< مَتَّى 23 >

حِينَئِذٍ خَاطَبَ يَسُوعُ ٱلْجُمُوعَ وَتَلَامِيذَهُ ١ 1
तब यीशु न भीड़ सी अऊर अपनो चेलावों सी कह्यो,
قَائِلًا: «عَلَى كُرْسِيِّ مُوسَى جَلَسَ ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ، ٢ 2
“धर्मशास्त्री अऊर फरीसी मूसा की गद्दी पर बैठ्यो हंय;
فَكُلُّ مَا قَالُوا لَكُمْ أَنْ تَحْفَظُوهُ فَٱحْفَظُوهُ وَٱفْعَلُوهُ، وَلَكِنْ حَسَبَ أَعْمَالِهِمْ لَا تَعْمَلُوا، لِأَنَّهُمْ يَقُولُونَ وَلَا يَفْعَلُونَ. ٣ 3
येकोलायी हि तुम सी जो कुछ कहेंन ऊ करजो अऊर मानजो, पर उन्को जसो काम मत करजो; कहालीकि हि कह्य त हंय पर करय नहाय।
فَإِنَّهُمْ يَحْزِمُونَ أَحْمَالًا ثَقِيلَةً عَسِرَةَ ٱلْحَمْلِ وَيَضَعُونَهَا عَلَى أَكْتَافِ ٱلنَّاسِ، وَهُمْ لَا يُرِيدُونَ أَنْ يُحَرِّكُوهَا بِإِصْبِعِهِمْ، ٤ 4
हि भारी बोझ ख जिन्ख उठानो कठिन हय, बान्ध क आदमियों पर लाद देवय हंय; पर खुद ओख अपनी बोट सी भी सरकानो नहीं चाहवय।
وَكُلَّ أَعْمَالِهِمْ يَعْمَلُونَهَا لِكَيْ تَنْظُرَهُمُ ٱلنَّاسُ: فَيُعَرِّضُونَ عَصَائِبَهُمْ وَيُعَظِّمُونَ أَهْدَابَ ثِيَابِهِمْ، ٥ 5
हि अपनो पूरो काम लोगों ख दिखान लायी करय हंय: हि अपनो ताबीजो ख चौड़ी करय अऊर अपनो कपड़ा की झालर बढ़ावय हंय।
وَيُحِبُّونَ ٱلْمُتَّكَأَ ٱلْأَوَّلَ فِي ٱلْوَلَائِمِ، وَٱلْمَجَالِسَ ٱلْأُولَى فِي ٱلْمَجَامِعِ، ٦ 6
जेवन म सम्मानित जागा, अऊर सभा म मुख्य-मुख्य आसन,
وَٱلتَّحِيَّاتِ فِي ٱلْأَسْوَاقِ، وَأَنْ يَدْعُوَهُمُ ٱلنَّاسُ: سَيِّدِي سَيِّدِي! ٧ 7
बजारों म आदर सत्कार पानो, अऊर आदमी म गुरु कहलानो उन्ख भावय हय।
وَأَمَّا أَنْتُمْ فَلَا تُدْعَوْا سَيِّدِي، لِأَنَّ مُعَلِّمَكُمْ وَاحِدٌ ٱلْمَسِيحُ، وَأَنْتُمْ جَمِيعًا إِخْوَةٌ. ٨ 8
पर तुम गुरु नहीं कहलावों, कहालीकि तुम्हरो एकच गुरु हय, अऊर तुम सब भाऊवों हो।
وَلَا تَدْعُوا لَكُمْ أَبًا عَلَى ٱلْأَرْضِ، لِأَنَّ أَبَاكُمْ وَاحِدٌ ٱلَّذِي فِي ٱلسَّمَاوَاتِ. ٩ 9
धरती पर कोयी ख अपनो स्वर्गीय पिता नहीं कहजो, कहालीकि तुम्हरो एकच स्वर्गीय पिता हय, जो स्वर्ग म हय।
وَلَا تُدْعَوْا مُعَلِّمِينَ، لِأَنَّ مُعَلِّمَكُمْ وَاحِدٌ ٱلْمَسِيحُ. ١٠ 10
अऊर स्वामी भी नहीं कहलावों, कहालीकि तुम्हरो एकच स्वामी हय, यानेकि मसीह।
وَأَكْبَرُكُمْ يَكُونُ خَادِمًا لَكُمْ. ١١ 11
जो तुम म बड़ो हय, ऊ तुम्हरो सेवक बने।
فَمَنْ يَرْفَعْ نَفْسَهُ يَتَّضِعْ، وَمَنْ يَضَعْ نَفْسَهُ يَرْتَفِعْ. ١٢ 12
जो कोयी अपनो आप ख बड़ो बनायेंन, ऊ छोटो करयो जायेंन: अऊर जो कोयी अपनो आप ख नम्र बनायेंन, ऊ बड़ो करयो जायेंन।
«لَكِنْ وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ ٱلْمُرَاؤُونَ! لِأَنَّكُمْ تُغْلِقُونَ مَلَكُوتَ ٱلسَّمَاوَاتِ قُدَّامَ ٱلنَّاسِ، فَلَا تَدْخُلُونَ أَنْتُمْ وَلَا تَدَعُونَ ٱلدَّاخِلِينَ يَدْخُلُونَ. ١٣ 13
“हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम आदमियों लायी स्वर्ग को राज्य को दरवाजा बन्द करय हय, नहीं त खुदच ओको म सिरय हय अऊर नहीं ओको म सिरन वालो ख सिरन देवय हय।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ ٱلْمُرَاؤُونَ! لِأَنَّكُمْ تَأْكُلُونَ بُيُوتَ ٱلْأَرَامِلِ، ولِعِلَّةٍ تُطِيلُونَ صَلَوَاتِكُمْ. لِذَلِكَ تَأْخُذُونَ دَيْنُونَةً أَعْظَمَ. ١٤ 14
हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम विधवावों को घरो ख बर्बाद कर देवय हय, अऊर दिखावन लायी बहुत देर तक प्रार्थना करय हय: येकोलायी तुम्ख बहुत सजा मिलेंन।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ ٱلْمُرَاؤُونَ! لِأَنَّكُمْ تَطُوفُونَ ٱلْبَحْرَ وَٱلْبَرَّ لِتَكْسَبُوا دَخِيلًا وَاحِدًا، وَمَتَى حَصَلَ تَصْنَعُونَهُ ٱبْنًا لِجَهَنَّمَ أَكْثَرَ مِنْكُمْ مُضَاعَفًا. (Geenna g1067) ١٥ 15
“हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम एक आदमी ख अपनो मत म लान लायी पूरो जल अऊर थल म फिरय हय, अऊर जब ऊ मत म आय जावय हय त ओख अपनो सी दोय गुना खराब बनाय देवय हय। (Geenna g1067)
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْقَادَةُ ٱلْعُمْيَانُ! ٱلْقَائِلُونَ: مَنْ حَلَفَ بِٱلْهَيْكَلِ فَلَيْسَ بِشَيْءٍ، وَلَكِنْ مَنْ حَلَفَ بِذَهَبِ ٱلْهَيْكَلِ يَلْتَزِمُ. ١٦ 16
“हे अन्धो अगुवों, तुम पर हाय! जो कह्य हय कि यदि कोयी मन्दिर की कसम खाये त कुछ नहीं, पर यदि कोयी मन्दिर को सोनो की कसम खायेंन त ओको सी बन्ध जायेंन।
أَيُّهَا ٱلْجُهَّالُ وَٱلْعُمْيَانُ! أَيُّمَا أَعْظَمُ: أَلذَّهَبُ أَمِ ٱلْهَيْكَلُ ٱلَّذِي يُقَدِّسُ ٱلذَّهَبَ؟ ١٧ 17
हे मूर्खो अऊर अन्धो, कौन बड़ो हय; सोनो यां ऊ मन्दिर जेकोसी सोनो पवित्र होवय हय?
وَمَنْ حَلَفَ بِٱلْمَذْبَحِ فَلَيْسَ بِشَيْءٍ، وَلَكِنْ مَنْ حَلَفَ بِٱلْقُرْبَانِ ٱلَّذِي عَلَيْهِ يَلْتَزِمُ. ١٨ 18
फिर कह्य हय कि यदि कोयी वेदी की कसम खाये त कुछ नहीं, पर जो भेंट ओको पर हय, यदि कोयी ओकी कसम खाये त बन्ध जायेंन।
أَيُّهَا ٱلْجُهَّالُ وَٱلْعُمْيَانُ! أَيُّمَا أَعْظَمُ: ٱلْقُرْبَانُ أَمِ ٱلْمَذْبَحُ ٱلَّذِي يُقَدِّسُ ٱلْقُرْبَانَ؟ ١٩ 19
हे अन्धो, कौन बड़ो हय; भेंट यां वेदी जेकोसी भेंट पवित्र होवय हय?
فَإِنَّ مَنْ حَلَفَ بِٱلْمَذْبَحِ فَقَدْ حَلَفَ بِهِ وَبِكُلِّ مَا عَلَيْهِ! ٢٠ 20
येकोलायी जो वेदी की कसम खावय हय, ऊ ओकी अऊर जो कुछ ओको पर रखी हय, ओकी भी कसम खावय हय।
وَمَنْ حَلَفَ بِٱلْهَيْكَلِ فَقَدْ حَلَفَ بِهِ وَبِالسَّاكِنِ فِيهِ، ٢١ 21
जो मन्दिर की कसम खावय हय, ऊ मन्दिर अऊर ओको म रहन वालो परमेश्वर की भी कसम खावय हय।
وَمَنْ حَلَفَ بِٱلسَّمَاءِ فَقَدْ حَلَفَ بِعَرْشِ ٱللهِ وَبِالْجَالِسِ عَلَيْهِ. ٢٢ 22
जो स्वर्ग की कसम खावय हय, ऊ परमेश्वर को सिंहासन को अऊर ओको पर बैठन वालो की भी कसम खावय हय।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ ٱلْمُرَاؤُونَ! لِأَنَّكُمْ تُعَشِّرُونَ ٱلنَّعْنَعَ وَٱلشِّبِثَّ وَٱلْكَمُّونَ، وَتَرَكْتُمْ أَثْقَلَ ٱلنَّامُوسِ: ٱلْحَقَّ وَٱلرَّحْمَةَ وَٱلْإِيمَانَ. كَانَ يَنْبَغِي أَنْ تَعْمَلُوا هَذِهِ وَلَا تَتْرُكُوا تِلْكَ. ٢٣ 23
“हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पदीना, अऊर सौंफ, अऊर जीरा को दसवा अंश त देवय हय, पर तुम न व्यवस्था की गम्भीर बातों ख यानेकि न्याय, अऊर दया, अऊर विश्वास ख छोड़ दियो हय; पर असो होनो होतो कि इन्क भी करत रहतो अऊर उन्ख भी नहीं छोड़तो।
أَيُّهَا ٱلْقَادَةُ ٱلْعُمْيَانُ! ٱلَّذِينَ يُصَفُّونَ عَنِ ٱلْبَعُوضَةِ وَيَبْلَعُونَ ٱلْجَمَلَ. ٢٤ 24
हे अन्धो अगुवों, तुम मच्छर ख त छान डालय हय, पर ऊंट ख गिटक लेवय हय।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ ٱلْمُرَاؤُونَ! لِأَنَّكُمْ تُنَقُّونَ خَارِجَ ٱلْكَأْسِ وَٱلصَّحْفَةِ، وَهُمَا مِنْ دَاخِلٍ مَمْلُوآنِ ٱخْتِطَافًا وَدَعَارَةً. ٢٥ 25
“हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम कटोरा अऊर थारी ख बाहेर सी त मांजय हय पर हि अन्दर सी लालच अऊर खुद को भलो को बारे म सोचय हंय।
أَيُّهَا ٱلْفَرِّيسِيُّ ٱلْأَعْمَى! نَقِّ أَوَّلًا دَاخِلَ ٱلْكَأْسِ وَٱلصَّحْفَةِ لِكَيْ يَكُونَ خَارِجُهُمَا أَيْضًا نَقِيًّا. ٢٦ 26
हे अन्धो फरीसी, पहिले कटोरा अऊर थारी ख अन्दर सी मांज कि ऊ बाहेर सी भी साफ होय जाये।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ ٱلْمُرَاؤُونَ! لِأَنَّكُمْ تُشْبِهُونَ قُبُورًا مُبَيَّضَةً تَظْهَرُ مِنْ خَارِجٍ جَمِيلَةً، وَهِيَ مِنْ دَاخِلٍ مَمْلُوءَةٌ عِظَامَ أَمْوَاتٍ وَكُلَّ نَجَاسَةٍ. ٢٧ 27
“हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम चूना सी पोती हुयी कब्र को जसो हय जो बाहेर सी त सुन्दर दिखायी देवय हंय, पर अन्दर मुर्दों की हड्डियों अऊर सब तरह की गंदगी सी भरी हंय।
هَكَذَا أَنْتُمْ أَيْضًا: مِنْ خَارِجٍ تَظْهَرُونَ لِلنَّاسِ أَبْرَارًا، وَلَكِنَّكُمْ مِنْ دَاخِلٍ مَشْحُونُونَ رِيَاءً وَإِثْمًا. ٢٨ 28
योच रीति सी तुम भी बाहेर सी आदमियों ख त अच्छो दिखायी देवय हय, पर अन्दर सी कपट अऊर बुरायी सी भरयो हुयो हय।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ ٱلْمُرَاؤُونَ! لِأَنَّكُمْ تَبْنُونَ قُبُورَ ٱلْأَنْبِيَاءِ وَتُزَيِّنُونَ مَدَافِنَ ٱلصِّدِّيقِينَ، ٢٩ 29
“हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम भविष्यवक्तावों की कब्र बनावय अऊर न्यायियों की स्मारक सजावय हय,
وَتَقُولُونَ: لَوْ كُنَّا فِي أَيَّامِ آبَائِنَا لَمَا شَارَكْنَاهُمْ فِي دَمِ ٱلْأَنْبِيَاءِ. ٣٠ 30
अऊर कह्य हय, ‘यदि हम अपनो बापदादों को दिनो म होतो त भविष्यवक्तावों की हत्या म सहभागी नहीं होतो।’
فَأَنْتُمْ تَشْهَدُونَ عَلَى أَنْفُسِكُمْ أَنَّكُمْ أَبْنَاءُ قَتَلَةِ ٱلْأَنْبِيَاءِ. ٣١ 31
येको सी त तुम अपनो खुद पर हि गवाही देवय हय कि तुम भविष्यवक्तावों को हत्यारों की सन्तान आय।
فَٱمْلَأُوا أَنْتُمْ مِكْيَالَ آبَائِكُمْ. ٣٢ 32
येकोलायी तुम अपनो बापदादों को पाप को घड़ा पूरो तरह सी भर देवो।
أَيُّهَا ٱلْحَيَّاتُ أَوْلَادَ ٱلْأَفَاعِي! كَيْفَ تَهْرُبُونَ مِنْ دَيْنُونَةِ جَهَنَّمَ؟ (Geenna g1067) ٣٣ 33
हे सांपों, हे सांप को पिल्ला, तुम नरक की सजा सी कसो बचो? (Geenna g1067)
لِذَلِكَ هَا أَنَا أُرْسِلُ إِلَيْكُمْ أَنْبِيَاءَ وَحُكَمَاءَ وَكَتَبَةً، فَمِنْهُمْ تَقْتُلُونَ وَتَصْلِبُونَ، وَمِنْهُمْ تَجْلِدُونَ فِي مَجَامِعِكُمْ، وَتَطْرُدُونَ مِنْ مَدِينَةٍ إِلَى مَدِينَةٍ، ٣٤ 34
येकोलायी देखो, मय तुम्हरो जवर भविष्यवक्तावों अऊर बुद्धिमानों अऊर शिक्षकों ख भेजू हय; अऊर तुम उन्म सी कुछ ख मार डालेंन अऊर क्रूस पर चढ़ायेंन, अऊर कुछ ख अपनो आराधनालयों म कोड़े मारेंन अऊर एक नगर सी दूसरों नगर म खदेड़तो फिरेंन।
لِكَيْ يَأْتِيَ عَلَيْكُمْ كُلُّ دَمٍ زَكِيٍّ سُفِكَ عَلَى ٱلْأَرْضِ، مِنْ دَمِ هَابِيلَ ٱلصِّدِّيقِ إِلَى دَمِ زَكَرِيَّا بْنِ بَرَخِيَّا ٱلَّذِي قَتَلْتُمُوهُ بَيْنَ ٱلْهَيْكَلِ وَٱلْمَذْبَحِ. ٣٥ 35
जेकोसी सच्चो हाबील सी ले क बिरिक्याह को बेटा जकर्याह तक, जेक तुम न मन्दिर अऊर वेदी को बीच म मार डाल्यो होतो, जितनो न्यायियों को खून धरती पर बहायो गयो हय ऊ सब तुम्हरो मुंड पर पड़ेंन।
اَلْحَقَّ أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّ هَذَا كُلَّهُ يَأْتِي عَلَى هَذَا ٱلْجِيلِ! ٣٦ 36
मय तुम सी सच कहू हय, यो सब बाते यो समय को लोगों पर आयेंन।
«يَا أُورُشَلِيمُ، يا أُورُشَلِيمُ! يا قَاتِلَةَ ٱلْأَنْبِيَاءِ وَرَاجِمَةَ ٱلْمُرْسَلِينَ إِلَيْهَا، كَمْ مَرَّةٍ أَرَدْتُ أَنْ أَجْمَعَ أَوْلَادَكِ كَمَا تَجْمَعُ ٱلدَّجَاجَةُ فِرَاخَهَا تَحْتَ جَنَاحَيْهَا، وَلَمْ تُرِيدُوا! ٣٧ 37
“हे यरूशलेम, हे यरूशलेम! तय जो भविष्यवक्तावों ख मार डालय हय, अऊर जो तोरो जवर भेज्यो गयो, उन पर पथराव करय हय। कितनो बार मय न चाहयो कि जसो मुर्गी अपनो बच्चां ख अपनो पंखा को खल्लो जमा करय हय, वसोच मय भी तोरो बच्चा ख जमा कर लेऊ, पर तुम न नहीं चाह्यो,
هُوَذَا بَيْتُكُمْ يُتْرَكُ لَكُمْ خَرَابًا. ٣٨ 38
देखो, तुम्हरो घर तुम्हरो लायी उजाड़ छोड़्यो जावय हय।
لِأَنِّي أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّكُمْ لَا تَرَوْنَنِي مِنَ ٱلْآنَ حَتَّى تَقُولُوا: مُبَارَكٌ ٱلْآتِي بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ!». ٣٩ 39
कहालीकि मय तुम सी सच कहू हय कि अभी सी जब तक तुम मोख तब तक नहीं देखो, जब तक यो नहीं कहो ‘धन्य हय ऊ, जो प्रभु को नाम सी आवय हय’ तब तक तुम मोख फिर कभी नहीं देखो।”

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