< اَلتَّثْنِيَة 4 >
«فَٱلْآنَ يَا إِسْرَائِيلُ ٱسْمَعِ ٱلْفَرَائِضَ وَٱلْأَحْكَامَ ٱلَّتِي أَنَا أُعَلِّمُكُمْ لِتَعْمَلُوهَا، لِكَيْ تَحْيَوْا وَتَدْخُلُوا وَتَمْتَلِكُوا ٱلْأَرْضَ ٱلَّتِي ٱلرَّبُّ إِلَهُ آبَائِكُمْ يُعْطِيكُمْ. | ١ 1 |
१“अब, हे इस्राएल, जो-जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूँ उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिससे तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उसमें जाकर उसके अधिकारी हो जाओ।
لَا تَزِيدُوا عَلَى ٱلْكَلَامِ ٱلَّذِي أَنَا أُوصِيكُمْ بِهِ وَلَا تُنَقِّصُوا مِنْهُ، لِكَيْ تَحْفَظُوا وَصَايَا ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمُ ٱلَّتِي أَنَا أُوصِيكُمْ بِهَا. | ٢ 2 |
२जो आज्ञा मैं तुम को सुनाता हूँ उसमें न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की जो-जो आज्ञा मैं तुम्हें सुनाता हूँ उन्हें तुम मानना
أَعْيُنُكُمْ قَدْ أَبْصَرَتْ مَا فَعَلَهُ ٱلرَّبُّ بِبَعْلَ فَغُورَ. إِنَّ كُلَّ مَنْ ذَهَبَ وَرَاءَ بَعْلَ فَغُورَ أَبَادَهُ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ مِنْ وَسَطِكُمْ، | ٣ 3 |
३तुम ने तो अपनी आँखों से देखा है कि बालपोर के कारण यहोवा ने क्या-क्या किया; अर्थात् जितने मनुष्य बालपोर के पीछे हो लिये थे उन सभी को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हारे बीच में से सत्यानाश कर डाला;
وَأَمَّا أَنْتُمُ ٱلْمُلْتَصِقُونَ بِٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ فَجَمِيعُكُمْ أَحْيَاءٌ ٱلْيَوْمَ. | ٤ 4 |
४परन्तु तुम जो अपने परमेश्वर यहोवा के साथ लिपटे रहे हो सब के सब आज तक जीवित हो।
اُنْظُرْ. قَدْ عَلَّمْتُكُمْ فَرَائِضَ وَأَحْكَامًا كَمَا أَمَرَنِي ٱلرَّبُّ إِلَهِي، لِكَيْ تَعْمَلُوا هَكَذَا فِي ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَنْتُمْ دَاخِلُونَ إِلَيْهَا لِكَيْ تَمْتَلِكُوهَا. | ٥ 5 |
५सुनो, मैंने तो अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा के अनुसार तुम्हें विधि और नियम सिखाए हैं, कि जिस देश के अधिकारी होने जाते हो उसमें तुम उनके अनुसार चलो।
فَٱحْفَظُوا وَٱعْمَلُوا. لِأَنَّ ذَلِكَ حِكْمَتُكُمْ وَفِطْنَتُكُمْ أَمَامَ أَعْيُنِ ٱلشُّعُوبِ ٱلَّذِينَ يَسْمَعُونَ كُلَّ هَذِهِ ٱلْفَرَائِضِ، فَيَقُولُونَ: هَذَا ٱلشَّعْبُ ٱلْعَظِيمُ إِنَّمَا هُوَ شَعْبٌ حَكِيمٌ وَفَطِنٌ. | ٦ 6 |
६इसलिए तुम उनको धारण करना और मानना; क्योंकि और देशों के लोगों के सामने तुम्हारी बुद्धि और समझ इसी से प्रगट होगी, अर्थात् वे इन सब विधियों को सुनकर कहेंगे, कि निश्चय यह बड़ी जाति बुद्धिमान और समझदार है।
لِأَنَّهُ أَيُّ شَعْبٍ هُوَ عَظِيمٌ لَهُ آلِهَةٌ قَرِيبَةٌ مِنْهُ كَٱلرَّبِّ إِلَهِنَا فِي كُلِّ أَدْعِيَتِنَا إِلَيْهِ؟ | ٧ 7 |
७देखो, कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसका देवता उसके ऐसे समीप रहता हो जैसा हमारा परमेश्वर यहोवा, जब भी हम उसको पुकारते हैं?
وَأَيُّ شَعْبٍ هُوَ عَظِيمٌ لَهُ فَرَائِضُ وَأَحْكَامٌ عَادِلَةٌ مِثْلُ كُلِّ هَذِهِ ٱلشَّرِيعَةِ ٱلَّتِي أَنَا وَاضِعٌ أَمَامَكُمُ ٱلْيَوْمَ؟ | ٨ 8 |
८फिर कौन ऐसी बड़ी जाति है जिसके पास ऐसी धर्ममय विधि और नियम हों, जैसी कि यह सारी व्यवस्था जिसे मैं आज तुम्हारे सामने रखता हूँ?
«إِنَّمَا ٱحْتَرِزْ وَٱحفَظْ نَفْسَكَ جِدًّا لِئَلَّا تَنْسَى ٱلْأُمُورَ ٱلَّتِي أَبْصَرَتْ عَيْنَاكَ، وَلِئَلَّا تَزُولَ مِنْ قَلْبِكَ كُلَّ أَيَّامِ حَيَاتِكَ. وَعَلِّمْهَا أَوْلَادَكَ وَأَوْلَادَ أَوْلَادِكَ. | ٩ 9 |
९“यह अत्यन्त आवश्यक है कि तुम अपने विषय में सचेत रहो, और अपने मन की बड़ी चौकसी करो, कहीं ऐसा न हो कि जो-जो बातें तुम ने अपनी आँखों से देखीं उनको भूल जाओ, और वह जीवन भर के लिये तुम्हारे मन से जाती रहें; किन्तु तुम उन्हें अपने बेटों पोतों को सिखाना।
فِي ٱلْيَوْمِ ٱلَّذِي وَقَفْتَ فِيهِ أَمَامَ ٱلرَّبِّ إِلَهِكَ فِي حُورِيبَ حِينَ قَالَ لِي ٱلرَّبُّ: ٱجْمَعْ لِي ٱلشَّعْبَ فَأُسْمِعَهُمْ كَلَامِي، لِكَيْ يَتَعَلَّمُوا أَنْ يَخَافُونِي كُلَّ ٱلْأَيَّامِ ٱلَّتِي هُمْ فِيهَا أَحْيَاءٌ عَلَى ٱلْأَرْضِ، وَيُعَلِّمُوا أَوْلَادَهُمْ. | ١٠ 10 |
१०विशेष करके उस दिन की बातें जिसमें तुम होरेब के पास अपने परमेश्वर यहोवा के सामने खड़े थे, जब यहोवा ने मुझसे कहा था, ‘उन लोगों को मेरे पास इकट्ठा कर कि मैं उन्हें अपने वचन सुनाऊँ, जिससे वे सीखें, ताकि जितने दिन वे पृथ्वी पर जीवित रहें उतने दिन मेरा भय मानते रहें, और अपने बाल-बच्चों को भी यही सिखाएँ।’
فَتَقَدَّمْتُمْ وَوَقَفْتُمْ فِي أَسْفَلِ ٱلْجَبَلِ، وَٱلْجَبَلُ يَضْطَرِمُ بِٱلنَّارِ إِلَى كَبِدِ ٱلسَّمَاءِ، بِظَلَامٍ وَسَحَابٍ وَضَبَابٍ. | ١١ 11 |
११तब तुम समीप जाकर उस पर्वत के नीचे खड़े हुए, और वह पहाड़ आग से धधक रहा था, और उसकी लौ आकाश तक पहुँचती थी, और उसके चारों ओर अंधियारा और बादल, और घोर अंधकार छाया हुआ था।
فَكَلَّمَكُمُ ٱلرَّبُّ مِنْ وَسَطِ ٱلنَّارِ وَأَنْتُمْ سَامِعُونَ صَوْتَ كَلَامٍ، وَلَكِنْ لَمْ تَرَوْا صُورَةً بَلْ صَوْتًا. | ١٢ 12 |
१२तब यहोवा ने उस आग के बीच में से तुम से बातें की; बातों का शब्द तो तुम को सुनाई पड़ा, परन्तु कोई रूप न देखा; केवल शब्द ही शब्द सुन पड़ा।
وَأَخْبَرَكُمْ بِعَهْدِهِ ٱلَّذِي أَمَرَكُمْ أَنْ تَعْمَلُوا بِهِ، ٱلْكَلِمَاتِ ٱلْعَشَرِ، وَكَتَبَهُ عَلَى لَوْحَيْ حَجَرٍ. | ١٣ 13 |
१३और उसने तुम को अपनी वाचा के दसों वचन बताकर उनके मानने की आज्ञा दी; और उन्हें पत्थर की दो पटियाओं पर लिख दिया।
وَإِيَّايَ أَمَرَ ٱلرَّبُّ فِي ذَلِكَ ٱلْوَقْتِ أَنْ أُعَلِّمَكُمْ فَرَائِضَ وَأَحْكَامًا لِكَيْ تَعْمَلُوهَا فِي ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَنْتُمْ عَابِرُونَ إِلَيْهَا لِتَمْتَلِكُوهَا. | ١٤ 14 |
१४और मुझ को यहोवा ने उसी समय तुम्हें विधि और नियम सिखाने की आज्ञा दी, इसलिए कि जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो उसमें तुम उनको माना करो।
«فَٱحْتَفِظُوا جِدًّا لِأَنْفُسِكُمْ. فَإِنَّكُمْ لَمْ تَرَوْا صُورَةً مَّا يَوْمَ كَلَّمَكُمُ ٱلرَّبُّ فِي حُورِيبَ مِنْ وَسَطِ ٱلنَّارِ. | ١٥ 15 |
१५“इसलिए तुम अपने विषय में बहुत सावधान रहना। क्योंकि जब यहोवा ने तुम से होरेब पर्वत पर आग के बीच में से बातें की, तब तुम को कोई रूप न दिखाई पड़ा,
لِئَلَّا تَفْسُدُوا وَتَعْمَلُوا لِأَنْفُسِكُمْ تِمْثَالًا مَنْحُوتًا، صُورَةَ مِثَالٍ مَّا، شِبْهَ ذَكَرٍ أَوْ أُنْثَى، | ١٦ 16 |
१६कहीं ऐसा न हो कि तुम बिगड़कर चाहे पुरुष चाहे स्त्री के,
شِبْهَ بَهِيمَةٍ مَّا مِمَّا عَلَى ٱلْأَرْضِ، شِبْهَ طَيْرٍ مَّا ذِي جَنَاحٍ مِمَّا يَطِيرُ فِي ٱلسَّمَاءِ، | ١٧ 17 |
१७चाहे पृथ्वी पर चलनेवाले किसी पशु, चाहे आकाश में उड़नेवाले किसी पक्षी के।
شِبْهَ دَبِيبٍ مَّا عَلَى ٱلْأَرْضِ، شِبْهَ سَمَكٍ مَّا مِمَّا فِي ٱلْمَاءِ مِنْ تَحْتِ ٱلْأَرْضِ. | ١٨ 18 |
१८“चाहे भूमि पर रेंगनेवाले किसी जन्तु, चाहे पृथ्वी के जल में रहनेवाली किसी मछली के रूप की कोई मूर्ति खोदकर बना लो,
وَلِئَلَّا تَرْفَعَ عَيْنَيْكَ إِلَى ٱلسَّمَاءِ، وَتَنْظُرَ ٱلشَّمْسَ وَٱلْقَمَرَ وَٱلنُّجُومَ، كُلَّ جُنْدِ ٱلسَّمَاءِ ٱلَّتِي قَسَمَهَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ لِجَمِيعِ ٱلشُّعُوبِ ٱلَّتِي تَحْتَ كُلِّ ٱلسَّمَاءِ، فَتَغْتَرَّ وَتَسْجُدَ لَهَا وَتَعْبُدَهَا. | ١٩ 19 |
१९या जब तुम आकाश की ओर आँखें उठाकर, सूर्य, चन्द्रमा, और तारों को, अर्थात् आकाश का सारा तारागण देखो, तब बहक कर उन्हें दण्डवत् करके उनकी सेवा करने लगो, जिनको तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने धरती पर के सब देशवालों के लिये रखा है।
وَأَنْتُمْ قَدْ أَخَذَكُمُ ٱلرَّبُّ وَأَخْرَجَكُمْ مِنْ كُورِ ٱلْحَدِيدِ مِنْ مِصْرَ، لِكَيْ تَكُونُوا لَهُ شَعْبَ مِيرَاثٍ كَمَا فِي هَذَا ٱلْيَوْمِ. | ٢٠ 20 |
२०और तुम को यहोवा लोहे के भट्ठे के सरीखे मिस्र देश से निकाल ले आया है, इसलिए कि तुम उसका प्रजारूपी निज भाग ठहरो, जैसा आज प्रगट है।
وَغَضِبَ ٱلرَّبُّ عَلَيَّ بِسَبَبِكُمْ، وَأَقْسَمَ إِنِّي لَا أَعْبُرُ ٱلْأُرْدُنَّ وَلَا أَدْخُلُ ٱلْأَرْضَ ٱلْجَيِّدَةَ ٱلَّتِي ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ يُعْطِيكَ نَصِيبًا. | ٢١ 21 |
२१फिर तुम्हारे कारण यहोवा ने मुझसे क्रोध करके यह शपथ खाई, ‘तू यरदन पार जाने न पाएगा, और जो उत्तम देश इस्राएलियों का परमेश्वर यहोवा उन्हें उनका निज भाग करके देता है, उसमें तू प्रवेश करने न पाएगा।’
فَأَمُوتُ أَنَا فِي هَذِهِ ٱلْأَرْضِ، لَا أَعْبُرُ ٱلْأُرْدُنَّ، وَأَمَّا أَنْتُمْ فَتَعْبُرُونَ وَتَمْتَلِكُونَ تِلْكَ ٱلْأَرْضَ ٱلْجَيِّدَةَ. | ٢٢ 22 |
२२किन्तु मुझे इसी देश में मरना है, मैं तो यरदन पार नहीं जा सकता; परन्तु तुम पार जाकर उस उत्तम देश के अधिकारी हो जाओगे।
اِحْتَرِزُوا مِنْ أَنْ تَنْسَوْا عَهْدَ ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمُ ٱلَّذِي قَطَعَهُ مَعَكُمْ، وَتَصْنَعُوا لِأَنْفُسِكُمْ تِمْثَالًا مَنْحُوتًا، صُورَةَ كُلِّ مَا نَهَاكَ عَنْهُ ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ. | ٢٣ 23 |
२३इसलिए अपने विषय में तुम सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम उस वाचा को भूलकर, जो तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम से बाँधी है, किसी और वस्तु की मूर्ति खोदकर बनाओ, जिसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम को मना किया है।
لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ هُوَ نَارٌ آكِلَةٌ، إِلَهٌ غَيُورٌ. | ٢٤ 24 |
२४क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा भस्म करनेवाली आग है; वह जलन रखनेवाला परमेश्वर है।
«إِذَا وَلَدْتُمْ أَوْلَادًا وَأَوْلَادَ أَوْلَادٍ، وَأَطَلْتُمُ ٱلزَّمَانَ فِي ٱلْأَرْضِ، وَفَسَدْتُمْ وَصَنَعْتُمْ تِمْثَالًا مَنْحُوتًا صُورَةَ شَيْءٍ مَّا، وَفَعَلْتُمُ ٱلشَّرَّ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ إِلَهِكُمْ لِإِغَاظَتِهِ، | ٢٥ 25 |
२५“यदि उस देश में रहते-रहते बहुत दिन बीत जाने पर, और अपने बेटे-पोते उत्पन्न होने पर, तुम बिगड़कर किसी वस्तु के रूप की मूर्ति खोदकर बनाओ, और इस रीति से अपने परमेश्वर यहोवा के प्रति बुराई करके उसे अप्रसन्न कर दो,
أُشْهِدُ عَلَيْكُمُ ٱلْيَوْمَ ٱلسَّمَاءَ وَٱلْأَرْضَ أَنَّكُمْ تَبِيدُونَ سَرِيعًا عَنِ ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَنْتُمْ عَابِرُونَ ٱلْأُرْدُنَّ إِلَيْهَا لِتَمْتَلِكُوهَا. لَا تُطِيلُونَ ٱلْأَيَّامَ عَلَيْهَا، بَلْ تَهْلِكُونَ لَا مَحَالَةَ. | ٢٦ 26 |
२६तो मैं आज आकाश और पृथ्वी को तुम्हारे विरुद्ध साक्षी करके कहता हूँ, कि जिस देश के अधिकारी होने के लिये तुम यरदन पार जाने पर हो उसमें तुम जल्दी बिल्कुल नाश हो जाओगे; और बहुत दिन रहने न पाओगे, किन्तु पूरी रीति से नष्ट हो जाओगे।
وَيُبَدِّدُكُمُ ٱلرَّبُّ فِي ٱلشُّعُوبِ، فَتَبْقَوْنَ عَدَدًا قَلِيلًا بَيْنَ ٱلْأُمَمِ ٱلَّتِي يَسُوقُكُمُ ٱلرَّبُّ إِلَيْهَا. | ٢٧ 27 |
२७और यहोवा तुम को देश-देश के लोगों में तितर-बितर करेगा, और जिन जातियों के बीच यहोवा तुम को पहुँचाएगा उनमें तुम थोड़े ही से रह जाओगे।
وَتَصْنَعُونَ هُنَاكَ آلِهَةً صَنْعَةَ أَيْدِي ٱلنَّاسِ مِنْ خَشَبٍ وَحَجَرٍ مِمَّا لَا يُبْصِرُ وَلَا يَسْمَعُ وَلَا يَأْكُلُ وَلَا يَشُمُّ. | ٢٨ 28 |
२८और वहाँ तुम मनुष्य के बनाए हुए लकड़ी और पत्थर के देवताओं की सेवा करोगे, जो न देखते, और न सुनते, और न खाते, और न सूँघते हैं।
ثُمَّ إِنْ طَلَبْتَ مِنْ هُنَاكَ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ تَجِدْهُ إِذَا ٱلْتَمَسْتَهُ بِكُلِّ قَلْبِكَ وَبِكُلِّ نَفْسِكَ. | ٢٩ 29 |
२९परन्तु वहाँ भी यदि तुम अपने परमेश्वर यहोवा को ढूँढ़ोगे, तो वह तुम को मिल जाएगा, शर्त यह है कि तुम अपने पूरे मन से और अपने सारे प्राण से उसे ढूँढ़ो।
عِنْدَمَا ضُيِّقَ عَلَيْكَ وَأَصَابَتْكَ كُلُّ هَذِهِ ٱلْأُمُورِ فِي آخِرِ ٱلْأَيَّامِ، تَرْجِعُ إِلَى ٱلرَّبِّ إِلَهِكَ وَتَسْمَعُ لِقَوْلِهِ، | ٣٠ 30 |
३०अन्त के दिनों में जब तुम संकट में पड़ो, और ये सब विपत्तियाँ तुम पर आ पड़ें, तब तुम अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फिरो और उसकी मानना;
لِأَنَّ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ إِلَهٌ رَحِيمٌ، لَا يَتْرُكُكَ وَلَا يُهْلِكُكَ وَلَا يَنْسَى عَهْدَ آبَائِكَ ٱلَّذِي أَقْسَمَ لَهُمْ عَلَيْهِ. | ٣١ 31 |
३१क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा दयालु परमेश्वर है, वह तुम को न तो छोड़ेगा और न नष्ट करेगा, और जो वाचा उसने तेरे पितरों से शपथ खाकर बाँधी है उसको नहीं भूलेगा।
«فَٱسْأَلْ عَنِ ٱلْأَيَّامِ ٱلْأُولَى ٱلَّتِي كَانَتْ قَبْلَكَ، مِنَ ٱلْيَوْمِ ٱلَّذِي خَلَقَ ٱللهُ فِيهِ ٱلْإِنْسَانَ عَلَى ٱلْأَرْضِ، وَمِنْ أَقْصَاءِ ٱلسَّمَاءِ إِلَى أَقْصَائِهَا. هَلْ جَرَى مِثْلُ هَذَا ٱلْأَمْرِ ٱلْعَظِيمِ، أَوْ هَلْ سُمِعَ نَظِيرُهُ؟ | ٣٢ 32 |
३२“जब से परमेश्वर ने मनुष्य को उत्पन्न करके पृथ्वी पर रखा तब से लेकर तू अपने उत्पन्न होने के दिन तक की बातें पूछ, और आकाश के एक छोर से दूसरे छोर तक की बातें पूछ, क्या ऐसी बड़ी बात कभी हुई या सुनने में आई है?
هَلْ سَمِعَ شَعْبٌ صَوْتَ ٱللهِ يَتَكَلَّمُ مِنْ وَسَطِ ٱلنَّارِ كَمَا سَمِعْتَ أَنْتَ، وَعَاشَ؟ | ٣٣ 33 |
३३क्या कोई जाति कभी परमेश्वर की वाणी आग के बीच में से आती हुई सुनकर जीवित रही, जैसे कि तूने सुनी है?
أَوْ هَلْ شَرَعَ ٱللهُ أَنْ يَأْتِيَ وَيَأْخُذَ لِنَفْسِهِ شَعْبًا مِنْ وَسَطِ شَعْبٍ، بِتَجَارِبَ وَآيَاتٍ وَعَجَائِبَ وَحَرْبٍ وَيَدٍ شَدِيدَةٍ وَذِرَاعٍ رَفِيعَةٍ وَمَخَاوِفَ عَظِيمَةٍ، مِثْلَ كُلِّ مَا فَعَلَ لَكُمُ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ فِي مِصْرَ أَمَامَ أَعْيُنِكُمْ؟ | ٣٤ 34 |
३४फिर क्या परमेश्वर ने और किसी जाति को दूसरी जाति के बीच से निकालने को कमर बाँधकर परीक्षा, और चिन्ह, और चमत्कार, और युद्ध, और बलवन्त हाथ, और बढ़ाई हुई भुजा से ऐसे बड़े भयानक काम किए, जैसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने मिस्र में तुम्हारे देखते किए?
إِنَّكَ قَدْ أُرِيتَ لِتَعْلَمَ أَنَّ ٱلرَّبَّ هُوَ ٱلْإِلَهُ. لَيْسَ آخَرَ سِوَاهُ. | ٣٥ 35 |
३५यह सब तुझको दिखाया गया, इसलिए कि तू जान ले कि यहोवा ही परमेश्वर है; उसको छोड़ और कोई है ही नहीं।
مِنَ ٱلسَّمَاءِ أَسْمَعَكَ صَوْتَهُ لِيُنْذِرَكَ، وَعَلَى ٱلْأَرْضِ أَرَاكَ نَارَهُ ٱلْعَظِيمَةَ، وَسَمِعْتَ كَلَامَهُ مِنْ وَسَطِ ٱلنَّارِ. | ٣٦ 36 |
३६आकाश में से उसने तुझे अपनी वाणी सुनाई कि तुझे शिक्षा दे; और पृथ्वी पर उसने तुझे अपनी बड़ी आग दिखाई, और उसके वचन आग के बीच में से आते हुए तुझे सुनाई पड़े।
وَلِأَجْلِ أَنَّهُ أَحَبَّ آبَاءَكَ وَٱخْتَارَ نَسْلَهُمْ مِنْ بَعْدِهِمْ، أَخْرَجَكَ بِحَضْرَتِهِ بِقُوَّتِهِ ٱلْعَظِيمَةِ مِنْ مِصْرَ، | ٣٧ 37 |
३७और उसने जो तेरे पितरों से प्रेम रखा, इस कारण उनके पीछे उनके वंश को चुन लिया, और प्रत्यक्ष होकर तुझे अपने बड़े सामर्थ्य के द्वारा मिस्र से इसलिए निकाल लाया,
لِكَيْ يَطْرُدَ مِنْ أَمَامِكَ شُعُوبًا أَكْبَرَ وَأَعْظَمَ مِنْكَ، وَيَأْتِيَ بِكَ وَيُعْطِيَكَ أَرْضَهُمْ نَصِيبًا كَمَا فِي هَذَا ٱلْيَوْمِ. | ٣٨ 38 |
३८कि तुझ से बड़ी और सामर्थी जातियों को तेरे आगे से निकालकर तुझे उनके देश में पहुँचाए, और उसे तेरा निज भागकर दे, जैसा आज के दिन दिखाई पड़ता है;
فَٱعْلَمِ ٱلْيَوْمَ وَرَدِّدْ فِي قَلْبِكَ أَنَّ ٱلرَّبَّ هُوَ ٱلْإِلَهُ فِي ٱلسَّمَاءِ مِنْ فَوْقُ، وَعَلَى ٱلْأَرْضِ مِنْ أَسْفَلُ. لَيْسَ سِوَاهُ. | ٣٩ 39 |
३९इसलिए आज जान ले, और अपने मन में सोच भी रख, कि ऊपर आकाश में और नीचे पृथ्वी पर यहोवा ही परमेश्वर है; और कोई दूसरा नहीं।
وَٱحْفَظْ فَرَائِضَهُ وَوَصَايَاهُ ٱلَّتِي أَنَا أُوصِيكَ بِهَا ٱلْيَوْمَ لِكَيْ يُحْسَنَ إِلَيْكَ وَإِلَى أَوْلَادِكَ مِنْ بَعْدِكَ، وَلِكَيْ تُطِيلَ أَيَّامَكَ عَلَى ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ يُعْطِيكَ إِلَى ٱلْأَبَدِ». | ٤٠ 40 |
४०और तू उसकी विधियों और आज्ञाओं को जो मैं आज तुझे सुनाता हूँ मानना, इसलिए कि तेरा और तेरे पीछे तेरे वंश का भी भला हो, और जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसमें तेरे दिन बहुत वरन् सदा के लिये हों।”
حِينَئِذٍ أَفْرَزَ مُوسَى ثَلَاثَ مُدُنٍ فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ نَحْوَ شُرُوقِ ٱلشَّمْسِ | ٤١ 41 |
४१तब मूसा ने यरदन के पार पूर्व की ओर तीन नगर अलग किए,
لِكَيْ يَهْرُبَ إِلَيْهَا ٱلْقَاتِلُ ٱلَّذِي يَقْتُلُ صَاحِبَهُ بِغَيْرِ عِلْمٍ، وَهُوَ غَيْرُ مُبْغِضٍ لَهُ مُنْذُ أَمْسِ وَمَا قَبْلَهُ. يَهْرُبُ إِلَى إِحْدَى تِلْكَ ٱلْمُدُنِ فَيَحْيَا. | ٤٢ 42 |
४२इसलिए कि जो कोई बिना जाने और बिना पहले से बैर रखे अपने किसी भाई को मार डाले, वह उनमें से किसी नगर में भाग जाए, और भागकर जीवित रहे
بَاصِرَ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ فِي أَرْضِ ٱلسَّهْلِ لِلرَّأُوبَيْنِيِّينَ، وَرَامُوتَ فِي جِلْعَادَ لِلْجَادِيِّينَ، وَجُولَانَ فِي بَاشَانَ لِلْمَنَسِّيِّينَ. | ٤٣ 43 |
४३अर्थात् रूबेनियों का बेसेर नगर जो जंगल के समथर देश में है, और गादियों के गिलाद का रामोत, और मनश्शेइयों के बाशान का गोलन।
وَهَذِهِ هِيَ ٱلشَّرِيعَةُ ٱلَّتِي وَضَعَهَا مُوسَى أَمَامَ بَنِي إِسْرَائِيلَ. | ٤٤ 44 |
४४फिर जो व्यवस्था मूसा ने इस्राएलियों को दी वह यह है
هَذِهِ هِيَ ٱلشَّهَادَاتُ وَٱلْفَرَائِضُ وَٱلْأَحْكَامُ ٱلَّتِي كَلَّمَ بِهَا مُوسَى بَنِي إِسْرَائِيلَ عِنْدَ خُرُوجِهِمْ مِنْ مِصْرَ | ٤٥ 45 |
४५ये ही वे चेतावनियाँ और नियम हैं जिन्हें मूसा ने इस्राएलियों को उस समय कह सुनाया जब वे मिस्र से निकले थे,
فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ فِي ٱلْجِوَاءِ مُقَابِلَ بَيْتِ فَغُورَ، فِي أَرْضِ سِيحُونَ مَلِكِ ٱلْأَمُورِيِّينَ ٱلَّذِي كَانَ سَاكِنًا فِي حَشْبُونَ، ٱلَّذِي ضَرَبَهُ مُوسَى وَبَنُو إِسْرَائِيلَ عِنْدَ خُرُوجِهِمْ مِنْ مِصْرَ | ٤٦ 46 |
४६अर्थात् यरदन के पार बेतपोर के सामने की तराई में, एमोरियों के राजा हेशबोनवासी सीहोन के देश में, जिस राजा को उन्होंने मिस्र से निकलने के बाद मारा।
وَٱمْتَلَكُوا أَرْضَهُ وَأَرْضَ عُوجٍ مَلِكِ بَاشَانَ، مَلِكَيِ ٱلْأَمُورِيِّينَ، ٱللَّذَيْنِ فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ نَحْوَ شُرُوقِ ٱلشَّمْسِ. | ٤٧ 47 |
४७और उन्होंने उसके देश को, और बाशान के राजा ओग के देश को, अपने वश में कर लिया; यरदन के पार सूर्योदय की ओर रहनेवाले एमोरियों के राजाओं के ये देश थे।
مِنْ عَرُوعِيرَ ٱلَّتِي عَلَى حَافَةِ وَادِي أَرْنُونَ إِلَى جَبَلِ سِيئُونَ ٱلَّذِي هُوَ حَرْمُونُ | ٤٨ 48 |
४८यह देश अर्नोन के नाले के छोरवाले अरोएर से लेकर सिय्योन पर्वत, जो हेर्मोन भी कहलाता है,
وَكُلَّ ٱلْعَرَبَةِ فِي عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ نَحْوَ ٱلشُّرُوقِ إِلَى بَحْرِ ٱلْعَرَبَةِ تَحْتَ سُفُوحِ ٱلْفِسْجَةِ. | ٤٩ 49 |
४९उस पर्वत तक का सारा देश, और पिसगा की ढलान के नीचे के अराबा के ताल तक, यरदन पार पूर्व की ओर का सारा अराबा है।