Aionian Verses
فَقَامَ جَمِيعُ بَنِيهِ وَجَمِيعُ بَنَاتِهِ لِيُعَزُّوهُ، فَأَبَى أَنْ يَتَعَزَّى وَقَالَ: «إِنِّي أَنْزِلُ إِلَى ٱبْنِي نَائِحًا إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ». وَبَكَى عَلَيْهِ أَبُوهُ. (Sheol ) |
और उसके सब बेटे बेटियाँ उसे तसल्ली देने जाते थे, लेकिन उसे तसल्ली न होती थी। वह यही कहता रहा, कि मैं तो मातम ही करता हुआ क़ब्र में अपने बेटे से जा मिलूँगा। इसलिए उसका बाप उसके लिए रोता रहा। (Sheol )
فَقَالَ: «لَا يَنْزِلُ ٱبْنِي مَعَكُمْ، لِأَنَّ أَخَاهُ قَدْ مَاتَ، وَهُوَ وَحْدَهُ بَاقٍ. فَإِنْ أَصَابَتْهُ أَذِيَّةٌ فِي ٱلطَّرِيقِ ٱلَّتِي تَذْهَبُونَ فِيهَا تُنْزِلُونَ شَيْبَتِي بِحُزْنٍ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ». (Sheol ) |
उसने कहा, मेरा बेटा तुम्हारे साथ नहीं जाएगा; क्यूँकि उसका भाई मर गया और वह अकेला रह गया है। अगर रास्ते में जाते — जाते उस पर कोई आफ़त आ पड़े तो तुम मेरे सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारोगे। (Sheol )
فَإِذَا أَخَذْتُمْ هَذَا أَيْضًا مِنْ أَمَامِ وَجْهِي وَأَصَابَتْهُ أَذِيَّةٌ، تُنْزِلُونَ شَيْبَتِي بِشَرٍّ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ. (Sheol ) |
अब अगर तुम इसको भी मेरे पास से ले जाओ और इस पर कोई आफ़त आ पड़े, तो तुम मेरे सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारोगे।” (Sheol )
يَكُونُ مَتَى رَأَى أَنَّ ٱلْغُلَامَ مَفْقُودٌ، أَنَّهُ يَمُوتُ، فَيُنْزِلُ عَبِيدُكَ شَيْبَةَ عَبْدِكَ أَبِينَا بِحُزْنٍ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ، (Sheol ) |
वह यह देख कर कि लड़का नहीं आया मर जाएगा, और तेरे ख़ादिम अपने बाप के, जो तेरा ख़ादिम है, सफ़ेद बालों को ग़म के साथ क़ब्र में उतारेंगे। (Sheol )
وَلَكِنْ إِنِ ٱبْتَدَعَ ٱلرَّبُّ بِدْعَةً وَفَتَحَتِ ٱلْأَرْضُ فَاهَا وَٱبْتَلَعَتْهُمْ وَكُلَّ مَا لَهُمْ، فَهَبَطُوا أَحْيَاءً إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ، تَعْلَمُونَ أَنَّ هَؤُلَاءِ ٱلْقَوْمَ قَدِ ٱزْدَرَوْا بِٱلرَّبِّ». (Sheol ) |
लेकिन अगर ख़ुदावन्द कोई नया करिश्मा दिखाए, और ज़मीन अपना मुँह खोल दे और इनको इनके घर — बार के साथ निगल जाए और यह जीते जी पाताल में समा जाएँ, तो तुम जानना कि इन लोगों ने ख़ुदावन्द की तहक़ीर की है।” (Sheol )
فَنَزَلُوا هُمْ وَكُلُّ مَا كَانَ لَهُمْ أَحْيَاءً إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ، وَٱنْطَبَقَتْ عَلَيْهِمِ ٱلْأَرْضُ، فَبَادُوا مِنْ بَيْنِ ٱلْجَمَاعَةِ. (Sheol ) |
तब वह और उनका सारा घर — बार जीते जो पाताल में समा गए और ज़मीन उनके ऊपर बराबर हो गई, और वह जमा'अत में से ख़त्म हो गए। (Sheol )
إِنَّهُ قَدِ ٱشْتَعَلَتْ نَارٌ بِغَضَبِي فَتَتَّقِدُ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ ٱلسُّفْلَى، وَتَأْكُلُ ٱلْأَرْضَ وَغَلَّتَهَا، وَتُحْرِقُ أُسُسَ ٱلْجِبَالِ. (Sheol ) |
इसलिए कि मेरे ग़ुस्से के मारे आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और ज़मीन को उसकी पैदावार समेत भसम कर देगी, और पहाड़ों की बुनियादों में आग लगा देगी। (Sheol )
ٱلرَّبُّ يُمِيتُ وَيُحْيِي. يُهْبِطُ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ وَيُصْعِدُ. (Sheol ) |
ख़ुदावन्द मारता है और जिलाता है; वही क़ब्र मैं उतारता और उससे निकालता है। (Sheol )
حِبَالُ ٱلْهَاوِيَةِ أَحَاطَتْ بِي. شُرُكُ ٱلْمَوْتِ أَصَابَتْنِي. (Sheol ) |
पाताल की रस्सियाँ मेरे चारो तरफ़ थीं मौत के फंदे मुझ पर आते थे। (Sheol )
فَٱفْعَلْ حَسَبَ حِكْمَتِكَ وَلَا تَدَعْ شَيْبَتَهُ تَنْحَدِرُ بِسَلَامٍ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ. (Sheol ) |
इसलिए तू अपनी हिकमत से काम लेना और उसके सफ़ेद सर को क़ब्र में सलामत उतरने न देना। (Sheol )
وَٱلْآنَ فَلَا تُبَرِّرْهُ لِأَنَّكَ أَنْتَ رَجُلٌ حَكِيمٌ، فَٱعْلَمْ مَا تَفْعَلُ بِهِ وَأَحْدِرْ شَيْبَتَهُ بِٱلدَّمِ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ».». (Sheol ) |
तब तू उसको बेगुनाह न ठहराना, क्यूँकि तू ''अक़्लमन्द आदमी है और तू जानता है कि तुझे उसके साथ क्या करना चाहिए, इसलिए तू उसका सफ़ेद सर लहू लुहान करके क़ब्र में उतारना।” (Sheol )
ٱلسَّحَابُ يَضْمَحِلُّ وَيَزُولُ، هَكَذَا ٱلَّذِي يَنْزِلُ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ لَا يَصْعَدُ. (Sheol ) |
जैसे बादल फटकर ग़ायब हो जाता है, वैसे ही वह जो क़ब्र में उतरता है फिर कभी ऊपर नहीं आता; (Sheol )
هُوَ أَعْلَى مِنَ ٱلسَّمَاوَاتِ، فَمَاذَا عَسَاكَ أَنْ تَفْعَلَ؟ أَعْمَقُ مِنَ ٱلْهَاوِيَةِ، فَمَاذَا تَدْرِي؟ (Sheol ) |
वह आसमान की तरह ऊँचा है, तू क्या कर सकता है? वह पाताल सा गहरा है, तू क्या जान सकता है? (Sheol )
«لَيْتَكَ تُوارِينِي فِي ٱلْهَاوِيَةِ، وَتُخْفِينِي إِلَى أَنْ يَنْصَرِفَ غَضَبُكَ، وَتُعَيِّنُ لِي أَجَلًا فَتَذْكُرَنِي. (Sheol ) |
काश कि तू मुझे पाताल में छिपा दे, और जब तक तेरा क़हर टल न जाए, मुझे पोशीदा रख्खे; और कोई मुक़र्ररा वक़्त मेरे लिए ठहराए और मुझे याद करे। (Sheol )
إِذَا رَجَوْتُ ٱلْهَاوِيَةَ بَيْتًا لِي، وَفِي ٱلظَّلَامِ مَهَّدْتُ فِرَاشِي، (Sheol ) |
अगर में उम्मीद करूँ कि पाताल मेरा घर है, अगर मैंने अँधेरे में अपना बिछौना बिछा लिया है। (Sheol )
تَهْبِطُ إِلَى مَغَالِيقِ ٱلْهَاوِيَةِ إِذْ تَرْتَاحُ مَعًا فِي ٱلتُّرَابِ». (Sheol ) |
वह पाताल के फाटकों तक नीचे उतर जाएगी जब हम मिलकर ख़ाक में आराम पाएँगे।” (Sheol )
يَقْضُونَ أَيَّامَهُمْ بِٱلْخَيْرِ. فِي لَحْظَةٍ يَهْبِطُونَ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ. (Sheol ) |
वह ख़ुशहाली में अपने दिन काटते, और दम के दम में पाताल में उतर जाते हैं। (Sheol )
ٱلْقَحْطُ وَٱلْقَيْظُ يَذْهَبَانِ بِمِيَاهِ ٱلثَّلْجِ، كَذَا ٱلْهَاوِيَةُ بِٱلَّذِينَ أَخْطَأُوا. (Sheol ) |
ख़ुश्की और गर्मी बरफ़ानी पानी के नालों को सुखा देती हैं, ऐसा ही क़ब्र गुनहगारों के साथ करती है। (Sheol )
ٱلْهَاوِيَةُ عُرْيَانَةٌ قُدَّامَهُ، وَٱلْهَلَاكُ لَيْسَ لَهُ غِطَاءٌ. (Sheol ) |
पाताल उसके सामने खुला है, और जहन्नुम बेपर्दा है। (Sheol )
لِأَنَّهُ لَيْسَ فِي ٱلْمَوْتِ ذِكْرُكَ. فِي ٱلْهَاوِيَةِ مَنْ يَحْمَدُكَ؟ (Sheol ) |
क्यूँकि मौत के बाद तेरी याद नहीं होती, क़ब्र में कौन तेरी शुक्रगुज़ारी करेगा? (Sheol )
اَلْأَشْرَارُ يَرْجِعُونَ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ، كُلُّ ٱلْأُمَمِ ٱلنَّاسِينَ ٱللهَ. (Sheol ) |
शरीर पाताल में जाएँगे, या'नी वह सब क़ौमें जो ख़ुदा को भूल जाती हैं (Sheol )
لِأَنَّكَ لَنْ تَتْرُكَ نَفْسِي فِي ٱلْهَاوِيَةِ. لَنْ تَدَعَ تَقِيَّكَ يَرَى فَسَادًا. (Sheol ) |
क्यूँकि तू न मेरी जान को पाताल में रहने देगा, न अपने मुक़द्दस को सड़ने देगा। (Sheol )
حِبَالُ ٱلْهَاوِيَةِ حَاقَتْ بِي. أَشْرَاكُ ٱلْمَوْتِ ٱنْتَشَبَتْ بِي. (Sheol ) |
पाताल की रस्सियाँ मेरे चारों तरफ़ थीं, मौत के फंदे मुझ पर आ पड़े थे। (Sheol )
يَارَبُّ، أَصْعَدْتَ مِنَ ٱلْهَاوِيَةِ نَفْسِي. أَحْيَيْتَنِي مِنْ بَيْنِ ٱلْهَابِطِينَ فِي ٱلْجُبِّ. (Sheol ) |
ऐ ख़ुदावन्द, तू मेरी जान को पाताल से निकाल लाया है; तूने मुझे ज़िन्दा रख्खा है कि क़ब्र में न जाऊँ। (Sheol )
يَارَبُّ، لَا تَدَعْنِي أَخْزَى لِأَنِّي دَعَوْتُكَ. لِيَخْزَ ٱلْأَشْرَارُ. لِيَسْكُتُوا فِي ٱلْهَاوِيَةِ. (Sheol ) |
ऐ ख़ुदावन्द, मुझे शर्मिन्दा न होने दे क्यूँकि मैंने तुझ से दुआ की है; शरीर शर्मिन्दा हो जाएँ और पाताल में ख़ामोश हों। (Sheol )
مِثْلَ ٱلْغَنَمِ لِلْهَاوِيَةِ يُسَاقُونَ. ٱلْمَوْتُ يَرْعَاهُمْ، وَيَسُودُهُمُ ٱلْمُسْتَقِيمُونَ. غَدَاةً وَصُورَتُهُمْ تَبْلَى. ٱلْهَاوِيَةُ مَسْكَنٌ لَهُمْ. (Sheol ) |
वह जैसे पाताल का रेवड़ ठहराए गए हैं; मौत उनकी पासबान होगी; दियानतदार सुबह को उन पर मुसल्लत होगा, और उनका हुस्न पाताल का लुक़्मा होकर बेठिकाना होगा। (Sheol )
إِنَّمَا ٱللهُ يَفْدِي نَفْسِي مِنْ يَدِ ٱلْهَاوِيَةِ لِأَنَّهُ يَأْخُذُنِي. سِلَاهْ. (Sheol ) |
लेकिन ख़ुदा मेरी जान को पाताल के इख़्तियार से छुड़ा लेगा, क्यूँकि वही मुझे कु़बूल करेगा। (सिलाह) (Sheol )
لِيَبْغَتْهُمُ ٱلْمَوْتُ. لِيَنْحَدِرُوا إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ أَحْيَاءً، لِأَنَّ فِي مَسَاكِنِهِمْ، فِي وَسْطِهِمْ شُرُورًا. (Sheol ) |
उनकी मौत अचानक आ दबाए; वह जीते जी पाताल में उतर जाएँ: क्यूँकि शरारत उनके घरों में और उनके अन्दर है। (Sheol )
لِأَنَّ رَحْمَتَكَ عَظِيمَةٌ نَحْوِي، وَقَدْ نَجَّيْتَ نَفْسِي مِنَ ٱلْهَاوِيَةِ ٱلسُّفْلَى. (Sheol ) |
क्यूँकि मुझ पर तेरी बड़ी शफ़क़त है; और तूने मेरी जान को पाताल की तह से निकाला है। (Sheol )
لِأَنَّهُ قَدْ شَبِعَتْ مِنَ ٱلْمَصَائِبِ نَفْسِي، وَحَيَاتِي إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ دَنَتْ. (Sheol ) |
क्यूँकि मेरा दिल दुखों से भरा है, और मेरी जान पाताल के नज़दीक पहुँच गई है। (Sheol )
أَيُّ إِنْسَانٍ يَحْيَا وَلَا يَرَى ٱلْمَوْتَ؟ أَيٌّ يُنَجِّي نَفْسَهُ مِنْ يَدِ ٱلْهَاوِيَةِ؟ سِلَاهْ. (Sheol ) |
वह कौन सा आदमी है जो ज़िन्दा ही रहेगा और मौत को न देखेगा, और अपनी जान को पाताल के हाथ से बचा लेगा? (सिलाह) (Sheol )
ٱكْتَنَفَتْنِي حِبَالُ ٱلْمَوْتِ. أَصَابَتْنِي شَدَائِدُ ٱلْهَاوِيَةِ. كَابَدْتُ ضِيقًا وَحُزْنًا. (Sheol ) |
मौत की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, और पाताल के दर्द मुझ पर आ पड़े; मैं दुख और ग़म में गिरफ़्तार हुआ। (Sheol )
إِنْ صَعِدْتُ إِلَى ٱلسَّمَاوَاتِ فَأَنْتَ هُنَاكَ، وَإِنْ فَرَشْتُ فِي ٱلْهَاوِيَةِ فَهَا أَنْتَ. (Sheol ) |
अगर आसमान पर चढ़ जाऊँ, तो तू वहाँ है। अगर मैं पाताल में बिस्तर बिछाऊँ, तो देख तू वहाँ भी है! (Sheol )
كَمَنْ يَفْلَحُ وَيَشُقُّ ٱلْأَرْضَ، تَبَدَّدَتْ عِظَامُنَا عِنْدَ فَمِ ٱلْهَاوِيَةِ. (Sheol ) |
जैसे कोई हल चलाकर ज़मीन को तोड़ता है, वैसे ही हमारी हड्डियाँ पाताल के मुँह पर बिखरी पड़ी हैं। (Sheol )
لِنَبْتَلِعْهُمْ أَحْيَاءً كَٱلْهَاوِيَةِ، وَصِحَاحًا كَٱلْهَابِطِينَ فِي ٱلْجُبِّ، (Sheol ) |
हम उनको इस तरह ज़िन्दा और पूरा निगल जाएँ जिस तरह पाताल मुर्दों को निगल जाता है। (Sheol )
قَدَمَاهَا تَنْحَدِرَانِ إِلَى ٱلْمَوْتِ. خَطَوَاتُهَا تَتَمَسَّكُ بِٱلْهَاوِيَةِ. (Sheol ) |
उसके पाँव मौत की तरफ़ जाते हैं, उसके क़दम पाताल तक पहुँचते हैं। (Sheol )
طُرُقُ ٱلْهَاوِيَةِ بَيْتُهَا، هَابِطَةٌ إِلَى خُدُورِ ٱلْمَوْتِ. (Sheol ) |
उसका घर पाताल का रास्ता है, और मौत की कोठरियों को जाता है। (Sheol )
وَلَا يَعْلَمُ أَنَّ ٱلْأَخْيِلَةَ هُنَاكَ، وَأَنَّ فِي أَعْمَاقِ ٱلْهَاوِيَةِ ضُيُوفَهَا. (Sheol ) |
लेकिन वह नहीं जानता कि वहाँ मुर्दे पड़े हैं, और उस 'औरत के मेहमान पाताल की तह में हैं। (Sheol )
اَلْهَاوِيَةُ وَٱلْهَلَاكُ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. كَمْ بِٱلْحَرِيِّ قُلُوبُ بَنِي آدَمَ! (Sheol ) |
जब पाताल और जहन्नुम ख़ुदावन्द के सामने खुले हैं, तो बनी आदम के दिल का क्या ज़िक्र? (Sheol )
طَرِيقُ ٱلْحَيَاةِ لِلْفَطِنِ إِلَى فَوْقُ، لِلْحَيَدَانِ عَنِ ٱلْهَاوِيَةِ مِنْ تَحْتُ. (Sheol ) |
'अक़्लमंद के लिए ज़िन्दगी की राह ऊपर को जाती है, ताकि वह पाताल में उतरने से बच जाए। (Sheol )
تَضْرِبُهُ أَنْتَ بِعَصًا فَتُنْقِذُ نَفْسَهُ مِنَ ٱلْهَاوِيَةِ. (Sheol ) |
तू उसे छड़ी से मारेगा, और उसकी जान को पाताल से बचाएगा। (Sheol )
اَلْهَاوِيَةُ وَٱلْهَلَاكُ لَا يَشْبَعَانِ، وَكَذَا عَيْنَا ٱلْإِنْسَانِ لَا تَشْبَعَانِ. (Sheol ) |
जिस तरह पाताल और हलाकत को आसूदगी नहीं, उसी तरह इंसान की आँखे सेर नहीं होतीं। (Sheol )
ٱلْهَاوِيَةُ، وَٱلرَّحِمُ ٱلْعَقِيمُ، وَأَرْضٌ لَا تَشْبَعُ مَاءً، وَٱلنَّارُ لَا تَقُولُ: «كَفَا». (Sheol ) |
पाताल और बाँझ का रिहम, और ज़मीन जो सेराब नहीं हुई, और आग जो कभी “बस” नहीं कहती। (Sheol )
كُلُّ مَا تَجِدُهُ يَدُكَ لِتَفْعَلَهُ فَٱفْعَلْهُ بِقُوَّتِكَ، لِأَنَّهُ لَيْسَ مِنْ عَمَلٍ وَلَا ٱخْتِرَاعٍ وَلَا مَعْرِفَةٍ وَلَا حِكْمَةٍ فِي ٱلْهَاوِيَةِ ٱلَّتِي أَنْتَ ذَاهِبٌ إِلَيْهَا. (Sheol ) |
जो काम तेरा हाथ करने को पाए उसे मक़दूर भर कर क्यूँकि पाताल में जहाँ तू जाता है न काम है न मन्सूबा, न 'इल्म न हिकमत। (Sheol )
اِجْعَلْنِي كَخَاتِمٍ عَلَى قَلْبِكَ، كَخَاتِمٍ عَلَى سَاعِدِكَ. لِأَنَّ ٱلْمَحَبَّةَ قَوِيَّةٌ كَٱلْمَوْتِ. ٱلْغَيْرَةُ قَاسِيَةٌ كَٱلْهَاوِيَةِ. لَهِيبُهَا لَهِيبُ نَارِ لَظَى ٱلرَّبِّ. (Sheol ) |
नगीन की तरह मुझे अपने दिल में लगा रख और तावीज़ की तरह अपने बाज़ू पर, क्यूँकि इश्क मौत की तरह ज़बरदस्त है, और गै़रत पाताल सी बेमुरव्वत है उसके शो'ले आग के शोले हैं, और ख़ुदावन्द के शोले की तरह। (Sheol )
لِذَلِكَ وَسَّعَتِ ٱلْهَاوِيَةُ نَفْسَهَا، وَفَغَرَتْ فَاهَا بِلَا حَدٍّ، فَيَنْزِلُ بَهَاؤُهَا وَجُمْهُورُهَا وَضَجِيجُهَا وَٱلْمُبْتَهِجُ فِيهَا! (Sheol ) |
फिर पाताल अपनी हवस बढ़ाता है और अपना मुँह बे इन्तहा फाड़ता है और उनके शरीफ़ और 'आम लोग और ग़ौग़ाई और जो कोई उनमें घमण्ड करता है, उसमें उतर जाएँगे। (Sheol )
«اُطْلُبْ لِنَفْسِكَ آيَةً مِنَ ٱلرَّبِّ إِلَهِكَ. عَمِّقْ طَلَبَكَ أَوْ رَفِّعْهُ إِلَى فَوْقٍ». (Sheol ) |
ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से कोई निशान तलब कर चाहे नीचे पाताल में चाहे ऊपर बुलन्दी पर।” (Sheol )
اَلْهَاوِيَةُ مِنْ أَسْفَلُ مُهْتَزَّةٌ لَكَ، لِٱسْتِقْبَالِ قُدُومِكَ، مُنْهِضَةٌ لَكَ ٱلْأَخْيِلَةَ، جَمِيعَ عُظَمَاءِ ٱلْأَرْضِ. أَقَامَتْ كُلَّ مُلُوكِ ٱلْأُمَمِ عَنْ كَرَاسِيِّهِمْ. (Sheol ) |
पाताल नीचे से तेरी वजह से जुम्बिश खाता है कि तेरे आते वक़्त तेरा इस्तक़बाल करे; वह तेरे लिए मुर्दों को या'नी ज़मीन के सब सरदारों को जगाता है; वह क़ौमों के सब बादशाहों को उनके तख़्तों पर से उठा खड़ा करता है। (Sheol )
أُهْبِطَ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ فَخْرُكَ، رَنَّةُ أَعْوَادِكَ. تَحْتَكَ تُفْرَشُ ٱلرِّمَّةُ، وَغِطَاؤُكَ ٱلدُّودُ. (Sheol ) |
तेरी शान — ओ — शौकत और तेरे साज़ों की ख़ुश आवाज़ी पाताल में उतारी गई; तेरे नीचे कीड़ों का फ़र्श हुआ, और कीड़े ही तेरा बालापोश बने। (Sheol )
لَكِنَّكَ ٱنْحَدَرْتَ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ، إِلَى أَسَافِلِ ٱلْجُبِّ. (Sheol ) |
लेकिन तू पाताल में गढ़े की तह में उतारा जाएगा। (Sheol )
لِأَنَّكُمْ قُلْتُمْ: «قَدْ عَقَدْنَا عَهْدًا مَعَ ٱلْمَوْتِ، وَصَنَعْنَا مِيثَاقًا مَعَ ٱلْهَاوِيَةِ. ٱلسَّوْطُ ٱلْجَارِفُ إِذَا عَبَرَ لَا يَأْتِينَا، لِأَنَّنَا جَعَلْنَا ٱلْكَذِبَ مَلْجَأَنَا، وَبِٱلْغِشِّ ٱسْتَتَرْنَا». (Sheol ) |
चूँकि तुम कहा करते हो, कि “हम ने मौत से 'अहद बाँधा, और पाताल से पैमान कर लिया है; जब सज़ा का सैलाब आएगा तो हम तक नहीं पहुँचेगा, क्यूँकि हम ने झूठ को अपनी पनाहगाह बनाया है और दरोग़गोई की आड़ में छिप गए हैं;” (Sheol )
وَيُمْحَى عَهْدُكُمْ مَعَ ٱلْمَوْتِ، وَلَا يَثْبُتُ مِيثَاقُكُمْ مَعَ ٱلْهَاوِيَةِ. ٱلسَّوْطُ ٱلْجَارِفُ إِذَا عَبَرَ تَكُونُونَ لَهُ لِلدَّوْسِ. (Sheol ) |
और तुम्हारा 'अहद जो मौत से हुआ मन्सूख़ हो जाएगा और तुम्हारा पैमान जो पाताल से हुआ क़ाईम न रहेगा; जब सज़ा का सैलाब आएगा, तो तुम को पामाल करेगा। (Sheol )
أَنَا قُلْتُ: «فِي عِزِّ أَيَّامِي أَذْهَبُ إِلَى أَبْوَابِ ٱلْهَاوِيَةِ. قَدْ أُعْدِمْتُ بَقِيَّةَ سِنِيَّ. (Sheol ) |
मैंने कहा मैं अपनी आधी उम्र में पाताल के फाटकों में दाख़िल हूँगा, मेरी ज़िन्दगी के बाक़ी बरस मुझसे छीन लिए गए। (Sheol )
لِأَنَّ ٱلْهَاوِيَةَ لَا تَحْمَدُكَ. ٱلْمَوْتُ لَا يُسَبِّحُكَ. لَا يَرْجُو ٱلْهَابِطُونَ إِلَى ٱلْجُبِّ أَمَانَتَكَ. (Sheol ) |
इसलिए कि पाताल तेरी इबादत नहीं कर सकता; और मौत से तेरी हम्द नहीं हो सकती। वह जो क़ब्र में उतरने वाले हैं तेरी सच्चाई के उम्मीदवार नहीं हो सकते। (Sheol )
وَسِرْتِ إِلَى ٱلْمَلِكِ بِٱلدُّهْنِ، وَأَكْثَرْتِ أَطْيَابَكِ، وَأَرْسَلْتِ رُسُلَكِ إِلَى بُعْدٍ وَنَزَلْتِ حَتَّى إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ. (Sheol ) |
तू ख़ुशबू लगाकर बादशाह के सामने चली गई और अपने आपको ख़ूब मु'अत्तर किया, और अपने क़ासिद दूर दूर भेजे बल्कि तूने अपने आपको पाताल तक पस्त किया। (Sheol )
هَكَذَا قَالَ السَّيِّدُ الرَّبُّ: فِي يَوْمِ نُزُولِهِ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ أَقَمْتُ نَوْحًا. كَسَوْتُ عَلَيْهِ ٱلْغَمْرَ، وَمَنَعْتُ أَنْهَارَهُ، وَفَنِيَتِ ٱلْمِيَاهُ ٱلْكَثِيرَةُ، وَأَحْزَنْتُ لُبْنَانَ عَلَيْهِ، وَكُلُّ أَشْجَارِ ٱلْحَقْلِ ذَبُلَتْ عَلَيْهِ. (Sheol ) |
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि जिस रोज़ वह पाताल में उतरे मैं मातम कराऊँगा, मैं उसकी वजह से गहराव को छिपा दूँगा और उसकी नहरों को रोक दूँगा और बड़े सैलाब थम जाएँगे; हाँ, मैं लुबनान को उसके लिए सियाह पोश कराऊँगा, और उसके लिए मैदान के सब दरख़्त ग़शी में आएँगे। (Sheol )
مِنْ صَوْتِ سُقُوطِهِ أَرْجَفْتُ ٱلْأُمَمَ عِنْدَ إِنْزَالِي إِيَّاهُ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ مَعَ ٱلْهَابِطِينَ فِي ٱلْجُبِّ، فَتَتَعَزَّى فِي ٱلْأَرْضِ ٱلسُّفْلَى كُلُّ أَشْجَارِ عَدْنٍ، مُخْتَارُ لُبْنَانَ وَخِيَارُهُ كُلُّ شَارِبَةٍ مَاءً. (Sheol ) |
जिस वक़्त मैं उसे उन सब के साथ जो गढ़े में गिरते हैं, पाताल में डालूँगा, तो उसके गिरने के शोर से तमाम क़ौम लरज़ाँ होंगी; और अदन के सब दरख़्त, लुबनान के चीदा और नफ़ीस, वह सब जो पानी जज़्ब करते हैं ज़मीन के तह में तसल्ली पाएँगे। (Sheol )
هُمْ أَيْضًا نَزَلُوا إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ مَعَهُ، إِلَى ٱلْقَتْلَى بِٱلسَّيْفِ، وَزَرْعُهُ ٱلسَّاكِنُونَ تَحْتَ ظِلِّهِ فِي وَسْطِ ٱلْأُمَمِ. (Sheol ) |
वह भी उसके साथ उन तक, जो तलवार से मारे गए, पाताल में उतर जाएँगे और वह भी जो उसके बाज़ू थे, और क़ौमों के बीच उसके साये में बसते थे वहीं होंगे। (Sheol )
يُكَلِّمُهُ أَقْوِيَاءُ ٱلْجَبَابِرَةِ مِنْ وَسْطِ ٱلْهَاوِيَةِ مَعَ أَعْوَانِهِ. قَدْ نَزَلُوا، ٱضْطَجَعُوا غُلْفًا قَتْلَى بِٱلسَّيْفِ. (Sheol ) |
वह जो उहदे दारों में सब से तवाना हैं, पाताल में उस से और उसके मददगारों से मुख़ातिब होंगे:'वह पाताल में उतर गए, वह बे हिस पड़े हैं, या'नी वह नामख़्तून जो तलवार से क़त्ल हुए। (Sheol )
وَلَا يَضْطَجِعُونَ مَعَ ٱلْجَبَابِرَةِ ٱلسَّاقِطِينَ مِنَ ٱلْغُلْفِ ٱلنَّازِلِينَ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ بِأَدَوَاتِ حَرْبِهِمْ، وَقَدْ وُضِعَتْ سُيُوفُهُمْ تَحْتَ رُؤُوسِهِمْ، فَتَكُونُ آثَامُهُمْ عَلَى عِظَامِهِمْ مَعَ أَنَّهُمْ رُعْبُ ٱلْجَبَابِرَةِ فِي أَرْضِ ٱلْأَحْيَاءِ. (Sheol ) |
क्या वह उन बहादुरों के साथ जो नामख़्तूनों में से क़त्ल हुए, जो अपने जंग के हथियारों के साथ पाताल में उतर गए पड़े न रहेंगे? उनकी तलवारें उनके सिरों के नीचे रख्खी हैं, और उनकी बदकिरदारी उनकी हड्डियों पर है; क्यूँकि वह ज़िन्दों की ज़मीन में बहादुरों के लिए हैबत का ज़रि'अ थे। (Sheol )
«مِنْ يَدِ ٱلْهَاوِيَةِ أَفْدِيهِمْ. مِنَ ٱلْمَوْتِ أُخَلِّصُهُمْ. أَيْنَ أَوْبَاؤُكَ يَا مَوْتُ؟ أَيْنَ شَوْكَتُكِ يَا هَاوِيَةُ؟ تَخْتَفِي ٱلنَّدَامَةُ عَنْ عَيْنَيَّ». (Sheol ) |
मैं उनको पाताल के क़ाबू से नजात दूँगा; मैं उनकी मौत से छुड़ाऊँगा। ऐ मौत तेरी वबा कहाँ है? ऐ पाताल तेरी हलाकत कहाँ है? मैं हरगिज़ रहम न करूँगा। (Sheol )
إِنْ نَقَبُوا إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ فَمِنْ هُنَاكَ تَأْخُذُهُمْ يَدِي، وَإِنْ صَعِدُوا إِلَى ٱلسَّمَاءِ فَمِنْ هُنَاكَ أُنْزِلُهُمْ. (Sheol ) |
अगर वह पाताल में घुस जाएँ, तो मेरा हाथ वहाँ से उनको खींच निकालेगा; और अगर आसमान पर चढ़ जाएँ, तो मैं वहाँ से उनको उतार लाऊँगा (Sheol )
وَقَالَ: «دَعَوْتُ مِنْ ضِيقِي ٱلرَّبَّ، فَٱسْتَجَابَنِي. صَرَخْتُ مِنْ جَوْفِ ٱلْهَاوِيَةِ، فَسَمِعْتَ صَوْتِي. (Sheol ) |
“मैंने अपनी मुसीबत में ख़ुदावन्द से दुआ की, और उसने मेरी सुनी; मैंने पताल की गहराई से दुहाई दी, तूने मेरी फ़रियाद सुनी। (Sheol )
وَحَقًّا إِنَّ ٱلْخَمْرَ غَادِرَةٌ. ٱلرَّجُلَ مُتَكَبِّرٌ وَلَا يَهْدَأُ. ٱلَّذِي قَدْ وَسَّعَ نَفْسَهُ كَٱلْهَاوِيَةِ، وَهُوَ كَٱلْمَوْتِ فَلَا يَشْبَعُ، بَلْ يَجْمَعُ إِلَى نَفْسِهِ كُلَّ ٱلْأُمَمِ، وَيَضُمُّ إِلَى نَفْسِهِ جَمِيعَ ٱلشُّعُوبِ. (Sheol ) |
बेशक, घमण्डी आदमी शराब की तरह दग़ाबाज़ है, वह अपने घर में नहीं रहता। वह पाताल की तरह अपनी ख़्वाहिश बढ़ाता है; वह मौत की तरह है, कभी आसूदा नहीं होता; बल्कि सब क़ौमों को अपने पास जमा' करता है, और सब उम्मतों को अपने नज़दीक इकठ्ठा करता है।” (Sheol )
وَأَمَّا أَنَا فَأَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ كُلَّ مَنْ يَغْضَبُ عَلَى أَخِيهِ بَاطِلًا يَكُونُ مُسْتَوْجِبَ ٱلْحُكْمِ، وَمَنْ قَالَ لِأَخِيهِ: رَقَا، يَكُونُ مُسْتَوْجِبَ ٱلْمَجْمَعِ، وَمَنْ قَالَ: يا أَحْمَقُ، يَكُونُ مُسْتَوْجِبَ نَارِ جَهَنَّمَ. (Geenna ) |
लेकिन मैं तुम से ये कहता हूँ कि, 'जो कोई अपने भाई पर ग़ुस्सा होगा, वो 'अदालत की सज़ा के लायक़ होगा; कोई अपने भाई को पाग़ल कहेगा, वो सद्रे — ऐ अदालत की सज़ा के लायक़ होगा; और जो उसको बेवक़ूफ़ कहेगा, वो जहन्नुम की आग का सज़ावार होगा। (Geenna )
فَإِنْ كَانَتْ عَيْنُكَ ٱلْيُمْنَى تُعْثِرُكَ فَٱقْلَعْهَا وَأَلْقِهَا عَنْكَ، لِأَنَّهُ خَيْرٌ لَكَ أَنْ يَهْلِكَ أَحَدُ أَعْضَائِكَ وَلَا يُلْقَى جَسَدُكَ كُلُّهُ فِي جَهَنَّمَ. (Geenna ) |
पस अगर तेरी दहनी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल कर अपने पास से फेंक दे; क्यूँकि तेरे लिए यही बेहतर है; कि तेरे आ'ज़ा में से एक जाता रहे और तेरा सारा बदन जहन्नुम में न डाला जाए। (Geenna )
وَإِنْ كَانَتْ يَدُكَ ٱلْيُمْنَى تُعْثِرُكَ فَٱقْطَعْهَا وَأَلْقِهَا عَنْكَ، لِأَنَّهُ خَيْرٌ لَكَ أَنْ يَهْلِكَ أَحَدُ أَعْضَائِكَ وَلَا يُلْقَى جَسَدُكَ كُلُّهُ فِي جَهَنَّمَ. (Geenna ) |
और अगर तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उस को काट कर अपने पास से फेंक दे। क्यूँकि तेरे लिए यही बेहतर है; कि तेरे आ'ज़ा में से एक जाता रहे और तेरा सारा बदन जहन्नुम में न जाए।” (Geenna )
وَلَا تَخَافُوا مِنَ ٱلَّذِينَ يَقْتُلُونَ ٱلْجَسَدَ وَلَكِنَّ ٱلنَّفْسَ لَا يَقْدِرُونَ أَنْ يَقْتُلُوهَا، بَلْ خَافُوا بِٱلْحَرِيِّ مِنَ ٱلَّذِي يَقْدِرُ أَنْ يُهْلِكَ ٱلنَّفْسَ وَٱلْجَسَدَ كِلَيْهِمَا فِي جَهَنَّمَ. (Geenna ) |
जो बदन को क़त्ल करते हैं और रूह को क़त्ल नहीं कर सकते उन से न डरो बल्कि उसी से डरो जो रूह और बदन दोनों को जहन्नुम में हलाक कर सकता है। (Geenna )
وَأَنْتِ ياكَفْرَنَاحُومَ ٱلْمُرْتَفِعَةَ إِلَى ٱلسَّمَاءِ! سَتُهْبَطِينَ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ. لِأَنَّهُ لَوْ صُنِعَتْ فِي سَدُومَ ٱلْقُوَّاتُ ٱلْمَصْنُوعَةُ فِيكِ لَبَقِيَتْ إِلَى ٱلْيَوْمِ. (Hadēs ) |
और ऐ कफ़रनहूम, क्या तू आस्मान तक बुलन्द किया जाएगा? तू तो आलम — ए अर्वाह में उतरेगा क्यूँकि जो मोजिज़े तुम में ज़ाहिर हुए अगर सदूम में होते तो आज तक क़ाईम रहता। (Hadēs )
وَمَنْ قَالَ كَلِمَةً عَلَى ٱبْنِ ٱلْإِنْسَانِ يُغْفَرُ لَهُ، وَأَمَّا مَنْ قَالَ عَلَى ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ فَلَنْ يُغْفَرَ لَهُ، لَا فِي هَذَا ٱلْعَالَمِ وَلَا فِي ٱلْآتِي. (aiōn ) |
“और जो कोई इब्न — ए — आदम के ख़िलाफ़ कोई बात कहेगा वो तो उसे मु'आफ़ की जाएगी; मगर जो कोई रूह — उल — क़ुद्दूस के ख़िलाफ़ कोई बात कहेगा; वो उसे मु'आफ़ न की जाएगी न इस आलम में न आने वाले में।” (aiōn )
وَٱلْمَزْرُوعُ بَيْنَ ٱلشَّوْكِ هُوَ ٱلَّذِي يَسْمَعُ ٱلْكَلِمَةَ، وَهَمُّ هَذَا ٱلْعَالَمِ وَغُرُورُ ٱلْغِنَى يَخْنُقَانِ ٱلْكَلِمَةَ فَيَصِيرُ بِلَا ثَمَرٍ. (aiōn ) |
और जो झाड़ियों में बोया गया, ये वो है जो कलाम को सुनता है और दुनिया की फ़िक्र और दौलत का फ़रेब उस कलाम को दबा देता है; और वो बे फल रह जाता है। (aiōn )
وَٱلْعَدُوُّ ٱلَّذِي زَرَعَهُ هُوَ إِبْلِيسُ. وَٱلْحَصَادُ هُوَ ٱنْقِضَاءُ ٱلْعَالَمِ. وَٱلْحَصَّادُونَ هُمُ ٱلْمَلَائِكَةُ. (aiōn ) |
जिस दुश्मन ने उन को बोया वो इब्लीस है। और कटाई दुनिया का आख़िर है और काटने वाले फ़रिश्ते हैं। (aiōn )
فَكَمَا يُجْمَعُ ٱلزَّوَانُ وَيُحْرَقُ بِٱلنَّارِ، هَكَذَا يَكُونُ فِي ٱنْقِضَاءِ هَذَا ٱلْعَالَمِ: (aiōn ) |
पस जैसे कड़वे दाने जमा किए जाते और आग में जलाए जाते हैं। (aiōn )
هَكَذَا يَكُونُ فِي ٱنْقِضَاءِ ٱلْعَالَمِ: يَخْرُجُ ٱلْمَلَائِكَةُ وَيُفْرِزُونَ ٱلْأَشْرَارَ مِنْ بَيْنِ ٱلْأَبْرَارِ، (aiōn ) |
दुनिया के आख़िर में ऐसा ही होगा; फ़रिश्ते निकलेंगे और शरीरों को रास्तबाज़ों से जुदा करेंगे; और उनको आग की भट्टी में डाल देंगे। (aiōn )
وَأَنَا أَقُولُ لَكَ أَيْضًا: أَنْتَ بُطْرُسُ، وَعَلَى هَذِهِ ٱلصَّخْرَةِ أَبْنِي كَنِيسَتِي، وَأَبْوَابُ ٱلْجَحِيمِ لَنْ تَقْوَى عَلَيْهَا. (Hadēs ) |
और मैं भी तुम से कहता हूँ; कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊँगा। और आलम — ए — अरवाह के दरवाज़े उस पर ग़ालिब न आएँगे। (Hadēs )
فَإِنْ أَعْثَرَتْكَ يَدُكَ أَوْ رِجْلُكَ فَٱقْطَعْهَا وَأَلْقِهَا عَنْكَ. خَيْرٌ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ ٱلْحَيَاةَ أَعْرَجَ أَوْ أَقْطَعَ مِنْ أَنْ تُلْقَى فِي ٱلنَّارِ ٱلْأَبَدِيَّةِ وَلَكَ يَدَانِ أَوْ رِجْلَانِ. (aiōnios ) |
“पस अगर तेरा हाथ या तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट कर अपने पास से फेंक दे; टुंडा या लंगड़ा होकर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है; कि दो हाथ या दो पाँव रखता हुआ तू हमेशा की आग में डाला जाए। (aiōnios )
وَإِنْ أَعْثَرَتْكَ عَيْنُكَ فَٱقْلَعْهَا وَأَلْقِهَا عَنْكَ. خَيْرٌ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ ٱلْحَيَاةَ أَعْوَرَ مِنْ أَنْ تُلْقَى فِي جَهَنَّمِ ٱلنَّارِ وَلَكَ عَيْنَانِ. (Geenna ) |
और अगर तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल कर अपने से फेंक दे; काना हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो आँखें रखता हुआ तू जहन्नुम कि आग में डाला जाए।” (Geenna )
وَإِذَا وَاحِدٌ تَقَدَّمَ وَقَالَ لَهُ: «أَيُّهَا ٱلْمُعَلِّمُ ٱلصَّالِحُ، أَيَّ صَلَاحٍ أَعْمَلُ لِتَكُونَ لِيَ ٱلْحَيَاةُ ٱلْأَبَدِيَّةُ؟». (aiōnios ) |
और देखो; एक शख़्स ने पास आकर उससे कहा “मैं कौन सी नेकी करूँ, ताकि हमेशा की ज़िन्दगी पाऊँ?” (aiōnios )
وَكُلُّ مَنْ تَرَكَ بُيُوتًا أَوْ إِخْوَةً أَوْ أَخَوَاتٍ أَوْ أَبًا أَوْ أُمًّا أَوِ ٱمْرَأَةً أَوْ أَوْلَادًا أَوْ حُقُولًا مِنْ أَجْلِ ٱسْمِي، يَأْخُذُ مِئَةَ ضِعْفٍ وَيَرِثُ ٱلْحَيَاةَ ٱلْأَبَدِيَّةَ. (aiōnios ) |
और जिस किसी ने घरों, या भाइयों, या बहनों, या बाप, या माँ, या बच्चों, या खेतों को मेरे नाम की ख़ातिर छोड़ दिया है, उसको सौ गुना मिलेगा और हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस होगा। (aiōnios )
فَنَظَرَ شَجَرَةَ تِينٍ عَلَى ٱلطَّرِيقِ، وَجَاءَ إِلَيْهَا فَلَمْ يَجِدْ فِيهَا شَيْئًا إِلَّا وَرَقًا فَقَطْ. فَقَالَ لَهَا: «لَا يَكُنْ مِنْكِ ثَمَرٌ بَعْدُ إِلَى ٱلْأَبَدِ!». فَيَبِسَتِ ٱلتِّينَةُ فِي ٱلْحَالِ. (aiōn ) |
और रास्ते के किनारे अंजीर का एक दरख़्त देख कर उसके पास गया; और पत्तों के सिवा उस में कुछ न पाकर उससे कहा; “आइन्दा कभी तुझ में फल न लगे!” और अंजीर का दरख़्त उसी दम सूख गया। (aiōn )
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ ٱلْمُرَاؤُونَ! لِأَنَّكُمْ تَطُوفُونَ ٱلْبَحْرَ وَٱلْبَرَّ لِتَكْسَبُوا دَخِيلًا وَاحِدًا، وَمَتَى حَصَلَ تَصْنَعُونَهُ ٱبْنًا لِجَهَنَّمَ أَكْثَرَ مِنْكُمْ مُضَاعَفًا. (Geenna ) |
“ऐ रियाकार; फ़क़ीहो और फ़रीसियो तुम पर अफ़सोस, कि एक मुरीद करने के लिए तरी और ख़ुश्की का दौरा करते हो, और जब वो मुरीद हो चुकता है तो उसे अपने से दूगना जहन्नुम का फ़र्ज़न्द बना देते हो।” (Geenna )
أَيُّهَا ٱلْحَيَّاتُ أَوْلَادَ ٱلْأَفَاعِي! كَيْفَ تَهْرُبُونَ مِنْ دَيْنُونَةِ جَهَنَّمَ؟ (Geenna ) |
ऐ साँपों, ऐ अफ़'ई के बच्चो; तुम जहन्नुम की सज़ा से क्यूँकर बचोगे? (Geenna )
وَفِيمَا هُوَ جَالِسٌ عَلَى جَبَلِ ٱلزَّيْتُونِ، تَقَدَّمَ إِلَيْهِ ٱلتَّلَامِيذُ عَلَى ٱنْفِرَادٍ قَائِلِينَ: «قُلْ لَنَا مَتَى يَكُونُ هَذَا؟ وَمَا هِيَ عَلَامَةُ مَجِيئِكَ وَٱنْقِضَاءِ ٱلدَّهْرِ؟». (aiōn ) |
जब वो ज़ैतून के पहाड़ पर बैठा था, उसके शागिर्दों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम को बता ये बातें कब होंगी? और तेरे आने और दुनिया के आख़िर होने का निशान क्या होगा?” (aiōn )
«ثُمَّ يَقُولُ أَيْضًا لِلَّذِينَ عَنِ ٱلْيَسَارِ: ٱذْهَبُوا عَنِّي يامَلَاعِينُ إِلَى ٱلنَّارِ ٱلْأَبَدِيَّةِ ٱلْمُعَدَّةِ لِإِبْلِيسَ وَمَلَائِكَتِهِ، (aiōnios ) |
फिर वो बाएँ तरफ़ वालों से कहेगा, ‘मला'ऊनो मेरे सामने से उस हमेशा की आग में चले जाओ, जो इब्लीस और उसके फ़रिश्तों के लिए तैयार की गई है। (aiōnios )
فَيَمْضِي هَؤُلَاءِ إِلَى عَذَابٍ أَبَدِيٍّ وَٱلْأَبْرَارُ إِلَى حَيَاةٍ أَبَدِيَّةٍ». (aiōnios ) |
और ये हमेशा की सज़ा पाएँगे, मगर रास्तबाज़ हमेशा की ज़िन्दगी।” (aiōnios )
وَعَلِّمُوهُمْ أَنْ يَحْفَظُوا جَمِيعَ مَا أَوْصَيْتُكُمْ بِهِ. وَهَا أَنَا مَعَكُمْ كُلَّ ٱلْأَيَّامِ إِلَى ٱنْقِضَاءِ ٱلدَّهْرِ». آمِينَ. (aiōn ) |
और उन को ये ता'लीम दो, कि उन सब बातों पर अमल करें जिनका मैंने तुम को हुक्म दिया; और देखो, मैं दुनिया के आख़िर तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।” (aiōn )
وَلَكِنْ مَنْ جَدَّفَ عَلَى ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ فَلَيْسَ لَهُ مَغْفِرَةٌ إِلَى ٱلْأَبَدِ، بَلْ هُوَ مُسْتَوْجِبٌ دَيْنُونَةً أَبَدِيَّةً». (aiōn , aiōnios ) |
लेकिन जो कोई रूह — उल — क़ुददूस के हक़ में कुफ़्र बके वो हसेशा तक मु'आफ़ी न पाएगा; बल्कि वो हमेशा गुनाह का क़ुसूरवार है।” (aiōn , aiōnios )
وَهُمُومُ هَذَا ٱلْعَالَمِ وَغُرُورُ ٱلْغِنَى وَشَهَوَاتُ سَائِرِ ٱلْأَشْيَاءِ تَدْخُلُ وَتَخْنُقُ ٱلْكَلِمَةَ فَتَصِيرُ بِلَا ثَمَرٍ. (aiōn ) |
और दुनिया की फ़िक्र और दौलत का धोखा और और चीज़ों का लालच दाख़िल होकर कलाम को दबा देते हैं, और वो बेफल रह जाता है।” (aiōn )
وَإِنْ أَعْثَرَتْكَ يَدُكَ فَٱقْطَعْهَا. خَيْرٌ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ ٱلْحَيَاةَ أَقْطَعَ مِنْ أَنْ تَكُونَ لَكَ يَدَانِ وَتَمْضِيَ إِلَى جَهَنَّمَ، إِلَى ٱلنَّارِ ٱلَّتِي لَا تُطْفَأُ. (Geenna ) |
अगर तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुंडा हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो हाथ होते जहन्नुम के बीच उस आग में जाए जो कभी बुझने की नहीं। (Geenna )
وَإِنْ أَعْثَرَتْكَ رِجْلُكَ فَٱقْطَعْهَا. خَيْرٌ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ ٱلْحَيَاةَ أَعْرَجَ مِنْ أَنْ تَكُونَ لَكَ رِجْلَانِ وَتُطْرَحَ فِي جَهَنَّمَ فِي ٱلنَّارِ ٱلَّتِي لَا تُطْفَأُ. (Geenna ) |
और अगर तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल लंगड़ा हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो पाँव होते जहन्नुम में डाला जाए। (Geenna )
وَإِنْ أَعْثَرَتْكَ عَيْنُكَ فَٱقْلَعْهَا. خَيْرٌ لَكَ أَنْ تَدْخُلَ مَلَكُوتَ ٱللهِ أَعْوَرَ مِنْ أَنْ تَكُونَ لَكَ عَيْنَانِ وَتُطْرَحَ فِي جَهَنَّمِ ٱلنَّارِ. (Geenna ) |
और अगर तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल काना हो कर ज़िन्दगी में दाख़िल होना तेरे लिए इससे बेहतर है कि दो आँखें होते जहन्नुम में डाला जाए। (Geenna )
وَفِيمَا هُوَ خَارِجٌ إِلَى ٱلطَّرِيقِ، رَكَضَ وَاحِدٌ وَجَثَا لَهُ وَسَأَلَهُ: «أَيُّهَا ٱلْمُعَلِّمُ ٱلصَّالِحُ، مَاذَا أَعْمَلُ لِأَرِثَ ٱلْحَيَاةَ ٱلْأَبَدِيَّةَ؟». (aiōnios ) |
जब वो बाहर निकल कर रास्ते में जा रहा था तो एक शख़्स दौड़ता हुआ उसके पास आया और उसके आगे घुटने टेक कर उससे पूछने लगा “ऐ नेक उस्ताद; में क्या करूँ कि हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस बनूँ?” (aiōnios )
إِلَّا وَيَأْخُذُ مِئَةَ ضِعْفٍ ٱلْآنَ فِي هَذَا ٱلزَّمَانِ، بُيُوتًا وَإِخْوَةً وَأَخَوَاتٍ وَأُمَّهَاتٍ وَأَوْلَادًا وَحُقُولًا، مَعَ ٱضْطِهَادَاتٍ، وَفِي ٱلدَّهْرِ ٱلْآتِي ٱلْحَيَاةَ ٱلْأَبَدِيَّةَ. (aiōn , aiōnios ) |
और अब इस ज़माने में सौ गुना न पाए घर और भाई और बहनें और माँए और बच्चे और खेत मगर ज़ुल्म के साथ और आने वाले आलम में हमेशा की ज़िन्दगी। (aiōn , aiōnios )
فَأَجَابَ يَسُوعُ وَقَالَ لَهَا: «لَا يَأْكُلْ أَحَدٌ مِنْكِ ثَمَرًا بَعْدُ إِلَى ٱلْأَبَدِ!». وَكَانَ تَلَامِيذُهُ يَسْمَعُونَ. (aiōn ) |
उसने उस से कहा “आइन्दा कोई तुझ से कभी फल न खाए!” और उसके शागिर्दों ने सुना। (aiōn )
وَيَمْلِكُ عَلَى بَيْتِ يَعْقُوبَ إِلَى ٱلْأَبَدِ، وَلَا يَكُونُ لِمُلْكِهِ نِهَايَةٌ». (aiōn ) |
और वह हमेशा तक इस्राईल पर हुकूमत करेगा। उस की सल्तनत कभी ख़त्म न होगी।” (aiōn )
كَمَا كَلَّمَ آبَاءَنَا. لِإِبْراهِيمَ وَنَسْلِهِ إِلَى ٱلْأَبَدِ». (aiōn ) |
जो अब्रहाम और उसकी नस्ल पर हमेशा तक रहेगी, जैसा उसने हमारे बाप — दादा से कहा था।” (aiōn )
كَمَا تَكَلَّمَ بِفَمِ أَنْبِيَائِهِ ٱلْقِدِّيسِينَ ٱلَّذِينَ هُمْ مُنْذُ ٱلدَّهْرِ، (aiōn ) |
(जैसा उसने अपने पाक नबियों की ज़बानी कहा था जो कि दुनिया के शुरू' से होते आए है) (aiōn )
وَطَلَبَ إِلَيْهِ أَنْ لَا يَأْمُرَهُمْ بِٱلذَّهَابِ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ. (Abyssos ) |
और वो उसकी मिन्नत करने लगीं कि “हमें गहरे गड्ढे में जाने का हुक्म न दे।” (Abyssos )
وَأَنْتِ يَا كَفْرَنَاحُومَ ٱلْمُرْتَفِعَةُ إِلَى ٱلسَّمَاءِ! سَتُهْبَطِينَ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ. (Hadēs ) |
और तू ऐ कफ़रनहूम, क्या तू आसमान तक बुलन्द किया जाएगा? नहीं, बल्कि तू 'आलम — ए — अर्वाह में उतारा जाएगा। (Hadēs )
وَإِذَا نَامُوسِيٌّ قَامَ يُجَرِّبُهُ قَائِلًا: «يَا مُعَلِّمُ، مَاذَا أَعْمَلُ لِأَرِثَ ٱلْحَيَاةَ ٱلْأَبَدِيَّةَ؟». (aiōnios ) |
और देखो, एक शरा का आलिम उठा, और ये कहकर उसकी आज़माइश करने लगा, “ऐ उस्ताद, मैं क्या करूँ कि हमेशा की ज़िन्दगी का बारिस बनूँ?” (aiōnios )
بَلْ أُرِيكُمْ مِمَّنْ تَخَافُونَ: خَافُوا مِنَ ٱلَّذِي بَعْدَمَا يَقْتُلُ، لَهُ سُلْطَانٌ أَنْ يُلْقِيَ فِي جَهَنَّمَ. نَعَمْ، أَقُولُ لَكُمْ: مِنْ هَذَا خَافُوا! (Geenna ) |
लेकिन मैं तुम्हें जताता हूँ कि किससे डरना चाहिए, उससे डरो जिसे इख़्तियार है कि क़त्ल करने के बाद जहन्नुम में डाले; हाँ, मैं तुम से कहता हूँ कि उसी से डरो। (Geenna )
فَمَدَحَ ٱلسَّيِّدُ وَكِيلَ ٱلظُّلْمِ إِذْ بِحِكْمَةٍ فَعَلَ، لِأَنَّ أَبْنَاءَ هَذَا ٱلدَّهْرِ أَحْكَمُ مِنْ أَبْنَاءِ ٱلنُّورِ فِي جِيلِهِمْ. (aiōn ) |
“और मालिक ने बेईमान मुख़्तार की ता'रीफ़ की, इसलिए कि उसने होशियारी की थी। क्यूँकि इस जहान के फ़र्ज़न्द अपने हमवक़्तों के साथ मु'आमिलात में नूर के फ़र्ज़न्द से ज़्यादा होशियार हैं। (aiōn )
وَأَنَا أَقُولُ لَكُمُ: ٱصْنَعُوا لَكُمْ أَصْدِقَاءَ بِمَالِ ٱلظُّلْمِ، حَتَّى إِذَا فَنِيتُمْ يَقْبَلُونَكُمْ فِي ٱلْمَظَالِّ ٱلْأَبَدِيَّةِ. (aiōnios ) |
और मैं तुम से कहता हूँ कि नारास्ती की दौलत से अपने लिए दोस्त पैदा करो, ताकि जब वो जाती रहे तो ये तुम को हमेशा के मुक़ामों में जगह दें। (aiōnios )
فَرَفَعَ عَيْنَيْهِ فِي ٱلجَحِيمِ وَهُوَ فِي ٱلْعَذَابِ، وَرَأَى إِبْرَاهِيمَ مِنْ بَعِيدٍ وَلِعَازَرَ فِي حِضْنِهِ، (Hadēs ) |
उसने 'आलम — ए — अर्वाह के दरमियान 'ऐज़ाब में मुब्तिला होकर अपनी आँखें उठाई, और अब्रहाम को दूर से देखा और उसकी गोद में ला'ज़र को। (Hadēs )
وَسَأَلَهُ رَئِيسٌ قَائِلًا: «أَيُّهَا ٱلْمُعَلِّمُ ٱلصَّالِحُ، مَاذَا أَعْمَلُ لِأَرِثَ ٱلْحَيَاةَ ٱلْأَبَدِيَّةَ؟» (aiōnios ) |
फिर किसी सरदार ने उससे ये सवाल किया, ऐ उस्ताद! मैं क्या करूँ ताकि हमेशा की ज़िन्दगी का वारिस बनूँ। (aiōnios )
إِلَّا وَيَأْخُذُ فِي هَذَا ٱلزَّمَانِ أَضْعَافًا كَثِيرَةً، وَفِي ٱلدَّهْرِ ٱلْآتِي ٱلْحَيَاةَ ٱلْأَبَدِيَّةَ». (aiōn , aiōnios ) |
और इस ज़माने में कई गुना ज़्यादा न पाए, और आने वाले 'आलम में हमेशा की ज़िन्दगी।” (aiōn , aiōnios )
فَأَجَابَ وَقَالَ لَهُمْ يَسُوعُ: «أَبْنَاءُ هَذَا ٱلدَّهْرِ يُزَوِّجُونَ وَيُزَوَّجُونَ، (aiōn ) |
ईसा ने जवाब दिया, “इस ज़माने में लोग ब्याह — शादी करते और कराते हैं। (aiōn )
وَلَكِنَّ ٱلَّذِينَ حُسِبُوا أَهْلًا لِلْحُصُولِ عَلَى ذَلِكَ ٱلدَّهْرِ وَٱلْقِيَامَةِ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ، لَا يُزَوِّجُونَ وَلَا يُزَوَّجُونَ، (aiōn ) |
लेकिन जिन्हें ख़ुदा आने वाले ज़माने में शरीक होने और मुर्दों में से जी उठने के लायक़ समझता है वह उस वक़्त शादी नहीं करेंगे, न उन की शादी किसी से कराई जाएगी। (aiōn )
لِكَيْ لَا يَهْلِكَ كُلُّ مَنْ يُؤْمِنُ بِهِ بَلْ تَكُونُ لَهُ ٱلْحَيَاةُ ٱلْأَبَدِيَّةُ. (aiōnios ) |
ताकि जो कोई ईमान लाए उसमें हमेशा की ज़िन्दगी पाए।” (aiōnios )
لِأَنَّهُ هَكَذَا أَحَبَّ ٱللهُ ٱلْعَالَمَ حَتَّى بَذَلَ ٱبْنَهُ ٱلْوَحِيدَ، لِكَيْ لَا يَهْلِكَ كُلُّ مَنْ يُؤْمِنُ بِهِ، بَلْ تَكُونُ لَهُ ٱلْحَيَاةُ ٱلْأَبَدِيَّةُ. (aiōnios ) |
“क्यूँकि ख़ुदा ने दुनियाँ से ऐसी मुहब्बत रख्खी कि उसने अपना इकलौता बेटा बख़्श दिया, ताकि जो कोई उस पर ईमान लाए हलाक न हो, बल्कि हमेशा की ज़िन्दगी पाए। (aiōnios )
ٱلَّذِي يُؤْمِنُ بِٱلِٱبْنِ لَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ، وَٱلَّذِي لَا يُؤْمِنُ بِٱلِٱبْنِ لَنْ يَرَى حَيَاةً بَلْ يَمْكُثُ عَلَيْهِ غَضَبُ ٱللهِ». (aiōnios ) |
जो बेटे पर ईमान लाता है हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है; लेकिन जो बेटे की नहीं मानता 'ज़िन्दगी को न देखगा बल्कि उसपर ख़ुदा का ग़ज़ब रहता है।” (aiōnios )
وَلَكِنْ مَنْ يَشْرَبُ مِنَ ٱلْمَاءِ ٱلَّذِي أُعْطِيهِ أَنَا فَلَنْ يَعْطَشَ إِلَى ٱلْأَبَدِ، بَلِ ٱلْمَاءُ ٱلَّذِي أُعْطِيهِ يَصِيرُ فِيهِ يَنْبُوعَ مَاءٍ يَنْبَعُ إِلَى حَيَاةٍ أَبَدِيَّةٍ». (aiōn , aiōnios ) |
मगर जो कोई उस पानी में से पिएगा जो मैं उसे दूँगा, वो अबद तक प्यासा न होगा! बल्कि जो पानी मैं उसे दूँगा, वो उसमें एक चश्मा बन जाएगा जो हमेशा की ज़िन्दगी के लिए जारी रहेगा।” (aiōn , aiōnios )
وَٱلْحَاصِدُ يَأْخُذُ أُجْرَةً وَيَجْمَعُ ثَمَرًا لِلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ، لِكَيْ يَفْرَحَ ٱلزَّارِعُ وَٱلْحَاصِدُ مَعًا. (aiōnios ) |
और काटनेवाला मज़दूरी पाता और हमेशा की ज़िन्दगी के लिए फल जमा करता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर ख़ुशी करें। (aiōnios )
«اَلْحَقَّ ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ مَنْ يَسْمَعُ كَلَامِي وَيُؤْمِنُ بِالَّذِي أَرْسَلَنِي فَلَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ، وَلَا يَأْتِي إِلَى دَيْنُونَةٍ، بَلْ قَدِ ٱنْتَقَلَ مِنَ ٱلْمَوْتِ إِلَى ٱلْحَيَاةِ. (aiōnios ) |
मैं तुम से सच कहता हूँ कि जो मेरा कलाम सुनता और मेरे भेजने वाले का यक़ीन करता है, हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है और उस पर सज़ा का हुक्म नहीं होता बल्कि वो मौत से निकलकर ज़िन्दगी में दाख़िल हो गया है।” (aiōnios )
فَتِّشُوا ٱلْكُتُبَ لِأَنَّكُمْ تَظُنُّونَ أَنَّ لَكُمْ فِيهَا حَيَاةً أَبَدِيَّةً. وَهِيَ ٱلَّتِي تَشْهَدُ لِي. (aiōnios ) |
तुम किताब — ए — मुक़द्दस में ढूँडते हो, क्यूँकि समझते हो कि उसमें हमेशा की ज़िन्दगी तुम्हें मिलती है, और ये वो है जो मेरी गवाही देती है; (aiōnios )
اِعْمَلُوا لَا لِلطَّعَامِ ٱلْبَائِدِ، بَلْ لِلطَّعَامِ ٱلْبَاقِي لِلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ ٱلَّذِي يُعْطِيكُمُ ٱبْنُ ٱلْإِنْسَانِ، لِأَنَّ هَذَا ٱللهُ ٱلْآبُ قَدْ خَتَمَهُ». (aiōnios ) |
फ़ानी ख़ुराक के लिए मेहनत न करो, बल्कि उस ख़ुराक के लिए जो हमेशा की ज़िन्दगी तक बाक़ी रहती है जिसे इब्न — ए — आदम तुम्हें देगा; क्यूँकि बाप या'नी ख़ुदा ने उसी पर मुहर की है।” (aiōnios )
لِأَنَّ هَذِهِ هِيَ مَشِيئَةُ ٱلَّذِي أَرْسَلَنِي: أَنَّ كُلَّ مَنْ يَرَى ٱلِٱبْنَ وَيُؤْمِنُ بِهِ تَكُونُ لَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ، وَأَنَا أُقِيمُهُ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلْأَخِيرِ». (aiōnios ) |
क्यूँकि मेरे बाप की मर्ज़ी ये है, कि जो कोई बेटे को देखे और उस पर ईमान लाए, और हमेशा की ज़िन्दगी पाए और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँ।” (aiōnios )
اَلْحَقَّ ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: مَنْ يُؤْمِنُ بِي فَلَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ. (aiōnios ) |
मैं तुम से सच कहता हूँ, कि जो ईमान लाता है हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है। (aiōnios )
أَنَا هُوَ ٱلْخُبْزُ ٱلْحَيُّ ٱلَّذِي نَزَلَ مِنَ ٱلسَّمَاءِ. إِنْ أَكَلَ أَحَدٌ مِنْ هَذَا ٱلْخُبْزِ يَحْيَا إِلَى ٱلْأَبَدِ. وَٱلْخُبْزُ ٱلَّذِي أَنَا أُعْطِي هُوَ جَسَدِي ٱلَّذِي أَبْذِلُهُ مِنْ أَجْلِ حَيَاةِ ٱلْعَالَمِ». (aiōn ) |
मैं हूँ वो ज़िन्दगी की रोटी जो आसमान से उतरी। अगर कोई इस रोटी में से खाए तो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा, बल्कि जो रोटी मैं दुनियाँ की ज़िन्दगी के लिए दूँगा वो मेरा गोश्त है।” (aiōn )
مَنْ يَأْكُلُ جَسَدِي وَيَشْرَبُ دَمِي فَلَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ، وَأَنَا أُقِيمُهُ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلْأَخِيرِ، (aiōnios ) |
जो मेरा गोश्त खाता और मेरा ख़ून पीता है, हमेशा की ज़िन्दगी उसकी है; और मैं उसे आख़िरी दिन फिर ज़िन्दा करूँगा। (aiōnios )
هَذَا هُوَ ٱلْخُبْزُ ٱلَّذِي نَزَلَ مِنَ ٱلسَّمَاءِ. لَيْسَ كَمَا أَكَلَ آبَاؤُكُمُ ٱلْمَنَّ وَمَاتُوا. مَنْ يَأْكُلْ هَذَا ٱلْخُبْزَ فَإِنَّهُ يَحْيَا إِلَى ٱلْأَبَدِ». (aiōn ) |
जो रोटी आसमान से उतरी यही है, बाप — दादा की तरह नहीं कि खाया और मर गए; जो ये रोटी खाएगा वो हमेशा तक ज़िन्दा रहेगा।” (aiōn )
فَأَجَابَهُ سِمْعَانُ بُطْرُسُ: «يَارَبُّ، إِلَى مَنْ نَذْهَبُ؟ كَلَامُ ٱلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ عِنْدَكَ، (aiōnios ) |
शमौन पतरस ने उसे जवाब दिया, “ऐ ख़ुदावन्द! हम किसके पास जाएँ? हमेशा की ज़िन्दगी की बातें तो तेरे ही पास हैं? (aiōnios )
وَٱلْعَبْدُ لَا يَبْقَى فِي ٱلْبَيْتِ إِلَى ٱلْأَبَدِ، أَمَّا ٱلِٱبْنُ فَيَبْقَى إِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn ) |
और ग़ुलाम हमेशा तक घर में नहीं रहता, बेटा हमेशा रहता है। (aiōn )
اَلْحَقَّ ٱلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنْ كَانَ أَحَدٌ يَحْفَظُ كَلَامِي فَلَنْ يَرَى ٱلْمَوْتَ إِلَى ٱلْأَبَدِ». (aiōn ) |
मैं तुम से सच कहता हूँ कि अगर कोई इंसान मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत को न देखेगा।” (aiōn )
فَقَالَ لَهُ ٱلْيَهُودُ: ٱلْآنَ عَلِمْنَا أَنَّ بِكَ شَيْطَانًا. قَدْ مَاتَ إِبْرَاهِيمُ وَٱلْأَنْبِيَاءُ، وَأَنْتَ تَقُولُ: إِنْ كَانَ أَحَدٌ يَحْفَظُ كَلَامِي فَلَنْ يَذُوقَ ٱلْمَوْتَ إِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn ) |
यहूदियों ने उससे कहा, “अब हम ने जान लिया कि तुझ में बदरूह है! अब्रहाम मर गया और नबी मर गए, मगर तू कहता है, 'अगर कोई मेरे कलाम पर 'अमल करेगा, तो हमेशा तक कभी मौत का मज़ा न चखेगा। (aiōn )
مُنْذُ ٱلدَّهْرِ لَمْ يُسْمَعْ أَنَّ أَحَدًا فَتَحَ عَيْنَيْ مَوْلُودٍ أَعْمَى. (aiōn ) |
शुरू ही से यह बात सुनने में नहीं आई कि किसी ने पैदाइशी अंधे की आँखों को सही कर दिया हो। (aiōn )
وَأَنَا أُعْطِيهَا حَيَاةً أَبَدِيَّةً، وَلَنْ تَهْلِكَ إِلَى ٱلْأَبَدِ، وَلَا يَخْطَفُهَا أَحَدٌ مِنْ يَدِي. (aiōn , aiōnios ) |
मैं उन्हें हमेशा की ज़िन्दगी देता हूँ, इस लिए वह कभी हलाक नहीं होंगी। कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा, (aiōn , aiōnios )
وَكُلُّ مَنْ كَانَ حَيًّا وَآمَنَ بِي فَلَنْ يَمُوتَ إِلَى ٱلْأَبَدِ. أَتُؤْمِنِينَ بِهَذَا؟». (aiōn ) |
और जो ज़िन्दा है और मुझ पर ईमान रखता है वह कभी नहीं मरेगा। मर्था, क्या तुझे इस बात का यक़ीन है?” (aiōn )
مَنْ يُحِبُّ نَفْسَهُ يُهْلِكُهَا، وَمَنْ يُبْغِضُ نَفْسَهُ فِي هَذَا ٱلْعَالَمِ يَحْفَظُهَا إِلَى حَيَاةٍ أَبَدِيَّةٍ. (aiōnios ) |
जो अपनी जान को प्यार करता है वह उसे खो देगा, और जो इस दुनियाँ में अपनी जान से दुश्मनी रखता है वह उसे हमेशा तक बचाए रखेगा। (aiōnios )
فَأَجَابَهُ ٱلْجَمْعُ: «نَحْنُ سَمِعْنَا مِنَ ٱلنَّامُوسِ أَنَّ ٱلْمَسِيحَ يَبْقَى إِلَى ٱلْأَبَدِ، فَكَيْفَ تَقُولُ أَنْتَ إِنَّهُ يَنْبَغِي أَنْ يَرْتَفِعَ ٱبْنُ ٱلْإِنْسَانِ؟ مَنْ هُوَ هَذَا ٱبْنُ ٱلْإِنْسَانِ؟». (aiōn ) |
मजमा बोल उठा, कलाम — ए — मुक़द्दस से हम ने सुना है कि मसीह हमेशा तक क़ाईम रहेगा। तो फिर आप की यह कैसी बात है कि “इब्न — ए — आदम को ऊँचे पर चढ़ाया जाना है?” आख़िर इब्न — ए — आदम है कौन? (aiōn )
وَأَنَا أَعْلَمُ أَنَّ وَصِيَّتَهُ هِيَ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ. فَمَا أَتَكَلَّمُ أَنَا بِهِ، فَكَمَا قَالَ لِي ٱلْآبُ هَكَذَا أَتَكَلَّمُ». (aiōnios ) |
और मैं जानता हूँ कि उस का हुक्म हमेशा की ज़िन्दगी तक पहुँचाता है। चुनाँचे जो कुछ मैं सुनाता हूँ वही है जो बाप ने मुझे बताया है।” (aiōnios )
قَالَ لَهُ بُطْرُسُ: «لَنْ تَغْسِلَ رِجْلَيَّ أَبَدًا!». أَجَابَهُ يَسُوعُ: «إِنْ كُنْتُ لَا أَغْسِلُكَ فَلَيْسَ لَكَ مَعِي نَصِيبٌ». (aiōn ) |
पतरस ने एतराज़ किया, “मैं कभी भी आप को मेरे पैर धोने नहीं दूँगा!” ईसा ने जवाब दिया “अगर मैं तुझे न धोऊँ तो मेरे साथ तेरी कोई शराकत नहीं।” (aiōn )
وَأَنَا أَطْلُبُ مِنَ ٱلْآبِ فَيُعْطِيكُمْ مُعَزِّيًا آخَرَ لِيَمْكُثَ مَعَكُمْ إِلَى ٱلْأَبَدِ، (aiōn ) |
और मैं बाप से गुज़ारिश करूँगा तो वह तुम को एक और मददगार देगा जो हमेशा तक तुम्हारे साथ रहेगा (aiōn )
إِذْ أَعْطَيْتَهُ سُلْطَانًا عَلَى كُلِّ جَسَدٍ لِيُعْطِيَ حَيَاةً أَبَدِيَّةً لِكُلِّ مَنْ أَعْطَيْتَهُ. (aiōnios ) |
क्यूँकि तू ने उसे तमाम इंसान ों पर इख़्तियार दिया है ताकि वह उन सब को हमेशा की ज़िन्दगी दे जो तू ने उसे दिया हैं। (aiōnios )
وَهَذِهِ هِيَ ٱلْحَيَاةُ ٱلْأَبَدِيَّةُ: أَنْ يَعْرِفُوكَ أَنْتَ ٱلْإِلَهَ ٱلْحَقِيقِيَّ وَحْدَكَ وَيَسُوعَ ٱلْمَسِيحَ ٱلَّذِي أَرْسَلْتَهُ. (aiōnios ) |
और हमेशा की ज़िन्दगी यह है कि वह तुझे जान लें जो वाहिद और सच्चा ख़ुदा है और ईसा मसीह को भी जान लें जिसे तू ने भेजा है। (aiōnios )
لِأَنَّكَ لَنْ تَتْرُكَ نَفْسِي فِي ٱلْهَاوِيَةِ وَلَا تَدَعَ قُدُّوسَكَ يَرَى فَسَادًا. (Hadēs ) |
इसलिए कि तू मेरी जान को 'आलम — ए — अर्वाह में ना छोड़ेगा, और ना अपने पाक के सड़ने की नौबत पहुँचने देगा। (Hadēs )
سَبَقَ فَرَأَى وَتَكَلَّمَ عَنْ قِيَامَةِ ٱلْمَسِيحِ، أَنَّهُ لَمْ تُتْرَكْ نَفْسُهُ فِي ٱلْهَاوِيَةِ وَلَا رَأَى جَسَدُهُ فَسَادًا. (Hadēs ) |
उसने नबुव्वत के तौर पर मसीह के जी उठने का ज़िक्र किया कि ना वो' आलम' ए' अर्वाह में छोड़ेगा, ना उसके जिस्म के सड़ने की नौबत पहुँचेगी। (Hadēs )
ٱلَّذِي يَنْبَغِي أَنَّ ٱلسَّمَاءَ تَقْبَلُهُ، إِلَى أَزْمِنَةِ رَدِّ كُلِّ شَيْءٍ، ٱلَّتِي تَكَلَّمَ عَنْهَا ٱللهُ بِفَمِ جَمِيعِ أَنْبِيَائِهِ ٱلْقِدِّيسِينَ مُنْذُ ٱلدَّهْرِ. (aiōn ) |
ज़रूरी है कि वो असमान में उस वक़्त तक रहे; जब तक कि वो सब चीज़ें बहाल न की जाएँ, जिनका ज़िक्र ख़ुदा ने अपने पाक नबियों की ज़बानी किया है; जो दुनिया के शुरू से होते आए हैं। (aiōn )
فَجَاهَرَ بُولُسُ وَبَرْنَابَا وَقَالَا: «كَانَ يَجِبُ أَنْ تُكَلَّمُوا أَنْتُمْ أَوَّلًا بِكَلِمَةِ ٱللهِ، وَلَكِنْ إِذْ دَفَعْتُمُوهَا عَنْكُمْ، وَحَكَمْتُمْ أَنَّكُمْ غَيْرُ مُسْتَحِقِّينَ لِلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ، هُوَذَا نَتَوَجَّهُ إِلَى ٱلْأُمَمِ. (aiōnios ) |
पौलुस और बरनबास दिलेर होकर कहने लगे, ज़रूर था, कि ख़ुदा का कलाम पहले तुम्हें सुनाया जाए; लेकिन चूँकि तुम उसको रद्द करते हो। और अपने आप को हमेशा की ज़िन्दगी के नाक़ाबिल ठहराते हो, तो देखो हम ग़ैर क़ौमों की तरफ़ मुतवज्जह होते हैं। (aiōnios )
فَلَمَّا سَمِعَ ٱلْأُمَمُ ذَلِكَ كَانُوا يَفْرَحُونَ وَيُمَجِّدُونَ كَلِمَةَ ٱلرَّبِّ. وَآمَنَ جَمِيعُ ٱلَّذِينَ كَانُوا مُعَيَّنِينَ لِلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ. (aiōnios ) |
ग़ैर क़ौम वाले ये सुनकर ख़ुश हुए और ख़ुदा के कलाम की बड़ाई करने लगे, और जितने हमेशा की ज़िन्दगी के लिए मुक़र्रर किए गए थे, ईमान ले आए। (aiōnios )
مَعْلُومَةٌ عِنْدَ ٱلرَّبِّ مُنْذُ ٱلْأَزَلِ جَمِيعُ أَعْمَالِهِ. (aiōn ) |
ये वही ख़ुदावन्द फ़रमाता है जो दुनिया के शुरू से इन बातों की ख़बर देता आया है। (aiōn )
لِأَنَّ أُمُورَهُ غَيْرَ ٱلْمَنْظُورَةِ تُرىَ مُنْذُ خَلْقِ ٱلْعَالَمِ مُدْرَكَةً بِٱلْمَصْنُوعَاتِ، قُدْرَتَهُ ٱلسَّرْمَدِيَّةَ وَلَاهُوتَهُ، حَتَّى إِنَّهُمْ بِلَا عُذْرٍ. (aïdios ) |
क्यूँकि उसकी अनदेखी सिफ़तें या'नी उसकी अज़ली क़ुदरत और ख़ुदाइयत दुनिया की पैदाइश के वक़्त से बनाई हुई चीज़ों के ज़रिए मा'लूम हो कर साफ़ नज़र आती हैं यहाँ तक कि उन को कुछ बहाना बाक़ी नहीं। (aïdios )
ٱلَّذِينَ ٱسْتَبْدَلُوا حَقَّ ٱللهِ بِٱلْكَذِبِ، وَٱتَّقَوْا وَعَبَدُوا ٱلْمَخْلُوقَ دُونَ ٱلْخَالِقِ، ٱلَّذِي هُوَ مُبَارَكٌ إِلَى ٱلْأَبَدِ. آمِينَ. (aiōn ) |
इसलिए कि उन्होंने ख़ुदा की सच्चाई को बदल कर झूठ बना डाला और मख़्लूक़ात की ज़्यादा इबादत की बनिस्बत उस ख़ालिक़ के जो हमेशा तक महमूद है; आमीन। (aiōn )
أَمَّا ٱلَّذِينَ بِصَبْرٍ فِي ٱلْعَمَلِ ٱلصَّالِحِ يَطْلُبُونَ ٱلْمَجْدَ وَٱلْكَرَامَةَ وَٱلْبَقَاءَ، فَبِٱلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ. (aiōnios ) |
जो अच्छे काम में साबित क़दम रह कर जलाल और इज़्ज़त और बक़ा के तालिब होते हैं उनको हमेशा की ज़िन्दगी देगा। (aiōnios )
حَتَّى كَمَا مَلَكَتِ ٱلْخَطِيَّةُ فِي ٱلْمَوْتِ، هَكَذَا تَمْلِكُ ٱلنِّعْمَةُ بِٱلْبِرِّ، لِلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ، بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ رَبِّنَا. (aiōnios ) |
ताकि जिस तरह गुनाह ने मौत की वजह से बादशाही की उसी तरह फ़ज़ल भी हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह के वसीले से हमेशा की ज़िन्दगी के लिए रास्तबाज़ी के ज़रिए से बादशाही करे। (aiōnios )
وَأَمَّا ٱلْآنَ إِذْ أُعْتِقْتُمْ مِنَ ٱلْخَطِيَّةِ، وَصِرْتُمْ عَبِيدًا لِلهِ، فَلَكُمْ ثَمَرُكُمْ لِلْقَدَاسَةِ، وَٱلنِّهَايَةُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ. (aiōnios ) |
मगर अब गुनाह से आज़ाद और ख़ुदा के ग़ुलाम हो कर तुम को अपना फल मिला जिससे पाकीज़गी हासिल होती है और इस का अंजाम हमेशा की ज़िन्दगी है। (aiōnios )
لِأَنَّ أُجْرَةَ ٱلْخَطِيَّةِ هِيَ مَوْتٌ، وَأَمَّا هِبَةُ ٱللهِ فَهِيَ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ بِٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ رَبِّنَا. (aiōnios ) |
क्यूँकि गुनाह की मज़दूरी मौत है मगर ख़ुदा की बख़्शिश हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह में हमेशा की ज़िन्दगी है। (aiōnios )
وَلَهُمُ ٱلْآبَاءُ، وَمِنْهُمُ ٱلْمَسِيحُ حَسَبَ ٱلْجَسَدِ، ٱلْكَائِنُ عَلَى ٱلْكُلِّ إِلَهًا مُبَارَكًا إِلَى ٱلْأَبَدِ. آمِينَ. (aiōn ) |
और क़ौम के बुज़ुर्ग उन ही के हैं और जिस्म के ऐतबार से मसीह भी उन ही में से हुआ, जो सब के ऊपर और हमेशा तक ख़ुदा'ए महमूद है; आमीन। (aiōn )
«أَوْ: مَنْ يَهْبِطُ إِلَى ٱلْهَاوِيَةِ؟» أَيْ لِيُصْعِدَ ٱلْمَسِيحَ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ. (Abyssos ) |
या “गहराव में कौन उतरेगा?” यानी मसीह को मुर्दों में से जिला कर ऊपर लाने को। (Abyssos )
لِأَنَّ ٱللهَ أَغْلَقَ عَلَى ٱلْجَمِيعِ مَعًا فِي ٱلْعِصْيَانِ، لِكَيْ يَرْحَمَ ٱلْجَمِيعَ. (eleēsē ) |
इसलिए कि ख़ुदा ने सब को नाफ़रमानी में गिरफ़्तार होने दिया ताकि सब पर रहम फ़रमाए। (eleēsē )
لِأَنَّ مِنْهُ وَبِهِ وَلَهُ كُلَّ ٱلْأَشْيَاءِ. لَهُ ٱلْمَجْدُ إِلَى ٱلْأَبَدِ. آمِينَ. (aiōn ) |
क्यूँकि उसी की तरफ़ से, और उसी के वसीले से और उसी के लिए सब चीज़ें हैं; उसकी बड़ाई हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn )
وَلَا تُشَاكِلُوا هَذَا ٱلدَّهْرَ، بَلْ تَغَيَّرُوا عَنْ شَكْلِكُمْ بِتَجْدِيدِ أَذْهَانِكُمْ، لِتَخْتَبِرُوا مَا هِيَ إِرَادَةُ ٱللهِ: ٱلصَّالِحَةُ ٱلْمَرْضِيَّةُ ٱلْكَامِلَةُ. (aiōn ) |
और इस जहान के हमशक्ल न बनो बल्कि अक़्ल नई हो जाने से अपनी सूरत बदलते जाओ ताकि ख़ुदा की नेक और पसन्दीदा और कामिल मर्ज़ी को तजुर्बा से मा'लूम करते रहो। (aiōn )
وَلِلْقَادِرِ أَنْ يُثَبِّتَكُمْ، حَسَبَ إِنْجِيلِي وَٱلْكِرَازَةِ بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، حَسَبَ إِعْلَانِ ٱلسِّرِّ ٱلَّذِي كَانَ مَكْتُومًا فِي ٱلْأَزْمِنَةِ ٱلْأَزَلِيَّةِ، (aiōnios ) |
अब ख़ुदा जो तुम को मेरी ख़ुशख़बरी या'नी ईसा मसीह की मनादी के मुवाफ़िक़ मज़बूत कर सकता है, उस राज़ के मुक़ाशिफ़ा के मुताबिक़ जो अज़ल से पोशीदा रहा। (aiōnios )
وَلَكِنْ ظَهَرَ ٱلْآنَ، وَأُعْلِمَ بِهِ جَمِيعُ ٱلْأُمَمِ بِٱلْكُتُبِ ٱلنَّبَوِيَّةِ حَسَبَ أَمْرِ ٱلْإِلَهِ ٱلْأَزَلِيِّ، لِإِطَاعَةِ ٱلْإِيمَانِ، (aiōnios ) |
मगर इस वक़्त ज़ाहिर हो कर ख़ुदा'ए अज़ली के हुक्म के मुताबिक़ नबियों की किताबों के ज़रिए से सब क़ौमों को बताया गया ताकि वो ईमान के ताबे हो जाएँ। (aiōnios )
لِلهِ ٱلْحَكِيمِ وَحْدَهُ، بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، لَهُ ٱلْمَجْدُ إِلَى ٱلْأَبَدِ. آمِينَ. -كُتِبَتْ إِلَى أَهْلِ رْومِيَةَ مِنْ كُورِنْثُوسَ عَلَى يَدِ فِيبِي خَادِمَةِ كَنِيسَةِ كَنْخَرِيَا- (aiōn ) |
उसी वाहिद हकीम ख़ुदा की ईसा मसीह के वसीले से हमेशा तक बड़ाई होती रहे। आमीन। (aiōn )
أَيْنَ ٱلْحَكِيمُ؟ أَيْنَ ٱلْكَاتِبُ؟ أَيْنَ مُبَاحِثُ هَذَا ٱلدَّهْرِ؟ أَلَمْ يُجَهِّلِ ٱللهُ حِكْمَةَ هَذَا ٱلْعَالَمِ؟ (aiōn ) |
कहाँ का हकीम? कहाँ का आलिम? कहाँ का इस जहान का बहस करनेवाला? क्या ख़ुदा ने दुनिया की हिक्मत को बे'वक़ूफ़ी नहीं ठहराया? (aiōn )
لَكِنَّنَا نَتَكَلَّمُ بِحِكْمَةٍ بَيْنَ ٱلْكَامِلِينَ، وَلَكِنْ بِحِكْمَةٍ لَيْسَتْ مِنْ هَذَا ٱلدَّهْرِ، وَلَا مِنْ عُظَمَاءِ هَذَا ٱلدَّهْرِ، ٱلَّذِينَ يُبْطَلُونَ. (aiōn ) |
फिर भी कामिलों में हम हिक्मत की बातें कहते हैं लेकिन इस जहान की और इस जहान के नेस्त होनेवाले हाकिमों की अक़्ल नहीं। (aiōn )
بَلْ نَتَكَلَّمُ بِحِكْمَةِ ٱللهِ فِي سِرٍّ: ٱلْحِكْمَةِ ٱلْمَكْتُومَةِ، ٱلَّتِي سَبَقَ ٱللهُ فَعَيَّنَهَا قَبْلَ ٱلدُّهُورِ لِمَجْدِنَا، (aiōn ) |
बल्कि हम ख़ुदा के राज़ की हक़ीक़त बातों के तौर पर बयान करते हैं, जो ख़ुदा ने जहान के शुरू से पहले हमारे जलाल के वास्ते मुक़र्रर की थी। (aiōn )
ٱلَّتِي لَمْ يَعْلَمْهَا أَحَدٌ مِنْ عُظَمَاءِ هَذَا ٱلدَّهْرِ، لِأَنْ لَوْ عَرَفُوا لَمَا صَلَبُوا رَبَّ ٱلْمَجْدِ. (aiōn ) |
जिसे इस दुनिया के सरदारों में से किसी ने न समझा क्यूँकि अगर समझते तो जलाल के ख़ुदावन्द को मस्लूब न करते। (aiōn )
لَا يَخْدَعَنَّ أَحَدٌ نَفْسَهُ. إِنْ كَانَ أَحَدٌ يَظُنُّ أَنَّهُ حَكِيمٌ بَيْنَكُمْ فِي هَذَا ٱلدَّهْرِ، فَلْيَصِرْ جَاهِلًا لِكَيْ يَصِيرَ حَكِيمًا! (aiōn ) |
कोई अपने आप को धोखा न दे अगर कोई तुम में अपने आप को इस जहान में हकीम समझे, तो बेवक़ूफ़ बने ताकि हकीम हो जाए। (aiōn )
لِذَلِكَ إِنْ كَانَ طَعَامٌ يُعْثِرُ أَخِي فَلَنْ آكُلَ لَحْمًا إِلَى ٱلْأَبَدِ، لِئَلَّا أُعْثِرَ أَخِي. (aiōn ) |
इस वजह से अगर खाना मेरे भाई को ठोकर खिलाए तो मैं कभी हरगिज़ गोश्त न खाऊँगा, ताकि अपने भाई के लिए ठोकर की वजह न बनूँ। (aiōn )
فَهَذِهِ ٱلْأُمُورُ جَمِيعُهَا أَصَابَتْهُمْ مِثَالًا، وَكُتِبَتْ لإِنْذَارِنَا نَحْنُ ٱلَّذِينَ ٱنْتَهَتْ إِلَيْنَا أَوَاخِرُ ٱلدُّهُورِ. (aiōn ) |
ये बातें उन पर 'इबरत के लिए वाक़े' हुईं और हम आख़री ज़माने वालों की नसीहत के वास्ते लिखी गईं। (aiōn )
«أَيْنَ شَوْكَتُكَ يَا مَوْتُ؟ أَيْنَ غَلَبَتُكِ يَا هَاوِيَةُ؟» (Hadēs ) |
ऐ मौत तेरी फ़तह कहाँ रही? ऐ मौत तेरा डंक कहाँ रहा?” (Hadēs )
ٱلَّذِينَ فِيهِمْ إِلَهُ هَذَا ٱلدَّهْرِ قَدْ أَعْمَى أَذْهَانَ غَيْرِ ٱلْمُؤْمِنِينَ، لِئَلَّا تُضِيءَ لَهُمْ إِنَارَةُ إِنْجِيلِ مَجْدِ ٱلْمَسِيحِ، ٱلَّذِي هُوَ صُورَةُ ٱللهِ. (aiōn ) |
या'नी उन बे'ईमानों के वास्ते जिनकी अक़्लों को इस जहान के ख़ुदा ने अंधा कर दिया है ताकि मसीह जो ख़ुदा की सूरत है उसके जलाल की ख़ुशख़बरी की रौशनी उन पर न पड़े। (aiōn )
لِأَنَّ خِفَّةَ ضِيقَتِنَا ٱلْوَقْتِيَّةَ تُنْشِئُ لَنَا أَكْثَرَ فَأَكْثَرَ ثِقَلَ مَجْدٍ أَبَدِيًّا. (aiōnios ) |
क्यूँकि हमारी दम भर की हल्की सी मुसीबत हमारे लिए अज़, हद भारी और अबदी जलाल पैदा करती है। (aiōnios )
وَنَحْنُ غَيْرُ نَاظِرِينَ إِلَى ٱلْأَشْيَاءِ ٱلَّتِي تُرَى، بَلْ إِلَى ٱلَّتِي لَا تُرَى. لِأَنَّ ٱلَّتِي تُرَى وَقْتِيَّةٌ، وَأَمَّا ٱلَّتِي لَا تُرَى فَأَبَدِيَّةٌ. (aiōnios ) |
जिस हाल में हम देखी हुई चीज़ों पर नहीं बल्कि अनदेखी चीज़ों पर नज़र करते हैं; क्यूँकि देखी हुई चीज़ें चन्द रोज़ हैं; मगर अनदेखी चीज़ें अबदी हैं। (aiōnios )
لِأَنَّنَا نَعْلَمُ أَنَّهُ إِنْ نُقِضَ بَيْتُ خَيْمَتِنَا ٱلْأَرْضِيُّ، فَلَنَا فِي ٱلسَّمَاوَاتِ بِنَاءٌ مِنَ ٱللهِ، بَيْتٌ غَيْرُ مَصْنُوعٍ بِيَدٍ، أَبَدِيٌّ. (aiōnios ) |
क्यूँकि हम जानते हैं कि जब हमारा ख़ेमे का घर जो ज़मीन पर है गिराया जाएगा तो हम को ख़ुदा की तरफ़ से आसमान पर एक ऐसी इमारत मिलेगी जो हाथ का बनाया हुआ घर नहीं बल्कि अबदी है। (aiōnios )
كَمَا هُوَ مَكْتُوبٌ: «فَرَّقَ. أَعْطَى ٱلْمَسَاكِينَ. بِرُّهُ يَبْقَى إِلَى ٱلْأَبَدِ». (aiōn ) |
चुनाँचे कलाम में लिखा है कि उसने बिखेरा है उसने कंगालों को दिया है उसकी रास्तबाज़ी हमेशा तक बाक़ी रहेगी। (aiōn )
ٱللهُ أَبُو رَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، ٱلَّذِي هُوَ مُبَارَكٌ إِلَى ٱلْأَبَدِ، يَعْلَمُ أَنِّي لَسْتُ أَكْذِبُ. (aiōn ) |
ख़ुदावन्द ईसा का ख़ुदा और बाप जिसकी हमेशा तक हम्द हो जानता है कि मैं झूठ नहीं कहता। (aiōn )
ٱلَّذِي بَذَلَ نَفْسَهُ لِأَجْلِ خَطَايَانَا، لِيُنْقِذَنَا مِنَ ٱلْعَالَمِ ٱلْحَاضِرِ ٱلشِّرِّيرِ حَسَبَ إِرَادَةِ ٱللهِ وَأَبِينَا، (aiōn ) |
उसी ने हमारे गुनाहों के लिए अपने आप को दे दिया; ताकि हमारे ख़ुदा और बाप की मर्ज़ी के मुवाफ़िक़ हमें इस मौजूदा ख़राब जहान से ख़लासी बख़्शे। (aiōn )
ٱلَّذِي لَهُ ٱلْمَجْدُ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. آمِينَ. (aiōn ) |
उसकी बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn )
لِأَنَّ مَنْ يَزْرَعُ لِجَسَدِهِ فَمِنَ ٱلْجَسَدِ يَحْصُدُ فَسَادًا، وَمَنْ يَزْرَعُ لِلرُّوحِ فَمِنَ ٱلرُّوحِ يَحْصُدُ حَيَاةً أَبَدِيَّةً. (aiōnios ) |
जो कोई अपने जिस्म के लिए बोता है, वो जिस्म से हलाकत की फ़स्ल काटेगा; और जो रूह के लिए बोता है, वो पाक रूह से हमेशा की ज़िन्दगी की फ़सल काटेगा। (aiōnios )
فَوْقَ كُلِّ رِيَاسَةٍ وَسُلْطَانٍ وَقُوَّةٍ وَسِيَادَةٍ، وَكُلِّ ٱسْمٍ يُسَمَّى لَيْسَ فِي هَذَا ٱلدَّهْرِ فَقَطْ بَلْ فِي ٱلْمُسْتَقْبَلِ أَيْضًا، (aiōn ) |
और हर तरह की हुकूमत और इख़्तियार और क़ुदरत और रियासत और हर एक नाम से बहुत ऊँचा किया, जो न सिर्फ़ इस जहान में बल्कि आनेवाले जहान में भी लिया जाएगा; (aiōn )
ٱلَّتِي سَلَكْتُمْ فِيهَا قَبْلًا حَسَبَ دَهْرِ هَذَا ٱلْعَالَمِ، حَسَبَ رَئِيسِ سُلْطَانِ ٱلْهَوَاءِ، ٱلرُّوحِ ٱلَّذِي يَعْمَلُ ٱلْآنَ فِي أَبْنَاءِ ٱلْمَعْصِيَةِ، (aiōn ) |
जिनमें तुम पहले दुनियाँ की रविश पर चलते थे, और हवा की 'अमलदारी के हाकिम या'नी उस रूह की पैरवी करते थे जो अब नाफ़रमानी के फ़रज़न्दों में तासीर करती है। (aiōn )
لِيُظْهِرَ فِي ٱلدُّهُورِ ٱلْآتِيَةِ غِنَى نِعْمَتِهِ ٱلْفَائِقَ، بِٱللُّطْفِ عَلَيْنَا فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ. (aiōn ) |
ताकि वो अपनी उस महरबानी से जो मसीह ईसा में हम पर है, आनेवाले ज़मानो में अपने फ़ज़ल की अज़ीम दौलत दिखाए। (aiōn )
وَأُنِيرَ ٱلْجَمِيعَ فِي مَا هُوَ شَرِكَةُ ٱلسِّرِّ ٱلْمَكْتُومِ مُنْذُ ٱلدُّهُورِ فِي ٱللهِ خَالِقِ ٱلْجَمِيعِ بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ. (aiōn ) |
और सब पर ये बात रोशन करूँ कि जो राज़ अज़ल से सब चीज़ों के पैदा करनेवाले ख़ुदा में छुपा रहा उसका क्या इन्तज़ाम है। (aiōn )
حَسَبَ قَصْدِ ٱلدُّهُورِ ٱلَّذِي صَنَعَهُ فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ رَبِّنَا. (aiōn ) |
उस अज़ली इरादे के जो उसने हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह में किया था, (aiōn )
لَهُ ٱلْمَجْدُ فِي ٱلْكَنِيسَةِ فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ إِلَى جَمِيعِ أَجْيَالِ دَهْرِ ٱلدُّهُورِ. آمِينَ. (aiōn ) |
कलीसिया में और ईसा मसीह में पुश्त — दर — पुश्त और हमेशा हमेशा उसकी बड़ाई होती रहे। आमीन। (aiōn )
فَإِنَّ مُصَارَعَتَنَا لَيْسَتْ مَعَ دَمٍ وَلَحْمٍ، بَلْ مَعَ ٱلرُّؤَسَاءِ، مَعَ ٱلسَّلَاطِينِ، مَعَ وُلَاةِ ٱلْعَالَمِ عَلَى ظُلْمَةِ هَذَا ٱلدَّهْرِ، مَعَ أَجْنَادِ ٱلشَّرِّ ٱلرُّوحِيَّةِ فِي ٱلسَّمَاوِيَّاتِ. (aiōn ) |
क्यूँकि हमें ख़ून और गोश्त से कुश्ती नहीं करना है, बल्कि हुकूमतवालों और इख़्तियार वालों और इस दुनियाँ की तारीकी के हाकिमों और शरारत की उन रूहानी फ़ौजों से जो आसमानी मुक़ामों में है। (aiōn )
وَلِلهِ وَأَبِينَا ٱلْمَجْدُ إِلَى دَهْرِ ٱلدَّاهِرِينَ. آمِينَ. (aiōn ) |
हमारे ख़ुदा और बाप की हमेशा से हमेशा तक बड़ाई होती रहे आमीन (aiōn )
ٱلسِّرِّ ٱلْمَكْتُومِ مُنْذُ ٱلدُّهُورِ وَمُنْذُ ٱلْأَجْيَالِ، لَكِنَّهُ ٱلْآنَ قَدْ أُظْهِرَ لِقِدِّيسِيهِ، (aiōn ) |
वह बातें जो शुरू से तमाम गुज़री नसलों से छुपा रहा था लेकिन अब मुक़द्दसीन पर ज़ाहिर की गई हैं। (aiōn )
ٱلَّذِينَ سَيُعَاقَبُونَ بِهَلَاكٍ أَبَدِيٍّ مِنْ وَجْهِ ٱلرَّبِّ وَمِنْ مَجْدِ قُوَّتِهِ، (aiōnios ) |
वह ख़ुदावन्द का चेहरा और उसकी क़ुदरत के जलाल से दूर हो कर हमेशा हलाकत की सज़ा पाएँगे (aiōnios )
وَرَبُّنَا نَفْسُهُ يَسُوعُ ٱلْمَسِيحُ، وَٱللهُ أَبُونَا ٱلَّذِي أَحَبَّنَا وَأَعْطَانَا عَزَاءً أَبَدِيًّا وَرَجَاءً صَالِحًا بِٱلنِّعْمَةِ، (aiōnios ) |
अब हमारा ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह ख़ुद और हमारा बाप ख़ुदा जिसने हम से मुहब्बत रखी और फ़ज़ल से हमेशा तसल्ली और अच्छी उम्मीद बख़्शी (aiōnios )
لَكِنَّنِي لِهَذَا رُحِمْتُ: لِيُظْهِرَ يَسُوعُ ٱلْمَسِيحُ فِيَّ أَنَا أَوَّلًا كُلَّ أَنَاةٍ، مِثَالًا لِلْعَتِيدِينَ أَنْ يُؤْمِنُوا بِهِ لِلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ. (aiōnios ) |
लेकिन मुझ पर रहम इसलिए हुआ कि ईसा मसीह मुझ बड़े गुनहगार में अपना सब्र ज़ाहिर करे, ताकि जो लोग हमेशा की ज़िन्दगी के लिए उस पर ईमान लाएँगे उन के लिए मैं नमूना बनूँ। (aiōnios )
وَمَلِكُ ٱلدُّهُورِ ٱلَّذِي لَا يَفْنَى وَلَا يُرَى، ٱلْإِلَهُ ٱلْحَكِيمُ وَحْدَهُ، لَهُ ٱلْكَرَامَةُ وَٱلْمَجْدُ إِلَى دَهْرِ ٱلدُّهُورِ. آمِينَ. (aiōn ) |
अब हमेशा कि बादशाही या'नी ना मिटने वाली, नादीदा, एक ख़ुदा की 'इज़्ज़त और बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे। आमीन। (aiōn )
جَاهِدْ جِهَادَ ٱلْإِيمَانِ ٱلْحَسَنَ، وَأَمْسِكْ بِٱلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ ٱلَّتِي إِلَيْهَا دُعِيتَ أَيْضًا، وَٱعْتَرَفْتَ ٱلِٱعْتِرَافَ ٱلْحَسَنَ أَمَامَ شُهُودٍ كَثِيرِينَ. (aiōnios ) |
ईमान की अच्छी कुश्ती लड़; उस हमेशा की ज़िन्दगी पर क़ब्ज़ा कर ले जिसके लिए तू बुलाया गया था, और बहुत से गवाहों के सामने अच्छा इक़रार किया था। (aiōnios )
ٱلَّذِي وَحْدَهُ لَهُ عَدَمُ ٱلْمَوْتِ، سَاكِنًا فِي نُورٍ لَا يُدْنَى مِنْهُ، ٱلَّذِي لَمْ يَرَهُ أَحَدٌ مِنَ ٱلنَّاسِ وَلَا يَقْدِرُ أَنْ يَرَاهُ، ٱلَّذِي لَهُ ٱلْكَرَامَةُ وَٱلْقُدْرَةُ ٱلْأَبَدِيَّةُ. آمِينَ. (aiōnios ) |
बक़ा सिर्फ़ उसी की है, और वो उस नूर में रहता है जिस तक किसी की पहुँच नहीं हो सकती, न उसे किसी इंसान ने देखा और न देख सकता है; उसकी 'इज़्ज़त और सल्तनत हमेशा तक रहे। आमीन। (aiōnios )
أَوْصِ ٱلْأَغْنِيَاءَ فِي ٱلدَّهْرِ ٱلْحَاضِرِ أَنْ لَا يَسْتَكْبِرُوا، وَلَا يُلْقُوا رَجَاءَهُمْ عَلَى غَيْرِ يَقِينِيَّةِ ٱلْغِنَى، بَلْ عَلَى ٱللهِ ٱلْحَيِّ ٱلَّذِي يَمْنَحُنَا كُلَّ شَيْءٍ بِغِنًى لِلتَّمَتُّعِ. (aiōn ) |
इस मौजूदा जहान के दौलतमन्दों को हुक्म दे कि मग़रूर न हों और नापाएदार दौलत पर नहीं, बल्कि ख़ुदा पर उम्मीद रख्खें जो हमें लुत्फ़ उठाने के लिए सब चीज़ें बहुतायत से देता है। (aiōn )
ٱلَّذِي خَلَّصَنَا وَدَعَانَا دَعْوَةً مُقَدَّسَةً، لَا بِمُقْتَضَى أَعْمَالِنَا، بَلْ بِمُقْتَضَى ٱلْقَصْدِ وَٱلنِّعْمَةِ ٱلَّتِي أُعْطِيَتْ لَنَا فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ قَبْلَ ٱلْأَزْمِنَةِ ٱلْأَزَلِيَّةِ، (aiōnios ) |
जिस ने हमें नजात दी और पाक बुलावे से बुलाया हमारे कामों के मुताबिक़ नहीं बल्कि अपने ख़ास इरादा और उस फ़ज़ल के मुताबिक़ जो मसीह 'ईसा में हम पर शुरू से हुआ। (aiōnios )
لِأَجْلِ ذَلِكَ أَنَا أَصْبِرُ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ لِأَجْلِ ٱلْمُخْتَارِينَ، لِكَيْ يَحْصُلُوا هُمْ أَيْضًا عَلَى ٱلْخَلَاصِ ٱلَّذِي فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ، مَعَ مَجْدٍ أَبَدِيٍّ. (aiōnios ) |
इसी वजह से मैं नेक लोगों की ख़ातिर सब कुछ सहता हूँ ताकि वो भी उस नजात को जो मसीह 'ईसा में है अबदी जलाल समेत हासिल करें। (aiōnios )
لِأَنَّ دِيمَاسَ قَدْ تَرَكَنِي إِذْ أَحَبَّ ٱلْعَالَمَ ٱلْحَاضِرَ وَذَهَبَ إِلَى تَسَالُونِيكِي، وَكِرِيسْكِيسَ إِلَى غَلَاطِيَّةَ، وَتِيطُسَ إِلَى دَلْمَاطِيَّةَ. (aiōn ) |
क्यूँकि देमास ने इस मौजूदा जहान को पसन्द करके मुझे छोड़ दिया और थिस्सलुनीकियों के शहर को चला गया और क्रेसकेन्स ग़लतिया सूबे को और तितुस दलमतिया सूबे को। (aiōn )
وَسَيُنْقِذُنِي ٱلرَّبُّ مِنْ كُلِّ عَمَلٍ رَدِيءٍ وَيُخَلِّصُنِي لِمَلَكُوتِهِ ٱلسَّمَاوِيِّ. ٱلَّذِي لَهُ ٱلْمَجْدُ إِلَى دَهْرِ ٱلدُّهُورِ. آمِينَ. (aiōn ) |
ख़ुदावन्द मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा और अपनी आसमानी बादशाही में सही सलामत पहुँचा देगा उसकी बड़ाई हमेशा से हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn )
عَلَى رَجَاءِ ٱلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ، ٱلَّتِي وَعَدَ بِهَا ٱللهُ ٱلْمُنَزَّهُ عَنِ ٱلْكَذِبِ، قَبْلَ ٱلْأَزْمِنَةِ ٱلْأَزَلِيَّةِ، (aiōnios ) |
उस हमेशा की ज़िन्दगी की उम्मीद पर जिसका वा'दा शुरू ही से ख़ुदा ने किया है जो झूठ नहीं बोल सकता। (aiōnios )
مُعَلِّمَةً إِيَّانَا أَنْ نُنْكِرَ ٱلْفُجُورَ وَٱلشَّهَوَاتِ ٱلْعَالَمِيَّةَ، وَنَعِيشَ بِٱلتَّعَقُّلِ وَٱلْبِرِّ وَٱلتَّقْوَى فِي ٱلْعَالَمِ ٱلْحَاضِرِ، (aiōn ) |
और हमें तालीम देता है ताकि बेदीनी और दुनियावी ख़्वाहिशों का इन्कार करके इस मौजूदा जहान में परहेज़गारी और रास्तबाज़ी और दीनदारी के साथ ज़िन्दगी गुज़ारें; (aiōn )
حَتَّى إِذَا تَبَرَّرْنَا بِنِعْمَتِهِ، نَصِيرُ وَرَثَةً حَسَبَ رَجَاءِ ٱلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ. (aiōnios ) |
ताकि हम उसके फ़ज़ल से रास्तबाज़ ठहर कर हमेशा की ज़िन्दगी की उम्मीद के मुताबिक़ वारिस बनें। (aiōnios )
لِأَنَّهُ رُبَّمَا لِأَجْلِ هَذَا ٱفْتَرَقَ عَنْكَ إِلَى سَاعَةٍ، لِكَيْ يَكُونَ لَكَ إِلَى ٱلْأَبَدِ، (aiōnios ) |
क्यूँकि मुम्किन है कि वो तुझ से इसलिए थोड़ी देर के वास्ते जुदा हुआ हो कि हमेशा तेरे पास रहे। (aiōnios )
كَلَّمَنَا فِي هَذِهِ ٱلْأَيَّامِ ٱلْأَخِيرَةِ فِي ٱبْنِهِ، ٱلَّذِي جَعَلَهُ وَارِثًا لِكُلِّ شَيْءٍ، ٱلَّذِي بِهِ أَيْضًا عَمِلَ ٱلْعَالَمِينَ، (aiōn ) |
इस ज़माने के आख़िर में हम से बेटे के ज़रिए कलाम किया, जिसे उसने सब चीज़ों का वारिस ठहराया और जिसके वसीले से उसने आलम भी पैदा किए। (aiōn )
وَأَمَّا عَنْ ٱلِٱبْنِ: «كُرْسِيُّكَ يَا ٱللهُ، إِلَى دَهْرِ ٱلدُّهُورِ. قَضِيبُ ٱسْتِقَامَةٍ قَضِيبُ مُلْكِكَ. (aiōn ) |
मगर बेटे के बारे में कहता है, “ऐ ख़ुदा, तेरा तख़्त हमेशा से हमेशा तक रहेगा, और तेरी बादशाही की 'लाठी रास्तबाज़ी की 'लाठी है। (aiōn )
كَمَا يَقُولُ أَيْضًا فِي مَوْضِعٍ آخَرَ: «أَنْتَ كَاهِنٌ إِلَى ٱلْأَبَدِ عَلَى رُتْبَةِ مَلْكِي صَادَقَ». (aiōn ) |
कहीं और वह फ़रमाता है, “तू अबद तक इमाम है, ऐसा इमाम जैसा मलिक — ए — सिद्क़ था।” (aiōn )
وَإِذْ كُمِّلَ صَارَ لِجَمِيعِ ٱلَّذِينَ يُطِيعُونَهُ، سَبَبَ خَلَاصٍ أَبَدِيٍّ، (aiōnios ) |
जब वह कामिलियत तक पहुँच गया तो वह उन सब की अबदी नजात का सरचश्मा बन गया जो उस की सुनते हैं। (aiōnios )
تَعْلِيمَ ٱلْمَعْمُودِيَّاتِ، وَوَضْعَ ٱلْأَيَادِي، قِيَامَةَ ٱلْأَمْوَاتِ، وَٱلدَّيْنُونَةَ ٱلْأَبَدِيَّةَ، (aiōnios ) |
बपतिस्मा क्या है, किसी पर हाथ रखने की तालीम, मुर्दों के जी उठने और हमेशा सज़ा पाने की तालीम। (aiōnios )
وَذَاقُوا كَلِمَةَ ٱللهِ ٱلصَّالِحَةَ وَقُوَّاتِ ٱلدَّهْرِ ٱلْآتِي، (aiōn ) |
उन्हों ने ख़ुदा के कलाम की भलाई और आने वाले ज़माने की ताक़तों का तजुर्बा किया था। (aiōn )
حَيْثُ دَخَلَ يَسُوعُ كَسَابِقٍ لِأَجْلِنَا، صَائِرًا عَلَى رُتْبَةِ مَلْكِي صَادَقَ، رَئِيسَ كَهَنَةٍ إِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn ) |
वहीं ईसा हमारे आगे आगे जा कर हमारी ख़ातिर दाख़िल हुआ है। यूँ वह मलिक — ए — सिद्क़ की तरह हमेशा के लिए इमाम — ए — आज़म बन गया है। (aiōn )
لِأَنَّهُ يَشْهَدُ أَنَّكَ: «كَاهِنٌ إِلَى ٱلْأَبَدِ عَلَى رُتْبَةِ مَلْكِي صَادَقَ». (aiōn ) |
क्यूँकि कलाम — ए — मुक़द्दस फ़रमाता है, कि तू मलिक — ए — सिद्क़ के तौर पर अबद तक काहिन है। (aiōn )
لِأَنَّ أُولَئِكَ بِدُونِ قَسَمٍ قَدْ صَارُوا كَهَنَةً، وَأَمَّا هَذَا فَبِقَسَمٍ مِنَ ٱلْقَائِلِ لَهُ: «أَقْسَمَ ٱلرَّبُّ وَلَنْ يَنْدَمَ، أَنْتَ كَاهِنٌ إِلَى ٱلْأَبَدِ عَلَى رُتْبَةِ مَلْكِي صَادَقَ». (aiōn ) |
लेकिन ईसा एक क़सम के ज़रिए इमाम बन गया जब ख़ुदा ने फ़रमाया। “ख़ुदा ने क़सम खाई है और वो इससे अपना मन नही बदलेगा: तुम अबद तक के लिये इमाम है।” (aiōn )
وَأَمَّا هَذَا فَمِنْ أَجْلِ أَنَّهُ يَبْقَى إِلَى ٱلْأَبَدِ، لَهُ كَهَنُوتٌ لَا يَزُولُ. (aiōn ) |
लेकिन चूँकि ईसा हमेशा तक ज़िन्दा है इस लिए उस की कहानित कभी भी ख़त्म नहीं होगी। (aiōn )
فَإِنَّ ٱلنَّامُوسَ يُقِيمُ أُنَاسًا بِهِمْ ضَعْفٌ رُؤَسَاءَ كَهَنَةٍ. وَأَمَّا كَلِمَةُ ٱلْقَسَمِ ٱلَّتِي بَعْدَ ٱلنَّامُوسِ فَتُقِيمُ ٱبْنًا مُكَمَّلًا إِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn ) |
मूसा की शरी'अत ऐसे लोगों को इमाम — ए — आज़म मुक़र्रर करती है जो कमज़ोर हैं। लेकिन शरी'अत के बाद ख़ुदा की क़सम फ़र्ज़न्द को इमाम — ए — आज़म मुक़र्रर करती है, और यह ख़ुदा का फ़र्ज़न्द हमेशा तक कामिल है। (aiōn )
وَلَيْسَ بِدَمِ تُيُوسٍ وَعُجُولٍ، بَلْ بِدَمِ نَفْسِهِ، دَخَلَ مَرَّةً وَاحِدَةً إِلَى ٱلْأَقْدَاسِ، فَوَجَدَ فِدَاءً أَبَدِيًّا. (aiōnios ) |
जब मसीह एक बार सदा के लिए ख़ेमे के पाकतरीन कमरे में दाख़िल हुआ तो उस ने क़ुर्बानियाँ पेश करने के लिए बकरों और बछड़ों का ख़ून इस्तेमाल न किया। इस के बजाए उस ने अपना ही ख़ून पेश किया और यूँ हमारे लिए हमेशा की नजात हासिल की। (aiōnios )
فَكَمْ بِٱلْحَرِيِّ يَكُونُ دَمُ ٱلْمَسِيحِ، ٱلَّذِي بِرُوحٍ أَزَلِيٍّ قَدَّمَ نَفْسَهُ لِلهِ بِلَا عَيْبٍ، يُطَهِّرُ ضَمَائِرَكُمْ مِنْ أَعْمَالٍ مَيِّتَةٍ لِتَخْدِمُوا ٱللهَ ٱلْحَيَّ! (aiōnios ) |
अगर इन चीज़ों का यह असर था तो फिर मसीह के ख़ून का क्या ज़बरदस्त असर होगा! अज़ली रूह के ज़रिए उस ने अपने आप को बेदाग़ क़ुर्बानी के तौर पर पेश किया। यूँ उस का ख़ून हमारे ज़मीर को मौत तक पहुँचाने वाले कामों से पाक — साफ़ करता है ताकि हम ज़िन्दा ख़ुदा की ख़िदमत कर सकें। (aiōnios )
وَلِأَجْلِ هَذَا هُوَ وَسِيطُ عَهْدٍ جَدِيدٍ، لِكَيْ يَكُونَ ٱلْمَدْعُوُّونَ - إِذْ صَارَ مَوْتٌ لِفِدَاءِ ٱلتَّعَدِّيَاتِ ٱلَّتِي فِي ٱلْعَهْدِ ٱلْأَوَّلِ - يَنَالُونَ وَعْدَ ٱلْمِيرَاثِ ٱلْأَبَدِيِّ. (aiōnios ) |
यही वजह है कि मसीह एक नए अह्द का दरमियानी है। मक़्सद यह था कि जितने लोगों को ख़ुदा ने बुलाया है उन्हें ख़ुदा की वादा की हुई और हमेशा की मीरास मिले। और यह सिर्फ़ इस लिए मुम्किन हुआ है कि मसीह ने मर कर फ़िदया दिया ताकि लोग उन गुनाहों से छुटकारा पाएँ जो उन से उस वक़्त सरज़द हुए जब वह पहले अह्द के तहत थे। (aiōnios )
فَإِذْ ذَاكَ كَانَ يَجِبُ أَنْ يَتَأَلَّمَ مِرَارًا كَثِيرَةً مُنْذُ تَأْسِيسِ ٱلْعَالَمِ، وَلَكِنَّهُ ٱلْآنَ قَدْ أُظْهِرَ مَرَّةً عِنْدَ ٱنْقِضَاءِ ٱلدُّهُورِ لِيُبْطِلَ ٱلْخَطِيَّةَ بِذَبِيحَةِ نَفْسِهِ. (aiōn ) |
अगर ऐसा होता तो उसे दुनिया की पैदाइश से ले कर आज तक बहुत बार दुःख सहना पड़ता। लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि अब वह ज़मानो के ख़ातिमें पर एक ही बार सदा के लिए ज़ाहिर हुआ ताकि अपने आप को क़ुर्बान करने से गुनाह को दूर करे। (aiōn )
بِٱلْإِيمَانِ نَفْهَمُ أَنَّ ٱلْعَالَمِينَ أُتْقِنَتْ بِكَلِمَةِ ٱللهِ، حَتَّى لَمْ يَتَكَوَّنْ مَا يُرَى مِمَّا هُوَ ظَاهِرٌ. (aiōn ) |
ईमान के ज़रिए हम जान लेते हैं कि कायनात को ख़ुदा के कलाम से पैदा किया गया, कि जो कुछ हम देख सकते हैं नज़र आने वाली चीज़ों से नहीं बना। (aiōn )
يَسُوعُ ٱلْمَسِيحُ هُوَ هُوَ أَمْسًا وَٱلْيَوْمَ وَإِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn ) |
ईसा मसीह कल और आज और हमेशा तक यक्साँ है। (aiōn )
وَإِلَهُ ٱلسَّلَامِ ٱلَّذِي أَقَامَ مِنَ ٱلْأَمْوَاتِ رَاعِيَ ٱلْخِرَافِ ٱلْعَظِيمَ، رَبَّنَا يَسُوعَ، بِدَمِ ٱلْعَهْدِ ٱلْأَبَدِيِّ، (aiōnios ) |
अब सलामती का ख़ुदा जो अबदी 'अह्द के ख़ून से हमारे ख़ुदावन्द और भेड़ों के अज़ीम चरवाहे ईसा को मुर्दों में से वापस लाया (aiōnios )
لِيُكَمِّلْكُمْ فِي كُلِّ عَمَلٍ صَالِحٍ لِتَصْنَعُوا مَشِيئَتَهُ، عَامِلًا فِيكُمْ مَا يُرْضِي أَمَامَهُ بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، ٱلَّذِي لَهُ ٱلْمَجْدُ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. آمِينَ. (aiōn ) |
वह आप को हर अच्छी चीज़ से नवाज़े ताकि आप उस की मर्ज़ी पूरी कर सकें। और वह ईसा मसीह के ज़रिए हम में वह कुछ पैदा करे जो उसे पसन्द आए। उस का जलाल शुरू से हमेशा तक होता रहे! आमीन। (aiōn )
فَٱللِّسَانُ نَارٌ! عَالَمُ ٱلْإِثْمِ. هَكَذَا جُعِلَ فِي أَعْضَائِنَا ٱللِّسَانُ، ٱلَّذِي يُدَنِّسُ ٱلْجِسْمَ كُلَّهُ، وَيُضْرِمُ دَائِرَةَ ٱلْكَوْنِ، وَيُضْرَمُ مِنْ جَهَنَّمَ. (Geenna ) |
ज़बान भी एक आग है ज़बान हमारे आज़ा में शरारत का एक आ'लम है और सारे जिस्म को दाग़ लगाती है और दाइरा दुनिया को आग लगा देती है और जहन्नुम की आग से जलती रहती है। (Geenna )
مَوْلُودِينَ ثَانِيَةً، لَا مِنْ زَرْعٍ يَفْنَى، بَلْ مِمَّا لَا يَفْنَى، بِكَلِمَةِ ٱللهِ ٱلْحَيَّةِ ٱلْبَاقِيَةِ إِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn ) |
क्यूँकि तुम मिटने वाले बीज से नहीं बल्कि ग़ैर फ़ानी से ख़ुदा के कलाम के वसीले से, जो ज़िंदा और क़ाईम है, नए सिरे से पैदा हुए हो। (aiōn )
وَأَمَّا كَلِمَةُ ٱلرَّبِّ فَتَثْبُتُ إِلَى ٱلْأَبَدِ». وَهَذِهِ هِيَ ٱلْكَلِمَةُ ٱلَّتِي بُشِّرْتُمْ بِهَا. (aiōn ) |
लेकिन ख़ुदावन्द का कलाम हमेशा तक क़ाईम रहेगा। ये वही ख़ुशख़बरी का कलाम है जो तुम्हें सुनाया गया था। (aiōn )
إِنْ كَانَ يَتَكَلَّمُ أَحَدٌ فَكَأَقْوَالِ ٱللهِ. وَإِنْ كَانَ يَخْدِمُ أَحَدٌ فَكَأَنَّهُ مِنْ قُوَّةٍ يَمْنَحُهَا ٱللهُ، لِكَيْ يَتَمَجَّدَ ٱللهُ فِي كُلِّ شَيْءٍ بِيَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ، ٱلَّذِي لَهُ ٱلْمَجْدُ وَٱلسُّلْطَانُ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. آمِينَ. (aiōn ) |
अगर कोई कुछ कहे तो ऐसा कहे कि गोया ख़ुदा का कलाम है, अगर कोई ख़िदमत करे तो उस ताक़त के मुताबिक़ करे जो ख़ुदा दे, ताकि सब बातों में ईसा मसीह के वसीले से ख़ुदा का जलाल ज़ाहिर हो। जलाल और सल्तनत हमेशा से हमेशा उसी की है। आमीन। (aiōn )
وَإِلَهُ كُلِّ نِعْمَةٍ ٱلَّذِي دَعَانَا إِلَى مَجْدِهِ ٱلْأَبَدِيِّ فِي ٱلْمَسِيحِ يَسُوعَ، بَعْدَمَا تَأَلَّمْتُمْ يَسِيرًا، هُوَ يُكَمِّلُكُمْ، وَيُثَبِّتُكُمْ، وَيُقَوِّيكُمْ، وَيُمَكِّنُكُمْ. (aiōnios ) |
अब ख़ुदा जो हर तरह के फ़ज़ल का चश्मा है, जिसने तुम को मसीह ईसा में अपने अबदी जलाल के लिए बुलाया, तुम्हारे थोड़ी मुद्दत तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें कामिल और क़ाईम और मज़बूत करेगा। (aiōnios )
لَهُ ٱلْمَجْدُ وَٱلسُّلْطَانُ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. آمِينَ. (aiōn ) |
हमेशा से हमेशा तक उसी की सल्तनत रहे। आमीन। (aiōn )
لِأَنَّهُ هَكَذَا يُقَدَّمُ لَكُمْ بِسِعَةٍ دُخُولٌ إِلَى مَلَكُوتِ رَبِّنَا وَمُخَلِّصِنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ ٱلْأَبَدِيِّ. (aiōnios ) |
बल्कि इससे तुम हमारे ख़ुदावन्द और मुन्जी ईसा मसीह की हमेशा बादशाही में बड़ी 'इज़्ज़त के साथ दाख़िल किए जाओगे। (aiōnios )
لِأَنَّهُ إِنْ كَانَ ٱللهُ لَمْ يُشْفِقْ عَلَى مَلَائِكَةٍ قَدْ أَخْطَأُوا، بَلْ فِي سَلَاسِلِ ٱلظَّلَامِ طَرَحَهُمْ فِي جَهَنَّمَ، وَسَلَّمَهُمْ مَحْرُوسِينَ لِلْقَضَاءِ، (Tartaroō ) |
क्यूँकि जब ख़ुदा ने गुनाह करने वाले फ़रिश्तों को न छोड़ा, बल्कि जहन्नुम भेज कर तारीक ग़ारों में डाल दिया ताकि 'अदालत के दिन तक हिरासत में रहें, (Tartaroō )
وَلَكِنِ ٱنْمُوا فِي ٱلنِّعْمَةِ وَفِي مَعْرِفَةِ رَبِّنَا وَمُخَلِّصِنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ. لَهُ ٱلْمَجْدُ ٱلْآنَ وَإِلَى يَوْمِ ٱلدَّهْرِ. آمِينَ. (aiōn ) |
बल्कि हमारे ख़ुदावन्द और मुन्जी ईसा मसीह के फ़ज़ल और 'इरफ़ान में बढ़ते जाओ। उसी की बड़ाई अब भी हो, और हमेशा तक होती रहे। आमीन। (aiōn )
فَإِنَّ ٱلْحَيَاةَ أُظْهِرَتْ، وَقَدْ رَأَيْنَا وَنَشْهَدُ وَنُخْبِرُكُمْ بِٱلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ ٱلَّتِي كَانَتْ عِنْدَ ٱلْآبِ وَأُظْهِرَتْ لَنَا. (aiōnios ) |
[ये ज़िन्दगी ज़ाहिर हुई और हम ने देखा और उसकी गवाही देते हैं, और इस हमेशा की ज़िन्दगी की तुम्हें ख़बर देते हैं जो बाप के साथ थी और हम पर ज़ाहिर हुई है]। (aiōnios )
وَٱلْعَالَمُ يَمْضِي وَشَهْوَتُهُ، وَأَمَّا ٱلَّذِي يَصْنَعُ مَشِيئَةَ ٱللهِ فَيَثْبُتُ إِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn ) |
दुनियाँ और उसकी ख़्वाहिश दोनों मिटती जाती है, लेकिन जो ख़ुदा की मर्ज़ी पर चलता है वो हमेशा तक क़ाईम रहेगा। (aiōn )
وَهَذَا هُوَ ٱلْوَعْدُ ٱلَّذِي وَعَدَنَا هُوَ بِهِ: ٱلْحَيَاةُ ٱلْأَبَدِيَّةُ. (aiōnios ) |
और जिसका उसने हम से वा'दा किया, वो हमेशा की ज़िन्दगी है। (aiōnios )
كُلُّ مَنْ يُبْغِضُ أَخَاهُ فَهُوَ قَاتِلُ نَفْسٍ، وَأَنْتُمْ تَعْلَمُونَ أَنَّ كُلَّ قَاتِلِ نَفْسٍ لَيْسَ لَهُ حَيَاةٌ أَبَدِيَّةٌ ثَابِتَةٌ فِيهِ. (aiōnios ) |
जो कोई अपने भाई से 'दुश्मनी रखता है, वो ख़ूनी है और तुम जानते हो कि किसी ख़ूनी में हमेशा की ज़िन्दगी मौजूद नहीं रहती। (aiōnios )
وَهَذِهِ هِيَ ٱلشَّهَادَةُ: أَنَّ ٱللهَ أَعْطَانَا حَيَاةً أَبَدِيَّةً، وَهَذِهِ ٱلْحَيَاةُ هِيَ فِي ٱبْنِهِ. (aiōnios ) |
और वो गवाही ये है, कि ख़ुदा ने हमे हमेशा की ज़िन्दगी बख़्शी, और ये ज़िन्दगी उसके बेटे में है। (aiōnios )
كَتَبْتُ هَذَا إِلَيْكُمْ، أَنْتُمُ ٱلْمُؤْمِنِينَ بِٱسْمِ ٱبْنِ ٱللهِ، لِكَيْ تَعْلَمُوا أَنَّ لَكُمْ حَيَاةً أَبَدِيَّةً، وَلِكَيْ تُؤْمِنُوا بِٱسْمِ ٱبْنِ ٱللهِ. (aiōnios ) |
मैंने तुम को जो ख़ुदा के बेटे के नाम पर ईमान लाए हो, ये बातें इसलिए लिखी कि तुम्हें मा'लूम हो कि हमेशा की ज़िन्दगी रखते हो।। (aiōnios )
وَنَعْلَمُ أَنَّ ٱبْنَ ٱللهِ قَدْ جَاءَ وَأَعْطَانَا بَصِيرَةً لِنَعْرِفَ ٱلْحَقَّ. وَنَحْنُ فِي ٱلْحَقِّ فِي ٱبْنِهِ يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ. هَذَا هُوَ ٱلْإِلَهُ ٱلْحَقُّ وَٱلْحَيَاةُ ٱلْأَبَدِيَّةُ. (aiōnios ) |
और ये भी जानते है कि ख़ुदा का बेटा आ गया है, और उसने हमे समझ बख़्शी है ताकि उसको जो हक़ीक़ी है जानें और हम उसमें जो हक़ीक़ी है, या'नी उसके बेटे ईसा मसीह में हैं। हक़ीक़ी ख़ुदा और हमेशा की ज़िन्दगी यही है। (aiōnios )
مِنْ أَجْلِ ٱلْحَقِّ ٱلَّذِي يَثْبُتُ فِينَا وَسَيَكُونُ مَعَنَا إِلَى ٱلْأَبَدِ: (aiōn ) |
और सिर्फ़ मैं ही नहीं बल्कि वो सब भी मुहब्बत रखते हैं, जो हक़ से वाक़िफ़ हैं। (aiōn )
وَٱلْمَلَائِكَةُ ٱلَّذِينَ لَمْ يَحْفَظُوا رِيَاسَتَهُمْ، بَلْ تَرَكُوا مَسْكَنَهُمْ حَفِظَهُمْ إِلَى دَيْنُونَةِ ٱلْيَوْمِ ٱلْعَظِيمِ بِقُيُودٍ أَبَدِيَّةٍ تَحْتَ ٱلظَّلَامِ. (aïdios ) |
और जिन फ़रिश्तों ने अपनी हुकुमत को क़ाईम न रख्खा बल्कि अपनी ख़ास जगह को छोड़ दिया, उनको उसने हमेशा की क़ैद में अंधेरे के अन्दर रोज़ — ए — 'अज़ीम की 'अदालत तक रख्खा है (aïdios )
كَمَا أَنَّ سَدُومَ وَعَمُورَةَ وَٱلْمُدُنَ ٱلَّتِي حَوْلَهُمَا، إِذْ زَنَتْ عَلَى طَرِيقٍ مِثْلِهِمَا، وَمَضَتْ وَرَاءَ جَسَدٍ آخَرَ، جُعِلَتْ عِبْرَةً، مُكَابِدَةً عِقَابَ نَارٍ أَبَدِيَّةٍ. (aiōnios ) |
इसी तरह सदूम और 'अमूरा और उसके आसपास के शहर, जो इनकी तरह ज़िनाकारी में पड़ गए और ग़ैर जिस्म की तरफ़ राग़िब हुए, हमेशा की आग की सज़ा में गिरफ़्तार होकर जा — ए — 'इबरत ठहरे हैं। (aiōnios )
أَمْوَاجُ بَحْرٍ هَائِجَةٌ مُزْبِدَةٌ بِخِزْيِهِمْ. نُجُومٌ تَائِهَةٌ مَحْفُوظٌ لَهَا قَتَامُ ٱلظَّلَامِ إِلَى ٱلْأَبَدِ. (aiōn ) |
ये समुन्दर की पुर जोश मौजें, जो अपनी बेशर्मी के झाग उछालती हैं। ये वो आवारा गर्द सितारे हैं, जिनके लिए हमेशा तक बेहद तारीकी धरी है। (aiōn )
وَٱحْفَظُوا أَنْفُسَكُمْ فِي مَحَبَّةِ ٱللهِ، مُنْتَظِرِينَ رَحْمَةَ رَبِّنَا يَسُوعَ ٱلْمَسِيحِ لِلْحَيَاةِ ٱلْأَبَدِيَّةِ. (aiōnios ) |
अपने आपको 'ख़ुदा' की मुहब्बत में क़ाईम रख्खो; और हमेशा की ज़िन्दगी के लिए हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह की रहमत के इन्तिज़ार में रहो। (aiōnios )
ٱلْإِلَهُ ٱلْحَكِيمُ ٱلْوَحِيدُ مُخَلِّصُنَا، لَهُ ٱلْمَجْدُ وَٱلْعَظَمَةُ وَٱلْقُدْرَةُ وَٱلسُّلْطَانُ، ٱلْآنَ وَإِلَى كُلِّ ٱلدُّهُورِ. آمِينَ. (aiōn ) |
उस ख़ुदा — ए — वाहिद का जो हमारा मुन्जी है, जलाल और 'अज़मत और सल्तनत और इख़्तियार, हमारे ख़ुदावन्द 'ईसा मसीह के वसीले से, जैसा पहले से है, अब भी हो और हमेशा रहे। आमीन। (aiōn )
وَجَعَلَنَا مُلُوكًا وَكَهَنَةً لِلهِ أَبِيهِ، لَهُ ٱلْمَجْدُ وَٱلسُّلْطَانُ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. آمِينَ. (aiōn ) |
और हम को एक बादशाही भी दी और अपने ख़ुदा और बाप के लिए काहिन भी बना दिया। उसका जलाल और बादशाही हमेशा से हमेशा तक रहे। आमीन। (aiōn )
وَٱلْحَيُّ. وَكُنْتُ مَيْتًا، وَهَا أَنَا حَيٌّ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ! آمِينَ. وَلِي مَفَاتِيحُ ٱلْهَاوِيَةِ وَٱلْمَوْتِ. (aiōn , Hadēs ) |
और ज़िन्दा हूँ। मैं मर गया था, और देख हमेशा से हमेशा तक रहूँगा; और मौत और 'आलम — ए — अर्वाह की कुन्जियाँ मेरे पास हैं। (aiōn , Hadēs )
وَحِينَمَا تُعْطِي ٱلْحَيَوَانَاتُ مَجْدًا وَكَرَامَةً وَشُكْرًا لِلْجَالِسِ عَلَى ٱلْعَرْشِ، ٱلْحَيِّ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ، (aiōn ) |
और जब वो जानदार उसकी बड़ाई — ओ — 'इज़्ज़त और तम्जीद करेंगे, जो तख़्त पर बैठा है और हमेशा से हमेशा ज़िन्दा रहेगा; (aiōn )
يَخِرُّ ٱلْأَرْبَعَةُ وَٱلْعِشْرُونَ شَيْخًا قُدَّامَ ٱلْجَالِسِ عَلَى ٱلْعَرْشِ، وَيَسْجُدُونَ لِلْحَيِّ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ، وَيَطْرَحُونَ أَكَالِيلَهُمْ أَمَامَ ٱلْعَرْشِ قَائِلِينَ: (aiōn ) |
तो वो चौबीस बुज़ुर्ग उसके सामने जो तख़्त पर बैठा है गिर पड़ेंगे और उसको सिज्दा करेंगे, जो हमेशा हमेशा ज़िन्दा रहेगा और अपने ताज ये कहते हुए उस तख़्त के सामने डाल देंगे, (aiōn )
وَكُلُّ خَلِيقَةٍ مِمَّا فِي ٱلسَّمَاءِ وَعَلَى ٱلْأَرْضِ وَتَحْتَ ٱلْأَرْضِ، وَمَا عَلَى ٱلْبَحْرِ، كُلُّ مَا فِيهَا، سَمِعْتُهَا قَائِلَةً: «لِلْجَالِسِ عَلَى ٱلْعَرْشِ وَلِلْخَرُوفِ ٱلْبَرَكَةُ وَٱلْكَرَامَةُ وَٱلْمَجْدُ وَٱلسُّلْطَانُ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ». (aiōn ) |
फिर मैंने आसमान और ज़मीन और ज़मीन के नीचे की, और समुन्दर की सब मख़्लूक़ात को या'नी सब चीज़ों को उनमें हैं ये कहते सुना, “जो तख़्त पर बैठा है उसकी और बर्रे की, तारीफ़ और इज़्ज़त और बड़ाई और बादशाही हमेशा हमेशा रहे!” (aiōn )
فَنَظَرْتُ وَإِذَا فَرَسٌ أَخْضَرُ، وَٱلْجَالِسُ عَلَيْهِ ٱسْمُهُ ٱلْمَوْتُ، وَٱلْهَاوِيَةُ تَتْبَعُهُ، وَأُعْطِيَا سُلْطَانًا عَلَى رُبْعِ ٱلْأَرْضِ أَنْ يَقْتُلَا بِٱلسَّيْفِ وَٱلْجُوعِ وَٱلْمَوْتِ وَبِوُحُوشِ ٱلْأَرْضِ. (Hadēs ) |
मैंने निगाह की तो क्या देखता हूँ कि एक ज़र्द सा घोड़ा है, और उसके सवार का नाम 'मौत' है और 'आलम — ए — अर्वाह उसके पीछे पीछे है; और उनको चौथाई ज़मीन पर ये इख़्तियार दिया गया कि तलवार और काल और वबा और ज़मीन के दरिन्दों से लोगों को हलाक करें। (Hadēs )
قَائِلِينَ: «آمِينَ! ٱلْبَرَكَةُ وَٱلْمَجْدُ وَٱلْحِكْمَةُ وَٱلشُّكْرُ وَٱلْكَرَامَةُ وَٱلْقُدْرَةُ وَٱلْقُوَّةُ لِإِلَهِنَا إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. آمِينَ!». (aiōn ) |
कहा, आमीन! तारीफ़ और बड़ाई और हिक्मत और शुक्र और 'इज़्ज़त और क़ुदरत और ताक़त हमेशा से हमेशा हमारे ख़ुदा की हो! आमीन। (aiōn )
ثُمَّ بَوَّقَ ٱلْمَلَاكُ ٱلْخَامِسُ، فَرَأَيْتُ كَوْكَبًا قَدْ سَقَطَ مِنَ ٱلسَّمَاءِ إِلَى ٱلْأَرْضِ، وَأُعْطِيَ مِفْتَاحَ بِئْرِ ٱلْهَاوِيَةِ. (Abyssos ) |
जब पाँचवें फ़रिश्ते ने नरसिंगा फूँका, तो मैंने आसमान से ज़मीन पर एक सितारा गिरा हुआ देखा, और उसे अथाह गड्ढे की कूंजी दी गई। (Abyssos )
فَفَتَحَ بِئْرَ ٱلْهَاوِيَةِ، فَصَعِدَ دُخَانٌ مِنَ ٱلْبِئْرِ كَدُخَانِ أَتُونٍ عَظِيمٍ، فَأَظْلَمَتِ ٱلشَّمْسُ وَٱلْجَوُّ مِنْ دُخَانِ ٱلْبِئْرِ. (Abyssos ) |
और जब उसने अथाह गड्ढे को खोला तो गड्ढे में से एक बड़ी भट्टी का सा धुवाँ उठा, और गड्ढे के धुवें के ज़रिए से सूरज और हवा तारीक हो गई। (Abyssos )
وَلَهَا مَلَاكُ ٱلْهَاوِيَةِ مَلِكًا عَلَيْهَا، ٱسْمُهُ بِٱلْعِبْرَانِيَّةِ «أَبَدُّونَ»، وَلَهُ بِٱلْيُونَانِيَّةِ ٱسْمُ «أَبُولِّيُّونَ». (Abyssos ) |
अथाह गड्ढे का फ़रिश्ता उन पर बादशाह था; उसका नाम 'इब्रानी अबदून और यूनानी में अपुल्ल्योन है। (Abyssos )
وَأَقْسَمَ بِٱلْحَيِّ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ، ٱلَّذِي خَلَقَ ٱلسَّمَاءَ وَمَا فِيهَا، وَٱلْأَرْضَ وَمَا فِيهَا، وَٱلْبَحْرَ وَمَا فِيهِ: أَنْ لَا يَكُونَ زَمَانٌ بَعْدُ! (aiōn ) |
जो हमेशा से हमेशा ज़िन्दा रहेगा और जिसने आसमान और उसके अन्दर की चीज़ें, और ज़मीन और उसके ऊपर की चीज़ें, और समुन्दर और उसके अन्दर की चीज़ें, पैदा की हैं, उसकी क़सम खाकर कहा कि अब और देर न होगी। (aiōn )
وَمَتَى تَمَّمَا شَهَادَتَهُمَا، فَٱلْوَحْشُ ٱلصَّاعِدُ مِنَ ٱلْهَاوِيَةِ سَيَصْنَعُ مَعَهُمَا حَرْبًا وَيَغْلِبُهُمَا وَيَقْتُلُهُمَا. (Abyssos ) |
जब वो अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वो हैवान जो अथाह गड्ढे से निकलेगा, उनसे लड़कर उन पर ग़ालिब आएगा और उनको मार डालेगा। (Abyssos )
ثُمَّ بَوَّقَ ٱلْمَلَاكُ ٱلسَّابِعُ، فَحَدَثَتْ أَصْوَاتٌ عَظِيمَةٌ فِي ٱلسَّمَاءِ قَائِلَةً: «قَدْ صَارَتْ مَمَالِكُ ٱلْعَالَمِ لِرَبِّنَا وَمَسِيحِهِ، فَسَيَمْلِكُ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ». (aiōn ) |
जब सातवें फ़रिश्ते ने नरसिंगा फूँका, तो आसमान पर बड़ी आवाज़ें इस मज़मून की पैदा हुई: “दुनियाँ की बादशाही हमारे ख़ुदावन्द और उसके मसीह की हो गई, और वो हमेशा बादशाही करेगा।” (aiōn )
ثُمَّ رَأَيْتُ مَلَاكًا آخَرَ طَائِرًا فِي وَسَطِ ٱلسَّمَاءِ مَعَهُ بِشَارَةٌ أَبَدِيَّةٌ، لِيُبَشِّرَ ٱلسَّاكِنِينَ عَلَى ٱلْأَرْضِ وَكُلَّ أُمَّةٍ وَقَبِيلَةٍ وَلِسَانٍ وَشَعْبٍ، (aiōnios ) |
फिर मैंने एक और फ़रिश्ते को आसमान के बीच में उड़ते हुए देखा, जिसके पास ज़मीन के रहनेवालों की हर क़ौम और क़बीले और अहल — ए — ज़बान और उम्मत के सुनाने के लिए हमेशा की ख़ुशख़बरी थी। (aiōnios )
وَيَصْعَدُ دُخَانُ عَذَابِهِمْ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. وَلَا تَكُونُ رَاحَةٌ نَهَارًا وَلَيْلًا لِلَّذِينَ يَسْجُدُونَ لِلْوَحْشِ وَلِصُورَتِهِ وَلِكُلِّ مَنْ يَقْبَلُ سِمَةَ ٱسْمِهِ». (aiōn ) |
और उनके 'अज़ाब का धुवाँ हमेशा ही उठता रहेगा, और जो उस हैवान और उसके बुत की इबादत करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उनको रात दिन चैन न मिलेगा।” (aiōn )
وَوَاحِدٌ مِنَ ٱلْأَرْبَعَةِ ٱلْحَيَوَانَاتِ أَعْطَى ٱلسَّبْعَةَ ٱلْمَلَائِكَةِ سَبْعَةَ جَامَاتٍ مِنْ ذَهَبٍ، مَمْلُوَّةٍ مِنْ غَضَبِ ٱللهِ ٱلْحَيِّ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. (aiōn ) |
और उन चारों जानदारों में से एक ने सात सोने के प्याले, हमेशा ज़िन्दा रहनेवाले ख़ुदा के क़हर से भरे हुए, उन सातों फ़रिश्तों को दिए; (aiōn )
ٱلْوَحْشُ ٱلَّذِي رَأَيْتَ، كَانَ وَلَيْسَ ٱلْآنَ، وَهُوَ عَتِيدٌ أَنْ يَصْعَدَ مِنَ ٱلْهَاوِيَةِ وَيَمْضِيَ إِلَى ٱلْهَلَاكِ. وَسَيَتَعَجَّبُ ٱلسَّاكِنُونَ عَلَى ٱلْأَرْضِ، ٱلَّذِينَ لَيْسَتْ أَسْمَاؤُهُمْ مَكْتُوبَةً فِي سِفْرِ ٱلْحَيَاةِ مُنْذُ تَأْسِيسِ ٱلْعَالَمِ، حِينَمَا يَرَوْنَ ٱلْوَحْشَ أَنَّهُ كَانَ وَلَيْسَ ٱلْآنَ، مَعَ أَنَّهُ كَائِنٌ. (Abyssos ) |
ये जो तू ने हैवान देखा है, ये पहले तो था मगर अब नहीं है; और आइन्दा अथाह गड्ढे से निकलकर हलाकत में पड़ेगा, और ज़मीन के रहनेवाले जिनके नाम दुनियाँ बनाने से पहले के वक़्त से किताब — ए — हयात में लिखे नहीं गए, इस हैवान का ये हाल देखकर कि पहले था और अब नहीं और फिर मौजूद हो जाएगा, ता'अज्जुब करेंगे। (Abyssos )
وَقَالُوا ثَانِيَةً: «هَلِّلُويَا! وَدُخَانُهَا يَصْعَدُ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ». (aiōn ) |
फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हल्लेलुइया! और उसके जलने का धुवाँ हमेशा उठता रहेगा।” (aiōn )
فَقُبِضَ عَلَى ٱلْوَحْشِ وَٱلنَّبِيِّ ٱلْكَذَّابِ مَعَهُ، ٱلصَّانِعِ قُدَّامَهُ ٱلْآيَاتِ ٱلَّتِي بِهَا أَضَلَّ ٱلَّذِينَ قَبِلُوا سِمَةَ ٱلْوَحْشِ وَٱلَّذِينَ سَجَدُوا لِصُورَتِهِ. وَطُرِحَ ٱلِٱثْنَانِ حَيَّيْنِ إِلَى بُحَيْرَةِ ٱلنَّارِ ٱلْمُتَّقِدَةِ بِٱلْكِبْرِيتِ. (Limnē Pyr ) |
और वो हैवान और उसके साथ वो झूठा नबी पकड़ा गया, जिनसे उसने हैवान की छाप लेनेवालों और उसके बुत की इबादत करनेवालों को गुमराह किया था। वो दोनों आग की उस झील में ज़िन्दा डाले गए, जो गंधक से जलती है। (Limnē Pyr )
وَرَأَيْتُ مَلَاكًا نَازِلًا مِنَ ٱلسَّمَاءِ مَعَهُ مِفْتَاحُ ٱلْهَاوِيَةِ، وَسِلْسِلَةٌ عَظِيمَةٌ عَلَى يَدِهِ. (Abyssos ) |
फिर मैंने एक फ़रिश्ते को आसमान से उतरते देखा, जिसके हाथ में अथाह गड्ढे की कुंजी और एक बड़ी ज़ंजीर थी। (Abyssos )
وَطَرَحَهُ فِي ٱلْهَاوِيَةِ وَأَغْلَقَ عَلَيْهِ، وَخَتَمَ عَلَيْهِ لِكَيْ لَا يُضِلَّ ٱلْأُمَمَ فِي مَا بَعْدُ، حَتَّى تَتِمَّ ٱلْأَلْفُ ٱلسَّنَةِ. وَبَعْدَ ذَلِكَ لَابُدَّ أَنْ يُحَلَّ زَمَانًا يَسِيرًا. (Abyssos ) |
और उसे अथाह गड्ढे में डाल कर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, ताकि वो हज़ार बरस के पूरे होने तक क़ौमों को फिर गुमराह न करे। इसके बाद ज़रूर है कि थोड़े 'अरसे के लिए खोला जाए। (Abyssos )
وَإِبْلِيسُ ٱلَّذِي كَانَ يُضِلُّهُمْ طُرِحَ فِي بُحَيْرَةِ ٱلنَّارِ وَٱلْكِبْرِيتِ، حَيْثُ ٱلْوَحْشُ وَٱلنَّبِيُّ ٱلْكَذَّابُ. وَسَيُعَذَّبُونَ نَهَارًا وَلَيْلًا إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. (aiōn , Limnē Pyr ) |
और उनका गुमराह करने वाला इब्लीस आग और गंधक की उस झील में डाला जाएगा, जहाँ वो हैवान और झूठा नबी भी होगा; और रात दिन हमेशा से हमेशा तक 'अज़ाब में रहेंगे। (aiōn , Limnē Pyr )
وَسَلَّمَ ٱلْبَحْرُ ٱلْأَمْوَاتَ ٱلَّذِينَ فِيهِ، وَسَلَّمَ ٱلْمَوْتُ وَٱلْهَاوِيَةُ ٱلْأَمْوَاتَ ٱلَّذِينَ فِيهِمَا. وَدِينُوا كُلُّ وَاحِدٍ بِحَسَبِ أَعْمَالِهِ. (Hadēs ) |
और समुन्दर ने अपने अन्दर के मुर्दों को दे दिया, और मौत और 'आलम — ए — अर्वाह ने अपने अन्दर के मुर्दों को दे दिया, और उनमें से हर एक के आ'माल के मुताबिक़ उसका इन्साफ़ किया गया। (Hadēs )
وَطُرِحَ ٱلْمَوْتُ وَٱلْهَاوِيَةُ فِي بُحَيْرَةِ ٱلنَّارِ. هَذَا هُوَ ٱلْمَوْتُ ٱلثَّانِي. (Hadēs , Limnē Pyr ) |
फिर मौत और 'आलम — ए — अर्वाह आग की झील में डाले गए। ये आग की झील आखरी मौत है, (Hadēs , Limnē Pyr )
وَكُلُّ مَنْ لَمْ يُوجَدْ مَكْتُوبًا فِي سِفْرِ ٱلْحَيَاةِ طُرِحَ فِي بُحَيْرَةِ ٱلنَّارِ. (Limnē Pyr ) |
और जिस किसी का नाम किताब — ए — हयात में लिखा हुआ न मिला, वो आग की झील में डाला गया। (Limnē Pyr )
وَأَمَّا ٱلْخَائِفُونَ وَغَيْرُ ٱلْمُؤْمِنِينَ وَٱلرَّجِسُونَ وَٱلْقَاتِلُونَ وَٱلزُّنَاةُ وَٱلسَّحَرَةُ وَعَبَدَةُ ٱلْأَوْثَانِ وَجَمِيعُ ٱلْكَذَبَةِ، فَنَصِيبُهُمْ فِي ٱلْبُحَيْرَةِ ٱلْمُتَّقِدَةِ بِنَارٍ وَكِبْرِيتٍ، ٱلَّذِي هُوَ ٱلْمَوْتُ ٱلثَّانِي». (Limnē Pyr ) |
मगर बुज़दिलों, और बेईमान लोगों, और घिनौने लोगों, और ख़ूनियों, और हरामकारों, और जादूगरों, और बुत परस्तों, और सब झूठों का हिस्सा आग और गन्धक से जलने वाली झील में होगा; ये दूसरी मौत है। (Limnē Pyr )
وَلَا يَكُونُ لَيْلٌ هُنَاكَ، وَلَا يَحْتَاجُونَ إِلَى سِرَاجٍ أَوْ نُورِ شَمْسٍ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ ٱلْإِلَهَ يُنِيرُ عَلَيْهِمْ، وَهُمْ سَيَمْلِكُونَ إِلَى أَبَدِ ٱلْآبِدِينَ. (aiōn ) |
और फिर रात न होगी, और वो चिराग़ और सूरज की रौशनी के मुहताज न होंगे, क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा उनको रौशन करेगा और वो हमेशा से हमेशा तक बादशाही करेंगे। (aiōn )
هَؤُلَاءِ هُمْ آبَارٌ بِلَا مَاءٍ، غُيُومٌ يَسُوقُهَا ٱلنَّوْءُ. ٱلَّذِينَ قَدْ حُفِظَ لَهُمْ قَتَامُ ٱلظَّلَامِ إِلَى ٱلْأَبَدِ. () |