَلْبٍ يَتَكَلَّمُونَ. | ٢ 2 |
२प्रत्येक मनुष्य अपने पड़ोसी से झूठी बातें कहता है; वे चापलूसी के होठों से दो रंगी बातें करते हैं।
يَقْطَعُ ٱلرَّبُّ جَمِيعَ ٱلشِّفَاهِ ٱلْمَلِقَةِ وَٱللِّسَانَ ٱلْمُتَكَلِّمَ بِٱلْعَظَائِمِ، | ٣ 3 |
३यहोवा सब चापलूस होठों को और उस जीभ को जिससे बड़ा बोल निकलता है काट डालेगा।
ٱلَّذِينَ قَالُوا: «بِأَلْسِنَتِنَا نَتَجَبَّرُ. شِفَاهُنَا مَعَنَا. مَنْ هُوَ سَيِّدٌ عَلَيْنَا؟». | ٤ 4 |
४वे कहते हैं, “हम अपनी जीभ ही से जीतेंगे, हमारे होंठ हमारे ही वश में हैं; हम पर कौन शासन कर सकेगा?”
«مِنِ ٱغْتِصَابِ ٱلْمَسَاكِينِ، مِنْ صَرْخَةِ ٱلْبَائِسِينَ، ٱلْآنَ أَقُومُ، يَقُولُ ٱلرَّبُّ، أَجْعَلُ فِي وُسْعٍ ٱلَّذِي يُنْفَثُ فِيهِ». | ٥ 5 |
५दीन लोगों के लुट जाने, और दरिद्रों के कराहने के कारण, यहोवा कहता है, “अब मैं उठूँगा, जिस पर वे फुँकारते हैं उसे मैं चैन विश्राम दूँगा।”
كَلَامُ ٱلرَّبِّ كَلَامٌ نَقِيٌّ، كَفِضَّةٍ مُصَفَّاةٍ فِي بُوطَةٍ فِي ٱلْأَرْضِ، مَمْحُوصَةٍ سَبْعَ مَرَّاتٍ. | ٦ 6 |
६यहोवा का वचन पवित्र है, उस चाँदी के समान जो भट्ठी में मिट्टी पर ताई गई, और सात बार निर्मल की गई हो।
أَنْتَ يَارَبُّ تَحْفَظُهُمْ. تَحْرُسُهُمْ مِنْ هَذَا ٱلْجِيلِ إِلَى ٱلدَّهْرِ. | ٧ 7 |
७तू ही हे यहोवा उनकी रक्षा करेगा, उनको इस काल के लोगों से सर्वदा के लिये बचाए रखेगा।
ٱلْأَشْرَارُ يَتَمَشَّوْنَ مِنْ كُلِّ نَاحِيَةٍ عِنْدَ ٱرْتِفَاعِ ٱلْأَرْذَالِ بَيْنَ ٱلنَّاسِ. | ٨ 8 |
८जब मनुष्यों में बुराई का आदर होता है, तब दुष्ट लोग चारों ओर अकड़ते फिरते हैं।