< أعمال 7 >
فَقَالَ رَئِيسُ ٱلْكَهَنَةِ: «أَتُرَى هَذِهِ ٱلْأُمُورُ هَكَذَا هِيَ؟». | ١ 1 |
फेर महायाजक नै स्तिफनुस तै बुझ्झया, “के यो इलजाम सच सै?”
فَقَالَ: «أَيُّهَا ٱلرِّجَالُ ٱلْإِخْوَةُ وَٱلْآبَاءُ، ٱسْمَعُوا! ظَهَرَ إِلَهُ ٱلْمَجْدِ لِأَبِينَا إِبْرَاهِيمَ وَهُوَ فِي مَا بَيْنَ ٱلنَّهْرَيْنِ، قَبْلَمَا سَكَنَ في حَارَانِ، | ٢ 2 |
उसनै कह्या, “हे भाईयो, अर बुजुर्गों सुणो। म्हारा पूर्वज अब्राहम हारान नगर म्ह बसण तै पैहल्या जिब वो मेसोपोटामिया परदेस म्ह था, तो तेजोमय परमेसवर नै उस ताहीं दर्शन दिया,
وَقَالَ لَهُ: ٱخْرُجْ مِنْ أَرْضِكَ وَمِنْ عَشِيرَتِكَ، وَهَلُمَّ إِلَى ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أُرِيكَ. | ٣ 3 |
अर उसतै बोल्या, ‘तू अपणे देश अर अपणे कुण्बे म्ह तै लिकड़कै उस देश म्ह जा, जिस ताहीं मै तन्नै दिखाऊँगा।’”
فَخَرَجَ حِينَئِذٍ مِنْ أَرْضِ ٱلْكَلْدَانِيِّينَ وَسَكَنَ فِي حَارَانَ. وَمِنْ هُنَاكَ نَقَلَهُ، بَعْدَ مَا مَاتَ أَبُوهُ، إِلَى هَذِهِ ٱلْأَرْضِ ٱلَّتِي أَنْتُمُ ٱلْآنَ سَاكِنُونَ فِيهَا. | ٤ 4 |
फेर अब्राहम कसदियो के देश तै लिकड़कै हारान नगर म्ह जा बस्या। उसकै पिता की मौत कै पाच्छै परमेसवर नै उस ताहीं ओड़ै तै इस देश म्ह ल्याकै बसाया जिसम्ह इब हम बसां सां,
وَلَمْ يُعْطِهِ فِيهَا مِيرَاثًا وَلَا وَطْأَةَ قَدَمٍ، وَلَكِنْ وَعَدَ أَنْ يُعْطِيَهَا مُلْكًا لَهُ وَلِنَسْلِهِ مِنْ بَعْدِهِ، وَلَمْ يَكُنْ لَهُ بَعْدُ وَلَدٌ. | ٥ 5 |
अर उस ताहीं कुछ भी विरासत न्ही दी, बल्के पैर धरण भर की भी उस म्ह जगहां कोनी देई, पर परमेसवर नै वादा करया, के मै यो देश तेरे अर तेरे बाद तेरे वंश कै हाथ कर दियुँगा, हालाकि उस बखत उसकै कोए बेट्टा कोनी था।
وَتَكَلَّمَ ٱللهُ هَكَذَا: أَنْ يَكُونَ نَسْلُهُ مُتَغَرِّبًا فِي أَرْضٍ غَرِيبَةٍ، فَيَسْتَعْبِدُونَهُ وَيُسِيئُوا إِلَيْهِ أَرْبَعَ مِئَةِ سَنَةٍ، | ٦ 6 |
अर परमेसवर नै यो भी कह्या, “वे लोग उननै गुलाम बणा लेंगे, अर चार सौ साल ताहीं उनकै गैल भुंडा बरताव करैगें।”
وَٱلْأُمَّةُ ٱلَّتِي يُسْتَعْبَدُونَ لَهَا سَأَدِينُهَا أَنَا، يَقُولُ ٱللهُ. وَبَعْدَ ذَلِكَ يَخْرُجُونَ وَيَعْبُدُونَنِي فِي هَذَا ٱلْمَكَانِ. | ٧ 7 |
फेर परमेसवर नै यो भी कह्या, “के जिस जात के वे गुलाम होवैंगें, उस ताहीं मै सजा देऊँगा, अर इसकै बाद वे लिकड़कै इस्से देश म्ह मेरी भगति करैंगें।”
وَأَعْطَاهُ عَهْدَ ٱلْخِتَانِ، وَهَكَذَا وَلَدَ إِسْحَاقَ وَخَتَنَهُ فِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّامِنِ. وَإِسْحَاقُ وَلَدَ يَعْقُوبَ، وَيَعْقُوبُ وَلَدَ رُؤَسَاءَ ٱلْآبَاءِ ٱلِٱثْنَيْ عَشَرَ. | ٨ 8 |
अर परमेसवर नै अब्राहम कै गैल खतने का करार करया, जिब अब्राहम के बेट्टे इसहाक का जन्म होया, तो आंठ्वै दिन उसका खतना करया गया, अर इसहाक तै याकूब अर याकूब तै बारहां कुलपति पैदा होए।
وَرُؤَسَاءُ ٱلْآبَاءِ حَسَدُوا يُوسُفَ وَبَاعُوهُ إِلَى مِصْرَ، وَكَانَ ٱللهُ مَعَهُ، | ٩ 9 |
“कुलपतियाँ नै अपणे भाई यूसुफ तै जळण करकै उस ताहीं मिस्र देश जाण आळा ताहीं बेच्या। पर परमेसवर उसकै गेल्या था,
وَأَنْقَذَهُ مِنْ جَمِيعِ ضِيقَاتِهِ، وَأَعْطَاهُ نِعْمَةً وَحِكْمَةً أَمَامَ فِرْعَوْنَ مَلِكِ مِصْرَ، فَأَقَامَهُ مُدَبِّرًا عَلَى مِصْرَ وَعَلَى كُلِّ بَيْتِهِ. | ١٠ 10 |
अर परमेसवर नै यूसुफ ताहीं उसके सारे क्लेशां तै छुड़ाकै मिस्र देश कै राजा फिरौन की निगांह म्ह अनुग्रह अर बुद्धि दी, अर फिरौन नै उस ताहीं मिस्र देश पै अर अपणे सारे घर पै हाकिम बणा दिया।
«ثُمَّ أَتَى جُوعٌ عَلَى كُلِّ أَرْضِ مِصْرَ وَكَنْعَانَ، وَضِيقٌ عَظِيمٌ، فَكَانَ آبَاؤُنَا لَا يَجِدُونَ قُوتًا. | ١١ 11 |
“जिब यूसुफ मिस्र देश का हाकिम था, तो सारे मिस्र देश अर कनान देश म्ह अकाळ पड़ग्या, जिसतै हरेक जगहां हाहाकार माचग्या, अर म्हारे पूर्वजां ताहीं नाज कोनी मिलै था।
وَلَمَّا سَمِعَ يَعْقُوبُ أَنَّ فِي مِصْرَ قَمْحًا، أَرْسَلَ آبَاءَنَا أَوَّلَ مَرَّةٍ. | ١٢ 12 |
पर याकूब नै न्यू सुणकै के मिस्र देश म्ह नाज सै, म्हारे पूर्वजां ताहीं नाज मोल लेण खात्तर पैहली बार भेज्या।
وَفِي ٱلْمَرَّةِ ٱلثَّانِيَةِ ٱسْتَعْرَفَ يُوسُفُ إِلَى إِخْوَتِهِ، وَٱسْتَعْلَنَتْ عَشِيرَةُ يُوسُفَ لِفِرْعَوْنَ. | ١٣ 13 |
जिब वे दुसरी बार नाज मोल लेण खात्तर गये, तो यूसुफ नै खुद ताहीं अपणे भाईयाँ पै जाहिर करया, अर यूसुफ के परिवार के बारें म्ह फिरौन नै बेरा पाटग्या।
فَأَرْسَلَ يُوسُفُ وَٱسْتَدْعَى أَبَاهُ يَعْقُوبَ وَجَمِيعَ عَشِيرَتِهِ، خَمْسَةً وَسَبْعِينَ نَفْسًا. | ١٤ 14 |
फेर यूसुफ नै अपणे बाप याकूब अर अपणे साबतै कुण्बे ताहीं, जो पचत्तर माणस थे, बुलवा भेज्या।
فَنَزَلَ يَعْقُوبُ إِلَى مِصْرَ وَمَاتَ هُوَ وَآبَاؤُنَا، | ١٥ 15 |
फेर याकूब मिस्र देश गया, अर कुछ साल्लां बाद ओड़ैए वो अर म्हारे पूर्वज मरग्ये।
وَنُقِلُوا إِلَى شَكِيمَ وَوُضِعُوا فِي ٱلْقَبْرِ ٱلَّذِي ٱشْتَرَاهُ إِبْرَاهِيمُ بِثَمَنٍ فِضَّةٍ مِنْ بَنِي حَمُورَ أَبِي شَكِيمَ. | ١٦ 16 |
उनकी लाश शकेम नगर म्ह पहुँचाकै उस कब्र म्ह धरी गई, जिस ताहीं अब्राहम नै चाँदी देकै शकेम नगर म्ह हमोर की ऊलाद तै मोल लिया था।”
وَكَمَا كَانَ يَقْرُبُ وَقْتُ ٱلْمَوْعِدِ ٱلَّذِي أَقْسَمَ ٱللهُ عَلَيْهِ لِإِبْرَاهِيمَ، كَانَ يَنْمُو ٱلشَّعْبُ وَيَكْثُرُ فِي مِصْرَ، | ١٧ 17 |
“पर जिब उस वादा के पूरे होण का बखत लोवै आया जो परमेसवर नै अब्राहम तै करया था, तो मिस्र देश म्ह वे आदमी बढ़ग्ये अर घणे होग्ये।
إِلَى أَنْ قَامَ مَلِكٌ آخَرُ لَمْ يَكُنْ يَعْرِفُ يُوسُفَ. | ١٨ 18 |
फेर मिस्र देश म्ह दुसरा राजा होया जो यूसुफ ताहीं कोनी जाणै था।
فَٱحْتَالَ هَذَا عَلَى جِنْسِنَا وَأَسَاءَ إِلَى آبَائِنَا، حَتَّى جَعَلُوا أَطْفَالَهُمْ مَنْبُوذِينَ لِكَيْ لَا يَعِيشُوا. | ١٩ 19 |
उसनै म्हारे जात्ति भाईयाँ तै हेरा-फेरी करकै म्हारे पूर्वजां कै गेल्या उरै ताहीं भुंडा बीवार करया, के अपणे माँ-बाप नै अपणे बाळकां ताहीं बगाणे पड़गे, के एक भी बाळक जिन्दा ना रहवैं।
«وَفِي ذَلِكَ ٱلْوَقْتِ وُلِدَ مُوسَى وَكَانَ جَمِيلًا جِدًّا، فَرُبِّيَ هَذَا ثَلَاثَةَ أَشْهُرٍ فِي بَيْتِ أَبِيهِ. | ٢٠ 20 |
“उस बखत मूसा नबी पैदा होया। वो परमेसवर की निगांह म्ह घणा सुथरा था। वो तीन महिन्ने ताहीं अपणे बाप कै घरां लुह्को कै पाळया गया।
وَلَمَّا نُبِذَ، ٱتَّخَذَتْهُ ٱبْنَةُ فِرْعَوْنَ وَرَبَّتْهُ لِنَفْسِهَا ٱبْنًا. | ٢١ 21 |
जिब उसके परिवार आळे उस ताहीं और न्ही लह्को सके, तो उननै मूसा ताहीं छोड़णा पड्या, फेर फिरौन की बेट्टी नै उस ताहीं ठा लिया, अर अपणा बेट्टा करकै पाळया।
فَتَهَذَّبَ مُوسَى بِكُلِّ حِكْمَةِ ٱلْمِصْرِيِّينَ، وَكَانَ مُقْتَدِرًا فِي ٱلْأَقْوَالِ وَٱلْأَعْمَالِ. | ٢٢ 22 |
मूसा नबी नै मिस्र देश की सारी विद्या पढ़ाई गई, अर वो बोलण म्ह अर काम करण म्ह, दोनुआ म्ह सामर्थी था।”
وَلَمَّا كَمِلَتْ لَهُ مُدَّةُ أَرْبَعِينَ سَنَةً، خَطَرَ عَلَى بَالِهِ أَنْ يَفْتَقِدَ إِخْوَتَهُ بَنِي إِسْرَائِيلَ. | ٢٣ 23 |
“जिब मूसा नबी चाळीस साल का होया, तो उसकै मन म्ह आया के मै अपणे इस्राएली भाईयाँ तै मिलूं।
وَإِذْ رَأَى وَاحِدًا مَظْلُومًا حَامَى عَنْهُ، وَأَنْصَفَ ٱلْمَغْلُوبَ، إِذْ قَتَلَ ٱلْمِصْرِيَّ. | ٢٤ 24 |
उसनै एक इस्राएली माणस पै जुल्म होन्दे देखकै उस ताहीं बचाया, अर उस मिस्री आदमी ताहीं मारकै सताए होए का बदला लिया।
فَظَنَّ أَنَّ إِخْوَتَهُ يَفْهَمُونَ أَنَّ ٱللهَ عَلَى يَدِهِ يُعْطِيهِمْ نَجَاةً، وَأَمَّا هُمْ فَلَمْ يَفْهَمُوا. | ٢٥ 25 |
मूसा नै सोच्या के उसके भाई-बन्धु जाण जावैंगे के उन ताहीं गुलामी तै छुटकारा दुआण खात्तर परमेसवर उसका इस्तमाल करण लाग रह्या सै, पर वे इस ताहीं समझ न्ही पाये।
وَفِي ٱلْيَوْمِ ٱلثَّانِي ظَهَرَ لَهُمْ وَهُمْ يَتَخَاصَمُونَ، فَسَاقَهُمْ إِلَى ٱلسَّلَامَةِ قَائِلًا: أَيُّهَا ٱلرِّجَالُ، أَنْتُمْ إِخْوَةٌ. لِمَاذَا تَظْلِمُونَ بَعْضُكُمْ بَعْضًا؟ | ٢٦ 26 |
दुसरे दिन जिब वे आप्पस म्ह लड़ै थे, तो वो उड़ै तै आण लिकड़या, अर न्यू कहकै उननै मेल करण कै खात्तर समझाया, ‘हे भले माणसों, थम तो भाई-भाई सो, एक-दुसरे पै क्यांतै जुल्म करो सो?’”
فَٱلَّذِي كَانَ يَظْلِمُ قَرِيبَهُ دَفَعَهُ قَائِلًا: مَنْ أَقَامَكَ رَئِيسًا وَقَاضِيًا عَلَيْنَا؟ | ٢٧ 27 |
“पर जो अपणे पड़ोसी पै जुल्म करै था, उसनै उस ताहीं न्यू कहकै धक्का दिया, ‘तेरे ताहीं किसनै म्हारै पै हाकिम अर न्यायाधीश ठहराया सै?
أَتُرِيدُ أَنْ تَقْتُلَنِي كَمَا قَتَلْتَ أَمْسِ ٱلْمِصْرِيَّ؟ | ٢٨ 28 |
के जिस ढाळ तै तन्नै काल उस मिस्री आदमी ताहीं मार दिया मन्नै भी मार देणा चाहवै सै?’
فَهَرَبَ مُوسَى بِسَبَبِ هَذِهِ ٱلْكَلِمَةِ، وَصَارَ غَرِيبًا فِي أَرْضِ مَدْيَانَ، حَيْثُ وَلَدَ ٱبْنَيْنِ. | ٢٩ 29 |
या बात सुणकै मूसा नबी डरकै भाज्या अर मिधान देश म्ह परदेशी होकै रहण लाग्या, अर ओड़ै उसके दो बेट्टे पैदा होए।”
«وَلَمَّا كَمِلَتْ أَرْبَعُونَ سَنَةً، ظَهَرَ لَهُ مَلَاكُ ٱلرَّبِّ فِي بَرِّيَّةِ جَبَلِ سِينَاءَ فِي لَهِيبِ نَارِ عُلَّيْقَةٍ. | ٣٠ 30 |
“जिब मूसा ताहीं ओड़ै रहन्दे पूरे चाळीस साल बीतगे, तो परमेसवर नै एक सुर्गदूत के रूप म्ह सीनै पहाड़ के बण म्ह उस ताहीं बळदी होई झाड़ी की ज्वाला म्ह दर्शन दिया।
فَلَمَّا رَأَى مُوسَى ذَلِكَ تَعَجَّبَ مِنَ ٱلْمَنْظَرِ. وَفِيمَا هُوَ يَتَقَدَّمُ لِيَتَطَلَّعَ، صَارَ إِلَيْهِ صَوْتُ ٱلرَّبِّ: | ٣١ 31 |
मूसा नबी नै यो बळदी होई झाड़ी का दर्शन देखकै हैरानी होई, अर जिब देखण खात्तर लोवै गया, तो प्रभु की या वाणी सुणाई दी,
أَنَا إِلَهُ آبَائِكَ، إِلَهُ إِبْرَاهِيمَ وَإِلَهُ إِسْحَاقَ وَإِلَهُ يَعْقُوبَ. فَٱرْتَعَدَ مُوسَى وَلَمْ يَجْسُرْ أَنْ يَتَطَلَّعَ. | ٣٢ 32 |
‘मै तेरे पूर्वज, अब्राहम, इसहाक, याकूब का परमेसवर सूं,’ फेर मूसा नबी डर के मारे काम्बग्या, उरै ताहीं के उसकी देखण की हिम्मत भी कोनी होई।”
فَقَالَ لَهُ ٱلرَّبُّ: ٱخْلَعْ نَعْلَ رِجْلَيْكَ، لِأَنَّ ٱلْمَوْضِعَ ٱلَّذِي أَنْتَ وَاقِفٌ عَلَيْهِ أَرْضٌ مُقَدَّسَةٌ. | ٣٣ 33 |
“फेर प्रभु नै मूसा नबी तै कह्या, ‘अपणे पायां तै जूत्ती उत्तार ले, क्यूँके जिस जगहां तू खड्या सै, वा पवित्र धरती सै।
إِنِّي لَقَدْ رَأَيْتُ مَشَقَّةَ شَعْبِي ٱلَّذِينَ فِي مِصْرَ، وَسَمِعْتُ أَنِينَهُمْ وَنَزَلْتُ لِأُنْقِذَهُمْ. فَهَلُمَّ ٱلْآنَ أُرْسِلُكَ إِلَى مِصْرَ. | ٣٤ 34 |
मन्नै साच्ये अपणे आदमियाँ की जो मिस्र देश म्ह सै, भुन्ड़ी हालत देक्खी सै, अर उनकी आह अर उनका रोणा सुण्या सै, ज्यांतै उन ताहीं छुड़ाण कै खात्तर उतरया सूं। इब आ, मै तन्नै मिस्र देश भेज्जूँगा।’”
«هَذَا مُوسَى ٱلَّذِي أَنْكَرُوهُ قَائِلِينَ: مَنْ أَقَامَكَ رَئِيسًا وَقَاضِيًا؟ هَذَا أَرْسَلَهُ ٱللهُ رَئِيسًا وَفَادِيًا بِيَدِ ٱلْمَلَاكِ ٱلَّذِي ظَهَرَ لَهُ فِي ٱلْعُلَّيْقَةِ. | ٣٥ 35 |
“जिस मूसा नबी ताहीं उननै न्यू कहकै नकारा दिया था, ‘तेरे ताहीं किसनै म्हारै पै हाकिम अर न्यायाधीश ठहराया सै?’ उस्से ताहीं परमेसवर नै हाकिम अर छुड़ाण आळा ठहराकै उस सुर्गदूत के जरिये जिसनै उस ताहीं झाड़ी म्ह दर्शन दिया था, भेज्या।
هَذَا أَخْرَجَهُمْ صَانِعًا عَجَائِبَ وَآيَاتٍ فِي أَرْضِ مِصْرَ، وَفِي ٱلْبَحْرِ ٱلْأَحْمَرِ، وَفِي ٱلْبَرِّيَّةِ أَرْبَعِينَ سَنَةً. | ٣٦ 36 |
योए माणस मिस्र देश अर लाल समुन्दर अर जंगळ म्ह चाळीस साल ताहीं अनोक्खे काम अर चमत्कार दिखा-दिखाकै उन ताहीं लिकाड़ ल्याया।”
«هَذَا هُوَ مُوسَى ٱلَّذِي قَالَ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ: نَبِيًّا مِثْلِي سَيُقِيمُ لَكُمُ ٱلرَّبُّ إِلَهُكُمْ مِنْ إِخْوَتِكُمْ. لَهُ تَسْمَعُونَ. | ٣٧ 37 |
यो वोए मूसा नबी सै, जिसनै इस्राएल के माणसां तै कह्या, “परमेसवर थारे भाईयाँ म्ह तै थारे खात्तर मेरै जिसा एक नबी ठावैगा।
هَذَا هُوَ ٱلَّذِي كَانَ فِي ٱلْكَنِيسَةِ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ، مَعَ ٱلْمَلَاكِ ٱلَّذِي كَانَ يُكَلِّمُهُ فِي جَبَلِ سِينَاءَ، وَمَعَ آبَائِنَا. ٱلَّذِي قَبِلَ أَقْوَالًا حَيَّةً لِيُعْطِيَنَا إِيَّاهَا. | ٣٨ 38 |
यो वोए सै, जिसनै जंगळ म्ह इस्राएली मण्डळी कै बिचाळै उस सुर्गदूत के साथ सीनै पहाड़ पै उसतै बात करी, अर म्हारे पूर्वजां कै गेल्या था, उस्से ताहीं जिन्दा वचन मिल्या ताके म्हारै तक पोहोचावै।”
ٱلَّذِي لَمْ يَشَأْ آبَاؤُنَا أَنْ يَكُونُوا طَائِعِينَ لَهُ، بَلْ دَفَعُوهُ وَرَجَعُوا بِقُلُوبِهِمْ إِلَى مِصْرَ | ٣٩ 39 |
पर म्हारे पूर्वजां नै उसकी मानणी कोनी चाह्यी, बल्के उस ताहीं हटाकै अपणे मन मिस्र देश की ओड़ पलटे,
قَائِلِينَ لِهَارُونَ: ٱعْمَلْ لَنَا آلِهَةً تَتَقَدَّمُ أَمَامَنَا، لِأَنَّ هَذَا مُوسَى ٱلَّذِي أَخْرَجَنَا مِنْ أَرْضِ مِصْرَ لَا نَعْلَمُ مَاذَا أَصَابَهُ! | ٤٠ 40 |
अर मूसा नबी कै भाई हारुन तै, कह्या, म्हारै खात्तर इसा देवता बणा, जो म्हारै आग्गै-आग्गै चाल्लै, क्यूँके यो मूसा नबी जो हमनै मिस्र देश तै लिकाड़ ल्याया, हमनै न्ही बेरा के उसकै के होया?
فَعَمِلُوا عِجْلًا فِي تِلْكَ ٱلْأَيَّامِ وَأَصْعَدُوا ذَبِيحَةً لِلصَّنَمِ، وَفَرِحُوا بِأَعْمَالِ أَيْدِيهِمْ. | ٤١ 41 |
उन दिनां म्ह उननै एक बाछड़े की मूर्ति बणाकै उसकै आग्गै बलि चढ़ाई, अर अपणे हाथ्थां तै बणाई होई मूर्ति तै मग्न होण लाग्गे।
فَرَجَعَ ٱللهُ وَأَسْلَمَهُمْ لِيَعْبُدُوا جُنْدَ ٱلسَّمَاءِ، كَمَا هُوَ مَكْتُوبٌ فِي كِتَابِ ٱلْأَنْبِيَاءِ: هَلْ قَرَّبْتُمْ لِي ذَبَائِحَ وَقَرَابِينَ أَرْبَعِينَ سَنَةً فِي ٱلْبَرِّيَّةِ يَا بَيْتَ إِسْرَائِيلَ؟ | ٤٢ 42 |
इस खात्तर परमेसवर नै मुँह मोड़कै उन ताहीं छोड़ दिया, के अकास के सूरज चाँद सितारां ताहीं परमेसवर मानकै पुजै, जिसा नबियाँ की किताब म्ह लिख्या सै, “हे इस्राएल के घराने, के थम जंगळ म्ह चाळीस साल ताहीं पशुबलि अर अन्नबलि मेरै ताहीं ए चढ़ान्दे रहे?”
بَلْ حَمَلْتُمْ خَيْمَةَ مُولُوكَ، وَنَجْمَ إِلَهِكُمْ رَمْفَانَ، ٱلتَّمَاثِيلَ ٱلَّتِي صَنَعْتُمُوهَا لِتَسْجُدُوا لَهَا. فَأَنْقُلُكُمْ إِلَى مَا وَرَاءَ بَابِلَ. | ٤٣ 43 |
“थम उस तम्बू ताहीं जिस म्ह मोलेक देवता की मूर्ति अर अपणे रिफान देवता, के तारे नै लिये फिरे, यानिके उन मूरतां ताहीं जिन ताहीं थमनै आराधना करण कै खात्तर बणाया था। इस करकै मै थारे ताहीं बेबीलोन देश तै परली ओड़ ले जाकै बसाऊँगा।”
«وَأَمَّا خَيْمَةُ ٱلشَّهَادَةِ فَكَانَتْ مَعَ آبَائِنَا فِي ٱلْبَرِّيَّةِ، كَمَا أَمَرَ ٱلَّذِي كَلَّمَ مُوسَى أَنْ يَعْمَلَهَا عَلَى ٱلْمِثَالِ ٱلَّذِي كَانَ قَدْ رَآهُ، | ٤٤ 44 |
“मिलापआळे तम्बू की जंगल-बियाबान म्ह म्हारै पूर्वजां कै बिचाळै था, जिसा उसनै ठहराया जिसनै मूसा नबी तै कह्या, ‘जो रूप तन्नै देख्या सै, उसकै मुताबिक इसनै बणा।’
ٱلَّتِي أَدْخَلَهَا أَيْضًا آبَاؤُنَا إِذْ تَخَلَّفُوا عَلَيْهَا مَعَ يَشُوعَ فِي مُلْكِ ٱلْأُمَمِ ٱلَّذِينَ طَرَدَهُمُ ٱللهُ مِنْ وَجْهِ آبَائِنَا، إِلَى أَيَّامِ دَاوُدَ | ٤٥ 45 |
उस्से तम्बू नै म्हारे पूर्वज पाच्छले बखत तै पाकै यहोशू कै गेल्या उरै लियाये, जिस बखत के उननै उन दुसरी जात्तां पै हक पाया, जिन ताहीं परमेसवर नै म्हारै पूर्वजां कै स्याम्ही तै लिकाड़ दिया, अर वो तम्बू राजा दाऊद के बखत ताहीं रहया।
ٱلَّذِي وَجَدَ نِعْمَةً أَمَامَ ٱللهِ، وَٱلْتَمَسَ أَنْ يَجِدَ مَسْكَنًا لِإِلَهِ يَعْقُوبَ. | ٤٦ 46 |
दाऊद पै परमेसवर नै अनुग्रह करया, राजा दाऊद नै याकूब के परमेसवर कै खात्तर रहण की जगहां बणाण की बिनती करी।
وَلَكِنَّ سُلَيْمَانَ بَنَى لَهُ بَيْتًا. | ٤٧ 47 |
पर उसके बेट्टे राजा सुलैमान नै उसकै खात्तर घर बणाया।”
لَكِنَّ ٱلْعَلِيَّ لَا يَسْكُنُ فِي هَيَاكِلَ مَصْنُوعَاتِ ٱلْأَيَادِي، كَمَا يَقُولُ ٱلنَّبِيُّ: | ٤٨ 48 |
पर परमप्रधान हाथ के बणाए होए घरां म्ह कोनी रहन्दा, जिसा के यशायाह नबी की किताब म्ह कह्या,
ٱلسَّمَاءُ كُرْسِيٌّ لِي، وَٱلْأَرْضُ مَوْطِئٌ لِقَدَمَيَّ. أَيَّ بَيْتٍ تَبْنُونَ لِي؟ يَقُولُ ٱلرَّبُّ، وَأَيٌّ هُوَ مَكَانُ رَاحَتِي؟ | ٤٩ 49 |
“परमेसवर कहवै सै, सुर्ग मेरा सिंहासन अर धरती मेरी पायां तळै की पीढ़ी सै, मेरै खात्तर थम किस ढाळ का घर बणाओगे? अर मेरै आराम कि कौण-सी जगहां होवैगी?”
أَلَيْسَتْ يَدِي صَنَعَتْ هَذِهِ ٱلْأَشْيَاءَ كُلَّهَا؟ | ٥٠ 50 |
के ये सारी चीज मेरे जरिये न्ही बणाई गई सै?
«يَا قُسَاةَ ٱلرِّقَابِ، وَغَيْرَ ٱلْمَخْتُونِينَ بِٱلْقُلُوبِ وَٱلْآذَانِ! أَنْتُمْ دَائِمًا تُقَاوِمُونَ ٱلرُّوحَ ٱلْقُدُسَ. كَمَا كَانَ آبَاؤُكُمْ كَذَلِكَ أَنْتُمْ! | ٥١ 51 |
“हे जिद्दी, अर मन अर कान के खतनारहित आदमियो, थम सारी हाण पवित्र आत्मा का बिरोध करो सो। जिसा थारे पूर्वज करै थे, उस्से तरियां ए थम भी करो सो।
أَيُّ ٱلْأَنْبِيَاءِ لَمْ يَضْطَهِدْهُ آبَاؤُكُمْ؟ وَقَدْ قَتَلُوا ٱلَّذِينَ سَبَقُوا فَأَنْبَأُوا بِمَجِيءِ ٱلْبَارِّ، ٱلَّذِي أَنْتُمُ ٱلْآنَ صِرْتُمْ مُسَلِّمِيهِ وَقَاتِلِيهِ، | ٥٢ 52 |
के कोए इसा भी नबी था, जिस ताहीं थारे पूर्वजां नै न्ही सताया हो? उननै तो उस ताहीं भी मार दिया, जिननै भोत पैहले ए तै उस मसीहा के आण की मुनाद्दी कर दी थी, जिस ताहीं इब थमनै धोक्खे तै पकड़वा दिया अर मार दिया।
ٱلَّذِينَ أَخَذْتُمُ ٱلنَّامُوسَ بِتَرْتِيبِ مَلَائِكَةٍ وَلَمْ تَحْفَظُوهُ». | ٥٣ 53 |
थमनै सुर्गदूत्तां कै जरिये ठहराये होए नियम-कायदे तो पाए, पर उसका पालन कोनी करया।”
فَلَمَّا سَمِعُوا هَذَا حَنِقُوا بِقُلُوبِهِمْ وَصَرُّوا بِأَسْنَانِهِمْ عَلَيْهِ. | ٥٤ 54 |
ये बात सुणकै यहूदी अगुवें छो म्ह भरगे अर स्तिफनुस पै दाँत पिस्सण लाग्गे।
وَأَمَّا هُوَ فَشَخَصَ إِلَى ٱلسَّمَاءِ وَهُوَ مُمْتَلِئٌ مِنَ ٱلرُّوحِ ٱلْقُدُسِ، فَرَأَى مَجْدَ ٱللهِ، وَيَسُوعَ قَائِمًا عَنْ يَمِينِ ٱللهِ. | ٥٥ 55 |
पर उसनै पवित्र आत्मा तै पूरी तरियां भरकै सुर्ग की ओड़ देख्या अर परमेसवर की महिमा अर यीशु ताहीं परमेसवर के सोळी ओड़ खड्या देखकै
فَقَالَ: «هَا أَنَا أَنْظُرُ ٱلسَّمَاوَاتِ مَفْتُوحَةً، وَٱبْنَ ٱلْإِنْسَانِ قَائِمًا عَنْ يَمِينِ ٱللهِ». | ٥٦ 56 |
कह्या, “देक्खो, मै सुर्ग नै खुल्या होया, अर माणस के बेट्टे ताहीं परमेसवर कै सोळी ओड़ खड्या देखु सूं।”
فَصَاحُوا بِصَوْتٍ عَظِيمٍ وَسَدُّوا آذَانَهُمْ، وَهَجَمُوا عَلَيْهِ بِنَفْسٍ وَاحِدَةٍ، | ٥٧ 57 |
फेर ये बात सुणते ए सुणण आळा नै चीखते होए अपणे कान्ना पै हाथ रख लिये, अर वे छो म्ह एक साथ उसपै टूट पड़े,
وَأَخْرَجُوهُ خَارِجَ ٱلْمَدِينَةِ وَرَجَمُوهُ. وَٱلشُّهُودُ خَلَعُوا ثِيَابَهُمْ عِنْدَ رِجْلَيْ شَابٍّ يُقَالُ لَهُ شَاوُلُ. | ٥٨ 58 |
अर स्तिफनुस ताहीं यरुशलेम नगर कै बाहरणै लिकाड़कै उसपै पत्थर बरसाण लाग्गे। गवाहां नै अपणे लत्ते शाऊल नामक एक जवान कै पायां कै धोरै उतारकै धर दिए।
فَكَانُوا يَرْجُمُونَ ٱسْتِفَانُوسَ وَهُوَ يَدْعُو وَيَقُولُ: «أَيُّهَا ٱلرَّبُّ يَسُوعُ، ٱقْبَلْ رُوحِي». | ٥٩ 59 |
वे स्तिफनुस पै पत्थर बरसान्दे रहे, अर वो न्यू कहकै प्रार्थना करदा रह्या, “हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा ताहीं अपणाले।”
ثُمَّ جَثَا عَلَى رُكْبَتَيْهِ وَصَرَخَ بِصَوْتٍ عَظِيمٍ: «يَارَبُّ، لَا تُقِمْ لَهُمْ هَذِهِ ٱلْخَطِيَّةَ». وَإِذْ قَالَ هَذَا رَقَدَ. | ٦٠ 60 |
फेर गोड्डे टेककै ठाड्डू आवाज म्ह रुक्का मारया, “हे प्रभु, यो पाप उनपै मतना ला।” अर न्यू कह कै उसनै अपणे प्राण दे दिए।