< مَرْقُس 15 >

وَلِلْوَقْتِ فِي ٱلصَّبَاحِ تَشَاوَرَ رُؤَسَاءُ ٱلْكَهَنَةِ وَٱلشُّيُوخُ وَٱلْكَتَبَةُ وَٱلْمَجْمَعُ كُلُّهُ، فَأَوْثَقُوا يَسُوعَ وَمَضَوْا بِهِ وَأَسْلَمُوهُ إِلَى بِيلَاطُسَ. ١ 1
और भोर होते ही तुरन्त प्रधान याजकों, प्राचीनों, और शास्त्रियों ने वरन् सारी महासभा ने सलाह करके यीशु को बन्धवाया, और उसे ले जाकर पिलातुस के हाथ सौंप दिया।
فَسَأَلَهُ بِيلَاطُسُ: «أَنْتَ مَلِكُ ٱلْيَهُودِ؟». فَأَجَابَ وَقَالَ لَهُ: «أَنْتَ تَقُولُ». ٢ 2
और पिलातुस ने उससे पूछा, “क्या तू यहूदियों का राजा है?” उसने उसको उत्तर दिया, “तू स्वयं ही कह रहा है।”
وَكَانَ رُؤَسَاءُ ٱلْكَهَنَةِ يَشْتَكُونَ عَلَيْهِ كَثِيرًا. ٣ 3
और प्रधान याजक उस पर बहुत बातों का दोष लगा रहे थे।
فَسَأَلَهُ بِيلَاطُسُ أَيْضًا قَائِلًا: «أَمَا تُجِيبُ بِشَيْءٍ؟ اُنْظُرْ كَمْ يَشْهَدُونَ عَلَيْكَ!». ٤ 4
पिलातुस ने उससे फिर पूछा, “क्या तू कुछ उत्तर नहीं देता, देख ये तुझ पर कितनी बातों का दोष लगाते हैं?”
فَلَمْ يُجِبْ يَسُوعُ أَيْضًا بِشَيْءٍ حَتَّى تَعَجَّبَ بِيلَاطُسُ. ٥ 5
यीशु ने फिर कुछ उत्तर नहीं दिया; यहाँ तक कि पिलातुस को बड़ा आश्चर्य हुआ।
وَكَانَ يُطْلِقُ لَهُمْ فِي كُلِّ عِيدٍ أَسِيرًا وَاحِدًا، مَنْ طَلَبُوهُ. ٦ 6
वह उस पर्व में किसी एक बन्धुए को जिसे वे चाहते थे, उनके लिये छोड़ दिया करता था।
وَكَانَ ٱلْمُسَمَّى بَارَابَاسَ مُوثَقًا مَعَ رُفَقَائِهِ فِي ٱلْفِتْنَةِ، ٱلَّذِينَ فِي ٱلْفِتْنَةِ فَعَلُوا قَتْلًا. ٧ 7
और बरअब्बा नाम का एक मनुष्य उन बलवाइयों के साथ बन्धुआ था, जिन्होंने बलवे में हत्या की थी।
فَصَرَخَ ٱلْجَمْعُ وَٱبْتَدَأُوا يَطْلُبُونَ أَنْ يَفْعَلَ كَمَا كَانَ دَائِمًا يَفْعَلُ لَهُمْ. ٨ 8
और भीड़ ऊपर जाकर उससे विनती करने लगी, कि जैसा तू हमारे लिये करता आया है वैसा ही कर।
فَأَجَابَهُمْ بِيلَاطُسُ قَائِلًا: «أَتُرِيدُونَ أَنْ أُطْلِقَ لَكُمْ مَلِكَ ٱلْيَهُودِ؟». ٩ 9
पिलातुस ने उनको यह उत्तर दिया, “क्या तुम चाहते हो, कि मैं तुम्हारे लिये यहूदियों के राजा को छोड़ दूँ?”
لِأَنَّهُ عَرَفَ أَنَّ رُؤَسَاءَ ٱلْكَهَنَةِ كَانُوا قَدْ أَسْلَمُوهُ حَسَدًا. ١٠ 10
१०क्योंकि वह जानता था, कि प्रधान याजकों ने उसे डाह से पकड़वाया था।
فَهَيَّجَ رُؤَسَاءُ ٱلْكَهَنَةِ ٱلْجَمْعَ لِكَيْ يُطْلِقَ لَهُمْ بِٱلْحَرِيِّ بَارَابَاسَ. ١١ 11
११परन्तु प्रधान याजकों ने लोगों को उभारा, कि वह बरअब्बा ही को उनके लिये छोड़ दे।
فَأجَابَ بِيلَاطُسُ أَيْضًا وَقَالَ لَهُمْ: «فَمَاذَا تُرِيدُونَ أَنْ أَفْعَلَ بِٱلَّذِي تَدْعُونَهُ مَلِكَ ٱلْيَهُودِ؟» ١٢ 12
१२यह सुन पिलातुस ने उनसे फिर पूछा, “तो जिसे तुम यहूदियों का राजा कहते हो, उसको मैं क्या करूँ?”
فَصَرَخُوا أَيْضًا: «ٱصْلِبْهُ!». ١٣ 13
१३वे फिर चिल्लाए, “उसे क्रूस पर चढ़ा दे!”
فَقَالَ لَهُمْ بِيلَاطُسُ: «وَأَيَّ شَرٍّ عَمِلَ؟» فَٱزْدَادُوا جِدًّا صُرَاخًا: «ٱصْلِبْهُ!». ١٤ 14
१४पिलातुस ने उनसे कहा, “क्यों, इसने क्या बुराई की है?” परन्तु वे और भी चिल्लाए, “उसे क्रूस पर चढ़ा दे।”
فَبِيلَاطُسُ إِذْ كَانَ يُرِيدُ أَنْ يَعْمَلَ لِلْجَمْعِ مَا يُرْضِيهِمْ، أَطْلَقَ لَهُمْ بَارَابَاسَ، وَأَسْلَمَ يَسُوعَ، بَعْدَمَا جَلَدَهُ، لِيُصْلَبَ. ١٥ 15
१५तब पिलातुस ने भीड़ को प्रसन्न करने की इच्छा से, बरअब्बा को उनके लिये छोड़ दिया, और यीशु को कोड़े लगवाकर सौंप दिया, कि क्रूस पर चढ़ाया जाए।
فَمَضَى بِهِ ٱلْعَسْكَرُ إِلَى دَاخِلِ ٱلدَّارِ، ٱلَّتِي هِيَ دَارُ ٱلْوِلَايَةِ، وَجَمَعُوا كُلَّ ٱلْكَتِيبَةِ. ١٦ 16
१६सिपाही उसे किले के भीतर आँगन में ले गए जो प्रीटोरियुम कहलाता है, और सारे सैनिक दल को बुला लाए।
وَأَلْبَسُوهُ أُرْجُوَانًا، وَضَفَرُوا إِكْلِيلًا مِنْ شَوْكٍ وَوَضَعُوهُ عَلَيْهِ، ١٧ 17
१७और उन्होंने उसे बैंगनी वस्त्र पहनाया और काँटों का मुकुट गूँथकर उसके सिर पर रखा,
وَٱبْتَدَأُوا يُسَلِّمُونَ عَلَيْهِ قَائِلِينَ: «ٱلسَّلَامُ يَا مَلِكَ ٱلْيَهُودِ!». ١٨ 18
१८और यह कहकर उसे नमस्कार करने लगे, “हे यहूदियों के राजा, नमस्कार!”
وَكَانُوا يَضْرِبُونَهُ عَلَى رَأْسِهِ بِقَصَبَةٍ، وَيَبْصُقُونَ عَلَيْهِ، ثُمَّ يَسْجُدُونَ لَهُ جَاثِينَ عَلَى رُكَبِهِمْ. ١٩ 19
१९वे उसके सिर पर सरकण्डे मारते, और उस पर थूकते, और घुटने टेककर उसे प्रणाम करते रहे।
وَبَعْدَمَا ٱسْتَهْزَأُوا بِهِ، نَزَعُوا عَنْهُ ٱلْأُرْجُوانَ وَأَلْبَسُوهُ ثِيَابَهُ، ثُمَّ خَرَجُوا بِهِ لِيَصْلِبُوهُ. ٢٠ 20
२०जब वे उसका उपहास कर चुके, तो उस पर से बैंगनी वस्त्र उतारकर उसी के कपड़े पहनाए; और तब उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिये बाहर ले गए।
فَسَخَّرُوا رَجُلًا مُجْتَازًا كَانَ آتِيًا مِنَ ٱلْحَقْلِ، وَهُوَ سِمْعَانُ ٱلْقَيْرَوَانِيُّ أَبُو أَلَكْسَنْدَرُسَ وَرُوفُسَ، لِيَحْمِلَ صَلِيبَهُ. ٢١ 21
२१सिकन्दर और रूफुस का पिता शमौन नामक एक कुरेनी मनुष्य, जो गाँव से आ रहा था उधर से निकला; उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा कि उसका क्रूस उठा ले चले।
وَجَاءُوا بِهِ إِلَى مَوْضِعِ «جُلْجُثَةَ» ٱلَّذِي تَفْسِيرُهُ مَوْضِعُ «جُمْجُمَةٍ». ٢٢ 22
२२और वे उसे गुलगुता नामक जगह पर, जिसका अर्थ खोपड़ी का स्थान है, लाए।
وَأَعْطَوْهُ خَمْرًا مَمْزُوجَةً بِمُرٍّ لِيَشْرَبَ، فَلَمْ يَقْبَلْ. ٢٣ 23
२३और उसे गन्धरस मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया।
وَلَمَّا صَلَبُوهُ ٱقْتَسَمُوا ثِيَابَهُ مُقْتَرِعِينَ عَلَيْهَا: مَاذَا يَأْخُذُ كُلُّ وَاحِدٍ؟ ٢٤ 24
२४तब उन्होंने उसको क्रूस पर चढ़ाया, और उसके कपड़ों पर चिट्ठियाँ डालकर, कि किसको क्या मिले, उन्हें बाँट लिया।
وَكَانَتِ ٱلسَّاعَةُ ٱلثَّالِثَةُ فَصَلَبُوهُ. ٢٥ 25
२५और एक पहर दिन चढ़ा था, जब उन्होंने उसको क्रूस पर चढ़ाया।
وَكَانَ عُنْوَانُ عِلَّتِهِ مَكْتُوبًا: «مَلِكُ ٱلْيَهُودِ». ٢٦ 26
२६और उसका दोषपत्र लिखकर उसके ऊपर लगा दिया गया कि “यहूदियों का राजा।”
وَصَلَبُوا مَعَهُ لِصَّيْنِ، وَاحِدًا عَنْ يَمِينِهِ وَآخَرَ عَنْ يَسَارِهِ. ٢٧ 27
२७उन्होंने उसके साथ दो डाकू, एक उसकी दाहिनी और एक उसकी बाईं ओर क्रूस पर चढ़ाए।
فَتَمَّ ٱلْكِتَابُ ٱلْقَائِلُ: «وَأُحْصِيَ مَعَ أَثَمَةٍ». ٢٨ 28
२८तब पवित्रशास्त्र का वह वचन कि वह अपराधियों के संग गिना गया, पूरा हुआ।
وَكَانَ ٱلْمُجْتَازُونَ يُجَدِّفُونَ عَلَيْهِ، وَهُمْ يَهُزُّونَ رُؤُوسَهُمْ قَائِلِينَ: «آهِ يَا نَاقِضَ ٱلْهَيْكَلِ وَبَانِيَهُ فِي ثَلَاثَةِ أَيَّامٍ! ٢٩ 29
२९और मार्ग में जानेवाले सिर हिला-हिलाकर और यह कहकर उसकी निन्दा करते थे, “वाह! मन्दिर के ढानेवाले, और तीन दिन में बनानेवाले!
خَلِّصْ نَفْسَكَ وَٱنْزِلْ عَنِ ٱلصَّلِيبِ!». ٣٠ 30
३०क्रूस पर से उतरकर अपने आपको बचा ले।”
وَكَذَلِكَ رُؤَسَاءُ ٱلْكَهَنَةِ وَهُمْ مُسْتَهْزِئُونَ فِيمَا بَيْنَهُمْ مَعَ ٱلْكَتَبَةِ، قَالُوا: «خَلَّصَ آخَرِينَ وَأَمَّا نَفْسُهُ فَمَا يَقْدِرُ أَنْ يُخَلِّصَهَا! ٣١ 31
३१इसी तरह से प्रधान याजक भी, शास्त्रियों समेत, आपस में उपहास करके कहते थे; “इसने औरों को बचाया, पर अपने को नहीं बचा सकता।
لِيَنْزِلِ ٱلْآنَ ٱلْمَسِيحُ مَلِكُ إِسْرَائِيلَ عَنِ ٱلصَّلِيبِ، لِنَرَى وَنُؤْمِنَ!». وَٱللَّذَانِ صُلِبَا مَعَهُ كَانَا يُعَيِّرَانِهِ. ٣٢ 32
३२इस्राएल का राजा, मसीह, अब क्रूस पर से उतर आए कि हम देखकर विश्वास करें।” और जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे, वे भी उसकी निन्दा करते थे।
وَلَمَّا كَانَتِ ٱلسَّاعَةُ ٱلسَّادِسَةُ، كَانَتْ ظُلْمَةٌ عَلَى ٱلْأَرْضِ كُلِّهَا إِلَى ٱلسَّاعَةِ ٱلتَّاسِعَةِ. ٣٣ 33
३३और दोपहर होने पर सारे देश में अंधियारा छा गया, और तीसरे पहर तक रहा।
وَفِي ٱلسَّاعَةِ ٱلتَّاسِعَةِ صَرَخَ يَسُوعُ بِصَوْتٍ عَظِيمٍ قَائِلًا: «إِلُوِي، إِلُوِي، لَمَا شَبَقْتَنِي؟». اَلَّذِي تَفْسِيرُهُ: إِلَهِي، إِلَهِي، لِمَاذَا تَرَكْتَنِي؟ ٣٤ 34
३४तीसरे पहर यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “इलोई, इलोई, लमा शबक्तनी?” जिसका अर्थ है, “हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?”
فَقَالَ قَوْمٌ مِنَ ٱلْحَاضِرِينَ لَمَّا سَمِعُوا: «هُوَذَا يُنَادِي إِيلِيَّا». ٣٥ 35
३५जो पास खड़े थे, उनमें से कितनों ने यह सुनकर कहा, “देखो, यह एलिय्याह को पुकारता है।”
فَرَكَضَ وَاحِدٌ وَمَلَأَ إِسْفِنْجَةً خَلًّا وَجَعَلَهَا عَلَى قَصَبَةٍ وَسَقَاهُ قَائِلًا: «ٱتْرُكُوا. لِنَرَ هَلْ يَأْتِي إِيلِيَّا لِيُنْزِلَهُ!». ٣٦ 36
३६और एक ने दौड़कर पनसोख्‍ता को सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रखकर उसे चुसाया, और कहा, “ठहर जाओ; देखें, एलिय्याह उसे उतारने के लिये आता है कि नहीं।”
فَصَرَخَ يَسُوعُ بِصَوْتٍ عَظِيمٍ وَأَسْلَمَ ٱلرُّوحَ. ٣٧ 37
३७तब यीशु ने बड़े शब्द से चिल्लाकर प्राण छोड़ दिये।
وَٱنْشَقَّ حِجَابُ ٱلْهَيْكَلِ إِلَى ٱثْنَيْنِ، مِنْ فَوْقُ إِلَى أَسْفَلُ. ٣٨ 38
३८और मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया।
وَلَمَّا رَأَى قَائِدُ ٱلْمِئَةِ ٱلْوَاقِفُ مُقَابِلَهُ أَنَّهُ صَرَخَ هَكَذَا وَأَسْلَمَ ٱلرُّوحَ، قَالَ: «حَقًّا كَانَ هَذَا ٱلْإِنْسَانُ ٱبْنَ ٱللهِ!» ٣٩ 39
३९जो सूबेदार उसके सामने खड़ा था, जब उसे यूँ चिल्लाकर प्राण छोड़ते हुए देखा, तो उसने कहा, “सचमुच यह मनुष्य, परमेश्वर का पुत्र था!”
وَكَانَتْ أَيْضًا نِسَاءٌ يَنْظُرْنَ مِنْ بَعِيدٍ، بَيْنَهُنَّ مَرْيَمُ ٱلْمَجْدَلِيَّةُ، وَمَرْيَمُ أُمُّ يَعْقُوبَ ٱلصَّغِيرِ وَيُوسِي، وَسَالُومَةُ، ٤٠ 40
४०कई स्त्रियाँ भी दूर से देख रही थीं: उनमें मरियम मगदलीनी, और छोटे याकूब और योसेस की माता मरियम, और सलोमी थीं।
ٱللَّوَاتِي أَيْضًا تَبِعْنَهُ وَخَدَمْنَهُ حِينَ كَانَ فِي ٱلْجَلِيلِ. وَأُخَرُ كَثِيرَاتٌ ٱللَّوَاتِي صَعِدْنَ مَعَهُ إِلَى أُورُشَلِيمَ. ٤١ 41
४१जब वह गलील में था तो ये उसके पीछे हो लेती थीं और उसकी सेवा-टहल किया करती थीं; और भी बहुत सी स्त्रियाँ थीं, जो उसके साथ यरूशलेम में आई थीं।
وَلَمَّا كَانَ ٱلْمَسَاءُ، إِذْ كَانَ ٱلِٱسْتِعْدَادُ، أَيْ مَا قَبْلَ ٱلسَّبْتِ، ٤٢ 42
४२और जब संध्या हो गई, क्योंकि तैयारी का दिन था, जो सब्त के एक दिन पहले होता है,
جَاءَ يُوسُفُ ٱلَّذِي مِنَ ٱلرَّامَةِ، مُشِيرٌ شَرِيفٌ، وَكَانَ هُوَ أَيْضًا مُنْتَظِرًا مَلَكُوتَ ٱللهِ، فَتَجَاسَرَ وَدَخَلَ إِلَى بِيلَاطُسَ وَطَلَبَ جَسَدَ يَسُوعَ. ٤٣ 43
४३अरिमतियाह का रहनेवाला यूसुफ आया, जो प्रतिष्ठित मंत्री और आप भी परमेश्वर के राज्य की प्रतीक्षा में था। वह साहस करके पिलातुस के पास गया और यीशु का शव माँगा।
فَتَعَجَّبَ بِيلَاطُسُ أَنَّهُ مَاتَ كَذَا سَرِيعًا. فَدَعَا قَائِدَ ٱلْمِئَةِ وَسَأَلَهُ: «هَلْ لَهُ زَمَانٌ قَدْ مَاتَ؟». ٤٤ 44
४४पिलातुस ने आश्चर्य किया, कि वह इतना शीघ्र मर गया; और उसने सूबेदार को बुलाकर पूछा, कि “क्या उसको मरे हुए देर हुई?”
وَلَمَّا عَرَفَ مِنْ قَائِدِ ٱلْمِئَةِ، وَهَبَ ٱلْجَسَدَ لِيُوسُفَ. ٤٥ 45
४५जब उसने सूबेदार के द्वारा हाल जान लिया, तो शव यूसुफ को दिला दिया।
فَٱشْتَرَى كَتَّانًا، فَأَنْزَلَهُ وَكَفَّنَهُ بِٱلْكَتَّانِ، وَوَضَعَهُ فِي قَبْرٍ كَانَ مَنْحُوتًا فِي صَخْرَةٍ، وَدَحْرَجَ حَجَرًا عَلَى بَابِ ٱلْقَبْرِ. ٤٦ 46
४६तब उसने एक मलमल की चादर मोल ली, और शव को उतारकर उस चादर में लपेटा, और एक कब्र में जो चट्टान में खोदी गई थी रखा, और कब्र के द्वार पर एक पत्थर लुढ़का दिया।
وَكَانَتْ مَرْيَمُ ٱلْمَجْدَلِيَّةُ وَمَرْيَمُ أُمُّ يُوسِي تَنْظُرَانِ أَيْنَ وُضِعَ. ٤٧ 47
४७और मरियम मगदलीनी और योसेस की माता मरियम देख रही थीं कि वह कहाँ रखा गया है।

< مَرْقُس 15 >