< ١ أخبار 19 >
وَكَانَ بَعْدَ ذَلِكَ أَنَّ نَاحَاشَ مَلِكَ بَنِي عَمُّونَ مَاتَ، فَمَلَكَ ٱبْنُهُ عِوَضًا عَنْهُ. | ١ 1 |
१इसके बाद अम्मोनियों का राजा नाहाश मर गया, और उसका पुत्र उसके स्थान पर राजा हुआ।
فَقَالَ دَاوُدُ: «أَصْنَعُ مَعْرُوفًا مَعَ حَانُونَ بْنِ نَاحَاشَ، لِأَنَّ أَبَاهُ صَنَعَ مَعِي مَعْرُوفًا». فَأَرْسَلَ دَاوُدُ رُسُلًا لِيُعَزِّيَهُ بِأَبِيهِ. فَجَاءَ عَبِيدُ دَاوُدَ إِلَى أَرْضِ بَنِي عَمُّونَ إِلَى حَانُونَ لِيُعَزُّوهُ. | ٢ 2 |
२तब दाऊद ने यह सोचा, “हानून के पिता नाहाश ने जो मुझ पर प्रीति दिखाई थी, इसलिए मैं भी उस पर प्रीति दिखाऊँगा।” तब दाऊद ने उसके पिता के विषय शान्ति देने के लिये दूत भेजे। और दाऊद के कर्मचारी अम्मोनियों के देश में हानून के पास उसे शान्ति देने को आए।
فَقَالَ رُؤَسَاءُ بَنِي عَمُّونَ لِحَانُونَ: «هَلْ يُكْرِمُ دَاوُدُ أَبَاكَ فِي عَيْنَيْكَ حَتَّى أَرْسَلَ إِلَيْكَ مُعَزِّينَ؟ أَلَيْسَ إِنَّمَا لِأَجْلِ ٱلْفَحْصِ وَٱلْقَلْبِ وَتَجَسُّسِ ٱلْأَرْضِ جَاءَ عَبِيدُهُ إِلَيْكَ؟» | ٣ 3 |
३परन्तु अम्मोनियों के हाकिम हानून से कहने लगे, “दाऊद ने जो तेरे पास शान्ति देनेवाले भेजे हैं, वह क्या तेरी समझ में तेरे पिता का आदर करने की मनसा से भेजे हैं? क्या उसके कर्मचारी इसी मनसा से तेरे पास नहीं आए, कि ढूँढ़-ढाँढ़ करें और नष्ट करें, और देश का भेद लें?”
فَأَخَذَ حَانُونُ عَبِيدَ دَاوُدَ وَحَلَقَ لِحَاهُمْ وَقَصَّ ثِيَابَهُمْ مِنَ ٱلْوَسَطِ عِنْدَ ٱلسَّوْءَةِ ثُمَّ أَطْلَقَهُمْ. | ٤ 4 |
४इसलिए हानून ने दाऊद के कर्मचारियों को पकड़ा, और उनके बाल मुँण्डवाए, और आधे वस्त्र अर्थात् नितम्ब तक कटवाकर उनको जाने दिया।
فَذَهَبَ أُنَاسٌ وَأَخْبَرُوا دَاوُدَ عَنِ ٱلرِّجَالِ. فَأَرْسَلَ لِلِقَائِهِمْ لِأَنَّ ٱلرِّجَالَ كَانُوا خَجِلِينَ جِدًّا. وَقَالَ ٱلْمَلِكُ: «أَقِيمُوا فِي أَرِيحَا حَتَّى تَنْبُتَ لِحَاكُمْ ثُمَّ ٱرْجِعُوا». | ٥ 5 |
५तब कुछ लोगों ने जाकर दाऊद को बता दिया कि उन पुरुषों के साथ कैसा बर्ताव किया गया, अतः उसने लोगों को उनसे मिलने के लिये भेजा क्योंकि वे पुरुष बहुत लज्जित थे, और राजा ने कहा, “जब तक तुम्हारी दाढ़ियाँ बढ़ न जाएँ, तब तक यरीहो में ठहरे रहो, और बाद को लौट आना।”
وَلَمَّا رَأَى بَنُو عَمُّونَ أَنَّهُمْ قَدْ أَنْتَنُوا عِنْدَ دَاوُدَ، أَرْسَلَ حَانُونُ وَبَنُو عَمُّونَ أَلْفَ وَزْنَةٍ مِنَ ٱلْفِضَّةِ لِكَيْ يَسْتَأْجِرُوا لِأَنْفُسِهِمْ مِنْ أَرَامِ ٱلنَّهْرَيْنِ وَمِنْ أَرَامِ مَعْكَةَ وَمِنْ صُوبَةَ مَرْكَبَاتٍ وَفُرْسَانًا. | ٦ 6 |
६जब अम्मोनियों ने देखा, कि हम दाऊद को घिनौने लगते हैं, तब हानून और अम्मोनियों ने एक हजार किक्कार चाँदी, अरम्नहरैम और अरम्माका और सोबा को भेजी, कि रथ और सवार किराये पर बुलाए।
فَٱسْتَأْجَرُوا لِأَنْفُسِهِمِ ٱثْنَيْنِ وَثَلَاثِينَ أَلْفَ مَرْكَبَةٍ، وَمَلِكَ مَعْكَةَ وَشَعْبَهُ. فَجَاءُوا وَنَزَلُوا مُقَابِلَ مَيْدَبَا. وَٱجْتَمَعَ بَنُو عَمُّونَ مِنْ مُدُنِهِمْ وَأَتَوْا لِلْحَرْبِ. | ٧ 7 |
७सो उन्होंने बत्तीस हजार रथ, और माका के राजा और उसकी सेना को किराये पर बुलाया, और इन्होंने आकर मेदबा के सामने, अपने डेरे खड़े किए। और अम्मोनी अपने-अपने नगर में से इकट्ठे होकर लड़ने को आए।
وَلَمَّا سَمِعَ دَاوُدُ أَرْسَلَ يُوآبَ وَكُلَّ جَيْشِ ٱلْجَبَابِرَةِ. | ٨ 8 |
८यह सुनकर दाऊद ने योआब और शूरवीरों की पूरी सेना को भेजा।
فَخَرَجَ بَنُو عَمُّونَ وَٱصْطَفُّوا لِلْحَرْبِ عِنْدَ بَابِ ٱلْمَدِينَةِ، وَٱلْمُلُوكُ ٱلَّذِينَ جَاءُوا كَانُوا وَحْدَهُمْ فِي ٱلْحَقْلِ. | ٩ 9 |
९तब अम्मोनी निकले और नगर के फाटक के पास पाँति बाँधी, और जो राजा आए थे, वे उनसे अलग मैदान में थे।
وَلَمَّا رَأَى يُوآبُ أَنَّ مُقَدِّمَةَ ٱلْحَرْبِ كَانَتْ نَحْوَهُ مِنْ قُدَّامٍ وَمِنْ وَرَاءٍ، ٱخْتَارَ مِنْ جَمِيعِ مُنْتَخَبِي إِسْرَائِيلَ وَصَفَّهُمْ لِلِقَاءِ أَرَامَ. | ١٠ 10 |
१०यह देखकर कि आगे-पीछे दोनों ओर हमारे विरुद्ध पाँति बंधी हैं, योआब ने सब बड़े-बड़े इस्राएली वीरों में से कुछ को छांटकर अरामियों के सामने उनकी पाँति बँधाई;
وَسَلَّمَ بَقِيَّةَ ٱلشَّعْبِ لِيَدِ أَبْشَايَ أَخِيهِ، فَٱصْطَفُّوا لِلِقَاءِ بَنِي عَمُّونَ. | ١١ 11 |
११और शेष लोगों को अपने भाई अबीशै के हाथ सौंप दिया, और उन्होंने अम्मोनियों के सामने पाँति बाँधी।
وَقَالَ: «إِنْ قَوِيَ أَرَامُ عَلَيَّ تَكُونُ لِي نَجْدَةً، وَإِنْ قَوِيَ بَنُو عَمُّونَ عَلَيْكَ أَنْجَدْتُكَ. | ١٢ 12 |
१२और उसने कहा, “यदि अरामी मुझ पर प्रबल होने लगें, तो तू मेरी सहायता करना; और यदि अम्मोनी तुझ पर प्रबल होने लगें, तो मैं तेरी सहायता करूँगा।
تَجَلَّدْ، وَلْنَتَشَدَّدْ لِأَجْلِ شَعْبِنَا وَلِأَجْلِ مُدُنِ إِلَهِنَا، وَمَا يَحْسُنُ فِي عَيْنَيِ ٱلرَّبِّ يَفْعَلُ». | ١٣ 13 |
१३तू हियाव बाँध और हम सब अपने लोगों और अपने परमेश्वर के नगरों के निमित्त पुरुषार्थ करें; और यहोवा जैसा उसको अच्छा लगे, वैसा ही करेगा।”
وَتَقَدَّمَ يُوآبُ وَٱلشَّعْبُ ٱلَّذِينَ مَعَهُ نَحْوَ أَرَامَ لِلْمُحَارَبَةِ، فَهَرَبُوا مِنْ أَمَامِهِ. | ١٤ 14 |
१४तब योआब और जो लोग उसके साथ थे, अरामियों से युद्ध करने को उनके सामने गए, और वे उसके सामने से भागे।
وَلَمَّا رَأَى بَنُو عَمُّونَ أَنَّهُ قَدْ هَرَبَ أَرَامُ هَرَبُوا هُمْ أَيْضًا مِنْ أَمَامِ أَبْشَايَ أَخِيهِ وَدَخَلُوا إِلَى ٱلْمَدِينَةِ. وَجَاءَ يُوآبُ إِلَى أُورُشَلِيمَ. | ١٥ 15 |
१५यह देखकर कि अरामी भाग गए हैं, अम्मोनी भी उसके भाई अबीशै के सामने से भागकर नगर के भीतर घुसे। तब योआब यरूशलेम को लौट आया।
وَلَمَّا رَأَى أَرَامُ أَنَّهُمْ قَدِ ٱنْكَسَرُوا أَمَامَ إِسْرَائِيلَ أَرْسَلُوا رُسُلًا، وَأَبْرَزُوا أَرَامَ ٱلَّذِينَ فِي عَبْرِ ٱلنَّهْرِ، وَأَمَامَهُمْ شُوبَكُ رَئِيسُ جَيْشِ هَدَرَ عَزَرَ. | ١٦ 16 |
१६फिर यह देखकर कि वे इस्राएलियों से हार गए हैं, अरामियों ने दूत भेजकर फरात के पार के अरामियों को बुलवाया, और हदादेजेर के सेनापति शोपक को अपना प्रधान बनाया।
وَلَمَّا أُخْبِرَ دَاوُدُ جَمَعَ كُلَّ إِسْرَائِيلَ وَعَبَرَ ٱلْأُرْدُنَّ وَجَاءَ إِلَيْهِمْ وَٱصْطَفَّ ضِدَّهُمْ. اِصْطَفَّ دَاوُدُ لِلِقَاءِ أَرَامَ فِي ٱلْحَرْبِ فَحَارَبُوهُ. | ١٧ 17 |
१७इसका समाचार पाकर दाऊद ने सब इस्राएलियों को इकट्ठा किया, और यरदन पार होकर उन पर चढ़ाई की और उनके विरुद्ध पाँति बँधाई, तब वे उससे लड़ने लगे।
وَهَرَبَ أَرَامُ مِنْ أَمَامِ إِسْرَائِيلَ، وَقَتَلَ دَاوُدُ مِنْ أَرَامَ سَبْعَةَ آلَافِ مَرْكَبَةٍ وَأَرْبَعِينَ أَلْفَ رَاجِلٍ، وَقَتَلَ شُوبَكَ رَئِيسَ ٱلْجَيْشِ. | ١٨ 18 |
१८परन्तु अरामी इस्राएलियों से भागे, और दाऊद ने उनमें से सात हजार रथियों और चालीस हजार प्यादों को मार डाला, और शोपक सेनापति को भी मार डाला।
وَلَمَّا رَأَى عَبِيدُ هَدَرَ عَزَرَ أَنَّهُمْ قَدِ ٱنْكَسَرُوا أَمَامَ إِسْرَائِيلَ صَالَحُوا دَاوُدَ وَخَدَمُوهُ. وَلَمْ يَشَأْ أَرَامُ أَنْ يُنْجِدُوا بَنِي عَمُّونَ بَعْدُ. | ١٩ 19 |
१९यह देखकर कि वे इस्राएलियों से हार गए हैं, हदादेजेर के कर्मचारियों ने दाऊद से संधि की और उसके अधीन हो गए; और अरामियों ने अम्मोनियों की सहायता फिर करनी न चाही।