< حِزْقِيَال 34 >
وَكَانَ إِلَيَّ كَلَامُ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: | ١ 1 |
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
«يَا ٱبْنَ آدَمَ، تَنَبَّأْ عَلَى رُعَاةِ إِسْرَائِيلَ، تَنَبَّأْ وَقُلْ لَهُمْ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ لِلرُّعَاةِ: وَيْلٌ لِرُعَاةِ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِينَ كَانُوا يَرْعَوْنَ أَنْفُسَهُمْ. أَلَا يَرْعَى ٱلرُّعَاةُ ٱلْغَنَمَ؟ | ٢ 2 |
“हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के चरवाहों के विरुद्ध भविष्यवाणी करो; भविष्यवाणी करके कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: धिक्कार है तुम पर, हे इस्राएल के चरवाहों, जो सिर्फ अपना ही ध्यान रखते हो! क्या चरवाहों को झुंड का ध्यान नहीं रखना चाहिये?
تَأْكُلُونَ ٱلشَّحْمَ، وَتَلْبَسُونَ ٱلصُّوفَ وَتَذْبَحُونَ ٱلسَّمِينَ، وَلَا تَرْعَوْنَ ٱلْغَنَمَ. | ٣ 3 |
तुम दही खाते हो, ऊनी कपड़े पहनते हो और खाने के लिये चुनकर पशुओं को काटते हो, पर तुम झुंड का ध्यान नहीं रखते हो.
ٱلْمَرِيضُ لَمْ تُقَوُّوهُ، وَٱلْمَجْرُوحُ لَمْ تَعْصِبُوهُ، وَٱلْمَكْسُورُ لَمْ تَجْبُرُوهُ، وَٱلْمَطْرُودُ لَمْ تَسْتَرِدُّوهُ، وَٱلضَّالُّ لَمْ تَطْلُبُوهُ، بَلْ بِشِدَّةٍ وَبِعُنْفٍ تَسَلَّطْتُمْ عَلَيْهِمْ. | ٤ 4 |
तुमने कमजोर को बलवान नहीं किया, बीमार को चंगा नहीं किया या घायल की मरहम पट्टी नहीं किया. तुम भटके हुओं को सही रास्ते पर नहीं लाए या खोये हुओं को नहीं ढूंढ़े. तुमने उन पर कठोरता और निर्दयता से शासन किया है.
فَتَشَتَّتَتْ بِلَا رَاعٍ وَصَارَتْ مَأْكَلًا لِجَمِيعِ وُحُوشِ ٱلْحَقْلِ، وَتَشَتَّتَتْ. | ٥ 5 |
इसलिये वे तितर-बितर हो गये, क्योंकि उनका कोई चरवाहा न था, और जब वे तितर-बितर हो गये, तो वे सब जंगली पशुओं का आहार बन गये.
ضَلَّتْ غَنَمِي فِي كُلِّ ٱلْجِبَالِ، وَعَلَى كُلِّ تَلٍّ عَالٍ، وَعَلَى كُلِّ وَجْهِ ٱلْأَرْضِ. تَشَتَّتَتْ غَنَمِي وَلَمْ يَكُنْ مَنْ يَسْأَلُ أَوْ يُفَتِّشُ. | ٦ 6 |
मेरी भेड़ें सब पहाड़ों और ऊंचे पठारों पर भटकती रहीं. वे सारी पृथ्वी पर तितर-बितर हो गईं, और किसी ने भी उनको नहीं ढूंढ़ा या उनकी सुधि नहीं ली.
«فَلِذَلِكَ أَيُّهَا ٱلرُّعَاةُ ٱسْمَعُوا كَلَامَ ٱلرَّبِّ: | ٧ 7 |
“‘इसलिये हे चरवाहों, याहवेह की बात सुनो:
حَيٌّ أَنَا، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ، مِنْ حَيْثُ إِنَّ غَنَمِي صَارَتْ غَنِيمَةً وَصَارَتْ غَنَمِي مَأْكَلًا لِكُلِّ وَحْشِ ٱلْحَقْلِ، إِذْ لَمْ يَكُنْ رَاعٍ وَلَا سَأَلَ رُعَاتِي عَنْ غَنَمِي، وَرَعَى ٱلرُّعَاةُ أَنْفُسَهُمْ وَلَمْ يَرْعَوْا غَنَمِي، | ٨ 8 |
परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, क्योंकि मेरे झुंड का कोई चरवाहा नहीं है और इसलिये उसे लूटा गया है और वह सब जंगली पशुओं का आहार बन गया है, और क्योंकि मेरे चरवाहों ने मेरे झुंड की खोज नहीं की और मेरे झुंड पर ध्यान देने के बदले अपने आप पर ध्यान दिया,
فَلِذَلِكَ أَيُّهَا ٱلرُّعَاةُ ٱسْمَعُوا كَلَامَ ٱلرَّبِّ: | ٩ 9 |
इसलिये हे चरवाहों, तुम याहवेह की बात सुनो:
هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا عَلَى ٱلرُّعَاةِ وَأَطْلُبُ غَنَمِي مِنْ يَدِهِمْ، وَأَكُفُّهُمْ عَنْ رَعْيِ ٱلْغَنَمِ، وَلَا يَرْعَى ٱلرُّعَاةُ أَنْفُسَهُمْ بَعْدُ، فَأُخَلِّصُ غَنَمِي مِنْ أَفْوَاهِهِمْ فَلَا تَكُونُ لَهُمْ مَأْكَلًا. | ١٠ 10 |
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं चरवाहों के विरुद्ध हूं और मैं उनसे अपने झुंड का लेखा लूंगा. मैं उनको झुंड को चराने के काम से हटा दूंगा ताकि चरवाहे फिर अपना भरण-पोषण न कर सकें. मैं उनके मुंह से अपने झुंड को छुड़ाऊंगा, और वे फिर उनका आहार नहीं होंगे.
لِأَنَّهُ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا أَسْأَلُ عَنْ غَنَمِي وَأَفْتَقِدُهَا. | ١١ 11 |
“‘क्योंकि परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं स्वयं अपनी भेड़ों को खोजूंगा और उनकी देखभाल करूंगा.
كَمَا يَفْتَقِدُ ٱلرَّاعِي قَطِيعَهُ يَوْمَ يَكُونُ فِي وَسْطِ غَنَمِهِ ٱلْمُشَتَّتَةِ، هَكَذَا أَفْتَقِدُ غَنَمِي وَأُخَلِّصُهَا مِنْ جَمِيعِ ٱلْأَمَاكِنِ ٱلَّتِي تَشَتَّتَتْ إِلَيْهَا فِي يَوْمِ ٱلْغَيْمِ وَٱلضَّبَابِ. | ١٢ 12 |
जिस प्रकार एक चरवाहा अपने बिखरे हुए झुंड की देखभाल करता है, जब वह उनके साथ होता है, उस प्रकार मैं भी अपने भेड़ों की देखभाल करूंगा. मैं उन्हें उन सब जगहों से बचाऊंगा, जहां वे बादलों और अंधकार से घिरे दिन में तितर-बितर हो गये थे.
وَأُخْرِجُهَا مِنَ ٱلشُّعُوبِ وَأَجْمَعُهَا مِنَ ٱلْأَرَاضِي، وَآتِي بِهَا إِلَى أَرْضِهَا وَأَرْعَاهَا عَلَى جِبَالِ إِسْرَائِيلَ وَفِي ٱلْأَوْدِيَةِ وَفِي جَمِيعِ مَسَاكِنِ ٱلْأَرْضِ. | ١٣ 13 |
मैं उन्हें जाति-जाति के लोगों बीच से निकालकर लाऊंगा और देश-देश से उन्हें इकट्ठा करूंगा, और मैं उन्हें उनके स्वयं के देश में ले आऊंगा. मैं उन्हें इस्राएल के पर्वतों पर, घाटियों में और देश के उन सारे जगहों में चराऊंगा, जहां लोग बसे हुए हैं.
أَرْعَاهَا فِي مَرْعًى جَيِّدٍ، وَيَكُونُ مَرَاحُهَا عَلَى جِبَالِ إِسْرَائِيلَ ٱلْعَالِيَةِ. هُنَالِكَ تَرْبُضُ فِي مَرَاحٍ حَسَنٍ، وَفِي مَرْعًى دَسِمٍ يَرْعَوْنَ عَلَى جِبَالِ إِسْرَائِيلَ. | ١٤ 14 |
मैं उन्हें अच्छे चरागाह में चराऊंगा, और इस्राएल के पर्वत की ऊंचाइयां उनके चरने के स्थान होंगे. वहां वे अच्छे चरने की जगह पर लेटेंगे, और वहां वे इस्राएल के पर्वतों पर एक अच्छे चरागाह में चरेंगे.
أَنَا أَرْعَى غَنَمِي وَأُرْبِضُهَا، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. | ١٥ 15 |
मैं स्वयं अपनी भेड़ों को चराऊंगा और उन्हें आराम कराऊंगा, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
وَأَطْلُبُ ٱلضَّالَّ، وَأَسْتَرِدُّ ٱلْمَطْرُودَ، وَأَجْبِرُ ٱلْكَسِيرَ، وَأَعْصِبُ ٱلْجَرِيحَ، وَأُبِيدُ ٱلسَّمِينَ وَٱلْقَوِيَّ، وَأَرْعَاهَا بِعَدْلٍ. | ١٦ 16 |
मैं खोए हुओं को खोजूंगा और भटके हुओं को वापस ले आऊंगा. मैं घायलों की मरहम पट्टी करूंगा और जो कमजोर हैं, उन्हें बलवान बनाऊंगा, पर जो चिकने और पुष्ट हैं, उन्हें नष्ट कर दूंगा. मैं न्याय के साथ झुंड की देखभाल करूंगा.
وَأَنْتُمْ يَا غَنَمِي، فَهَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا أَحْكُمُ بَيْنَ شَاةٍ وَشَاةٍ، بَيْنَ كِبَاشٍ وَتُيُوسٍ. | ١٧ 17 |
“‘जहां तक तुम्हारा सवाल है, हे मेरे झुंड, परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं एक भेड़ और दूसरी भेड़ के बीच, और मेढ़ों और बकरों-बकरियों के बीच न्याय करूंगा.
أَهُوَ صَغِيرٌ عِنْدَكُمْ أَنْ تَرْعَوْا ٱلْمَرْعَى ٱلْجَيِّدَ، وَبَقِيَّةُ مَرَاعِيكُمْ تَدُوسُونَهَا بِأَرْجُلِكُمْ، وَأَنْ تَشْرَبُوا مِنَ ٱلْمِيَاهِ ٱلْعَمِيقَةِ، وَٱلْبَقِيَّةُ تُكَدِّرُونَهَا بِأَقْدَامِكُمْ؟ | ١٨ 18 |
क्या तुम्हारे लिये यह पर्याप्त नहीं है कि तुम अच्छे चरागाह में चरो? क्या ज़रूरी है कि अपने बचे हुए चरागाह को अपने पैरों से रौंदो? क्या साफ पानी पीना तुम्हारे लिये पर्याप्त नहीं है? क्या ज़रूरी है कि बाकी को अपने पैरों से गंदा करो?
وَغَنَمِي تَرْعَى مِنْ دَوْسِ أَقْدَامِكُمْ، وَتَشْرَبُ مِنْ كَدَرِ أَرْجُلِكُمْ! | ١٩ 19 |
क्या ज़रूरी है कि मेरा झुंड उसमें से खाएं, जिसे तुमने रौंद दिया है और उसमें से पिए जिसे तुमने अपने पैरों से गंदा कर दिया है?
«لِذَلِكَ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ لَهُمْ: هَأَنَذَا أَحْكُمُ بَيْنَ ٱلشَّاةِ ٱلسَّمِينَةِ وَٱلشَّاةِ ٱلْمَهْزُولَةِ. | ٢٠ 20 |
“‘इसलिये परम प्रधान याहवेह का उनसे यह कहना है: देखो, मैं स्वयं मोटी भेड़ और पतली भेड़ के बीच न्याय करूंगा.
لِأَنَّكُمْ بَهَزْتُمْ بِٱلْجَنْبِ وَٱلْكَتِفِ، وَنَطَحْتُمُ ٱلْمَرِيضَةَ بِقُرُونِكُمْ حَتَّى شَتَّتْمُوهَا إِلَى خَارِجٍ. | ٢١ 21 |
क्योंकि तुम सब दुर्बल भेड़ों को अपने बाजू और अपने कंधों से तब तक ढकेलते और उन्हें सींग मारते हो, जब तक कि वे दूर नहीं चले जाते,
فَأُخَلِّصُ غَنَمِي فَلَا تَكُونُ مِنْ بَعْدُ غَنِيمَةً، وَأَحْكُمُ بَيْنَ شَاةٍ وَشَاةٍ. | ٢٢ 22 |
मैं अपनी भेड़ों को बचाऊंगा, और उन्हें फिर लूटा नहीं जाएगा. मैं एक भेड़ और दूसरी भेड़ के बीच न्याय करूंगा.
وَأُقِيمُ عَلَيْهَا رَاعِيًا وَاحِدًا فَيَرْعَاهَا عَبْدِي دَاوُدُ، هُوَ يَرْعَاهَا وَهُوَ يَكُونُ لَهَا رَاعِيًا. | ٢٣ 23 |
मैं उनके ऊपर एक चरवाहा, अपने सेवक दावीद को ठहराऊंगा, और वह उनको चराएगा; वह उनको चराएगा और उनका चरवाहा होगा.
وَأَنَا ٱلرَّبُّ أَكُونُ لَهُمْ إِلَهًا، وَعَبْدِي دَاوُدُ رَئِيسًا فِي وَسْطِهِمْ. أَنَا ٱلرَّبُّ تَكَلَّمْتُ. | ٢٤ 24 |
मैं याहवेह उनका परमेश्वर ठहरूंगा, और मेरा सेवक दावीद उनके बीच राजकुमार होगा. मैं याहवेह ने कहा है.
وَأَقْطَعُ مَعَهُمْ عَهْدَ سَلَامٍ، وَأَنْزِعُ ٱلْوُحُوشَ ٱلرَّدِيئَةَ مِنَ ٱلْأَرْضِ، فَيَسْكُنُونَ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ مُطْمَئِنِّينَ وَيَنَامُونَ فِي ٱلْوُعُورِ. | ٢٥ 25 |
“‘मैं उनके साथ शांति की एक वाचा बांधूंगा और देश को दुष्ट पशुओं से छुटकारा दूंगा, ताकि वे निर्जन प्रदेश में सुरक्षित रहें और जंगलों में चैन से सोएं.
وَأَجْعَلُهُمْ وَمَا حَوْلَ أَكَمَتِي بَرَكَةً، وَأُنْزِلُ عَلَيْهِمِ ٱلْمَطَرَ فِي وَقْتِهِ فَتَكُونُ أَمْطَارَ بَرَكَةٍ. | ٢٦ 26 |
मैं उन्हें तथा मेरी पहाड़ी के आस-पास के जगहों को आशीष का कारण बनाऊंगा. मैं समय पर बारिश भेजूंगा; वहां आशीष की बारिश होगी.
وَتُعْطِي شَجَرَةُ ٱلْحَقْلِ ثَمَرَتَهَا، وَتُعْطِي ٱلْأَرْضُ غَلَّتَهَا، وَيَكُونُونَ آمِنِينَ فِي أَرْضِهِمْ، وَيَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ عِنْدَ تَكْسِيرِي رُبُطَ نِيرِهِمْ، وَإِذَا أَنْقَذْتُهُمْ مِنْ يَدِ ٱلَّذِينَ ٱسْتَعْبَدُوهُمْ. | ٢٧ 27 |
पेड़ों में फल लगेंगे और भूमि अपना उपज देगी; लोग अपने देश में सुरक्षित रहेंगे. जब मैं उनके जूए को तोड़ूंगा और उन्हें उन लोगों के हाथों से छुड़ाऊंगा, जिन्होंने उन्हें गुलाम बना लिया है, तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.
فَلَا يَكُونُونَ بَعْدُ غَنِيمَةً لِلْأُمَمِ، وَلَا يَأْكُلُهُمْ وَحْشُ ٱلْأَرْضِ، بَلْ يَسْكُنُونَ آمِنِينَ وَلَا مُخِيفٌ. | ٢٨ 28 |
वे जाति-जाति के लोगों के द्वारा फिर लूटे नहीं जाएंगे, और न ही जंगली जानवर उन्हें फाड़ खाएंगे. वे सुरक्षित रहेंगे, और उन्हें कोई नहीं डराएगा.
وَأُقِيمُ لَهُمْ غَرْسًا لِصِيتٍ فَلَا يَكُونُونَ بَعْدُ مَفْنِيِّي ٱلْجُوعِ فِي ٱلْأَرْضِ، وَلَا يَحْمِلُونَ بَعْدُ تَعْيِيرَ ٱلْأُمَمِ. | ٢٩ 29 |
मैं उन्हें एक ऐसा देश दूंगा, जो अपने फसल के लिये जाना जाता है, और वे देश में फिर अकाल से पीड़ित न होंगे या जाति-जाति के लोग उन्हें अपमानित नहीं करेंगे.
فَيَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُهُمْ مَعَهُمْ، وَهُمْ شَعْبِي بَيْتُ إِسْرَائِيلَ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. | ٣٠ 30 |
तब वे जानेंगे कि मैं, याहवेह उनका परमेश्वर उनके साथ हूं और यह भी कि वे, इस्राएली मेरे लोग हैं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
وَأَنْتُمْ يَا غَنَمِي، غَنَمُ مَرْعَايَ، أُنَاسٌ أَنْتُمْ. أَنَا إِلَهُكُمْ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ». | ٣١ 31 |
तुम मेरी भेड़ें हो, मेरे चरागाह की भेड़ें, और मैं तुम्हारा परमेश्वर हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”