< اَللَّاوِيِّينَ 4 >
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: | ١ 1 |
याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी:
«كَلِّمْ بَنِي إِسْرَائِيلَ قَائِلًا: إِذَا أَخْطَأَتْ نَفْسٌ سَهْوًا فِي شَيْءٍ مِنْ جَمِيعِ مَنَاهِي ٱلرَّبِّ ٱلَّتِي لَا يَنْبَغِي عَمَلُهَا، وَعَمِلَتْ وَاحِدَةً مِنْهَا: | ٢ 2 |
“इस्राएल की प्रजा को यह आज्ञा दो, ‘यदि कोई व्यक्ति अनजाने में उन कार्यों को करता है, जो याहवेह की व्यवस्थाओं में मना हैं—
إِنْ كَانَ ٱلْكَاهِنُ ٱلْمَمْسُوحُ يُخْطِئُ لِإِثْمِ ٱلشَّعْبِ، يُقَرِّبُ عَنْ خَطِيَّتِهِ ٱلَّتِي أَخْطَأَ ثَوْرًا ٱبْنَ بَقَرٍ صَحِيحًا لِلرَّبِّ، ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ. | ٣ 3 |
“‘यदि कोई अभिषिक्त पुरोहित पाप करता है, जिससे कि वह प्रजा पर भी दोष ले आता है, तब वह उस पाप के लिए, जो उसने किया है, याहवेह के सामने एक निर्दोष बछड़े को पापबलि के रूप में भेंट करे!
يُقَدِّمُ ٱلثَّوْرَ إِلَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، وَيَضَعُ يَدَهُ عَلَى رَأْسِ ٱلثَّوْرِ، وَيَذْبَحُ ٱلثَّوْرَ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. | ٤ 4 |
उस बैल को वह याहवेह के सामने, मिलनवाले तंबू के द्वार पर, लेकर आए, अपना हाथ उस बैल के सिर पर रखे और याहवेह के सामने उसका वध करे.
وَيَأْخُذُ ٱلْكَاهِنُ ٱلْمَمْسُوحُ مِنْ دَمِ ٱلثَّوْرِ وَيَدْخُلُ بِهِ إِلَى خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، | ٥ 5 |
फिर वह अभिषिक्त पुरोहित उस बैल के रक्त में से कुछ रक्त लेकर उसे मिलनवाले तंबू में लेकर आए,
وَيَغْمِسُ ٱلْكَاهِنُ إِصْبَعَهُ فِي ٱلدَّمِ وَيَنْضِحُ مِنَ ٱلدَّمِ سَبْعَ مَرَّاتٍ أَمَامَ ٱلرَّبِّ لَدَى حِجَابِ ٱلْقُدْسِ. | ٦ 6 |
पुरोहित अपनी उंगली उस रक्त में डुबोकर उसमें से कुछ रक्त को सात बार याहवेह के सामने पवित्र स्थान के पर्दे के सामने छिड़के.
وَيَجْعَلُ ٱلْكَاهِنُ مِنَ ٱلدَّمِ عَلَى قُرُونِ مَذْبَحِ ٱلْبَخُورِ ٱلْعَطِرِ ٱلَّذِي فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، وَسَائِرُ دَمِ ٱلثَّوْرِ يَصُبُّهُ إِلَى أَسْفَلِ مَذْبَحِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلَّذِي لَدَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. | ٧ 7 |
पुरोहित कुछ रक्त को सुगंधधूप वेदी के सींगों पर भी डाले, जो याहवेह के सामने मिलनवाले तंबू में है. पुरोहित बैल के पूरे रक्त को होमबलि की वेदी के आधार पर उंडेल दे, जो मिलनवाले तंबू के द्वार पर है.
وَجَمِيعُ شَحْمِ ثَوْرِ ٱلْخَطِيَّةِ يَنْزِعُهُ عَنْهُ. ٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي يُغَشِّي ٱلْأَحْشَاءَ، وَسَائِرَ ٱلشَّحْمِ ٱلَّذِي عَلَى ٱلْأَحْشَاءِ، | ٨ 8 |
वह पापबलि के लिए प्रयोग किए जानेवाले बैल की पूरी चर्बी उससे हटा दे; वह चर्बी, जो आंतों को ढकती है, वह पूरी चर्बी, जो आंतों पर है,
وَٱلْكُلْيَتَيْنِ وَٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي عَلَيْهِمَا ٱلَّذِي عَلَى ٱلْخَاصِرَتَيْنِ، وَزِيَادَةَ ٱلْكَبِدِ مَعَ ٱلْكُلْيَتَيْنِ يَنْزِعُهَا، | ٩ 9 |
दोनों गुर्दे उस चर्बी के साथ, जो कमर पर है तथा कलेजे के ऊपर की झिल्ली, जिसे वह गुर्दों सहित अलग करेगा.
كَمَا تُنْزَعُ مِنْ ثَوْرِ ذَبِيحَةِ ٱلسَّلَامَةِ. وَيُوقِدُهُنَّ ٱلْكَاهِنُ عَلَى مَذْبَحِ ٱلْمُحْرَقَةِ. | ١٠ 10 |
ठीक वैसे ही जैसे वह मेल बलि के लिए प्रयोग किए जानेवाले बैल से हटाई गई; पुरोहित होमबलि की वेदी पर इसे धुएं में भेंट करे,
وَأَمَّا جِلْدُ ٱلثَّوْرِ وَكُلُّ لَحْمِهِ مَعَ رَأْسِهِ وَأَكَارِعِهِ وَأَحْشَائِهِ وَفَرْثِهِ | ١١ 11 |
किंतु बैल की खाल और इसका सारा मांस, सिर, टांगें, आंतें तथा इस प्रक्रिया में उत्पन्न गंदगी,
فَيُخْرِجُ سَائِرَ ٱلثَّوْرِ إِلَى خَارِجِ ٱلْمَحَلَّةِ إِلَى مَكَانٍ طَاهِرٍ، إِلَى مَرْمَى ٱلرَّمَادِ، وَيُحْرِقُهَا عَلَى حَطَبٍ بِٱلنَّارِ. عَلَى مَرْمَى ٱلرَّمَادِ تُحْرَقُ. | ١٢ 12 |
तथा बैल के शेष अंश को छावनी के बाहर, एक साफ़ स्थान पर, जहां राख फेंक दी जाती है, लेकर आए. यहां वह लकड़ियों पर इसको जलाए.
«وَإِنْ سَهَا كُلُّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ، وَأُخْفِيَ أَمْرٌ عَنْ أَعْيُنِ ٱلْمَجْمَعِ، وَعَمِلُوا وَاحِدَةً مِنْ جَمِيعِ مَنَاهِي ٱلرَّبِّ ٱلَّتِي لَا يَنْبَغِي عَمَلُهَا، وَأَثِمُوا، | ١٣ 13 |
“‘यदि इस्राएली प्रजा कोई विसंगत कार्य करे, जिसके विषय में सभा अनजान है, और वे उन कार्यों के कारण दोषी ठहरें, जो याहवेह की ओर से मना हैं;
ثُمَّ عُرِفَتِ ٱلْخَطِيَّةُ ٱلَّتِي أَخْطَأُوا بِهَا، يُقَرِّبُ ٱلْمَجْمَعُ ثَوْرًا ٱبْنَ بَقَرٍ ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ. يَأْتُونَ بِهِ إِلَى قُدَّامِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، | ١٤ 14 |
जब सभा के सामने पाप प्रकट हो जाए, तब सभा पापबलि के लिए ढोरों में से एक बैल को मिलनवाले तंबू के सामने लेकर आए.
وَيَضَعُ شُيُوخُ ٱلْجَمَاعَةِ أَيْدِيَهُمْ عَلَى رَأْسِ ٱلثَّوْرِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ، وَيَذْبَحُ ٱلثَّوْرَ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. | ١٥ 15 |
सभा के प्रधान याहवेह के सामने अपना हाथ बैल के सिर पर रखें और वह याहवेह के सामने बैल का वध करे.
وَيُدْخِلُ ٱلْكَاهِنُ ٱلْمَمْسُوحُ مِنْ دَمِ ٱلثَّوْرِ إِلَى خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، | ١٦ 16 |
अभिषिक्त पुरोहित बैल के रक्त में से कुछ रक्त मिलनवाले तंबू में लेकर आए.
وَيَغْمِسُ ٱلْكَاهِنُ إِصْبَعَهُ فِي ٱلدَّمِ، وَيَنْضِحُ سَبْعَ مَرَّاتٍ أَمَامَ ٱلرَّبِّ لَدَى ٱلْحِجَابِ. | ١٧ 17 |
पुरोहित अपनी उंगली बैल के रक्त में डुबाकर उसमें से कुछ रक्त को सात बार याहवेह के सामने पवित्र स्थान के पर्दे के सामने छिड़के.
وَيَجْعَلُ مِنَ ٱلدَّمِ عَلَى قُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ ٱلَّذِي أَمَامَ ٱلرَّبِّ فِي خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، وَسَائِرَ ٱلدَّمِ يَصُبُّهُ إِلَى أَسْفَلِ مَذْبَحِ ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلَّذِي لَدَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. | ١٨ 18 |
पुरोहित कुछ रक्त को उस वेदी की सींगों पर भी डाले, जो याहवेह के सामने मिलनवाले तंबू में है, पुरोहित बैल के सारे रक्त को होमबलि की वेदी के आधार पर उंडेल दे, जो मिलनवाले तंबू के द्वार पर है.
وَجَمِيعَ شَحْمِهِ يَنْزِعُهُ عَنْهُ وَيُوقِدُهُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ. | ١٩ 19 |
वह उस बैल से उसकी सारी चर्बी को हटाकर उस चर्बी को वेदी पर जलाए.
وَيَفْعَلُ بِٱلثَّوْرِ كَمَا فَعَلَ بِثَوْرِ ٱلْخَطِيَّةِ. كَذَلِكَ يَفْعَلُ بِهِ. وَيُكَفِّرُ عَنْهُمُ ٱلْكَاهِنُ، فَيُصْفَحُ عَنْهُمْ. | ٢٠ 20 |
वह इस बैल के साथ भी ठीक वैसा ही करे, जैसा उसने पापबलि के बैल के साथ किया था. पुरोहित प्रजा के लिए प्रायश्चित करे; और उन्हें क्षमा की जाएगी.
ثُمَّ يُخْرِجُ ٱلثَّوْرَ إِلَى خَارِجِ ٱلْمَحَلَّةِ وَيُحْرِقُهُ كَمَا أَحْرَقَ ٱلثَّوْرَ ٱلْأَوَّلَ. إِنَّهُ ذَبِيحَةُ خَطِيَّةِ ٱلْمَجْمَعِ. | ٢١ 21 |
फिर वह इस बैल को छावनी के बाहर लेकर आए और इसको उसी प्रकार जलाए, जैसे उसने पहले बैल को जलाया था; यह सभा के लिए पापबलि है.
«إِذَا أَخْطَأَ رَئِيسٌ وَعَمِلَ بِسَهْوٍ وَاحِدَةً مِنْ جَمِيعِ مَنَاهِي ٱلرَّبِّ إِلَهِهِ ٱلَّتِي لَا يَنْبَغِي عَمَلُهَا، وَأَثِمَ، | ٢٢ 22 |
“‘जब कोई प्रधान पुरुष अनजाने में पाप करता है, यानी वे कार्य करता है, जो याहवेह अपने परमेश्वर की ओर से मना हैं, और जब उसे पाप-बोध होता है,
ثُمَّ أُعْلِمَ بِخَطِيَّتِهِ ٱلَّتِي أَخْطَأَ بِهَا، يَأْتِي بِقُرْبَانِهِ تَيْسًا مِنَ ٱلْمَعْزِ ذَكَرًا صَحِيحًا. | ٢٣ 23 |
और जो पाप उसने किया है, वह प्रकट हो जाता है, तो वह अपनी बलि के लिए एक निर्दोष रोमयुक्त बकरा लेकर आए,
وَيَضَعُ يَدَهُ عَلَى رَأْسِ ٱلتَّيْسِ وَيَذْبَحُهُ فِي ٱلْمَوْضِعِ ٱلَّذِي يَذْبَحُ فِيهِ ٱلْمُحْرَقَةَ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. إِنَّهُ ذَبِيحَةُ خَطِيَّةٍ. | ٢٤ 24 |
वह अपना हाथ उस बकरे के सिर पर रखे और उस स्थान पर उसको बलि कर दे, जहां वे याहवेह के सामने होमबलि के पशु को बलि करते हैं; यह एक पापबलि है.
وَيَأْخُذُ ٱلْكَاهِنُ مِنْ دَمِ ذَبِيحَةِ ٱلْخَطِيَّةِ بِإِصْبَعِهِ وَيَجْعَلُ عَلَى قُرُونِ مَذْبَحِ ٱلْمُحْرَقَةِ، ثُمَّ يَصُبُّ دَمَهُ إِلَى أَسْفَلِ مَذْبَحِ ٱلْمُحْرَقَةِ. | ٢٥ 25 |
फिर पुरोहित अपनी उंगली से उस पापबलि से कुछ रक्त लेकर होमबलि की वेदी की सींगों पर लगाए और इसके बचे हुए रक्त को वह होमबलि की वेदी के आधार पर उंडेल दे.
وَجَمِيعَ شَحْمِهِ يُوقِدُهُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ كَشَحْمِ ذَبِيحَةِ ٱلسَّلَامَةِ، وَيُكَفِّرُ ٱلْكَاهِنُ عَنْهُ مِنْ خَطِيَّتِهِ فَيُصْفَحُ عَنْهُ. | ٢٦ 26 |
वह इसकी सारी चर्बी को ठीक वैसे ही वेदी पर जला दे, जैसे उसने मेल बलि को की थी. इस प्रकार पुरोहित उस प्रधान द्वारा किए गए पाप के लिए प्रायश्चित करे; और उसे क्षमा प्रदान कर दी जाएगी.
«وَإِنْ أَخْطَأَ أَحَدٌ مِنْ عَامَّةِ ٱلْأَرْضِ سَهْوًا، بِعَمَلِهِ وَاحِدَةً مِنْ مَنَاهِي ٱلرَّبِّ ٱلَّتِي لَا يَنْبَغِي عَمَلُهَا، وَأَثِمَ، | ٢٧ 27 |
“‘जब कोई जनसाधारण व्यक्ति अनजाने में उन कार्यों को करने के द्वारा पाप करता है, जो याहवेह ने न करने की आज्ञा दी है, और इसके द्वारा वह दोषी हो जाता है,
ثُمَّ أُعْلِمَ بِخَطِيَّتِهِ ٱلَّتِي أَخْطَأَ بِهَا، يَأْتِي بِقُرْبَانِهِ عَنْزًا مِنَ ٱلْمَعْزِ أُنْثَى صَحِيحَةً عَنْ خَطِيَّتِهِ ٱلَّتِي أَخْطَأَ. | ٢٨ 28 |
तथा उसका वह पाप, जो उससे हो गया है उस पर प्रकट कर दिया जाता है, तो वह अपने उस पाप की बलि के लिए, जो उसने किया है, एक निर्दोष बकरी लेकर आए.
وَيَضَعُ يَدَهُ عَلَى رَأْسِ ذَبِيحَةِ ٱلْخَطِيَّةِ، وَيَذْبَحُ ذَبِيحَةَ ٱلْخَطِيَّةِ فِي مَوْضِعِ ٱلْمُحْرَقَةِ. | ٢٩ 29 |
वह अपना हाथ उस पापबलि के सिर पर रखे तथा होमबलि के स्थान पर इस पापबलि का बलिदान करे दे.
وَيَأْخُذُ ٱلْكَاهِنُ مِنْ دَمِهَا بِإِصْبَعِهِ وَيَجْعَلُ عَلَى قُرُونِ مَذْبَحِ ٱلْمُحْرَقَةِ، وَيَصُبُّ سَائِرَ دَمِهَا إِلَى أَسْفَلِ ٱلْمَذْبَحِ. | ٣٠ 30 |
फिर पुरोहित अपनी उंगली से इसके कुछ रक्त को लेकर होमबलि वेदी की सींगों पर लगाए और इसके बचे हुए रक्त को होमबलि की वेदी के आधार पर उंडेल दे.
وَجَمِيعَ شَحْمِهَا يَنْزِعُهُ كَمَا نُزِعَ ٱلشَّحْمُ عَنْ ذَبِيحَةِ ٱلسَّلَامَةِ، وَيُوقِدُ ٱلْكَاهِنُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ رَائِحَةَ سَرُورٍ لِلرَّبِّ وَيُكَفِّرُ عَنْهُ ٱلْكَاهِنُ فَيُصْفَحُ عَنْهُ. | ٣١ 31 |
फिर वह इसकी सारी चर्बी को हटा दे, ठीक जैसे मेल बलि पर से चर्बी हटाई गई थी, पुरोहित याहवेह को सुखद-सुगंध के लिए इसे वेदी पर अग्नि में भेंट कर दे. इस प्रकार पुरोहित उसके लिए प्रायश्चित करेंगे, और उसे पाप क्षमा दी जाएगी.
«وَإِنْ أَتَى بِقُرْبَانِهِ مِنَ ٱلضَّأْنِ ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ، يَأْتِي بِهَا أُنْثَى صَحِيحَةً. | ٣٢ 32 |
“‘किंतु यदि वह बलि स्वरूप एक मेमना पापबलि के लिए लेकर आता है, तो यह एक निर्दोष मादा हो.
وَيَضَعُ يَدَهُ عَلَى رَأْسِ ذَبِيحَةِ ٱلْخَطِيَّةِ، وَيَذْبَحُهَا ذَبِيحَةَ خَطِيَّةٍ فِي ٱلْمَوْضِعِ ٱلَّذِي يَذْبَحُ فِيهِ ٱلْمُحْرَقَةَ. | ٣٣ 33 |
वह अपना हाथ उस पशु के सिर पर रखे तथा पापबलि के लिए इसकी बलि उस स्थान पर कर दे, जहां होमबलि पशु को बलि किया जाता है.
وَيَأْخُذُ ٱلْكَاهِنُ مِنْ دَمِ ذَبِيحَةِ ٱلْخَطِيَّةِ بِإِصْبَعِهِ وَيَجْعَلُ عَلَى قُرُونِ مَذْبَحِ ٱلْمُحْرَقَةِ، وَيَصُبُّ سَائِرَ ٱلدَّمِ إِلَى أَسْفَلِ ٱلْمَذْبَحِ. | ٣٤ 34 |
पुरोहित इस पापबलि के कुछ रक्त में से अपनी उंगली से होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए और इसके बचे हुए रक्त को वह वेदी के आधार पर उंडेल दे.
وَجَمِيعَ شَحْمِهِ يَنْزِعُهُ كَمَا يُنْزَعُ شَحْمُ ٱلضَّأْنِ عَنْ ذَبِيحَةِ ٱلسَّلَامَةِ، وَيُوقِدُهُ ٱلْكَاهِنُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ عَلَى وَقَائِدِ ٱلرَّبِّ. وَيُكَفِّرُ عَنْهُ ٱلْكَاهِنُ مِنْ خَطِيَّتِهِ ٱلَّتِي أَخْطَأَ فَيُصْفَحُ عَنْهُ. | ٣٥ 35 |
फिर वह इसकी सारी चर्बी को हटा दे, ठीक जैसे मेल बलि के मेमने से चर्बी हटाई गई थी, पुरोहित इसे याहवेह को होमबलि के लिए वेदी पर अग्नि में भेंट कर दे. इस प्रकार पुरोहित उसके इस पाप के लिए उसका प्रायश्चित करेगा और उसे क्षमा दे दी जाएगी.