< يَشُوع 23 >
وَكَانَ غِبَّ أَيَّامٍ كَثِيرَةٍ، بَعْدَمَا أَرَاحَ ٱلرَّبُّ إِسْرَائِيلَ مِنْ أَعْدَائِهِمْ حَوَالَيْهِمْ، أَنَّ يَشُوعَ شَاخَ. تَقَدَّمَ فِي ٱلْأَيَّامِ. | ١ 1 |
इसके बहुत दिनों बाद जब ख़ुदावन्द ने बनी इस्राईल को उनके सब चारों तरफ़ के दुश्मनों से आराम दिया और यशू'अ बुढ्ढा और उम्र रसीदा हुआ।
فَدَعَا يَشُوعُ جَمِيعَ إِسْرَائِيلَ وَشُيُوخَهُ وَرُؤَسَاءَهُ وَقُضَاتَهُ وَعُرَفَاءَهُ وَقَالَ لَهُمْ: «أَنَا قَدْ شِخْتُ. تَقَدَّمْتُ فِي ٱلْأَيَّامِ. | ٢ 2 |
तो यशू'अ ने सब इस्राईलियों और उनके बुज़ुर्गों और सरदारों और क़ाज़ियों और मनसबदारों को बुलवा कर उन से कहा कि, मैं बूढ़ा और उम्र रसीदा हूँ।
وَأَنْتُمْ قَدْ رَأَيْتُمْ كُلَّ مَا عَمِلَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ بِجَمِيعِ أُولَئِكَ ٱلشُّعُوبِ مِنْ أَجْلِكُمْ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ هُوَ ٱلْمُحَارِبُ عَنْكُمْ. | ٣ 3 |
और जो कुछ ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम्हारे वजह से इन सब क़ौमों के साथ किया वह सब तुम देख चुके हो क्यूँकि ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने आप तुम्हारे लिए जंग की।
اُنْظُرُوا. قَدْ قَسَمْتُ لَكُمْ بِٱلْقُرْعَةِ هَؤُلَاءِ ٱلشُّعُوبَ ٱلْبَاقِينَ مُلْكًا حَسَبَ أَسْبَاطِكُمْ، مِنَ ٱلْأُرْدُنِّ وَجَمِيعِ ٱلشُّعُوبِ ٱلَّتِي قَرَضْتُهَا، وَٱلْبَحْرِ ٱلْعَظِيمِ نَحْوَ غُرُوبِ ٱلشَّمْسِ. | ٤ 4 |
देखो मैं ने पर्ची डाल कर इन क़ौमों को तुम में तक़सीम किया कि यह इन सब क़ौमों के साथ जिनको मैंने काट डाला यरदन से लेकर पश्चिम की तरफ़ बड़े समन्दर तक तुम्हारे क़बीलों की मीरास ठहरें।
وَٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ هُوَ يَنْفِيهِمْ مِنْ أَمَامِكُمْ وَيَطْرُدُهُمْ مِنْ قُدَّامِكُمْ، فَتَمْلِكُونَ أَرْضَهُمْ كَمَا كَلَّمَكُمُ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ. | ٥ 5 |
और ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा ही उनको तुम्हारे सामने से निकालेगा और तुम्हारी नज़र से उनको दूर कर देगा और तुम उनके मुल्क पर क़ाबिज़ होगे जैसा ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम से कहा है,
فَتَشَدَّدُوا جِدًّا لِتَحْفَظُوا وَتَعْمَلُوا كُلَّ ٱلْمَكْتُوبِ فِي سِفْرِ شَرِيعَةِ مُوسَى حَتَّى لَا تَحِيدُوا عَنْهَا يَمِينًا أَوْ شِمَالًا. | ٦ 6 |
इसलिए तुम ख़ूब हिम्मत बाँध कर जो कुछ मूसा की शरी'अत की किताब में लिखा है उस पर चलना और 'अमल करना ताकि तुम उस से दहने या बाएं हाथ को न मुड़ो।
حَتَّى لَا تَدْخُلُوا إِلَى هَؤُلَاءِ ٱلشُّعُوبِ، أُولَئِكَ ٱلْبَاقِينَ مَعَكُمْ، وَلَا تَذْكُرُوا ٱسْمَ آلِهَتِهِمْ، وَلَا تَحْلِفُوا بِهَا، وَلَا تَعْبُدُوهَا، وَلَا تَسْجُدُوا لَهَا. | ٧ 7 |
और उन क़ौमों में जो तुम्हारे बीच हुनूज़ बाक़ी हैं न जाओ और न उनके म'बूदों के नाम का ज़िक्र करो और न उनकी क़सम खिलाओ और न उनकी इबादत करो और न उनको सिज्दा करो।
وَلَكِنِ ٱلْصَقُوا بِٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ كَمَا فَعَلْتُمْ إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ. | ٨ 8 |
बल्कि ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से लिपटे रहो जैसा तुम ने आज तक किया है।
قَدْ طَرَدَ ٱلرَّبُّ مِنْ أَمَامِكُمْ شُعُوبًا عَظِيمَةً وَقَوِيَّةً، وَأَمَّا أَنْتُمْ فَلَمْ يَقِفْ أَحَدٌ قُدَّامَكُمْ إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ. | ٩ 9 |
क्यूँकि ख़ुदावन्द ने बड़ी बड़ी और ज़ोरावर क़ौमों को तुम्हारे सामने से दफ़ा' किया बल्कि तुम्हारा यह हाल रहा कि आज तक कोई आदमी तुम्हारे सामने ठहर न सका।
رَجُلٌ وَاحِدٌ مِنْكُمْ يَطْرُدُ أَلْفًا، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ هُوَ ٱلْمُحَارِبُ عَنْكُمْ كَمَا كَلَّمَكُمْ. | ١٠ 10 |
तुम्हारा एक — एक आदमी एक — एक हज़ार को दौड़ायेगा, क्यूँकि ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा ही तुम्हारे लिए लड़ता है जैसा उसने तुम से कहा।
فَٱحْتَفِظُوا جِدًّا لِأَنْفُسِكُمْ أَنْ تُحِبُّوا ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ. | ١١ 11 |
इसलिए तुम ख़ूब चौकसी करो कि ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा से मुहब्बत रखो।
«وَلَكِنْ إِذَا رَجَعْتُمْ وَلَصِقْتُمْ بِبَقِيَّةِ هَؤُلَاءِ ٱلشُّعُوبِ، أُولَئِكَ ٱلْبَاقِينَ مَعَكُمْ، وَصَاهَرْتُمُوهُمْ وَدَخَلْتُمْ إِلَيْهِمْ وَهُمْ إِلَيْكُمْ، | ١٢ 12 |
वरना अगर तुम किसी तरह फिर कर उन क़ौमों के बक़िया से या'नी उन से जो तुम्हारे बीच बाक़ी हैं घुल मिल जाओ और उनके साथ ब्याह शादी करो और उन से मिलो और वह तुम से मिलें।
فَٱعْلَمُوا يَقِينًا أَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ لَا يَعُودُ يَطْرُدُ أُولَئِكَ ٱلشُّعُوبَ مِنْ أَمَامِكُمْ، فَيَكُونُوا لَكُمْ فَخًّا وَشَرَكًا وَسَوْطًا عَلَى جَوَانِبِكُمْ، وَشَوْكًا فِي أَعْيُنِكُمْ، حَتَّى تَبِيدُوا عَنْ تِلْكَ ٱلْأَرْضِ ٱلصَّالِحَةِ ٱلَّتِي أَعْطَاكُمْ إِيَّاهَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ. | ١٣ 13 |
तो यक़ीन जानो कि ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा फिर इन क़ौमों को तुम्हारे सामने से दफ़ा' नहीं करेगा; बल्कि यह तुम्हारे लिए जाल और फंदा और तुम्हारे पहलुओं के लिए कोड़े, और तुम्हारी आँखों में काँटों की तरह होंगी, यहाँ तक कि तुम इस अच्छे मुल्क से जिसे ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम को दिया है मिट जाओगे।
وَهَا أَنَا ٱلْيَوْمَ ذَاهِبٌ فِي طَرِيقِ ٱلْأَرْضِ كُلِّهَا. وَتَعْلَمُونَ بِكُلِّ قُلُوبِكُمْ وَكُلِّ أَنْفُسِكُمْ أَنَّهُ لَمْ تَسْقُطْ كَلِمَةٌ وَاحِدَةٌ مِنْ جَمِيعِ ٱلْكَلَامِ ٱلصَّالِحِ ٱلَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ ٱلرَّبُّ عَنْكُمُ. ٱلْكُلُّ صَارَ لَكُمْ. لَمْ تَسْقُطْ مِنْهُ كَلِمَةٌ وَاحِدَةٌ. | ١٤ 14 |
और देखो, मैं आज उसी रास्ते जाने वाला हूँ जो सारे जहान का है और तुम ख़ूब जानते हो कि उन सब अच्छी बातों में से जो ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम्हारे हक़ में कहीं एक बात भी न छूटी, सब तुम्हारे हक़ में पूरी हुईं और एक भी उन में से न रह गयी।
وَيَكُونُ كَمَا أَنَّهُ أَتَى عَلَيْكُمْ كُلُّ ٱلْكَلَامِ ٱلصَّالِحِ ٱلَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ عَنْكُمْ، كَذَلِكَ يَجْلِبُ عَلَيْكُمُ ٱلرَّبُّ كُلَّ ٱلْكَلَامِ ٱلرَّدِيءِ حَتَّى يُبِيدَكُمْ عَنْ هَذِهِ ٱلْأَرْضِ ٱلصَّالِحَةِ ٱلَّتِي أَعْطَاكُمُ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ. | ١٥ 15 |
इसलिए ऐसा होगा कि जिस तरह वह सब भलाइयां जिनका ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम से ज़िक्र किया था तुम्हारे आगे आयीं उसी तरह ख़ुदावन्द सब बुराईयाँ तुम पर लाएगा जब तक इस अच्छे मुल्क से जो ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने तुम को दिया है वह तुम को बर्बाद न कर डाले।
حِينَمَا تَتَعَدَّوْنَ عَهْدَ ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمُ ٱلَّذِي أَمَرَكُمْ بِهِ وَتَسِيرُونَ وَتَعْبُدُونَ آلِهَةً أُخْرَى وَتَسْجُدُونَ لَهَا، يَحْمَى غَضَبُ ٱلرَّبِّ عَلَيْكُمْ فَتَبِيدُونَ سَرِيعًا عَنِ ٱلْأَرْضِ ٱلصَّالِحَةِ ٱلَّتِي أَعْطَاكُمْ». | ١٦ 16 |
जब तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के उस 'अहद को जिसका हुक्म उस ने तुम को दिया तोड़ डालो और जाकर और मा'बूदों की इबादत करने और उनको सिज्दा करने लगो तो ख़ुदावन्द का क़हर तुम पर भड़केगा और तुम इस अच्छे मुल्क से जो उस ने तुम को दिया है जल्द हलाक हो जाओगे।