< اَلتَّكْوِينُ 13 >
فَصَعِدَ أَبْرَامُ مِنْ مِصْرَ هُوَ وَٱمْرَأَتُهُ وَكُلُّ مَا كَانَ لَهُ، وَلُوطٌ مَعَهُ إِلَى ٱلْجَنُوبِ. | ١ 1 |
अब्राम अपनी पत्नी, सारी संपत्ति और लोत को लेकर कनान देश के नेगेव में आए.
وَكَانَ أَبْرَامُ غَنِيًّا جِدًّا فِي ٱلْمَوَاشِي وَٱلْفِضَّةِ وَٱلذَّهَبِ. | ٢ 2 |
अब्राम के पास बहुत पशु, सोने तथा चांदी होने के कारण वे बहुत धनी हो गये थे.
وَسَارَ فِي رِحْلَاتِهِ مِنَ ٱلْجَنُوبِ إِلَى بَيْتِ إِيلَ، إِلَى ٱلْمَكَانِ ٱلَّذِي كَانَتْ خَيْمَتُهُ فِيهِ فِي ٱلْبَدَاءَةِ، بَيْنَ بَيْتِ إِيلَ وَعَايَ، | ٣ 3 |
वे नेगेव से बेथेल तक पहुंच गए, जहां वे पहले रहते थे अर्थात् बेथेल तथा अय के बीच में.
إِلَى مَكَانِ ٱلْمَذْبَحِ ٱلَّذِي عَمِلَهُ هُنَاكَ أَوَّلًا. وَدَعَا هُنَاكَ أَبْرَامُ بِٱسْمِ ٱلرَّبِّ. | ٤ 4 |
और जहां उन्होंने पहले एक वेदी बनाई थी वहां अब्राम ने याहवेह से प्रार्थना की.
وَلُوطٌ ٱلسَّائِرُ مَعَ أَبْرَامَ، كَانَ لَهُ أَيْضًا غَنَمٌ وَبَقَرٌ وَخِيَامٌ. | ٥ 5 |
लोत के पास भी बहुत भेड़-बकरियां और पशु थे. उन्होंने भी अब्राम के पास अपने तंबू लगाए.
وَلَمْ تَحْتَمِلْهُمَا ٱلْأَرْضُ أَنْ يَسْكُنَا مَعًا، إِذْ كَانَتْ أَمْلَاكُهُمَا كَثِيرَةً، فَلَمْ يَقْدِرَا أَنْ يَسْكُنَا مَعًا. | ٦ 6 |
पर ज़मीन की कमी के कारण वे दोनों एक साथ न रह पा रहे थे क्योंकि उनके पास बहुत अधिक संपत्ति थी.
فَحَدَثَتْ مُخَاصَمَةٌ بَيْنَ رُعَاةِ مَوَاشِي أَبْرَامَ وَرُعَاةِ مَوَاشِي لُوطٍ. وَكَانَ ٱلْكَنْعَانِيُّونَ وَٱلْفَرِزِّيُّونَ حِينَئِذٍ سَاكِنِينَ فِي ٱلْأَرْضِ. | ٧ 7 |
और अब्राम तथा लोत के चरवाहों के बीच आपस में लड़ाई हो जाती थी. और उस समय उस देश में कनानी एवं परिज्ज़ी लोग भी रहते थे.
فَقَالَ أَبْرَامُ لِلُوطٍ: «لَا تَكُنْ مُخَاصَمَةٌ بَيْنِي وَبَيْنَكَ، وَبَيْنَ رُعَاتِي وَرُعَاتِكَ، لِأَنَّنَا نَحْنُ أَخَوَانِ. | ٨ 8 |
इसलिये अब्राम ने लोत से कहा, “हम दोनों के बीच और हमारे चरवाहों के बीच झगड़ा न हो, क्योंकि हम एक ही परिवार के हैं.
أَلَيْسَتْ كُلُّ ٱلْأَرْضِ أَمَامَكَ؟ ٱعْتَزِلْ عَنِّي. إِنْ ذَهَبْتَ شِمَالًا فَأَنَا يَمِينًا، وَإِنْ يَمِينًا فَأَنَا شِمَالًا». | ٩ 9 |
इसलिये हम दोनों अलग हो जाते हैं. यदि तुम बायीं दिशा में जाना चाहते हो, तो मैं दायीं ओर चला जाऊंगा और यदि तुम दायीं दिशा में जाना चाहते हो, तो मैं बायीं ओर चला जाऊंगा.”
فَرَفَعَ لُوطٌ عَيْنَيْهِ وَرَأَى كُلَّ دَائِرَةِ ٱلْأُرْدُنِّ أَنَّ جَمِيعَهَا سَقْيٌ، قَبْلَمَا أَخْرَبَ ٱلرَّبُّ سَدُومَ وَعَمُورَةَ، كَجَنَّةِ ٱلرَّبِّ، كَأَرْضِ مِصْرَ. حِينَمَا تَجِيءُ إِلَى صُوغَرَ. | ١٠ 10 |
लोत ने यरदन नदी व उसके आस-पास की हरियाली को देखा; वह चारों तरफ फैली थी और ज़ोअर की दिशा में यरदन नदी भी पानी से भरी थी. वह याहवेह का बगीचा, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी. (यह याहवेह के द्वारा सोदोम व अमोराह को नाश करने के पहले की बात है.)
فَٱخْتَارَ لُوطٌ لِنَفْسِهِ كُلَّ دَائِرَةِ ٱلْأُرْدُنِّ، وَٱرْتَحَلَ لُوطٌ شَرْقًا. فَٱعْتَزَلَ ٱلْوَاحِدُ عَنِ ٱلْآخَرِ. | ١١ 11 |
इसलिये लोत ने यरदन घाटी को जो, पूर्व दिशा की ओर है, चुन लिया. इस प्रकार लोत तथा अब्राम एक दूसरे से अलग हो गए.
أَبْرَامُ سَكَنَ فِي أَرْضِ كَنْعَانَ، وَلُوطٌ سَكَنَ فِي مُدُنِ ٱلدَّائِرَةِ، وَنَقَلَ خِيَامَهُ إِلَى سَدُومَ. | ١٢ 12 |
अब्राम कनान देश में बस गए तथा लोत यरदन घाटी के नगरों में. लोत ने अपने तंबू सोदोम नगर के निकट खड़े किए.
وَكَانَ أَهْلُ سَدُومَ أَشْرَارًا وَخُطَاةً لَدَى ٱلرَّبِّ جِدًّا. | ١٣ 13 |
सोदोम के पुरुष दुष्ट थे और याहवेह की दृष्टि में वे बहुत पापी थे.
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِأَبْرَامَ، بَعْدَ ٱعْتِزَالِ لُوطٍ عَنْهُ: «ٱرْفَعْ عَيْنَيْكَ وَٱنْظُرْ مِنَ ٱلْمَوْضِعِ ٱلَّذِي أَنْتَ فِيهِ شِمَالًا وَجَنُوبًا وَشَرْقًا وَغَرْبًا، | ١٤ 14 |
लोत से अब्राम के अलग होने के बाद याहवेह ने अब्राम से कहा, “तुम जिस स्थान पर खड़े हो, वहां से चारों ओर देखो.
لِأَنَّ جَمِيعَ ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَنْتَ تَرَى لَكَ أُعْطِيهَا وَلِنَسْلِكَ إِلَى ٱلْأَبَدِ. | ١٥ 15 |
क्योंकि यह सारी भूमि, जो तुम्हें दिख रही है, मैं तुम्हें तथा तुम्हारे वंश को हमेशा के लिए दूंगा.
وَأَجْعَلُ نَسْلَكَ كَتُرَابِ ٱلْأَرْضِ، حَتَّى إِذَا ٱسْتَطَاعَ أَحَدٌ أَنْ يَعُدَّ تُرَابَ ٱلْأَرْضِ فَنَسْلُكَ أَيْضًا يُعَدُّ. | ١٦ 16 |
मैं तुम्हारे वंश को भूमि की धूल के कण के समान असंख्य बना दूंगा, तब यदि कोई इन कणों को गिन सके, तो तुम्हारे वंश को भी गिन पायेगा.
قُمِ ٱمْشِ فِي ٱلْأَرْضِ طُولَهَا وَعَرْضَهَا، لِأَنِّي لَكَ أُعْطِيهَا». | ١٧ 17 |
अब उठो, इस देश की लंबाई और चौड़ाई में चलो फिरो, क्योंकि यह मैं तुम्हें दूंगा.”
فَنَقَلَ أَبْرَامُ خِيَامَهُ وَأَتَى وَأَقَامَ عِنْدَ بَلُّوطَاتِ مَمْرَا ٱلَّتِي فِي حَبْرُونَ، وَبَنَى هُنَاكَ مَذْبَحًا لِلرَّبِّ. | ١٨ 18 |
इसलिये अब्राम ने हेब्रोन में ममरे के बांज वृक्ष के पास अपने तंबू खड़े किए और उन्होंने वहां याहवेह के लिए एक वेदी बनाई.