< اَلتَّكْوِينُ 16 >
وَأَمَّا سَارَايُ ٱمْرَأَةُ أَبْرَامَ فَلَمْ تَلِدْ لَهُ. وَكَانَتْ لَهَا جَارِيَةٌ مِصْرِيَّةٌ ٱسْمُهَا هَاجَرُ، | ١ 1 |
१अब्राम की पत्नी सारै के कोई सन्तान न थी: और उसके हागार नाम की एक मिस्री दासी थी।
فَقَالَتْ سَارَايُ لِأَبْرَامَ: «هُوَذَا ٱلرَّبُّ قَدْ أَمْسَكَنِي عَنِ ٱلْوِلَادَةِ. ٱدْخُلْ عَلَى جَارِيَتِي لَعَلِّي أُرْزَقُ مِنْهَا بَنِينَ». فَسَمِعَ أَبْرَامُ لِقَوْلِ سَارَايَ. | ٢ 2 |
२सारै ने अब्राम से कहा, “देख, यहोवा ने तो मेरी कोख बन्द कर रखी है इसलिए मैं तुझ से विनती करती हूँ कि तू मेरी दासी के पास जा; सम्भव है कि मेरा घर उसके द्वारा बस जाए।” सारै की यह बात अब्राम ने मान ली।
فَأَخَذَتْ سَارَايُ ٱمْرَأَةُ أَبْرَامَ هَاجَرَ ٱلْمِصْرِيَّةَ جَارِيَتَهَا، مِنْ بَعْدِ عَشَرِ سِنِينَ لإِقَامَةِ أَبْرَامَ فِي أَرْضِ كَنْعَانَ، وَأَعْطَتْهَا لِأَبْرَامَ رَجُلِهَا زَوْجَةً لَهُ. | ٣ 3 |
३इसलिए जब अब्राम को कनान देश में रहते दस वर्ष बीत चुके तब उसकी स्त्री सारै ने अपनी मिस्री दासी हागार को लेकर अपने पति अब्राम को दिया, कि वह उसकी पत्नी हो।
فَدَخَلَ عَلَى هَاجَرَ فَحَبِلَتْ. وَلَمَّا رَأَتْ أَنَّهَا حَبِلَتْ صَغُرَتْ مَوْلَاتُهَا فِي عَيْنَيْهَا. | ٤ 4 |
४वह हागार के पास गया, और वह गर्भवती हुई; जब उसने जाना कि वह गर्भवती है, तब वह अपनी स्वामिनी को अपनी दृष्टि में तुच्छ समझने लगी।
فَقَالَتْ سَارَايُ لِأَبْرَامَ: «ظُلْمِي عَلَيْكَ! أَنَا دَفَعْتُ جَارِيَتِي إِلَى حِضْنِكَ، فَلَمَّا رَأَتْ أَنَّهَا حَبِلَتْ صَغُرْتُ فِي عَيْنَيْهَا. يَقْضِي ٱلرَّبُّ بَيْنِي وَبَيْنَكَ». | ٥ 5 |
५तब सारै ने अब्राम से कहा, “जो मुझ पर उपद्रव हुआ वह तेरे ही सिर पर हो। मैंने तो अपनी दासी को तेरी पत्नी कर दिया; पर जब उसने जाना कि वह गर्भवती है, तब वह मुझे तुच्छ समझने लगी, इसलिए यहोवा मेरे और तेरे बीच में न्याय करे।”
فَقَالَ أَبْرَامُ لِسَارَايَ: «هُوَذَا جَارِيَتُكِ فِي يَدِكِ. ٱفْعَلِي بِهَا مَا يَحْسُنُ فِي عَيْنَيْكِ». فَأَذَلَّتْهَا سَارَايُ، فَهَرَبَتْ مِنْ وَجْهِهَا. | ٦ 6 |
६अब्राम ने सारै से कहा, “देख तेरी दासी तेरे वश में है; जैसा तुझे भला लगे वैसा ही उसके साथ कर।” तब सारै उसको दुःख देने लगी और वह उसके सामने से भाग गई।
فَوَجَدَهَا مَلَاكُ ٱلرَّبِّ عَلَى عَيْنِ ٱلْمَاءِ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ، عَلَى ٱلْعَيْنِ ٱلَّتِي فِي طَرِيقِ شُورَ. | ٧ 7 |
७तब यहोवा के दूत ने उसको जंगल में शूर के मार्ग पर जल के एक सोते के पास पाकर कहा,
وَقَالَ: «يَا هَاجَرُ جَارِيَةَ سَارَايَ، مِنْ أَيْنَ أَتَيْتِ؟ وَإِلَى أَيْنَ تَذْهَبِينَ؟». فَقَالَتْ: «أَنَا هَارِبَةٌ مِنْ وَجْهِ مَوْلَاتِي سَارَايَ». | ٨ 8 |
८“हे सारै की दासी हागार, तू कहाँ से आती और कहाँ को जाती है?” उसने कहा, “मैं अपनी स्वामिनी सारै के सामने से भाग आई हूँ।”
فَقَالَ لَهَا مَلَاكُ ٱلرَّبِّ: «ٱرْجِعِي إِلَى مَوْلَاتِكِ وَٱخْضَعِي تَحْتَ يَدَيْهَا». | ٩ 9 |
९यहोवा के दूत ने उससे कहा, “अपनी स्वामिनी के पास लौट जा और उसके वश में रह।”
وَقَالَ لَهَا مَلَاكُ ٱلرَّبِّ: «تَكْثِيرًا أُكَثِّرُ نَسْلَكِ فَلَا يُعَدُّ مِنَ ٱلْكَثْرَةِ». | ١٠ 10 |
१०और यहोवा के दूत ने उससे कहा, “मैं तेरे वंश को बहुत बढ़ाऊँगा, यहाँ तक कि बहुतायत के कारण उसकी गिनती न हो सकेगी।”
وَقَالَ لَهَا مَلَاكُ ٱلرَّبِّ: «هَا أَنْتِ حُبْلَى، فَتَلِدِينَ ٱبْنًا وَتَدْعِينَ ٱسْمَهُ إِسْمَاعِيلَ، لِأَنَّ ٱلرَّبَّ قَدْ سَمِعَ لِمَذَلَّتِكِ. | ١١ 11 |
११और यहोवा के दूत ने उससे कहा, “देख तू गर्भवती है, और पुत्र जनेगी; तू उसका नाम इश्माएल रखना; क्योंकि यहोवा ने तेरे दुःख का हाल सुन लिया है।
وَإِنَّهُ يَكُونُ إِنْسَانًا وَحْشِيًّا، يَدُهُ عَلَى كُلِّ وَاحِدٍ، وَيَدُ كُلِّ وَاحِدٍ عَلَيْهِ، وَأَمَامَ جَمِيعِ إِخْوَتِهِ يَسْكُنُ». | ١٢ 12 |
१२और वह मनुष्य जंगली गदहे के समान होगा, उसका हाथ सब के विरुद्ध उठेगा, और सब के हाथ उसके विरुद्ध उठेंगे; और वह अपने सब भाई-बन्धुओं के मध्य में बसा रहेगा।”
فَدَعَتِ ٱسْمَ ٱلرَّبِّ ٱلَّذِي تَكَلَّمَ مَعَهَا: «أَنْتَ إِيلُ رُئِي». لِأَنَّهَا قَالَتْ: «أَهَهُنَا أَيْضًا رَأَيْتُ بَعْدَ رُؤْيَةٍ؟». | ١٣ 13 |
१३तब उसने यहोवा का नाम जिसने उससे बातें की थीं, अत्ताएलरोई रखकर कहा, “क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई और देखने के बाद भी जीवित रही?”
لِذَلِكَ دُعِيَتِ ٱلْبِئْرُ «بِئْرَ لَحَيْ رُئِي». هَا هِيَ بَيْنَ قَادِشَ وَبَارَدَ. | ١٤ 14 |
१४इस कारण उस कुएँ का नाम बएर-लहई-रोई कुआँ पड़ा; वह तो कादेश और बेरेद के बीच में है।
فَوَلَدَتْ هَاجَرُ لِأَبْرَامَ ٱبْنًا. وَدَعَا أَبْرَامُ ٱسْمَ ٱبْنِهِ ٱلَّذِي وَلَدَتْهُ هَاجَرُ «إِسْمَاعِيلَ». | ١٥ 15 |
१५हागार को अब्राम के द्वारा एक पुत्र हुआ; और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम, जिसे हागार ने जन्म दिया था, इश्माएल रखा।
كَانَ أَبْرَامُ ٱبْنَ سِتٍّ وَثَمَانِينَ سَنَةً لَمَّا وَلَدَتْ هَاجَرُ إِسْمَاعِيلَ لِأَبْرَامَ. | ١٦ 16 |
१६जब हागार ने अब्राम के द्वारा इश्माएल को जन्म दिया उस समय अब्राम छियासी वर्ष का था।