< أَيُّوبَ 18 >
فَأَجَابَ بِلْدَدُ ٱلشُّوحِيُّ وَقَالَ: | ١ 1 |
१तब शूही बिल्दद ने कहा,
«إِلَى مَتَى تَضَعُونَ أَشْرَاكًا لِلْكَلَامِ؟ تَعَقَّلُوا وَبَعْدُ نَتَكَلَّمُ. | ٢ 2 |
२“तुम कब तक फंदे लगा लगाकर वचन पकड़ते रहोगे? चित्त लगाओ, तब हम बोलेंगे।
لِمَاذَا حُسِبْنَا كَٱلْبَهِيمَةِ، وَتَنَجَّسْنَا فِي عُيُونِكُمْ؟ | ٣ 3 |
३हम लोग तुम्हारी दृष्टि में क्यों पशु के तुल्य समझे जाते, और मूर्ख ठहरे हैं।
يَا أَيُّهَا ٱلْمُفْتَرِسُ نَفْسَهُ فِي غَيْظِهِ، هَلْ لِأَجْلِكَ تُخْلَى ٱلْأَرْضُ، أَوْ يُزَحْزَحُ ٱلصَّخْرُ مِنْ مَكَانِهِ؟ | ٤ 4 |
४हे अपने को क्रोध में फाड़नेवाले क्या तेरे निमित्त पृथ्वी उजड़ जाएगी, और चट्टान अपने स्थान से हट जाएगी?
«نَعَمْ! نُورُ ٱلْأَشْرَارِ يَنْطَفِئُ، وَلَا يُضِيءُ لَهِيبُ نَارِهِ. | ٥ 5 |
५“तो भी दुष्टों का दीपक बुझ जाएगा, और उसकी आग की लौ न चमकेगी।
ٱلنُّورُ يُظْلِمُ فِي خَيْمَتِهِ، وَسِرَاجُهُ فَوْقَهُ يَنْطَفِئُ. | ٦ 6 |
६उसके डेरे में का उजियाला अंधेरा हो जाएगा, और उसके ऊपर का दिया बुझ जाएगा।
تَقْصُرُ خَطَوَاتُ قُوَّتِهِ، وَتَصْرَعُهُ مَشُورَتُهُ. | ٧ 7 |
७उसके बड़े-बड़े फाल छोटे हो जाएँगे और वह अपनी ही युक्ति के द्वारा गिरेगा।
لِأَنَّ رِجْلَيْهِ تَدْفَعَانِهِ فِي ٱلْمِصْلَاةِ فَيَمْشِي إِلَى شَبَكَةٍ. | ٨ 8 |
८वह अपना ही पाँव जाल में फँसाएगा, वह फंदों पर चलता है।
يُمْسِكُ ٱلْفَخُّ بِعَقِبِهِ، وَتَتَمَكَّنُ مِنْهُ ٱلشَّرَكُ. | ٩ 9 |
९उसकी एड़ी फंदे में फँस जाएगी, और वह जाल में पकड़ा जाएगा।
مَطْمُورَةٌ فِي ٱلْأَرْضِ حِبَالَتُهُ، وَمِصْيَدَتُهُ فِي ٱلسَّبِيلِ. | ١٠ 10 |
१०फंदे की रस्सियाँ उसके लिये भूमि में, और जाल रास्ते में छिपा दिया गया है।
تُرْهِبُهُ أَهْوَالٌ مِنْ حَوْلِهِ، وَتَذْعَرُهُ عِنْدَ رِجْلَيْهِ. | ١١ 11 |
११चारों ओर से डरावनी वस्तुएँ उसे डराएँगी और उसके पीछे पड़कर उसको भगाएँगी।
تَكُونُ قُوَّتُهُ جَائِعَةً وَٱلْبَوَارُ مُهَيَّأٌ بِجَانِبِهِ. | ١٢ 12 |
१२उसका बल दुःख से घट जाएगा, और विपत्ति उसके पास ही तैयार रहेगी।
يَأْكُلُ أَعْضَاءَ جَسَدِهِ. يَأْكُلُ أَعْضَاءَهُ بِكْرُ ٱلْمَوْتِ. | ١٣ 13 |
१३वह उसके अंग को खा जाएगी, वरन् मृत्यु का पहलौठा उसके अंगों को खा लेगा।
يَنْقَطِعُ عَنْ خَيْمَتِهِ، عَنِ ٱعْتِمَادِهِ، وَيُسَاقُ إِلَى مَلِكِ ٱلْأَهْوَالِ. | ١٤ 14 |
१४अपने जिस डेरे का भरोसा वह करता है, उससे वह छीन लिया जाएगा; और वह भयंकरता के राजा के पास पहुँचाया जाएगा।
يَسْكُنُ فِي خَيْمَتِهِ مَنْ لَيْسَ لَهُ. يُذَرُّ عَلَى مَرْبِضِهِ كِبْرِيتٌ. | ١٥ 15 |
१५जो उसके यहाँ का नहीं है वह उसके डेरे में वास करेगा, और उसके घर पर गन्धक छितराई जाएगी।
مِنْ تَحْتُ تَيْبَسُ أُصُولُهُ، وَمِنْ فَوْقُ يُقْطَعُ فَرْعُهُ. | ١٦ 16 |
१६उसकी जड़ तो सूख जाएगी, और डालियाँ कट जाएँगी।
ذِكْرُهُ يَبِيدُ مِنَ ٱلْأَرْضِ، وَلَا ٱسْمَ لَهُ عَلَى وَجْهِ ٱلْبَرِّ. | ١٧ 17 |
१७पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा, और बाजार में उसका नाम कभी न सुन पड़ेगा।
يُدْفَعُ مِنَ ٱلنُّورِ إِلَى ٱلظُّلْمَةِ، وَمِنَ ٱلْمَسْكُونَةِ يُطْرَدُ. | ١٨ 18 |
१८वह उजियाले से अंधियारे में ढकेल दिया जाएगा, और जगत में से भी भगाया जाएगा।
لَا نَسْلَ وَلَا عَقِبَ لَهُ بَيْنَ شَعْبِهِ، وَلَا شَارِدَ فِي مَحَالِّهِ. | ١٩ 19 |
१९उसके कुटुम्बियों में उसके कोई पुत्र-पौत्र न रहेगा, और जहाँ वह रहता था, वहाँ कोई बचा न रहेगा।
يَتَعَجَّبُ مِنْ يَوْمِهِ ٱلْمُتَأَخِّرُونَ، وَيَقْشَعِرُّ ٱلْأَقْدَمُونَ. | ٢٠ 20 |
२०उसका दिन देखकर पश्चिम के लोग भयाकुल होंगे, और पूर्व के निवासियों के रोएँ खड़े हो जाएँगे।
إِنَّمَا تِلْكَ مَسَاكِنُ فَاعِلِي ٱلشَّرِّ، وَهَذَا مَقَامُ مَنْ لَا يَعْرِفُ ٱللهَ». | ٢١ 21 |
२१निःसन्देह कुटिल लोगों के निवास ऐसे हो जाते हैं, और जिसको परमेश्वर का ज्ञान नहीं रहता, उसका स्थान ऐसा ही हो जाता है।”