< ٢ كورنثوس 3 >
أَفَنَبْتَدِئُ نَمْدَحُ أَنْفُسَنَا؟ أَمْ لَعَلَّنَا نَحْتَاجُ كَقَوْمٍ رَسَائِلَ تَوْصِيَةٍ إِلَيْكُمْ، أَوْ رَسَائِلَ تَوْصِيَةٍ مِنْكُمْ؟ | ١ 1 |
का हम फिर अपनी बड़ायी करन लग्यो? यां हम्ख दूसरों लोगों को जसो सिफारिश की चिट्ठियां तुम्हरो जवर लावनो यां तुम सी लेनो हंय?
أَنْتُمْ رِسَالَتُنَا، مَكْتُوبَةً فِي قُلُوبِنَا، مَعْرُوفَةً وَمَقْرُوءَةً مِنْ جَمِيعِ ٱلنَّاسِ. | ٢ 2 |
हमरी चिट्ठी तुमच आय, जो हमरो दिल पर लिखी हुयी हय अऊर ओख सब आदमी पहिचानय अऊर पढ़य हंय।
ظَاهِرِينَ أَنَّكُمْ رِسَالَةُ ٱلْمَسِيحِ، مَخْدُومَةً مِنَّا، مَكْتُوبَةً لَا بِحِبْرٍ بَلْ بِرُوحِ ٱللهِ ٱلْحَيِّ، لَا فِي أَلْوَاحٍ حَجَرِيَّةٍ بَلْ فِي أَلْوَاحِ قَلْبٍ لَحْمِيَّةٍ. | ٣ 3 |
यो प्रगट हय कि हमरो बीच सेवकायी को वजह सी तुम मसीह की चिट्ठी आय, अऊर जो स्याही सी नहीं पर जीवित परमेश्वर को आत्मा सी, गोटा की पाटियों पर नहीं, पर दिल को मांस रूपी पाटियों पर जो मसीह न लिख्यो हय।
وَلَكِنْ لَنَا ثِقَةٌ مِثْلُ هَذِهِ بِٱلْمَسِيحِ لَدَى ٱللهِ. | ٤ 4 |
हम मसीह सीच परमेश्वर म भरोसा हंय ओकोच द्वारा बोलय हय।
لَيْسَ أَنَّنَا كُفَاةٌ مِنْ أَنْفُسِنَا أَنْ نَفْتَكِرَ شَيْئًا كَأَنَّهُ مِنْ أَنْفُسِنَا، بَلْ كِفَايَتُنَا مِنَ ٱللهِ، | ٥ 5 |
यो नहीं कि हम अपनो खुद सी यो लायक हंय कि अपनो तरफ सी कोयी बात को काम कर सकेंन, पर हमरी लायकता परमेश्वर को तरफ सी आय,
ٱلَّذِي جَعَلَنَا كُفَاةً لِأَنْ نَكُونَ خُدَّامَ عَهْدٍ جَدِيدٍ. لَا ٱلْحَرْفِ بَلِ ٱلرُّوحِ. لِأَنَّ ٱلْحَرْفَ يَقْتُلُ وَلَكِنَّ ٱلرُّوحَ يُحْيِي. | ٦ 6 |
परमेश्वर न हम्ख नयो वाचा को सेवक होन लायक भी बनायो, यो लिखी हुयी व्यवस्था सी नहीं बल्की आत्मा सी हय; कहालीकि व्यवस्था मारय हय, पर पवित्र आत्मा जीन्दो करय हय।
ثُمَّ إِنْ كَانَتْ خِدْمَةُ ٱلْمَوْتِ، ٱلْمَنْقُوشَةُ بِأَحْرُفٍ فِي حِجَارَةٍ، قَدْ حَصَلَتْ فِي مَجْدٍ، حَتَّى لَمْ يَقْدِرْ بَنُو إِسْرَائِيلَ أَنْ يَنْظُرُوا إِلَى وَجْهِ مُوسَى لِسَبَبِ مَجْدِ وَجْهِهِ ٱلزَّائِلِ، | ٧ 7 |
यदि मूसा की वा व्यवस्था की सेवकायी को अक्षर गोटा पर खोद्यो गयो होतो, यहां तक तेजोमय भयी कि मूसा को मुंह पर को तेज को वजह जो घटत भी जात होतो, इस्राएली ओको मुंह पर नजर नहीं कर सकत होतो।
فَكَيْفَ لَا تَكُونُ بِٱلْأَوْلَى خِدْمَةُ ٱلرُّوحِ فِي مَجْدٍ؟ | ٨ 8 |
ऊ तेज गायब होत जाय रह्यो होतो, त पवित्र आत्मा की सेवा अऊर भी तेजोमय कहाली नहीं होयेंन?
لِأَنَّهُ إِنْ كَانَتْ خِدْمَةُ ٱلدَّيْنُونَةِ مَجْدًا، فَبِٱلْأَوْلَى كَثِيرًا تَزِيدُ خِدْمَةُ ٱلْبِرِّ فِي مَجْدٍ! | ٩ 9 |
यदि जब दोषी ठहरान वाली सेवा तेजोमय होती, त उद्धार ठहरान वाली सेवा अऊर भी तेजोमय कहाली नहीं होयेंन?
فَإِنَّ ٱلْمُمَجَّدَ أَيْضًا لَمْ يُمَجَّدْ مِنْ هَذَا ٱلْقَبِيلِ لِسَبَبِ ٱلْمَجْدِ ٱلْفَائِقِ. | ١٠ 10 |
अऊर जो तेजोमय होतो, ऊ भी ऊ तेज को वजह जो ओको सी बड़ क तेजोमय होतो, तेजोमय नहीं ठहरयो।
لِأَنَّهُ إِنْ كَانَ ٱلزَّائِلُ فِي مَجْدٍ، فَبِٱلْأَوْلَى كَثِيرًا يَكُونُ ٱلدَّائِمُ فِي مَجْدٍ! | ١١ 11 |
कहालीकि जब ऊ जो घटत जात होतो तेजोमय होतो, त ऊ जो स्थिर रहेंन अऊर भी तेजोमय कहाली नहीं होयेंन?
فَإِذْ لَنَا رَجَاءٌ مِثْلُ هَذَا نَسْتَعْمِلُ مُجَاهَرَةً كَثِيرَةً. | ١٢ 12 |
येकोलायी असी आशा रख क हम हिम्मत को संग बोलजे हंय,
وَلَيْسَ كَمَا كَانَ مُوسَى يَضَعُ بُرْقُعًا عَلَى وَجْهِهِ لِكَيْ لَا يَنْظُرَ بَنُو إِسْرَائِيلَ إِلَى نِهَايَةِ ٱلزَّائِلِ. | ١٣ 13 |
अऊर मूसा को जसो नहीं, जेन अपनो मुंह पर परदा डाल्यो होतो ताकि इस्राएली ऊ घटन वालो तेज को अन्त ख नहीं देखे।
بَلْ أُغْلِظَتْ أَذْهَانُهُمْ، لِأَنَّهُ حَتَّى ٱلْيَوْمِ ذَلِكَ ٱلْبُرْقُعُ نَفْسُهُ عِنْدَ قِرَاءَةِ ٱلْعَهْدِ ٱلْعَتِيقِ بَاقٍ غَيْرُ مُنْكَشِفٍ، ٱلَّذِي يُبْطَلُ فِي ٱلْمَسِيحِ. | ١٤ 14 |
पर हि मतिमन्द भय गयो, कहालीकि अज तक पुरानो नियम पढ़तो समय उन्को दिलो पर उच परदा पड़्यो रह्य हय। जब कोयी व्यक्ति मसीह म जोड़्यो जावय हय तब ऊ परदा मसीह म उठ जावय हय।
لَكِنْ حَتَّى ٱلْيَوْمِ، حِينَ يُقْرَأُ مُوسَى، ٱلْبُرْقُعُ مَوْضُوعٌ عَلَى قَلْبِهِمْ. | ١٥ 15 |
अज तक जब कभी मूसा की किताब पढ़्यो जावय हय, त उन्को दिल पर परदा पड़्यो रह्य हय।
وَلَكِنْ عِنْدَمَا يَرْجِعُ إِلَى ٱلرَّبِّ يُرْفَعُ ٱلْبُرْقُعُ. | ١٦ 16 |
पर जब कभी उन्को दिल प्रभु को तरफ फिरेंन, तब ऊ परदा उठ जायेंन।
وَأَمَّا ٱلرَّبُّ فَهُوَ ٱلرُّوحُ، وَحَيْثُ رُوحُ ٱلرَّبِّ هُنَاكَ حُرِّيَّةٌ. | ١٧ 17 |
प्रभु त आत्मा हय: अऊर जित कहीं प्रभु को आत्मा हय उत स्वतंत्रता हय।
وَنَحْنُ جَمِيعًا نَاظِرِينَ مَجْدَ ٱلرَّبِّ بِوَجْهٍ مَكْشُوفٍ، كَمَا في مِرْآةٍ، نَتَغَيَّرُ إِلَى تِلْكَ ٱلصُّورَةِ عَيْنِهَا، مِنْ مَجْدٍ إِلَى مَجْدٍ، كَمَا مِنَ ٱلرَّبِّ ٱلرُّوحِ. | ١٨ 18 |
पर जब हम सब को खुलो चेहरा सी प्रभु को तेज यो तरह प्रगट होवय हय, जो तरह आरसा म, त प्रभु सी जो आत्मा हय, हम उच तेजस्वी रूप म अधिक सी अधिक कर क् बदल देवय हंय।