< حِزْقِيَال 28 >
وَكَانَ إِلَيَّ كَلَامُ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: | ١ 1 |
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
«يَا ٱبْنَ آدَمَ، قُلْ لِرَئِيسِ صُورَ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ أَنَّهُ قَدِ ٱرْتَفَعَ قَلْبُكَ وَقُلْتَ: أَنَا إِلَهٌ. فِي مَجْلِسِ ٱلْآلِهَةِ أَجْلِسُ فِي قَلْبِ ٱلْبِحَارِ. وَأَنْتَ إِنْسَانٌ لَا إِلَهٌ، وَإِنْ جَعَلْتَ قَلْبَكَ كَقَلْبِ ٱلْآلِهَةِ! | ٢ 2 |
“हे मनुष्य के पुत्र, सोर के शासक से कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘अपने मन में फूलकर तुम कहते हो, “मैं एक ईश्वर हूं; मैं समुद्र के बीच एक ईश्वर के सिंहासन पर बैठता हूं.” परंतु तुम सिर्फ एक मरणशील प्राणी हो, ईश्वर नहीं, यद्यपि तुम सोचते हो कि तुम ईश्वर के समान बुद्धिमान हो.
هَا أَنْتَ أَحْكَمُ مِنْ دَانِيآلَ! سِرٌّ مَا لَا يَخْفَى عَلَيْكَ. | ٣ 3 |
क्या तुम दानिएल से ज्यादा बुद्धिमान हो? क्या तुमसे कोई भी गुप्त बात छिपी नहीं है?
وَبِحِكْمَتِكَ وَبِفَهْمِكَ حَصَّلْتَ لِنَفْسِكَ ثَرْوَةً، وَحَصَّلْتَ ٱلذَّهَبَ وَٱلْفِضَّةَ فِي خَزَائِنِكَ. | ٤ 4 |
अपनी बुद्धि और समझ से तुमने अपने लिये संपत्ति कमा लिया है और अपने खजाने में सोना और चांदी का ढेर लगा लिया है.
بِكَثْرَةِ حِكْمَتِكَ فِي تِجَارَتِكَ كَثَّرْتَ ثَرْوَتَكَ، فَٱرْتَفَعَ قَلْبُكَ بِسَبَبِ غِنَاكَ. | ٥ 5 |
व्यापार में अपनी निपुणता के द्वारा, तुमने अपनी संपत्ति बढ़ा ली है, और तुम्हारे धन के कारण तुम्हारा मन घमंडी हो गया है.
فَلِذَلِكَ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ أَنَّكَ جَعَلْتَ قَلْبَكَ كَقَلْبِ ٱلْآلِهَةِ، | ٦ 6 |
“‘इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘क्योंकि तुम सोचते हो कि तुम एक ईश्वर के समान बुद्धिमान हो,
لِذَلِكَ هَأَنَذَا أَجْلِبُ عَلَيْكَ غُرَبَاءَ، عُتَاةَ ٱلْأُمَمِ، فَيُجَرِّدُونَ سُيُوفَهُمْ عَلَى بَهْجَةِ حِكْمَتِكَ وَيُدَنِّسُونَ جَمَالَكَ. | ٧ 7 |
इसलिये मैं तुम पर विदेशियों से चढ़ाई कराऊंगा, जो जातियों में सबसे अधिक क्रूर हैं; वे तुम्हारी सुंदरता और बुद्धिमानी पर अपनी तलवार चलाएंगे और तुम्हारी चमकती शोभा को नष्ट कर देंगे.
يُنَزِّلُونَكَ إِلَى ٱلْحُفْرَةِ، فَتَمُوتُ مَوْتَ ٱلْقَتْلَى فِي قَلْبِ ٱلْبِحَارِ. | ٨ 8 |
वे तुम्हें नीचे गड्ढे में ले आएंगे, और समुद्र के बीच तुम्हारी एक हिंसात्मक मृत्यु होगी.
هَلْ تَقُولُ قَوْلًا أَمَامَ قَاتِلِكَ: أَنَا إِلَهٌ؟ وَأَنْتَ إِنْسَانٌ لَا إِلَهٌ فِي يَدِ طَاعِنِكَ! | ٩ 9 |
जो तुम्हें मार डालते हैं, उनके सामने क्या तब तुम कहोगे, “मैं एक ईश्वर हूं?” जो तुम्हारी हत्या करते हैं, उनके हाथों में तुम एक मरणशील मनुष्य हो, ईश्वर नहीं.
مَوْتَ ٱلْغُلْفِ تَمُوتُ بِيَدِ ٱلْغُرَبَاءِ، لِأَنِّي أَنَا تَكَلَّمْتُ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ». | ١٠ 10 |
तुम विदेशियों के हाथ ख़तनाहीन व्यक्तियों के समान मारे जाओगे. मैंने कहा है, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”
وَكَانَ إِلَيَّ كَلَامُ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: | ١١ 11 |
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
«يَا ٱبْنَ آدَمَ، ٱرْفَعْ مَرْثَاةً عَلَى مَلِكِ صُورَ وَقُلْ لَهُ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: أَنْتَ خَاتِمُ ٱلْكَمَالِ، مَلآنٌ حِكْمَةً وَكَامِلُ ٱلْجَمَالِ. | ١٢ 12 |
“हे मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा के बारे में एक विलापगीत लो और उससे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘तुम बुद्धि से भरे हुए और सुंदरता में उत्तम, निर्दोषता के मुहर थे.
كُنْتَ فِي عَدْنٍ جَنَّةِ ٱللهِ. كُلُّ حَجَرٍ كَرِيمٍ سِتَارَتُكَ، عَقِيقٌ أَحْمَرُ وَيَاقُوتٌ أَصْفَرُ وَعَقِيقٌ أَبْيَضُ وَزَبَرْجَدٌ وَجَزْعٌ وَيَشْبٌ وَيَاقُوتٌ أَزْرَقُ وَبَهْرَمَانُ وَزُمُرُّدٌ وَذَهَبٌ. أَنْشَأُوا فِيكَ صَنْعَةَ صِيغَةِ ٱلفُصُوصِ وَتَرْصِيعِهَا يَوْمَ خُلِقْتَ. | ١٣ 13 |
तुम परमेश्वर के बगीचा, एदेन में थे; हर बहुमूल्य रत्न तुम्हें सजाता था: माणिक्य, हीरा और पन्ना, पुखराज, गोमेदक और मणि, नीलम, फ़िरोजा और मरकत. तुम्हारे बैठने की जगह और सवारी की वस्तु सोने के बने हुए थे; जिस दिन तुम्हारी सृष्टि की गई, उसी दिन ये तैयार किए गये.
أَنْتَ ٱلْكَرُوبُ ٱلْمُنْبَسِطُ ٱلْمُظَلِّلُ، وَأَقَمْتُكَ. عَلَى جَبَلِ ٱللهِ ٱلْمُقَدَّسِ كُنْتَ. بَيْنَ حِجَارَةِ ٱلنَّارِ تَمَشَّيْتَ. | ١٤ 14 |
एक अभिभावक करूब के रूप में तुम्हारा राजतिलक हुआ था, इसी काम हेतु मैंने तुम्हें नियुक्त किया था. तुम परमेश्वर के पवित्र पर्वत पर थे; तुम प्रज्वलित पत्थरों के बीच चलते फिरते थे.
أَنْتَ كَامِلٌ فِي طُرُقِكَ مِنْ يَوْمَ خُلِقْتَ حَتَّى وُجِدَ فِيكَ إِثْمٌ. | ١٥ 15 |
अपनी सृष्टि के दिन से ही तुम अपने आचार व्यवहार में निर्दोष थे, जब तक कि तुममें दुष्टता न पायी गई.
بِكَثْرَةِ تِجَارَتِكَ مَلَأُوا جَوْفَكَ ظُلْمًا فَأَخْطَأْتَ. فَأَطْرَحُكَ مِنْ جَبَلِ ٱللهِ وَأُبِيدُكَ أَيُّهَا ٱلْكَرُوبُ ٱلْمُظَلِّلُ مِنْ بَيْنِ حِجَارَةِ ٱلنَّارِ. | ١٦ 16 |
अपने व्यापार के फैले होने के कारण तुम हिंसा से भर गये थे, और तुमने पाप किया. इसलिये मैंने तुम्हें कलंक के साथ परमेश्वर के पर्वत से भगा दिया, और हे अविभावक करूब, मैं ने तुम्हें प्रज्वलित पत्थरों के बीच से निकाल दिया.
قَدِ ٱرْتَفَعَ قَلْبُكَ لِبَهْجَتِكَ. أَفْسَدْتَ حِكْمَتَكَ لِأَجْلِ بَهَائِكَ. سَأَطْرَحُكَ إِلَى ٱلْأَرْضِ، وَأَجْعَلُكَ أَمَامَ ٱلْمُلُوكِ لِيَنْظُرُوا إِلَيْكَ. | ١٧ 17 |
अपनी सुंदरता के कारण तुम्हारा मन घमंडी हो गया, और अपने वैभव के कारण तुमने अपनी बुद्धि को भ्रष्ट कर लिया. इसलिये मैंने तुम्हें भूमि पर फेंक दिया; मैंने तुम्हें राजाओं के सामने एक तमाशा बना दिया.
قَدْ نَجَّسْتَ مَقَادِسَكَ بِكَثْرَةِ آثَامِكَ بِظُلْمِ تِجَارَتِكَ، فَأُخْرِجُ نَارًا مِنْ وَسْطِكَ فَتَأْكُلُكَ، وَأُصَيِّرُكَ رَمَادًا عَلَى ٱلْأَرْضِ أَمَامَ عَيْنَيْ كُلِّ مَنْ يَرَاكَ. | ١٨ 18 |
अपने बहुत पाप और बेईमानी के व्यापार से तुमने अपने पवित्र स्थानों को अपवित्र कर दिया. इसलिये मैंने तुमसे ही एक आग उत्पन्न की, और उसने तुम्हें जलाकर नष्ट कर दिया, और जो देख रहे थे, उन सबके सामने, मैंने तुम्हें भूमि पर राख बना दिया.
فَيَتَحَيَّرُ مِنْكَ جَمِيعُ ٱلَّذِينَ يَعْرِفُونَكَ بَيْنَ ٱلشُّعُوبِ، وَتَكُونُ أَهْوَالًا وَلَا تُوجَدُ بَعْدُ إِلَى ٱلْأَبَدِ». | ١٩ 19 |
सब जाति के लोग जो तुम्हें जानते थे, तुम्हारी स्थिति से भयभीत हो गये; तुम्हारा एक भयानक अंत हुआ है, और तुम्हारा अस्तित्व अब न रहेगा.’”
وَكَانَ إِلَيَّ كَلَامُ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: | ٢٠ 20 |
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
«يَا ٱبْنَ آدَمَ، ٱجْعَلْ وَجْهَكَ نَحْوَ صَيْدُونَ وَتَنَبَّأْ عَلَيْهَا، | ٢١ 21 |
“हे मनुष्य के पुत्र, सीदोन की ओर अपना मुंह करके उसके विरुद्ध भविष्यवाणी करो
وَقُلْ: هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا عَلَيْكِ يَا صَيْدُونُ وَسَأَتَمَجَّدُ فِي وَسْطِكِ، فَيَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ حِينَ أُجْرِي فِيهَا أَحْكَامًا وَأَتَقَدَّسُ فِيهَا. | ٢٢ 22 |
और कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘हे सीदोन, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, और तुम्हारे बीच मैं अपनी महिमा प्रकट करूंगा. जब मैं तुम्हें दंड दूंगा तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं, और तुम्हारे ही बीच मैं पवित्र ठहरूंगा.
وَأُرْسِلُ عَلَيْهَا وَبَأً وَدَمًا إِلَى أَزِقَّتِهَا، وَيُسْقَطُ ٱلْجَرْحَى فِي وَسْطِهَا بِٱلسَّيْفِ ٱلَّذِي عَلَيْهَا مِنْ كُلِّ جَانِبٍ، فَيَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ. | ٢٣ 23 |
मैं तुम्हारे बीच महामारी फैलाऊंगा और तुम्हारी गलियों में खून बहाऊंगा. चारों तरफ से तुम्हारे विरुद्ध तलवार चलेगी, और मारे गये लोग तुम्हारे ही बीच गिरेंगे. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
«فَلَا يَكُونُ بَعْدُ لِبَيْتِ إِسْرَائِيلَ سُلَّاءٌ مُمَرِّرٌ وَلَا شَوْكَةٌ مُوجِعَةٌ مِنْ كُلِّ ٱلَّذِينَ حَوْلَهُمُ، ٱلَّذِينَ يُبْغِضُونَهُمْ، فَيَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. | ٢٤ 24 |
“‘तब इस्राएली लोगों के ऐसे पड़ोसी देश नहीं होंगे, जो पीड़ादायक कंटीली झाड़ी और तेज चुभनेवाले कांटे जैसे हों. तब वे जानेंगे कि मैं परम प्रधान याहवेह हूं.
هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُ: عِنْدَمَا أَجْمَعُ بَيْتَ إِسْرَائِيلَ مِنَ ٱلشُّعُوبِ ٱلَّذِينَ تَفَرَّقُوا بَيْنَهُمْ، وَأَتَقَدَّسُ فِيهِمْ أَمَامَ عُيُونِ ٱلْأُمَمِ، يَسْكُنُونَ فِي أَرْضِهِمِ ٱلَّتِي أَعْطَيْتُهَا لِعَبْدِي يَعْقُوبَ، | ٢٥ 25 |
“‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब मैं इस्राएल के लोगों को उन जाति के लोगों में से इकट्ठा करूंगा, जिनके बीच वे बिखर गये हैं, तो मैं उनके द्वारा उन जाति के लोगों की दृष्टि में पवित्र ठहरूंगा. तब वे अपने स्वयं के देश में रहेंगे, जिसे मैंने अपने सेवक याकोब को दिया था.
وَيَسْكُنُونَ فِيهَا آمِنِينَ وَيَبْنُونَ بُيُوتًا وَيَغْرِسُونَ كُرُومًا، وَيَسْكُنُونَ فِي أَمْنٍ عِنْدَمَا أُجْرِي أَحْكَامًا عَلَى جَمِيعِ مُبْغِضِيهِمْ مِنْ حَوْلِهِمْ، فَيَعْلَمُونَ أَنِّي أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُهُمْ». | ٢٦ 26 |
वे वहां सुरक्षित रहेंगे और घर बनाएंगे और अंगूर की बारी लगाएंगे; वे सुरक्षित रहेंगे जब मैं उनके उन सब पड़ोसी देशों को दंड दूंगा, जो उनसे शत्रुता रखते थे. तब वे जानेंगे कि मैं उनका परमेश्वर, याहवेह हूं.’”