< لُوقا 11 >

وَإِذْ كَانَ يُصَلِّي فِي مَوْضِعٍ، لَمَّا فَرَغَ، قَالَ وَاحِدٌ مِنْ تَلَامِيذِهِ: «يَارَبُّ، عَلِّمْنَا أَنْ نُصَلِّيَ كَمَا عَلَّمَ يُوحَنَّا أَيْضًا تَلَامِيذَهُ». ١ 1
एक दिन यीशु कोयी दूसरी जागा म प्रार्थना कर रह्यो होतो। जब ऊ प्रार्थना कर लियो, त ओको चेलावों म सी एक न ओको सी कह्यो, “हे प्रभु, जसो बपतिस्मा देन वालो यूहन्ना न अपनो चेलावों ख प्रार्थना करनो सिखायो वसोच हम्ख भी तय सिखाय दे।”
فَقَالَ لَهُمْ: «مَتَى صَلَّيْتُمْ فَقُولُوا: أَبَانَا ٱلَّذِي فِي ٱلسَّمَاوَاتِ، لِيَتَقَدَّسِ ٱسْمُكَ، لِيَأْتِ مَلَكُوتُكَ، لِتَكُنْ مَشِيئَتُكَ كَمَا فِي ٱلسَّمَاءِ كَذَلِكَ عَلَى ٱلْأَرْضِ. ٢ 2
यीशु न उन्को सी कह्यो, “जब तुम प्रार्थना करो त कहो: ‘हे हमरो पिता: तोरो नाम पवित्र मान्यो जाय; तोरो राज्य आय।’
خُبْزَنَا كَفَافَنَا أَعْطِنَا كُلَّ يَوْمٍ، ٣ 3
‘हमरी दिन भर की रोटी हर दिन हम्ख दियो कर,’
وَٱغْفِرْ لَنَا خَطَايَانَا لِأَنَّنَا نَحْنُ أَيْضًا نَغْفِرُ لِكُلِّ مَنْ يُذْنِبُ إِلَيْنَا، وَلَا تُدْخِلْنَا فِي تَجْرِبَةٍ لَكِنْ نَجِّنَا مِنَ ٱلشِّرِّيرِ». ٤ 4
‘अऊर हमरो पापों ख माफ कर, कहालीकि हम भी अपनो हर एक अपराधियों ख माफ करजे हंय, अऊर हम्ख परीक्षा म मत लाव।’”
ثُمَّ قَالَ لَهُمْ: «مَنْ مِنْكُمْ يَكُونُ لَهُ صَدِيقٌ، وَيَمْضِي إِلَيْهِ نِصْفَ ٱللَّيْلِ، وَيَقُولُ لَهُ يَا صَدِيقُ، أَقْرِضْنِي ثَلَاثَةَ أَرْغِفَةٍ، ٥ 5
तब यीशु न उन्को सी कह्यो, “तुम म सी कौन आय कि ओको एक संगी हो, अऊर ऊ अरधी रात ख ओको जवर जाय क ओको सी कह्य, ‘हे संगी; मोख तीन रोटी दे।
لِأَنَّ صَدِيقًا لِي جَاءَنِي مِنْ سَفَرٍ، وَلَيْسَ لِي مَا أُقَدِّمُ لَهُ. ٦ 6
कहालीकि मोरो एक संगी यात्रा करतो हुयो मोरो जवर आयो हय, अऊर मोरो जवर ओख खिलावन लायी कुछ भी नहाय।’
فَيُجِيبَ ذَلِكَ مِنْ دَاخِلٍ وَيَقُولَ: لَا تُزْعِجْنِي! اَلْبَابُ مُغْلَقٌ ٱلْآنَ، وَأَوْلَادِي مَعِي فِي ٱلْفِرَاشِ. لَا أَقْدِرُ أَنْ أَقُومَ وَأُعْطِيَكَ. ٧ 7
अऊर ऊ अन्दर सी उत्तर दे क कह्यो, ‘मोख मत सताव; अब त दरवाजा बन्द भय गयो हय अऊर मोरो बच्चा मोरो बिस्तर पर हंय, मय उठ क तोख कुछ भी नहीं दे सकू?’
أَقُولُ لَكُمْ: وَإِنْ كَانَ لَا يَقُومُ وَيُعْطِيهِ لِكَوْنِهِ صَدِيقَهُ، فَإِنَّهُ مِنْ أَجْلِ لَجَاجَتِهِ يَقُومُ وَيُعْطِيهِ قَدْرَ مَا يَحْتَاجُ. ٨ 8
मय तुम सी कहू हय, यदि ओको संगी होन पर भी ओख उठ क नहीं दे, फिर भी ओको खुशामत करन पर ऊ उठ क ओकी जितनी भी जरूरत होना देयेंन।
وَأَنَا أَقُولُ لَكُمُ: ٱسْأَلُوا تُعْطَوْا، اُطْلُبُوا تَجِدُوا، اِقْرَعُوا يُفْتَحْ لَكُمْ. ٩ 9
अऊर मय तुम सी कहू हय: कि मांगो, त तुम्ख दियो जायेंन; ढूंढो, त तुम पावों; खटखटावों, त तुम्हरो लायी खोल्यो जायेंन।
لِأَنَّ كُلَّ مَنْ يَسْأَلُ يَأْخُذُ، وَمَنْ يَطْلُبُ يَجِدُ، وَمَنْ يَقْرَعُ يُفْتَحُ لَهُ. ١٠ 10
कहालीकि जो कोयी मांगय हय, ओख मिलय हय; अऊर जो ढूंढय हय, ऊ पावय हय; अऊर जो खटखटावय हय, ओको लायी खोल्यो जायेंन।
فَمَنْ مِنْكُمْ، وَهُوَ أَبٌ، يَسْأَلُهُ ٱبْنُهُ خُبْزًا، أَفَيُعْطِيهِ حَجَرًا؟ أَوْ سَمَكَةً، أَفَيُعْطِيهِ حَيَّةً بَدَلَ ٱلسَّمَكَةِ؟ ١١ 11
तुम म सी असो कौन बाप होनो, कि ओको बेटा मच्छी मांगय त ओख सांप देयेंन?
أَوْ إِذَا سَأَلَهُ بَيْضَةً، أَفَيُعْطِيهِ عَقْرَبًا؟ ١٢ 12
यां अंडा मांगेंन त ओख बिच्छू देयेंन?
فَإِنْ كُنْتُمْ وَأَنْتُمْ أَشْرَارٌ تَعْرِفُونَ أَنْ تُعْطُوا أَوْلَادَكُمْ عَطَايَا جَيِّدَةً، فَكَمْ بِٱلْحَرِيِّ ٱلْآبُ ٱلَّذِي مِنَ ٱلسَّمَاءِ، يُعْطِي ٱلرُّوحَ ٱلْقُدُسَ لِلَّذِينَ يَسْأَلُونَهُ؟». ١٣ 13
येकोलायी जब तुम बुरो होय क अपनो बच्चां ख अच्छी चिजे देनो जानय हय, त तुम्हरो स्वर्गीय बाप अपनो मांगन वालो ख पवित्र आत्मा कहाली नहीं देयेंन।”
وَكَانَ يُخْرِجُ شَيْطَانًا، وَكَانَ ذَلِكَ أَخْرَسَ. فَلَمَّا أُخْرِجَ ٱلشَّيْطَانُ تَكَلَّمَ ٱلْأَخْرَسُ، فَتَعَجَّبَ ٱلْجُمُوعُ. ١٤ 14
तब यीशु न मुक्की दुष्ट आत्मा ख निकाल्यो। जब वा दुष्ट आत्मा निकल गयी त मुक्का बोलन लग्यो; अऊर लोगों ख अचम्भा भयो।
وَأَمَّا قَوْمٌ مِنْهُمْ فَقَالُوا: «بِبَعْلَزَبُولَ رَئِيسِ ٱلشَّيَاطِينِ يُخْرِجُ ٱلشَّيَاطِينَ». ١٥ 15
पर उन्म सी कुछ न कह्यो, “यो त बालजबूल नाम को दुष्ट आत्मावों को मुखिया हय ओकी सामर्थ सी दुष्ट आत्मावों ख निकालय हय।”
وَآخَرُونَ طَلَبُوا مِنْهُ آيَةً مِنَ ٱلسَّمَاءِ يُجَرِّبُونَهُ. ١٦ 16
दूसरों कुछ लोगों न यीशु की परीक्षा करन लायी परमेश्वर को तरफ सी स्वर्ग को एक चिन्ह मांग्यो।
فَعَلِمَ أَفْكَارَهُمْ، وَقَالَ لَهُمْ: «كُلُّ مَمْلَكَةٍ مُنْقَسِمَةٍ عَلَى ذَاتِهَا تَخْرَبُ، وَبَيْتٍ مُنْقَسِمٍ عَلَى بَيْتٍ يَسْقُطُ. ١٧ 17
पर ओन उन्को मन की बाते जान क उन्को सी कह्यो, “जो जो राज्य म फूट पड़य हय, ऊ राज्य उजड़ जावय हय; अऊर जो घर म फूट पड़य हय, ऊ नाश होय जावय हय।
فَإِنْ كَانَ ٱلشَّيْطَانُ أَيْضًا يَنْقَسِمُ عَلَى ذَاتِهِ، فَكَيْفَ تَثْبُتُ مَمْلَكَتُهُ؟ لِأَنَّكُمْ تَقُولُونَ: إِنِّي بِبَعْلَزَبُولَ أُخْرِجُ ٱلشَّيَاطِينَ. ١٨ 18
यदि शैतान अपनोच विरोधी होय जाये, त ओको राज्य कसो बन्यो रहेंन? कहालीकि तुम मोरो बारे म त कह्य हय कि बालजबूल की सामर्थ सी दुष्ट आत्मा निकालय हय।
فَإِنْ كُنْتُ أَنَا بِبَعْلَزَبُولَ أُخْرِجُ ٱلشَّيَاطِينَ، فَأَبْنَاؤُكُمْ بِمَنْ يُخْرِجُونَ؟ لِذَلِكَ هُمْ يَكُونُونَ قُضَاتَكُمْ! ١٩ 19
भलो यदि मय शैतान की मदत सी दुष्ट आत्मावों ख निकालू हय, त तुम्हरो मानन वालो कौन्की मदत सी निकालय हय? येकोलायी हिच तुम्हरो न्याय चुकायेंन।
وَلَكِنْ إِنْ كُنْتُ بِأَصْبِعِ ٱللهِ أُخْرِجُ ٱلشَّيَاطِينَ، فَقَدْ أَقْبَلَ عَلَيْكُمْ مَلَكُوتُ ٱللهِ. ٢٠ 20
पर यदि मय परमेश्वर की सामर्थ सी दुष्ट आत्मा ख निकालू हय, त परमेश्वर को राज्य तुम्हरो जवर आय गयो हय।
حِينَمَا يَحْفَظُ ٱلْقَوِيُّ دَارَهُ مُتَسَلِّحًا،تَكُونُ أَمْوَالُهُ فِي أَمَانٍ. ٢١ 21
“जब ताकतवर आदमी अवजार समेत अपनो घर की रखवाली करय हय, त ओकी जायजाद बची रह्य हय।
وَلَكِنْ مَتَى جَاءَ مَنْ هُوَ أَقْوَى مِنْهُ فَإِنَّهُ يَغْلِبُهُ، وَيَنْزِعُ سِلَاحَهُ ٱلْكَامِلَ ٱلَّذِي ٱتَّكَلَ عَلَيْهِ، وَيُوَزِّعُ غَنَائِمَهُ. ٢٢ 22
पर जब ओको सी बढ़ क कोयी अऊर ताकतवर चढ़ायी कर क् ओख जीत लेवय हय, त ओको हि हथियार जेक पर ओको भरोसा होतो, छीन लेवय हय अऊर ओकी जायजाद लूट क बाट देवय हय।
مَنْ لَيْسَ مَعِي فَهُوَ عَلَيَّ، وَمَنْ لَا يَجْمَعُ مَعِي فَهُوَ يُفَرِّقُ. ٢٣ 23
“जो मोरो संग नहाय ऊ मोरो विरोध म हय, अऊर जो मोरो संग नहीं ऊ जमा करय हय अऊर बिखरावय हय।
مَتَى خَرَجَ ٱلرُّوحُ ٱلنَّجِسُ مِنَ ٱلْإِنْسَانِ، يَجْتَازُ فِي أَمَاكِنَ لَيْسَ فِيهَا مَاءٌ يَطْلُبُ رَاحَةً، وَإِذْ لَا يَجِدُ يَقُولُ: أَرْجِعُ إِلَى بَيْتِي ٱلَّذِي خَرَجْتُ مِنْهُ. ٢٤ 24
“जब दुष्ट आत्मा आदमी म सी निकल जावय हय त सूखी जागा म आराम ढूंढती फिरय हय, अऊर जब नहीं पावय त कह्य हय, ‘मय अपनो उच घर म जित सी निकली होती लौट जाऊं।’
فَيَأْتِي وَيَجِدُهُ مَكْنُوسًا مُزَيَّنًا. ٢٥ 25
अऊर आय क घर ख झाड़्यो हुयो अऊर सज्यो सजायो पावय हय।
ثُمَّ يَذْهَبُ وَيَأْخُذُ سَبْعَةَ أَرْوَاحٍ أُخَرَ أَشَرَّ مِنْهُ، فَتَدْخُلُ وَتَسْكُنُ هُنَاكَ، فَتَصِيرُ أَوَاخِرُ ذَلِكَ ٱلْإِنْسَانِ أَشَرَّ مِنْ أَوَائِلِهِ!». ٢٦ 26
तब वा जाय क अपनो सी बुरी सात अऊर आत्मावों ख अपनो संग ले आवय हय, अऊर हि ओको म घुस क वाश करय हंय, अऊर ऊ आदमी की पिछली दशा पहिलो सी भी बुरी होय जावय हय।”
وَفِيمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ بِهَذَا، رَفَعَتِ ٱمْرَأَةٌ صَوْتَهَا مِنَ ٱلْجَمْعِ وَقَالَتْ لَهُ: «طُوبَى لِلْبَطْنِ ٱلَّذِي حَمَلَكَ وَٱلثَّدْيَيْنِ ٱللَّذَيْنِ رَضِعْتَهُمَا». ٢٧ 27
जब यीशु या बाते कहतच रह्यो होतो त भीड़ म सी कोयी बाई न ऊचो आवाज सी कह्यो, “धन्य हय ऊ गर्भ जेको म तय रह्यो अऊर हि स्तन जो तय न पीयो।”
أَمَّا هُوَ فَقَالَ: «بَلْ طُوبَى لِلَّذِينَ يَسْمَعُونَ كَلَامَ ٱللهِ وَيَحْفَظُونَهُ». ٢٨ 28
यीशु न कह्यो, “हां; पर धन्य हि हंय जो परमेश्वर को वचन सुनय अऊर मानय हंय।”
وَفِيمَا كَانَ ٱلْجُمُوعُ مُزْدَحِمِينَ، ٱبْتَدَأَ يَقُولُ: «هَذَا ٱلْجِيلُ شِرِّيرٌ. يَطْلُبُ آيَةً، وَلَا تُعْطَى لَهُ آيَةٌ إِلَّا آيَةُ يُونَانَ ٱلنَّبِيِّ. ٢٩ 29
जब बड़ी भीड़ जमा होत जात होती त यीशु कहन लग्यो, “यो युग को लोग बुरो हंय; हि चिन्ह ढूंढय हंय; पर योना को चिन्ह ख छोड़ कोयी अऊर चिन्ह उन्ख नहीं दियो जायेंन।
لِأَنَّهُ كَمَا كَانَ يُونَانُ آيَةً لِأَهْلِ نِينَوَى، كَذَلِكَ يَكُونُ ٱبْنُ ٱلْإِنْسَانِ أَيْضًا لِهَذَا ٱلْجِيلِ. ٣٠ 30
जसो योना नीनवे को लोगों लायी चिन्ह बन्यो, वसोच आदमी को बेटा भी यो युग को लोगों लायी ठहरेंन।
مَلِكَةُ ٱلتَّيْمَنِ سَتَقُومُ فِي ٱلدِّينِ مَعَ رِجَالِ هَذَا ٱلْجِيلِ وَتَدِينُهُمْ، لِأَنَّهَا أَتَتْ مِنْ أَقَاصِي ٱلْأَرْضِ لِتَسْمَعَ حِكْمَةَ سُلَيْمَانَ، وَهُوَذَا أَعْظَمُ مِنْ سُلَيْمَانَ هَهُنَا! ٣١ 31
दक्षिन की रानी न्याय को दिन यो समय को आदमियों को संग उठ क उन्ख दोषी ठहरायेंन, कहालीकि ऊ सुलैमान को ज्ञान सुनन ख धरती को छोर सी आयी, अऊर देखो, इत ऊ हय जो सुलैमान सी भी बड़ो हय।
رِجَالُ نِينَوَى سَيَقُومُونَ فِي ٱلدِّينِ مَعَ هَذَا ٱلْجِيلِ وَيَدِينُونَهُ، لِأَنَّهُمْ تَابُوا بِمُنَادَاةِ يُونَانَ، وَهُوَذَا أَعْظَمُ مِنْ يُونَانَ هَهُنَا! ٣٢ 32
नीनवे को लोग न्याय को दिन यो समय को लोगों को संग खड़ो होय क, उन्ख दोषी ठहरायेंन; कहालीकि उन्न योना को प्रचार सुन क पाप करनो छोड़ दियो; अऊर देखो, इत ऊ हय जो योना सी भी बड़ो हय।
«لَيْسَ أَحَدٌ يُوقِدُ سِرَاجًا وَيَضَعُهُ فِي خِفْيَةٍ، وَلَا تَحْتَ ٱلْمِكْيَالِ، بَلْ عَلَى ٱلْمَنَارَةِ، لِكَيْ يَنْظُرَ ٱلدَّاخِلُونَ ٱلنُّورَ. ٣٣ 33
“कोयी आदमी दीया जलाय क लूकावय नहीं यां बर्तन को खल्लो नहीं रखय, पर दीवट पर रखय हय कि अन्दर आवन वालो प्रकाश देखेंन।
سِرَاجُ ٱلْجَسَدِ هُوَ ٱلْعَيْنُ، فَمَتَى كَانَتْ عَيْنُكَ بَسِيطَةً فَجَسَدُكَ كُلُّهُ يَكُونُ نَيِّرًا، وَمَتَى كَانَتْ شِرِّيرَةً فَجَسَدُكَ يَكُونُ مُظْلِمًا. ٣٤ 34
तोरो शरीर को दीया तोरी आंखी हय, येकोलायी जब तोरी आंखी पवित्र हय त तोरो पूरो शरीर भी प्रकाश जसो हय; पर जब ऊ बुरी हय त तोरो शरीर भी अन्धारो जसो हय।
اُنْظُرْ إِذًا لِئَلَّا يَكُونَ ٱلنُّورُ ٱلَّذِي فِيكَ ظُلْمَةً. ٣٥ 35
येकोलायी चौकस रहजो कि जो प्रकाश तोरो म हय ऊ अन्धारो नहीं होय जाये।
فَإِنْ كَانَ جَسَدُكَ كُلُّهُ نَيِّرًا لَيْسَ فِيهِ جُزْءٌ مُظْلِمٌ، يَكُونُ نَيِّرًا كُلُّهُ، كَمَا حِينَمَا يُضِيءُ لَكَ ٱلسِّرَاجُ بِلَمَعَانِهِ». ٣٦ 36
येकोलायी यदि तोरो पूरो शरीर प्रकाश हय अऊर ओको कोयी भाग अन्धारो म नहीं रहेंन त सब को सब असो प्रकाश होयेंन, जसो ऊ समय होवय हय जब दीया अपनी चमक सी तोख प्रकाश देवय हय।”
وَفِيمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ سَأَلَهُ فَرِّيسِيٌّ أَنْ يَتَغَدَّى عِنْدَهُ، فَدَخَلَ وَاتَّكَأَ. ٣٧ 37
जब यीशु बात कर चुक्यो होतो त कोयी फरीसी न ओको सी बिनती करी कि मोरो इत जेवन कर। ऊ अन्दर जाय क जेवन करन बैठ्यो।
وَأَمَّا ٱلْفَرِّيسِيُّ فَلَمَّا رَأَى ذَلِكَ تَعَجَّبَ أَنَّهُ لَمْ يَغْتَسِلْ أَوَّلًا قَبْلَ ٱلْغَدَاءِ. ٣٨ 38
फरीसी ख यो देख क अचम्भा भयो कि ओन जेवन करन सी पहिले यहूदियों को अनुसार हाथ नहीं धोयो।
فَقَالَ لَهُ ٱلرَّبُّ: «أَنْتُمُ ٱلْآنَ أَيُّهَا ٱلْفَرِّيسِيُّونَ تُنَقُّونَ خَارِجَ ٱلْكَأْسِ وَٱلْقَصْعَةِ، وَأَمَّا بَاطِنُكُمْ فَمَمْلُوءٌ ٱخْتِطَافًا وَخُبْثًا. ٣٩ 39
प्रभु न ओको सी कह्यो, “हे फरीसियों, तुम कटोरा अऊर थारी ख ऊपर ऊपर सी त मांजय हय, पर तुम्हरो अन्दर अन्धारो अऊर बुरायी भरी हय।
يَا أَغْبِيَاءُ، أَلَيْسَ ٱلَّذِي صَنَعَ ٱلْخَارِجَ صَنَعَ ٱلدَّاخِلَ أَيْضًا؟ ٤٠ 40
हे मूर्खो, जेन बाहेर को भाग बनायो, का ओन अन्दर को भाग नहीं बनायो?
بَلْ أَعْطُوا مَا عِنْدَكُمْ صَدَقَةً، فَهُوَذَا كُلُّ شَيْءٍ يَكُونُ نَقِيًّا لَكُمْ. ٤١ 41
पर हां, जो तुम्हरो जवर हय ओख गरीबों ख दान कर दे, त देखो, सब कुछ तुम्हरो लायी शुद्ध होय जायेंन।
وَلَكِنْ وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْفَرِّيسِيُّونَ! لِأَنَّكُمْ تُعَشِّرُونَ ٱلنَّعْنَعَ وَٱلسَّذَابَ وَكُلَّ بَقْلٍ، وَتَتَجَاوَزُونَ عَنِ ٱلْحَقِّ وَمَحَبَّةِ ٱللهِ. كَانَ يَنْبَغِي أَنْ تَعْمَلُوا هَذِهِ وَلَا تَتْرُكُوا تِلْكَ. ٤٢ 42
“पर हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पदीना अऊर मसाला को अऊर सब तरह को साग पात को दसवा अंश देवय हय, पर न्याय ख अऊर परमेश्वर को प्रेम ख टाल देवय हय; पर असो भी त होतो कि इन्क भी करतो रहतो अऊर उन्ख भी नहीं छोड़तो।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْفَرِّيسِيُّونَ! لِأَنَّكُمْ تُحِبُّونَ ٱلْمَجْلِسَ ٱلْأَوَّلَ فِي ٱلْمَجَامِعِ، وَٱلتَّحِيَّاتِ فِي ٱلْأَسْوَاقِ. ٤٣ 43
“हे फरीसियों, तुम पर हाय! तुम आराधनालयों म मुख्य मुख्य आसन अऊर बजारों म आदर सत्कार चाहवय हय।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ ٱلْمُرَاؤُونَ! لِأَنَّكُمْ مِثْلُ ٱلْقُبُورِ ٱلْمُخْتَفِيَةِ، وَٱلَّذِينَ يَمْشُونَ عَلَيْهَا لَا يَعْلَمُونَ!». ٤٤ 44
हाय तुम पर! कहालीकि तुम उन लूकी कब्रो को जसो हय, जेक पर लोग चलय हंय पर नहीं जानय।”
فَأجَابَ وَاحِدٌ مِنَ ٱلنَّامُوسِيِّينَ وَقالَ لَهُ: «يَا مُعَلِّمُ، حِينَ تَقُولُ هَذَا تَشْتُمُنَا نَحْنُ أَيْضًا!». ٤٥ 45
तब एक व्यवस्थापक न ओख उत्तर दियो, “हे गुरु, इन बातों ख कहन सी तय हमरी निन्दा करय हय।”
فَقَالَ: «وَوَيْلٌ لَكُمْ أَنْتُمْ أَيُّهَا ٱلنَّامُوسِيُّونَ! لِأَنَّكُمْ تُحَمِّلُونَ ٱلنَّاسَ أَحْمَالًا عَسِرَةَ ٱلْحَمْلِ وَأَنْتُمْ لَا تَمَسُّونَ ٱلْأَحْمَالَ بِإِحْدَى أَصَابِعِكُمْ. ٤٦ 46
यीशु न कह्यो; “हे व्यवस्थापकों, तुम पर भी हाय! तुम असो बोझा जिन्ख उठावनो कठिन हय, आदमियों पर लादय हय पर तुम खुद उन बोझा ख अपनो एक बोट सी भी नहीं छूवय।
وَيْلٌ لَكُمْ! لِأَنَّكُمْ تَبْنُونَ قُبُورَ ٱلْأَنْبِيَاءِ، وَآبَاؤُكُمْ قَتَلُوهُمْ. ٤٧ 47
हाय तुम पर! तुम उन भविष्यवक्तावों की कब्र बनावय हय, जिन्ख तुम्हरोच बाप दादो न मार डाल्यो होतो।
إِذًا تَشْهَدُونَ وَتَرْضَوْنَ بِأَعْمَالِ آبَائِكُمْ، لِأَنَّهُمْ هُمْ قَتَلُوهُمْ وَأَنْتُمْ تَبْنُونَ قُبُورَهُمْ. ٤٨ 48
येकोलायी तुम गवाह हय, अऊर अपनो बाप दादो को कामों सी सहमत हय; कहालीकि उन्न उन्ख मार डाल्यो अऊर तुम उन्की कब्रें बनावय हय।
لِذَلِكَ أَيْضًا قَالَتْ حِكْمَةُ ٱللهِ: إِنِّي أُرْسِلُ إِلَيْهِمْ أَنْبِيَاءَ وَرُسُلًا، فَيَقْتُلُونَ مِنْهُمْ وَيَطْرُدُونَ، ٤٩ 49
येकोलायी परमेश्वर की बुद्धि न भी कह्यो हय, ‘मय उन्को जवर भविष्यवक्तावों अऊर प्रेरितों ख भेजूं, अऊर हि उन्म सी कुछ ख मार डालेंन, अऊर कुछ ख सतायेंन।’
لِكَيْ يُطْلَبَ مِنْ هَذَا ٱلْجِيلِ دَمُ جَمِيعِ ٱلْأَنْبِيَاءِ ٱلْمُهْرَقُ مُنْذُ إِنْشَاءِ ٱلْعَالَمِ، ٥٠ 50
ताकि जितनो भविष्यवक्तावों को खून जगत की उत्पत्ति सी बहायो गयो हय, सब को लेखा यो युग को लोगों सी लियो जाये:
مِنْ دَمِ هَابِيلَ إِلَى دَمِ زَكَرِيَّا ٱلَّذِي أُهْلِكَ بَيْنَ ٱلْمَذْبَحِ وَٱلْبَيْتِ. نَعَمْ، أَقُولُ لَكُمْ: إِنَّهُ يُطْلَبُ مِنْ هَذَا ٱلْجِيلِ! ٥١ 51
हाबील की हत्या सी ले क जकर्याह की हत्या तक, जो वेदी अऊर मन्दिर को बीच म घात करयो गयो। मय तुम सी सच कहू हय, इन सब को लेखा योच समय को लोगों सी लियो जायेंन।
وَيْلٌ لَكُمْ أَيُّهَا ٱلنَّامُوسِيُّونَ! لِأَنَّكُمْ أَخَذْتُمْ مِفْتَاحَ ٱلْمَعْرِفَةِ. مَا دَخَلْتُمْ أَنْتُمْ، وَٱلدَّاخِلُونَ مَنَعْتُمُوهُمْ». ٥٢ 52
“हाय तुम व्यवस्थापकों पर! तुम न ज्ञान की कुंजी ले त ली, पर तुम खुदच सिर नहीं सक्यो, अऊर सिरन वालो ख भी रोक दियो।”
وَفِيمَا هُوَ يُكَلِّمُهُمْ بِهَذَا، ٱبْتَدَأَ ٱلْكَتَبَةُ وَٱلْفَرِّيسِيُّونَ يَحْنَقُونَ جِدًّا، وَيُصَادِرُونَهُ عَلَى أُمُورٍ كَثِيرَةٍ، ٥٣ 53
जब यीशु उत सी निकल्यो, त धर्मशास्त्री अऊर फरीसी बुरी तरह ओको पीछू पड़ गयो अऊर छेड़न लग्यो कि ऊ बहुत सी बातों की चर्चा करे,
وَهُمْ يُرَاقِبُونَهُ طَالِبِينَ أَنْ يَصْطَادُوا شَيْئًا مِنْ فَمِهِ لِكَيْ يَشْتَكُوا عَلَيْهِ. ٥٤ 54
अऊर मारन म लग्यो रह्यो कि ओको मुंह की कोयी बात पकड़े।

< لُوقا 11 >