< حِزْقِيَال 23 >
وَكَانَ إِلَيَّ كَلَامُ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: | ١ 1 |
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
«يَاٱبْنَ آدَمَ، كَانَ ٱمْرَأَتَانِ ٱبْنَتَا أُمٍّ وَاحِدَةٍ، | ٢ 2 |
“हे मनुष्य के पुत्र, दो स्त्रियां थी, जो एक ही मां की बेटियां थी.
وَزَنَتَا بِمِصْرَ. فِي صِبَاهُمَا زَنَتَا. هُنَاكَ دُغْدِغَتْ ثُدِيُّهُمَا، وَهُنَاكَ تَزَغْزَغَتْ تَرَائِبُ عُذْرَتِهِمَا. | ٣ 3 |
वे मिस्र देश में वेश्या बन गईं और वे अपनी जवानी के दिनों से वेश्यावृत्ति करती थी. उसी देश में उनके स्तनों से दुलार किया गया और उनके कुंवारी छाती से लाड़ किया गया.
وَٱسْمُهُمَا: أُهُولَةُ ٱلْكَبِيرَةُ، وَأُهُولِيبَةُ أُخْتُهَا. وَكَانَتَا لِي، وَوَلَدَتَا بَنِينَ وَبَنَاتٍ. وَٱسْمَاهُمَا: ٱلسَّامِرَةُ «أُهُولَةُ»، وَأُورُشَلِيمُ «أُهُولِيبَةُ». | ٤ 4 |
बड़ी बहन का नाम ओहोलाह, और छोटी का नाम ओहोलीबाह था. वे मेरी थी और उन्होंने बेटे-बेटियों को जन्म दिया. ओहोलाह शमरिया है, और ओहोलीबाह येरूशलेम है.
وَزَنَتْ أُهُولَةُ مِنْ تَحْتِي وَعَشِقَتْ مُحِبِّيهَا، أَشُّورَ ٱلْأَبْطَالَ | ٥ 5 |
“जब ओहोलाह मेरी ही थी, तभी वह वेश्यावृत्ति करने लगी; वह अपने प्रेमियों के लिये लालायित रहती थी—जो नीले कपड़े पहने अश्शूरी योद्धा थे,
ٱللَّابِسِينَ ٱلْأَسْمَانْجُونِيَّ وُلَاةً وَشِحَنًا، كُلُّهُمْ شُبَّانُ شَهْوَةٍ، فُرْسَانٌ رَاكِبُونَ ٱلْخَيْلَ. | ٦ 6 |
राज्यपाल और सेनापति थे, ये सबके सब सुंदर और जवान थे, और उसके प्रेमियों में घुड़सवार भी थे.
فَدَفَعَتْ لَهُمْ عُقْرَهَا لِمُخْتَارِي بَنِي أَشُّورَ كُلِّهِمْ، وَتَنَجَّسَتْ بِكُلِّ مَنْ عَشِقَتْهُمْ بِكُلِّ أَصْنَامِهِمْ. | ٧ 7 |
उसने अपने आपको वेश्या के रूप में सबसे अच्छे अश्शूरियों को दे दिया और उन हर एक के मूर्तियों से अपने आपको अशुद्ध किया जिनके लिये वह लालायित रहती थी.
وَلَمْ تَتْرُكْ زِنَاهَا مِنْ مِصْرَ أَيْضًا، لِأَنَّهُمْ ضَاجَعُوهَا فِي صِبَاهَا، وَزَغْزَغُوا تَرَائِبَ عِذْرَتِهَا وَسَكَبُوا عَلَيْهَا زِنَاهُمْ. | ٨ 8 |
जो वेश्यावृत्ति उसने मिस्र देश में शुरू की थी, उसे उसने नहीं छोड़ा, जब उसकी जवानी के समय पुरुष उसके साथ सोते थे, उसकी कुंवारी छाती को दुलारते थे और अपनी काम-वासना उस पर लुटाते थे.
لِذَلِكَ سَلَّمْتُهَا لِيَدِ عُشَّاقِهَا، لِيَدِ بَنِي أَشُّورَ ٱلَّذِينَ عَشِقَتْهُمْ. | ٩ 9 |
“इसलिये मैंने उसे उसके प्रेमी अश्शूरियों के हाथ में सौंप दिया, जिनके लिये वह लालायित रहती थी.
هُمْ كَشَفُوا عَوْرَتَهَا. أَخَذُوا بَنِيهَا وَبَنَاتِهَا، وَذَبَحُوهَا بِٱلسَّيْفِ، فَصَارَتْ عِبْرَةً لِلنِّسَاءِ. وَأَجْرَوْا عَلَيْهَا حُكْمًا. | ١٠ 10 |
उन्होंने उसे नंगी कर दिया, उसके बेटे और बेटियों को ले लिया और उसे तलवार से मार डाला. वह स्त्रियों के बीच एक कहावत बन गई और उसे दंड दिया गया.
«فَلَمَّا رَأَتْ أُخْتُهَا أُهُولِيبَةُ ذَلِكَ أَفْسَدَتْ فِي عِشْقِهَا أَكْثَرَ مِنْهَا، وَفِي زِنَاهَا أَكْثَرَ مِنْ زِنَا أُخْتِهَا. | ١١ 11 |
“उसकी बहन ओहोलीबाह यह सब देखी, फिर भी वह काम-वासना और वेश्यावृत्ति में अपनी बहन से कहीं अधिक भ्रष्ट थी.
عَشِقَتْ بَنِي أَشُّورَ ٱلْوُلَاةَ وَٱلشِّحَنَ ٱلْأَبْطَالَ ٱللَّابِسِينَ أَفْخَرَ لِبَاسٍ، فُرْسَانًا رَاكِبِينَ ٱلْخَيْلَ كُلُّهُمْ شُبَّانُ شَهْوَةٍ. | ١٢ 12 |
वह भी अश्शूरियों के पीछे काम-वासना से आसक्त थी—जिसमें राज्यपाल और सेनापति, पोशाक पहने योद्धा, घुड़सवार और सब सुंदर पुरुष आते थे.
فَرَأَيْتُ أَنَّهَا قَدْ تَنَجَّسَتْ، وَلِكِلْتَيْهِمَا طَرِيقٌ وَاحِدَةٌ. | ١٣ 13 |
मैंने देखा कि उसने भी अपने आपको अशुद्ध कर लिया था; दोनों बहनों का चालचलन एक जैसा था.
وَزَادَتْ زِنَاهَا. وَلَمَّا نَظَرَتْ إِلَى رِجَالٍ مُصَوَّرِينَ عَلَى ٱلْحَائِطِ، صُوَرُ ٱلْكَلْدَانِيِّينَ مُصَوَّرَةٍ بِمُغْرَةٍ، | ١٤ 14 |
“पर ओहोलीबाह अपनी वेश्यावृत्ति में आगे थी. उसने एक दीवार पर आदमियों के चित्र को देखा, जिसमें बाबेलियों को लाल रंग में चित्रित किया गया था;
مُنَطَّقِينَ بِمَنَاطِقَ عَلَى أَحْقَائِهِمْ، عَمَائِمُهُمْ مَسْدُولَةٌ عَلَى رُؤُوسِهِمْ. كُلُّهُمْ فِي ٱلْمَنْظَرِ رُؤَسَاءُ مَرْكَبَاتٍ شِبْهُ بَنِي بَابِلَ ٱلْكَلْدَانِيِّينَ أَرْضُ مِيلَادِهِمْ، | ١٥ 15 |
चित्र में आदमियों के कमर में पट्टा बंधा था और उनके सिरों पर लहराती पगड़ी थी; वे सबके सब बाबेल के निवासी, बाबेली रथ के अधिकारी जैसे लगते थे.
عَشِقَتْهُمْ عِنْدَ لَمْحِ عَيْنَيْهَا إِيَّاهُمْ، وَأَرْسَلَتْ إِلَيْهِمْ رُسُلًا إِلَى أَرْضِ ٱلْكَلْدَانِيِّينَ. | ١٦ 16 |
वह उन्हें देखते ही, उनके प्रति काम-वासना से आसक्त हो गई और कसदिया में उनके दूत भेजी.
فَأَتَاهَا بَنُو بَابِلَ فِي مَضْجَعِ ٱلْحُبِّ وَنَجَّسُوهَا بِزِنَاهُمْ، فَتَنَجَّسَتْ بِهِمْ، وجَفَتْهُمْ نَفْسُهَا. | ١٧ 17 |
तब बाबेली प्यार में हमबिस्तर होने के लिये उसके पास आये, और अपने काम-वासना में उसे अशुद्ध किया. उनके द्वारा अशुद्ध होने के बाद, वह घृणा में उनसे अलग हो गई.
وَكَشَفَتْ زِنَاهَا وَكَشَفَتْ عَوْرَتَهَا، فَجَفَتْهَا نَفْسِي، كَمَا جَفَتْ نَفْسِي أُخْتَهَا. | ١٨ 18 |
जब उसने खुलेआम वेश्यावृत्ति किया और अपने नंगी देह को दिखाया, तो मैं घृणा में उससे दूर हो गया, जैसा कि मैं उसकी बहन से दूर हो गया था.
وَأَكْثَرَتْ زِنَاهَا بِذِكْرِهَا أَيَّامَ صِبَاهَا ٱلَّتِي فِيهَا زَنَتْ بِأَرْضِ مِصْرَ. | ١٩ 19 |
फिर भी वह अपने दुराचार वृत्ति में और भी बढ़ती गई, अपने जवानी के दिनों को याद करते हुए जब वह मिस्र देश में एक वेश्या थी.
وَعَشِقَتْ مَعْشُوقِيهِمِ ٱلَّذِينَ لَحْمُهُمْ كَلَحْمِ ٱلْحَمِيرِ وَمَنِيُّهُمْ كَمَنِيِّ ٱلْخَيْلِ. | ٢٠ 20 |
वहां वह अपने यारों के पीछे काम-वासना के लिये लगी रहती थी, जिनके जननांग गधों के जननांग जैसे और उनका वीर्य-उत्सर्जन घोड़ों के समान होता था.
وَٱفْتَقَدْتِ رَذِيلَةَ صِبَاكِ بِزَغْزَغَةِ ٱلْمِصْرِيِّينَ تَرَائِبَكِ لِأَجْلِ ثَدْيِ صِبَاكِ. | ٢١ 21 |
इस प्रकार तुम अपनी जवानी की कामुकता की लालसा करती थी, जब मिस्र में तुम्हारे छाती को दुलारा जाता था और तुम्हारे स्तन से लाड़ किया जाता था.
«لِأَجْلِ ذَلِكَ يَا أُهُولِيبَةُ، هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا أُهَيِّجُ عَلَيْكِ عُشَّاقَكِ ٱلَّذِينَ جَفَتْهُمْ نَفْسُكِ، وَآتِي بِهِمْ عَلَيْكِ مِنْ كُلِّ جِهَةٍ: | ٢٢ 22 |
“इसलिये हे ओहोलीबाह, परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं तुम्हारे प्रेमियों को तुम्हारे विरुद्ध भड़काऊंगा, जिनसे तुम घृणा करते हुए दूर हो गई थी, और मैं उन्हें चारों ओर से तुम्हारे विरुद्ध लाऊंगा.
بَنِي بَابِلَ وَكُلَّ ٱلْكَلْدَانِيِّينَ، فَقُودَ وَشُوعَ وَقُوعَ، وَمَعَهُمْ كُلُّ بَنِي أَشُّورَ، شُبَّانُ شَهْوَةٍ، وُلَاةٌ وَشِحَنٌ كُلُّهُمْ رُؤَسَاءُ مَرْكَبَاتٍ وَشُهَرَاءُ. كُلُّهُمْ رَاكِبُونَ ٱلْخَيْلَ. | ٢٣ 23 |
बाबेलियों और सब कसदी, पेकोद, शोआ और कोआ के पुरुष, और उनके साथ सब अश्शूरी, सुंदर जवान, उनमें सबके सब राज्यपाल और सेनापति, रथ अधिकारी और उच्च पदस्थ व्यक्ति, सबके सब घोड़े पर सवार हैं.
فَيَأْتُونَ عَلَيْكِ بِأَسْلِحَةٍ مَرْكَبَاتٍ وَعَجَلَاتٍ، وَبِجَمَاعَةِ شُعُوبٍ يُقِيمُونَ عَلَيْكِ ٱلتُّرْسَ وَٱلْمِجَنَّ وَٱلْخُوذَةَ مِنْ حَوْلِكِ، وَأُسَلِّمُ لَهُمُ ٱلْحُكْمَ فَيَحْكُمُونَ عَلَيْكِ بِأَحْكَامِهِمْ. | ٢٤ 24 |
वे तुम्हारे विरुद्ध हथियार, रथ और चार पहिया गाड़ी लेकर लोगों की भीड़ के साथ आएंगे; वे चारों तरफ से छोटी और बड़ी ढाल के साथ सिर में टोप लगाकर तुम्हारे विरुद्ध मोर्चा बांधेंगे. मैं तुम्हें दंड के लिये उनके हाथ में सौंप दूंगा, और वे अपने स्तर के अनुसार उन्हें दंड देंगे.
وَأَجْعَلُ غَيْرَتِي عَلَيْكِ فَيُعَامِلُونَكِ بِٱلسَّخَطِ. يَقْطَعُونَ أَنْفَكِ وَأُذُنَيْكِ، وَبَقِيَّتُكِ تَسْقُطُ بِٱلسَّيْفِ. يَأْخُذُونَ بَنِيكِ وَبَنَاتِكِ، وَتُؤْكَلُ بَقِيَّتُكِ بِٱلنَّارِ. | ٢٥ 25 |
मैं तुम पर अपना जलन भरा क्रोध दिखाऊंगा, और तुम्हारे प्रति उनका व्यवहार बहुत क्रोधपूर्ण होगा. वे तुम्हारी नाक और कान काट डालेंगे, और तुममें से जो बच जाएंगे, वे तलवार से मारे जाएंगे. वे तुम्हारे बेटे और बेटियों को ले लेंगे, और तुममें से जो बच जाएंगे, वे आग से जलकर नष्ट हो जाएंगे.
وَيَنْزِعُونَ عَنْكِ ثِيَابَكِ، وَيَأْخُذُونَ أَدَوَاتِ زِينَتِكِ. | ٢٦ 26 |
वे तुमसे तुम्हारे कपड़े भी उतार लेंगे और तुम्हारे सुंदर गहने छीन लेंगे.
وَأُبَطِّلُ رَذِيلَتَكِ عَنْكِ وَزِنَاكِ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ، فَلَا تَرْفَعِينَ عَيْنَيْكِ إِلَيْهِمْ وَلَا تَذْكُرِينَ مِصْرَ بَعْدُ. | ٢٧ 27 |
इस प्रकार मैं उस काम-वासना और वेश्यावृत्ति को बंद कर दूंगा, जिसे तुमने मिस्र देश में शुरू किया था. तुम इन चीज़ों की कामना नहीं करोगी या मिस्र देश को फिर याद नहीं करोगी.”
لِأَنَّهُ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: هَأَنَذَا أُسَلِّمُكِ لِيَدِ ٱلَّذِينَ أَبْغَضْتِهِمْ، لِيَدِ ٱلَّذِينَ جَفَتْهُمْ نَفْسُكِ. | ٢٨ 28 |
क्योंकि परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “मैं तुम्हें उन लोगों के हाथ में सौंपने ही वाला हूं, जिनसे तुम घृणा करती हो, उनके हाथ, जिनसे घृणा के कारण तुम दूर हो गई थी.
فَيُعَامِلُونَكِ بِٱلْبُغْضَاءِ وَيَأْخُذُونَ كُلَّ تَعَبِكِ، وَيَتْرُكُونَكِ عُرْيَانَةً وَعَارِيَةً، فَتَنْكَشِفُ عَوْرَةُ زِنَاكِ وَرَذِيلَتُكِ وَزِنَاكِ. | ٢٩ 29 |
वे तुम्हारे साथ घृणित व्यवहार करेंगे और तुम्हारी कमाई हुई सारी चीज़ें ले लेंगे. वे तुम्हें एकदम नंगी छोड़ देंगे, और तुम्हारी वेश्यावृत्ति की निर्लज्जता प्रगट हो जाएगी. तुम्हारी अश्लीलता और दुराचार वृत्ति के कारण
أَفْعَلُ بِكِ هَذَا لِأَنَّكِ زَنَيْتِ وَرَاءَ ٱلْأُمَمِ، لِأَنَّكِ تَنَجَّسْتِ بِأَصْنَامِهِمْ. | ٣٠ 30 |
यह सब तुम पर हुआ है, क्योंकि तुम जाति-जाति के लोगों के पीछे काम-वासना के लिये भागी और उनकी मूर्तियों से तुमने अपने आपको अशुद्ध किया.
فِي طَرِيقِ أُخْتِكِ سَلَكْتِ فَأَدْفَعُ كَأْسَهَا لِيَدِكِ. | ٣١ 31 |
तुम अपनी बहन के रास्ते पर चली हो; इसलिये मैं उसका कटोरा तुम्हारे हाथ में दूंगा.”
هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: إِنَّكِ تَشْرَبِينَ كَأْسَ أُخْتِكِ ٱلْعَمِيقَةَ ٱلْكَبِيرَةَ. تَكُونِينَ لِلضَّحِكِ وَلِلِٱسْتِهْزَاءِ. تَسَعُ كَثِيرًا. | ٣٢ 32 |
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “तुम अपनी बहन के कटोरे को पीओगी, जो बड़ा और गहरा है; इसके कारण तुम तिरस्कार और हंसी का पात्र होंगी, क्योंकि इसमें बहुत कुछ समाता है.
تَمْتَلِئِينَ سُكْرًا وَحُزْنًا، كَأْسَ ٱلتَّحَيُّرِ وَٱلْخَرَابِ، كَأْسَ أُخْتِكِ ٱلسَّامِرَةِ. | ٣٣ 33 |
तुम मतवालापन और दुःख से भर जाओगी, यह विनाश और निर्जनता का कटोरा है, यह तुम्हारी बहन शमरिया का कटोरा है.
فَتَشْرَبِينَهَا وَتَمْتَصِّينَهَا وَتَقْضَمِينَ شُقَفَهَا وَتَجْتَثِّينَ ثَدْيَيْكِ، لِأَنِّي تَكَلَّمْتُ، يَقُولُ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ. | ٣٤ 34 |
तुम इसे पीकर खाली कर दोगी और इसके टुकड़ों को चबाओगी और अपने छातियों को घायल करोगी. यह मैंने कहा है, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
لِذَلِكَ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: مِنْ أَجْلِ أَنَّكِ نَسِيتِنِي وَطَرَحْتِنِي وَرَاءَ ظَهْرِكِ، فَتَحْمِلِي أَيْضًا رَذِيلَتَكِ وَزِنَاكِ». | ٣٥ 35 |
“इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब तुमने मुझे भूला दिया है और मुझसे अपना मुंह फेर लिया है, तो ज़रूरी है कि तुम अपने अश्लीलता और वेश्यावृत्ति का फल भोगो.”
وَقَالَ ٱلرَّبُّ لِي: «يَا ٱبْنَ آدَمَ، أَتَحْكُمُ عَلَى أُهُولَةَ وَأُهُولِيبَةَ؟ بَلْ أَخْبِرْهُمَا بِرَجَاسَاتِهِمَا، | ٣٦ 36 |
याहवेह ने मुझसे कहा: “हे मनुष्य के पुत्र, क्या तुम ओहोलाह और ओहोलीबाह का न्याय करोगे? तो फिर उनके घृणित काम उन्हें बताओ,
لِأَنَّهُمَا قَدْ زَنَتَا وَفِي أَيْدِيهِمَا دَمٌ، وَزَنَتَا بِأَصْنَامِهِمَا وَأَيْضًا أَجَازَتَا بَنِيهِمَا ٱلَّذِينَ وَلَدَتَاهُمْ لِي ٱلنَّارَ أَكْلًا لَهَا. | ٣٧ 37 |
क्योंकि उन्होंने व्यभिचार किया है और उनके हाथ खून से रंगे हैं. उन्होंने मूर्तियों के साथ व्यभिचार किया है; और तो और उन्होंने उन अपने बच्चों को उनके भोजन के रूप में बलिदान किया है, जो मेरे द्वारा ही पैदा हुए थे.
وَفَعَلَتَا أَيْضًا بِي هَذَا: نَجَّسَتَا مَقْدِسِي فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ وَدَنَّسَتَا سُبُوتِي. | ٣٨ 38 |
उन्होंने मेरे साथ यह भी किया है: उसी समय उन्होंने मेरे पवित्र स्थान को अशुद्ध किया है और मेरे विश्राम दिनों को अपवित्र किया है.
وَلَمَّا ذَبَحَتَا بَنِيهِمَا لِأَصْنَامِهِمَا، أَتَتَا فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ إِلَى مَقْدِسِي لِتُنَجِّسَاهُ. فَهُوَذَا هَكَذَا فَعَلَتَا فِي وَسْطِ بَيْتِي. | ٣٩ 39 |
जिस दिन उन्होंने अपने बच्चों को अपनी मूर्तियों के लिये बलिदान किया, उसी दिन उन्होंने मेरे पवित्र स्थान में प्रवेश किया और उसे अपवित्र किया. उन्होंने मेरे भवन के भीतर यही किया है.
بَلْ أَرْسَلْتُمَا إِلَى رِجَالٍ آتِينَ مِنْ بَعِيدٍ. ٱلَّذِينَ أُرْسِلَ إِلَيْهِمْ رَسُولٌ فَهُوَذَا جَاءُوا. هُمُ ٱلَّذِينَ لِأَجْلِهِمِ ٱسْتَحْمَمْتِ وَكَحَّلْتِ عَيْنَيْكِ وَتَحَلَّيْتِ بِٱلْحُلِيِّ، | ٤٠ 40 |
“और तो और उन्होंने दूत भेजकर बहुत दूर से लोगों को बुलवाया, और जब वे आ गये, तो तुम उनके लिये नहाई-धोई, अपने आंखों का श्रृंगार किया और अपने गहनों को पहना.
وَجَلَسْتِ عَلَى سَرِيرٍ فَاخِرٍ أَمَامَهُ مَائِدَةٌ مُنَضَّضَةٌ، وَوَضَعْتِ عَلَيْهَا بَخُورِي وَزَيْتِي. | ٤١ 41 |
तब तुम एक सुंदर सोफा में बैठ गईं, जिसके सामने एक टेबल रखा था, जिस पर तुमने धूप और जैतून का तेल रखा था, जो कि मेरा था.
وَصَوْتُ جُمْهُورٍ مُتَرَفِّهِينَ مَعَهَا، مَعَ أُنَاسٍ مِنْ رَعَاعِ ٱلْخَلْقِ. أُتِيَ بِسَكَارَى مِنَ ٱلْبَرِّيَّةِ، ٱلَّذِينَ جَعَلُوا أَسْوِرَةً عَلَى أَيْدِيهِمَا وَتَاجَ جَمَالٍ عَلَى رُؤُوسِهِمَا. | ٤٢ 42 |
“उसके चारों तरफ लापरवाह भीड़ का कोलाहल सुनाई दे रहा था; पियक्कड़ों को निर्जन प्रदेश से उपद्रवी लोगों के साथ लाया गया था, जो उस स्त्री और उसकी बहन के हाथों में कंगन और उनके सिर में सुंदर मुकुट पहना दिये थे.
فَقُلْتُ عَنِ ٱلْبَالِيَةِ فِي ٱلزِّنَا: ٱلْآنَ يَزْنُونَ زِنًا مَعَهَا وَهِيَ. | ٤٣ 43 |
तब मैंने उस स्त्री के बारे में कहा, जो व्यभिचार करते-करते बेहाल हो चुकी थी, ‘अब वे उसका उपयोग एक वेश्या के रूप में करें, क्योंकि वह वेश्या ही तो है.’
فَدَخَلُوا عَلَيْهَا كَمَا يُدْخَلُ عَلَى ٱمْرَأَةٍ زَانِيَةٍ. هَكَذَا دَخَلُوا عَلَى أُهُولَةَ وَعَلَى أُهُولِيبَةَ ٱلْمَرْأَتَيْنِ ٱلزَّانِيَتَيْنِ. | ٤٤ 44 |
और वे उसके साथ सोए. जैसे पुरुष एक वेश्या के साथ सोते हैं, वैसे ही वे उन कामुक स्त्रियों, ओहोलाह एवं ओहोलीबाह के साथ सोए.
وَٱلرِّجَالُ ٱلصِّدِّيقُونَ هُمْ يَحْكُمُونَ عَلَيْهِمَا حُكْمَ زَانِيَةٍ وَحُكْمَ سَفَّاكَةِ ٱلدَّمِ، لِأَنَّهُمَا زَانِيَتَانِ وَفِي أَيْدِيهِمَا دَمٌ. | ٤٥ 45 |
परंतु धर्मी न्यायाधीश उनको उन स्त्रियों का दंड देंगे, जो व्यभिचार करती और खून बहाती हैं, क्योंकि वे व्यभिचारिणी हैं और उनके हाथ खून से रंगे हैं.
لِأَنَّهُ هَكَذَا قَالَ ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ: إِنِّي أُصْعِدُ عَلَيْهِمَا جَمَاعَةً وَأُسَلِّمُهُمَا لِلْجَوْرِ وَٱلنَّهْبِ. | ٤٦ 46 |
“परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: उनके विरुद्ध एक बड़ी भीड़ ले आओ और उन्हें आतंकित होने और लूटे जाने के किए सौंप दो.
وَتَرْجُمُهُمَا ٱلْجَمَاعَةُ بِٱلْحِجَارَةِ، وَيُقَطِّعُونَهُمَا بِسُيُوفِهِمْ، وَيَذْبَحُونَ أَبْنَاءَهُمَا وَبَنَاتِهِمَا، وَيُحْرِقُونَ بُيُوتَهُمَا بِٱلنَّارِ. | ٤٧ 47 |
उस भीड़ के लोग उन पर पत्थरवाह करेंगे और उन्हें अपने तलवार से काट डालेंगे; वे उनके बेटे-बेटियों को मार डालेंगे और उनके घरों को जला देंगे.
فَأُبَطِّلُ ٱلرَّذِيلَةَ مِنَ ٱلْأَرْضِ، فَتَتَأَدَّبُ جَمِيعُ ٱلنِّسَاءِ وَلَا يَفْعَلْنَ مِثْلَ رَذِيلَتِكُمَا. | ٤٨ 48 |
“इस प्रकार मैं इस देश से काम-वासना का अंत कर दूंगा, ताकि सब स्त्रियों के लिये यह एक चेतावनी हो और वे तुम्हारे समान काम न करें.
وَيَرُدُّونَ عَلَيْكُمَا رَذِيلَتَكُمَا، فَتَحْمِلَانِ خَطَايَا أَصْنَامِكُمَا، وَتَعْلَمَانِ أَنِّي أَنَا ٱلسَّيِّدُ ٱلرَّبُّ». | ٤٩ 49 |
तुम्हें अपने कामुकता का दंड भोगना पड़ेगा और तुम्हें अपने मूर्तियों के पाप का फल भी भोगना पड़ेगा. तब तुम जानोगे कि मैं परम प्रधान याहवेह हूं.”