< اَلْمُلُوكِ ٱلْأَوَّلُ 1 >
وَشَاخَ ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ. تَقَدَّمَ فِي ٱلْأَيَّامِ. وَكَانُوا يُدَثِّرُونَهُ بِٱلثِّيَابِ فَلَمْ يَدْفَأْ. | ١ 1 |
और दाऊद बादशाह बुड्ढा और उम्र दराज़ हुआ; और वह उसे कपड़े उढ़ाते, लेकिन वह गर्म न होता था।
فَقَالَ لَهُ عَبِيدُهُ: «لِيُفَتِّشُوا لِسَيِّدِنَا ٱلْمَلِكِ عَلَى فَتَاةٍ عَذْرَاءَ، فَلْتَقِفْ أَمَامَ ٱلْمَلِكِ وَلْتَكُنْ لَهُ حَاضِنَةً وَلْتَضْطَجِعْ فِي حِضْنِكَ فَيَدْفَأَ سَيِّدُنَا ٱلْمَلِكُ». | ٢ 2 |
तब उसके ख़ादिमों ने उससे कहा, कि हमारे मालिक बादशाह के लिए एक जवान कुँवारी ढूँडी जाए, जो बादशाह के सामने खड़ी रहे और उसकी देख भाल किया करे, और तेरे पहलू में लेट रहा करे ताकि हमारे मालिक बादशाह को गर्मी पहुँचे।
فَفَتَّشُوا عَلَى فَتَاةٍ جَمِيلَةٍ فِي جَمِيعِ تُخُومِ إِسْرَائِيلَ، فَوَجَدُوا أَبِيشَجَ ٱلشُّونَمِيَّةَ، فَجَاءُوا بِهَا إِلَى ٱلْمَلِكِ. | ٣ 3 |
चुनाँचे उन्होंने इस्राईल की सारी हुकूमत में एक ख़ूबसूरत लड़की तलाश करते करते शून्मीत अबीशाग को पाया, और उसे बादशाह के पास लाए।
وَكَانَتِ ٱلْفَتَاةُ جَمِيلَةً جِدًّا، فَكَانَتْ حَاضِنَةَ ٱلْمَلِكِ. وَكَانَتْ تَخْدِمُهُ، وَلَكِنَّ ٱلْمَلِكَ لَمْ يَعْرِفْهَا. | ٤ 4 |
और वह लड़की बहुत हसीन थी, तब वह बादशाह की देख भाल और उसकी ख़िदमत करने लगी; लेकिन बादशाह उससे वाक़िफ़ न हुआ।
ثُمَّ إِنَّ أَدُونِيَّا ٱبْنَ حَجِّيثَ تَرَفَّعَ قَائِلًا: «أَنَا أَمْلِكُ». وَعَدَّ لِنَفْسِهِ عَجَلَاتٍ وَفُرْسَانًا وَخَمْسِينَ رَجُلًا يَجْرُونَ أَمَامَهُ. | ٥ 5 |
तब हज्जीत के बेटे अदूनियाह ने सर उठाया और कहने लगा, “मैं बादशाह हूँगा।” और अपने लिए रथ और सवार और पचास आदमी, जो उसके आगे — आगे दौड़ें, तैयार किए।
وَلَمْ يُغْضِبْهُ أَبُوهُ قَطُّ قَائِلًا: «لِمَاذَا فَعَلْتَ هَكَذَا؟» وَهُوَ أَيْضًا جَمِيلُ ٱلصُّورَةِ جِدًّا، وَقَدْ وَلَدَتْهُ أُمُّهُ بَعْدَ أَبْشَالُومَ. | ٦ 6 |
उसके बाप ने उसको कभी इतना भी कहकर ग़मगीन नहीं किया, कि तू ने यह क्यूँ किया है? और वह बहुत ख़ूबसूरत भी था, और अबीसलोम के बाद पैदा हुआ था।
وَكَانَ كَلَامُهُ مَعَ يُوآبَ ٱبْنِ صَرُويَةَ، وَمَعَ أَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنِ، فَأَعَانَا أَدُونِيَّا. | ٧ 7 |
और उसने ज़रोयाह के बेटे योआब और अबीयातर काहिन से बात की; और यह दोनों अदूनियाह के पैरोकार होकर उसकी मदद करने लगे।
وَأَمَّا صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ وَشِمْعِي وَرِيعِي وَٱلْجَبَابِرَةُ ٱلَّذِينَ لِدَاوُدَ فَلَمْ يَكُونُوا مَعَ أَدُونِيَّا. | ٨ 8 |
लेकिन सदूक़ काहिन, और यहूयदा' के बेटे बिनायाह, और नातन नबी, और सिम'ई और रे'ई और दाऊद के बहादुर लोगों ने अदूनियाह का साथ न दिया।
فَذَبَحَ أَدُونِيَّا غَنَمًا وَبَقَرًا وَمَعْلُوفَاتٍ عِنْدَ حَجَرِ ٱلزَّاحِفَةِ ٱلَّذِي بِجَانِبِ عَيْنِ رُوجَلَ، وَدَعَا جَمِيعَ إِخْوَتِهِ بَنِي ٱلْمَلِكِ وَجَمِيعَ رِجَالِ يَهُوذَا عَبِيدِ ٱلْمَلِكِ، | ٩ 9 |
और अदूनियाह ने भेड़ें और बैल और मोटे — मोटे जानवर ज़ुहलत के पत्थर के पास, जो 'ऐन राजिल के बराबर है, ज़बह किए, और अपने सब भाइयों या'नी बादशाह के बेटों की, और सब यहूदाह के लोगों की, जो बादशाह के मुलाज़िम थे, दा'वत की;
وَأَمَّا نَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ وَبَنَايَاهُو وَٱلْجَبَابِرَةُ وَسُلَيْمَانُ أَخُوهُ فَلَمْ يَدْعُهُمْ. | ١٠ 10 |
लेकिन नातन नबी और बिनायाह और बहादुर लोगों और अपने भाई सुलेमान को न बुलाया।
فَكَلَّمَ نَاثَانُ بَثْشَبَعَ أُمِّ سُلَيْمَانَ قَائِلًا: «أَمَا سَمِعْتِ أَنَّ أَدُونِيَّا ٱبْنَ حَجِّيثَ قَدْ مَلَكَ، وَسَيِّدُنَا دَاوُدُ لَا يَعْلَمُ؟ | ١١ 11 |
तब नातन ने सुलेमान की माँ बतसबा' से कहा, क्या तू ने नहीं सुना कि हज्जीत का बेटा अदूनियाह बादशाह बन बैठा है, और हमारे मालिक दाऊद को यह मालूम नहीं?
فَٱلْآنَ تَعَالَيْ أُشِيرُ عَلَيْكِ مَشُورَةً فَتُنَجِّي نَفْسَكِ وَنَفْسَ ٱبْنِكِ سُلَيْمَانَ. | ١٢ 12 |
अब तू आ कि मैं तुझे सलाह दूँ, ताकि तू अपनी और अपने बेटे सुलेमान की जान बचा सके।
اِذْهَبِي وَٱدْخُلِي إِلَى ٱلْمَلِكِ دَاوُدَ وَقُولِي لَهُ: أَمَا حَلَفْتَ أَنْتَ يَا سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ لِأَمَتِكَ قَائِلًا: إِنَّ سُلَيْمَانَ ٱبْنَكِ يَمْلِكُ بَعْدِي، وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي؟ فَلِمَاذَا مَلَكَ أَدُونِيَّا؟ | ١٣ 13 |
तू दाऊद बादशाह के सामने जाकर उससे कह, “ऐ मेरे मालिक, ऐ बादशाह, क्या तू ने अपनी लौंडी से क़सम खाकर नहीं कहा कि यक़ीनन तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद हुकूमत करेगा, और वही मेरे तख़्त पर बैठेगा? पस अदूनियाह क्यूँ बादशाही करता है?
وَفِيمَا أَنْتِ مُتَكَلِّمَةٌ هُنَاكَ مَعَ ٱلْمَلِكِ، أَدْخُلُ أَنَا وَرَاءَكِ وَأُكَمِّلُ كَلَامَكِ». | ١٤ 14 |
और देख, तू बादशाह से बात करती ही होगी कि मैं भी तेरे बाद आ पहुँचूँगा, और तेरी बातों की तस्दीक़ करूँगा।”
فَدَخَلَتْ بَثْشَبَعُ إِلَى ٱلْمَلِكِ إِلَى ٱلْمِخْدَعِ. وَكَانَ ٱلْمَلِكُ قَدْ شَاخَ جِدًّا وَكَانَتْ أَبِيشَجُ ٱلشُّونَمِيَّةُ تَخْدِمُ ٱلْمَلِكَ. | ١٥ 15 |
तब बतसबा' अन्दर कोठरी में बादशाह के पास गई; और बादशाह बहुत बुड्ढा था, और शून्मीत अबीशाग बादशाह की ख़िदमत करती थी।
فَخَرَّتْ بَثْشَبَعُ وَسَجَدَتْ لِلْمَلِكِ، فَقَالَ ٱلْمَلِكُ: «مَا لَكِ؟» | ١٦ 16 |
और बतसबा' ने झुककर बादशाह को सिज्दा किया। बादशाह ने कहा, “तू क्या चाहती है?”
فَقَالَتْ لَهُ «أَنْتَ يَا سَيِّدِي حَلَفْتَ بِٱلرَّبِّ إِلَهِكَ لِأَمَتِكَ قَائِلًا: إِنَّ سُلَيْمَانَ ٱبْنَكِ يَمْلِكُ بَعْدِي وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي. | ١٧ 17 |
उसने उससे कहा, “ऐ मेरे मालिक, तू ने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की क़सम खाकर अपनी लौंडी से कहा था, यक़ीनन तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद हुकूमत करेगा, और वही मेरे तख़्त पर बैठेगा।
وَٱلْآنَ هُوَذَا أَدُونِيَّا قَدْ مَلَكَ. وَٱلْآنَ أَنْتَ يَاسَيِّدِي ٱلْمَلِكُ لَا تَعْلَمُ ذَلِكَ. | ١٨ 18 |
पर देख, अब तो अदूनियाह बादशाह बन बैठा है, और ऐ मेरे मालिक बादशाह, तुझ को इसकी ख़बर नहीं।
وَقَدْ ذَبَحَ ثِيرَانًا وَمَعْلُوفَاتٍ وَغَنَمًا بِكَثْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ بَنِي ٱلْمَلِكِ، وَأَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنَ وَيُوآبَ رَئِيسَ ٱلْجَيْشِ، وَلَمْ يَدْعُ سُلَيْمَانَ عَبْدَكَ. | ١٩ 19 |
और उसने बहुत से बैल और मोटे मोटे जानवर और भेड़ें ज़बह की हैं; और बादशाह के सब बेटों और अबीयातर काहिन, और लश्कर के सरदार योआब की दा'वत की है, लेकिन तेरे बन्दे सुलेमान को उसने नहीं बुलाया।
وَأَنْتَ يَا سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ أَعْيُنُ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ نَحْوَكَ لِكَيْ تُخْبِرَهُمْ مَنْ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ بَعْدَهُ. | ٢٠ 20 |
लेकिन ऐ मेरे मालिक, सारे इस्राईल की निगाह तुझ पर है, ताकि तू उनको बताए कि मेरे मालिक बादशाह के तख़्त पर कौन उसके बाद बैठेगा।
فَيَكُونُ إِذَا ٱضْطَجَعَ سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ مَعَ آبَائِهِ أَنِّي أَنَا وَٱبْنِي سُلَيْمَانَ نُحْسَبُ مُذْنِبَيْنِ». | ٢١ 21 |
वरना यह होगा कि जब मेरा मालिक बादशाह अपने बाप — दादा के साथ सो जाएगा, तो मैं और मेरा बेटा सुलेमान दोनों क़ुसूरवार ठहरेंगे।”
وَبَيْنَمَا هِيَ مُتَكَلِّمَةٌ مَعَ ٱلْمَلِكِ، إِذَا نَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ دَاخِلٌ. | ٢٢ 22 |
वह अभी बादशाह से बात ही कर रही थी कि नातन नबी आ गया।
فَأَخْبَرُوا ٱلْمَلِكَ قَائِلِينَ: «هُوَذَا نَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ». فَدَخَلَ إِلَى أَمَامِ ٱلْمَلِكِ وَسَجَدَ لِلْمَلِكِ عَلَى وَجْهِهِ إِلَى ٱلْأَرْضِ. | ٢٣ 23 |
और उन्होंने बादशाह को ख़बर दी, “देख, नातन नबी हाज़िर है।” और जब वह बादशाह के सामने आया, तो उसने मुँह के बल गिर कर बादशाह को सिज्दा किया।
وَقَالَ نَاثَانُ: «يَا سَيِّدِي ٱلْمَلِكَ، أَأَنْتَ قُلْتَ إِنَّ أَدُونِيَّا يَمْلِكُ بَعْدِي وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي؟ | ٢٤ 24 |
और नातन कहने लगा, ऐ मेरे मालिक बादशाह! क्या तू ने फ़रमाया है, कि मेरे बाद अदूनियाह बादशाह हो, और वही मेरे तख़्त पर बैठे'?
لِأَنَّهُ نَزَلَ ٱلْيَوْمَ وَذَبَحَ ثِيرَانًا وَمَعْلُوفَاتٍ وَغَنَمًا بِكَثْرَةٍ، وَدَعَا جَمِيعَ بَنِي ٱلْمَلِكِ وَرُؤَسَاءَ ٱلْجَيْشِ وَأَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنَ، وَهَا هُمْ يَأْكُلُونَ وَيَشْرَبُونَ أَمَامَهُ وَيَقُولُونَ: لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ أَدُونِيَّا. | ٢٥ 25 |
क्यूँकि उसने आज जाकर बैल और मोटे — मोटे जानवर और भेड़ें कसरत से ज़बह की हैं, और बादशाह के सब बेटों और लश्कर के सरदारों और अबीयातर काहिन की दा'वत की है; और देख, वह उसके सामने खा पी रहे हैं और कहते हैं, 'अदूनियाह बादशाह ज़िन्दा रहे!“
وَأَمَّا أَنَا عَبْدُكَ وَصَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَسُلَيْمَانُ عَبْدُكَ فَلَمْ يَدْعُنَا. | ٢٦ 26 |
लेकिन मुझ तेरे ख़ादिम को, और सदूक़ काहिन और यहूयदा' के बेटे बिनायाह और तेरे ख़ादिम सुलेमान को उसने नहीं बुलाया।
هَلْ مِنْ قِبَلِ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ كَانَ هَذَا ٱلْأَمْرُ، وَلَمْ تُعْلِمْ عَبْدَكَ مَنْ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ بَعْدَهُ؟». | ٢٧ 27 |
क्या यह बात मेरे मालिक बादशाह की तरफ़ से है? और तू ने अपने ख़ादिमों को बताया भी नहीं कि मेरे मालिक बादशाह के बा'द, उसके तख़्त पर कौन बैठेगा?”
فَأَجَابَ ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ وَقَالَ: «اُدْعُ لِي بَثْشَبَعَ». فَدَخَلَتْ إِلَى أَمَامِ ٱلْمَلِكِ وَوَقَفَتْ بَيْنَ يَدَيِ ٱلْمَلِكِ. | ٢٨ 28 |
तब दाऊद बादशाह ने जवाब दिया और फ़रमाया, “बतसबा' को मेरे पास बुलाओ।” तब वह बादशाह के सामने आई और बादशाह के सामने खड़ी हुई।
فَحَلَفَ ٱلْمَلِكُ وَقَالَ: «حَيٌّ هُوَ ٱلرَّبُّ ٱلَّذِي فَدَى نَفْسِي مِنْ كُلِّ ضِيقَةٍ، | ٢٩ 29 |
बादशाह ने क़सम खाकर कहा कि, ख़ुदावन्द की हयात की क़सम जिसने मेरी जान को हर तरह की आफ़त से रिहाई दी,
إِنَّهُ كَمَا حَلَفْتُ لَكِ بِٱلرَّبِّ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ قَائِلًا: إِنَّ سُلَيْمَانَ ٱبْنَكِ يَمْلِكُ بَعْدِي، وَهُوَ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي عِوَضًا عَنِّي، كَذَلِكَ أَفْعَلُ هَذَا ٱلْيَوْمَ». | ٣٠ 30 |
कि सचमुच जैसी मैंने ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की क़सम तुझ से खाई और कहा, कि यक़ीनन तेरा बेटा सुलेमान मेरे बाद बादशाह होगा, और वही मेरी जगह मेरे तख़्त पर बैठेगा, तो सचमुच मैं आज के दिन वैसा ही करूँगा।
فَخَرَّتْ بَثْشَبَعُ عَلَى وَجْهِهَا إِلَى ٱلْأَرْضِ وَسَجَدَتْ لِلْمَلِكِ وَقَالَتْ: «لِيَحْيَ سَيِّدِي ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ إِلَى ٱلْأَبَدِ». | ٣١ 31 |
तब बतसबा' ज़मीन पर मुँह के बल गिरी और बादशाह को सिज्दा करके कहा कि “मेरा मालिक दाऊद बादशाह, हमेशा ज़िन्दा रहे।”
وَقَالَ ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ: «اُدْعُ لِي صَادُوقَ ٱلْكَاهِنَ وَنَاثَانَ ٱلنَّبِيَّ وَبَنَايَاهُوَ بْنَ يَهُويَادَاعَ». فَدَخَلُوا إِلَى أَمَامِ ٱلْمَلِكِ. | ٣٢ 32 |
और दाऊद बादशाह ने फ़रमाया, “कि सदूक़ काहिन आयर नातन नबी और यहूयदा' के बेटे बिनायाह को मेरे पास बुलाओ।” तब वह बादशाह के सामने आए।
فَقَالَ ٱلْمَلِكُ لَهُمْ: «خُذُوا مَعَكُمْ عَبِيدَ سَيِّدِكُمْ، وَأَرْكِبُوا سُلَيْمَانَ ٱبْنِي عَلَى ٱلْبَغْلَةِ ٱلَّتِي لِي، وَٱنْزِلُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ، | ٣٣ 33 |
बादशाह ने उनको फ़रमाया कि तुम अपने मालिक के मुलाज़िमों को अपने साथ लो, और मेरे बेटे सुलेमान को मेरे ही खच्चर पर सवार कराओ; और उसे जैहून को ले जाओ;
وَلْيَمْسَحْهُ هُنَاكَ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ مَلِكًا عَلَى إِسْرَائِيلَ، وَٱضْرِبُوا بِٱلْبُوقِ وَقُولُوا: لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ. | ٣٤ 34 |
और वहाँ सदूक़ काहिन और नातन नबी उसे मसह करें, कि वह इस्राईल का बादशाह हो; और तुम नरसिंगा फूँकना और कहना कि सुलेमान बादशाह ज़िन्दा रहे!“
وَتَصْعَدُونَ وَرَاءَهُ، فَيَأْتِي وَيَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي وَهُوَ يَمْلِكُ عِوَضًا عَنِّي، وَإِيَّاهُ قَدْ أَوْصَيْتُ أَنْ يَكُونَ رَئِيسًا عَلَى إِسْرَائِيلَ وَيَهُوذَا». | ٣٥ 35 |
फिर तुम उसके पीछे — पीछे चले आना, और वह आकर मेरे तख़्त पर बैठे; क्यूँकि वही मेरी जगह बादशाह होगा, और मैंने उसे मुक़र्रर किया है कि वह इस्राईल और यहूदाह का हाकिम हो।”
فَأَجَابَ بَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ ٱلْمَلِكَ وَقَالَ: «آمِينَ. هَكَذَا يَقُولُ ٱلرَّبُّ إِلَهُ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ. | ٣٦ 36 |
तब यहूयदा' के बेटे बिनायाह ने बादशाह के जवाब में कहा, “आमीन! ख़ुदावन्द मेरे मालिक बादशाह का ख़ुदा भी ऐसा ही कहे।
كَمَا كَانَ ٱلرَّبُّ مَعَ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ كَذَلِكَ لِيَكُنْ مَعَ سُلَيْمَانَ، وَيَجْعَلْ كُرْسِيَّهُ أَعْظَمَ مِنْ كُرْسِيِّ سَيِّدِي ٱلْمَلِكِ دَاوُدَ». | ٣٧ 37 |
जैसे ख़ुदावन्द मेरे मालिक बादशाह के साथ रहा, वैसे ही वह सुलेमान के साथ रहे; और उसके तख़्त को मेरे मालिक दाऊद बादशाह के तख़्त से बड़ा बनाए।”
فَنَزَلَ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ وَبَنَايَاهُو بْنُ يَهُويَادَاعَ وَٱلْجَلَّادُونَ وَٱلسُّعَاةُ، وَأَرْكَبُوا سُلَيْمَانَ عَلَى بَغْلَةِ ٱلْمَلِكِ دَاوُدَ، وَذَهَبُوا بِهِ إِلَى جِيحُونَ. | ٣٨ 38 |
इसलिए सदूक़ काहिन और नातन नबी और यहूयदा' का बेटा बिनायाह और करेती और फ़लेती गए, और सुलेमान को दाऊद बादशाह के खच्चर पर सवार कराया और उसे जैहून पर लाए।
فَأَخَذَ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ قَرْنَ ٱلدُّهْنِ مِنَ ٱلْخَيْمَةِ وَمَسَحَ سُلَيْمَانَ. وَضَرَبُوا بِٱلْبُوقِ، وَقَالَ جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ: «لِيَحْيَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ». | ٣٩ 39 |
और सदूक़ काहिन ने ख़ेमे से तेल का सींग लिया और सुलेमान को मसह किया। और उन्होंने नरसिंगा फूंका और सब लोगों ने कहा, सुलेमान बादशाह ज़िन्दा रहे!“
وَصَعِدَ جَمِيعُ ٱلشَّعْبِ وَرَاءَهُ. وَكَانَ ٱلشَّعْبُ يَضْرِبُونَ بِٱلنَّايِ وَيَفْرَحُونَ فَرَحًا عَظِيمًا حَتَّى ٱنْشَقَّتِ ٱلْأَرْضُ مِنْ أَصْوَاتِهِمْ. | ٤٠ 40 |
और सब लोग उसके पीछे आए और उन्होंने बाँसुलियाँ बजाईं और बड़ी ख़ुशी मनाई, ऐसा कि ज़मीन उनके शोरओ — गु़ल से गूँज उठी।
فَسَمِعَ أَدُونِيَّا وَجَمِيعُ ٱلْمَدْعُوِّينَ ٱلّذِينَ عِنْدهُ بَعْدَمَا ٱنْتَهَوْا مِنَ ٱلْأَكْلِ. وَسَمِعَ يُوآبُ صَوْتَ ٱلْبُوقِ فَقَالَ: «لِمَاذَا صَوْتُ ٱلْقَرْيَةِ مُضْطَرِبٌ؟» | ٤١ 41 |
और अदूनियाह और उसके सब मेहमान जो उसके साथ थे, खा ही चुके थे कि उन्होंने यह सुना। और जब योआब को नरसिंगे की आवाज़ सुनाई दी तो उसने कहा, शहर में यह हंगामा और शोर क्यूँ मच रहा है?”
وَفِيمَا هُوَ يَتَكَلَّمُ إِذَا بِيُونَاثَانَ بْنِ أَبِيَاثَارَ ٱلْكَاهِنِ قَدْ جَاءَ، فَقَالَ أَدُونِيَّا: «تَعَالَ، لِأَنَّكَ ذُو بَأْسٍ وَتُبَشِّرُ بِٱلْخَيْرِ». | ٤٢ 42 |
वह यह कह ही रहा था कि देखो, अबीयातर काहिन का बेटा यूनतन आया; और अदूनियाह ने उससे कहा, “भीतर आ; क्यूँकि तू लायक़ शख़्स है, और अच्छी ख़बर लाया होगा।”
فَأَجَابَ يُونَاثَانُ وَقَالَ لِأَدُونِيَّا: «بَلْ سَيِّدُنَا ٱلْمَلِكُ دَاوُدُ قَدْ مَلَّكَ سُلَيْمَانَ. | ٤٣ 43 |
यूनतन ने अदूनियाह को जवाब दिया, वाक़ई हमारे मालिक दाऊद बादशाह ने सुलेमान को बादशाह बना दिया है।
وَأَرْسَلَ ٱلْمَلِكُ مَعَهُ صَادُوقَ ٱلْكَاهِنَ وَنَاثَانَ ٱلنَّبِيَّ وَبَنَايَاهُوَ بْنَ يَهُويَادَاعَ وَٱلْجَلَّادِينَ وَٱلسُّعَاةَ، وَقَدْ أَرْكَبُوهُ عَلَى بَغْلَةِ ٱلْمَلِكِ، | ٤٤ 44 |
और बादशाह ने सदूक़ काहिन और नातन नबी और यहूयदा' के बेटे बिनायाह और करेतियों और फ़लेतियों को उसके साथ भेजा। तब उन्होंने बादशाह के खच्चर पर उसे सवार कराया।
وَمَسَحَهُ صَادُوقُ ٱلْكَاهِنُ وَنَاثَانُ ٱلنَّبِيُّ مَلِكًا فِي جِيحُونَ، وَصَعِدُوا مِنْ هُنَاكَ فَرِحِينَ حَتَّى ٱضْطَرَبَتِ ٱلْقَرْيَةُ. هَذَا هُوَ ٱلصَّوْتُ ٱلَّذِي سَمِعْتُمُوهُ. | ٤٥ 45 |
और सदूक़ काहिन और नातन नबी ने जैहून पर उसको मसह करके बादशाह बनाया है; तब वह वहीं से ख़ुशी करते आए हैं, ऐसा कि शहर गूँज गया। वह शोर जो तुम ने सुना यही है।
وَأَيْضًا قَدْ جَلَسَ سُلَيْمَانُ عَلَى كُرْسِيِّ ٱلْمَمْلَكَةِ. | ٤٦ 46 |
और सुलेमान तख़्त — ए — हुकूमत पर बैठ भी गया है।
وَأَيْضًا جَاءَ عَبِيدُ ٱلْمَلِكِ لِيُبَارِكُوا سَيِّدَنَا ٱلْمَلِكَ دَاوُدَ قَائِلِينَ: يَجْعَلُ إِلَهُكَ ٱسْمَ سُلَيْمَانَ أَحْسَنَ مِنِ ٱسْمِكَ، وَكُرْسِيَّهُ أَعْظَمَ مِنْ كُرْسِيِّكَ. فَسَجَدَ ٱلْمَلِكُ عَلَى سَرِيرِهِ. | ٤٧ 47 |
इसके 'अलावा बादशाह के मुलाज़िम हमारे मालिक दाऊद बादशाह को मुबारकबाद देने आए और कहने लगे कि तेरा ख़ुदा, सुलेमान के नाम को तेरे नाम से ज़्यादा मुम्ताज़ करे, और उसके तख़्त को तेरे तख़्त से बड़ा बनाए; और बादशाह अपने बिस्तर पर सिजदे में हो गया।
وَأَيْضًا هَكَذَا قَالَ ٱلْمَلِكُ: مُبَارَكٌ ٱلرَّبُّ إِلَهُ إِسْرَائِيلَ ٱلَّذِي أَعْطَانِيَ ٱلْيَوْمَ مَنْ يَجْلِسُ عَلَى كُرْسِيِّي وَعَيْنَايَ تُبْصِرَانِ». | ٤٨ 48 |
और बादशाह ने भी ऐसा फ़रमाया कि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा मुबारक हो, जिसने एक वारिस बख़्शा कि वह मेरी ही आँखों के देखते हुए आज मेरे तख़्त पर बैठे।
فَٱرْتَعَدَ وَقَامَ جَمِيعُ مَدْعُوِّي أَدُونِيَّا، وَذَهَبُوا كُلُّ وَاحِدٍ فِي طَرِيقِهِ. | ٤٩ 49 |
फिर तो अदूनियाह के सब मेहमान डर गए, और उठ खड़े हुए और हर एक ने अपना रास्ता लिया।
وَخَافَ أَدُونِيَّا مِنْ قِبَلِ سُلَيْمَانَ، وَقَامَ وَٱنْطَلَقَ وَتَمَسَّكَ بِقُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ. | ٥٠ 50 |
और अदूनियाह सुलेमान की वजह से डर के मारे उठा, और जाकर मज़बह के सींग पकड़ लिए।
فَأُخْبِرَ سُلَيْمَانُ وَقِيلَ لَهُ: «هُوَذَا أَدُونِيَّا خَائِفٌ مِنَ ٱلْمَلِكِ سُلَيْمَانَ، وَهُوَذَا قَدْ تَمَسَّكَ بِقُرُونِ ٱلْمَذْبَحِ قَائِلًا: لِيَحْلِفْ لِي ٱلْيَوْمَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ إِنَّهُ لَا يَقْتُلُ عَبْدَهُ بِٱلسَّيْفِ». | ٥١ 51 |
और सुलेमान को यह बताया गया कि “देख, अदूनियाह सुलेमान बादशाह से डरता है, क्यूँकि उसने मज़बह के सींग पकड़ रख्खे हैं; और कहता है कि सुलेमान बादशाह आज के दिन मुझ से क़सम खाए, कि वह अपने ख़ादिम को तलवार से क़त्ल नहीं करेगा।”
فَقَالَ سُلَيْمَانُ: «إِنْ كَانَ ذَا فَضِيلَةٍ لَا يَسْقُطُ مِنْ شَعْرِهِ إِلَى ٱلْأَرْضِ، وَلَكِنْ إِنْ وُجِدَ بِهِ شَرٌّ فَإِنَّهُ يَمُوتُ». | ٥٢ 52 |
सुलेमान ने कहा, “अगर वह अपने को लायक़ साबित करे, तो उसका एक बाल भी ज़मीन पर नहीं गिरेगा; लेकिन अगर उसमें शरारत पाई जाएगी तो वह मारा जाएगा।”
فَأَرْسَلَ ٱلْمَلِكُ سُلَيْمَانُ فَأَنْزَلُوهُ عَنِ ٱلْمَذْبَحِ، فَأَتَى وَسَجَدَ لِلْمَلِكِ سُلَيْمَانَ. فَقَالَ لَهُ سُلَيْمَانُ: «ٱذْهَبْ إِلَى بَيْتِكَ». | ٥٣ 53 |
तब सुलेमान बादशाह ने लोग भेजे, और वह उसे मज़बह पर से उतार लाए। उसने आकर सुलेमान बादशाह को सिज्दा किया; और सुलेमान ने उससे कहा, “अपने घर जा।”