< صَمُوئِيلَ ٱلثَّانِي 23 >
فَهَذِهِ هِيَ كَلِمَاتُ دَاوُدَ ٱلْأَخِيرَةُ: «وَحْيُ دَاوُدَ بْنِ يَسَّى، وَوَحْيُ ٱلرَّجُلِ ٱلْقَائِمِ فِي ٱلْعُلَا، مَسِيحِ إِلَهِ يَعْقُوبَ، وَمُرَنِّمِ إِسْرَائِيلَ ٱلْحُلْوِ: | ١ 1 |
दाऊद की आख़री बातें यह हैं: दाऊद बिन यस्सी कहता है, या'नी यह उस शख़्स का कलाम है जो सरफ़राज़ किया गया, और या'क़ूब के ख़ुदा का ममसूह और इस्राईल का शीरीं नग़मा साज़ है।
رُوحُ ٱلرَّبِّ تَكَلَّمَ بِي وَكَلِمَتُهُ عَلَى لِسَانِي. | ٢ 2 |
“ख़ुदावन्द की रूह ने मेरी ज़रिए' कलाम किया, और उसका सुख़न मेरी ज़बान पर था।
قَالَ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ. إِلَيَّ تَكَلَّمَ صَخْرَةُ إِسْرَائِيلَ: إِذَا تَسَلَّطَ عَلَى ٱلنَّاسِ بَارٌّ يَتَسَلَّطُ بِخَوْفِ ٱللهِ، | ٣ 3 |
इस्राईल के ख़ुदा ने फ़रमाया। इस्राईल की चटटान ने मुझसे कहा। एक है जो सच्चाई से लोगों पर हुकूमत करता है। जो ख़ुदा के खौफ़ के साथ हुकूमत करता है।
وَكَنُورِ ٱلصَّبَاحِ إِذَا أَشْرَقَتِ ٱلشَّمْسُ. كَعُشْبٍ مِنَ ٱلْأَرْضِ فِي صَبَاحٍ صَحْوٍ مُضِيءٍ غِبَّ ٱلْمَطَرِ. | ٤ 4 |
वह सुबह की रोशनी की तरह होगा जब सूरज निकलता है, ऐसी सुबह जिसमें बादल न हो, जब नरम नरम घास ज़मीन में से, बारिश के बाद की साफ़ चमक के ज़रिए' निकलती है।
أَلَيْسَ هَكَذَا بَيْتِي عِنْدَ ٱللهِ؟ لِأَنَّهُ وَضَعَ لِي عَهْدًا أَبَدِيًّا مُتْقَنًا فِي كُلِّ شَيْءٍ وَمَحْفُوظًا، أَفَلَا يُثْبِتُ كُلَّ خَلَاصِي وَكُلَّ مَسَرَّتِي؟ | ٥ 5 |
मेरा घर तो सच मुच ख़ुदा के सामने ऐसा है भी नहीं, तो भी उसने मेरे साथ एक हमेशा का 'अहद, जिसकी सब बातें मु'अय्यन और पाएदार हैं बाँधा है, क्यूँकि यही मेरी सारी नजात और सारी मुराद है, अगरचे वह उसको बढ़ाता नहीं।
وَلَكِنَّ بَنِي بَلِيَّعَالَ جَمِيعَهُمْ كَشَوْكٍ مَطْرُوحٍ، لِأَنَّهُمْ لَا يُؤْخَذُونَ بِيَدٍ. | ٦ 6 |
लेकिन झूठे लोग सब के सब काँटों की तरह ठहरेंगे जो हटा दिए जाते हैं, क्यूँकि वह हाथ से पकड़े नहीं जा सकते।
وَٱلرَّجُلُ ٱلَّذِي يَمَسُّهُمْ يَتَسَلَّحُ بِحَدِيدٍ وَعَصَا رُمْحٍ، فَيَحْتَرِقُونَ بِٱلنَّارِ فِي مَكَانِهِمْ». | ٧ 7 |
बल्कि जो आदमी उनको छुए, ज़रूर है कि वह लोहे और नेज़ह की छड़ से मुसल्लह हो, इसलिए वह अपनी ही जगह में आग से बिल्कुल भस्म कर दिए जायेंगे।
هَذِهِ أَسْمَاءُ ٱلْأَبْطَالِ ٱلَّذِينَ لِدَاوُدَ: يُشَيْبَ بَشَّبَثُ ٱلتَّحْكَمُونِيُّ رَئِيسُ ٱلثَّلَاثَةِ. هُوَ هَزَّ رُمْحَهُ عَلَى ثَمَانِ مِئَةٍ قَتَلَهُمْ دَفْعَةً وَاحِدَةً. | ٨ 8 |
और दाऊद के बहादुरों के नाम यह हैं: या'नी तहकमोनी योशेब बशेबत जो सिपह सालार का सरदार था, वही ऐज़नी अदीनो था जिससे आठ सौ एक ही वक़्त में मक़तूल हुए।
وَبَعْدَهُ أَلِعَازَارُ بْنُ دُودُو بْنِ أَخُوخِي، أَحَدُ ٱلثَّلَاثَةِ ٱلْأَبْطَالِ ٱلَّذِينَ كَانُوا مَعَ دَاوُدَ حِينَمَا عَيَّرُوا ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ ٱلَّذِينَ ٱجْتَمَعُوا هُنَاكَ لِلْحَرْبِ وَصَعِدَ رِجَالُ إِسْرَائِيلَ. | ٩ 9 |
उसके बाद एक अखूही के बेटे दोदे का बेटा एलियाज़र था, यह उन तीनों सूरमाओं में से एक था जो दाऊद के साथ उस वक़्त थे, जब उन्होंने उन फ़िलिस्तियों को जो लड़ाई के लिए जमा' हुए थे लल्कारा हालाँकि सब बनी इस्राईल चले गये थे।
أَمَّا هُوَ فَأَقَامَ وَضَرَبَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ حَتَّى كَلَّتْ يَدُهُ، وَلَصِقَتْ يَدُهُ بِٱلسَّيْفِ، وَصَنَعَ ٱلرَّبُّ خَلَاصًا عَظِيمًا فِي ذَلِكَ ٱلْيَوْمِ، وَرَجَعَ ٱلشَّعْبُ وَرَاءَهُ لِلنَّهْبِ فَقَطْ. | ١٠ 10 |
और उसने उठकर फ़िलिस्तियों को इतना मारा कि उसका हाथ थक कर तलवार से चिपक गया और ख़ुदावन्द ने उस दिन बड़ी फ़तह कराई और लोग फिर कर सिर्फ़ लूटने के लिए उसके पीछे हो लिए।
وَبَعْدَهُ شَمَّةُ بْنُ أَجِي ٱلْهَرَارِيُّ. فَٱجْتَمَعَ ٱلْفِلِسْطِينِيُّونَ جَيْشًا، وَكَانَتْ هُنَاكَ قِطْعَةُ حَقْلٍ مَمْلُوءَةً عَدَسًا، فَهَرَبَ ٱلشَّعْبُ مِنْ أَمَامِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ. | ١١ 11 |
बाद उसके हरारी अजी का बेटा सम्मा था और फ़िलिस्तियों ने उस क़त — ए — ज़मीन के पास जो मसूर के पेड़ों से भरा था जमा' होकर दिल बाँध लिया था और लोग फ़िलिस्तियों के आगे से भाग गये थे।
فَوَقَفَ فِي وَسَطِ ٱلْقِطْعَةِ وَأَنْقَذَهَا، وَضَرَبَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ، فَصَنَعَ ٱلرَّبُّ خَلَاصًا عَظِيمًا. | ١٢ 12 |
लेकिन उसने उस क़ता' के बीच में खड़े होकर उसको बचाया और फ़िलिस्तियों को क़त्ल किया और ख़ुदावन्द ने बड़ी फ़तह कराई।
وَنَزَلَ ٱلثَّلَاثَةُ مِنَ ٱلثَّلَاثِينَ رَئِيسًا وَأَتَوْا فِي ٱلْحَصَادِ إِلَى دَاوُدَ إِلَى مَغَارَةِ عَدُلَّامَ، وَجَيْشُ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ نَازِلٌ فِي وَادِي ٱلرَّفَائِيِّينَ. | ١٣ 13 |
और उन तीस सरदारों में से तीन सरदार निकले और फ़सल काटने के मौसम में दाऊद के पास 'अदूल्लाम के मग़ारा में आए और फ़िलिस्तियों की फ़ौज रिफ़ाईम की वादी में ख़ेमा ज़न थी।
وَكَانَ دَاوُدُ حِينَئِذٍ فِي ٱلْحِصْنِ، وَحَفَظَةُ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ حِينَئِذٍ فِي بَيْتِ لَحْمٍ. | ١٤ 14 |
और दाऊद उस वक़्त गढ़ी में था और फ़िलिस्तियों के पहरे की चौकी बैतल हम में थी।
فَتَأَوَّهَ دَاوُدُ وَقَالَ: «مَنْ يَسْقِينِي مَاءً مِنْ بِئْرِ بَيْتِ لَحْمٍ ٱلَّتِي عِنْدَ ٱلْبَابِ؟» | ١٥ 15 |
और दाऊद ने तरसते हुए कहा, ऐ काश कोई मुझे बैतल हम के उस कुँवें का पानी पीने को देता जो फाटक के पास है।
فَشَقَّ ٱلْأَبْطَالُ ٱلثَّلَاثَةُ مَحَلَّةَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ وَٱسْتَقَوْا مَاءً مِنْ بِئْرِ بَيْتِ لَحْمٍ ٱلَّتِي عِنْدَ ٱلْبَابِ، وَحَمَلُوهُ وَأَتَوْا بِهِ إِلَى دَاوُدَ، فَلَمْ يَشَأْ أَنْ يَشْرَبَهُ، بَلْ سَكَبَهُ لِلرَّبِّ، | ١٦ 16 |
और उन तीनों बहादुरों ने फ़िलिस्तियों के लश्कर में से जाकर बैतल हम के कुँवें से जो फाटक के बराबर है पानी भर लिया और उसे दाऊद के पास लाये लेकिन उसने न चाहा कि पिए बल्कि उसे ख़ुदावन्द के सामने उंडेल दिया।
وَقَالَ: «حَاشَا لِي يَارَبُّ أَنْ أَفْعَلَ ذَلِكَ! هَذَا دَمُ ٱلرِّجَالِ ٱلَّذِينَ خَاطَرُوا بِأَنْفُسِهِمْ». فَلَمْ يَشَأْ أَنْ يَشْرَبَهُ. هَذَا مَا فَعَلَهُ ٱلثَّلَاثَةُ ٱلْأَبْطَالُ. | ١٧ 17 |
और कहने लगा, ऐ ख़ुदावन्द मुझसे यह बात हरगिज़ न हो कि मैं ऐसा करूँ, क्या मैं उन लोगों का ख़ून पियूँ जिन्होंने अपनी जान जोखों में डाली?” इसी लिए उसने न चाहा कि उसे पिए, उन तीनों बहादुरों ने ऐसे ऐसे काम किए।
وَأَبِيشَايُ أَخُو يُوآبَ ٱبْنُ صَرُويَةَ هُوَ رَئِيسُ ثَلَاثَةٍ. هَذَا هَزَّ رُمْحَهُ عَلَى ثَلَاثِ مِئَةٍ قَتَلَهُمْ، فَكَانَ لَهُ ٱسْمٌ بَيْنَ ٱلثَّلَاثَةِ. | ١٨ 18 |
और ज़रोयाह के बेटे योआब का भाई अबीशै उन तीनों में अफ़ज़ल था, उसने तीन सौ पर अपना भाला चला कर उनको क़त्ल किया और तीनों में नामी था।
أَلَمْ يُكْرَمْ عَلَى ٱلثَّلَاثَةِ فَكَانَ لَهُمْ رَئِيسًا، إِلَّا أَنَّهُ لَمْ يَصِلْ إِلَى ٱلثَّلَاثَةِ ٱلْأُوَلِ. | ١٩ 19 |
क्या वह उन तीनों में ख़ास न था? इसीलिए वह उनका सरदार हुआ तो भी वह उन पहले तीनों के बराबर नहीं होने पाया।
وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ، ٱبْنُ ذِي بَأْسٍ، كَثِيرُ ٱلْأَفْعَالِ، مِنْ قَبْصِئِيلَ، هُوَ ٱلَّذِي ضَرَبَ أَسَدَيْ مُوآبَ، وَهُوَ ٱلَّذِي نَزَلَ وَضَرَبَ أَسَدًا فِي وَسَطِ جُبٍّ يَوْمَ ٱلثَّلْجِ. | ٢٠ 20 |
और यहूयदा' का बेटा बिनायाह क़बजील के एक सूरमा का बेटा था, जिसने बड़े बड़े काम किए थे, इसने मोआब के अरीऐल के दोनों बेटों को क़त्ल किया और जाकर बर्फ़ के मौसम में एक ग़ार के बीच एक शेर बबर को मारा।
وَهُوَ ضَرَبَ رَجُلًا مِصْرِيًّا ذَا مَنْظَرٍ، وَكَانَ بِيَدِ ٱلْمِصْرِيِّ رُمْحٌ، فَنَزَلَ إِلَيْهِ بِعَصًا وَخَطَفَ ٱلرُّمْحَ مِنْ يَدِ ٱلْمِصْرِيِّ وَقَتَلَهُ بِرُمْحِهِ. | ٢١ 21 |
और उसने एक जसीम मिस्री को क़त्ल किया, उस मिस्री के हाथ में भला था लेकिन यह लाठी ही लिए हुए उस पर लपका और मिस्री के हाथ से भला छीन लिया और उसी के भाले से उसे मारा।
هَذَا مَا فَعَلَهُ بَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ، فَكَانَ لَهُ ٱسْمٌ بَيْنَ ٱلثَّلَاثَةِ ٱلْأَبْطَالِ، | ٢٢ 22 |
तब यहूयदा' के बेटे बिनायाह ने ऐसे ऐसे काम किए और तीनों बहादुरों में नामी था।
وَأُكْرِمَ عَلَى ٱلثَّلَاثِينَ، إِلَا أَنَّهُ لَمْ يَصِلْ إِلَى ٱلثَّلَاثَةِ. فَجَعَلَهُ دَاوُدُ مِنْ أَصْحَابِ سِرِّهِ. | ٢٣ 23 |
वह उन तीसों से ज़्यादा ख़ास था लेकिन वह उन पहले तीनों के बराबर नहीं होने पाया और दाऊद ने उसे अपने मुहाफ़िज़ सिपाहियों पर मुक़र्रर किया।
وَعَسَائِيلُ أَخُو يُوآبَ كَانَ مِنَ ٱلثَّلَاثِينَ، وَأَلْحَانَانُ بْنُ دُودُو مِنْ بَيْتِ لَحْمٍ. | ٢٤ 24 |
और तीसों में योआब का भाई 'असाहील और इल्हनान बैतल हम के दोदो का बेटा।
وَشَمَّةُ ٱلْحَرُودِيُّ، وَأَلِيقَا ٱلْحَرُودِيُّ، | ٢٥ 25 |
हरोदी सम्मा, हरोदी इलिका।
وَحَالَصُ ٱلْفَلْطِيُّ، وَعِيرَا بْنُ عِقِّيشَ ٱلتَّقُوعِيُّ، | ٢٦ 26 |
फ़लती ख़लिस, 'ईरा बिन 'अक़ीस तक़ू'अ।
وَأَبِيعَزَرُ ٱلْعَنَاثُوثِيُّ، وَمَبُونَايُ ٱلْحُوشَاتِيُّ، | ٢٧ 27 |
अन्तोती अबी'अज़र, हूसाती मबूनी।
وَصَلْمُونُ ٱلْأَخُوخِيُّ، وَمَهْرَايُ ٱلنَّطُوفَاتِيُّ، | ٢٨ 28 |
अखूही ज़ल्मोन, नतोफ़ाती महरी।
وَخَالَبُ بْنُ بَعْنَةَ ٱلنَّطُوفَاتِيُّ، وَإِتَّايُ بْنُ رِيبَايَ مِنْ جِبْعَةِ بَنِي بَنْيَامِينَ، | ٢٩ 29 |
नतोफ़ाती बा'ना के बेटा हलिब, इती बिन रीबी बनी बिनयमीन के जिब्बा'का।
وَبَنَايَا ٱلْفَرْعَتُونِيُّ، وَهِدَّايُ مِنْ أَوْدِيَةِ جَاعَشَ، | ٣٠ 30 |
फिर'आतोनी, बिनायाह, और जा'स के नालों कब हिद्दी।
وَأَبُو عَلْبُونَ ٱلْعَرَبَاتِيُّ، وَعَزْمُوتُ ٱلْبَرْحُومِيُّ، | ٣١ 31 |
'अरबाती अबी 'अल्बून, बर्हूमी 'अज़मावत।
وَأَلْيَحْبَا ٱلشَّعْلُبُونِيُّ، وَمِنْ بَنِي يَاشَنَ: يُونَاثَانُ. | ٣٢ 32 |
सा'लाबूनी इलीयाब, बनी यासीन यूनतन।
وَشَمَّةُ ٱلْهَرَارِيُّ، وَأَخِيآمُ بْنُ شَارَارَ ٱلْأَرَارِيُّ، | ٣٣ 33 |
हरारी सम्मा, अख़ीआम बिन सरार हरारी।
وَأَلِيفَلَطُ بْنُ أَحَسْبَايَ ٱبْنُ ٱلْمَعْكِيِّ، وَأَلِيعَامُ بْنُ أَخِيتُوفَلَ ٱلْجِيلُونِيُّ، | ٣٤ 34 |
इलिफ़ालत बिन अहसबी मा'काती का बेटा, इलीआम बिन अख़ीतुफ्फ़ल जिलोनी।
وَحَصْرَايُ ٱلْكَرْمَلِيُّ، وَفَعْرَايُ ٱلْأَرَبِيُّ، | ٣٥ 35 |
कर्मिली हसरो, अरबी फ़ा'री।
وَيَجْآلُ بْنُ نَاثَانَ مِنْ صُوبَةَ، وَبَانِي ٱلْجَادِيُّ، | ٣٦ 36 |
ज़ोबाह के नातन का बेटा इजाल, जद्दी बानी।
وَصَالَقُ ٱلْعَمُّونِيُّ، وَنَحْرَايُ ٱلْبَئِيرُوتِيُّ، حَامِلُ سِلَاحِ يُوآبَ بْنِ صَرُويَةَ، | ٣٧ 37 |
'अम्मोनी सिलक़, बैरोती नहरी, ज़रोयाह के बेटे योआब के सिलहबरदार।
وَعِيرَا ٱلْيِثْرِيُّ، وَجَارَبُ ٱلْيِثْرِيُّ، | ٣٨ 38 |
इतरी 'ईरा, इतरी जरीब।
وَأُورِيَّا ٱلْحِثِّيُّ. ٱلْجَمِيعُ سَبْعَةٌ وَثَلَاثُونَ. | ٣٩ 39 |
और हित्ती ऊरिय्याह: यह सब सैंतीस थे।