< اَللَّاوِيِّينَ 18 >
وَكَلَّمَ ٱلرَّبُّ مُوسَى قَائِلًا: | ١ 1 |
याहवेह ने मोशेह को यह आदेश दिया,
«كَلِّمْ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَقُلْ لَهُمْ: أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ. | ٢ 2 |
“इस्राएल वंशजों को यह संदेश दो, ‘मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं.
مِثْلَ عَمَلِ أَرْضِ مِصْرَ ٱلَّتِي سَكَنْتُمْ فِيهَا لَا تَعْمَلُوا، وَمِثْلَ عَمَلِ أَرْضِ كَنْعَانَ ٱلَّتِي أَنَا آتٍ بِكُمْ إِلَيْهَا لَا تَعْمَلُوا، وَحَسَبَ فَرَائِضِهِمْ لَا تَسْلُكُوا. | ٣ 3 |
तुम मिस्र देश के कार्यों के अनुसार व्यवहार नहीं करोगे, जहां तुम रहा करते थे, और न ही कनान देश के कार्यों का, जहां मैं तुम्हें लिए जा रहा हूं; तुम उनकी विधियों का पालन नहीं करोगे.
أَحْكَامِي تَعْمَلُونَ، وَفَرَائِضِي تَحْفَظُونَ لِتَسْلُكُوا فِيهَا. أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ. | ٤ 4 |
तुम मेरे नियमों का पालन करना, और मेरी विधियों का पालन करते हुए उनका अनुसरण करना. मैं याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं.
فَتَحْفَظُونَ فَرَائِضِي وَأَحْكَامِي، ٱلَّتِي إِذَا فَعَلَهَا ٱلْإِنْسَانُ يَحْيَا بِهَا. أَنَا ٱلرَّبُّ. | ٥ 5 |
तुम मेरे नियमों और विधियों का पालन करोगे; जो इनका अनुसरण करेगा, वह इनके कारण जीवित रहेगा; मैं ही वह याहवेह हूं.
«لَا يَقْتَرِبْ إِنْسَانٌ إِلَى قَرِيبِ جَسَدِهِ لِيَكْشِفَ ٱلْعَوْرَةَ. أَنَا ٱلرَّبُّ. | ٦ 6 |
“‘तुममें से कोई भी अपने कुटुंबी से संभोग न करे; मैं ही वह याहवेह हूं.
عَوْرَةَ أَبِيكَ وَعَوْرَةَ أُمِّكَ لَا تَكْشِفْ. إِنَّهَا أُمُّكَ لَا تَكْشِفْ عَوْرَتَهَا. | ٧ 7 |
“‘अपनी माता से संभोग करके तुम अपने पिता का अपमान न करना. वह तुम्हारी जन्म देनेवाली माता है; तुम उससे संभोग न करना.
عَوْرَةَ ٱمْرَأَةِ أَبِيكَ لَا تَكْشِفْ. إِنَّهَا عَوْرَةُ أَبِيكَ. | ٨ 8 |
“‘तुम अपने पिता की पत्नी से संभोग न करना; यह तुम्हारे पिता का अपमान होगा.
عَوْرَةَ أُخْتِكَ بِنْتِ أَبِيكَ أَوْ بِنْتِ أُمِّكَ، ٱلْمَوْلُودَةِ فِي ٱلْبَيْتِ أَوِ ٱلْمَوْلُودَةِ خَارِجًا، لَا تَكْشِفْ عَوْرَتَهَا. | ٩ 9 |
“‘तुम अपनी बहन से संभोग न करना, चाहे वह तुम्हारे पिता से पैदा हुई हो अथवा तुम्हारी माता से पैदा हुई हो, चाहे उसका पालन पोषण तुम्हारे साथ हुआ हो अथवा किसी अन्य परिवार में; तुम उनसे संभोग न करना.
عَوْرَةَ ٱبْنَةِ ٱبْنِكَ، أَوِ ٱبْنَةِ بِنْتِكَ لَا تَكْشِفْ عَوْرَتَهَا. إِنَّهَا عَوْرَتُكَ. | ١٠ 10 |
“‘अपनी पोती अथवा अपनी नातिन से संभोग न करना, तुम उनसे संभोग न करना क्योंकि यह तुम्हारा स्वयं का ही अपमान होगा.
عَوْرَةَ بِنْتِ ٱمْرَأَةِ أَبِيكَ ٱلْمَوْلُودَةِ مِنْ أَبِيكَ لَا تَكْشِفْ عَوْرَتَهَا. إِنَّهَا أُخْتُكَ. | ١١ 11 |
“‘तुम अपनी सौतेली माता की कन्या से संभोग न करना, तुम्हारे पिता से जन्मी कन्या से, वह तुम्हारी सौतेली बहन है, तुम उससे संभोग न करना.
عَوْرَةَ أُخْتِ أَبِيكَ لَا تَكْشِفْ. إِنَّهَا قَرِيبَةُ أَبِيكَ. | ١٢ 12 |
“‘तुम अपने पिता की बहन से संभोग न करना; वह तुम्हारे पिता की कुटुंबी है.
عَوْرَةَ أُخْتِ أُمِّكَ لَا تَكْشِفْ. إِنَّهَا قَرِيبَةُ أُمِّكَ. | ١٣ 13 |
“‘तुम अपनी मौसी से संभोग न करना क्योंकि वह तुम्हारी माता की कुटुंबी है.
عَوْرَةَ أَخِي أَبِيكَ لَا تَكْشِفْ. إِلَى ٱمْرَأَتِهِ لَا تَقْتَرِبْ. إِنَّهَا عَمَّتُكَ. | ١٤ 14 |
“‘तुम अपने पिता के भाई का अपमान उसकी पत्नी से संभोग करने के द्वारा न करना, न इसका प्रयास ही करना, वह तुम्हारी चाची है.
عَوْرَةَ كَنَّتِكَ لَا تَكْشِفْ. إِنَّهَا ٱمْرَأَةُ ٱبْنِكَ. لَا تَكْشِفْ عَوْرَتَهَا. | ١٥ 15 |
“‘तुम अपनी बहू से संभोग न करना; वह तुम्हारे पुत्र की पत्नी है, तुम उससे संभोग न करना.
عَوْرَةَ ٱمْرَأَةِ أَخِيكَ لَا تَكْشِفْ. إِنَّهَا عَوْرَةُ أَخِيكَ. | ١٦ 16 |
“‘तुम अपने भाई की पत्नी से संभोग न करना; यह तुम्हारे भाई का अपमान होगा.
عَوْرَةَ ٱمْرَأَةٍ وَبِنْتِهَا لَا تَكْشِفْ. وَلَا تَأْخُذِ ٱبْنَةَ ٱبْنِهَا، أَوِ ٱبْنَةَ بِنْتِهَا لِتَكْشِفَ عَوْرَتَهَا. إِنَّهُمَا قَرِيبَتَاهَا. إِنَّهُ رَذِيلَةٌ. | ١٧ 17 |
“‘तुम किसी महिला और उसकी पुत्री से भी संभोग न करना और न ही उसके पुत्र की कन्या से और न ही उसकी पुत्री की कन्या से संभोग करना; वे कुटुंबी हैं. यह व्यभिचार है.
وَلَا تَأْخُذِ ٱمْرَأَةً عَلَى أُخْتِهَا لِلضِّرِّ لِتَكْشِفَ عَوْرَتَهَا مَعَهَا فِي حَيَاتِهَا. | ١٨ 18 |
“‘तुम अपनी पत्नी की बहन से विवाह न करना, जब तक तुम्हारी पत्नी जीवित है, तुम उससे संभोग न करना.
«وَلَا تَقْتَرِبْ إِلَى ٱمْرَأَةٍ فِي نَجَاسَةِ طَمْثِهَا لِتَكْشِفَ عَوْرَتَهَا. | ١٩ 19 |
“‘तुम किसी महिला के मासिक स्राव की अशुद्धता के काल में संभोग के उद्देश्य से न जाना.
وَلَا تَجْعَلْ مَعَ ٱمْرَأَةِ صَاحِبِكَ مَضْجَعَكَ لِزَرْعٍ، فَتَتَنَجَّسَ بِهَا. | ٢٠ 20 |
“‘तुम अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ संभोग करके उसके साथ स्वयं को भ्रष्ट न करना.
وَلَا تُعْطِ مِنْ زَرْعِكَ لِلْإِجَازَةِ لِمُولَكَ لِئَلَّا تُدَنِّسَ ٱسْمَ إِلَهِكَ. أَنَا ٱلرَّبُّ. | ٢١ 21 |
“‘तुम अपनी संतानों में से किसी को भी मोलेख को भेंट न करना और न ही अपने परमेश्वर के नाम को कलंकित करना; मैं ही वह याहवेह हूं.
وَلَا تُضَاجِعْ ذَكَرًا مُضَاجَعَةَ ٱمْرَأَةٍ. إِنَّهُ رِجْسٌ. | ٢٢ 22 |
“‘तुम स्त्री से संभोग करने के समान किसी पुरुष से संभोग न करना; यह एक घृणित कार्य है.
وَلَا تَجْعَلْ مَعَ بَهِيمَةٍ مَضْجَعَكَ فَتَتَنَجَّسَ بِهَا. وَلَا تَقِفِ ٱمْرَأَةٌ أَمَامَ بَهِيمَةٍ لِنِزَائِهَا. إِنَّهُ فَاحِشَةٌ. | ٢٣ 23 |
“‘तुम किसी पशु से भी संभोग करके स्वयं को भ्रष्ट न करना और न ही कोई स्त्री संभोग के उद्देश्य से किसी पशु के सम्मुख जाए; यह अनर्थ है.
«بِكُلِّ هَذِهِ لَا تَتَنَجَّسُوا، لِأَنَّهُ بِكُلِّ هَذِهِ قَدْ تَنَجَّسَ ٱلشُّعُوبُ ٱلَّذِينَ أَنَا طَارِدُهُمْ مِنْ أَمَامِكُمْ | ٢٤ 24 |
“‘इन कार्यों में से किसी भी कार्य को करने के द्वारा तुम स्वयं को भ्रष्ट न करना; क्योंकि इन्हीं कार्यों के कारण सभी जनता ने, जिन्हें मैं तुम्हारे सामने से खदेड़ने पर हूं, स्वयं को भ्रष्ट कर लिया है.
فَتَنَجَّسَتِ ٱلْأَرْضُ. فَأَجْتَزِي ذَنْبَهَا مِنْهَا، فَتَقْذِفُ ٱلْأَرْضُ سُكَّانَهَا. | ٢٥ 25 |
क्योंकि देश भ्रष्ट हो गया है, इसलिये मैं इसकी दण्डाज्ञा इस पर ले आया और देश ने इसके निवासियों को निकाल फेंका.
لَكِنْ تَحْفَظُونَ أَنْتُمْ فَرَائِضِي وَأَحْكَامِي، وَلَا تَعْمَلُونَ شَيْئًا مِنْ جَمِيعِ هَذِهِ ٱلرَّجَسَاتِ، لَا ٱلْوَطَنِيُّ وَلَا ٱلْغَرِيبُ ٱلنَّازِلُ فِي وَسَطِكُمْ، | ٢٦ 26 |
किंतु तुम मेरी विधियों और नियमों का पालन करना और ये घृणित कार्य न करना, न तो स्वदेशी और न ही तुम्हारे बीच रह रहे विदेशी, जो तुम्हारे बीच में रहते हैं;
لِأَنَّ جَمِيعَ هَذِهِ ٱلرَّجَسَاتِ قَدْ عَمِلَهَا أَهْلُ ٱلْأَرْضِ ٱلَّذِينَ قَبْلَكُمْ فَتَنَجَّسَتِ ٱلْأَرْضُ. | ٢٧ 27 |
क्योंकि तुम्हारे सामने इस देश के निवासियों ने ये समस्त घृणित कार्य किए हैं, और देश भ्रष्ट हो गया है;
فَلَا تَقْذِفُكُمُ ٱلْأَرْضُ بِتَنْجِيسِكُمْ إِيَّاهَا كَمَا قَذَفَتِ ٱلشُّعُوبَ ٱلَّتِي قَبْلَكُمْ. | ٢٨ 28 |
ऐसा न हो कि तुम इसे भ्रष्ट कर दो और यह तुम्हें निकाल फेंके, जिस प्रकार इसने उस जनता को निकाल फेंका था, जो तुम्हारे सामने था.
بَلْ كُلُّ مَنْ عَمِلَ شَيْئًا مِنْ جَمِيعِ هَذِهِ ٱلرَّجَسَاتِ تُقْطَعُ ٱلْأَنْفُسُ ٱلَّتِي تَعْمَلُهَا مِنْ شَعْبِهَا. | ٢٩ 29 |
“‘यदि कोई इन घृणित कार्यों में से कोई भी कार्य करता है, तो उन्हें जो ऐसा करते हैं, प्रजा से बाहर कर दिया जाए.
فَتَحْفَظُونَ شَعَائِرِي لِكَيْ لَا تَعْمَلُوا شَيْئًا مِنَ ٱلرُّسُومِ ٱلرَّجِسَةِ ٱلَّتِي عُمِلَتْ قَبْلَكُمْ وَلَا تَتَنَجَّسُوا بِهَا. أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ». | ٣٠ 30 |
तब तुम मेरे आदेश का पालन करो कि तुम किसी भी घिनौनी रीति का पालन न करो, जिनका पालन तुम्हारे सामने होता रहा था, कि तुम उनसे स्वयं को अशुद्ध न कर बैठो; मैं ही वह याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं.’”