< ١ كورنثوس 3 >
وَأَنَا أَيُّهَا ٱلْإِخْوَةُ لَمْ أَسْتَطِعْ أَنْ أُكَلِّمَكُمْ كَرُوحِيِّينَ، بَلْ كَجَسَدِيِّينَ كَأَطْفَالٍ فِي ٱلْمَسِيحِ، | ١ 1 |
हे भाऊवों-बहिनों, मय तुम सी यो रीति सी बाते नहीं कर सक्यो जसो की उन लोगों सी जिन्म परमेश्वर की आत्मा हय, पर जसो सांसारिक लोगों सी, अऊर उन्को सी जो मसीह म बच्चा हंय।
سَقَيْتُكُمْ لَبَنًا لَا طَعَامًا، لِأَنَّكُمْ لَمْ تَكُونُوا بَعْدُ تَسْتَطِيعُونَ، بَلِ ٱلْآنَ أَيْضًا لَا تَسْتَطِيعُونَ، | ٢ 2 |
मय न तुम्ख दूध पिलायो, खाना नहीं खिलायो; कहालीकि तुम ओख नहीं खाय सकत होतो; बल्की अब तक भी नहीं खाय सकय हय,
لِأَنَّكُمْ بَعْدُ جَسَدِيُّونَ. فَإِنَّهُ إِذْ فِيكُمْ حَسَدٌ وَخِصَامٌ وَٱنْشِقَاقٌ، أَلَسْتُمْ جَسَدِيِّينَ وَتَسْلُكُونَ بِحَسَبِ ٱلْبَشَرِ؟ | ٣ 3 |
कहालीकि अब तक तुम शारीरिक लोगों जसो हय। येकोलायी कि जब तुम म जलन अऊर झगड़ा हय, त का तुम सांसारिक लोगों को जसो नहीं? अऊर का आदमी की रीति पर नहीं चलय?
لِأَنَّهُ مَتَى قَالَ وَاحِدٌ: «أَنَا لِبُولُسَ» وَآخَرُ: «أَنَا لِأَبُلُّوسَ» أَفَلَسْتُمْ جَسَدِيِّينَ؟ | ٤ 4 |
कहालीकि जब एक कह्य हय, “मय पौलुस को आय,” अऊर दूसरों, “मय अपुल्लोस को आय,” त का तुम जगत को लोगों को जसो नहाय?
فَمَنْ هُوَ بُولُسُ؟ وَمَنْ هُوَ أَبُلُّوسُ؟ بَلْ خَادِمَانِ آمَنْتُمْ بِوَاسِطَتِهِمَا، وَكَمَا أَعْطَى ٱلرَّبُّ لِكُلِّ وَاحِدٍ: | ٥ 5 |
अपुल्लोस का हय? अऊर पौलुस का हय? केवल सेवक, जिन्को द्वारा तुम न विश्वास करयो, जसो हर एक ख प्रभु न दियो। वसो हम्न काम करन ख होना।
أَنَا غَرَسْتُ وَأَبُلُّوسُ سَقَى، لَكِنَّ ٱللهَ كَانَ يُنْمِي. | ٦ 6 |
मय न लगायो, अपुल्लोस न सीच्यो, पर परमेश्वर न बढ़ायो।
إِذًا لَيْسَ ٱلْغَارِسُ شَيْئًا وَلَا ٱلسَّاقِي، بَلِ ٱللهُ ٱلَّذِي يُنْمِي. | ٧ 7 |
येकोलायी नहीं त लगावन वालो कुछ हय अऊर नहीं सीचन वालो, पर परमेश्वरच सब कुछ हय जो बढ़ावन वालो हय।
وَٱلْغَارِسُ وَٱلسَّاقِي هُمَا وَاحِدٌ، وَلَكِنَّ كُلَّ وَاحِدٍ سَيَأْخُذُ أُجْرَتَهُ بِحَسَبِ تَعَبِهِ. | ٨ 8 |
लगावन वालो अऊर सीचन वालो दोयी एक हंय; पर हर एक आदमी ख उन्कोच कामों को अनुसार मजूरी देयेंन।
فَإِنَّنَا نَحْنُ عَامِلَانِ مَعَ ٱللهِ، وَأَنْتُمْ فَلَاحَةُ ٱللهِ، بِنَاءُ ٱللهِ. | ٩ 9 |
कहालीकि हम परमेश्वर को सहकर्मी हंय; तुम परमेश्वर की खेती अऊर परमेश्वर को भवन आय।
حَسَبَ نِعْمَةِ ٱللهِ ٱلْمُعْطَاةِ لِي كَبَنَّاءٍ حَكِيمٍ قَدْ وَضَعْتُ أَسَاسًا، وَآخَرُ يَبْنِي عَلَيْهِ. وَلَكِنْ فَلْيَنْظُرْ كُلُّ وَاحِدٍ كَيْفَ يَبْنِي عَلَيْهِ. | ١٠ 10 |
परमेश्वर को ऊ अनुग्रह को अनुसार जो मोख दियो गयो, मय न बुद्धिमान राजमिस्त्री को जसो नीव डाल्यो, अऊर दूसरों ओको पर रद्दा रखय हय। पर हर एक आदमी चौकस रह कि ऊ ओको पर कसो रद्दा रखय हय।
فَإِنَّهُ لَا يَسْتَطِيعُ أَحَدٌ أَنْ يَضَعَ أَسَاسًا آخَرَ غَيْرَ ٱلَّذِي وُضِعَ، ٱلَّذِي هُوَ يَسُوعُ ٱلْمَسِيحُ. | ١١ 11 |
कहालीकि ऊ नीव ख छोड़ जो पड़ी हय, अऊर ऊ यीशु मसीह आय, कोयी दूसरों पायवा नहीं डाल सकय।
وَلَكِنْ إِنْ كَانَ أَحَدُ يَبْنِي عَلَى هَذَا ٱلْأَسَاسِ: ذَهَبًا، فِضَّةً، حِجَارَةً كَرِيمَةً، خَشَبًا، عُشْبًا، قَشًّا، | ١٢ 12 |
यदि कोयी यो नीव पर सोना या चांदी या बहुत कीमती वालो गोटा या लकड़ी या घास-फूस को रद्दा रखय,
فَعَمَلُ كُلِّ وَاحِدٍ سَيَصِيرُ ظَاهِرًا لِأَنَّ ٱلْيَوْمَ سَيُبَيِّنُهُ. لِأَنَّهُ بِنَارٍ يُسْتَعْلَنُ، وَسَتَمْتَحِنُ ٱلنَّارُ عَمَلَ كُلِّ وَاحِدٍ مَا هُوَ. | ١٣ 13 |
त हर एक को काम प्रगट होय जायेंन; कहालीकि न्याय को दिन ओख बतायेंन, येकोलायी कि आगी को संग प्रगट होयेंन अऊर ऊ आगी हर एक को काम परखेंन कि कसो हय।
إِنْ بَقِيَ عَمَلُ أَحَدٍ قَدْ بَنَاهُ عَلَيْهِ فَسَيَأْخُذُ أُجْرَةً. | ١٤ 14 |
जेको काम ऊ पायवा पर बन्यो स्थिर रहेंन, ऊ मजूरी पायेंन।
إِنِ ٱحْتَرَقَ عَمَلُ أَحَدٍ فَسَيَخْسَرُ، وَأَمَّا هُوَ فَسَيَخْلُصُ، وَلَكِنْ كَمَا بِنَارٍ. | ١٥ 15 |
यदि कोयी को काम जर जायेंन, त ऊ हानि उठायेंन; पर ऊ खुद बच जायेंन पर ज्वाला।
أَمَا تَعْلَمُونَ أَنَّكُمْ هَيْكَلُ ٱللهِ، وَرُوحُ ٱللهِ يَسْكُنُ فِيكُمْ؟ | ١٦ 16 |
का तुम नहीं जानय कि तुम परमेश्वर को मन्दिर आय, अऊर परमेश्वर की आत्मा तुम म सिरय हय?
إِنْ كَانَ أَحَدٌ يُفْسِدُ هَيْكَلَ ٱللهِ فَسَيُفْسِدُهُ ٱللهُ، لِأَنَّ هَيْكَلَ ٱللهِ مُقَدَّسٌ ٱلَّذِي أَنْتُمْ هُوَ. | ١٧ 17 |
यदि कोयी परमेश्वर को मन्दिर ख नाश करेंन त परमेश्वर ओख नाश करेंन; कहालीकि परमेश्वर को मन्दिर पवित्र हय, अऊर ऊ तुम आय।
لَا يَخْدَعَنَّ أَحَدٌ نَفْسَهُ. إِنْ كَانَ أَحَدٌ يَظُنُّ أَنَّهُ حَكِيمٌ بَيْنَكُمْ فِي هَذَا ٱلدَّهْرِ، فَلْيَصِرْ جَاهِلًا لِكَيْ يَصِيرَ حَكِيمًا! (aiōn ) | ١٨ 18 |
कोयी अपनो आप ख नहीं फसाय। यदि तुम म सी कोयी यो जगत म अपनो आप ख ज्ञानी समझय, त ज्ञानी होन लायी मूर्ख बन जाये। (aiōn )
لِأَنَّ حِكْمَةَ هَذَا ٱلْعَالَمِ هِيَ جَهَالَةٌ عِنْدَ ٱللهِ، لِأَنَّهُ مَكْتُوبٌ: «ٱلْآخِذُ ٱلْحُكَمَاءَ بِمَكْرِهِمْ». | ١٩ 19 |
कहालीकि यो जगत को ज्ञान परमेश्वर को जवर मूर्खता हय, जसो शास्त्र म लिख्यो हय, “ऊ ज्ञानियों ख उन्की चालाकी म फसाय देवय हय,”
وَأَيْضًا: «ٱلرَّبُّ يَعْلَمُ أَفْكَارَ ٱلْحُكَمَاءِ أَنَّهَا بَاطِلَةٌ». | ٢٠ 20 |
अऊर असो भी कह्य हय, “प्रभु ज्ञानियों को बिचार ख जानय हय कि हि बेकार हंय।”
إِذًا لَا يَفْتَخِرَنَّ أَحَدٌ بِٱلنَّاسِ! فَإِنَّ كُلَّ شَيْءٍ لَكُمْ: | ٢١ 21 |
येकोलायी आदमियों पर कोयी घमण्ड नहीं करे, कहालीकि सब कुछ तुम्हरो आय:
أَبُولُسُ، أَمْ أَبُلُّوسُ، أَمْ صَفَا، أَمِ ٱلْعَالَمُ، أَمِ ٱلْحَيَاةُ، أَمِ ٱلْمَوْتُ، أَمِ ٱلْأَشْيَاءُ ٱلْحَاضِرَةُ، أَمِ ٱلْمُسْتَقْبِلَةُ. كُلُّ شَيْءٍ لَكُمْ. | ٢٢ 22 |
का पौलुस, का अपुल्लोस, का कैफा, का जगत, का जीवन, का मरन, का वर्तमान, का भविष्य, सब कुछ तुम्हरो आय,
وَأَمَّا أَنْتُمْ فَلِلْمَسِيحِ، وَٱلْمَسِيحُ لِلهِ. | ٢٣ 23 |
तुम मसीह को आय, अऊर मसीह परमेश्वर को आय।