< هُوشَع 12 >
«أَفْرَايِمُ رَاعِي ٱلرِّيحِ، وَتَابِعُ ٱلرِّيحِ ٱلشَّرْقِيَّةِ. كُلَّ يَوْمٍ يُكَثِّرُ ٱلْكَذِبَ وَٱلِٱغْتِصَابَ، وَيَقْطَعُونَ مَعَ أَشُّورَ عَهْدًا، وَٱلزَّيْتُ إِلَى مِصْرَ يُجْلَبُ. | ١ 1 |
इफ़्राईम हवा चरता है; वह पूरबी हवा के पीछे दौड़ता है। वह मुत्वातिर झूट पर झूट बोलता, और जु़ल्म करता है। वह असूरियों से 'अहद — ओ — पैमान करते, और मिस्र को तेल भेजते हैं।
فَلِلرَّبِّ خِصَامٌ مَعَ يَهُوذَا، وَهُوَ مُزْمِعٌ أَنْ يُعَاقِبَ يَعْقُوبَ بِحَسَبِ طُرُقِهِ. بِحَسَبِ أَفْعَالِهِ يَرُدُّ عَلَيْهِ. | ٢ 2 |
ख़ुदावन्द का यहूदाह के साथ भी झगड़ा है, और या'क़ूब को चाल चलन के मुताबिक़ उसकी सज़ा देगा; और उसके आ'माल के मुवाफ़िक़ उसका बदला देगा।
«فِي ٱلْبَطْنِ قَبَضَ بِعَقِبِ أَخِيهِ، وَبِقُوَّتِهِ جَاهَدَ مَعَ ٱللهِ. | ٣ 3 |
उसने रिहम में अपने भाई की एड़ी पकड़ी, और वह अपनी जवानी के दिनों में ख़ुदा से कुश्ती लड़ा।
جَاهَدَ مَعَ ٱلْمَلَاكِ وَغَلَبَ. بَكَى وَٱسْتَرْحَمَهُ. وَجَدَهُ فِي بَيْتِ إِيلَ وَهُنَاكَ تَكَلَّمَ مَعَنَا. | ٤ 4 |
हाँ, वह फ़रिश्ते से कुश्ती लड़ा और ग़ालिब आया। उसने रोकर दुआ की। उसने उसे बैतएल में पाया और वहाँ वह हम से हम कलाम हुआ
وَٱلرَّبُّ إِلَهُ ٱلْجُنُودِ يَهْوَهُ ٱسْمُهُ. | ٥ 5 |
या'नी ख़ुदावन्द रब्ब — उल — अफ़वाज, यहोवा उसकी यादगार है:
وَأَنْتَ فَٱرْجِعْ إِلَى إِلَهِكَ. اِحْفَظِ ٱلرَّحْمَةَ وَٱلْحَقَّ، وَٱنْتَظِرْ إِلَهَكَ دَائِمًا. | ٦ 6 |
“अब तू अपने ख़ुदा की तरफ़ रुजू' ला; नेकी और रास्ती पर क़ाईम, और हमेशा अपने ख़ुदा का उम्मीदवार रह।”
«مِثْلُ ٱلْكَنْعَانِيِّ فِي يَدِهِ مَوَازِينُ ٱلْغِشِّ. يُحِبُّ أَنْ يَظْلِمَ. | ٧ 7 |
वह सौदागर है, और दग़ा की तराजू उसके हाथ में है; वह जु़ल्म दोस्त है।
فَقَالَ أَفْرَايِمُ: إِنِّي صِرْتُ غَنِيًّا. وَجَدْتُ لِنَفْسِي ثَرْوَةً. جَمِيعُ أَتْعَابِي لَا يَجِدُونَ لِي فِيهَا ذَنْبًا هُوَ خَطِيَّةٌ. | ٨ 8 |
इफ़्राईम तो कहता है, 'मैं दौलतमंद और मैंने बहुत सा माल हासिल किया है। मेरी सारी कमाई में बदकिरदारी का गुनाह न पाएँगे।
وَأَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ حَتَّى أُسْكِنَكَ ٱلْخِيَامَ كَأَيَّامِ ٱلْمَوْسِمِ. | ٩ 9 |
लेकिन मैं मुल्क — ए — मिस्र से ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा हूँ; मैं फिर तुझ को 'ईद — ए — मुक़द्दस के दिनों के दस्तूर पर ख़ेमों में बसाऊँगा।
وَكَلَّمْتُ ٱلْأَنْبِيَاءَ وَكَثَّرْتُ ٱلرُّؤَى، وَبِيَدِ ٱلْأَنْبِيَاءِ مَثَّلْتُ أَمْثَالًا». | ١٠ 10 |
मैंने तो नबियों से कलाम किया; और रोया पर रोया दिखाई, और नबियों के वसील से तशबिहात इस्तेमाल कीं।
إِنَّهُمْ فِي جِلْعَادَ قَدْ صَارُوا إِثْمًا، بُطْلًا لَا غَيْرُ. فِي ٱلْجِلْجَالِ ذَبَحُوا ثِيرَانًا، وَمَذَابِحُهُمْ كَرُجَمٍ فِي أَتْلَامِ ٱلْحَقْلِ. | ١١ 11 |
यक़ीनन जिलआ'द में बदकिरदारी है, वो बिल्कुल बतालत हैं; वो जिल्जाल में बैल क़ुर्बान करते हैं, उनकी क़ुर्बानगाहे खेत की रेखारियों पर के तूदों की तरह हैं।
وَهَرَبَ يَعْقُوبُ إِلَى صَحْرَاءِ أَرَامَ، وَخَدَمَ إِسْرَائِيلُ لِأَجْلِ ٱمْرَأَةٍ، وَلِأَجْلِ ٱمْرَأَةٍ رَعَى. | ١٢ 12 |
और याकूब अराम की ज़मीन को भाग गया; इस्राईल बीवी के ख़ातिर नौकर बना, उसने बीवी की ख़ातिर चरवाही की।
وَبِنَبِيٍّ أَصْعَدَ ٱلرَّبُّ إِسْرَائِيلَ مِنْ مِصْرَ، وَبِنَبِيٍّ حُفِظَ. | ١٣ 13 |
एक नबी के वसीले से ख़ुदावन्द इस्राईल को मिस्र से निकाल लाया और नबी ही के वसीले से वह महफ़ूज़ रहा।
أَغَاظَهُ إِسْرَائِيلُ بِمَرَارَةٍ، فَيَتْرُكُ دِمَاءَهُ عَلَيْهِ، وَيَرُدُّ سَيِّدُهُ عَارَهُ عَلَيْهِ. | ١٤ 14 |
इफ़्राईम ने बड़े सख़्त ग़ज़बअंगेज़ काम किए; इसलिए उसका खू़न उसी की गर्दन पर होगा और उसका ख़ुदावन्द उसकी मलामत उसी के सिर पर लाएगा।