< اَلْمَزَامِيرُ 111 >
هَلِّلُويَا. أَحْمَدُ ٱلرَّبَّ بِكُلِّ قَلْبِي فِي مَجْلِسِ ٱلْمُسْتَقِيمِينَ وَجَمَاعَتِهِمْ. | ١ 1 |
ख़ुदावन्द की हम्द करो! मैं रास्तबाज़ों की मजलिस में और जमा'अत में, अपने सारे दिल से ख़ुदावन्द का शुक्र करूँगा।
عَظِيمَةٌ هِيَ أَعْمَالُ ٱلرَّبِّ. مَطْلُوبَةٌ لِكُلِّ ٱلْمَسْرُورِينَ بِهَا. | ٢ 2 |
ख़ुदावन्द के काम 'अज़ीम हैं, जो उनमें मसरूर हैं उनकी तलाश। में रहते हैं।
جَلَالٌ وَبَهَاءٌ عَمَلُهُ، وَعَدْلُهُ قَائِمٌ إِلَى ٱلْأَبَدِ. | ٣ 3 |
उसके काम जलाली और पुर हश्मत हैं, और उसकी सदाकत हमेशा तक क़ाईम है।
صَنَعَ ذِكْرًا لِعَجَائِبِهِ. حَنَّانٌ وَرَحِيمٌ هُوَ ٱلرَّبُّ. | ٤ 4 |
उसने अपने 'अजायब की यादगार क़ाईम की है; ख़ुदावन्द रहीम — ओ — करीम है।
أَعْطَى خَائِفِيهِ طَعَامًا. يَذْكُرُ إِلَى ٱلْأَبَدِ عَهْدَهُ. | ٥ 5 |
वह उनको जो उससे डरते हैं खू़राक देता है; वह अपने 'अहद को हमेशा याद रख्खेगा।
أَخْبَرَ شَعْبَهُ بِقُوَّةِ أَعْمَالِهِ، لِيُعْطِيَهُمْ مِيرَاثَ ٱلْأُمَمِ. | ٦ 6 |
उसने कौमों की मीरास अपने लोगों को देकर, अपने कामों का ज़ोर उनकी दिखाया।
أَعْمَالُ يَدَيْهِ أَمَانَةٌ وَحَقٌّ. كُلُّ وَصَايَاهُ أَمِينَةٌ. | ٧ 7 |
उसके हाथों के काम बरहक़ और इन्साफ भरे हैं; उसके तमाम क़वानीन रास्त है,
ثَابِتَةٌ مَدَى ٱلدَّهْرِ وَٱلْأَبَدِ، مَصْنُوعَةٌ بِٱلْحَقِّ وَٱلِٱسْتِقَامَةِ. | ٨ 8 |
वह हमेशा से हमेशा तक क़ाईम रहेंगे, वह सच्चाई और रास्ती से बनाए गए हैं।
أَرْسَلَ فِدَاءً لِشَعْبِهِ. أَقَامَ إِلَى ٱلْأَبَدِ عَهْدَهُ. قُدُّوسٌ وَمَهُوبٌ ٱسْمُهُ. | ٩ 9 |
उसने अपने लोगों के लिए फ़िदिया दिया; उसने अपना 'अहद हमेशा के लिए ठहराया है। उसका नाम पाक और बड़ा है।
رَأْسُ ٱلْحِكْمَةِ مَخَافَةُ ٱلرَّبِّ. فِطْنَةٌ جَيِّدَةٌ لِكُلِّ عَامِلِيهَا. تَسْبِيحُهُ قَائِمٌ إِلَى ٱلْأَبَدِ. | ١٠ 10 |
ख़ुदावन्द का ख़ौफ़ समझ का शुरू' है; उसके मुताबिक 'अमल करने वाले अक़्लमंद हैं। उसकी सिताइश हमेशा तक क़ाईम है।