< ज़बूर 3 >

1 दाऊद का ज़बूर जब वह अपने बेटे अबीसलोम के सामने से भागा गया था। ऐ ख़ुदावन्द मेरे सताने वाले कितने बढ़ गए, वह जो मेरे ख़िलाफ़ उठते हैं बहुत हैं।
Salmo de Davi, quando ele fugia da presença de seu filho Absalão: Ah SENHOR, como têm se multiplicado meus adversários! Muitos se levantam contra mim.
2 बहुत से मेरी जान के बारे में कहते हैं, कि ख़ुदा की तरफ़ से उसकी मदद न होगी। (सिलाह)
Muitos dizem de minha alma: Não há salvação para ele em Deus.(Selá)
3 लेकिन तू ऐ ख़ुदावन्द, हर तरफ़ मेरी सिपर है। मेरा फ़ख़्र और सरफ़राज़ करने वाला।
Porém tu, SENHOR, és escudo para mim; minha glória, e o que levanta minha cabeça.
4 मैं बुलन्द आवाज़ से ख़ुदावन्द के सामने फ़रियाद करता हूँ और वह अपने पाक पहाड़ पर से मुझे जवाब देता है। (सिलाह)
Com minha voz eu clamei ao SENHOR; e ele me ouviu desde o monte de sua santidade. (Selá)
5 मैं लेट कर सो गया; मैं जाग उठा, क्यूँकि ख़ुदावन्द मुझे संभालता है।
Eu me deitei, e dormi; acordei, porque o SENHOR me sustentava.
6 मैं उन दस हज़ार आदमियों से नहीं डरने का, जो चारों तरफ़ मेरे ख़िलाफ़ इकठ्ठा हैं।
Eu não temerei [ainda que sejam] dez mil pessoas que se ponham ao redor de mim.
7 उठ ऐ ख़ुदावन्द, ऐ मेरे ख़ुदा, मुझे बचा ले! क्यूँकि तूने मेरे सब दुश्मनों को जबड़े पर मारा है। तूने शरीरों के दाँत तोड़ डाले हैं।
Levanta-te, SENHOR, salva-me, meu Deus; pois feriste os queixos de todos meus inimigos; [e] quebraste os dentes dos maus.
8 नजात ख़ुदावन्द की तरफ़ से है। तेरे लोगों पर तेरी बरकत हो!
A salvação [vem] do SENHOR; sobre o teu povo seja tua bênção. (Selá)

< ज़बूर 3 >