< ज़बूर 131 >

1 ऐ ख़ुदावन्द! मेरा दिल मग़रूर नहीं और मै बुलंद नज़र नहीं हूँ न मुझे बड़े बड़े मु'आमिलो से कोई सरोकार है, न उन बातों से जो मेरी समझ से बाहर हैं,
שִׁ֥יר הַֽמַּֽעֲלֹ֗ות לְדָ֫וִ֥ד יְהוָ֤ה ׀ לֹא־גָבַ֣הּ לִ֭בִּי וְלֹא־רָמ֣וּ עֵינַ֑י וְלֹֽא־הִלַּ֓כְתִּי ׀ בִּגְדֹלֹ֖ות וּבְנִפְלָאֹ֣ות מִמֶּֽנִּי׃
2 यक़ीनन मैंने अपने दिल को तिस्कीन देकर मुत्मइन कर दिया है, मेरा दिल मुझ में दूध छुड़ाए हुए बच्चे की तरह है; हाँ, जैसे दूध छुड़ाया हुआ बच्चा माँ की गोद में।
אִם־לֹ֤א שִׁוִּ֨יתִי ׀ וְדֹומַ֗מְתִּי נַ֫פְשִׁ֥י כְּ֭גָמֻל עֲלֵ֣י אִמֹּ֑ו כַּגָּמֻ֖ל עָלַ֣י נַפְשִֽׁי׃
3 ऐ इस्राईल! अब से हमेशा तक, ख़ुदावन्द पर भरोसा कर!
יַחֵ֣ל יִ֝שְׂרָאֵל אֶל־יְהוָ֑ה מֵֽ֝עַתָּ֗ה וְעַד־עֹולָֽם׃

< ज़बूर 131 >