< صَمُوئِيلَ ٱلْأَوَّلُ 23 >
فَأَخْبَرُوا دَاوُدَ قَائِلِينَ: «هُوَذَا ٱلْفِلِسْطِينِيُّونَ يُحَارِبُونَ قَعِيلَةَ وَيَنْهَبُونَ ٱلْبَيَادِرَ». | ١ 1 |
और उन्होंने दाऊद को ख़बर दी कि “देख, फ़िलिस्ती क़'ईला से लड़ रहे हैं और खलिहानों को लूट रहे हैं।”
فَسَأَلَ دَاوُدُ مِنَ ٱلرَّبِّ قَائِلًا: «أَأَذْهَبُ وَأَضْرِبُ هَؤُلَاءِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ؟» فَقَالَ ٱلرَّبُّ لِدَاوُدَ: «ٱذْهَبْ وَٱضْرِبِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ وَخَلِّصْ قَعِيلَةَ». | ٢ 2 |
तब दाऊद ने ख़ुदावन्द से पूछा कि “क्या मैं जाऊँ और उन फ़िलिस्तियों को मारूं?” ख़ुदावन्द ने दाऊद को फ़रमाया, “जा फ़िलिस्तियों को मार और क़'ईला को बचा।”
فَقَالَ رِجَالُ دَاوُدَ لَهُ: «هَا نَحْنُ هَهُنَا فِي يَهُوذَا خَائِفُونَ، فَكَمْ بِٱلْحَرِيِّ إِذَا ذَهَبْنَا إِلَى قَعِيلَةَ ضِدَّ صُفُوفِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ؟» | ٣ 3 |
और दाऊद के लोगों ने उससे कहा कि “देख, हम तो यहीं यहूदाह में डरते हैं, तब हम क़'ईला को जाकर फ़िलिस्ती लशकरों का सामना करें तो कितना ज़्यादा न डर लगेगा?”
فَعَادَ أَيْضًا دَاوُدُ وَسَأَلَ مِنَ ٱلرَّبِّ، فَأَجَابَهُ ٱلرَّبُّ وَقَالَ: «قُمِ ٱنْزِلْ إِلَى قَعِيلَةَ، فَإِنِّي أَدْفَعُ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ لِيَدِكَ». | ٤ 4 |
तब दाऊद ने ख़ुदावन्द से फिर सवाल किया, ख़ुदावन्द ने जवाब दिया कि “उठ क़'ईला को जा क्यूँकि मैं फ़िलिस्तियों को तेरे क़ब्ज़े में कर दूँगा।”
فَذَهَبَ دَاوُدُ وَرِجَالُهُ إِلَى قَعِيلَةَ، وَحَارَبَ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ وَسَاقَ مَوَاشِيَهُمْ، وَضَرَبَهُمْ ضَرْبَةً عَظِيمَةً، وَخَلَّصَ دَاوُدُ سُكَّانَ قَعِيلَةَ. | ٥ 5 |
इसलिए दाऊद और उसके लोग क़'ईला को गए और फ़िलिस्तियों से लड़े और उनकी मवाशी ले आए और उनको बड़ी खूँरेज़ी के साथ क़त्ल किया, यूँ दाऊद ने क़'ईलियों को बचाया।
وَكَانَ لَمَّا هَرَبَ أَبِيَاثَارُ بْنُ أَخِيمَالِكَ إِلَى دَاوُدَ إِلَى قَعِيلَةَ نَزَلَ وَبِيَدِهِ أَفُودٌ. | ٦ 6 |
जब अख़ीमलिक का बेटा अबीयातर दाऊद के पास क़'ईला को भागा तो उसके हाथ में एक अफ़ूद था जिसे वह साथ ले गया था।
فَأُخْبِرَ شَاوُلُ بِأَنَّ دَاوُدَ قَدْ جَاءَ إِلَى قَعِيلَةَ، فَقَالَ شَاوُلُ: «قَدْ نَبَذَهُ ٱللهُ إِلَى يَدِي، لِأَنَّهُ قَدْ أُغْلِقَ عَلَيْهِ بِٱلدُّخُولِ إِلَى مَدِينَةٍ لَهَا أَبْوَابٌ وَعَوَارِضُ». | ٧ 7 |
और साऊल को ख़बर हुई कि दाऊद क़'ईला में आया है इसलिए साऊल कहने लगा कि “ख़ुदा ने उसे मेरे क़ब्ज़े में कर दिया क्यूँकि वह जो ऐसे शहर में घुसा है, जिस में फाटक और अड़बंगे हैं तो क़ैद हो गया है।”
وَدَعَا شَاوُلُ جَمِيعَ ٱلشَّعْبِ لِلْحَرْبِ لِلنُّزُولِ إِلَى قَعِيلَةَ لِمُحَاصَرَةِ دَاوُدَ وَرِجَالِهِ. | ٨ 8 |
और साऊल ने जंग के लिए अपने सारे लश्कर को बुला लिया ताकि क़'ईला में जाकर दाऊद और उसके लोगों को घेर ले।
فَلَمَّا عَرَفَ دَاوُدُ أَنَّ شَاوُلَ مُنْشِئٌ عَلَيْهِ ٱلشَّرَّ، قَالَ لِأَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنِ قَدِّمِ ٱلْأَفُودَ. | ٩ 9 |
और दाऊद को मा'लूम हो गया कि साऊल उसके ख़िलाफ़ बुराई की तदबीरें कर रहा है, इसलिए उसने अबीयातर काहिन से कहा कि “अफ़ूद यहाँ ले आ।”
ثُمَّ قَالَ دَاوُدُ: «يَارَبُّ إِلَهَ إِسْرَائِيلَ، إِنَّ عَبْدَكَ قَدْ سَمِعَ بِأَنَّ شَاوُلَ يُحَاوِلُ أَنْ يَأْتِيَ إِلَى قَعِيلَةَ لِكَيْ يُخْرِبَ ٱلْمَدِينَةَ بِسَبَبِي. | ١٠ 10 |
और दाऊद ने कहा, ऐ ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा तेरे बन्दे ने यह क़त'ई सुना है कि साऊल क़'ईला को आना चाहता है ताकि मेरी वजह से शहर को बरबाद करदे।
فَهَلْ يُسَلِّمُنِي أَهْلُ قَعِيلَةَ لِيَدِهِ؟ هَلْ يَنْزِلُ شَاوُلُ كَمَا سَمِعَ عَبْدُكَ؟ يَارَبُّ إِلَهَ إِسْرَائِيلَ، أَخْبِرْ عَبْدَكَ». فَقَالَ ٱلرَّبُّ: «يَنْزِلُ». | ١١ 11 |
तब क्या क़'ईला के लोग मुझको उसके हवाले कर देंगे? क्या साऊल जैसा तेरे बन्दे ने सुना है आएगा? ऐ ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा मैं तेरी मिन्नत करता हूँ कि तू अपने बन्दे को बता दे “ख़ुदावन्द ने कहा, वह आएगा।”
فَقَالَ دَاوُدُ: «هَلْ يُسَلِّمُنِي أَهْلُ قَعِيلَةَ مَعَ رِجَالِي لِيَدِ شَاوُلَ؟» فَقَالَ ٱلرَّبُّ: «يُسَلِّمُونَ». | ١٢ 12 |
तब दाऊद ने कहा कि “क्या क़'ईला के लोग मुझे और मेरे लोगों को साऊल के हवाले कर देंगे?” ख़ुदावन्द ने कहा, “वह तुझे हवाले कर देंगे।”
فَقَامَ دَاوُدُ وَرِجَالُهُ، نَحْوُ سِتِّ مِئَةِ رَجُلٍ، وَخَرَجُوا مِنْ قَعِيلَةَ وَذَهَبُوا حَيْثُمَا ذَهَبُوا. فَأُخْبِرَ شَاوُلُ بِأَنَّ دَاوُدَ قَدْ أَفْلَتَ مِنْ قَعِيلَةَ، فَعَدَلَ عَنِ ٱلْخُرُوجِ. | ١٣ 13 |
तब दाऊद और उसके लोग जो क़रीबन छ: सौ थे उठकर क़'ईला से निकल गए और जहाँ कहीं जा सके चल दिए और साऊल को ख़बर मिली कि दाऊद क़'ईला से निकल गया तब वह जाने से बाज़ रहा।
وَأَقَامَ دَاوُدُ فِي ٱلْبَرِّيَّةِ فِي ٱلْحُصُونِ وَمَكَثَ فِي ٱلْجَبَلِ فِي بَرِّيَّةِ زِيفٍ. وَكَانَ شَاوُلُ يَطْلُبُهُ كُلَّ ٱلْأَيَّامِ، وَلَكِنْ لَمْ يَدْفَعْهُ ٱللهُ لِيَدِهِ. | ١٤ 14 |
और दाऊद ने वीराने के क़िलों' में सुकूनत की और दश्त ऐ ज़ीफ़ के पहाड़ी मुल्क में रहा, और साऊल हर रोज़ उसकी तलाश में रहा, लेकिन ख़ुदावन्द ने उसको उसके क़ब्ज़े में हवाले न किया।
فَرَأَى دَاوُدُ أَنَّ شَاوُلَ قَدْ خَرَجَ يَطْلُبُ نَفْسَهُ. وَكَانَ دَاوُدُ فِي بَرِّيَّةِ زِيفٍ فِي ٱلْغَابِ. | ١٥ 15 |
और दाऊद ने देखा कि साऊल उसकी जान लेने को निकला है, उस वक़्त दाऊद दश्त — ए — ज़ीफ़ के बन में था।
فَقَامَ يُونَاثَانُ بْنُ شَاوُلَ وَذَهَبَ إِلَى دَاوُدَ إِلَى ٱلْغَابِ وَشَدَّدَ يَدَهُ بِٱللهِ، | ١٦ 16 |
और साऊल का बेटा यूनतन उठकर दाऊद के पास बन में गया और ख़ुदा में उसका हाथ मज़बूत किया।
وَقَالَ لَهُ: «لَا تَخَفْ لِأَنَّ يَدَ شَاوُلَ أَبِي لَا تَجِدُكَ، وَأَنْتَ تَمْلِكُ عَلَى إِسْرَائِيلَ، وَأَنَا أَكُونُ لَكَ ثَانِيًا. وَشَاوُلُ أَبِي أَيْضًا يَعْلَمُ ذَلِكَ». | ١٧ 17 |
उसने उससे कहा, “तू मत डर क्यूँकि तू मेरे बाप साऊल के हाथ में नहीं पड़ेगा और तू इस्राईल का बादशाह होगा और में तुझ से दूसरे दर्जे पर हूँगा, यह मेरे बाप साऊल को भी मा'लूम है।”
فَقَطَعَا كِلَاهُمَا عَهْدًا أَمَامَ ٱلرَّبِّ. وَأَقَامَ دَاوُدُ فِي ٱلْغَابِ، وَأَمَّا يُونَاثَانُ فَمَضَى إِلَى بَيْتِهِ. | ١٨ 18 |
और उन दोनों ने ख़ुदावन्द के आगे 'अहद ओ पैमान किया और दाऊद बन में ठहरा रहा, और यूनतन अपने घर को गया।
فَصَعِدَ ٱلزِّيفِيُّونَ إِلَى شَاوُلَ إِلَى جِبْعَةَ قَائِلِينَ: «أَلَيْسَ دَاوُدُ مُخْتَبِئًا عِنْدَنَا فِي حُصُونٍ فِي ٱلْغَابِ، فِي تَلِّ حَخِيلَةَ ٱلَّتِي إِلَى يَمِينِ ٱلْقَفْرِ؟ | ١٩ 19 |
तब ज़ीफ़ के लोग जिबा' में साऊल के पास जाकर कहने लगे, “क्या दाऊद हमारे बीच कोहे हकीला के बन के क़िलों' में जंगल के जुनूब की तरफ़ छिपा नही है?
فَٱلْآنَ حَسَبَ كُلِّ شَهْوَةِ نَفْسِكَ أَيُّهَا ٱلْمَلِكُ فِي ٱلنُّزُولِ ٱنْزِلْ، وَعَلَيْنَا أَنْ نُسَلِّمَهُ لِيَدِ ٱلْمَلِكِ». | ٢٠ 20 |
इसलिए अब ऐ बादशाह तेरे दिल को जो बड़ी आरजू आने की है उसके मुताबिक़ आ और उसको बादशाह के हाथ में हवाले करना हमारा ज़िम्मा रहा।”
فَقَالَ شَاوُلُ: «مُبَارَكُونَ أَنْتُمْ مِنَ ٱلرَّبِّ لِأَنَّكُمْ قَدْ أَشْفَقْتُمْ عَلَيَّ. | ٢١ 21 |
तब साऊल ने कहा, “ख़ुदावन्द की तरफ़ से तुम मुबारक हो क्यूँकि तुमने मुझ पर रहम किया।
فَٱذْهَبُوا أَكِّدُوا أَيْضًا، وَٱعْلَمُوا وَٱنْظُرُوا مَكَانَهُ حَيْثُ تَكُونُ رِجْلُهُ وَمَنْ رَآهُ هُنَاكَ، لِأَنَّهُ قِيلَ لِي إِنَّهُ مَكْرًا يَمْكُرُ. | ٢٢ 22 |
इसलिए अब ज़रा जाकर सब कुछ और पक्का कर लो और उसकी जगह को देख, कर जान लो कि उसका ठिकाना कहाँ है, और किसने उसे वहाँ देखा है, क्यूँकि मुझ से कहा, गया है कि वह बड़ी चालाकी से काम करता है।
فَٱنْظُرُوا وَٱعْلَمُوا جَمِيعَ ٱلْمُخْتَبَآتِ ٱلَّتِي يَخْتَبِئُ فِيهَا، ثُمَّ ٱرْجِعُوا إِلَيَّ عَلَى تَأْكِيدٍ، فَأَسِيرَ مَعَكُمْ. وَيَكُونُ إِذَا وُجِدَ فِي ٱلْأَرْضِ، أَنِّي أُفَتِّشُ عَلَيْهِ بِجَمِيعِ أُلُوفِ يَهُوذَا». | ٢٣ 23 |
इसलिए तुम देख भाल कर जहाँ — जहाँ वह छिपा करता है उन ठिकानों का पता लगा कर ज़रूर मेरे पास फिर आओ और मैं तुम्हारे साथ चलूँगा और अगर वह इस मुल्क में कहीं भी हो तो में उसे यहूदाह के हज़ारों हज़ार में से ढूँड निकालूँगा।”
فَقَامُوا وَذَهَبُوا إِلَى زِيفٍ قُدَّامَ شَاوُلَ. وَكَانَ دَاوُدُ وَرِجَالُهُ فِي بَرِّيَّةِ مَعُونٍ، فِي ٱلسَّهْلِ عَنْ يَمِينِ ٱلْقَفْرِ. | ٢٤ 24 |
इसलिए वह उठे और साऊल से पहले ज़ीफ़ को गए लेकिन दाऊद और उसके लोग म'ऊन के वीराने में थे जो जंगल के जुनूब की तरफ़ मैदान में था।
وَذَهَبَ شَاوُلُ وَرِجَالُهُ لِلتَّفْتِيشِ. فَأَخْبَرُوا دَاوُدَ، فَنَزَلَ إِلَى ٱلصَّخْرِ وَأَقَامَ فِي بَرِّيَّةِ مَعُونٍ. فَلَمَّا سَمِعَ شَاوُلُ تَبِعَ دَاوُدَ إِلَى بَرِّيَّةِ مَعُونٍ. | ٢٥ 25 |
और साऊल और उसके लोग उसकी तलाश में निकले और दाऊद को ख़बर पहुँची, इसलिए वह चट्टान पर से उतर आया और म'ऊन के वीराने में रहने लगा, और साऊल ने यह सुनकर म'ऊन के वीराने में दाऊद का पीछा किया।
فَذَهَبَ شَاوُلُ عَنْ جَانِبِ ٱلْجَبَلِ مِنْ هُنَا، وَدَاوُدُ وَرِجَالُهُ عَنْ جَانِبِ ٱلْجَبَلِ مِنْ هُنَاكَ. وَكَانَ دَاوُدُ يَفِرُّ فِي ٱلذَّهَابِ مِنْ أَمَامِ شَاوُلَ، وَكَانَ شَاوُلُ وَرِجَالُهُ يُحَاوِطُونَ دَاوُدَ وَرِجَالَهُ لِكَيْ يَأْخُذُوهُمْ. | ٢٦ 26 |
और साऊल पहाड़ की इस तरफ़ और दाऊद और उसके लोग पहाड़ की उस तरफ़ चल रहे थे, और दाऊद साऊल के ख़ौफ़ से निकल जाने की जल्दी कर रहा, था इसलिए कि साऊल और उसके लोगों ने दाऊद को और उसके लोगों को पकड़ने के लिए घेर लिया था।
فَجَاءَ رَسُولٌ إِلَى شَاوُلَ يَقُولُ: «أَسْرِعْ وَٱذْهَبْ لِأَنَّ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ قَدِ ٱقْتَحَمُوا ٱلْأَرْضَ». | ٢٧ 27 |
लेकिन एक क़ासिद ने आकर साऊल से कहा कि “जल्दी चल क्यूँकि फ़िलिस्तियों ने मुल्क पर हमला किया है।”
فَرَجَعَ شَاوُلُ عَنِ ٱتِّبَاعِ دَاوُدَ، وَذَهَبَ لِلِقَاءِ ٱلْفِلِسْطِينِيِّينَ. لِذَلِكَ دُعِيَ ذَلِكَ ٱلْمَوْضِعُ «صَخْرَةَ ٱلزَّلَقَاتِ». | ٢٨ 28 |
इसलिए साऊल दाऊद का पीछा छोड़ कर फ़िलिस्तियों का मुक़ाबिला करने को गया इसलिए उन्होंने उस जगह का नाम सिला'हम्मख़ल्कोत रख्खा।
وَصَعِدَ دَاوُدُ مِنْ هُنَاكَ وَأَقَامَ فِي حُصُونِ عَيْنِ جَدْيٍ. | ٢٩ 29 |
और दाऊद वहाँ से चला गया और 'ऐन जदी के क़िलों' में रहने लगा।