< اَللَّاوِيِّينَ 3 >
«وَإِنْ كَانَ قُرْبَانُهُ ذَبِيحَةَ سَلَامَةٍ، فَإِنْ قَرَّبَ مِنَ ٱلْبَقَرِ ذَكَرًا أَوْ أُنْثَى، فَصَحِيحًا يُقَرِّبُهُ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. | ١ 1 |
“‘यदि उसकी बलि एक मेल बलि है और यदि वह गाय-बैलों से एक पशु की बलि करता है, चाहे वह नर हो अथवा मादा, तो वह निर्दोष पशु को याहवेह के सामने भेंट करे.
يَضَعُ يَدَهُ عَلَى رَأْسِ قُرْبَانِهِ وَيَذْبَحُهُ لَدَى بَابِ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، وَيَرُشُّ بَنُو هَارُونَ ٱلْكَهَنَةُ ٱلدَّمَ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ مُسْتَدِيرًا. | ٢ 2 |
वह अपना हाथ इस बलि के सिर पर रखे और मिलनवाले तंबू के द्वार पर इसका वध करे, फिर अहरोन के पुत्र, जो पुरोहित हैं, इसका रक्त वेदी के चारों ओर छिड़क दें.
وَيُقَرِّبُ مِنْ ذَبِيحَةِ ٱلسَّلَامَةِ وَقُودًا لِلرَّبِّ: ٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي يُغَشِّي ٱلْأَحْشَاءَ، وَسَائِرَ ٱلشَّحْمِ ٱلَّذِي عَلَى ٱلْأَحْشَاءِ، | ٣ 3 |
मेल बलि के अर्पण द्वारा वह याहवेह को अग्निबलि स्वरूप यह अर्पित करे; अर्थात् वह चर्बी जो आंतों को ढांपती है और वह चर्बी, जो आंतों पर लिपटी हुई है,
وَٱلْكُلْيَتَيْنِ، وَٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي عَلَيْهِمَا ٱلَّذِي عَلَى ٱلْخَاصِرَتَيْنِ، وَزِيَادَةَ ٱلْكَبِدِ مَعَ ٱلْكُلْيَتَيْنِ يَنْزِعُهَا. | ٤ 4 |
दोनों गुर्दों के साथ उनकी चर्बी जो कमर पर होती है, तथा कलेजे के ऊपर की झिल्ली, इन्हें वह गुर्दों सहित अलग कर दे.
وَيُوقِدُهَا بَنُو هَارُونَ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ عَلَى ٱلْمُحْرَقَةِ ٱلَّتِي فَوْقَ ٱلْحَطَبِ ٱلَّذِي عَلَى ٱلنَّارِ، وَقُودَ رَائِحَةِ سَرُورٍ لِلرَّبِّ. | ٥ 5 |
फिर अहरोन के पुत्र इसे वेदी पर अग्निबलि के ऊपर रखकर जलाएं जो आग पर रखी हुई है. यह याहवेह के लिए सुखद-सुगंध की अग्निबलि है.
«وَإِنْ كَانَ قُرْبَانُهُ مِنَ ٱلْغَنَمِ ذَبِيحَةَ سَلَامَةٍ لِلرَّبِّ ذَكَرًا أَوْ أُنْثَى، فَصَحِيحًا يُقَرِّبُهُ. | ٦ 6 |
“‘किंतु यदि याहवेह के लिए मेल बलि के रूप में उसकी बलि भेड़-बकरियों में से है, तो वह इसमें से निर्दोष नर अथवा मादा को बलि करे.
إِنْ قَرَّبَ قُرْبَانَهُ مِنَ ٱلضَّأْنِ يُقَدِّمُهُ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. | ٧ 7 |
यदि वह बलि के लिए एक मेमने को भेंट कर रहा है, तो वह इसे याहवेह को इस प्रकार भेंट करें:
يَضَعُ يَدَهُ عَلَى رَأْسِ قُرْبَانِهِ وَيَذْبَحُهُ قُدَّامَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ. وَيَرُشُّ بَنُو هَارُونَ دَمَهُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ مُسْتَدِيرًا. | ٨ 8 |
वह इस बलि के सिर पर अपना हाथ रखे और मिलनवाले तंबू के सामने इसका वध करे, अहरोन के पुत्र इसके रक्त को वेदी के चारों ओर छिड़क दें.
وَيُقَرِّبُ مِنْ ذَبِيحَةِ ٱلسَّلَامَةِ شَحْمَهَا وَقُودًا لِلرَّبِّ: ٱلْأَلْيَةَ صَحِيحَةً مِنْ عِنْدِ ٱلْعُصْعُصِ يَنْزِعُهَا، وَٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي يُغَشِّي ٱلْأَحْشَاءَ، وَسَائِرَ ٱلشَّحْمِ ٱلَّذِي عَلَى ٱلْأَحْشَاءِ، | ٩ 9 |
मेल बलि की बलि से वह याहवेह के लिए अग्निबलि के रूप में यह अर्पित करे: इसकी चर्बी व मोटी पूंछ को वह रीढ़ से अलग करेगा, वह चर्बी जो आंतों को ढांपती है, वह संपूर्ण चर्बी, जो आंतों पर है,
وَٱلْكُلْيَتَيْنِ، وَٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي عَلَيْهِمَا ٱلَّذِي عَلَى ٱلْخَاصِرَتَيْنِ، وَزِيَادَةَ ٱلْكَبِدِ مَعَ ٱلْكُلْيَتَيْنِ يَنْزِعُهَا. | ١٠ 10 |
दोनों गुर्दे उस चर्बी के साथ जो कमर पर है तथा कलेजे के ऊपर की झिल्ली जिसे वह गुर्दों सहित अलग करेगा.
وَيُوقِدُهَا ٱلْكَاهِنُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ طَعَامَ وَقُودٍ لِلرَّبِّ. | ١١ 11 |
फिर पुरोहित इसे वेदी पर अग्नि में आहार स्वरूप जलाए. यह याहवेह के लिए अग्निबलि है.
«وَإِنْ كَانَ قُرْبَانُهُ مِنَ ٱلْمَعْزِ يُقَدِّمُهُ أَمَامَ ٱلرَّبِّ. | ١٢ 12 |
“‘यदि वह बलि में एक बकरी भेंट कर रहा है, तो वह इसे याहवेह के सामने भेंट करे,
يَضَعُ يَدَهُ عَلَى رَأْسِهِ وَيَذْبَحُهُ قُدَّامَ خَيْمَةِ ٱلِٱجْتِمَاعِ، وَيَرُشُّ بَنُو هَارُونَ دَمَهُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ مُسْتَدِيرًا. | ١٣ 13 |
वह अपना हाथ इसके सिर पर रखे और मिलनवाले तंबू के सामने इसका वध करे, अहरोन के पुत्र इसके रक्त को वेदी के चारों ओर छिड़क दें.
وَيُقَرِّبُ مِنْهُ قُرْبَانَهُ وَقُودًا لِلرَّبِّ: ٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي يُغَشِّي ٱلْأَحْشَاءَ، وَسَائِرَ ٱلشَّحْمِ ٱلَّذِي عَلَى ٱلْأَحْشَاءِ، | ١٤ 14 |
इसमें से वह याहवेह के लिए अग्निबलि के रूप में ये प्रस्तुत करे: वह चर्बी जो आंतों को ढांपती है, वह पूरी चर्बी जो आंतों पर है,
وَٱلْكُلْيَتَيْنِ وَٱلشَّحْمَ ٱلَّذِي عَلَيْهِمَا ٱلَّذِي عَلَى ٱلْخَاصِرَتَيْنِ، وَزِيَادَةَ ٱلْكَبِدِ مَعَ ٱلْكُلْيَتَيْنِ يَنْزِعُهَا. | ١٥ 15 |
दोनों गुर्दे उस चर्बी के साथ जो कमर पर है, तथा कलेजे के ऊपर की झिल्ली जिसे वह गुर्दों सहित अलग करेगा.
وَيُوقِدُهُنَّ ٱلْكَاهِنُ عَلَى ٱلْمَذْبَحِ طَعَامَ وَقُودٍ لِرَائِحَةِ سَرُورٍ. كُلُّ ٱلشَّحْمِ لِلرَّبِّ. | ١٦ 16 |
फिर पुरोहित इसे वेदी पर आहार स्वरूप, जलते हुए धुएं में भेंट करे; सुखद-सुगंध के लिए एक अग्निबलि. पूरी चर्बी याहवेह की है.
فَرِيضَةً دَهْرِيَّةً فِي أَجْيَالِكُمْ فِي جَمِيعِ مَسَاكِنِكُمْ: لَا تَأْكُلُوا شَيْئًا مِنَ ٱلشَّحْمِ وَلَا مِنَ ٱلدَّمِ». | ١٧ 17 |
“‘यह तुम्हारी पीढ़ियों तथा तुम्हारे निवासों में एक हमेशा की विधि है, तुम चर्बी को और रक्त को कभी न खाओगे.’”