< اَلْعَدَد 3 >
وَهَذِهِ تَوَالِيدُ هَارُونَ وَمُوسَى يَوْمَ كَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى فِي جَبَلِ سِينَاءَ. | ١ 1 |
और जिस दिन ख़ुदावन्द ने कोह-ए-सीना पर मूसा से बातें कीं, तब हारून और मूसा के पास यह औलाद थी।
وَهَذِهِ أَسْمَاءُ بَنِي هَارُونَ: نَادَابُ ٱلْبِكْرُ، وَأَبِيهُو وَأَلِعَازَارُ وَإِيثَامَارُ. | ٢ 2 |
और हारून के बेटों के नाम यह हैं: नदब जो पहलौठा था, और अबीहू और इली'एलियाज़र और ऐतामर।
هَذِهِ أَسْمَاءُ بَنِي هَارُونَ ٱلْكَهَنَةِ ٱلْمَمْسُوحِينَ ٱلَّذِينَ مَلَأَ أَيْدِيَهُمْ لِلْكَهَانَةِ. | ٣ 3 |
हारून के बेटे जो कहानत के लिए मम्सूह हुए और जिनको उसने कहानत की ख़िदमत के लिए मख़्सूस किया था उनके नाम यही हैं।
وَلَكِنْ مَاتَ نَادَابُ وَأَبِيهُو أَمَامَ ٱلرَّبِّ عِنْدَمَا قَرَّبَا نَارًا غَرِيبَةً أَمَامَ ٱلرَّبِّ فِي بَرِّيَّةِ سِينَاءَ، وَلَمْ يَكُنْ لَهُمَا بَنُونَ. وَأَمَّا أَلِعَازَارُ وَإِيثَامَارُ فَكَهَنَا أَمَامَ هَارُونَ أَبِيهِمَا. | ٤ 4 |
और नदब और अबीहू तो जब उन्होंने दश्त — ए — सीना में ख़ुदावन्द के सामने ऊपरी आग पेश कीं तब ही ख़ुदावन्द के सामने मर गए, और वह बे — औलाद भी थे। और इली'एलियाज़र और ऐतामर अपने बाप हारून के सामने कहानत की ख़िदमत को अन्जाम देते थे।
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: | ٥ 5 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
«قَدِّمْ سِبْطَ لَاوِي وَأَوْقِفْهُمْ قُدَّامَ هَارُونَ ٱلْكَاهِنِ وَلْيَخْدِمُوهُ. | ٦ 6 |
“लावी के क़बीले को नज़दीक लाकर हारून काहिन के आगे हाज़िर कर ताकि वह उसकी ख़िदमत करें।
فَيَحْفَظُونَ شَعَائِرَهُ وَشَعَائِرَ كُلِّ ٱلْجَمَاعَةِ قُدَّامَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، وَيَخْدِمُونَ خِدْمَةَ ٱلْمَسْكَنِ، | ٧ 7 |
और जो कुछ उसकी तरफ़ से और जमा'अत की तरफ़ से उनको सौंपा जाए वह सब की ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के आगे निगहबानी करें ताकि घर की ख़िदमत बजा लाएँ।
فَيَحْرُسُونَ كُلَّ أَمْتِعَةِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، وَحِرَاسَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَيَخْدِمُونَ خِدْمَةَ ٱلْمَسْكَنِ. | ٨ 8 |
और वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के सब सामान की और बनी — इस्राईल की सारी अमानत की हिफ़ाज़त करें ताकि घर की ख़िदमत बजा लाएँ।
فَتُعْطِي ٱللَّاوِيِّينَ لِهَارُونَ وَلِبَنِيهِ. إِنَّهُمْ مَوْهُوبُونَ لَهُ هِبَةً مِنْ عِنْدِ بَنِي إِسْرَائِيلَ. | ٩ 9 |
और तू लावियों को हारून और उसके बेटों के हाथ में सुपर्द कर; बनी — इस्राईल की तरफ़ से वह बिल्कुल उसे दे दिए गए हैं।
وَتُوَكِّلُ هَارُونَ وَبَنِيهِ فَيَحْرُسُونَ كَهَنُوتَهُمْ، وَٱلْأَجْنَبِيُّ ٱلَّذِي يَقْتَرِبُ يُقْتَلُ». | ١٠ 10 |
और हारून और उसके बेटों को मुक़र्रर कर, और वह अपनी कहानत को महफ़ूज़ रख्खे और अगर कोई अजनबी नज़दीक आये तो वह जान से मारा जाए।”
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: | ١١ 11 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
«وَهَا إِنِّي قَدْ أَخَذْتُ ٱللَّاوِيِّينَ مِنْ بَيْنِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، بَدَلَ كُلِّ بِكْرٍ فَاتِحِ رَحِمٍ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ فَيَكُونُ ٱللَّاوِيُّونَ لِي. | ١٢ 12 |
“देख, मैंने बनी — इस्राईल में से लावियों को उन सभों के बदले में ले लिया है जो इस्राईलियों में पहलौठी के बच्चे हैं, इसलिए लावी मेरे हों।
لِأَنَّ لِي كُلَّ بِكْرٍ. يَوْمَ ضَرَبْتُ كُلَّ بِكْرٍ فِي أَرْضِ مِصْرَ قَدَّسْتُ لِي كُلَّ بِكْرٍ فِي إِسْرَائِيلَ مِنَ ٱلنَّاسِ وَٱلْبَهَائِمِ. لِي يَكُونُونَ. أَنَا ٱلرَّبُّ». | ١٣ 13 |
क्यूँकि सब पहलौठे मेरे हैं, इसलिए कि जिस दिन मैंने मुल्क — ए — मिस्र में सब पहलौठों को मारा, उसी दिन मैंने बनी — इस्राईल के सब पहलौठों को, क्या इंसान और क्या हैवान, अपने लिए पाक किया; इसलिए वह ज़रूर मेरे हों। मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى فِي بَرِّيَّةِ سِينَاءَ قَائِلًا: | ١٤ 14 |
फिर ख़ुदावन्द ने दश्त — ए — सीना में मूसा से कहा,
«عُدَّ بَنِي لَاوِي حَسَبَ بُيُوتِ آبَائِهِمْ وَعَشَائِرِهِمْ. كُلَّ ذَكَرٍ مِنِ ٱبْنِ شَهْرٍ فَصَاعِدًا تَعُدُّهُمْ». | ١٥ 15 |
“बनी लावी को उनके आबाई ख़ान्दानों और घरानों के मुताबिक़ शुमार कर, या'नी एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के हर लड़के को गिनना।”
فَعَدَّهُمْ مُوسَى حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ كَمَا أُمِرَ. | ١٦ 16 |
चुनाँचे मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ जो उसने उसे दिया, उनको गिना।
وَكَانَ هَؤُلَاءِ بَنِي لَاوِي بِأَسْمَائِهِمْ: جَرْشُونُ وَقَهَاتُ وَمَرَارِي. | ١٧ 17 |
और लावी के बेटों के नाम यह हैं: जैरसोन और क़िहात और मिरारी।
وَهَذَانِ ٱسْمَا ٱبْنَيْ جَرْشُونَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمَا: لِبْنِي وَشِمْعِي. | ١٨ 18 |
जैरसोन के बेटों के नाम जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं: लिबनी और सिम'ई।
وَبَنُو قَهَاتَ حَسَبَ عَشَائِرِهِمْ: عَمْرَامُ وَيِصْهَارُ وَحَبْرُونُ وَعُزِّيئِيلُ. | ١٩ 19 |
और क़िहात के बेटों के नाम जिनसे उनके ख़ान्दान चले 'अमराम और इज़हार और हब्रून और 'उज़्ज़ीएल हैं।
وَٱبْنَا مَرَارِي حَسَبَ عَشَائِرِهِمَا: مَحْلِي وَمُوشِي. هَذِهِ هِيَ عَشَائِرُ ٱللَّاوِيِّينَ حَسَبَ بُيُوتِ آبَائِهِمْ. | ٢٠ 20 |
और मिरारी के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले, महली और मूशी हैं। लावियों के घराने उनके आबाई ख़ान्दानों के मुवाफ़िक़ यही हैं।
لِجَرْشُونَ عَشِيرَةُ ٱللِّبْنِيِّينَ وَعَشِيرَةُ ٱلشِّمْعِيِّينَ. هَذِهِ هِيَ عَشَائِرُ ٱلْجَرْشُونِيِّينَ. | ٢١ 21 |
और जैरसोन से लिबनियों और सिम'ईयों के ख़ान्दान चले; यह जैरसोनियों के ख़ान्दान हैं।
ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ بِعَدَدِ كُلِّ ذَكَرٍ مِنِ ٱبْنِ شَهْرٍ فَصَاعِدًا، ٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ سَبْعَةُ آلَافٍ وَخَمْسُ مِئَةٍ. | ٢٢ 22 |
इनमें जितने फ़रज़न्द — ए — नरीना एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के थे वह सब गिने गए और उनका शुमार सात हज़ार पाँच सौ था।
عَشَائِرُ ٱلْجَرْشُونِيِّينَ يَنْزِلُونَ وَرَاءَ ٱلْمَسْكَنِ إِلَى ٱلْغَرْبِ، | ٢٣ 23 |
जैरसोनियों के ख़ान्दानों के आदमी घर के पीछे पश्चिम की तरफ़ अपने ख़ेमे लगाया करें।
وَٱلرَّئِيسُ لِبَيْتِ أَبِي ٱلْجَرْشُونِيِّينَ أَلِيَاسَافُ بْنُ لَايِلَ. | ٢٤ 24 |
और लाएल का बेटा इलियासफ़, जैरसोनियों के आबाई ख़ान्दानों का सरदार हो।
وَحِرَاسَةُ بَنِي جَرْشُونَ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ: ٱلْمَسْكَنُ، وَٱلْخَيْمَةُ وَغِطَاؤُهَا، وَسَجْفُ بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، | ٢٥ 25 |
और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के जो सामान बनी जैरसोन की हिफ़ाज़त में सौंपे जाएँ वह यह हैं: घर और ख़ेमा, और उसका ग़िलाफ़, और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े का पर्दा,
وَأَسْتَارُ ٱلدَّارِ وَسَجْفُ بَابِ ٱلدَّارِ ٱللَّوَاتِي حَوْلَ ٱلْمَسْكَنِ وَحَوْلَ ٱلْمَذْبَحِ مُحِيطًا وَأَطْنَابُهُ مَعَ كُلِّ خِدْمَتِهِ. | ٢٦ 26 |
और घर और मज़बह के गिर्द के सहन के पर्दे, और सहन के दरवाज़े का पर्दा, और वह सब रस्सियाँ जो उसमें काम आती हैं।
وَلِقَهَاتَ عَشِيرَةُ ٱلْعَمْرَامِيِّينَ وَعَشِيرَةُ ٱلْيِصْهَارِيِّينَ وَعَشِيرَةُ ٱلْحَبْرُونِيِّينَ وَعَشِيرَةُ ٱلْعُزِّيئِيلِيِّينَ. هَذِهِ عَشَائِرُ ٱلْقَهَاتِيِّينَ، | ٢٧ 27 |
और क़िहात से 'अमरामियों और इज़हारियों और हबरूनियों और 'उज़्ज़ीएलियों के ख़ान्दान चले; ये क़िहातियों के ख़ान्दान हैं।
بِعَدَدِ كُلِّ ذَكَرٍ مِنِ ٱبْنِ شَهْرٍ فَصَاعِدًا ثَمَانِيَةُ آلَافٍ وَسِتُّ مِئَةٍ حَارِسِينَ حِرَاسَةَ ٱلْقُدْسِ. | ٢٨ 28 |
उनके फ़र्ज़न्द — ए — नरीना एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के आठ हज़ार छ: सौ थे। हैकल की निगहबानी इनके ज़िम्मे थी।
وَعَشَائِرُ بَنِي قَهَاتَ يَنْزِلُونَ عَلَى جَانِبِ ٱلْمَسْكَنِ إِلَى ٱلتَّيْمَنِ، | ٢٩ 29 |
बनी क़िहात के ख़ान्दानों के आदमी घर की दख्खिनी सिम्त में अपने ख़ेमे डाला करें।
وَٱلرَّئِيسُ لِبَيْتِ أَبِي عَشِيرَةِ ٱلْقَهَاتِيِّينَ أَلِيصَافَانُ بْنُ عُزِّيئِيلَ. | ٣٠ 30 |
और 'उज़्ज़ीएल का बेटा इलिसफ़न क़िहातियों के घरानों के आबाई खान्दान का सरदार हो।
وَحِرَاسَتُهُمُ ٱلتَّابُوتُ وَٱلْمَائِدَةُ وَٱلْمَنَارَةُ وَٱلْمَذْبَحَانِ وَأَمْتِعَةُ ٱلْقُدْسِ ٱلَّتِي يَخْدِمُونَ بِهَا، وَٱلْحِجَابُ وَكُلُّ خِدْمَتِهِ. | ٣١ 31 |
और सन्दूक़ और मेज़ और शमा'दान और दोनों मज़बहे और हैकल के बर्तन, जो इबादत के काम में आते हैं, और पर्दे और हैकल में बर्तन का सारा सामान, यह सब उनके ज़िम्मे हों।
وَلِرَئِيسِ رُؤَسَاءِ ٱللَّاوِيِّينَ أَلِعَازَارَ بْنِ هَارُونَ ٱلْكَاهِنِ وَكَالَةُ حُرَّاسِ حِرَاسَةِ ٱلْقُدْسِ. | ٣٢ 32 |
और हारून काहिन का बेटा इली'एलियाज़र लावियों के सरदारों का सरदार और हैकल के मुत्वल्लियों का नाज़िर हो।
وَلِمَرَارِي عَشِيرَةُ ٱلْمَحْلِيِّينَ وَعَشِيرَةُ ٱلْمُوشِيِّينَ. هَذِهِ هِيَ عَشَائِرُ مَرَارِي. | ٣٣ 33 |
मिरारी से महलियों और मूशियों के ख़ान्दान चले; यह मिरारियों के ख़ान्दान हैं।
وَٱلْمَعْدُودُونَ مِنْهُمْ بِعَدَدِ كُلِّ ذَكَرٍ مِنِ ٱبْنِ شَهْرٍ فَصَاعِدًا سِتَّةُ آلَافٍ وَمِئَتَانِ، | ٣٤ 34 |
इनमें जितने फ़रज़न्द — ए — नरीना एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के थे वह छः हज़ार दो सौ थे।
وَٱلرَّئِيسُ لِبَيْتِ أَبِي عَشَائِرِ مَرَارِي صُورِيئِيلُ بْنُ أَبِيَحَايِلَ. يَنْزِلُونَ عَلَى جَانِبِ ٱلْمَسْكَنِ إِلَى ٱلشِّمَالِ. | ٣٥ 35 |
और अबीख़ैल का बेटा सूरीएल मिरारियों के घरानों के आबाई ख़ान्दान का सरदार हो। यह लोग घर की उत्तरी सिम्त में अपने ख़ेमे डाला करें।
وَوَكَالَةُ حِرَاسَةِ بَنِي مَرَارِي: أَلْوَاحُ ٱلْمَسْكَنِ وَعَوَارِضُهُ وَأَعْمِدَتُهُ وَفُرَضُهُ وَكُلُّ أَمْتِعَتِهِ وَكُلُّ خِدْمَتِهِ، | ٣٦ 36 |
और घर के तख़्तों और उसकी बेडों और सुतूनों और ख़ानों और उसके सब आलात, और उसकी ख़िदमत के सब लवाज़िम की मुहाफ़िज़त,
وَأَعْمِدَةُ ٱلدَّارِ حَوَالَيْهَا وَفُرَضُهَا وَأَوْتَادُهَا وَأَطْنَابُهَا. | ٣٧ 37 |
और सहन के चारों तरफ़ के सुतूनों, और ख़ानों और मेख़ों और रस्सियों की निगरानी बनी मिरारी के ज़िम्मे हो।
وَٱلنَّازِلُونَ قُدَّامَ ٱلْمَسْكَنِ إِلَى ٱلشَّرْقِ قُدَّامَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، نَحْوَ ٱلشُّرُوقِ، هُمْ مُوسَى وَهَارُونُ وَبَنُوهُ، حَارِسِينَ حِرَاسَةَ ٱلْمَقْدِسِ لِحِرَاسَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَٱلْأَجْنَبِيُّ ٱلَّذِي يَقْتَرِبُ يُقْتَلُ. | ٣٨ 38 |
और घर के आगे पश्चिम की तरफ़ जिधर से सूरज निकलता है, या'नी ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के आगे, मूसा और हारून और उसके बेटे अपने ख़ेमे लगाया करें और बनी — इस्राईल के बदले हैकल की हिफ़ाज़त किया करें; और जो अजनबी शख़्स उसके नज़दीक आए वह जान से मारा जाए।
جَمِيعُ ٱلْمَعْدُودِينَ مِنَ ٱللَّاوِيِّينَ ٱلَّذِينَ عَدَّهُمْ مُوسَى وَهَارُونُ حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ بِعَشَائِرِهِمْ، كُلُّ ذَكَرٍ مِنِ ٱبْنِ شَهْرٍ فَصَاعِدًا، ٱثْنَانِ وَعِشْرُونَ أَلْفًا. | ٣٩ 39 |
इसलिए लावियों में से जितने एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के थे उनको मूसा और हारून ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुवाफ़िक़ उनके घरानों के मुताबिक़ गिना, वह शुमार में बाईस हज़ार थे।
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِمُوسَى: «عُدَّ كُلَّ بِكْرٍ ذَكَرٍ مِنْ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنِ ٱبْنِ شَهْرٍ فَصَاعِدًا، وَخُذْ عَدَدَ أَسْمَائِهِمْ. | ٤٠ 40 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि “बनी इस्राईल के सब नरीना पहलौटे, एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के गिन ले और उनके नामों का शुमार लगा।
فَتَأْخُذُ ٱللَّاوِيِّينَ لِي. أَنَا ٱلرَّبُّ. بَدَلَ كُلِّ بِكْرٍ فِي بَنِي إِسْرَائِيلَ. وَبَهَائِمَ ٱللَّاوِيِّينَ بَدَلَ كُلِّ بِكْرٍ فِي بَهَائِمِ بَنِي إِسْرَائِيلَ». | ٤١ 41 |
और बनी — इस्राईल के सब पहलौठों के बदले लावियों को, और बनी — इस्राईल के चौपायों के सब पहलौठों के बदले लावियों के चौपायों को मेरे लिए ले। मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
فَعَدَّ مُوسَى كَمَا أَمَرَهُ ٱلرَّبُّ كُلَّ بِكْرٍ فِي بَنِي إِسْرَائِيلَ. | ٤٢ 42 |
चुनाँचे मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ बनी — इस्राईल के सब पहलौठों को गिना।
فَكَانَ جَمِيعُ ٱلْأَبْكَارِ ٱلذُّكُورِ بِعَدَدِ ٱلْأَسْمَاءِ مِنِ ٱبْنِ شَهْرٍ فَصَاعِدًا، ٱلْمَعْدُودِينَ مِنْهُمُ ٱثْنَيْنِ وَعِشْرِينَ أَلْفًا وَمِئَتَيْنِ وَثَلَاثَةً وَسَبْعِينَ. | ٤٣ 43 |
तब जितने नरीना पहलौठे एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के गिने गए, वह नामों के शुमार के मुताबिक़ बाईस हज़ार दो सौ तिहतर थे।
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: | ٤٤ 44 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
«خُذِ ٱللَّاوِيِّينَ بَدَلَ كُلِّ بِكْرٍ فِي بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَبَهَائِمَ ٱللَّاوِيِّينَ بَدَلَ بَهَائِمِهِمْ، فَيَكُونَ لِيَ ٱللَّاوِيُّونَ. أَنَا ٱلرَّبُّ. | ٤٥ 45 |
“बनी — इस्राईल के सब पहलौठों के बदले लावियों को, और उनके चौपायों के बदले लावियों के चौपायों को ले; और लावी मेरे हों, मैं ख़ुदावन्द हूँ।
وَأَمَّا فِدَاءُ ٱلْمِئَتَيْنِ وَٱلثَّلَاثَةِ وَٱلسَّبْعِينَ ٱلزَّائِدِينَ عَلَى ٱللَّاوِيِّينَ مِنْ أَبْكَارِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، | ٤٦ 46 |
और बनी — इस्राईल के पहलौठों में जो दो सौ तिहत्तर लावियों के शुमार से ज़्यादा हैं, उनके फ़िदिये के लिए
فَتَأْخُذُ خَمْسَةَ شَوَاقِلَ لِكُلِّ رَأْسٍ. عَلَى شَاقِلِ ٱلْقُدْسِ تَأْخُذُهَا. عِشْرُونَ جِيرَةً ٱلشَّاقِلُ. | ٤٧ 47 |
तू हैकल की मिस्काल के हिसाब से हर शख़्स पाँच मिस्काल लेना एक मिस्क़ाल बीस जीरह का होता है।
وَتُعْطِي ٱلْفِضَّةَ لِهَارُونَ وَبَنِيهِ فِدَاءَ ٱلزَّائِدِينَ عَلَيْهِمْ». | ٤٨ 48 |
और इनके फ़िदिये का रुपया जो शुमार में ज़्यादा हैं तू हारून और उसके बेटों को देना।”
فَأَخَذَ مُوسَى فِضَّةَ فِدَائِهِمْ مِنَ ٱلزَّائِدِينَ عَلَى فِدَاءِ ٱللَّاوِيِّينَ. | ٤٩ 49 |
तब जो उनसे जिनको लावियों ने छुड़ाया था, शुमार में ज़्यादा निकले थे उनके फ़िदिये का रुपया मूसा ने उनसे लिया।
مِنْ أَبْكَارِ بَنِي إِسْرَائِيلَ أَخَذَ ٱلْفِضَّةَ أَلْفًا وَثَلَاثَ مِئَةٍ وَخَمْسَةً وَسِتِّينَ عَلَى شَاقِلِ ٱلْقُدْسِ، | ٥٠ 50 |
ये रुपया उसने बनी — इस्राईल के पहलौठों से लिया, इसलिए हैकल की मिस्काल के हिसाब से एक हज़ार तीन सौ पैंसठ मिस्क़ालें वसूल हुई।
وَأَعْطَى مُوسَى فِضَّةَ ٱلْفِدَاءِ لِهَارُونَ وَبَنِيهِ حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ، كَمَا أَمَرَ ٱلرَّبُّ مُوسَى. | ٥١ 51 |
और मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ फ़िदिये का रुपया जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को फ़रमाया था, हारून और उसके बेटों को दिया।