< يَشُوع 22 >
حِينَئِذٍ دَعَا يَشُوعُ ٱلرَّأُوبَيْنِيِّينَ وَٱلْجَادِيِّينَ وَنِصْفَ سِبْطِ مَنَسَّى، | ١ 1 |
१उस समय यहोशू ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों को बुलवाकर कहा,
وَقَالَ لَهُمْ: «إِنَّكُمْ قَدْ حَفِظْتُمْ كُلَّ مَا أَمَرَكُمْ بِهِ مُوسَى عَبْدُ ٱلرَّبِّ، وَسَمِعْتُمْ صَوْتِي فِي كُلِّ مَا أَمَرْتُكُمْ بِهِ، | ٢ 2 |
२“जो-जो आज्ञा यहोवा के दास मूसा ने तुम्हें दी थीं वे सब तुम ने मानी हैं, और जो-जो आज्ञा मैंने तुम्हें दी हैं उन सभी को भी तुम ने माना है;
وَلَمْ تَتْرُكُوا إِخْوَتَكُمْ هَذِهِ ٱلْأَيَّامَ ٱلْكَثِيرَةَ إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ، وَحَفِظْتُمْ مَا يُحْفَظُ، وَصِيَّةُ ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ. | ٣ 3 |
३तुम ने अपने भाइयों को इतने दिनों में आज के दिन तक नहीं छोड़ा, परन्तु अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा तुम ने चौकसी से मानी है।
وَٱلْآنَ قَدْ أَرَاحَ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ إِخْوَتَكُمْ كَمَا قَالَ لَهُمْ. فَٱنْصَرِفُوا ٱلْآنَ وَٱذْهَبُوا إِلَى خِيَامِكُمْ فِي أَرْضِ مُلْكِكُمُ ٱلَّتِي أَعْطَاكُمْ مُوسَى عَبْدُ ٱلرَّبِّ، فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ. | ٤ 4 |
४और अब तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हारे भाइयों को अपने वचन के अनुसार विश्राम दिया है; इसलिए अब तुम लौटकर अपने-अपने डेरों को, और अपनी-अपनी निज भूमि में, जिसे यहोवा के दास मूसा ने यरदन पार तुम्हें दिया है चले जाओ।
وَإِنَّمَا ٱحْرِصُوا جِدًّا أَنْ تَعْمَلُوا ٱلْوَصِيَّةَ وَٱلشَّرِيعَةَ ٱلَّتِي أَمَرَكُمْ بِهَا مُوسَى عَبْدُ ٱلرَّبِّ: أَنْ تُحِبُّوا ٱلرَّبَّ إِلَهَكُمْ، وَتَسِيرُوا فِي كُلِّ طُرُقِهِ، وَتَحْفَظُوا وَصَايَاهُ، وَتَلْصَقُوا بِهِ وَتَعْبُدُوهُ بِكُلِّ قَلْبِكُمْ وَبِكُلِّ نَفْسِكُمْ». | ٥ 5 |
५केवल इस बात की पूरी चौकसी करना कि जो-जो आज्ञा और व्यवस्था यहोवा के दास मूसा ने तुम को दी है उसको मानकर अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखो, उसके सारे मार्गों पर चलो, उसकी आज्ञाएँ मानो, उसकी भक्ति में लौलीन रहो, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी सेवा करो।”
ثُمَّ بَارَكَهُمْ يَشُوعُ وَصَرَفَهُمْ، فَذَهَبُوا إِلَى خِيَامِهِمْ. | ٦ 6 |
६तब यहोशू ने उन्हें आशीर्वाद देकर विदा किया; और वे अपने-अपने डेरे को चले गए।
وَلِنِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى أَعْطَى مُوسَى فِي بَاشَانَ، وَأَمَّا نِصْفُهُ ٱلْآخَرُ فَأَعْطَاهُمْ يَشُوعُ مَعَ إِخْوَتِهِمْ فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ غَرْبًا. وَعِنْدَمَا صَرَفَهُمْ يَشُوعُ أَيْضًا إِلَى خِيَامِهِمْ بَارَكَهُمْ | ٧ 7 |
७मनश्शे के आधे गोत्रियों को मूसा ने बाशान में भाग दिया था; परन्तु दूसरे आधे गोत्र को यहोशू ने उनके भाइयों के बीच यरदन के पश्चिम की ओर भाग दिया। उनको जब यहोशू ने विदा किया कि अपने-अपने डेरे को जाएँ,
وَكَلَّمَهُمْ قَائِلًا: «بِمَالٍ كَثِيرٍ ٱرْجِعُوا إِلَى خِيَامِكُمْ، وَبِمَوَاشٍ كَثِيرَةٍ جِدًّا، بِفِضَّةٍ وَذَهَبٍ وَنُحَاسٍ وَحَدِيدٍ وَمَلَابِسَ كَثِيرَةٍ جِدًّا. اِقْسِمُوا غَنِيمَةَ أَعْدَائِكُمْ مَعَ إِخْوَتِكُمْ». | ٨ 8 |
८तब उनको भी आशीर्वाद देकर कहा, “बहुत से पशु, और चाँदी, सोना, पीतल, लोहा, और बहुत से वस्त्र और बहुत धन-सम्पत्ति लिए हुए अपने-अपने डेरे को लौट आओ; और अपने शत्रुओं की लूट की सम्पत्ति को अपने भाइयों के संग बाँट लेना।”
فَرَجَعَ بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادَ وَنِصْفُ سِبْطِ مَنَسَّى، وَذَهَبُوا مِنْ عِنْدِ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ شِيلُوهَ ٱلَّتِي فِي أَرْضِ كَنْعَانَ لِكَيْ يَسِيرُوا إِلَى أَرْضِ جِلْعَادَ، أَرْضِ مُلْكِهِمِ ٱلَّتِي تَمَلَّكُوا بِهَا حَسَبَ قَوْلِ ٱلرَّبِّ عَلَى يَدِ مُوسَى. | ٩ 9 |
९तब रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्री इस्राएलियों के पास से, अर्थात् कनान देश के शीलो नगर से, अपनी गिलाद नामक निज भूमि में, जो मूसा के द्वारा दी गई, यहोवा की आज्ञा के अनुसार उनकी निज भूमि हो गई थी, जाने की मनसा से लौट गए।
وَجَاءُوا إِلَى دَائِرَةِ ٱلْأُرْدُنِّ ٱلَّتِي فِي أَرْضِ كَنْعَانَ. وَبَنَى بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادَ وَنِصْفُ سِبْطِ مَنَسَّى هُنَاكَ مَذْبَحًا عَلَى ٱلْأُرْدُنِّ، مَذْبَحًا عَظِيمَ ٱلْمَنْظَرِ. | ١٠ 10 |
१०और जब रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्री यरदन की उस तराई में पहुँचे जो कनान देश में है, तब उन्होंने वहाँ देखने के योग्य एक बड़ी वेदी बनाई।
فَسَمِعَ بَنُو إِسْرَائِيلَ قَوْلًا: «هُوَذَا قَدْ بَنَى بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادَ وَنِصْفُ سِبْطِ مَنَسَّى مَذْبَحًا فِي وَجْهِ أَرْضِ كَنْعَانَ، فِي دَائِرَةِ ٱلْأُرْدُنِّ مُقَابِلَ بَنِي إِسْرَائِيلَ». | ١١ 11 |
११और इसका समाचार इस्राएलियों के सुनने में आया, कि रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने कनान देश के सामने यरदन की तराई में, अर्थात् उसके उस पार जो इस्राएलियों का है, एक वेदी बनाई है।
وَلَمَّا سَمِعَ بَنُو إِسْرَائِيلَ ٱجْتَمَعَتْ كُلُّ جَمَاعَةِ بَنِي إِسْرَائِيلَ فِي شِيلُوهَ لِكَيْ يَصْعَدُوا إِلَيْهِمْ لِلْحَرْبِ. | ١٢ 12 |
१२जब इस्राएलियों ने यह सुना, तबइस्राएलियों की सारी मण्डली उनसे लड़ने के लिये चढ़ाई करने को शीलो में इकट्ठी हुई।
فَأَرْسَلَ بَنُو إِسْرَائِيلَ إِلَى بَنِي رَأُوبَيْنَ وَبَنِي جَادَ وَنِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى إِلَى أَرْضِ جِلْعَادَ، فِينَحَاسَ بْنَ أَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنَ | ١٣ 13 |
१३तब इस्राएलियों ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास गिलाद देश में एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास को,
وَعَشْرَةَ رُؤَسَاءَ مَعَهُ، رَئِيسًا وَاحِدًا مِنْ كُلِّ بَيْتِ أَبٍ مِنْ جَمِيعِ أَسْبَاطِ إِسْرَائِيلَ، كُلُّ وَاحِدٍ رَئِيسُ بَيْتِ آبَائِهِمْ فِي أُلُوفِ إِسْرَائِيلَ. | ١٤ 14 |
१४और उसके संग दस प्रधानों को, अर्थात् इस्राएल के एक-एक गोत्र में से पूर्वजों के घरानों के एक-एक प्रधान को भेजा, और वे इस्राएल के हजारों में अपने-अपने पूर्वजों के घरानों के मुख्य पुरुष थे।
فَجَاءُوا إِلَى بَنِي رَأُوبَيْنَ وَبَنِي جَادَ وَنِصْفِ سِبْطِ مَنَسَّى إِلَى أَرْضِ جِلْعَادَ، وَكَلَّمُوهُمْ قَائِلِينَ: | ١٥ 15 |
१५वे गिलाद देश में रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों के पास जाकर कहने लगे,
«هَكَذَا قَالَتْ كُلُّ جَمَاعَةِ ٱلرَّبِّ: مَا هَذِهِ ٱلْخِيَانَةُ ٱلَّتِي خُنْتُمْ بِهَا إِلَهَ إِسْرَائِيلَ، بِٱلرُّجُوعِ ٱلْيَوْمَ عَنِ ٱلرَّبِّ، بِبُنْيَانِكُمْ لِأَنْفُسِكُمْ مَذْبَحًا لِتَتَمَرَّدُوا ٱلْيَوْمَ عَلَى ٱلرَّبِّ؟ | ١٦ 16 |
१६“यहोवा की सारी मण्डली यह कहती है, कि ‘तुम ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का यह कैसा विश्वासघात किया; आज जो तुम ने एक वेदी बना ली है, इसमें तुम ने उसके पीछे चलना छोड़कर उसके विरुद्ध आज बलवा किया है?
أَقَلِيلٌ لَنَا إِثْمُ فَغُورَ ٱلَّذِي لَمْ نَتَطَهَّرْ مِنْهُ إِلَى هَذَا ٱلْيَوْمِ، وَكَانَ ٱلْوَبَأُ فِي جَمَاعَةِ ٱلرَّبِّ، | ١٧ 17 |
१७सुनो, पोर के विषय का अधर्म हमारे लिये कुछ कम था, यद्यपि यहोवा की मण्डली को भारी दण्ड मिला तो भी आज के दिन तक हम उस अधर्म से शुद्ध नहीं हुए; क्या वह तुम्हारी दृष्टि में एक छोटी बात है,
حَتَّى تَرْجِعُوا أَنْتُمُ ٱلْيَوْمَ عَنِ ٱلرَّبِّ؟ فَيَكُونُ أَنَّكُمُ ٱلْيَوْمَ تَتَمَرَّدُونَ عَلَى ٱلرَّبِّ، وَهُوَ غَدًا يَسْخَطُ عَلَى كُلِّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ. | ١٨ 18 |
१८कि आज तुम यहोवा को त्याग कर उसके पीछे चलना छोड़ देते हो? क्या तुम यहोवा से फिर जाते हो, और कल वह इस्राएल की सारी मण्डली से क्रोधित होगा।
وَلَكِنْ إِذَا كَانَتْ نَجِسَةً أَرْضُ مُلْكِكُمْ فَٱعْبُرُوا إِلَى أَرْضِ مُلْكِ ٱلرَّبِّ ٱلَّتِي يَسْكُنُ فِيهَا مَسْكَنُ ٱلرَّبِّ وَتَمَلَّكُوا بَيْنَنَا، وَعَلَى ٱلرَّبِّ لَا تَتَمَرَّدُوا، وَعَلَيْنَا لَا تَتَمَرَّدُوا بِبِنَائِكُمْ لِأَنْفُسِكُمْ مَذْبَحًا غَيْرَ مَذْبَحِ ٱلرَّبِّ إِلَهِنَا. | ١٩ 19 |
१९परन्तु यदि तुम्हारी निज भूमि अशुद्ध हो, तो पार आकर यहोवा की निज भूमि में, जहाँ यहोवा का निवास रहता है, हम लोगों के बीच में अपनी-अपनी निज भूमि कर लो; परन्तु हमारे परमेश्वर यहोवा की वेदी को छोड़ और कोई वेदी बनाकर न तो यहोवा से बलवा करो, और न हम से।
أَمَا خَانَ عَخَانُ بْنُ زَارَحَ خِيَانَةً فِي ٱلْحَرَامِ، فَكَانَ ٱلسَّخَطُ عَلَى كُلِّ جَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ، وَهُوَ رَجُلٌ لَمْ يَهْلِكْ وَحْدَهُ بِإِثْمِهِ؟». | ٢٠ 20 |
२०देखो, जब जेरह के पुत्र आकान ने अर्पण की हुई वस्तु के विषय में विश्वासघात किया, तब क्या यहोवा का कोप इस्राएल की पूरी मण्डली पर न भड़का? और उस पुरुष के अधर्म का प्राणदण्ड अकेले उसी को न मिला।’”
فَأَجَابَ بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادَ وَنِصْفُ سِبْطِ مَنَسَّى وَقَالُوا لِرُؤَسَاءِ أُلُوفِ إِسْرَائِيلَ: | ٢١ 21 |
२१तब रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों ने इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुषों को यह उत्तर दिया,
«إِلَهُ ٱلْآلِهَةِ ٱلرَّبُّ، إِلَهُ ٱلْآلِهَةِ ٱلرَّبُّ هُوَ يَعْلَمُ، وَإِسْرَائِيلُ سَيَعْلَمُ. إِنْ كَانَ بِتَمَرُّدٍ وَإِنْ كَانَ بِخِيَانَةٍ عَلَى ٱلرَّبِّ، لَا تُخَلِّصْنَا هَذَا ٱلْيَوْمَ. | ٢٢ 22 |
२२“यहोवा जो ईश्वरों का परमेश्वर है, ईश्वरों का परमेश्वर यहोवा इसको जानता है, और इस्राएली भी इसे जान लेंगे, कि यदि यहोवा से फिरके या उसका विश्वासघात करके हमने यह काम किया हो, तो तू आज हमको जीवित न छोड़,
بُنْيَانُنَا لِأَنْفُسِنَا مَذْبَحًا لِلرُّجُوعِ عَنِ ٱلرَّبِّ، أَوْ لِإِصْعَادِ مُحْرَقَةٍ عَلَيْهِ أَوْ تَقْدِمَةٍ أَوْ لِعَمَلِ ذَبَائِحِ سَلَامَةٍ عَلَيْهِ، فَٱلرَّبُّ هُوَ يُطَالِبُ. | ٢٣ 23 |
२३यदि आज के दिन हमने वेदी को इसलिए बनाया हो कि यहोवा के पीछे चलना छोड़ दें, या इसलिए कि उस पर होमबलि, अन्नबलि, या मेलबलि चढ़ाएँ, तो यहोवा आप इसका हिसाब ले;
وَإِنْ كُنَّا لَمْ نَفْعَلْ ذَلِكَ خَوْفًا وَعَنْ سَبَبٍ قَائِلِينَ: غَدًا يُكَلِّمُ بَنُوكُمْ بَنِينَا قَائِلِينَ: مَا لَكُمْ وَلِلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ! | ٢٤ 24 |
२४परन्तु हमने इसी विचार और मनसा से यह किया है कि कहीं भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने लगे, ‘तुम को इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से क्या काम?
قَدْ جَعَلَ ٱلرَّبُّ تُخْمًا بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمْ يَا بَنِي رَأُوبَيْنَ وَبَنِي جَادَ: ٱلْأُرْدُنُّ. لَيْسَ لَكُمْ قِسْمٌ فِي ٱلرَّبِّ. فَيَرُدُّ بَنُوكُمْ بَنِينَا حَتَّى لَا يَخَافُوا ٱلرَّبَّ. | ٢٥ 25 |
२५क्योंकि, हे रूबेनियों, हे गादियो, यहोवा ने जो हमारे और तुम्हारे बीच में यरदन को सीमा ठहरा दिया है, इसलिए यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं है।’ ऐसा कहकर तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान में से यहोवा का भय छुड़ा देगी।
فَقُلْنَا نَصْنَعُ نَحْنُ لِأَنْفُسِنَا. نَبْنِي مَذْبَحًا، لَا لِلْمُحْرَقَةِ وَلَا لِلذَّبِيحَةِ، | ٢٦ 26 |
२६इसलिए हमने कहा, ‘आओ, हम अपने लिये एक वेदी बना लें, वह होमबलि या मेलबलि के लिये नहीं,
بَلْ لِيَكُونَ هُوَ شَاهِدًا بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمْ وَبَيْنَ أَجْيَالِنَا بَعْدَنَا، لِكَيْ نَخْدُمَ خِدْمَةَ ٱلرَّبِّ أَمَامَهُ بِمُحْرَقَاتِنَا وَذَبَائِحِنَا وَذَبَائِحِ سَلَامَتِنَا، وَلَا يَقُولُ بَنُوكُمْ غَدًا لِبَنِينَا: لَيْسَ لَكُمْ قِسْمٌ فِي ٱلرَّبِّ. | ٢٧ 27 |
२७परन्तु इसलिए कि हमारे और तुम्हारे, और हमारे बाद हमारे और तुम्हारे वंश के बीच में साक्षी का काम दे; इसलिए कि हम होमबलि, मेलबलि, और बलिदान चढ़ाकर यहोवा के सम्मुख उसकी उपासना करें; और भविष्य में तुम्हारी सन्तान हमारी सन्तान से यह न कहने पाए, कि यहोवा में तुम्हारा कोई भाग नहीं।’
وَقُلْنَا: يَكُونُ مَتَى قَالُوا كَذَا لَنَا وَلِأَجْيَالِنَا غَدًا، أَنَّنَا نَقُولُ: اُنْظُرُوا شِبْهَ مَذْبَحِ ٱلرَّبِّ ٱلَّذِي عَمِلَ آبَاؤُنَا، لَا لِلْمُحْرَقَةِ وَلَا لِلذَّبِيحَةِ، بَلْ هُوَ شَاهِدٌ بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمْ. | ٢٨ 28 |
२८इसलिए हमने कहा, ‘जब वे लोग भविष्य में हम से या हमारे वंश से यह कहने लगें, तब हम उनसे कहेंगे, कि यहोवा के वेदी के नमूने पर बनी हुई इस वेदी को देखो, जिसे हमारे पुरखाओं ने होमबलि या मेलबलि के लिये नहीं बनाया; परन्तु इसलिए बनाया था कि हमारे और तुम्हारे बीच में साक्षी का काम दे।’
حَاشَا لَنَا مِنْهُ أَنْ نَتَمَرَّدَ عَلَى ٱلرَّبِّ وَنَرْجِعَ ٱلْيَوْمَ عَنِ ٱلرَّبِّ لِبِنَاءِ مَذْبَحٍ لِلْمُحْرَقَةِ أَوِ ٱلتَّقْدِمَةِ أَوِ ٱلذَّبِيحَةِ، عَدَا مَذْبَحِ ٱلرَّبِّ إِلَهِنَا ٱلَّذِي هُوَ قُدَّامَ مَسْكَنِهِ». | ٢٩ 29 |
२९यह हम से दूर रहे कि यहोवा से फिरकर आज उसके पीछे चलना छोड़ दें, और अपने परमेश्वर यहोवा की उस वेदी को छोड़कर जो उसके निवास के सामने है होमबलि, और अन्नबलि, या मेलबलि के लिये दूसरी वेदी बनाएँ।”
فَسَمِعَ فِينْحَاسُ ٱلْكَاهِنُ وَرُؤَسَاءُ ٱلْجَمَاعَةِ وَرُؤُوسُ أُلُوفِ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِينَ مَعَهُ ٱلْكَلَامَ ٱلَّذِي تَكَلَّمَ بِهِ بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادَ وَبَنُو مَنَسَّى، فَحَسُنَ فِي أَعْيُنِهِمْ. | ٣٠ 30 |
३०रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्रियों की इन बातों को सुनकर पीनहास याजक और उसके संग मण्डली के प्रधान, जो इस्राएल के हजारों के मुख्य पुरुष थे, वे अति प्रसन्न हुए।
فَقَالَ فِينْحَاسُ بْنُ أَلِعَازَارَ ٱلْكَاهِنِ لِبَنِي رَأُوبَيْنَ وَبَنِي جَادَ وَبَنِي مَنَسَّى: «ٱلْيَوْمَ عَلِمْنَا أَنَّ ٱلرَّبَّ بَيْنَنَا لِأَنَّكُمْ لَمْ تَخُونُوا ٱلرَّبَّ بِهَذِهِ ٱلْخِيَانَةِ. فَٱلْآنَ قَدْ أَنْقَذْتُمْ بَنِي إِسْرَائِيلَ مِنْ يَدِ ٱلرَّبِّ». | ٣١ 31 |
३१और एलीआजर याजक के पुत्र पीनहास ने रूबेनियों, गादियों, और मनश्शेइयों से कहा, “तुम ने जो यहोवा का ऐसा विश्वासघात नहीं किया, इससे आज हमने यह जान लिया कि यहोवा हमारे बीच में है: और तुम लोगों ने इस्राएलियों को यहोवा के हाथ से बचाया है।”
ثُمَّ رَجَعَ فِينْحَاسُ بْنُ أَلِعَازَارَ ٱلكَاهِنِ وَٱلرُّؤَسَاءُ مِنْ عِنْدِ بَنِي رَأُوبَيْنَ وَبَنِي جَادَ مِنْ أَرْضِ جِلْعَادَ إِلَى أَرْضِ كَنْعَانَ إِلَى بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَرَدُّوا عَلَيْهِمْ خَبَرًا. | ٣٢ 32 |
३२तब एलीआजर याजक का पुत्र पीनहास प्रधानों समेत रूबेनियों और गादियों के पास से गिलाद होते हुए कनान देश में इस्राएलियों के पास लौट गया: और यह वृत्तान्त उनको कह सुनाया।
فَحَسُنَ ٱلْأَمْرُ فِي أَعْيُنِ بَنِي إِسْرَائِيلَ، وَبَارَكَ بَنُو إِسْرَائِيلَ ٱللهَ، وَلَمْ يَفْتَكِرُوا بِٱلصُّعُودِ إِلَيْهِمْ لِلْحَرْبِ وَتَخْرِيبِ ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي كَانَ بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادَ سَاكِنِينَ بِهَا. | ٣٣ 33 |
३३तब इस्राएली प्रसन्न हुए; और परमेश्वर को धन्य कहा, और रूबेनियों और गादियों से लड़ने और उनके रहने का देश उजाड़ने के लिये चढ़ाई करने की चर्चा फिर न की।
وَسَمَّى بَنُو رَأُوبَيْنَ وَبَنُو جَادَ ٱلْمَذْبَحَ «عِيدًا» لِأَنَّهُ «شَاهِدٌ بَيْنَنَا أَنَّ ٱلرَّبَّ هُوَ ٱللهُ». | ٣٤ 34 |
३४और रूबेनियों और गादियों ने यह कहकर, “यह वेदी हमारे और उनके मध्य में इस बात की साक्षी ठहरी है, कि यहोवा ही परमेश्वर है;” उस वेदी का नाम एद रखा।